Modi needs 400 seats to stop the conspiracies of Congress and the INDI Alliance: PM Modi in Dhar
Congress intends to prioritize minorities in sports as well: PM Modi in Dhar

सारा भाई काजे राम राम ! वारलु छे की नर्मदा मैया की जय ! कोटेश्वर और बालीपुर के संतों को मेरा प्रणाम!

आप सब अपना समय निकालकर मुझे आशीर्वाद देने आए हैं, ये मेरे लिए बहुत बड़े सौभाग्य की बात है। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। आप सब मेरा प्रणाम स्वीकार करिए।

साथियों,

आज सुबह मैं मेरा कर्तव्य निभाने गया था और सुबह मैं वोट करके आपके पास आया हूं। और मेरा हमेशा मत रहा है कि ये लोकतंत्र का उत्सव है। उत्सव को हमने, नागरिकों ने उत्सव के रूप में मनाया चाहिए और आज मैं धार में देख रहा हूं कि मेरी माताएं-बहनें-बेटियां जिस प्रकार से परंपरागत वेशभूषा में आई हैं जैसे अपने परिवार में कोई अवसर हो वैसे, ये लोकतंत्र का मिजाज है। आपने ये और मैं पक्का मानता हूं कि मीडिया वाले मुझे तो बहुत पब्लिसिटी देते हैं लेकिन थोड़ा आज ये उत्सव का माहौल बनाकर यहां जो मैं बहन-बेटियां देख रहा हूं क्या बढ़िया-बढ़िया वस्त्र पहनकर के आई है, लोकतंत्र का उत्सव मना दिया इन सबने। और लोकतंत्र और चुनाव ये महापर्व होता है लोकतंत्र का। और चुनाव में उत्सव का माहौल जब बन जाता है ना तो मतदान तो बढ़ता ही बढ़ता है लेकिन जो 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं घर में उनको लोकतंत्र का महात्म्य क्या है? चुनाव का महात्म्य क्या है? वोट देने का मतलब क्या होता है? एक प्रकार से चुनाव ये संस्कार संक्रमण की प्रक्रिया भी है। लोकतंत्र के प्रति समर्पण को और अधिक प्रभावी बनाने का ये उत्तम से उत्तम अवसर है और धार के मेरे भाई-बहनों ने आज ये माहौल जो बना दिया है उत्सव का, मैं धार के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। (यहां कुछ लोग ये फोटो वगैरह लेके आए हैं, आप सबके फोटो मैंने देख लिए हैं। अगर आप बैठ जाएंगे तो मेरे पे बड़ी कृपा होगा। क्योंकि पीछे सबको परेशानी होती है। मैंने देख लिया है, आप तस्वीर लाए हैं, कृपा करके आप बैठिए। नहीं बैठेंगे, उन तस्वीरों को नीचे रखिए, आराम से नीचे बैठिए। मैं आपका बहुत आभारी हूं कि आप इतनी मेहनत करके चित्र बनाकरके यहां लाए हैं। लेकिन आप आराम से बैठिए, थक जाएंगे।)

बोलो, भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

साथियों,

4 जून में अब एक महीना भी नहीं बचा है। आज तीसरे चरण की वोटिंग चल रही है। पहले चरण में विपक्ष पस्त पड़ गया था। दूसरे चरण में विपक्ष ध्वस्त हो गया था। आज तीसरे चरण के बाद जो इधर-उधर कुछ छोटे-छोटे टिमटिमाते तारे दिखते हैं वो भी अब अस्त होना तय हो जाएगा। क्योंकि पूरे देश ने ठान लिया है- फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार।

साथियों

यहां से महू ज्यादा दूर नहीं है। महू में ही बाबा साहेब आंबेडकर का जन्म हुआ था। ये भूमि मेरे जैसे कितने ही लोगों के लिए किसी तीर्थ स्थली से कम नहीं है। और मैं तो अगर स्वार्थ की भाषा में बोलूं, मुझे बोलना नहीं चाहिए लेकिन अगर स्वार्थ भाषा में बोलूं तो मैं कहूंगा बाबा साहेब का संविधान न होता तो मोदी इस जगह पर नहीं होता। ये बाबासाहेब का संविधान जिसके कारण आप मुझे यहां तक पहुंचा पाए। नहीं तो आज भी एक ही परिवार का राज देश में चल रहा होता। नामदार ही नामदार होते, कामदार का कोई हिसाब ही नहीं होता। लेकिन ये बाबा साहेब के संविधान की ताकत है कि नामदार को हटा के देश ने एक कामदार को बिठा दिया। और यही वजह है कि कांग्रेस बाबा साहेब से नफरत करती है? इसी नफरत में अब कांग्रेस ने एक और चाल चली है। कांग्रेस चाहती है कि संविधान बनाने का श्रेय बाबा साहेब को ना मिले। इसलिए अब कांग्रेस ने कहना शुरू कर दिया है कि बाबा साहेब का योगदान तो बहुत कम था...ये संविधान बनाने में सबसे ज्यादा भूमिका, सबसे बड़ी भूमिका ये उनके चाचा देश के पंडित नेहरू जी की थी। क्या ये बात आपके गले उतरती है क्या। हिंदुस्तान का बच्चा भी आज जानता है न भारत का संविधान बनाने में सबसे बड़ा योगदान बाबा साहेब अंबेडकर का था कि नहीं था। लेकिन इन परिवारवादियों ने पहले देश का इतिहास तोड़ा-मरोड़ा, आजादी के महान सपूतों को भुलवा दिया। इन परिवारवादियों ने अपना महिमामंडन करने के लिए, अपने ही गीत गाने के लिए, अपनी ही वाहवाही करने के लिए झूठा इतिहास लिखा। और अब ये संविधान को लेकर भी झूठ गढ़ने लगे हैं और उसको भी कब्जा करने के मिजाज में हैं। सच तो ये हैं कि कांग्रेस का ये परिवार बाबा साहेब से घोर नफरत करता है। कांग्रेस ने आंबेडकर जी की राजनीति को खत्म करने की हर साजिश रची। मैं इसे भाजपा सरकार का सौभाग्य मानता हूं। भाजपा के समर्थन वाली केंद्र सरकार ने कुछ वर्ष पहले बाबा साहेब को भारत रत्न दिया। ये जब गए तब मौका मिला। मैं इसे भी अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का अवसर मिला।

साथियों,

हार की हताशा में आजकल कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोग एक नई अफवाह उड़ा रहे हैं। ये कहते हैं मोदी को 400 सीटें मिल गईं, तो वो संविधान बदल देगा। ऐसा झूठ चलाते हैं न। ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस वालों की बुद्धि पर वोट बैंक का ताला पड़ गया है। अब इनको मैं बुद्धिमानी कहूं या न कहूं ये भी मेरे लिए सवाल है। अरे इनको पता होना चाहिए। 2019 से 2024 ये जो पांच साल मैंने सरकार चलाई न और 2019 में जो आपने वोट दिया था। 2019 से 2024 मोदी के पास एनडीए प्लस के रूप में 400 सीटों का समर्थन था ही था। अब ये इनको इतनी भी याद नहीं है। जनता ने इनको ऐसा मारा है कि अभी तक होश नहीं आया है। 2019 के बाद करीब-करीब 360 सीटें तो NDA के ही पास थीं। इसके अलावा तीन-चार क्षेत्रीय पार्टियों और निर्दलीय, पूरे पांच साल हमारे साथ खड़े रहे, ये सब अगर मैं मिला लूं, एनडीए प्ल्स का हिसाब लगा हूं तो ये करीब-करीब 400 पहुंच जाता है। और मोदी ने इन 400 सीटों का उपयोग किसलिए किस काम के लिए किया? मोदी ने 400 सीटों का उपयोग 370 हटाने के लिए किया। मोदी ने 400 सीटों का उपयोग SC/ST के आरक्षण को 10 साल आगे बढ़ाने के लिए किया। मोदी ने 400 सीटों का उपयोग आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाने के लिए किया। मोदी ने 400 सीटों का उपयोग महिला आरक्षण के लिए किया। और मोदी 400 सीटें क्यों मांग रहा है, ये भी देश को जानना जरूरी है। मोदी को 400 सीटें, यानि 2019 से 24 तक जो दिया उसको रिपीट करने के लिए मैं कह रहा हूं। मोदी 400 सीटें चाहिए ताकि मैं कांग्रेस और इंडी गठबंधन की हर साजिश को रोक सकूं। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 को फिर से वापस लाकर चिपका न दे, खेल बिगाड़ न दे। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस अयोध्या में राम मंदिर पर बाबरी ताला ना लगा दे। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस देश की खाली जमीन, खाली द्वीप, दूसरे देशों को ना सौंप दे। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस SC-ST-OBC से उनको जो आरक्षण मिला है न, बाबा साहेब अंबेडकर ने जो आरक्षण दिया है, भारत के संविधान ने जो आरक्षण दिया है, ये वोटबैंक के लिए डाका न डालें इसलिए 400 सीट चाहिए। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस अपने वोटबैंक की सभी जातियों को रातोंरात OBC ना घोषित कर दे। ओबीसी कोटा में डाका न डाले। 

साथियों

पिछले दो सप्ताह से 14 दिन हो गए जब मैंने कांग्रेस को तीन बातें लिखकर देने की चुनौती दी थी। मैंने कहा था- 140 करोड़ देशवासियों को लिखकर दो- धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दोगे। मैंने सही कहा कि नहीं कहा। मैंने कहा था- लिखकर दो- SC-ST-OBC का आरक्षण कभी नहीं छीनोगे। मैंने कहा था- लिखकर दो- कांग्रेस की राज्य सरकारें OBC कोटे से रातोंरात डाका डालकर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगी। मेरे तीन सवाल, बहुत सिंपल सवाल है, लेकिन कांग्रेस चुप करके बैठ गई है। मुंह पर ताला लगा दिया है उसने। ये चुप्पी खतरे वाली चुप्पी है। उनके अंदर खेल है और मैंने उनके दिमाग का एक्सरे निकाला है। वो आपका एक्सरे निकालने वाले हैं न, तो मैंने सोचा पहले इनके दिमाग को देखूं अंदर है क्या। तो उसमें वोटबैंक ही नजर आ रही है, हर चीज में वोट बैंक।  

साथियों

कांग्रेस तो चुप है लेकिन आज इनके एक बड़े साथी ने इंडी-गठबंधन के इरादों पर मुहर लगा दी। उनके एक नेता जो चारा खाने के कारण जेल में हैं। जो पशुओं का चारा खा रहे हैं, और अदालत ने जिनको सजा दिया है। सुप्रीम कोर्ट तक सबने मान्य किया है कि इन्होंने भ्रष्टाचार किया है। इनकी बेशर्मी देखो, अभी वो जमानत पर आए हैं बाहर, तबियत के कारण। जेल में कैद थे, कैदी हैं। गुनहगार है, अदालत ने उनको गुनहार बना दिया है। अरे आपके गांव में कोई छह महीने साज काटकर आए न, तो गांव वाले दूर रहते हैं। बेटी का व्यवहार करने से दूर रहते हैं। ये कांग्रेस वाले इतने गिर चुके हैं उनको माथे पर बिठा के नाच रहे हैं। अच्छा उन्होंने क्या कहा, अभी-अभी कहा है पिछले 24 घंटे में ही। उन्होंने कहा- मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए। और सिर्फ आरक्षण नहीं मिलना चाहिए, वो कहते हैं कि पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को मिलना चाहिए। इसका मतलब क्या हुआ? यानि SC/ST/OBC समाज को जितना आरक्षण मिला है, वो छीनकर, ये लोग पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को देना चाहते हैं। आखिर ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि यही वोट बैंक उसी के सहारे वो अपने सांस गिन रहे हैं। बाकी तो उनका सब खतम हो चुका है, कुछ बचा नहीं है। बारी-बारी से सब छोड़कर भाग गए। 

बताइए साथियों,

मोदी तो इतने दिनों से सिर्फ यही कह रहा था...कि ये आपके हक में से कुछ हिस्सा काटकर धर्म के आधार पर बांट देंगे। लेकिन इनकी साजिश तो और गहरी है। ये लोग अब डंके की चोट पर कह रहे हैं, जिस दिन वोटिंग हो रही है उस दिन कह रहे हैं। SC/ST/OBC का पूरा आरक्षण, ये मुस्लिम समाज को देना चाहते हैं। मैं आप से पूछ रहा हूं भाइयों-बहनों, ये धार की धरती है, राजा भोज की धरती है। आप मुझे बताइए, ये जो इंडी अलायंस वाले, कांग्रेस वाले और उनके चट्टे-बट्टे ये जो खेल कर रहे हैं। क्या आपको ये मंज़ूर है क्या? सबके सब हाथ ऊपर करके बताइए मंजूर है क्या। आप इसको मंजूरी दे सकते हैं क्या। ये आपके हकों को लूटना चाहते हैं, ऐसे लोगों का जमानत जब्त होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। इनको हमेशा-हमेशा राजनीतिक जीवन से दूर करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। जो बाबा साहेब को मंज़ूर नहीं था...जिसका बाबा साहेब ने अपने युग में विरोध किया था। क्या आप इसका विरोध करेंगे। इस बार ये कांग्रेस और उनके सब साथियों को चुन-चुन करके राजनीति में साफ कर देना ये बाबा साहेब अंबेडकर को बड़ी श्रद्धांजलि होगी। क्योंकि उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर की पीठ में छुरा घोंपा है। इन्होंने भारत के संविधान की पीठ में छुरा घोंपा है। मोदी ने इस चुनाव में कांग्रेस के सारे वादों-इरादों की पोल खोल दी है।

साथियों

कांग्रेस तुष्टिकरण के दलदल में ऐसा धंस चुकी है कि उसे और कुछ नजर नहीं आता है। कांग्रेस की चली तो कांग्रेस कहेगी कि भारत में जीने का पहला हक भी उसके वोटबैंक को है। अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने लिखा है, कांग्रेस सरकारी टेंडर में भी अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी सुनिश्चित करेंगे। यानि कांग्रेस ठेकेदारी में भी धर्म के आधार पर कोटा देगी। कांग्रेस का इरादा खेलों में भी अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता का है। यानि क्रिकेट टीम में कौन रहेगा, कौन नहीं रहेगा, ये कांग्रेस अब धर्म के आधार पर तय करेगी। मैं आज कांग्रेस से पूछता हूं। अगर ऐसा करना ही था तो 1947 में जब देश आजाद हुआ तो कांग्रेस ने देश का भारत माता का तीन टुकड़े क्यों कर दिए। भारत मां की भुजाएं क्यों काट दी। देश का बंटवारा क्यों किया। 47 में ही आप पूरा देश पाकिस्तान बना देते। उसी समय भारत का नामोनिशान मिटा देते। मैं आज दो टूक कह रहा हूं। और ये कांग्रेस वाले और उसके चट्टे-बट्टे जरा कान खोलकर सुन लो। और मैं बराबर पूरी ताकत से कह रहा हूं। कांग्रेस वाले और उनके सारे इंडी अलायंस वाले कान खोलकर सुन लो, जब तक मोदी जिंदा है...नकली सेक्यूलरिज्म के नाम पर भारत की पहचान मिटाने की कोई भी कोशिश मोदी सफल नहीं होने देगा। और ये हजारों वर्ष पुराने भारत को, उसकी इस संतान की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,

मोदी भारत को विकसित बनाने के मिशन पर निकला हुआ है। मोदी आया तो करोड़ों परिवारों को पहली बार पक्का घर मिला, माता-बहनों को टॉयलेट मिला। मोदी ने दलित, आदिवासी परिवारों की माताओं-बहनों को गरिमापूर्ण जीवन का अवसर दिया। 50 साल तक गरीबी हटाओ का सिर्फ नारा लगाने वाली कांग्रेस अब गरीब को मिल रही सुविधाओं से भी नाराज है। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि मुफ्त इलाज की योजना को बंद कर देंगे।  कांग्रेस के नेता कहते हैं कि मुफ्त अनाज की योजना को बंद करेंगे। मोदी मुफ्त अनाज देता है, क्यों, क्योंकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहना चाहिए। गरीब के घर का चूल्हा बुझना नहीं चाहिए। गरीब का बच्चा भूखा सोना नहीं चाहिए। और कांग्रेस कहती है अनाज देना बंद कर देंगे। इलाज मुफ्त करना बंद कर देंगे। आप मुझे बताइए, क्या आप कांग्रेस को ऐसा करने देंगे? क्या कांग्रेस को MP में एक भी सीट जीतने देंगे?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस के समय में गरीब अगर कुछ भी करना चाहता था, तो सबसे बड़ा सवाल होता था, गरीब की गारंटी कौन लेगा? आप उस दर्द को, गरीब की उस बेबसी को समझिए। उस गरीब के मन में कुछ करने की, कुछ बनने की इच्छा होती थी। लेकिन कांग्रेस की सरकार, कांग्रेस की बनाई व्यवस्था, उस गरीब पर भरोसा नहीं करती थी। कांग्रेस सोचती थी, गरीब पैसा लेकर भाग जाएगा ! महलों में रहने वाले कांग्रेस के नेताओं को पता नहीं, गरीब भागता नहीं है, गरीब मेहनत करता है, गरीब सूखी रोटी खा लेगा लेकिन गरीब कर्ज लेकर घी नहीं पीता।

साथियों

ये मोदी, ये गरीब का बेटा है, जिसने देश के हर गरीब की गारंटी ली है। मोदी ने 50 करोड़ से अधिक बैंक अकाउंट खोले। मोदी ने गरीब से बिना गारंटी लिए मुद्रा योजना के तहत उन्हें लगभग 30 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया। मोदी ने बिना गारंटी लिए रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले गरीबों को बैंकों से 11 हजार करोड़ रुपए की मदद दिलवाई।

भाइयों और बहनों,

भाजपा विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चलती है। लेकिन कांग्रेस ने विरासत के, आस्था के हमारे हर काम का विरोध किया। महाकाल महालोक का निर्माण भाजपा ने किया। कांग्रेस ने इसका कदम-कदम पर विरोध किया। देश की धरोहरों को संरक्षण देना और उससे रोज़गार पैदा करना ये भाजपा का प्रयास रहता है। इसलिए ही धार की भोजशाला, बाग गुफाएं, मांडू का जहाज महल ऐसी जगहों पर भाजपा सरकार सुविधाओं का विस्तार कर रही है।

साथियों,

बीते 10 सालों में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के इतने सारे काम हुए हैं। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे बनने से सबका जीवन आसान हो गया है। अभी कुछ दिन पहले यहां पर एक टेक्सटाइल पार्क का भी शिलान्यास हुआ है। ये पार्क बन जाने के बाद एक तो यहां के कपास किसानों को बहुत फायदा होगा। यहां पिथमपुर इंडस्ट्रियल ज़ोन है। आने वाले 5 सालों में यहां नए उद्योग आएंगे। और इन सबका लाभ इस क्षेत्र के मेरे नौजवानों को होने वाला है। 

साथियों

13 मई को आपको महिलाशक्ति को प्रणाम करते हुए वोट करना है। धार से बहन सावित्री ठाकुर और रतलाम से बहन अनीता नागर सिंह चौहान, इन दोनों को हर बूथ पर जिताना है। ज्यादा से ज्याद मतदान करवाएंगे, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे। महिलाओं का मतदान पुरुषों से ज्यादा करवाएंगे। पोलिंग बूथ के सारे रिकार्ड तोड़ेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, सब के सब बताओ, तब बोलूंगा। जरा हाथ ऊपर करके बताओ, मेरा एक काम करोगे। देखिए, घर-घर जाइएगा, कोई घर छूटना नहीं चाहिए, हर परिवार में जाइए और हर परिवार में जाकर कहिएगा कि अपने मोदी जी धार आए थे और मोदी जी ने सबको राम-राम कहा है। मेरा राम पहुंचा दोगे। हर बुजुर्ग को मेरा राम-राम पहुंचेगा, हर माता-पिता को मेरा राम-राम पहुंचेगा, हर दादा-दादी को मेरा राम-राम पहुंचेगा। हर परिवार में मेरा राम-राम पहुंचेगा। 

बोलिए, भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।