India has a long tradition of handicrafts and Varanasi has played a key role in this regard: PM Modi
We want our weavers and artisans belonging to the carpet industry to prosper and get global recognition: PM Modi
For the carpet sector, our mantra is Farm to Fibre, Fibre to Fabric, Fabric to Fashion and Fashion to Foreign: PM Modi

नमस्‍कार।

वाराणसी में उपस्थित मंत्रीपरिषद की मेरी सहयोगी स्‍मृति ईरानी जी, Carpet Sector से जुड़े सभी उद्यमीजन, मेरे बुनकर भाई-बहन, और वहां मौजूद अन्‍य सभी महानुभाव। काशी की पावन धरती पर देशभर से जुटे, विदेशों से आए, आप सभी का मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूं। मुझे बताया गया है कि दुनिया के करीब 38 देशों के ढाई सौ से अधिक अतिथि इस Expo का हिस्‍सा हैं। इसके अलावा जम्‍मू-कश्‍मीर, पश्चिम बंगाल और देश के अन्‍य राज्‍यों से भी Carpet Sector से जुड़े लोग वहां पहुंचे हैं। आप सभी का बनारस में बनारस के सांसद के नाते भी मैं बहुत-बहुत स्‍वागत करता हूं।

साथियो, देश में आजकल त्‍योहारों का मौसम है। दशहरे, दुर्गापूजा के बाद मुझे पहली बार टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से बनारस से जुड़ने का मौका मिला है।अब आप सभी धनतेरस और दीपावली की तैयारी में जुटे होंगे। ये साल का वो समय होता है जब आप सभी, सबसे अधिक व्‍यस्‍त होते हैं। इसमें आम दिनों की तुलना में काम जरा अधिक रहता है, क्‍योंकि मांग ज्‍यादा होती है। आपके श्रम का, कला का पुरस्‍कार आपको मिले; इसके लिए भी ये सबसे उत्‍तम समय होता है।

सा‍थियो, वाराणसी और यूपी के बुनकर और व्‍यापारी भाई-बहनों के लिए तो इस बार के त्‍योहार दोहरी खुशियां ले करके आए हैं। दीनदयाल हस्तकला संकुल में पहली बार India Carpet Expoहो रहा है। इसके लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। अब दिल्‍ली के साथ-साथ वाराणसी में भारत के कारपेट उद्योग को, हमारे बुनकरों को, डिजाइनरों को, व्‍यापारियों को, अपना कौशल, अपने उत्‍पादन दुनिया के सामने दिखाने का अवसर मिल रहा है।

सा‍थियो, मुझे खुशी है कि जिन लक्ष्‍यों को ले करके दीनदयाल हस्‍तकला संकुल का निर्माण किया गया था, उन लक्ष्‍यों की तरफ हम तेज गति से बढ़ रहे हैं। ये इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि ये क्षेत्र बुनकरों का, कारपेट उद्योग का Hub है। यहां देश के हस्‍तशिल्‍प से जुड़े करीब एक-चौथाई बुनकर, श्रमिक और कारोबारी बहन-भाई रहते हैं। वाराणसी हो, भदोई हो, मिर्जापुर हो; ये कारपेट उद्योग के सेंटर रहे हैं, और अब पूर्वी भारत, ये पूरा क्षेत्र देश के textile export का भी Global Hub बन रहा है। इतना ही नहीं, दीनदयाल हस्‍तकला संकुल भी Handicrafts के मामले में इस अंतर्राष्‍ट्रीय पहचान को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

साथियों, सरकार का निरंतर यही प्रयास है कि हस्‍तशिल्‍प छोटे और मझले उद्योगों को प्रोत्‍साहित करने के लिए टेक्‍नोलॉजी से ले करके प्रचार और प्रसार को बल दिया जाए, सुविधाओं को वहां पहुंचाया जाए जहां पर product बनता है। इस बार वाराणसी में हो रहा ये India Carpet Expo इसी कड़ी में एक और बड़ा कदम तो है ही, साथ में Textile Sector के लिए हमारे Five App के vision का भी अहम स्‍तंभ है। और जब मैं Five App कहता हूं तो Five App का मतलब है Farm to Fiber, Fiber to Factory, Factory to Fashion, Fashion to Foreign ये किसान और बुनकर को सीधे दुनियाभर के मार्केट से जोड़ने की तरफ एक बहुत बड़ा प्रयास है।

आने वाले चार दिनों के दौरान इन Expo में एक से एक उत्‍कृष्‍ट डिजाइनों का प्रदर्शन होगा, करोड़ों-करोड़ों रुपयों का व्‍यापार होगा, समझौते होंगे, बिजनेस के नए अवसर खुलेंगे, बुनकरों को नए ऑर्डर मिलेंगे। मुझे विश्‍वास है कि विदेशों से जो व्‍यापारी साथी आए हैं, वो भी हमारी संस्‍कृति, काशी और भारत के बदले हुए व्‍यापारिक माहौल का अनुभव ले पाएंगे।

साथियो, हस्‍तशिल्‍प को लेकर भारत में एक बहुत लम्‍बी परम्‍परा है। भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी सूत कातने में हथकरघे की बड़ी व्‍यापकता है। बनारस की धरती का तो इसमें और भी अहम रोल रहा है। बनारस की जितनी पहचान संत कबीर से जुड़ी है, उतनी ही हस्‍तशिल्‍प से भी जुड़ी है। संत कबीर सूत भी कातते थे और उसके जरिए जीवन का संदेश भी देते थे। कबीरदास जी ने कहा है-

कहि कबीर सुनो हो संतो, चरखा लखे जो कोय।

जो यह चरखा लखि भए, ताको अवागमन न होय।।

यानी चरखा ही जीवन का सार है और जिसने इसे समझ लिया, उसने जीवन का मर्म भी समझ लिया। जहां हस्‍तशिल्‍प को जीवन के इतने बड़े दर्शन से जोड़ा गया हो वहां बुनकरों के जीवन को सरल बनाने के लिए इस प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं जब बनती हैं तब संतोष का एक भाव आता है।

सा‍थियो, हमारे देश में हस्‍तशिल्‍प- व्‍यापार, कारोबार से भी ऊपर प्रेरणा का, स्‍वतंत्रता के लिए संघर्ष का, स्‍वाबलंबन का माध्‍यम रहा है। गांधीजी, सत्‍याग्रह और चरखे का हमारे आजादी के आंदोलन में क्‍यामहत्‍व रहा है, ये हम भलीभांति जानते हैं।

हस्‍तशिल्‍प के माध्‍यम से स्‍वाबलंबन के इस संदेश को मजबूती देने के लिए आप सभी के सहयोग से सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। यही कारण है कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा कारपेट उत्‍पादक देश है। बीते चार-साढ़े चार वर्षों से तो हाथ से बने कालीन के मामले में हम दुनिया में टॉप पर हैं।ये लाखों बुनकरों, डिजाइनरों, व्‍यापारियों के श्रम, और सरकार की नीतियों के चलते संभव हो पाया है।

साथियो, आज दुनियाभर के carpet market का एक-तिहाई से भी अधिक यानी 35 प्रतिशत हिस्‍सा भारत के पास है और आने वाले दो-तीन वर्षों में ये बढ़कर 50 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। यानी आने वाले सालों में दुनिया में carpet का जितना भी कारोबार होगा, उसका आधा हिस्‍सा भारत के पास होगा, आप सभी के पास होगा।

पिछले वर्ष हमने 9 हजार करोड़ रुपये के कालीन निर्यात किए। इस वर्ष करीब 100 देशों को हमने कारपेट निर्यात किए हैं। ये प्रशंसनीय कार्य है लेकिन हमें इसको और आगे बढ़ाना है। हमें कोशिश करनी है कि 2022 तक, जब हमारी आजादी के 75 साल पूरे होंगे, तो हम निर्यात के इस आंकड़े को ढाई गुना से भी अधिक, 25 हजार करोड़ रुपये तक ले जाएं।

सिर्फ निर्यात ही नहीं बल्कि देश में भी कालीन कारोबार में बीते चार वर्षों के दौरान तीन गुना से अधिक बढ़ोत्‍तरी हुई है। चार वर्ष पहले जो बाजार 500 करोड़ का था, वो आज 1600 करोड़ का बन चुका है।

देश में कालीन मार्केट का दायरा अगर बढ़ा है तो उसके लिए, उसके पीछे दो स्‍पष्‍ट कारण हैं। एक तो, देश में मध्‍यम वर्ग का लगातार विस्‍तार हो रहा है और दूसरा, कालीन उद्योग के लिए, उसके प्रचार-प्रसार के लिए अभूतपूर्व सुविधाएं दी जा रही हैं।

साथियो, इस ट्रेंड को लेकर ही हम चलें तो कालीन उद्योग का, पूरे textile sector का भविष्‍य देश में उज्‍ज्‍वल है। आज भारत दुनिया का एकमात्र देश है जो छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा carpet बनाता है। इतना ही नहीं, भारतकेcarpet, कला और शिल्‍प के मामले में उत्‍कृष्‍ट तो होते ही हैं, ये environment friendly भी हैं। ये आप सभी की मेधा, आपकी skills का ही कमाल है कि दुनियाभर में Made in India Carpet, ये Made in India Carpet एक बड़ा Brand बन करके उभरा है।

साथियो, इस Brand को और मजबूत करने के लिए सरकार हर तरह के प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है।Carpet Exporters को असुविधा न हो, इसके लिए logistic support को और मजबूत किया जा रहा है। देशभर में गोदाम और शोरूम की सुविधा देने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे आप एक बड़े मार्केट तक अपने सामान को आसानी से पहुंचा पाएंगे।

इतना ही नहीं, टेक्‍नोलॉजी और क्‍वालिटी को लेकर भी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। भदोई और श्रीनगर में कालीन परीक्षण सुविधा के लिए Indian Institute of Carpet Technology यानी IICT; इसमें विश्‍वस्‍तरीय laboratory स्‍थापित की गई है। कोशिश ये है कि हमारे products, zero defect, zero effect वाले हों, जिसमें खोट बिल्‍कुल न हो और पर्यावरण की चिंता उत्‍पाद में भी झलके।

इसके अलावा, कालीन के साथ-साथ हस्‍तशिल्‍प के दूसरे सामान की मार्केटिंग और बुनकरों को अन्‍य सहायता के लिए भी अनेक व्‍यवस्‍थाएं तैयार की गई हैं। वहां वाराणसी में ही 9 common facility centre, common service centre बनाए गए हैं। इन सेंटरों का लाभ हजारों बुनकरों को मिल रहा है।

साथियो, गुणवत्‍ता के अलावा बुनकरों को, छोटे व्‍यापारियों को पैसे की दिक्‍कत न हो, इसके लिए भी अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। मुद्रा योजना के तहत 50 हजार रुपये से ले करके 10 लाख रुपये की गारंटी फ्री ऋण से बहुत बड़ी मदद हो रही है। बुनकरों के लिए तो मुद्रा योजना में 10 हजार रुपये की margin money का भी प्रावधान किया गया है।

इतना ही नहीं, अब जो भी सहायता या कर्ज, बुनकरों का दिया जा रहा है, वह बहुत ही कम समय में सीधा उनके खाते में पहुंच रहा है।‘पहचान’ नाम से जो पहचान पत्र बुनकरों को दिया गया है, उससे बिचौलियों को हटाने में बहुत बड़ी मदद मिली है।

इसके अलावा भदोई, मिर्जापुर Mega Carpet Cluster और Srinagar Carpet Clusterबुनकरों को आधुनिक loom भी दिए जा रहे हैं। Loom चलाने का कौशल पैदा हो, इसके लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है।बुनकरों के कौशल में बढ़ोत्‍तरी हो, इसके लिए skill development के अनेक प्रोगाम चल रहे हैं।

सा‍थियो, पहले जब भी मैं बुनकर भाई-बहनों से बात करता था तो एक बात जरूर सुनने को मिलती थी, वो कहते थे कि हमारे बच्‍चे अब इस काम में जुड़ना नहीं चाहते हैं। इससे गंभीर स्थिति भला क्‍या हो सकती है? आज जब हम carpet के मामले में दुनिया के शीर्ष पर हैं, तब आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित और प्रोत्‍साहित करना भी उतना ही आवश्‍यक है।

इसी लक्ष्‍य के तहत IICT भदोई में, कालीन प्रौद्योगिकी मेंबीटेक (B.Tech)कार्यक्रम चलाया जा रहा है। देश के दूसरे हिस्‍सों में भी प्रशिक्षण संस्‍थानों में इस तरह के कार्यक्रम चलाने की योजना है। बुनकरों के कौशल के साथ-साथ उनकी और उनके बच्‍चों की शिक्षा पर भी ध्‍यान दिया जा रहा है। गरीब बुनकर परिवारों के बच्‍चों की फीस का 75 प्रतिशत सरकार द्वारा ही वहन किया जा रहा है।

साथियो, आपकी कला और श्रम को राष्‍ट्र की शक्ति बनाने के लिए भी ये सरकार प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में देश के लिए, बनारस के लिए इस कला का प्रदर्शन करने के बहुत बड़े अवसर आने वाले हैं।

अगले वर्ष जनवरी में जो प्रवासी भारतीय सम्‍मेलन काशी में होने वाला है, वो भी प्रचार का एक बहुत बड़ा माध्‍यम साबित होगा। मुझे विश्‍वास है कि दुनियाभर से आए व्‍यापारी साथी हमारे हस्‍तशिल्‍प के साथ-साथ हमारी सांस्‍कृतिक स्‍मृति और बदलती काशी का आनंद भी ले पाएंगे।

एक बार फिर आप सभी को धनतेरस, दीपावली और छठ पूजा की अग्रिम बधाई देता हूं और इस सफल आयोजन के लिए, काशी को अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिष्‍ठा दिलाने के लिए मैं मंत्रालय को, मेरे बुनकर भाइयों-बहनों को, export-import से जुड़े हुए सभी महानुभावों को काशी पधारने के लिए, काशी को प्रतिष्‍ठा के केंद्र में लाने के लिए मैं फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
78వ స్వాతంత్ర్య దినోత్సవ వేళ ఎర్రకోట ప్రాకారం నుంచి ప్రధాన మంత్రి శ్రీ నరేంద్ర మోదీ ప్రసంగం

ప్రముఖ ప్రసంగాలు

78వ స్వాతంత్ర్య దినోత్సవ వేళ ఎర్రకోట ప్రాకారం నుంచి ప్రధాన మంత్రి శ్రీ నరేంద్ర మోదీ ప్రసంగం
When PM Modi Fulfilled A Special Request From 101-Year-Old IFS Officer’s Kin In Kuwait

Media Coverage

When PM Modi Fulfilled A Special Request From 101-Year-Old IFS Officer’s Kin In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.