TMC goons are preventing people to vote: PM Modi in Sreerampur, West Bengal
TMC is 'Daam Daman panthi' - they suppress people through money power and muscle power: PM Modi
Trinamool Congress believes in ‘Bhaag Karo, Shashon Karo’ (divide and rule) philosophy: PM Modi in Barrackpore

भारत माता की... जय, भारत माता की... जय।

यहां पर बैरकपुर के अलावा बनगांव और रानाघाट सहित दूसरे क्षेत्रों से भी आए हुए आप सब को मेरा नमस्कार और यहां आने के लिए, हमें आशीर्वाद देने के लिए हृदयपूर्वक मैं आपका अभिनंदन करता हूं। आज बैरकपुर की इन तस्वीरों को देखकर कुछ लोगों की हालत और पस्त होने वाली है। मैं हेलीपैड से यहां आया, दोनों तरफ जो प्यार और उमंग था वो अद्भुत था और यहां मैं देख रहा हूं। ऐसा लग रहा है पश्चिम बंगाल में, यहां की जनता में कंपटीशन चल रही है, एक स्पर्धा चल रही है। पहली रैली के बाद दूसरी रैली बड़ी होती है, दूसरी रैली के बाद तीसरी रैली बड़ी होती है, तीसरी रैली के बाद चौथी रैली बड़ी होती है। एक के बाद एक और जैसे-जैसे आपका उत्साह बढ़ता जाता है, दीदी का दिमाग फटता जाता है। पश्चिम बंगाल का ये प्यार, आपका ये सत्कार मैं अपने सिर-माथे लेता हूं।

भाइयो-बहनो, ये धरती राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की जन्मभूमि है और 1857 के स्वाधीनता संग्राम के नायक, मंगल पांडे की भी कर्मभूमि है। भारत के राष्ट्रवाद की इस प्रेरणा स्थली का मैं शत-शत वंदन करता हूं। इन्हीं सभी महापुरुषों ने महान बलिदानियों की प्रेरणा से ही भारत, दुनिया की अहम शक्ति बन पाया है। साथियो, जिस राष्ट्रभक्ति को इस धरती ने शक्ति दी है, उसी राष्ट्रभक्ति को आज देश में गाली देने की एक विकृत मानसिकता, एक सनक दिख रही है। वंदे मातरम, मां, माटी, मानुष, इसका यशोगान है लेकिन उसी वंदे मातरम को काट दिया गया, टोड़ा-मरोड़ा गया और अब दफना दिए जाने की निर्लज्ज कोशिश भी हो रही है। अपनी वोट भक्ति के लिए जो लोग राष्ट्रभक्ति की भावना को नकारने लगे, वंदे-मातरम और भारत मां की जय से पहले सौ बार सोचने लगे, ऐसे लोगों से बंगाल के लोगों को सावधान रहना है।

साथियो, भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल की परंपरा को, यहां की माटी की खुशबू को अपने में संजोए हुए है। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रवाद की प्रेरणा से ही हम काम कर रहे हैं। ये भी भारतीय जनता पार्टी है, जिसके कार्यक्रमों में, वंदे मातरम ये हमारा जीवन मंत्र है, हमारा प्रेरणा मंत्र है। त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणीम् कमला कमलदल विहारिणी वाणी विद्यादायिनी, ये मंत्र सार्वजनिक रूप से गाने की हिम्मत, सार्वजनिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी ही इसका गान करती है। साथियो, वोट बैंक की और वंशवाद की ही जय जयकार करने वाली मानसिकता रही है। जिसकी वजह से इतने वर्षों तक आजादी के नायकों को भुला दिया गया। अब भाजपा-एनडीए की सरकार वंशवाद की छाया से हमारे वीर-वीरांगनाओं को बाहर निकालने का काम कर रही है। बीतें साढ़े पांच वर्षों में देश की आजादी और देश के नवनिर्माण में भूमिका निभाने वाले हर महान व्यक्तित्व का सम्मान बढ़ाने का प्रयास किया गया है।

भारत माता की… जय, भारत माता की… जय। ये मैदान छोटा पड़ गया है, आप आगे आने की कोशिश मत कीजिए, आपका प्यार मेरे सार-आंखों पर। आपको सुनाई तो देता है ना? आप इतना प्यार कर रहे हो, पश्चिम बंगाल के मेरे भाइयो-बहनो, आपका ये प्यार-आपका ये आशीर्वाद मैं ब्याज समेत लौटाऊंगा और विकास करके लौटाऊंगा, आपका एक साथी बन कर के लौटाऊंगा। भाइयो-बहनो, मेरे लिए वो पल अविस्मरणीय है, जब आजाद हिंद फौज सरकार के 75 वर्ष पूरे होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला था। नेता जी और आजाद हिंद फौज का योगदान भावी पीढ़ी तक पहुंचे, इसके लिए अब लाल किले में ही नेताजी सुभाष बाबू को समाहित किया हुआ एक क्रांति मंदिर का भी निर्माण किया गया है। मैं बंगाल के हर स्कूल-कॉलेज से आग्रह करूंगा की आप अपने स्कूल-कॉलेज से टूर ले जाते हैं। दिल्ली जब जाएं तो नेता जी सुभाष बाबू के पराक्रम गाथा वाला क्रांति मंदिर जरूर देखिए। नेता जी के नाम से हमने एक राष्ट्रीय पुरस्कार का ऐलान किया है और अभी मैं अंडमान-निकोबार गया था, वहां के एक द्वीप का नामकरण भी हमारे सौभाग्य को मिला है और हमने नेता जी का नाम उसके साथ जोड़ दिया है।

साथियो, नेता जी के साथ-साथ, आजाद हिंद फौज के दूसरे नायकों को भी हमारी सरकार ने सम्मान दिया। इसी वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड हुई, ऐसे महान व्यक्तित्व भी उसमें शामिल हुए जिनको जीप में बैठाकर, उनको देखकर के देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। आजादी के बाद इतिहास में पहली बार आजाद हिंद फौज के सेनानी गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बने। हम सभी का सौभाग्य था की उम्र के इस पड़ाव में भी ये सभी महापुरुष हमें आशीर्वाद देने आए। साथियो, इससे पहले भी दशकों तक हर साल गणतंत्र दिवस मनाया गया, परेड होती रही लेकिन आजाद हिंद फौज के उन वीरों को याद करने की सुध किसी ने नहीं ली। क्या इन लोगों ने अंग्रेजों की गोलियां नहीं खाई थीं, क्या इन्होंने अत्याचार नहीं सहे थे, जेल नहीं गए थे? लेकिन परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति करने वालों ने, इनके त्याग, इनके बलिदान को भुला दिया। आज यही दल हमारे सपूतों के शौर्य पर भी सवाल उठाते हैं। जब हमारे वीर सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं, एयर स्ट्राइक करते हैं तो ये पाकिस्तान की बातों पर भरोसा करते हैं। जब हमारे वीर आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं तो इतने सबूत होने के बावजूद भी, इन्होंने ऐसे चश्मे पहने हैं इनको सबूत दिखाई नहीं देते हैं। जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आतंक के सरपरस्तों की झूठी खबरों के बढ़ावा देते हैं। उन पर देश भरोसा कर सकता है क्या? जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का खुला समर्थन करते हों, कहते हों की उनका बंदूक उठाना गलत नहीं है, उन पर देश भरोसा कर सकता है क्या, कभी भी भरोसा कर सकता है क्या? ऐसे लोगों पर विश्वास किया जा सकता है क्या? जो लोग ये मानते हों की फौज में लोग दो वक्त की रोटी की मजबूरी में भर्ती होते हैं, जो लोग हमारे वीरों की देशभक्ति पर सवाल उठाते हैं। उन पर देश भरोसा कर सकता है क्या, कभी भरोसा कर सकता है क्या? नींद में भी भरोसा कर सकता है क्या? मुसीबत में भी भरोसा कर सकता है क्या? 

 भाइयो-बहनो, पाकिस्तान का गुणगान करने वाली इस मंडली की एक सदस्य ये बंगाल की ममता दीदी भी है। जब पूरी दुनिया पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा कर रही थी तो ये मंडली और ये दीदी, मोदी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रही थी। ऐसी दीदी को माफ करोगे क्या? भाइयो-बहनो, अंग्रेजों की तरह दीदी भी ‘फूट डालो और शासन करो’ इसी नीति पर चल रही है। जबकि हमारी नीति है ‘एक करो और सेवा करो’ यानी सबका साथ-सबका विकास। आपके इस चौकीदार ने देश के हर व्यक्ति, हर हिस्से को विकास से जोड़ने की कोशिश की है। पश्चिम बंगाल के साथ पूरे पूर्वी भारत को, भारत के विकास का इंजन बनाने के लिए काम किया है। लेकिन स्पीडब्रेकर दीदी ने तो जैसे कसम खा रखी है की बंगाल आगे ना बढ़े, यहां के लोग आगे ना बढ़ें, आप लोग आगे ना बढ़ें। साथियो, पहले वाम मोर्चे ने और अब दीदी के दाम और दमन मोर्चे ने जूट की फैक्ट्रियों में ताला लगा दिया है। ट्रेड यूनियनों की गुंडागर्दी, सिंडीकेट के वसूली गिरोह ने जूट उद्योग और जूट किसानों को बर्बादी की कगार पर लाकर छोड़ दिया है लेकिन आपका ये चौकीदार स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहा है। हमने कुछ महीने पहले ही जूट के एमएसपी में बढ़ोतरी की है। साथियो, जब 2014 में हमारी सरकार बनी तो जूट की औसत कीमत प्रति क्विंटल 2000 रुपए से कम थी अब ये कीमत बढ़ कर लगभग दो गुनी तक पहुंच रही है। इस फैसले का लाभ पश्चिम बंगाल के जूट पैदा करने वाले किसानों को भी मिलना तय है। इतना ही नहीं, भाजप-एनडीए सरकार ने ये भी जरूरी कर दिया है की गेहूं, चावल जैसे अनाज की पैकेजिंग जूट के बोरे में ही हो। भाइयो-बहनो, यहां जो फैक्ट्री में काम करने वाले जो मजदूर हैं, मुझे उनकी स्थिति-परिस्थिति का पूरा एहसास है। भारत मां की किसी भी संतान, भारत मां पर आस्था रखने वाले किसी भी व्यक्ति को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे, इस समय 23 मई को चित्र साफ हो गया होगा। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार तब आपकी नागरिकता का कानून पूरी शक्ति के साथ संसद में बनाया जाएगा ताकी आपको सरकार की योजना का पूरा लाभ समय पर मिल सके। आपको टीएमसी के जगाई-मथाई बंधनों में ना रहना पड़े, ये इंतजाम आपका ये सेवक करने वाला है। 

साथियो, मुझे ये भी जानकारी मिली है की आपको पक्के घर देने में भी यहां की सरकार आनाकानी कर रही है। आप आश्वस्त रहिए, 2022 तक पश्चिम बंगाल के हर गरीब परिवार के पास पक्का घर हो, ये इस चौकीदार का संकल्प है। इस लोकसभा चुनाव के नतीजे दीदी पर ऐसा दबाव बनाएंगे की उन्हें मजबूर हो कर आपके लिए काम करना पड़ेगा। साथियो, इसी तरह देश के दूसरे हिस्सों की तरह पश्चिम बंगाल के हर किसान के खाते में सीधे पैसे जमा हो कर के रहेंगे, इसको भी कोई नहीं रोक पाएगा। भाइयो-बहनो, सबको रसोई गैस, सबको बिजली कनेक्शन, सबको शौचालय, हर गरीब परिवार को सस्ता राशन, ये आपका जीवन आसान बनाने के लिए है। ये दिल्ली से आपके चौकीदार की सरकार आपके लिए भेजती रहती है लेकिन यहां पर ममता दीदी अपना स्टीकर लगा देती है। इतना ही नहीं इन योजनाओं से ही वो अपनी पार्टी के गुंडों के लिए खाने-पीने का इंतजाम भी करती है। इस लोकसभा के नतीजे, इस पर भी ब्रेक लगाने का काम करेंगे। भाइयो-बहनो, केंद्र सरकार ने बेटियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाए। बेटियों की तस्करी से जुड़े कानून में बहुत ही सख्त प्रावधान किए गए हैं लेकिन यहां की सरकार उसको ठीक से लागू ही नहीं करती है। इसी तरह बलात्कार, रेप जैसे जघन्य अपराध के लिए फांसी तक की सजा आपके इस चौकीदार ने की है। लेकिन यहां की सरकार केस दर्ज करने में और उनको अदालत पहुंचाने के लिए गंभीरता नहीं दिखाती है। अरे दीदी, आप तो एक महिला हैं महिला, बेटियों पर बलात्कार हो उस केस को तो जरा आगे बढ़ाओ। इसलिए ऐसी सरकार को सबक सिखाना जरूरी है। याद रखिए इस बार मोदी सरकार और एक बात बताता हूं, इस बार चुपचाप-कमल छाप, चुपचाप-कमल छाप, बूथ-बूथ से टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से टीएमसी साफ। कमल के फूल पर पड़ा हर वोट, जब आप कमल को दबाओगे ना, कमल के फूल के सामने बटन दबाओगे तो आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में आएगा, उससे मोदी मजबूत होगा, सरकार मजबूत होगी, भारत मजबूत होगा, आप सब मजबूत होंगे। भाइयो-बहनो, आप इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं फिर एक बार आपका आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.