इस महत्वपूर्ण अवसर पर पधारे हुए असम के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
मैं सबसे पहले असमवासियों को नमन करना चाहता हूं, जिन्होंने विकास का सपना देखा और विकास की पूर्ति के लिए श्रीमान सर्वानंद जी और उनके साथियों को सेवा करने का अवसर दिया।
मैं सर्वानंद जी को भली-भांति जानता हूं। देशभर का आदिवासी समाज सर्वानंद जी पर गर्व कर सकता है। ये आदिवासी समाज में पैदा हुआ और समाज को समर्पित ऐसा एक जुझारू नेता, अब असम का नेतृत्व करने जा रहा है। केन्द्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी के रूप में उनकी अनेक खूबियों को मैंने नजदीक से देखा है। मधुरता, शायद उनकी body language का दूसरा नाम है। सरलता, सहजता, मृदुता इनको सहज साध्य है और मुझे विश्वास है कि हमेशा प्रसन्नचित्त रहने वाले सर्वानंद जी, असम के सर्वानंद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पूरी मेहनत और लगन के साथ असम के भाग्य को बदलने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उनकी पूरी टीम भी समय का पूरा उपयोग असमवासियों के कल्याण के लिए करेगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
मैं आज आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि दिल्ली में बैठी हुई सरकार, जो cooperative federalism पर भरोसा करती है, competitive cooperative federalism पर भरोसा करती है, हमारे लिए जो राज्य प्रगति करना चाहते हैं, उनको अधिक से अधिक ताकत देना; जो राज्य प्रगति करने की कठिनाइयां अनुभव कर रहे हैं, उनको हाथ पकड़कर के आगे ले जाने का प्रयास करना और सभी राज्य व केन्द्र सरकार, कंधे से कंधा मिलाकर के राज्यों को और हिन्दुस्तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाए, उसका एक निरंतर प्रयास चल रहा है। असम को भी कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। असम जितना दौड़ेगा, असम सरकार जितना दौड़ेगी, दिल्ली सरकार भी उससे एक कदम ज्यादा दौड़ने का हमेशा प्रयास करेगी।
मैं असम की जनता से भी आग्रह करूंगा कि आपने जो सपना देखा है, उस सपने को पूरा करने के लिए सिर्फ चुनाव में आपका सहयोग मिले, इतना enough नहीं है। आवश्यकता है कि लोकतंत्र भागीदारी से चले, सरकार और जनता कंधे से कंधा मिलाकर के आगे बढ़े तो उसके अद्भुत परिणाम मिलते हैं। असम की जनता भी कंधे से कंधा मिलाकर के असम के भाग्य को बदलने के लिए पूरा प्रयास करेगी।
आपने मुझे लाल किले पर से कभी-कभी सुना है। आपने मुझे संसद के द्वार पर भी सुना है। मैं उस विचार पर विश्वास करता हूं कि देश आजाद होने के बाद चाहे केन्द्र हो, राज्य हो, जितनी भी सरकारे आई, हर सरकार ने अपने-अपने तरीके से कुछ न कुछ अच्छा करने का प्रयास किया है और इसलिए जो कुछ भी अच्छा हुआ है, उस अच्छाई को और आगे बढ़ाना और जो कमियां रह गई हैं, उसको पूर्ण करके तेज गति से आगे बढ़ाना, यह समय की मांग रहती है।
मुझे विश्वास है कि सर्वानंद जी के नेतृत्व में असम की एक महान विरासत है। ये सांस्कृतिक चेतना का केन्द्र है। भारत को भी अनेक विषयों में प्रेरणा देने की ताकत इस धरती पर है। उस धरती का उपयोग असम को नई ऊंचाइयों पर और देश को नई ताकत देने के लिए होगा, ये मेरा विश्वास है। मैं हमेशा इस बात पर विश्वास कर रहा हूं कि भारत का विकास सर्व-समावेशक हो, भारत का विकास संतुलित हो, भारत का विकास सार्वदेशिक हो और इसके लिए हिन्दुस्तान का पूर्वी छोर, ये अगर विकास से वंचित रहेगा तो ये हमारी भारत माता समृद्ध नहीं हो सकती है। अगर भारत का पश्चिमी छोर, ये आगे बढ़ता है तो भारत का पूर्वी छोर भी उतनी ही गति से आगे बढ़ना चाहिए और असम, बंगाल, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, नॉर्थ ईस्ट, ये सारे क्षेत्र हिन्दुस्तान को आने वाले दशकों में एक नई आर्थिक ताकत दे सकते हैं, गति को नई ऊर्जा दे सकते हैं।
हमारी जो Act East Policy है, पूर्व के देशों में भारत का प्रभाव और पहचान बनाने में भारत के इस भू-भाग का बड़ा महत्व है। ये हमारा अष्टलक्ष्मी प्रदेश कभी seven sister प्रदेश कहा जाता था। ये पूरा North-East का विकास वो सिर्फ हिन्दुस्तान को नहीं, हमारे पूर्व के देशों में भी प्रभाव पैदा करने की ताकत रखता है और इसलिए संपूर्ण North-East के विकास के लिए असम एक बहुत बड़ा केन्द्र बिन्दु है। गुवाहाटी एक बहुत बड़ा केन्द्र बिन्दु है। उसको आगे बढ़ाने की दिशा में केन्द्र और राज्य मिलकर के काम करेंगे, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। मैं श्रीमान सर्वानंद जी को, उनकी पूरी टीम को, असम की जनता को हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।