यहां उपस्थिति विशाल संख्या में पधारी हुईं माताएं-बहनें, भाइयों और नौजवानो।
ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे बनारस के विकास की अनेक योजनाओं का शिलान्यास करने का, लोकार्पण करने का अवसर मिला। लेकिन मैं सबसे पहले आज बनारसवासियों को लाख-लाख धन्यवाद करना चाहता हूं, लाख-लाख अभिनंदन करना चाहता हूं। आज बनारस ने कमाल कर दिया। फ्रांस के राष्ट्रपति का जिस प्रकार से आज बनारस ने पलक-पांवड़े बिछा करके स्वागत किया, उनका जो सम्मान किया; फ्रांस के हर घर में लोग जरूर पूछेंगे कि बनारस कहां है, जहां फ्रांस के राष्ट्रपति का इतना बड़ा स्वागत-सम्मान होता है।
अगर हमने गाड़ी शायद तेज न चलाई होती, तो अभी भी हम रोड पर कार में लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए वहां यात्रा कर रहे होते, इतनी भारी भीड़। गंगा के सभी घाट हों, मार्ग के हर रास्ते की एक-एक इंच भूमि हो, आज एक अद्भुत नजारा बनारस के लोगों के प्रेम ने, आपके आशीर्वाद ने, और यही हमारा प्यार फ्रांस और भारत की दोस्ती को प्रेम वर्षा से भिगो देता है और इसके लिए बनारस का जितना धन्यवाद करूं उतना कम है।
आज मुझे विन्धयवासिनी के चरणों में जाने का अवसर मिला था। पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा का एक अभियान चलाने में भारत बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। फ्रांस और भारत मिल करके सौर ऊर्जा पर एक बहुत बड़ा काम कर रहे हैं। दुनिया के अनेक देशों के मेहमान कल दिल्ली में आए थे, सबने मिल करके सूर्य देवता के सामर्थ्य को स्वीकार करते हुए आने वाले विकास के राजमार्ग को सूर्य-शक्ति के आधार पर चलाने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले लिए। और इसी के तहत मिर्जापुर में सोलार से उत्पादन करने वाली बिजली का एक प्रकल्प का मुझे लोकार्पण करने का अवसर मिला। ये एक प्रकार से हिन्दुस्तान के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का अभियान है और मैं तो इसे आगे इतना बढ़ाना चाहता हूं कि रूफटॉप सोलार से घर की छत पर सोलार की पैनल लगी हो और घर में खाना पकाने का चूल्हा; अब गैस की भी जरूरत न पड़े- उस सोलार के चूल्हे से खाना पकाना हो जाए- खर्चा भी नहीं, पर्यावरण का नुकसान भी नहीं, clean cooking का एक बड़ा अभियान।
भारत में 25 करोड़ परिवार हैं, बहुत बड़ा मार्केट है और मैं नौजवानों से आग्रह करता हूं, आईआईटीएन से आग्रह करता हूं कि आइए इनोवेशन की स्पर्धा करे, ऐसी टेक्नोलॉजी को विकसित करे कि हमारी माताएं-बहनों को अब घर में चूल्हा जलाने में किसी पर निर्भर न रहना पड़े। सूर्यदेवता के आशीर्वाद से आराम से खाना पक जाए और घर में खाना पकाने में जो खर्च होता था फ्यूल में, वो भी बंद हो जाए। गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार की एक बहुत बड़ी सेवा हो सकती है।
इतना ही नहीं, आज मुझे काशी और पटना को जोड़ने का, एक नई रेल सेवा शुरू करने का अवसर मिला है। लंबे अर्से से मांग थी कि काशी और पटना को जोड़ने वाली कोई तेज गति से चलने वाली ट्रेन शुरू हो। आज उसका शुभारंभ हुआ है। सुबह 6 बजे गाड़ी काशी से चलेगी, दस-सवा दस बजे पटना पहुंच जाएगी। और शाम को पांच बजे चलेगी, रात को नौ-साढ़े नौ-दस बजे काशी में वापस आ जाएगी। कम से कम समय में काशी और पटना को जोड़ने वाला तेज गति से चलने वाली ट्रेन का, आज काशी-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस का मुझे प्रारंभ करने का अवसर मिला। मैं रेलमंत्री जी को बधाई देता हूं, श्रीमान मनोज सिन्हा जी के नेतृत्व में जनसेवा के लिए रेल का उपयोग कैसे हो, उस पर अनेकविद् काम चल रहे हैं। और उसी का नतीजा है कि आज काशी और पटनावासियों की बहुत पुरानी इच्छा का आज अमल हो रहा है।
मैं जब भी काशी आता हूं तो एक प्रकार से मेरा दूसरा घर बन जाता है, डीएलडब्ल्यू और काशी की पहचान अगर आध्यात्मिक spiritual दुनिया में अगर काशी की पहचान हर-हर महादेव से जुड़ करके हो जाती है तो काशी की औद्योगिक पहचान डीएलडब्ल्यू के द्वारा होती है। और इसलिए भारत सरकार डीएलडब्ल्यू का जितना ज्यादा विकास हो, जितना ज्यादा विस्तार हो, जितना ज्यादा आधुनिकीकरण हो, ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हों; उसके लिए अनेक नई-नई योजनाएं डीएलडब्ल्यू के तहत भी करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है जो आने वाले दिनों में यहां के लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा भरने का काम उन योजनाओं से होगा।
आज करीब-करीब 800 करोड़ रुपया- होली का त्योहार अभी-अभी मनाया है, 800 करोड़ के विकास के काम इस होली के रंग में नए रंग भर देते हैं, होली के रंग में नई खुशबू भर देते हैं, होली के रंग में नया उमंग भर देते हैं। आज मुझे यहां गरीब परिवारों को आवास की चाबी देने का अवसर मिला। मैं उन्हें पूछ रहा था- पहले कहां रहते थे? हर कोई बता रहा था- कोई कच्चे घर में रहते थे, कोई कहता था झुग्गी-झोंपड़ी में रहते थे, कोई कहता था- ऐसे नहीं बिस्तरा रखते थे, कभी इधर चले गए, कभी उधर चले गए; ऐसे ही जिंदगी थी। मैंने उनको पूछा अब घर मिल गया तो अच्छा लग रहा है? घर जा करके देख के आए? अच्छा लगा? कोई कमी महसूस हुई? सारी बातें मैं पूछ रहा था। और बाद में मैं पूछता था अब बच्चों को पढ़ाओगे क्या? एकदम सबकी आंखें झुक जाती थीं, शरमा जाते थे। मैंने आग्रह किया कि आपकी जिम्मेदारी है- अब रहने के लिए अच्छा घर मिल गया है, आपको अपने बच्चों को पढ़ाना चाहिए।
लेकिन मुझे खुशी है कि योगीजी ने आ करके एक mission mode में आवास योजना को लागू करने के लिए बीड़ा उठाया है। भारत सरकार की योजना तो कोई आज की नहीं है, पुरानी सरकार के समय भी योजना थी। और मैंने यहीं काशी में कहा था कि वो नाम तक दे नहीं पाते थे, लेकिन योगीजी ने लाभार्थियों की लिस्ट बना दी, भारत सरकार के सामने प्रस्तुत कर दी, भारत सरकार ने धन आवंटन कर दिया और छह महीने के भीतर-भीतर पांच हजार से ज्यादा मकान बना करके लोगों को दे दिए गए। और आने वाले दिनों में आठ लाख परिवारों को मकान देने का हमारा सपना है और मुझे विश्वास है कि योगीजी के नेतृत्व में ये अवश्य संभव होगा और समय-सीमा में संभव होगा।
आज ये भी सही है कि विकास करना है तो infrastructure का बहुत महत्व है। Connectivity का बहुत महत्व है। रेल हो, रोड हो; ये बहुत आवश्यक होते हैं। आज शिवपुरी, फुलवरिया, चार लेन रोड की भी उसके निर्माण की शुरूआत हो रही है। दो रेलवे क्रॉसिंग, दो नए ओवरब्रिज उसी जगह पर बनाए जाएंगे। बनारस में रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का काम हम चला रहे हैं।
आज मुझे अवसर मिला कचरा महोत्सव में। लोगों को बड़ा आश्चर्य होता होगा कि अब कचरा महोत्सव भी होने लगा। जिन लोगों को मोदी पसंद नहीं, वो तो इस पर भी आलोचना करेंगे कि मोदी को अब कुछ बचा नहीं है, अब कचरा महोत्सव कर रहा है। हमें स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ाना है। Waste में से Wealth create हो सकता है। कबाड़ को भी जुगाड़ करके उपयोगी चीजें बनाई जा सकती हैं और ये जनआंदोलन बन सकता है। और यहां जो आए हैं, मैं उनको कहूंगा, ये जो कचरा महोत्सव की प्रदर्शनी लगी है, आप जरूर उसको देखिए- छोटे-छोटे बच्चोंने, जो बोतलें हम फेंक देते हैं, जो अखबार फेंक देते हैं, उसमें से कितनी बढ़िया चीजें बनाई हैं। और घर के अंदर रखें तो लोग उसको देखने लिए लालायित हो जाएं।एक ही चीज का कितना उपयोग हो सकता है।
और मैंने यहां Musical party देखी, बड़ी शानदार Musical party, स्वच्छता के गीत गा रहे हैं, लेकिन उनके musical instrument क्या हैं, खाली डिब्बों से उन्होंने बढ़िया musical instrumentखड़े किए हैं। खाली डिब्बों को बजा-बजा करके बढ़िया संगीत का अस्वाद वो करा सकते हैं। यानी निकम्मी से निकम्मी चीज का भी उत्तम से उत्तम उपयोग कितना, कैसे हो सकता है वो आज इस कचरा महोत्सव में मैंने देखा है।
वाराणसी को स्वच्छता में प्राथमिकता देनी है। दुनिया भर के टूरिस्टों को वाराणसी आने के लिए मजबूर करना है। वाराणसी के पास सब कुछ है, सदियों से है लेकिन आज, आज अगर हमें करना है तो एक ही काम करना है, बाकी तो हमारे पूर्वज करके गए हैं। वाराणसी का नाम, शानो-शौकत हमारे पूर्वजों ने पैदा कर दी है, हमें सिर्फ वाराणसी को स्वच्छ रखना है।
दुनिया-दुनिया वाराणसी में आने के लिए प्रेरित हो जाएगी, और उस अभियान को चलाने के लिए आज यहां पर 17 साल बाद जो आवश्यकताएं होने वाली हैं, एक प्रकार से 20 साल के बाद भी जो जरूरतें होंगी, उनको आज पूरा करने की दृष्टि से सीवर पानी के treatment का व्यवस्थाका भी एक plant का अभियान शुरू किया गया है। करीब 600 करोड़ रुपये के खर्च से ये treatment plant आपके यहां लगने वाला है। और उसके कारण आने वाले दिनों में लोगों को कितना लाभ होगा, इसका मैं अदांज कर सकता हूं।
आपने देखा होगा काशी में जाएं तो तार लटकते थे। काशी को उन तार के झुंड से मुक्ति दिलाने का मैंने अभियान चलाया है। और देश भर में ये अंडरग्राउंड तार डालने का काम शुरू किया, बनारस से किया था। बनारस में भी वो काम बहुत तेजी से चल रहा है।
उसी प्रकार से अभी जब योगीजी ने investment summit किया था, उस समय मैंने घोषित किया था एक defense manufacturing corridor का, और defense manufacturing corridor के कारण 20 हजार करोड़ रुपये और करीब-करीब ढाई लाख लोगों के रोजगार, इसकी संभावनाएं उसके अंदर पड़ी हुई हैं। उस काम को भी आगे बढ़ाने की दिशा में योगीजी की सरकार और भारत सरकार मिल करके तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।
मैं योगीजी को इस बात के लिए भी अभिनंदन करना चाहता हूं कि उन्होंने किसानों का विशेष ख्याल रखा है। पहले उत्तर प्रदेश में एमएसपी घोषित होता था लेकिन धान की खरीदी नहीं होती थी। मुझे खुशी है कि पहले की तुलना में धान की खरीदी योगीजी के प्रयत्नों के कारण चार गुना बढ़ गई है। किसानों को उनकी पैदावार का पैसा मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है।
इतना ही नहीं, गन्ने के किसानों का भुगतान उसकी गति, उसका क्वांटम, ये भी 40 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। तो आप कल्पना कर सकते हैं कि विकास की इन योजनाओं का लाभ काशी के चाहे infrastructure का काम हो, चाहे कृषि क्षेत्र का काम हो, चाहे बिजली का काम हो, चाहे रेल मार्ग की गति बढा़ने का काम हो, नई रेल लाइन चालू करने का काम हो, ऐसे अनेक projects, उसका आज शिलान्यास और लोकार्पण करने का आज मुझे अवसर मिला है।
हमें सबने मिल करके काशी को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। अनेकविद् योजनाएं ले करके राज्य सरकार और भारत सरकार काशी में, पूर्वी उत्तर प्रदेश में काम कर रही है। आने वाले दिनों में हम एक बहुत महत्वपूर्ण योजना देशवासियों के लिए लागू करने जा रहे हैं।‘आयुष्मान भारत’, इस ‘आयुष्मान भारत’ के तहत इंश्योरेंस कंपनी के साथ मिल करके, बीमा योजना की व्यवस्था करके गरीब से गरीब परिवार भी, अगर उसके यहां कोई बीमार हो जाए- तो एक व्यक्ति बीमार नहीं होता है, पूरा परिवार बीमार हो जाता है। आर्थिक स्थिति तबाह हो जाती है। परिवार के सारे सपने, सारी योजनाएं तितर-बितर हो जाती हैं। इसलिए गरीब बीमार हो तो झेल लेता है, अस्पताल जाने की हिम्मत नहीं करता। उसके लिए खर्च संभव नहीं होता है, गिरवी रखने के लिए कुछ होता नहीं अपने पास। क्या मेरे देश के नागरिकों का ये हाल होगा?
भाइयो, बहनों ये मुझे मंजूर नहीं है।और इसलिए हमने योजना बनाई है कि ऐसे गरीब परिवार होंगे जहां उपचार के लिए संभावना नहीं है, देश में दस करोड़ परिवार- यानी करीब-करीब 50 करोड़ नागरिक, 50 करोड़ नागरिक, अगर उनके परिवार में कोई बीमारी आई, तो ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत एक साल में पांच लाख रुपये तक का अस्पताल का खर्चा भारत सरकार और इंश्योरेंस कम्पनी मिल करके देगी। इसका परिणाम ये होगा कि गरीब जो पहले अस्पताल जाने से कतराता था, वो अब छोटी बीमारी होगी तो भी जाएगा। क्योंकि उसको मालूम है कि पैसे मोदी सरकार देने वाली है। उसे विश्वास है कि बीमार रहना ठीक नहीं है, रोजी-रोटी कमानी है तो मुझे पहले उपचार करवाना चाहिए, वो कराएगा।
जो प्राइवेट पार्टी हैं, जो छोटे-छोटे शहरों में अस्पताल खोलते नहीं हैं, बनाते नहीं हैं, क्योंकि उनको लगता है कि लोग आएंगे नहीं, आएंगे तो पैसे देंगे नहीं। लेकिन अब पैसे मिलना संभव हो गया है तो लोग भी अपने प्राइवेट अस्पताल बनाएंगे। देश में अस्पतालों का एक जाल बनेगा। आरोग्य की दृष्टि से सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले लोग तैयार होंगे। आरोग्य के क्षेत्र में नए रोजगार पैदा होंगे। और देश को स्वस्थ बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा अहम काम हम कर पाएंगे।
हमारे देश में कुपोषण एक बहुत बड़ी समस्या है। हमने पोषण मिशन की शुरूआत की है। करीब 9 हजार करोड़ रुपया लगा करके आने वाले वर्षों में हमारे बच्चे उम्र के हिसाब से उसका वजन हो, उम्र के हिसाब से उनकी ऊंचाई हो, तंदुरुस्त हों, malnutrition की समस्या से मुक्त हो, इसके लिए आवश्यक पोषण की व्यवस्था कैसे हो? प्रशिक्षण की व्यवस्था कैसे हो? खास करके माताओं की ट्रेनिंग कैसे हो ?
उन सारे विषयों का एक बीड़ा उठाया है और प्रधानमंत्री पोषण मिशन योजना PMPM करके हमने लाए हैं। और आने वाले दिनों में ये पोषण मिशन योजना गरीब से गरीब परिवार हो, मध्यम वर्ग का परिवार हो, 12-14-16 साल की बेटियां हों, अगर 12-14-16 साल की बेटियां, उसका अगर तंदुरुस्त नहीं होंगी, उसका शारीरिक विकास उम्र के हिसाब से नहीं होता होगा! अगर कुछ ही वर्षों में वो मां बनेगी तो कभी वो मां भी मर सकती है, पैदा होने वाला बच्चा भी मर सकता है। या तो पैदा होने वाला बच्चा किसी न किसी बीमारी को ले करके पैदा हो सकता है और जिंदगी भर उस मां को उस बच्चे की सेवा करने में खप जाना पड़ता है। इन सबसे मुक्ति दिलाने के लिए ये प्रधानमंत्री पोषण मिशन योजना को लागू करने की दिशा में हम चल रहे हैं।
काशीवासियों, विकास की इन सारी योजनाओं का लाभ हमारी काशी को मिले। हमारी गंगा से जुड़ी हुई सारी योजनाएं तेज गति से आगे बढ़ रही हैं और उसका लाभ भी आने वाले दिनों में मिलने वाला है।
मैं फिर एक बार योगीजी की सरकार को अनेकविद् प्रकल्प तेज गति से चलाने के लिए, भारत सरकार की योजनाओं को भी तेज गति से लागू करने के लिए मैं हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं और फिर एक बार आज काशीवासियों ने जो अद्भुत स्वागत-सम्मान किया है, इसके लिए सिर झुका करके नमन करता हूं।
बहुत-बहुत धन्यवाद