The Congress and its ‘Mahamilawati’ allies spent decades ruling the country but could not eradicate poverty from the country: PM Modi
The reason that people do not trust the false promises made by the Congress anymore is because they have seen its past track-record: PM Modi in M.P.
In the past months, thepeople of M.P. have witnessed how the state government of Congress has totally failed to meet the expectations of the people: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

राम-राम, जै माई की। जिस धरती ने अटल बिहारी वाजपेयी जी, विजिया राजे सिंधिया जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी जैसे देश को दिशा देने वाले महान व्यक्तित्व दिए, उस धरती को मैं प्रणाम करता हूं। आज ग्वालियर-चंबल की इस धरती पर ऐसे समय पर आया हूं जब देश में चार चरणों का चुनाव हो चुका है और इसमें कांग्रेस और उसके साथी चारों खाने चित हो चुके हैं। ये मेरा सौभाग्य है की आप लोगों का इतना स्नेह, आशीर्वाद मुझे और मेरे सभी साथियों को मिल रहा है। आज यहां मैं अपना प्रचार नहीं, आपका आभार व्यक्त करने आया हूं। 2014 से 2019, मैं जो कुछ भी कर पाया हूं, वो आपके साथ और सहयोग के कारण कर पाया हूं, आपके समर्थन के कारण कर पाया हूं और इसके लिए मैं आप सब का, पूरे मध्यप्रदेश का आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं।

साथियो, ये तो पूरी दुनिया ही पहली बार देख रही है की कैसे देश के लोगों ने अपने इस सेवक के प्रचार की कमान लोगों ने खुद ही संभाल ली है। मैं कहीं पर भी जाता हूं, कार्यकर्ताओं से पूछता हूं कि क्या हाल है भाई चुनाव का। वो कहते हैं साहब, हम कहां चुनाव लड़ रहे हैं, चुनाव तो जनता लड़ रही है, आपके लिए लड़ रही है। शायद 77 के बाद इमरजेंसी के बाद ये पहला चुनाव है जो देश की जनता लड़ रही है और सरकार को दोबारा बनाने के लिए लड़ रही है। जब देश का नवजवान दिन-रात फिर एक बार मोदी सरकार कह के दौड़ रहा हो। जब देश की माताएं-बहने-बेटियां, मेरा प्रचार कर रही हों, जब देश के छोटे-छोटे उद्यमी मेरा प्रचार कर रहे हों तो इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिए और क्या हो सकता है।

साथियो, 2019 के इस चुनाव में एक तरफ महामिलावट करने वालों की गाली-गलौज, झूठ और प्रपंच है और दूसरी तरफ अपने इस सेवक पर जनता जनार्दन का विश्वास है। ये कांग्रेस और उनके सब महामिलावटी, ये कहते हैं मोदी हटाओ लेकिन जिस गरीब को पक्का घर मिला है वो कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस बहन को शौचालय मिला है, इज्जतघर मिला है वो कह रही है। फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस गरीब बहने को मुफ्त में गैस कनेक्शन मिला है, धुएं से मुक्ति मिली है वो कह रही है, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस गरीब परिवार को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त सुनिश्चित हुआ है, आयुष्मान योजना उसके दरवाजे पहुंच गई है वो कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिन किसानों के खाते में साधी सहायता पहुंच रही है, जिन्हें छोटे खर्चो के लिए अब उधार नहीं लेना पड़ रहा है वो कह रहे हैं, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस मिडिल क्लास के लिए पांच लाख रुपए तक की इनकम पर हमने टैक्स जीरो किया है, जो देख रहा है की हमने महंगाई नियंत्रण में रखी है वो कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार।

साथियो, एक तरफ जातिवादियों और वंशवादियों की जिद्द है मोदी को हटाने की, दूसरी तरफ जनता की भी जिद्द है, जनता भी अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। जनता ने महामिलावटी नेताओं को कह दिया है, आएगा तो मोदी ही। भाइयो-बहनो, अब जो बात मैं कहने जा रहा हूं। अब इतना प्यार करोगे तो मुझे ग्वालियर में ही रहना पड़ेगा।

भाइयो-बहनो, मैं आज देश के भविष्य के साथ कुछ बात करना चाहता हूं। वो नवजवान, युवा और युवती जो इक्कीसवीं सदी में लोकसभा के लिए पहली बार वोट देने वाले हैं। जो नवजवान इक्कीसवीं सदी का भविष्य, उंगली दबा कर के, कमल के निशान पर बटन दबा कर के देश का भविष्य सुनिश्चित करने वाले हैं। जो फर्स्ट टाइम वोटर है, जो पहली बार लोकसभा में मतदान करने वाले हैं। उनके लिए ये बात सामान्य नहीं है, जिनके पहली बार वोट करने का, देश का भविष्य तय करने का अवसर मिला है, ऐसे सभी मतदाताओं को, युवक और युवतियों को मैं हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं। लेकिन मैं आज उनके सामने देश की राजनीति का एक चित्र रखना चाहता हूं और मुझे विश्वास है की मेरी ये नई पीढ़ी देश के लिए सोचेगी, देश के लिए मतदान करेगी। और नई पीढ़ी का मत, पांच साल के लिए नहीं है क्योंकि जो पहली बार वोट देने जा रहा है वो 18-19-20 साल का नवजवान, उसे तो 21वीं सदी में अपना पूरा जीवन गुजारना है। इसलिए उसका वोट 21वी सदी की उसकी जिंदगी के लिए है।

भाइयो-बहनो, भारत की राजनीति का एक चित्र, भारत की राजनीति में चार-चार अलग-अलग तरह की राजनीतिक परंपराएं रही हैं। ये चार दलीय व्यवस्थाएं ही देश की स्थिति, देश के विकास की गति इन्हीं के हाथ में रही है, ये चार हैं कौन। मैं चाहूंगा की देश की नई पीढ़ी इस बात को समझे और ग्वालियर ऐसे बुद्धिजीवियों की ऐसी जगह है तो मेरा मन भी करता है की राजनीति की बात करते-करते कुछ एकेडेमिक चर्चा भी उनके साथ कर लूं। इसलिए राजनीतिक मंच होने के बावजूद भी कुछ मैं उन बातों को भी करना चाहता हूं जो आने वाले दिनों में, यूनीवर्सिटीज में, टीवी डिबेट में चुनाव नतीजों के बाद भी इसकी गूंज सुनाई देनी चाहिए। ये चार कौन है, इसमें पहला है नामपंथी, दूसरा है वामपंथी, तीसरा है दाम और दमनपंथी और चौथा है विकासपंथी। आपको ऐसी बात सुनना ठीक लगेगा ना? नामपंथी, जो दिन-रात अपने वंशवादी नेता का नाम जपे, पार्टी में किसी सामान्य कार्यकर्ता को आगे ना बढ़ने दे, ये है नामपंथी जमात, हमारे देश में वो जमात आप जानते हैं। दूसरी है वामपंथी, वामपंथी यानी जिन्होंने बंगाल को बर्बाद किया, जिन्होंने त्रिपुरा को बर्बाद किया, जिन्होंने केरल को बर्बाद किया और ये वामपंथी यानी जो मरी पड़ी विदेशी विचारधारा को भारत में जिंदा करने की कोशिश करें, हिंसा का सहारा लें, वे हैं वामपंथी। तीसरा है दाम और दमनपंथी, यानी जो धन और गन से सत्ता पर कब्जा करना चाहे। आज फिर बंगाल दाम और दमन से कुचला जा रहा है। भाइयो-बहनो, और चौथी है विकासपंथी यानी भारतीय जनता पार्टी जैसे दल जिनके लिए देश का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है, जो सत्ता को सेवा मानते हैं।

साथियो, इस लोकसभा चुनाव में आप अपने जीवन का पहला वोट करने जा रहे हैं। आपका एक-एक वोट तय करेगा की देश में किसी तरह की राजनीतिक परंपरा, राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक दल मजबूत होने चाहिए। एक तरफ नामपंथी, वामपंथा, दाम और दमनपंथी दल हैं तो दूसरी तरफ हमारे जैसे विकासपंथी हैं। आपका एक वोट देश को दिशा देने का काम करेगा।

भाइयो-बहनो, नामपंथी, वामपंथा, दाम और दमनपंथी रीजनीति ने हमेशा देश में विकास की गति को रोका है। युवाओं का आशाओं, आकाक्षाओं को रौंदा है, कांग्रेस के नेता मध्यप्रदेश में हो या दिल्ली में इनका एक ही एजेंडा है। अपने बच्चों के लिए तिजोरियां भर लो, उन्हें मध्यप्रदेश और देश के युवाओं की चिंता नहीं है, सिर्फ अपने परिवार की चिंता है।

साथियो, अपने परिवार के लिए ये देश की साख को भी दांव पर लगा देते हैं। आप जरा 2014 से पहले की तस्वीरें याद कीजिए। कांग्रेस जब सत्ता में थी तो वो दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं को भारत बुलाते थे, भारत आते थे लेकिन वो भारत को किस तरह पेश करते थे। ये नामदार ने दुनिया के नेताओं को भारत की गरीबी दिखाने के लिए उनकी हर मुलाकात का उपयोग किया। इन लोगों ने भारत की गरीबी को दुनिया में ब्रांड की तरह बेचा है। इन्होंने भारत की छवि सांप-सपेरे वाले देश की बनाई थी और आज भी सांप-सपेरों से आगे वो नहीं बढ़ पाते हैं। भाइयो-बहनो, वहीं जब राष्ट्र के गौरव को सर्वोच्च रखने वाली सरकार आती है तब क्या स्थिति होती है ये आपने बीते पांच वर्षों में देखा है। आज विदेशी मेहमान आते हैं गंगा आरती की तस्वीर देखने, आज विदेशी मेहमान आते हैं कुंभ की दिव्यता और भव्यता देखने, आज विदेशी मेहमान आते हैं भारत की सोरल एनर्जी को, उसकी शक्ति देखने के लिए, आज विदेशी मेहमान आते हैं तो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति, स्टेचू ऑफ यूनिटी, सरदार वल्लभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए। कांग्रेस के नामदारों ने दुनिया को भारत की गरीबी दिखाई और हमने भारत का गौरव दिखाया।

साथियो, इनके गरीबी दर्शन कार्यक्रम का एक उदाहरण तो कुछ दिन पहले ही मीडिया में आया है। यहीं पड़ोस में टीकमगढ़ की आदिवासी बहन की एक झोंपड़ी को भी अपने इस पर्यटन के लिए नामदार ने 2008 में चुना था और उस आदिवासी बहन के घर गए, पूरा कैमरे का ताम-झाम लेकर के गए। फोटो निकलवाए, उस आदिवासी की झोंपड़ी में खाना खाया और खाना खा कर जैसे उस गरीब मां पर एहसान किया हो, वो भी किया। उसके बाद, ये घटना 2008 की है और अभी मीडिया ने निकाला है की उसके बाद 2014 तक रिमोट कंट्रोल सरकार रही दिल्ली में, नामदार की सरकार रही लेकिन नामदार ने उस गरीब मां का, उसके नमक का कर्ज नहीं चुकाया, उस नमक को भी भूल गए। मैं मीडिया में देख रहा था की अब जाकर मोदी के आने के बाद, नमक तो वो खा गए लेकिन नमक का हक मोदी ने चुकाया। मोदी ने आ कर के प्रधानमंत्री योजना के तहत, अपना पक्का घर अब उस बहन को मिल पाया है और खुद पक्के घर में रहने गई है।

भाइयो-बहनो, गरीब को लेकर ये कितने संवेदनशील रहे हैं, इसका एक और उदाहरण आज मीडिया में छाया हुआ है। साथियो, यूपी के अमेठी में एक अस्पताल है। इस अस्पताल के ट्रस्टी नामदार परिवार के सदस्य हैं। कुछ दिन पहले इस अस्पताल में एक गरीब, आयुष्मान कार्ड लेकर अपना इलाज कराने के लिए गया। वो मौत के साथ लड़ाई लड़ रहा था, वो जीने के लिए तड़प रहा था, उसके हाथ में मोदी का दिया हुआ आयुष्मान योजना का कार्ड था, वो अस्पताल गया। आप जानकर के हैरान हो जाएंगे, अमेठी का वो अस्पताल, जिसका काम ये नामदार परिवार चलाता है उस अस्पताल ने मरीज को इसलिए मना कर दिया की उसके हाथ में मोदी का दिया हुआ आयुष्मान भारत का कार्ड था। जानते हैं नामदार परिवार के अस्पताल ने उस गरीब को क्या कहा। मीडिया की अगर बात मानें तो उस गरीब को कहा गया की ये मोदी का अस्पताल नहीं जहां आयुष्मान कार्ड चल जाए। सोचिए, भाइयो-बहनो, गरीब की बीमारी को लेकर, उसकी मुश्किल परिस्थिति को लेकर कांग्रेस से जुड़े लोगों का ये कितना भयंकर रवैया है। भाइयो-बहनो, दुख की बात तो ये है की इलाज से इनकार करने पर अमेठी का वो गरीब अब इस दुनिया में नहीं है, उसकी मृत्यु हो चुकी है। अमेठी में उस मृत्यु के गुनहगारों को सजा मिलनी चाहिए। 

भाइयो-बहनो, गरीब की भलाई में भी कांग्रेस पहले अपनी राजनीति देखती है। ये हाल सिर्फ अमेठी के अस्पताल का ही नहीं है, राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां आयुष्मान योजना लागू नहीं की जा रही है। छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां आयुष्मान योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है। साथियो, इन नामदारों को सजा दिए जाने का समय आ गया है, देश की जनता ने नामदारों के परिवारों को दशकों तक स्नेह दिया था, उन पर विश्वास किया था लेकिन इतने लंबे शासनकाल में सिवाय धोखेबाजी इन्होंने कुछ नहीं किया। याद है आपको, नामदार ने यहां ग्वालियर में ही 1,2,3,4,5 दस की गिनती सिखाई थी कि नहीं सिखाई थी और उन्होंने कहा थी की दस दिन में किसान का कर्ज माफ नहीं तो मुख्यमंत्री साफ। ये कहा था कि नहीं कहा था, ये वादा किया था कि नहीं किया था? अब पता चल रहा है की किसानों को बैंकों के नोटिस आ रहे हैं लेकिन नामदार के दस दिन नहीं आ रहे हैं। हां, एक काम जरूर हो गया, सीएम तो साफ नहीं हुए बल्कि एक नहीं, दो नहीं, ढाई-ढाई मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में थोप दिए गए हैं।

भाइयो-बहनो, इन्होंने गरीबों के साथ-साथ हमारी आदिवासी बहनों को, गरीब बच्चों तक को नहीं छोड़ा। प्रसूता माताओं को पोषक आहार मिले, मध्यप्रदेश से भुखमरी और कुपोषण समाप्त हो, इसके लिए राष्ट्रीय पोषण अभियान ये चौकीदार चला रहा है, इसका पैसा भी कांग्रेस के रागदरबारी डकार गए। आज मध्यप्रदेश में नामदारों के जो बड़े-बड़े पोस्टर लगे हैं, जो टीवी में न्याय-न्याय का राग ये सुनाते हैं उसके लिए पैसा गरीब बच्चों के मुंह से निवाला छीन कर जुटाया गया है। साथियो, अब उन्होंने ठगी का एक और तरीका ढूंढा है। गरीबों से फर्जी फार्म भरवाए जा रहे हैं, नकली चेक दिए जा रहे हैं और यहां कर्मचारियों के ट्रांसफर के नाम पर, बिल्कुल पश्चिम बंगाल की तरह सिंडिकेट राज इन्होंने शुरू कर दिया है, ट्रांसफर उद्योग शुरू हो गया है। अभी तो चार महीने हुए हैं, कहीं से भी रुपए लाओ, बस। साथियो, अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए जो छल प्रपंच ये करते हैं उसका ही परिणाम आज देश को भुगतना पड़ रहा है। आज जो आतंकवाद और नक्सलवाद की समस्या है वो कैसे पैदा हुई। ये कांग्रेस सरकार की लापरवाही उसकी नाकामी की ही देन है।

साथियो, भाजपा के लिए सामान्य मानवी का जीवन सर्वोच्च प्राथमिकता है और राष्ट्र रक्षा ये सबसे बड़ा मुद्दा है। ग्वालियर-चंबल का ये पूरा क्षेत्र तो वीर-वीरांगनाओं और वीर माताओं का क्षेत्र है। उन्हीं के आशीर्वाद से यहां के सपूत आतंकियों और नक्सलियों के साथ लोहा ले रहे हैं लेकिन मैं उन्हें कांग्रेस के ढकोसलापत्र की याद दिलाना चाहता हूं, उनका मेनिफेस्टो, ये बस ढकोसलापत्र है और कुछ नहीं है। कांग्रेस ने वादा किया है की सत्ता में आए तो सैनिकों को मिला विशेष अधिकार हटा देंगे। देशद्रोह का कानून हटा देंगे। साथियो, सैनिकों के मान-सम्मान के लिए हमारी पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों के सम्मान के लिए इन लोगों के मन में कोई भावना नहीं है। दशकों से हमारे देश में सेना के जवान मांग कर रहे थे की आजाद हिंदुस्तान में जान देने वाले वीर-सुपूतों के सम्मान में एक नेशनल वॉर मेमोरियल बनना चाहिए। हमारे देश के पुलिस के जवान जो सामान्य मानवी की सेवा में लगे रहते हैं, ये हमारे पुलिस के जवान गर्मी हो, सर्दी हो, बारिश हो खड़े मिलते हैं। राखी का त्योहार हो, होली हो, दीवाली हो, वो सड़क पर खड़े रह कर के आपकी हिफाजत करते हैं और आप जानकर के हैरान होंगे भाइयो, देश आजाद होने के बाद, पुलिस की छवि जो लोगों ने बनाई होगी, मैं उनके प्रति बड़ा आदर करता हूं। आजाद हिंदुस्तान में 33 हजार पुलिस सामान्य मानवी की सेवा करते-करते शहीद हुए हैं। ये पुलिस वाले कह रहे थे की नेशनल पुलिस मेमोरियल बनना चाहिए।

भाइयो-बहनो, 70 साल परिवार के लिए तो बांति-भांति मेमोरियल बने लेकिन देश के लिए मर मिटने वाले सेना के जवान का सम्मान करने के लिए मेमोरियल नहीं बना। पुलिस के जवानों के लिए मेमोरियल नहीं बना, ये चौकीदार जब आया, ये सौभाग्य भी इस चौकीदार को मिला और हमने दिल्ली में बना दिया। और मैं ग्वालियर के लोगों को, मध्यप्रदेश के लोगों को कहूंगा की जब भी दिल्ली जाने का मौका मिले इन दोनों तीर्थों पर जा कर के जरूर सर झुका के आना दोस्तों, वो मरे हैं हमारे लिए, वो जिये हैं हमारे लिए, उनका सम्मान करना चाहिए। क्या देश के किसान को, देश के जवान को धोखा देने वाली कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? साथियो, कांग्रेस के कमजोर रवैये से अलग भाजपा नए हिंदुस्तान के लिए नई नीति और नई रीति पर काम कर रही है। किसी को छेड़ेंगे नहीं लेकिन छेड़ोगे तो छोड़ेंगे भी नहीं। ये नया हिंदुस्तान है ये नए हिंदुस्तान की नीति है, हम घर में घुसकर मारेंगे।

भाइयो-बहनो, बलिदानी और पानी बुंदेलखंड की कहानी की दो धुरियां हैं। यहां बलिदानियों की कमी नहीं है लेकिन पानी के लिए बहुत संघर्ष भी रहा है। भाजपा सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं। कांग्रेस ने जिन 14 बड़ी सिंचाई परियोजनाओं को अधर में लटका दिया था उनमें से 10 को हम पूरा कर चुके हैं। आने वाले पांच वर्षों में पानी के लिए हम समर्पित भाव से काम करने वाले हैं। अलग से एक जल शक्ति मंत्रालय बनाकर, आधुनिक तकनीक से पानी को बचाने और नदियों, समंदर से पानी देश के कोने-कोने में कैसे उपयोगी हो, इसके लिए व्यापक रूप से काम करने वाले हैं। भाइयो-बहनो, बीते पांच वर्ष माताओं-बहनों को धुएं से, खुले में शौच से और अंधेरे से मुक्ति दिलाने के लिए हमने बहुत कुछ किया। आने वाले पांच वर्ष माताओं-बहनों के पानी के संघर्ष को खत्म करने के लिए समर्पित करना मैंने तय किया है। साथियो, इन संकल्पों को पूरा करने के लिए इस बार पिछली बार से भी ज्यादा शक्ति से कमल खिलाना है। बूथ-बूथ पर कमल खिलाना है, आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा।

भइयो-बहनो, इतनी विशाल संख्या में आप हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.