PM Modi flags off Indian Railways’ first #MakeInIndia 12,000 HP electric locomotive in Bihar’s Madhepura district
I am glad that the people of Bihar have shown the spirit of oneness for the Swachhta campaign, says the PM Modi
We are taking forward Mahatma Gandhi's ideals through Swachhagraha movement: PM Modi
In the last one week, more than 8,50,000 toilets have been constructed in Bihar, this is a great achievement: PM Modi in Motihari
Villages built along the Ganga coast are being freed from open defecation on a priority basis: PM
The demand for LPG has risen because of the emphasis on clean fuel and the success of the #UjjwalaYojana : PM Modi
By building a toilet, a woman has found respect and safety & health parameters have also shown a marked increase: PM

मैं कहूंगा महात्‍मा गांधी,

आप सब बोलेंगे, अमर रहे, अमर रहे

महात्‍मा गांधी, अमर रहे, अमर रहे

महात्‍मा गांधी, अमर रहे, अमर रहे

महात्‍मा गांधी, अमर रहे, अमर रहे।

चम्‍पारण की पावन-पवित्र धरती पर देश के कोना-कोना से आइल स्‍वच्‍छाग्रही भाई-बहिन आहिवा, आजे सभी स्‍नेही, आज सम्‍मानित लोग के हम प्रणाम करत बनी। रअुवा सभी जानत रहल बानी कि चम्‍पारण के एही पावन धरती से बापू सत्‍याग्रह आंदोलन के शुरूआत केली। अंग्रेजन का गुलामी से मुक्ति खातिर एगो मजबूत अहिंसक हथियार सत्‍याग्रह का रूप में हमनी के मिलेल। सत्‍याग्रह सौउ बरस बितला, का बादो कारगर बा,आ काउना समय में कारगर रहि?सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह आज के समय के मांग वा।

चम्‍पारण सत्‍याग्रह के समय चम्‍पारण के बड़हवा लखनसेन से महात्‍मा गांधी स्‍वच्‍छता अभियान के शुरूआत कइलें।

आज हम सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह के माध्‍यम से बापू के स्‍वच्छता अभियान के आगे बढ़ावत। रऊआ समन के सोझा बानी।

मंच पर विराजमान बिहार के राज्‍यपाल, श्रीमान सतपाल मलिक जी, यहां के जनप्रिय मुख्‍यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, मंत्रीपरिषद के मेरे सहयोगी रविशंकर प्रसाद जी, रामविलास पासवान जी, सुश्री उमा भारती जी, राधामोहन सिंह जी, गिरिराज सिंह जी, श्रीराम कृपाल यादव जी, श्री एस.एस.अहलूवालिया जी, श्री अश्विनी कुमार चौबे जी, बिहार के उपमुख्‍यमंत्री श्रीमान सुशील कुमार मोदी जी, राज्‍य मंत्रीमंडल से श्री श्रवण कुमार जी, श्री विनोद नारायण झा जी, श्री प्रमोद कुमार जी और यहां उपस्थित हजारों सत्‍याग्रही और वीडियो कॉन्‍फ्रेंस द्वारा इस कार्यक्रम से जुड़े सभी साथी, देवियों और सज्‍जनों।

जो लोग कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता नहीं है, वो यहां पर आकर देख सकते हैं कि कैसे सौ वर्ष पहले का इतिहास आज फिर साक्षात हमारे सामने मौजूद है। एक प्रकार से मेरे सामने वो स्‍वच्‍छाग्रही बैठे हैं जिनके भीतर गांधी के विचार का, गांधी के आचार का, गांधी के आदर्श का अंश जीवित है।

मैं ऐसे सभी स्‍वच्‍छाग्रहियों के भीतर विराजमान महात्‍मा गांधी के अंश को, उस अंश को शत् शत् प्रणाम करता हूं। चम्‍पारण की इस पवित्र भूमि पर जनआंदोलन की ऐसी ही तस्‍वीर सौ वर्ष पहले दुनिया ने देखी थी और आज एक बार फिर दुनिया इस दृश्‍य को देख करके पूज्‍य बापू का पुण्‍य स्‍मरण पुन: एक बार कर रही है।

सौ वर्ष पूर्व चम्‍पारण में देशभर से लोग आए थे। गांधीजी के नेतृत्‍व में गली-गली जाकर काम किया था। सौ वर्ष बाद आज उसी भावना पर चलते हुए देश के अलग-अलग हिस्‍सों से आए लोगों ने यहां के उत्‍साही नौजवानों स्‍वच्‍छाग्रहियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन-रात काम किया है। आज इस विशाल समूह में कोई कस्‍तूरबा है, कोई राजकुमार शुक्‍ल है, कोई गोरख प्रसाद है, कोई शेख गुलाब है, लोमराज सिंह है, हरिवंशराय है, शीतलराय है, बिन मुहम्‍मद मुनीस है। कोई डॉक्‍टर राजेंद बाबू है, कोई धरतीधर बाबू है, कोई रामनवमी बाबू है, जेपी कृपलानी जी है।

सौ वर्ष पहले जिस तरह सत्‍याग्रह ने ऐसे महान व्‍यक्तियों के जीवन नई दिशा दे दी, वैसे ही आज का ये स्‍वच्‍छाग्रह आप जैसे देश के लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को नई दिशा दे रहा है। चलो चम्‍पारण, इस नारे के साथ हजारों स्‍वच्‍छाग्रही देश के कोने-कोने से आ करके आज यहां पर जुटे हैं। आपके इस उत्‍साह, इस उमंग, इस ऊर्जा को, राष्‍ट्र निर्माण के प्रति इस आतुरता को, बिहार के लोगों की अभिलाषा को मैं प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं।

मंच पर आने से पहले मैंने स्‍वच्‍छता पर एक प्रदर्शनी भी देखी। इस प्रदर्शनी में नई तकनीक, नई उद्यमों के बारे में विस्‍तार से समझाया गया है। मैं चम्‍पारण सत्‍याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर जो कार्यक्रम हो रहे थे, उनके समापन का भी ये समय है। लेकिन समापन से ज्‍यादा ये शुरूआत है सवच्‍छता के प्रति हमारे आग्रह को और ज्‍यादा बढ़ाने की।

भाइयो और बहनों, पिछले सौ वर्ष में भारत की तीन बहुत बड़ी कसौटियों के समय, भारत की तीन बड़ी कसौटियों के समय यही बिहार है जिसने देश को रास्‍ता दिखाया है। जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था तो बिहार ने मोहनदासकरमचन्द गांधीजी को महात्‍मा बना दिया, बापू बना दिया था।

स्‍वतंत्रता के बाद जब करोड़ों किसानों के सामने भूमिहीनता का संकट आया, तो विनोबा जी ने भूदान आंदोलन शुरू किया था। और तीसरी बार जब देश के लोकतंत्र पर संकट आया तो इसी धरती के नायक बाबू जयप्रकाश जी उठ खड़े हुए और लोकतंत्र को बचा लिया था।

मुझे बहुत गर्व है कि सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह तक की ये यात्रा में बिहार के लोगों ने एक बार फिर अपनी नेतृत्‍व क्षमता को प्रस्‍थापित किया है, दिखाया है। मुझे पता है कुछ लोग सवाल कर सकते हैं कि स्‍वच्‍छता के मामले में बिहार की स्थिति को देखने के बाद, उसके बावजूद भी ये मोदीजी ऐसी बात क्‍यों कर रहा है; इसके पीछे एक वजह है। नीतीश जी और सुशील मोदीजी के नेतृत्‍व में बिहार ने जो कार्य बीते दिनों करके दिखाया है, उसने सभी का हौसला बुलंद कर दिया है।

साथियों, देश में बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्‍य था जहां स्‍वच्‍छता का दायरा 50 प्रतिशत से भी कम था। लेकिन मुझे आज हमारे सचिव श्रीमान परमेश्‍वर जी ने बताया कि एक हफ्ते के स्‍वच्‍छाग्रह अभियान के बाद बिहार ने इस बैरियर को तोड़ दिया है। पिछले एक हफ्ते में बिहार में 8 लाख 50 हजार से ज्‍यादा शौचालय बनाने का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया है। ये गति और प्रगति कम नहीं है। ये आंकड़े साबित करते हैं कि बिहार बहुत ही जल्‍द स्‍वच्‍छता का दायरा बढ़ाकर राष्‍ट्रीय औसत की बराबरी करने में सफल हो जाएगा।

मैं बिहार के लोगों को, प्रत्‍येक स्‍वच्‍छाग्रही को और राज्‍य सरकार को इस भगीरथ प्रयास के लिए, इस initiative के लिए, इस नेतृत्‍व के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

कुछ देर पहले मुझे कुछ स्‍वच्‍छाग्रही साथियों को सम्‍मानित करने का अवसर भी मिला है। मैं उनके प्रयासों की प्रशंसा करता हूं, उन्‍हेंशुभकामनाएं देता हूं। और ये भी देखा कि इस काम में बढ़-चढ़कर जिन्‍होंने काम किया है, उसमें महिलाओं की संख्‍या ज्‍यादा है।स्‍वच्‍छता का महात्‍मय क्‍या है वो हमारी माताएं-बहनें भलीभांति जानती हैं। और आज मुझे जिस एक व्‍यक्ति का सम्‍मान करने का अवसर नहीं मिला है, लेकिन मेरा मन करता है कि मैं आज प्रशासनिक मर्यादाओं को तोड़ करके उस बात का जिक्र करना चाहूंगा।

सरकार में काम करने वाले अधिकारियों के लिए अनामकिता होती है, उनका न नाम, उनके काम की कोई पहचान नहीं होती है। वो कभी परदे के सामने नहीं आते हैं, लेकिन कुछ बात ऐसी होती है जो बताने का मन करता है।

आज भारत सरकार में हमारे सचिव श्रीमान परमेश्‍वर जी अय्यर, हैं क्‍या? नीचे बैठे होंगे वो, वे इस काम को देख रहे हैं। वेIAS अफसर, IAS कीनौकरी छोड़ करके अमेरिका चले गए थे। जीवन- अमेरिका में सुख-चैन की जिंदगी गुजार रहे थे। हमारी सरकार बनने के बाद हमने आह्वान किया, बहुतों का आह्वान किया। और मुझे खुशी है कि अमेरिका की उस शानदार जिंदगी को छोड़ करके वो भारत वापिस लौट आए। वो IAS अधिकारी रहे थे सालों तक, नौकरी छोड़कर चले गए थे। अभी टीवी पर आपने देखा, उनको दिखा रहे थे। फिर से जरा टीवी वाले उनको दिखाएं। अभी टीवी वालों ने उनके ऊपर कैमरा रखा था, फिर से एक बार रखें, हां, ये हैं। फिर से वापिस आए, मैंने फिर से उनको लिया सरकार में और ये काम दिया।

खुद जगह-जगह पर जा करके शौचालय की सफाई करते हैं। और आज परमेश्‍वर जी जैसे मेरे साथी हों, देश के कोने-कोने से आए हजारों स्‍वच्‍छाग्रही हों तो मेरा विश्‍वास दृढ़ हो जाता है कि बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे, तब तक बापू के सपनों को पूरा करके रहेंगे।  

पुराने जमाने में कहते थे कि भगवान को हजार हाथ होते हैं, ऐसा सुनते थे हम लोग। हजार हाथ वाला होता है भगवान, ऐसा अभी भी पढते-सुनते हैं। अब प्रधानमंत्री तो हजार हाथ वाला हमने कभी सुना नहीं है। लेकिन मैं बड़ी नम्रतापूर्वक कह सकता हूं कि जो हजारों स्‍वच्‍छाग्रही मेरे सामने बैठे हैं, देश का प्रधानमंत्री भी हजारों बाहू वाला बन गया है।

आपका commitment, आपका पुरुषार्थ, आपका समर्थन; अपना गांव छोड़ करके बिहार की गलियों में आ करके स्‍वच्‍छता के लिए काम करने वाले और अपने इलाके में भी स्‍वच्‍छता के लिए समर्पित ये स्‍वच्‍छाग्रही पूज्‍य बापू का सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह का जो आंदोलन है, उसको एक नई गति, नई ऊर्जा, नई चेतना दे रहे हैं, और इसलिए मैं फिर एक बार आप सबको बधाई दे रहा हूं।

साथियों, स्‍वच्‍छता का मिशन हो, काले धन और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई हो, या फिर आम जन से जुड़ी सुविधाओं का विकास हो; केंद्र सरकार नीतीश जी और उनकी टीमके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। बिहार के विकास के लिए, राज्‍य के लोगों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्‍य सरकार की नीतियां और रणनीतियां एक-दूसरे की पूरक हैं।

यहां इस मंच से मुझे बिहार के विकास से जुड़ी 6,600 करोड़ से ज्‍यादा की योजनाओं का शिलान्‍यास या लोकार्पण करने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ है। पानी हो, रेल हो, सड़कहो,पेट्रोलियम हो; ऐसी अनेक परियोजनाएं बिहार और विशेष रूप से चम्‍पारण के लिए अहम साबित होने वाली हैं। एक तरह से देखें तो ये परियोजनाएं कहीं न कहीं स्‍वच्‍छता और पर्यावरण की रक्षा से भी जुड़ी हुई हैं।

भाइयो और बहनों, आज जिन-जिन योजनाओं का शिलान्‍यास किया गया है, उनमेंमोतीहारीझील के जीर्णोद्धार का प्रोजेक्‍ट भी शामिल है। हमारा मोतीहारी शहर जिस झील के नाम पर जाना जाता है, जो चम्‍पारण के इतिहास का हिस्‍सा है, उसके पुनर्निमाण का कार्य आज से शुरू हो रहा है। गांधीजी जब सत्‍याग्रह के लिए यहां चम्‍पारण में थे, तब उन्‍होंने इस झील के बारे में कहा था कि शाम को मोती झील को देखना आनंद देता है। ये शहर इस झील के चलते ही सुंदर है। लेकिन जो मोती झील गांधीजी ने देखी थी, उसकी सुदंरता समय के साथ जरा फीकी पड़ती जा रही है।

मुझे इस बात की खबर है कि यहां के सुधि नागरिकों ने इस झील को बचाने के लिए अपना हर संभव योगदान दिया। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक जागरूकता का अभियान चलाया गया है। आप जैसे लोगों की कोशिशों के साथ जुड़ते हुए न सिर्फ इस झील का जीर्णोद्धार किया जाएगा बल्कि पर्यटकों के लिए Lake fun जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

भाइयों, बहनों, स्‍वच्‍छता का संबंध पानी से भी है। बेतियां को पानी के लिए, साफ पानी के लिए जूझना न पड़े, इसके लिए अमृत योजना के तहत तकरीबन सौ करोड़ रुपये की लागत से वाटर सप्‍लाई योजना का शिलान्यास किया है, इसका सीधा लाभ डेढ़ लाख से ज्‍यादा लोगों को मिलने वाला है।

सवच्‍छता से जुड़ा हमारा एक और आग्रह जीवनदायनी मां गंगा को निर्मल बनाने, सरकार गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक गंगा को साफ और स्‍वच्‍छ करने के संकल्‍प के साथ कार्य कर रही है। बिहार इस मिशन का अहम हिस्‍सा है। घर या फैक्‍टरी के गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए बिहार में अब 3,000 करोड़ से ज्‍यादा के 11 प्रोजेक्‍ट की मंजूरी दी जा चुकी है। इस राशिसे 1100 किलोमीटर से लंबी सिविल लाइन बिछाने की योजना है। इसमें से चार projects का शिलान्‍यास आज हुआ है।

पिछले साल जब मैं मुकामा आया था, तब जिन चार projects का शिलान्‍यास किया गया था, उन पर भी काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। बहुत जल्‍द ही बाकी परियोजनाओं पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा। गंगा तट के किनारे बने गांवों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्‍त बनाया जा रहा है।

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल, जिन पांच राज्‍यों में गंगाजी होकर गुजरती हैं, वहां गंगा किनारे के कई गांव इस मिशन में सफल हो चुके हैं। गंगा किनारे बसे गांवों में कचरे के प्रबंध की योजनाएं लागू की जा रही हैं, ताकि गांव का कचरा भी नदी में न बहाया जाए। मुझे उम्‍मीद है कि जल्‍द ही गंगा तट पूरी तरह खुले में शौच से मुक्‍त हो जाएगा।

पिछले दिनों बनारस में कचरा महोत्‍सव मनाया गया। मैं गंगातट के शहरों के नागरिकों से कहूंगा कि आप भी कचरा महोत्‍सव मनाइए और कचरे से कंचन कैसे बन सकता है, waste में से wealth कैसे बन सकती है, इस पर लोगों को शिक्षित कीजिए और आप देखते रह जाएंगे कि कितना बड़ा काम कचरे से भी होता है।

भाइयो, बहनों,

स्‍वच्‍छ र्इंधन भी स्‍वच्‍छता के आग्रह का ही एक हिस्‍साहै। सरकार उज्‍ज्‍वला योजना के माध्‍यम से हर गरीब माता-बहन को जहरीले धुंए से मुक्ति की मुहिम में जुटी है। अब तक देश में साढ़े तीन करोड़ से ज्‍यादा परिवारों को गैस का मुफ्त कनेक्‍शन दिया जा चुका है। बिहार की भी लगभग 50 लाख महिलाओं को, 50 लाख परिवारों को इसका लाभ मिला है। लेकिन साथियों स्‍वच्‍छ ईंधन पर जोर और उज्‍जवला योजना की सफलता की वजह से सिलिंडर की मांग भी बढ़ रही है। चम्‍पारण और आसपास के लोगों को गैस के सिलिंडर की दिक्‍कत न हो, इसके लिए मोतीहार और सगोलीमें एलपीजी प्‍लांट लगाने के प्रोजेक्‍ट का आज शिलान्‍यास किया गया है। इनके तैयार होने के बाद एक दिन में लगभग 90 हजार सिलिंडर भरे जा सकेंगे।

इसके अलावा मोतीहारी में petroleum-oil lube terminal का भी आज शिलान्‍यास हुआ है। इसके तैयार होने से न सिर्फ चम्‍पारण और आसपास के जिलों की पेट्रोल और डीजल की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि नेपाल तक की सप्‍लाई सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी।

भाइयो और बहनों,

आज की ये परियोजनाएं केन्‍द्र सरकार के उस vision का विस्‍तार है, जिसमें पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन माना जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा से लेकर  उत्तर-पूर्व के राज्‍यों तक में infrastructure के विकास के लिए जिस तरह हमारी सरकार काम कर रही है, वैसा पहले कभी नहीं किया गया।

नीतीश जी भी इसके गवाह है कि कैसे बिहार समेत पूर्वी भारत की आवश्‍कयताओं को ध्‍यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं। नए प्रोजेक्‍ट शुरू किए जा रहे हैं। विशेषकर, हमारी सरकार इन क्षेत्रों में connectivity सुधारने पर भी बहुत जोर दे रही है।

21वीं सदी की आवश्‍यकताओं को देखते हुए इन इलाकों में हाइवे, रेलवे, water way, i way, इन सभी का विकास तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज लगभग 900 करोड़ रुपयों के national highway project का शिलान्‍यास किया गया है। औरंगाबाद से चौरदाह का जो सेक्‍शन अभी चार लेन का है, उसे छह लेन बनाने का काम आज से शुरू हो रहा है। ये प्रोजेक्‍ट बिहार और झारखंड, दोनों राज्‍यों के लोगों को फायदा पहुंचाएगा।

इसी तरह चम्‍पारण के लिए दो रेल परियोजनाओं का शिलान्‍यास किया गया। मुजफ्फरपुर और सगोली और सगोली बालमिकी नगर सेक्‍शन की doubling की जाएगी, इससे न सिर्फ चम्‍पारण के लोगों को लाभ होगा, बल्कि यूपी से लेकर नेपाल तक के लोगों का सफर और व्‍यापार और अधिक आसान हो जाएगा।

साथियों, चम्‍पारण सत्‍याग्रह के 100 वर्ष के अवसर पर मुझे एक नई ट्रेन का भी शुभारंभ करने का आज अवसर मिला है। ये ट्रेन कटिहार से पुरानी दिल्‍ली तक चला करेगी। सरकार ने इसका नाम विशेष रूप से चम्‍पारण हमसफर एक्‍सप्रेस रखा है। आधुनिक सुविधाओं से लैस ये ट्रेन  दिल्‍ली आने-जाने में आपके लिए बहुत मददगार साबित होगी।

भाइयो और बहनों,

आज मध्‍यपुरा में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्‍टरी के फेस वन का भी लोकापर्ण किया गया है। ये फैक्‍टरी दो कारणों से अहम है- एक तो ये मेक इन इंडिया का उत्तम उदाहरण है, दूसरा ये इस क्षेत्र में रोजगार का भी बड़ा माध्‍यम बन रही है।ा भारतीय रेल फ्रोस की एक कम्‍पनी के साथ मिलकर इस प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही है। इस फैक्‍टरी में शक्तिशाली इंजन तैयार होंगे। इस आधुनिक फैक्‍टरी में बने 12000 हॉर्स पॉवर वाले पहले इंजन को हरी झंडी दिखाने का सौभाग्‍य अभी-अभी मुझे मिला है।

साथियो, दुनिया में बहुत कम देश हैं जहां माल ढुलाई के लिए इतने पॉवरफुल इंजन इस्‍तेमाल करते हैं। इन इंजनों से भारत की मालगाड़ियों की औसत रफ्तार दोगुनी से भी ज्‍यादा बढ़ जाएगी।

एक और वजह से,‍ जिसकी वजह से मैं आपको इस प्रोजेक्‍ट के बारे में थोड़ा और विस्‍तार से बताना चाहता हूं। भाइयो और बहनों, इस प्रोजेक्‍ट को 2007 में मंजूरी दी गई थी, मंजूरी के बाद आठ साल तक इसकी फाइलों को पावर नहीं आ पाई, फाइलें सड़ती रहीं। तीन साल पहले एनडीए सरकार ने इस प्रोजेक्‍ट पर काम शुरू करवाया और अब पहला फेज पूरा भी कर दिया गया है।

आयुष्‍मान भारत- हमारे देश के गरीबों को स्‍वच्‍छता के बाद महत्‍वपूर्ण काम है स्‍वास्‍थ्‍य का। गरीब से गरीब परिवार को, परिवार में कोई बीमार हो जाए तो पांच लाख रुपये तक एक साल में बीमारी का खर्च सरकार और इंश्‍योरेंस की व्‍यवस्‍था से उस परिवार को मिलेगा। अब परिवार को पैसों के अभाव से उपचार में अब रुकावट नहीं होगी। ये आयुष्‍मान भारत, एक नई योजना भारत सरकार लागू करने जा रही है।

मेरी सरकार के काम करने का तरीका है। अब अटकाने, लटकाने और भटकाने वाला काम नहीं होता, अब फाइलों को दबाने की संस्‍कृति खत्‍म कर दी गई है। सरकार अपने हर मिशन, हर संकल्‍प को जनता के सहयोग से पूरा कर रही है। लेकिन इससे दिक्‍कत उन लोगों को होने लगी है जो इस बदलाव को स्‍वीकार नहीं कर पा रहे हैं। वो गरीब का सशक्‍त होते नहीं देख पा रहे हैं। उन्‍हें लगता है कि गरीब अगर मजबूत हो गया तो झूठ नहीं बोल पाएंगे, उसे बहका नहीं पाएंगे। इसलिए सड़क से लेकर संसद तक सरकार के काम के अंदर रोड़े अटकाए जा रहे हैं।

साथियों, वैसे आपके सामने एक ऐसी सरकार है जो जन-मन को जोड़ने के लिए काम कर रही है। वहीं कुछ विरोधी जन-जन को तोड़ने के लिए काम कर रहे हैं।

साथियों, आज इस अवसर पर मैं नीतीश जी के धैर्य और उनके कुशल प्रशासन की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। वो जिस तरह से बिहार की भ्रष्‍ट और असामाजिक ताकतों से लड़ रहे हैं, वो आसान नहीं है। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ उनके स्‍वच्‍छता अभियान को, सामाजिक बदलाव के लिए की जा रही उनकी कोशिशों को केंद्र सरकार का पूरा-पूरा समर्थन है।

सबका साथ-सबका विकास, ये मंत्र पर चल रही एनडीए सरकार संकल्‍पबद्ध होकर, समयबद्ध हो करके कार्य कर रही है। पहले की सरकारों ने भले ही समय की पाबंदी का महत्‍व नहीं समझा, लेकिन गांधी जी हमेशा सत्‍याग्रह और स्‍वच्‍छाग्रह के साथ ही समय पर काम निपटने पर बल देते थे। गांधीजी के पास हमेशा एक pocket watch रहती थी। वो कहते भी थे, ‘जब आप चावल का एक दाना या कागज का एक टुकड़ा तक बर्बाद नहीं कर सकते तो समय का एक मिनट भी बर्बाद नहीं करना चाहिए।’ ये समय हमारा नहीं है, ये समय राष्‍ट्र का है और राष्‍ट्र के काम आना चाहिए।

गांधीजी की इस भावना को जीते हुए सवा सौ करोड़ देशवासी मिशन मोड में काम कर रहे हैं। ये उनका स्‍वच्‍छाग्रह ही है कि 2014 में स्‍वच्‍छता का जो दायरा 40 प्रतिशत से कम था वो अब बढ़ करके 80 प्रतिशत से भी ज्‍यादा हो चुका है। यानी स्‍वतंत्रता के बाद 67 वर्षों में जितनी स्‍वच्‍छता थी, उससे दोगुने से ज्‍यादा इस सरकार के दौरान हासिल कर ली गई है।

साथियों, पिछले साढ़े तीन वर्षों में देश में 350 (साढ़े तीन सौ) से ज्‍यादा जिले और साढ़े तीन लाख से ज्‍यादा गांव खुद को खुले में शौचालय से मुक्‍त घोषित कर चुके हैं। पिछले साढ़े तीन साल में देश में लगभग सात करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। ये लोगों की इच्‍छा शक्ति ही है कि 4 अप्रैल यानी पिछले एक हफ्ते में, जिस दौरान सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह का सप्‍ताह मनाया गया; बिहार, यूपी, उड़़ीसा और जम्‍मू-कश्‍मीर में लगभग 26 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। ये वो चार राज्‍य हैं जिन्‍होंनें ठान लिया है कि वो भी स्‍वच्‍छता का दायरा और तेजी से बढ़ाएंगे।

साथियों, स्‍वच्‍छ भारत अभियान ने देश की करोड़ों-करोड़ महिलाओं की जिंदगी जिस तरह बदली है, उससे आप भली भांति परिचित है। एक शौचालय के निर्माण से महिला को सम्‍मान, सुरक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य, तीनों मिल रहा है। मुझे बताया गया कि अब तो बिहार में भी शौचालयों को  इज्‍जतघर कह करके लोग पुकारने लगे हैं। शौचालयों के निर्माण ने एक बड़ा सामाजिक अंसतुलन भी खत्‍म किया है। ये आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण का भी कारक बन रहा है।

पिछले वर्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक स्‍टडी में सामने आया कि जिन घरों में शौचालय होता है, वहां उस परिवार के साल भर में एवरेज, औसतन 50 हजार रुपये बचते हैं। वरना यही पैसे बीमारियों के इलाज, अस्‍पताल आने जाने, दफ्तर से छुट्टी लेने में खर्च हो जाते हैं1

एक और इंटरनेशनल एजेंसी के अध्‍ययन में पता चला है कि जो गांव खुले में शौच से मुक्‍त घोषीतहो रहे हैं, वहां के बच्‍चों को डायरिया कम होता है और उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी सही तरीके से हो रहा है क्‍योंकि अब बच्‍चे कम बीमार पड़ रहे हैं। स्‍कूलों से छुट्टियां कम ले रहे हैं। इसलिए जो गांव खुद को खुले में शौच से मुक्‍तघोषीत करते हैं उनमें स्‍कूल रिजल्‍ट में भी सुधार नजर आ रहा है।

साथियों, स्‍वच्‍छ भारत अभियान जिस तरह जन-आंदोलन बनकर देश के कोने-कोने में पहुंचा है, वो दुनिया के बड़े-बड़े विश्‍वविद्यालयों के लिए एक केस स्‍टडी है। मुझे लगता है कि 21वीं सदी में अब तक मानव स्‍वभाव को बदलने वाला ऐसा जन-आंदोलन किसी और देश में अब तक नहीं हुआ है। निश्चित रूप से भारत बदल रहा है। व्‍यवहार-आदतों में बदलाव हो रहा है।

लेकिन यहां गांधी मैदान में मौजूद प्रत्‍येक स्‍वच्‍छाग्रही को देश के छोटे-छोटे बच्‍चों से लेकर बड़े से बड़े बुजुर्गों तक, अब असली चुनौती का करना है। ये चुनौती है सड़क से लेकर रेलवे स्‍टेशन, बस स्‍टेशन, घर के सामने, दुकान के सामने, स्‍कूल के सामने, कॉलेज के सामने, बाजार में, गली, नुक्‍कड़, मोहल्‍ले में, स्‍वच्‍छता के प्रति आग्रह को बनाए रखना है। जब तक देश का हर व्‍यक्ति अपने स्‍तर से स्‍वच्‍छता के लिए प्रयास नहीं करेगा, तब तक स्‍वच्‍छ भारत मिशन पूरा नहीं हो पाएगा। जब तक स्‍वच्‍छता देश के हर व्‍यक्ति के जीवन का हिस्‍सा नहीं बनेगी, तब तक स्‍वच्‍छ भारत मिशन पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए हमारा स्‍वच्‍छाग्रह जितना मजबूत होगा, उतना ही 2019 में हम स्‍वच्‍छ भारत के मिशन को पूरा कर पाएंगे। अगले साल 2 अक्‍तूबर को उतनी ही भावभीनी श्रद्धांजलि हम पूज्‍य बापू को दे पाएंगे।

साथियों, गांधीजी ने यहां चम्‍पारण में किसान, श्रमिक, शिक्षक, वकील, डॉक्‍टर, इंजीनियर, सभी को एक ही पंक्ति में लाकर खड़ा किया था। तब जा करके सत्‍याग्रह सफल हुआ था। स्‍वच्‍छाग्रही के नाते हमारा रोल भी वैसा ही होना चाहिए। स्‍वच्‍छता का ये संदेश समाज के हर व्‍यक्ति, हर तबके तक पहुंचे, ऐसी हमारी लगातार कोशिशें रहनी चाहिए।

और इसलिए यहां उपस्थित हर स्‍वच्‍छाग्रही से मेरा आग्रह है कि आप लोगों को जो कुंजिका दी गई है उसमें लिखी बातों को ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रचार-प्रसार करें। जितना आप लोगों को जागरूक करेंगे, उतना ही स्‍वच्‍छ भारत मिशन सफल होगा। सरकार ये भी कोशिश कर रही है कि देश के हर गांव में कम से कम एक स्‍वच्‍छता चैम्पियन अवश्‍य हो। साढ़े छह लाख से ज्‍यादा स्‍वच्‍छता चैम्पियन देश के कोने-कोने में स्‍वच्‍छता को लोगों की दिनचर्या का हिस्‍सा बना रहे हैं, उनके जीवन का हिस्‍सा बनाने के मिशन पर काम करेंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में गरीबों को घर देने का काम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। बिहार ने भी जिस गति से टॉयलेट के काम को उठाया है, गरीब परिवारों को मकान देने का काम भी उतना ही तेजी से आगे बढ़ेगा, ये मेरा विश्‍वास है।

हम सभी एक प्रयास और कर सकते हैं कि आज से लेकर अगले साल 2 अक्‍तूबर तक देश में जो भी हम तिथि आए, किसी की भी जन्‍म जयंती, किसी की भी पूण्‍य तिथि, कोई त्‍योहार; तो उसमें स्‍वच्‍छ भारत के प्रति लोगों को विशेषतौर से प्रेरित करे। जैसे कल यानी 11 अप्रैल को महान समाज सुधारक  ज्‍योतिबा फुले जी की जयंती है, 14  अप्रैल को  बाबा साहेब अंबेडकर जी की जयंती है। ऐसे विशेष दिनों में लोगों को उस महान व्‍यक्ति के बारे में बताने के साथ ही स्‍वच्‍छता के प्रति आग्रह भी किया जा सकता है।

वैसे मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि केंद्र सरकार 14 अप्रैल से ग्राम स्‍वराज अभियान भी शुरू करने जा रही है। इसी अभियान के तहत 18 अप्रैल को हमारे सभी सांसद हों, विधायक हों, चुने हुए जनप्रतिनिधि हों, पंचायत में हों, नगरपालिका में हों, महानगरपालिका में हों; अपने-अपने क्षेत्र में स्‍वच्‍छ भारत मिशन से जुड़े हुए किसी न किसी कार्य से जुड़ना चाहिए। घर-घर जाकर लोगों को समझाइए, उनसे प्रार्थना करें, उनके आसपास के क्षेत्रों को स्‍वच्‍छ और स्‍वस्‍थ रखने के लिए प्रयास करें।

भाइयो और बहनों,

राष्‍ट्र निर्माण में आपका ये योगदान देश की आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। हर सत्‍याग्रही स्‍वस्‍थ, स्‍वच्‍छ और समृद्ध निर्माण के लिए कार्य कर रहा है। जब चम्‍पारण सत्‍याग्रह हो रहा था तब उसमें हिस्‍सा लेने के लिए हम नहीं थे, हमारा जन्‍म भी नहीं हुआ था। हम में से कोई नहीं था। लेकिन चम्‍पारण स्‍वच्‍छाग्रह को सफल बनाने के लिए हम दिन-रात एक कर सकते हैं।

मुझे मालूम है कि इस कार्य में असीम धैर्य की आवश्‍यकता होती है। मुझे ये भी मालूम है कि आप स्‍वच्‍छाग्रहियों मे देश में ये बदलाव लाने की इतनी ललक है कि निरंतर आप अपने प्रयास में जुटे रहते हैं। चम्‍पारण स्‍वच्‍छाग्रह आज के युवाओं के सपनों का एक राष्‍ट्रगीत बन गया है, जो उनमें चुनौतियों को समझने, उनको पार करने का, संघर्ष करने और विजय प्राप्‍त होने तक न रुकने का बल भर देता है। ये जनआंदोलन भारत के भविष्‍य का मार्गदर्शक भी है।

मेरा पूरा विश्‍वास है कि स्‍वच्‍छता के प्रति हमारा आग्रह एक स्‍वच्‍छ, सुंदर, समृद्ध भारत का नया अध्‍याय लिखेगा। यहां इस भव्‍य कार्यक्रम में आने वाले सभी स्‍वच्‍छाग्रहियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। साथ-साथ मैं ये भी कहना चाहूंगा, 2022- भारत की आजादी के 75 साल हो रहे हैं। 2018, 2 अक्‍तूबर से 2019, 2 अक्‍तूबर, महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। देश के अंदर एक नया भारत, न्‍यू इंडिया का सपना पूरा करने के लिए हमें हमारे समाज के भीतर जो कमियां हैं, जो बुराइयां हैं, जो देश को खरोंच रही हैं, देश को दूर्बल बना रही हैं; उसको खत्‍म करना है। गंदगी से मुक्‍त भारत बनाना है। भ्रष्‍टाचार से मुक्‍त भारत बनाना है, जातिवादी, ऊंच-नीच, स्‍पृश्‍य-अस्‍पृश्‍य इन भावनाओं से देश को मुक्‍त करना है, सांप्रदायिक तनावों से, सांप्रदायिकतावाद से इस देश को मुक्‍त करना है। सब देशवासी, सवा सौ करोड़ का देश, एक परिवार है, साथ मिल करके चलना है। साथ चल करके सपने पूरे करना है।

इस संकल्‍प को ले करके चलेंगे तब आजादी के दीवानों को 2022 में हम सच्‍ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे। 2018-19 में गांधी के 150 होंगे तब उनको सही श्रद्धांजलि देंगे। इसी भावना के साथ इतना बड़ा देश के लिए काम करने वाले नौजवानों को आदरपूर्वक वंदन करते हुए, बधाई देते हुए मैं फिर एक बार आप सबसे आग्रह करता हूं, देशवासियों से आग्रह करता हूं; आओ-महात्‍म गांधी ने हमारे लिए बहुत कुछ किया, गांधी का एक सपना स्‍वच्‍छ भारत का पूरा करने के लिए हम भी प्रयास करें। ये काम सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये कार्यक्रम प्रधानमंत्री का नहीं है। ये कार्यक्रम मुख्‍यमंत्री का नहीं है, ना ये  राज्‍य और केंद्र सरकारों का है। ये सवा सौ करोड़ देशवासियों का कार्यक्रम है, ये देश के गरीबों का कार्यक्रम है, ये देश के सामाजिक न्‍याय का कार्यक्रम है, मां-बहनों को इज्‍जत देने का कार्यक्रम है और इसलिए पूरी ताकत के साथ इस कार्य में हम जुड़ें। इसी एक भावना के साथ मैं फिर एक बार उन सभी स्‍वच्‍छताग्रहियों को हृदयपूर्वक अभिनंदन करता हूं, बधाई देता हूं, और आप सबका आदरपूर्वक धन्‍यवाद करता हूं।

मेरे साथ फिर एक बार बोलेंगे-

मैं कहूंगा महात्‍मा गांधी, आप दो बार बोलेंगे- अमर रहे, अमर रहे।

महात्‍मा गांधी- अमर रहे, अमर रहे।

पूरी ताकत से बोलिए-

महात्‍मा गांधी- अमर रहे, अमर रहे।

महात्‍मा गांधी- अमर रहे, अमर रहे।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।