भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
मिथिलांचल के अलग-अलग हिस्सों से आए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, ये जो लहर है ये नए भारत की ललकार है। 21वीं सदी में जो बेटा-बेटी पहली बार दिल्ली की सरकार चुन रहे हैं वो हमारे नौजवान इस चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं। उनको पुरानी बातें जात-पात, मत-पंथ के पुराने चुनावी समीकरण समझ नहीं आते, वो तो सिर्फ एक ही बात ठान कर चले हैं की 21वीं सदी का भारत उनके आकांक्षाओं के मुताबिक हो। मैं नीतीश जी का, पासवान जी का सुशील मोदी जी का और सभी साथियों का, और मैं कहूंगा ये सौभाग्य है की देश का युवा वोटर उन सपनों, उन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए एनडीए गठबंधन पर विश्वास करता है।
भाइयो-बहनो, हमारे लिए तो भारत माता की जय, यही हमारी भक्ति है और वंदे मातरम का उद्घोष, ये हमारे जीवन की शक्ति है। मां भारती की समृद्धि, सुरक्षा और शांति का ही ये दायित्व है, जिसे हम 130 करोड़ भारतीय मिलकर के निभा रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों को इससे समस्या है, भारत माता की जय और वंदे-मातरम से दिक्कत है। क्या ऐसे लोगों की जमानत जब्त होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? साथियो, ये वही लोग हैं जिनको भारत की बात करने से भी शिकायत है। वो कहते हैं मोदी आतंकवाद की बात क्यों करता है, ये तो मुद्दा ही नहीं है। आप मुझे बताइए, राष्ट्ररक्षा और आतंकवाद, ये मुद्दा है कि नहीं है? जिस बात की समझ आपको है, देश की जनता को है। वो इन स्वार्थी वंशवादियों को नहीं है। महामिलावट करने वालों, जिस आतंकवाद ने श्रीलंका में 350 से ज्यादा मासूम लोगों को इसी हफ्ते उनकी जान ले ली, क्या ये मुद्दा नहीं है क्या? हमारे आस-पड़ोस में ही आतंक की फैक्ट्रियां चल रही हैं और आतंकवाद कहते हैं मुद्दा नहीं है।
भाइयो-बहनो, ये आतंकवाद का अगर सबसे बड़ा नुकसान किसी का हुआ है तो मेरे देश के गरीबों का हुआ है। 40 साल पहले हमारे देश में ना नेताओं के साथ इतनी पुलिस लगानी पड़ती थी, ना रेलवे के डिब्बे चेक करने के लिए पुलिस लगानी पड़ती थी, ना बस अड्डे पर पुलिस लगानी पड़ती थी, ना भांति-भांति की टेक्नोलॉजी लानी पड़ती थी, ना मंदिरों के सामने पुलिस लगानी पड़ती थी, ना मस्जिद के सामने पुलिस लगानी पड़ती थी, ना गुरुद्वारे के सामने पुलिस लगानी पड़ती थी। हर कोई सामान्य जिंदगी जीता था। आज जो पैसा गरीबों के लिए काम आना चाहिए, जिन पैसों से गरीबों के लिए स्कूल बनना चाहिए, जिस पैसे से गरीबों के लिए अस्पताल बनना चाहिए, 40 साल से ये पैसे बम, बंदूक और पिस्तौल में हमें खर्च करना पड़ रहा है और ऊपर से हमारे गरीब मां-बाप के बेटे जो सेना में जाते हैं, सुरक्षाबलों में जाते हैं, पुलिस में जाते हैं उनको 24 घंटे नींद नहीं मिलती भाइयो, इतनी इनको मेहनत करनी पड़ती है और एक-आध घटना घट गई तो उनकी तो बेचारों की नौकरी चली जाती है।
भाइयो-बहनो, ये आतंकवाद ने सबसे ज्यादा नुकसान हमारे गरीब भाई-बहनों का किया है जो उनको मिलना चाहिए था वो पिस्तौल खरीदने में खर्च करना पड़ता है। जो उनको मिलना चाहिए था वो बंदूक लाने में जा रहा है और इसलिए भाइयो-बहनो, देश का भला करने के लिए भी आतंकवाद को खत्म करना जरूरी है। महामिलावट करने वालों आपके लिए देश की सुरक्षा मुद्दा नहीं होगा लेकिन नए भारत में ये बहुत बड़ा मुद्दा है। ये नया हिंदुस्तान है, ये आतंक के अड्डों में घुसकर के मारेगा। साथियो, इन लोगों की इसी सोच की वजह से दरभंगा ने भी आतंक को बहुत करीब से देखा है। इन लोगों की इसी सोच की वजह से देश को आतंक का ऐसा मॉड्यूल मिला, जिसने दरभंगा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया लेकिन वो दिन और थे, आपका ये चौकीदार चौकन्ना है। ना कोई मॉड्यूल रहेगा और ना ही कोई मिलिटेंट बचेगा। लेकिन भाइयो-बहनो, आपने देखा होगा की तीन चरण के मतदान के बाद, करीब 300 सीटों का मतदान हो गया। ये तीन चरण के मतदान के बाद ये जो उछल-उछल के, गला फाड़-फाड़ के एयर स्ट्राइक के सुबूत मांगते थे, ये सारे अचानक खो गए, गायब हो गए। जो पहले पाकिस्तान की पैरोकारी कर रहे थे वो आज मोदी और अब ईवीएम को गाली देने में जुट गए हैं।
भाइयो-बहनो, जमीन से कटे हुए ये लोग जनता की नब्ज नहीं समझ पाए इसलिए जनता ने तीन चरणों में इन लोगों को थोड़ा ठीक से समझा दिया है। इसलिए ऐसे लोग चिढ़े हुए हैं, बौखलाए हुए हैं। साथियो, राष्ट्र की रक्षा, संस्कृति की रक्षा, देश के लोगों का आशा-आकांक्षाओं की रक्षा सिर्फ नेक इरादों वाली मजबूत सरकार ही कर सकती है। सोचिए भाइयो-बहनो, ये महामिलावट करने वाले अपने वादों में भी, ये घोटाला करने के ऐसे एक्सपर्ट हैं की अपने वादों में भी घोटाला करते हैं, उसमें भी हाथ सफाई दिखाई जाती है। 2004 में ये कांग्रेस की पार्टी ने, ये हर बार नया-नया ढकोसलापत्र निकालते हैं ना मेनिफेस्टो निकालते हैं। मैं जरा 2004 का खोलकर के दिखाता हूं। 2004 में कांग्रेस ने देश को वादा किया था की वो 2009 तक, ये 2019 चल रहा है याद रहेगा आपको। 2004 में कहा था और ये कहा था की 2009 तक देश के हर घर में बिजली पहुंचा देंगे। क्या ये वादा पूरा हुआ था? कांग्रेस और उसके साथियों ने आपको धोखा दिया की नहीं दिया? 2014 में आपने कांग्रेस की इस नीयत को पहचाना और इस चौकीदार को जिम्मेदारी सौंपी। लाल किले से मैंने ऐलान किया था की एक हजार दिन में 18 हजार गांव जहां बिजली नहीं पहुंची है हम उसको बिजली से जोड़ देंगे। एक हजार दिन पूरे होने से पहले मैंने वादा पूरा कर दिया, इस देश के हर गांव में बिजली पहुंचा दी। गांवों में बिजली पहुंचने के बाद, हमने वादा किया की सौभाग्य योजना के तहत देश के हर परिवार तक बिजली पहुंचाने का काम हम पूरा करेंगे, काम तेजी से चल रहा है और मैं नीतीश जी, सुशील जी को बधाई देता हूं। बिहार में उन्होंने लालटेन को सदा-सदा के लिए विदा कर दिया और हर घर में बिजली पहुंचा दी। आप हैरान हो जाएंगे, आज जैसे बिहार में काम हुआ है, गवर्नर रूल आने के बाद पहाड़ों में बर्फीली चोटियों पर जम्मू-कश्मीर के हर घर में बिजली पहुंच गई।
भाइयो-बहनो, गरीब के घर बिजली पहुंचाने का काम, कांग्रेस की सरकार भी करती थी, ये लालटेन वाले भी कर सकते थे लेकिन अब अपने-अपने कुनबे का भला करना, यही उनका काम था। कोई फार्म हाउस बना रहा था, कोई शॉपिंग मॉल बनवा रहा था, कोई शो रूम लूट रहा था तो कोई कोयले में लूट मचा रहा था, कोई रेलवे टेंडर में कमिशन खा रहा था तो कोई हेलीकॉप्टर सौदे में दलाली खा रहा था। सब अपनी जिंदगी रोशन करने में इतने व्यस्त थे की उनके पास गरीब के घर बिजली पहुंचाने की फुर्सत नहीं थी, यही इन मिलावट करने वालों की सच्चाई है।
भाइयो-बहनो, बीते पांच वर्षों में, जो काम बिजली के लिए हमने किया है, ठीक वैसा ही काम अगले पांच वर्ष हम पानी पहुंचाने के लिए करने वाले हैं। इसलिए अपने संकल्प-पत्र में बीजेपी ने ऐलान किया है की पानी के लिए अलग से जल शक्ति मंत्रालय बनाएंगे। इसका बिहार को और विशेषकर के यहां के किसानों, उनको बहुत लाभ होगा। भाइयो-बहनो, साल 2022 तक किसानों की आय डबल करने के लिए हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य हम पहले ही तय कर चुके हैं, अब पीएम किसान सम्मान योजना के माध्यम से सीधा पैसा बिहार के डेढ़ करोड़ से अधिक किसान परिवारों को मिलना शुरू हो चुका है और अभी नीतीश जी कर्जमाफी का विषय बताते हैं। आप देख लेना, कोई आदिवासी किसान, उसको ना कभी कोई कर्ज मिलता है। कोई दलित किसान उसको कभी कोई कर्ज नहीं मिलता है। ये कर्जमाफी ना आदिवासी किसानों के लिए है ना दलित किसानों के लिए है और ना ही ज्यादातर ओबीसी किसानों के लिए भी नहीं है। ये कुछ मुट्ठी भर उनके चेले-चपाटों का कर्ज माफ होता है, किसानों का नहीं होता है। चुनाव के बाद जब फिर एनडीए की सरकार आएगी तब बिहार के, अभी हमारा नियम है पांच एकड़ भूमि तक का, लेकिन 23 मई को भाजपा-एनडीए की नई सरकार बनने के बाद ये पांच एकड़ वाला नियम भी हटा दिया जाएगा और इसका फायदा सबको दिया जाएगा।
भाइयो-बहनो, हमारे किसान, हमारे अन्नदाता, ऊर्जादाता भी बन सकें, इसलिए भी देश में एक अभियान चलाया जा रहा है। आप अपने खेत में सौर ऊर्जा, सूर्य शक्ति वाली ऊर्जा पैदा करके उसे सरकार को बेच सकें, इसके लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। सोलर फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, किसानों को सोलर पंप देने का भी देश व्यापी अभियान चल रहा है। हमारे किसान भाइयो और बहनो को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन मिल सके इसके लिए भी नई योजना बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।
भाइयो-बहनो, पान, माछ और मखान ये इस क्षेत्र की पहचान है। एनडीए सरकार ने नए तालाब बनाने, माछ और मखान के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की सुविधा दी है। नेशनल मखाना रिसर्च सेंटर, उसको मजबूत करने का भी काम किया गया है। इसी तरह हमने मछली पालकों के लिए एक अलग मंत्रालय, अलग डिपार्टमेंट, मछुआरों के लिए अलग डिपार्टमेंट बनाने का निर्णय किया है। मछली पालकों, किसानों की तरह किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है ताकि उन्हें छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने में दिक्कत ना हो। भाइयो-बहनो, एनडीए गठबंधन गरीब की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील है। सबको सुरक्षा-सबको सम्मान हमारा प्रण है। इसका ही एक उदाहरण है आयुष्मान भारत योजना। इस योजना का लाभ बिहार के भी लाखों गरीब परिवारों को मिल रहा है। साथियो, इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान भी हमारी सरकार द्वारा किया गया है और वो भी बाकी वर्ग के हक से छेड़-छाड़ किए बिना। भाइयो-बहनो, एनडीए की सरकार ने बाबा साहब अंबेडकर के बताए रास्ते को और मजबूत किया है लेकिन वोट के लिए महामिलावटी अफवाहें फैलाने में जुटे हैं। मैं आपको भरोसा देता हूं, जब तक मोदी है तब तक किसी के हक से कोई छेड़-छाड़ नहीं होगी। साथियो, जो स्थान हमारी संस्कृति की पहचान है, आस्था से जुड़े हैं उनके विकास के लिए मिथिलांचल को भी रामायण सर्किट से जोड़ा गया है। मिथिला पेंटिंग के प्रचार-प्रसार के लिए जो नए तरीके निकाले गए हैं वो भी आप देख रहे हैं। यहां आने-जाने के लिए भी अनेक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। यहां के एयरपोर्ट पर भी तेजी से काम चल रहा है, पर्यटन के अहम केंद्र के रूप में हम मिथिलांचल को विकसित कर रहे हैं। साथियो, मजबूत बिहार, मजबूत भारत के लिए आप सभी को दरभंगा और मधुबनी में कमल के फूल पर और समस्तीपुर में एलजेपी के निशान पर बटन दबाना है। आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा, इस चौकीदार को मजबूत करेगा।
भाइयो-बहनो, हमारा देश मजबूत होना चाहिए? मजबूत देश की सरकार मजबूत होनी चाहिए? सरकार मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मजबूत होना चाहिए? चौकीदार मजबूत होना चाहिए? आप मुझे बताइए, आज-कल जो 20 सीट लड़ रहे हैं वो भी प्रधानमंत्री बनने की लाइन में खड़े हैं, कर्नाटक में तो 8 सीट पर लड़ने वाले भी प्रधानमंत्री की लाइन में लगे हैं, 40 सीट पर लड़ने वाले भी प्रधानमंत्री की लाइन में लगे हैं। ये जितने चेहरे आपको दिखते हैं जो कहते हैं की वे प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, आप ईमानदारी से बताइए, जो सच है वो बोलना है, ये पत्रकारों को खुश करने के लिए नहीं बोलना है। जो सच है वही बोलना है, मुझे या मीडिया वालों को खुश करने के लिए नहीं बलना है। सच बोलेंगे? ये जितने चेहरे हैं बाजार में, चुनाव के मैदान में, ये प्रधानमंत्री की लाइन में जितने चेहरे हैं, मुझे बताइए ईमानदारी से, आतंकवाद को कौन खत्म कर सकता है? भाइयो-बहनो, मोदी अकेला नहीं कर सकता है, ये काम कर सकता है आपका एक वोट। आपका एक वोट, ये आतंकवाद को खत्म कर सकता है। चौकीदार को भरपूर समर्थन कीजिए, आपका वोट मोदी को जाएगा, मोदी आतंकवाद से लड़ेगा। आप मेरे साथ एक संकल्प लेंगे, दोनों मुट्ठी बंद करके? मैं बोलूंगा और आपको बोलना है चौकीदार।
गांव-गांव है… चौकीदार, शहर-शहर है… चौकीदार, बच्चा-बच्चा… चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी… चौकीदार, माता-बहने… चौकीदार, घर-घर में है… चौकीदार, खेत-खलिहान में… चौकीदार, बाग-बगान में… चौकीदार, देश के अंदर… चौकीदार, सरहद पर भी… चौकीदार। वंदे-मातरम, वंदे-मातरम। बहुत-बहुत धन्यवाद।