भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। शरद पूर्णिमा का पावन अवसर भी है, आज भगवान वाल्मीकि का प्रकट दिवस भी है, मैं देशवासियों के, आप सभी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। राष्ट्र के विकास में हम सभी मिलकर इसी तरह काम करते रहें, यही हमारे उत्सवों और पर्वों का संदेश है, यही हमारी प्रेरणा है, यही हमारे सार्वजनिक जीवन के प्राण हैं।
साथियो, रैलियां तो लोकसभा के चुनाव के दौरान भी बहुत हुईं, यहां उत्तरी महाराष्ट्र में भी एक से एक विराट जनसभाएं हुई हैं लेकिन जलगांव की ये जनसभा अद्भुत है, अभूतपूर्व है और मैं देख रहा हूं पूरी जनसभा चल रही है एक भीड़ चलकर आ रही है। मुझे बताया गया है कि दोपहर के इस ताप में भी आप घंटों से यहां बैठे हैं। हम सभी साथियों के लिए आपके स्नेह को, इस सद्भावना को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। भाइयो-बहनो, हम सभी आने वाले पांच वर्षों के लिए देवेंद्र फणनविस जी की अगुवाई में महायुती सरकार के लिए एक बार फिर आप सबका समर्थन मांगने के लिए आए हैं। लेकिन जलगांव की धरती पर आने का मकसद सिर्फ इतना ही नहीं है, आपने जो अभूतपूर्व विश्वास हम सब पर, मुझ पर, भाजपा पर एनडीए पर दिखाया है हम उसका आभार भी जताने आए हैं।
साथियो, चार महीने पहले आपने एक समर्थ और सशक्त नए भारत के निर्माण के लिए वोट दिया था, आपने एक ऐसे भारत के लिए जनादेश दिया था जो विश्व में अपने स्वाभाविक स्थान को हासिल करे, आपने एक ऐसे भारत के लिए हमें आदेश दिया था जो 130 करोड़ भारतीयों के सपने और आकांक्षाओं की पूर्ती के लिए हर संभव कदम उठाए। भाइयो-बहनो, आज जब आपके बीच मैं आया हूं तब कह सकता हूं कि नए भारत का नया जोश दुनिया को भी दिखने लगा है। आपको भी लगता है ना?, आपको भी लगता है ना? आपका भी विश्वास है ना? आप भी अनुभव कर रहे हैं ना? पहले ऐसे होता था? ये क्यों हो रहा है? ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है, ये आपके उस वोट के कारण हो रहा है। आज दुनिया में नए भारत का अगर जलवा है तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ मेरे देशवासी हैं, आपने जो भारी मतदान किया उससे दुनिया में भारत के लोकतंत्र का गौरवगान हो रहा है। हमारी बहनों ने जिस प्रकार भारी संख्या में वोटिंग की उससे भारत की नारी शक्ति का लोहा दुनिया मानने लगी है। मैं खास कर के महाराष्ट्र और हरियाणा जहां चुनाव इस बार चल रहे हैं, वहां की माताओं बहनों को विशेष आग्रह करना चाहता हूं।
लोकसभा के चुनाव में आपने मतदान करके पुरुषों की बराबरी कर ली, इसके लिए बधाई लेकिन विधानसभा चुनाव में मेरी माताएं बहने पुरुषों से भी आगे निकलनी चाहिए। होगा पक्का? देखता हूं महाराष्ट्र में महिलाएं आगे निकलती हैं कि पुरुष आगे निकलते हैं, आ जाएं मुकाबला हो जाए इस बार। आपने जिस तरह जाति, वर्ग, संप्रदाय, क्षेत्र से ऊपर उठकर एक निर्णायक जनादेश दिया है उसने भारत की छवि को चार चांद लगा दिए हैं। साथियो, आपके इसी जनादेश का परिणाम है कि आज भारत की आवाज दुनिया की हर बड़ी ताकत मजबूती से सुन रही है, विश्व का हर देश हर क्षेत्र आज भारत के साथ खड़ा दिखता है, भारत के साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए उत्साहित है। दुनिया भर में भारत को पुरस्कृत किया जा रहा है, सम्मानित किया जा रहा है तो इसके पीछे आप सभी साथियों का समर्पण है, उत्साह है, त्याग है, तपस्या है और जोश भी है और 130 करोड़ साथियों के इस जोश से ताल बिठाने की, आपकी भावनाओं को उचित स्थान देने की कोशिश उसमें हम कोई कमी नहीं रहने देंगे।
साथियो, आज नया भारत ठान चुका है कि उसे अतीत के अनावश्यक बंधनों में बंधकर नहीं रहना है, आज नया भारत अपने वर्तमान को मजबूत तो कर ही रहा है, खुद को भविष्य के लिए तैयार भी कर रहा है। महाराष्ट्र सहित पूरे भारत की भावनाओं के अनुसार बीते कुछ महीने से हम लगातार उन चुनौतियों को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं। जो बाते दशकों से चली आ रही थीं आज हमने सामने से उनसे टकराने का मन बना लिया है। पांच अगस्त को, क्या हुआ पांच अगस्त को? पांच अगस्त को आपकी भावना के अनुरूप भाजपा एनडीए सरकार ने एक अभूतपूर्व फैसला लिया, जिसके बारे में सोचना तक पहले असंभव लगता था। एक ऐसी स्थिति, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के गरीब की स्थिति, बहन-बेटियों की, दलितों की, शोषितों के विकास की संभावनाएं नहीं के बराबर थीं और आज जब हम वाल्मीकि जयंती मना रहे हैं। आप हैरान हो जाएंगे 70 साल हो गए, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में रहने वाले मेरे वाल्मीकि भाइयो-बहनो को मानव को जो अधिकार होते हैं उन अधिकारों से भी वंचित कर दिया गया था। आज मैं भगवान वाल्मीकि के चरणों में नमन करते हुए कहता हूं कि मेरे वाल्मीकि भाइयों को गले लगाने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। एक ऐसी स्थिति, जिसमें सिर्फ और सिर्फ एक ही प्रकार का विस्तार हो रहा था, ये विस्तार था आतंक का, अलगाव का, एकता और एकीकरण की सोच के खिलाफ षडयंत्रों का।
भाइयो-बहनो, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमारे लिए सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा भर नहीं है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का मस्तक है, मां भारती का शीष है। वहां का समूचा जीवन, वहां का कण-कण, भारत की सोच को, भारत की शक्ति को मजबूत करता है। अब आस-पड़ोस की नापाक शक्तियों की गिद्ध दृष्टि जम्मू-कश्मीर की शांति को भंग करने और वहां खून-खराबा कराने पर, और तब हमने सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कदम भी उठाए। समय के साथ-साथ तमाम सावधानियां बरतते हुए वहां की स्थिति को पूरी तरह से सामान्य बनाने के निरंतर प्रयास कर रहे हैं। 40 साल तक जो असामान्य परिस्थिति रही उसको सामान्य बनाने में चार महीने भी नहीं लगेंगे, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं लेकिन आज दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देश के कुछ राजनीतिक दल, कुछ राजनेता, राष्ट्रहित में लिए इस निर्णय पर राजनीति करने में जुटे हैं और ये राजनीतिक दल यहां महाराष्ट्र में भी आपके वोट लेने के लिए आपके बीच में चक्कर काट रहे हैं।
भाइयो-बहनो, आप बीते कुछ महीनों में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के बयान देख लीजिए, इनके नेताओं की मेल-मुलाकातें देख लीजिए। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर जो देश सोचता है उससे एकदम उल्टा इनकी बातों में दिखता है, उनकी सोच में दिखता है, उनके व्यवहार में दिखता है। इन दलों की भूमिका भारत की कम, पड़ोसी देश के लोग जो भाषा बोलते हैं, ऐसा लग रहा है उनके साथ बड़ा तालमेल नजर आ रहा है। तरह-तरह के बहाने बनाकर ये महाराष्ट्र की, देश की भावनाओं के साथ खड़े रहने में संकोच कर रहे हैं।
साथियो, हमारे लिए तो पांच अगस्त का निर्णय और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नए रास्ते पर लाने का निर्णय भी अटल है। और आज मैं महाराष्ट्र की धरती, बाबा साहेब अंबेडकर की धरती से, महात्मा ज्योतिराओ फुले की धरती से, छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती से मैं विरोधियों को चुनौती देता हूं अगर आप में हिम्मत है तो इस चुनाव में स्पष्ट स्टैंड लेकर के आप सामने आएं, अगर आप में हिम्मत है और कान खोलकर के हमारे विरोधी सुन लें अगर आप में हिम्मत है तो इस चुनाव में भी और आने वाले चुनावों में भी, आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विषय में अनाप-शनाप बातें करने वाले लोग अगर हिम्मत है तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में घोषणा करें कि वे धारा-370, 35-ए जो भाजपा ने मोदी सरकार ने लगाई है वो घोषणा करें कि वापस लाएंगे, पांच अगस्त के निर्णय को हम पलट देंगे, चुनौती देता हूं मैं ये घड़ियाली आंसू बहाना बंद कर दो। आप मुझे बताइए, ये रोज घड़ियाली आंसू बना रहे हैं लोगों को मूर्ख बना रहे हैं, इनमें किसी में दम है अब 370 वापस ले आएं। आप लोग लाने देंगे? क्या हिंदुस्तान लाने देगा? और लाने की कोशिश करेगा वो बच पाएगा क्या? उसका राजनीतिक भविष्य बचेगा क्या? देश उसको स्वीकार करेगा क्या? जब इन लोगों को भी मालूम है कि इनकी चलने वाली नहीं है तो क्या घड़ियाली आंसू बहा रहे हो।
भाइयो-बहनो, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लिया गया फैसला भाजपा के उन संस्कारों का भी आईना है, हमारे वादों और इरादों में एक स्पष्टता भी है और वादों को पूरा करने का साहस भी है, हमारे लिए कथनी और करनी में भेद नहीं है इसका एक और उदाहरण तीन तलाक के खिलाफ बनाया गया कानून है। कांग्रेस समेत तमाम दलों ने कितनी ही कोशिशें कीं कि मुस्लिम बहू-बेटियों को इंसाफ ना मिल पाए, अधिकार ना मिल पाएं, कितनी ही बार उन्होंने कानून के रास्ते में रोड़े अटकाए लेकिन हमने मुस्लिम मां-बहनों को जो वादा किया था, हमने उसको निभाया है। हमारे संकल्प और उनकी सिद्धि ही हमारे संस्कार हैं और इसमें भी मैं विरोधी दलों को चुनौती देता हूं। आप में हिम्मत है तो आइए खुले मैदान में और घोषणा कीजिए कि हम फिर से तीन तलाक का कानून लाएंगे, करो, नहीं करेंगे क्योंकि उनको पता है कि तीन तलाक के कारण सिर्फ मुस्लिम मातओं बहनों को हक मिला ऐसा नहीं लेकिन मुस्लिम पुरुष, वो सिर्फ पति नहीं है वो पिता भी है, भाई भी है और मुस्लिम पुरुष भी सोचता है चलो अच्छा हुआ पति के नाते तो शायद मुझे ठीक नहीं लगता है लेकिन पिता के नाते मुझे लगता है अब मेरी बेटी सुरक्षित हो गई, भाई के नाते मुझे लगता है कि मेरी बहन सुरक्षित हो गई। इसलिए आज हिंदुस्तान के मुसलमान पुरुष हो या स्त्री हो तीन तलाक के मुद्दे पर उज्जवल भविष्य की ओर देखकर चलने के लिए तैयार हैं, देश को और क्या चाहिए। पांच वर्ष पहले अक्टूबर में मैं जब आपके बीच आया था तो मैंने देश के बाद महाराष्ट्र में भी भाजपा को महायुती को अवसर देने का आग्रह किया था। मैंने आपको वचन दिया था कि अगर आपने मौका दिया तो महाराष्ट्र को स्थिर सरकार मिलेगी, स्वच्छ सरकार मिलेगी, सशक्त सरकार मिलेगी, संवेदनशील सरकार मिलेगी, सबके साथ से सबका विकास करने वाली सरकार मिलेगी।
साथियो, आब आप बताइए ये पांचों बातें बीते पांच वर्षों में जमीन पर उतरी की नहीं उतरीं? पांच वर्ष में देवेंद्र फणनवीस के रूप में एक ही मुख्यमंत्री रहा कि नहीं रहा? वरना पहले तो ऐसे ग्रहों की छाया थी की इतने बड़े लंबे कालखण्ड में एक ही मुख्यमंत्री थे जिनको पांच साल रहने का सौभाग्य मिला था उसके बाद देवेंद्र फणनवीस दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिनको पांच साल और ये राजनीतिक सिद्धा ने पूरे महाराष्ट्र की हिंदुस्तान में गरिमा बढ़ाई ऐसा नहीं है, आज दुनिया में भी महाराष्ट्र और मुंबई की वाहवाही होने लगी है। पांच वर्ष में हर क्षेत्र, हर वर्ग, हर समुदाय का एक समान विकास हुआ है या नहीं? पांच वर्ष में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से मुक्त शासन मिला या नहीं, पांच वर्ष में सामाजिक सद्भाव महाराष्ट्र में सशक्त हुआ या नहीं?
भाइयो-बहनो, बीते पांच साल में हमारे देवेंद्र फणनवीस जी और उनकी टीम ने महाराष्ट्र को विकास और विश्वास के नए रास्ते पर आगे बढ़ाने का काम किया है। महाराष्ट्र का युवा हो महाराष्ट्र की बहन बेटियां हों, सभी के लिए एक विश्वस्त साथी के रूप में सरकार ने काम किया है। सड़क से लेकर सिंचाई तक, पढ़ाई से लेकर दवाई तक हर क्षेत्र में महाराष्ट्र देश के अग्रणी राज्यों में रहा है, किसान हो या कारोबार हर किसी को नया आत्मविश्वास देने में सरकार सफल रही है।
साथियो, बीते पांच वर्ष के हमारे काम से यहां विपक्ष भी हैरान और परेशान है, हमारे विरोधी भी आज ये मांग रहे हैं कि महायुती का नेतृत्व कर्मशील भी है और ऊर्जावान भी। थके हुए साथी एक दूसरे के लिए सहारा तो बन सकते हैं, महाराष्ट्र के सपनों को, हां के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम कभी नहीं बन सकते। आप देखिए हमारे यहां मंच पर एक से बढ़ कर एक नवजवान नेता दिखाई देंगे और लगातार नए नेता उभर रहे हैं। मैंने अभी एक वीडियो देखा सोशल मीडिया पर, सच्चा है झूठा है वो आप जांच कीजिए मैंने तो देखा इसलिए बताता हूं। एक नेता जी सोफा पर बैठे हैं उनकी पार्टी के नेता आए तो तीन-चार ने पकड़ कर उनको खड़ा किया और फिर माला पहनाई तो बीच में एक छोटी जगह थी तो एक नवजवान ने अपनी मुंडी दिखाई तो ये इतने बड़े नेता जिसकी जीवन भर अखबारों में फोटो छपती रही है, टीवी पर दिखते रहे हैं, बड़ा माना गया है लेकिन मन इतना छोटा था लेकिन एक नवजवान की मुंडी दिखी तो उसे कोहनी मारकर हटा दिया। मैं हैरान हो गया, जो लोग अपने ही दल के लोग जो मंच पर बैठे हुए अपने महत्वपूर्ण साथी की मुंडी भी माला में घुस गई तो कोहनी मारकर के बाहर निकाल दिया। जो अपने ही दल को बड़ा नहीं बना सकते, वो आपके बेटे को कैसे बड़ा बनाएंगे।
साथियो, मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र के विकास की तेज गति और निरंतर प्रगति में एक सार्थक योगदान का अवसर हमें मिला है। जब यहां की गरीब बहनों, आदिवासी बहनों के जीवन में आए बदलाव के बारे में सुनते हैं तो हमें संतोष होता है। आज महाराष्ट्र की करीब 10 लाख बहनें हमारी सरकार की आवास योजना की वजह से अपने पक्के घर में अपने परिवार की देखभाल कर पा रही हैं अब उनको इस बात की चिंता नहीं है कि त्योहार में वो मेहमानों को कहां जगह देंगी, बरसात में बच्चों को कहां सुलाएंगी और 10 लाख बहनों को जो खुशी बीते पांच वर्ष में मिल चुकी है। आने वाले कुछ महीनों में 10 लाख और बहनों को अपना पक्का घर मिलना तय है। ऐसा पक्का घर जिसमें अपने भी बनेंगे और अपनों के सपने भी पलेंगे। महाराष्ट्र के, देश के हर गरीब के सपने को 2022 तक पूरा करने के लिए हम पूरे सामर्थ्य के साथ जुटे हैं और इस गति को और तेज करने के लिए देवेंद्र फणनवीस की अगुवाई पर भी फिर मोहर लगाने का आह्वाहन करने के लिए आज हम सभी यहां एकत्र हुए हैं।
भाइयो-बहनो, चार महीने पहले ही आपने ये तय किया है कि नए भारत के निर्माण में महाराष्ट्र की भूमि का अहम रोल है। किसान, जवान और नवजवान के जीवन को बेहतर बनाने के जिस संकल्प को लेकर भाजपा-एनडीए का गठबंधन आपके बीच आया था उस पर पूरे महाराष्ट्र ने विश्वास जताया। आज जलगांव से लेकर पूरे महाराष्ट्र की जनता देख रही है कि सरकार बनाने के बाद कितनी तेजी से संकल्प को सिद्धि में बदलने का काम शुरू हो चुका है। भाजपा के संकल्प पत्र की अनेक बातें अब या तो जमीन पर उतर चुकी हैं या तो उनको पूरा करने के लिए योजनाएं शुरू हो चुकी हैं।
साथियो, लोकसभा चुनाव के दौरान हमने आपसे वादा किया था कि सरकार बनते ही पीएम सम्मान निधि का दायरा हर किसान परिवार तक पहुंचाया जाएगा। आज महाराष्ट्र के हर किसान के बैंक खाते में सीधी मदद पहुंचाई जा रही है इसमें भी महाराष्ट्र प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। देवेंद्र जी आपको बधाई, आपकी टीम को भी बधाई। यहां के सात लाख किसानों के खाते में लगभग 2000 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं, इसमें कोई बिचौलिया नहीं है। जिन किसान का आधार लिंक करने में थोड़ी दिक्कत आ रही है, बैंक में नाम का स्पेलिंग एक है आधार में स्पेलिंग अलग है उनके लिए भी छूट देने का फैसला सरकार कर चुकी है। आने वाले कुछ दिनों में ऐसे साथियों के बैंक खाते में भी सीधी-सीधी मदद पहुंचाई जाएगी और चार महीने के भीतर-भीतर, फिर से ये जो छोटी-छोटी टेक्निकल कमियां हैं इसके दूर करके चार महीने के भीतर-भीतर आधार से जोड़ने का काम भी कर दिया जाएगा और पैसे भी पहुंचा दिए जाएंगे।
भाइयो-बहनो, भाजपा के तमाम साथियों ने महाराष्ट्र सहित पूरे देश के छोटे किसानों को पेंशन की सुविधा से जोड़ने का भी संकल्प लिया है। सरकार बनते ही हमने निर्णय लिया कि छोटे किसान परिवारों और कारोबारी और दुकानदारों को 60 वर्ष के बाद तीन हजार रुपए की नियमित पेंशन की सुविधा भी दी जाएगी। आज पीएम किसान मानधन योजना और पीएम व्यापारिक पेंशन योजना से लाखों किसान और दुकानदार साथी जुड़ रहे हैं। अभी तक देश भर में करीब 18 लाख किसान पेंशन योजना का हिस्सा बन चुके हैं जिसमें से 70 हजार से अधिक यहीं ये मेरे महाराष्ट्र के हैं।
साथियों एक और बहुत बड़े संकल्प को हम जमीन पर उतारना शुरू कर चुके हैं, ये संकल्प पानी का है। महाराष्ट्र सहित पूरे देश के हर घर को जल से जोड़ने का, इस संकल्प को पूरा करने के लिए जल जीवन मिशन पर साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और ये तो स्वयं भी जलगांव है और जलगांव से ही जल पहुंचाने का संकल्प लेने का मुझे मौका मिला है। जाहिर है इस बजट का बहुत बड़ा लाभ महाराष्ट्र को होने वाला है। जलगांव सहित उत्तर महाराष्ट्र के हर जिले, हर गांव को इसका लाभ मिलने वाला है लेकिन इतने व्यापक अभियान को सिर्फ सरकार नहीं चला सकती है, इसमें पूरे महाराष्ट्र की भूमिका अहम रहने वाली है। जलयुक्ति शिवार का जो अभियान यहां देवेंद्र जी की टीम आप सभी साथियों के साथ मिलकर चला रही है उससे इस मिशन को और गति मिलने वाली है। आज जल बचाने और जल संरक्षण के लिए आप अपने स्तर पर जो भी प्रण कर रहे हैं उनको हम तकनीक से जोड़ने वाले हैं, हमारे पानी के स्रोतों को कैसे एक ग्रिड से जोड़ा जा सकता है और फिर कैसे उस ग्रिड से घर-घर तक पानी उचित मात्रा में पहुंचाया जा सकता है इसके लिए काम किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि हमारी बहनों को पानी की चिंता से मुक्ति मिले और हमारे किसान परिवारों की बारिश पर निर्भरता भी कम हो।
भाइयो-बहनो, पानी सिर्फ किसान की ही आवश्यकता ही नहीं है बल्कि उद्योगों के लिए भी महत्वपूर्ण शर्त है। महाराष्ट्र के इस हिस्से में उद्योगों के लिए बहुत स्कोप है, विशेष तौर पर खेती से जुड़े उद्योगों के लिए यहां की स्थितियां और परिस्थितियां अनुकूल हैं, बीते पांच वर्षों में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत हुआ है। पिछली बार जब जलगांव आया था तो यहां के केला किसानों की समस्याओं के बारे में विस्तार से जाना था। महायुती की सरकार ने इन परेशानियों को दूर करने की पूरी कोशिश की है। पर्याप्त पानी और पर्याप्त बिजली के लिए यहां जिस तरह से कोशिशें हो रही हैं उसके बाद यहां के औद्योगिकरण में पंख लग जाएंगे, युवाओं को रोजगार के अनंत अवसर मिल पाएंगे। साथियो, अब हम किसानों को पोषक के साथ निर्यातक बनाने की भी गंभीरता से कोशिश कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग उद्योगों की इसमें अहम भूमिका रहने वाली है। जलगांव का केला हो या फिर हमारे आदिवासी क्षेत्रों का वन-धन इस पूरे इलाके की आर्थिक स्थिति में तेजी से बदलाव आने वाला है। भाइयो-बहनो, जलगांव सहित इस पूरे क्षेत्र में आधुनिक सड़कों के साथ-साथ रेल-वे और हवाई कनेक्टिविटी को भी मजबूत किया जा रहा है। जलगांव अब उड़ान योजना के साथ भी जुड़ चुका है, रेलवे से जुड़े हुए प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो चुका है और जिन पर काम चल रहा है वो जल्द ही कंप्लीट कर लिया जाएगा। मनमाड और इंदौर के बीच रेल लाइन का जो काम हमारी सरकार ने शुरू करवाया है।
साथियो, एक ओर राज्य में डबल इंजन का डबल शक्ति का उदाहरण महाराष्ट्र ने देश के सामने रखा था, उससे देश के अनेक राज्यों ने प्रेरणा ली। अब उसी संकल्प को दोहराने का समय है। महाराष्ट्र के विकास की गति को हमें इसी तरह निरंतरता देनी है, महाराष्ट्र के विकास की गति को हमें और तेज करना है ये तभी संभव हो पाएगा जब देवेंद्र फणनवीस जी के नेतृत्व में एक बार फिर मजबूत सरकार यहां बनेगी। मैं आप सब से सवाल पूछूं क्या? सब जवाब देंगे? क्या आप सभी ये काम करेंगे? 21 अक्टूबर को भारी मतदान सुनिश्चित करेंगे? इधर-उधर चले तो नहीं जाओगे ना?
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।