Today, India's image is that of a country which stands firm for its interests, without any fear or pressure: PM Modi at #SthapnaDiwas
Every BJP karyakarta is a representative of the dreams of the country, a representative of the resolve of the country, says PM Modi
‘Parivarwadi’ parties have never allowed the youth of the country to progress: PM Modi at #SthapnaDiwas

भारत माता की जय!

भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के इस पुण्य अवसर पर मेरे साथ जुड़े पार्टी के सभी समर्पित कार्यकर्ता साथी, पार्टी के समस्त पदाधिकारीगण, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा जी, देवियों और सज्जनों, आज नवरात्रि की पांचवी तिथि भी है। आज के दिन हम सभी मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं। और हम सब ने देखा है मां स्कंदमाता, कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं, और अपने दोनों हाथों में कमल का फूल थामे रहती हैं। मेरी प्रार्थना है कि मां स्कंदमाता का आशीर्वाद देशवासियों पर, भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कर्मठ कार्यकर्ता पर, प्रत्येक सदस्य पर हमेशा बना रहे। मैं देश और दुनिया भर में फैले, भाजपा के प्रत्येक सदस्य को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से लेकर कोहिमा तक भाजपा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को निरंतर सशक्त कर रही है। श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, राजमाता सिंधिया जी, कुशाभाऊ ठाकरे, सुंदर सिंह जी भंडारी जैसे अनेक महापुरुष और अनेक विभूतियां, जिन्होंने जनसंघ से लेकर भाजपा तक, इस पार्टी के निर्माण में खुद को खपा दिया, मैं उन सबके चरणों में नमन करता हूँ।

साथियो,
इस बार का स्थापना दिवस तीन और वजहों से बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। पहला कारण है कि इस समय हम देश की आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। ये प्रेरणा का बहुत बड़ा अवसर है। दूसरा कारण है- तेजी से बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियां, बदलता हुआ ग्लोबल ऑर्डर। इसमें भारत के लिए लगातार नई संभावनाएं बन रही हैं। तीसरा कारण भी उतना ही अहम है। कुछ सप्ताह पहले चार राज्यों में भाजपा की डबल इंजन की सरकारें वापस लौटी हैं। तीन दशकों के बाद राज्यसभा में किसी पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 तक पहुंची है। यानि वैश्विक दृष्टिकोण से देखें या राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, भाजपा का दायित्व, भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का दायित्व लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता, देश के सपनों का प्रतिनिधि है, देश के संकल्पों का प्रतिनिधि है। इस अमृत काल में भारत की सोच आत्मनिर्भरता की है, लोकल को ग्लोबल बनाने की है, सामाजिक न्याय की है, समरसता की है। इन्हीं संकल्पों को लेकर एक विचार बीज के रूप में हमारी पार्टी की स्थापना हुई थी। इसलिए ये अमृतकाल भाजपा के हर एक कार्यकर्ता के लिए ‘कर्तव्यकाल’ है। हमें देश के संकल्पों के साथ निरंतर जुड़े रहना है, उनके लिए जीना है, उनके लिए जूझना है, देश के लिए खुद को खपा देना है।

साथियों,
एक समय था जब लोगों ने ये मान लिया था कि सरकार किसी की भी आए, लेकिन देश का कुछ हो नहीं पाएगा। निराशा ही निराशा थी, आज देश का एक-एक जन गर्व से ये कह रहा है कि देश बदल रहा है, तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया के सामने एक ऐसा भारत है जो बिना किसी डर या दबाव के अपने हितों के लिए अडिग रहता है। जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो, तब भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है। हमारी सरकार राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए काम कर रही है। आज देश के पास नीतियाँ भी हैं, नियत भी है। आज देश के पास निर्णयशक्ति भी है, और निश्चयशक्ति भी है। इसीलिए, आज हम लक्ष्य तय कर रहे हैं, उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। आपने भी देखा है, कुछ समय पहले ही देश ने 400 billion dollar, यानि तीस लाख करोड़ रुपए के उत्पादों के export का target पूरा किया है। कोरोना के इस समय में इतना बड़ा लक्ष्य हासिल करना, भारत के सामर्थ्य को दिखाता है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को भारत अपने संसाधनों से लड़ रहा है, लगातार जीतने का प्रयास कर रहा है। आज भारत 180 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज़ देने वाला देश है। आज पूरी दुनिया देख रही है कि इतने मुश्किल समय में भारत 80 करोड़ गरीबों, वंचितों को मुफ्त राशन दे रहा है। 100 साल के इस सबसे ब़ड़े संकट में गरीब को भूखा ना सोना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार करीब-करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है। बीते वर्षों में देश ने ये देखा कि किस तरह अपने नागरिकों का जीवन आसान बनाना, भाजपा सरकारों की, डबल इंजन की सरकारों की प्राथमिकता रही है। गरीबों को पक्के घर से लेकर, शौचालय के निर्माण तक, आयुष्मान भारत योजना से लेकर उज्जवला तक, हर घर जल से लेकर, हर गरीब को बैंक खाते तक, ऐसे कितने ही काम हुए हैं, जिनकी चर्चा करना मैं शुरू करूं तो शायद कई घंटे निकल जाएंगे। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ हम सबका विश्वास प्राप्त कर रहे हैं, देश के विकास के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।

साथियों,
आज़ादी के इस अमृत काल में हमने सैचुरेशन यानि जनकल्याण की हर योजना को शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने का जो संकल्प लिया है, ये संकल्प अपनेआप में बहुत विराट है। सैचुरेशन तक पहुंचने के इस अभियान का मतलब है, भेदभाव की सारी गुंजाइश को खत्म करना, तुष्टीकरण की आशंकाओं को समाप्त करना, स्वार्थ के आधार पर लाभ पहुंचाने की प्रवृत्ति को खत्म करना, और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति तक सरकारी लाभ पहुंचे, ये सुनिश्चित करना। यही तो है सबका साथ-सबका विकास। जब सरकारी मशीनरी का लक्ष्य हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचने का हो, तो फिर पक्षपात, भेदभाव, टिक ही नहीं सकता। इसलिए हमारा ये सेवा भाव अभियान, सोशल जस्टिस, सामाजिक न्याय का बहुत बड़ा माध्यम है। भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को ये संदेश लेकर घर-घर जाना है, सबको जागरूक करना है।

साथियों,
हमारे देश में दशकों तक कुछ राजनीतिक दलों ने सिर्फ वोटबैंक की राजनीति की। कुछ लोगों को ही वायदे करो, ज्यादातर लोगों को तरसाकर रखो, भेदभाव-भ्रष्टाचार ये सब वोटबैंक की राजनीति का साइड इफेक्ट था। लेकिन भाजपा ने इस वोटबैंक की राजनीति को ना सिर्फ टक्कर दी है, बल्कि इसके नुकसान, देशवासियों को समझाने में भी सफल रही है। भाजपा की नेक नीयत, नेक इरादों से किए जा रहे कार्य, उसे इसलिए जनता से भरपूर आशीर्वाद मिल रहा हैं।
आज देश में ऐसी सरकार है जिसकी वैचारिक निष्ठा अंत्योदय में है। गरीबों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं के हितों के लिए, उनके उत्थान के लिए काम करना, ये हमारी पार्टी के मूल संस्कार हैं। इसलिए आज दलितों, पिछड़ों, किसानों, नौजवानों के साथ ही जिस तरह महिलाएं भाजपा के पक्ष में मजबूती से खड़ी हुई हैं, वो अपनेआप में एक नए युग की ताकत का प्रतिबिंब है। पिछले कई चुनावों में हमने लगातार देखा है, भाजपा का विजय तिलक करने के लिए सबसे आगे हमारी माताएँ बहनें आती हैं। ये केवल एक चुनावी घटना भर नहीं है। ये एक ऐसा सामाजिक और राष्ट्रीय जागरण है जिसका इतिहास में विश्लेषण किया जाएगा। देश ने महिलाओं को नए अधिकार दिये, सुशासन और कड़े क़ानूनों से उनमें सुरक्षा का भाव पैदा किया। महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता से लेकर उनकी रसोई की चिंता, गैस, बिजली, राशन की चिंता, इनके जरिए देश ने उनका जीवन बदला है। आज देश की नारीशक्ति के भीतर जो आत्मविश्वास पैदा हुआ है, आर्थिक फैसलों में उनकी जो सहभागिता बढ़ी है, वो भारत के भविष्य को दिशा दे रही है। देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़े, उनकी सक्रियता बढ़े, ये विश्वास बढ़े, ये हमारा बहुत बड़ा दायित्व है।

साथियों,
हमारे लिए राजनीति और राष्ट्रनीति साथ साथ चलते हैं। हम राष्ट्रनीति से राजनीति को अलग करके चलने वाले लोग नहीं हैं लेकिन ये भी सच्चाई है कि अभी भी देश में दो तरह की राजनीति चल रही है। एक राजनीति है परिवारभक्ति की, और दूसरी है राष्ट्रभक्ति की। केंद्रीय स्तर पर, अलग-अलग राज्यों में हमारे यहां कुछ राजनीतिक दल हैं जो सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के हितों के लिए काम करते हैं। परिवारवादी सरकारों में, परिवार के सदस्यों का स्थानीय निकाय से लेकर संसद तक में दबदबा रहता है। ये लोग भले ही अलग-अलग राज्यों में हों, लेकिन परिवारवाद के तार से जुड़े रहते हैं, एक दूसरे के भ्रष्टाचार को ढककर रखते हैं। बीते दशकों में इस वजह से देश का बहुत नुकसान हुआ है। इन परिवारवादी पार्टियों ने देश के युवाओं को भी कभी आगे नहीं बढ़ने दिया, उनके साथ हमेशा विश्वासघात किया है। और आज हमें गर्व होना चाहिए कि आज भाजपा ही इकलौती पार्टी है जो इस चुनौती से देश को सजग कर रही है, सतर्क कर रही है। पहली बार भाजपा ने ही इसके खिलाफ बोलना शुरू किया और इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया। मुझे इस बात का संतोष है कि देश के लोग, देश के युवा अब धीरे-धीरे ये समझने लगे हैं कि किस तरह परिवारवादी पार्टियां, लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।

साथियों,
लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने वाली ये पार्टियां, संविधान और संवैधानिक व्यवस्थाओं को भी कुछ नहीं समझतीं। ऐसी पार्टियों से आज भी हमारे कार्यकर्ता अन्याय, अत्याचार और हिंसा के खिलाफ लोकतान्त्रिक मूल्यों के साथ लड़ रहे हैं। इनमें से कई कार्यकर्ताओं को अपना बलिदान तक देना पड़ा है। हम सब उनके परिवारों की पीड़ा में शामिल हैं। मैं सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाता हूं कि भाजपा, ऐसे राज्यों में लोकतांत्रिक मूल्यों की फिर से स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष करती रहेगी। और ये महासंघर्ष, ये महायज्ञ, तब तक चलेगा, जब तक लोकतंत्र विरोधी ताकतों को हम परास्त नहीं कर देते।

साथियों,
आज पार्टी के स्थापना दिवस पर मेरा एक आग्रह आपसे नमो एप पर कमल पुष्प module से जुड़ने का भी है। जिन अनगिनत लोगों ने पार्टी के लिए, देश के लिए खुद को खपा दिया, ये उनको समर्पित है। कमल पुष्प, एक तरह से, सभी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का पुष्प है। कमल पुष्प को आप जितनी बार पढ़ेंगे, आपको हर जीवन गाथा, एक से बढ़कर एक जीवन गाथा, उससे एक नई ऊर्जा मिलेगी, मार्गदर्शन मिलेगा।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।