Government is formed with 'Bahutmat' but runs through 'Sarvamat': PM Modi

Published By : Admin | March 12, 2017 | 19:31 IST
QuoteElections were about ‘Lok Shikshan’ and deepening the bond between people and democracy: PM
QuoteA new India of the dreams of its Yuva Shakti is taking shape: PM Modi
QuoteA new India that fulfils aspirations of its Nari Shakti is taking shape: PM
QuotePower is not about posts. Power is an opportunity to serve, says PM Modi
QuoteAntyodaya is integral to our work. We understand the strength of India's poor: PM Modi
QuoteGovernment is formed with 'Bahutmat' but runs through 'Sarvamat'. Ours is a government of everyone: PM

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमित शाह जी, मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ साथी, कार्यकर्ता भाइयों और बहनों। आपको और देशवासियों को होली के पावन पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

भारत में हर त्योहार इस बात का संदेश लेकर आता है, हमें बार-बार स्मरण कराता है, चाहे व्यक्ति के जीवन में हो, समाज के जीवन में हो, राष्ट्र के जीवन में हो बुराइयों को परास्त करते हुए, अच्छाइयों पर बल देते हुए आगे बढ़ने की सीख हमारे हर उत्सव हमें देते हैं। ये होली का पावन पर्व भी हमारे भीतर अगर कोई कमियां हैं, समाज जीवन में अगर कोई कमियां हैं, राष्ट्र जीवन में अगर कोई कमियां हैं, उन्हें परास्त करते हुए आगे बढ़ने का संकल्प रहना चाहिए। हर त्योहार में इस संकल्प को दोहराना चाहिए और होली का पावन पर्व भी हम सबको वो शक्ति दे, सवा सौ करोड़ देशवासियों को शक्ति दे ताकि हम अच्छाइयों को लेकर के मानव जाति के कल्याण के काम के लिए आगे बढ़ते चलें।

साथियों।

लोकतंत्र में चुनाव सरकारें बनाने का तो काम होते ही हैं लेकिन लोकतंत्र में चुनाव, एक लोकशिक्षण का महापर्व होता है। लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और अधिक गहरी होती जाए, लोकतंत्र के प्रति सामान्य मानवी का विश्वास सिर्फ मतदान तक सीमित न रहे। राष्ट्र निर्माण में उसकी भागीदारी बढ़ती चले। भारत जैसे देश के लिए बहुत आवश्यक है। जिस प्रकार से हमारे देश में मतदान का प्रतिशत बढ़ रहा है। उत्साह उमंग के साथ लोकतंत्र के इस पर्व को मनाने में राजनैतिक दलों के सिवाय भी लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। मैं इसे लोकतंत्र की दृष्टि से एक शुभ संकेत मानता हूं। और जब कभी-कभार विजय होने के अनेक कारण होते हैं लेकिन अकल्पनीय भारी मतदान के बाद, अकल्पनीय भारी विजय होता है वो पॉलीटिकल पंडितों के लिए विचार करने के लिए मजबूर कर रहा है। मैं कल भी कुछ पॉलीटिकल पंडितों को सुन रहा था। आज भी मैं कुछ पढ़ रहा था। इस देश में इमोशनल इश्यूज पर, चुनावों पर वे वेब दिखाई दिये हैं। चुनाव के ऊपर उसका प्रभाव भी दिखाई दिया है लेकिन इमोशनल इश्यूज के सिवाय विकास एक कठिन से कठिन मुद्दा होता है चुनाव का। बहुत मुश्किल मुद्दा होता है, सब राजनैतिक दल पिछले 50 साल से इन मुद्दों को लेकर के जाने से कतराते रहे हैं और कभी उपयोग भी किया है तो एक पासिंग रिमार्क के रूप में किया है। इस चुनाव का उस दृष्टि से भी मूल्यांकन होना बहुत जरूरी है कि इमोशनल इश्यू न होने के बावजूद भी इतना भारी मतदान होना।

विकास के मुद्दे पर देश का गरीब से गरीब व्यक्ति भी मतदान के लिए आगे आना, एक नये हिंदुस्तान के दर्शन हो रहे हैं मुझे। और मैं इन पांच राज्यों के चुनाव को और विशेषकर उसमें उत्तर प्रदेश जो कि भारत को दिशा देने की, ताकत देने की, प्रेरणा देने की सर्वाधिक क्षमता रखता है, इतना बड़ा प्रदेश है। वहां जब चुनाव के नतीजे आए हैं, तब इन पांच राज्यों के चुनाव को नये हिंदुस्तान की एक नई नींव के रूप में मैं देख रहा हूं।

न्यू इंडिया।

65 प्रतिशत 35 साल से कम उम्र के नौजवानों के सपनों का न्यू इंडिया। अभूतपूर्व रूप से जागरूक महिला समूहों का सपनों का न्यू इंडिया। ऐसा न्यू इंडिया, जो देश के गरीबों में कुछ पाने की इच्छा की बजाय कुछ करने की इच्छा के लिए अवसर की खोज, ये अपने आपमें एक बहुत बड़ा बदलाव है। देश का गरीब भी, आप कुछ दे दो, आप मुझे अच्छे लगोगे, इस मानसिकता को छोड़ चुका है। गरीब कहता है मैं अपने बलबूते पर आगे जाना चाहता हूं, आप मेरे लिए अवसर उपलब्ध करा दीजिए, मेहनत मैं करूंगा। ये न्यू इंडिया की नींव है। और इसलिए इस चुनाव में कौन जीता, कौन हारा। हमने किसको परास्त किया, किसको, क्या किया। मैं इस दायरे में सोचने वालों में से नहीं हूं। चुनाव विजय भारतीय जनता पार्टी के लिए जनता जनार्दन का एक पवित्र आदेश होता है आदेश। और मैं आदेश पर बल देता हूं। और हमें उस आदेश को पूर्ण करने के लिए ईश्वर ने हमें जितनी क्षमता दी है। उसका पूरा उपयोग करते हुए निरंतर कोशिश करते रहना चाहिए ताकि हम जनता जनार्दन की आशा-अकाक्षाओं को पूर्ण करने में अपने आप को करके दिखाने की दिशा में सफल पाएं।

विजय।

पेड़ भी हमें सिखाता है, पौधे भी हमें सिखाते हैं। कोई भी पेड़ कितना भी ऊंचा हो लेकिन जैसे ही फल लगते हैं, वो झुकने लग जाता है। प्रकृति हमें प्रेरणा देती है और जब भारतीय जनता पार्टी के इस वटवृक्ष पर विजयरूपी फल लगे हैं तो हम भारतीय जनता पार्टी का सबसे ज्यादा झुकने का जिम्मा बनता है। अधिक नम्र बनने का जिम्मा बनता है। सत्ता ये पद शोभा का हिस्सा नहीं होती है। सत्ता सेवा करने का एक अवसर होती है। इस बात को लेकर हमें चलना है। हमने कई बार विजय प्राप्त की है। चार-चार पीढ़ियां इस काम के लिए खप गई हैं। अटल जी, आडवाणी जी, कुशाभाऊ, जना कृष्णमूर्ति जी, अनगिनत लोग, जिन्होंने अपने जीवन को, अपनी जवानी को, इस विचार को बीज के रूप में हिंदुस्तान के कोने-कोने में बोने के लिए अपना पसीना बहाया है, तब जाकर के ये वटवृक्ष बना है। लक्षावधी कार्यकर्ताओं ने अखंड एकनिष्ठ पुरुषार्थ किया है। उसी का नतीजा है कि आज जनता जनार्दन की आशा आकांक्षाओं के हम प्रतीक बने हैं। और इसलिए गत 50-60 साल तक निरंतर इस पार्टी के लिए तपस्या करने वाले उन सबके सपनों के अनुकूल हमें अधिकतम कार्य करते हुए जन सामान्य की सेवा करनी है। इस चुनाव के नतीजे हमारे लिए एक इमोशनल इश्यू भी है। इसलिए हैं कि यह वर्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशति का वर्ष है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय उत्तर प्रदेश भी कभी उनकी कर्मभूमि रहा था। ऐसे महापुरुष की जन्मशति के समय इतने बड़े आशीर्वाद हमें दीनदयाल जी का अंत्योदय का जो आदेश है, चिंतन है। गरीबों का कल्याण, गरीब, गरीब में सामर्थ में देख पाता हूं। मैं देश के गरीबों की शक्ति को पहचान पाता हूं और राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में जितना ज्यादा गरीबों को अवसर मिलेगा, उतना ज्यादा देश तेज गति से आगे बढ़ेगा। गरीब अगर शिक्षित होगा तो समाज को ज्यादा परिणाम देगा। गरीब को अगर कार्य का अवसर मिला तो देश के लिए ज्यादा करके दिखाएगा। और इस देश की सबसे बड़ी ताकत वो हमारे देश का गरीब है।

कभी-कभी आज मध्यम वर्ग के लोगों को ज्यादा बोझ झेलना पड़ता है। कर भी मध्यम वर्ग को ज्यादा देना पड़ता है। नियम का पालन भी मध्यम वर्ग को ज्यादा करना पड़ता है, समाज की सब मर्यादाओं का पालन भी मध्यम वर्ग को करना पड़ता है। सारे आर्थिक बोझ भी क्वांटम के रूप से देखें तो सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग का व्यक्ति वहन करता है। उस पर ये बोझ कम होना चाहिए। ये मध्यम वर्ग पर जो बोझ रहता है और उसके कारण, उसके पास क्षमता भी है। तेज गति से जाने के लिए उसको किसी के मदद जरूरत नहीं है। सिर्फ वह इतना ही चाहता है कि रूकावटें दूर हों वो दौड़कर के कुछ करने के लिए क्षमता रखता है। एक बार देश के गरीब के अंदर खुद का बोझ उठाने की ताकत आ जाएगी। इस देश के मध्यम वर्ग का बोझ पूरी तरह हट जाएगा। अर्थशास्त्र के इस रूप को, अर्थशास्त्र के इस रूप को मैं न्यू इंडिया में अनुभव कर रहा हूं। और एक बार देश के गरीब की ताकत, देश के मध्यम वर्ग के सपने इनको अगर मिला लें तो इस देश को दुनिया में नई ऊंचाइयों पर ले जाने से कोई रोक नहीं सकता।

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और इसलिए भाइयों-बहनों।

जितने भी चुनाव हुए हमारे देश में लगातार भारतीय जनता पार्टी का समर्थन बढ़ता गया है। विजय यात्रा लगातार आगे चल रही है। हिंदुस्तान के हर क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने पहले से अच्छा करके दिखाया है और इसलिए हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमित शाह जी और उनके साथ संगठन का कार्य संभालने वाली केंद्रीय टीम, राज्यों की टीम, लक्षावधी कार्यकर्ता इस विजय यात्रा के यशभागी हैं, उनको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अमित भाई ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में सदस्यता के अभियान के द्वारा पूरे विश्व में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी के रूप में भारतीय जनता पार्टी पहुंचा दिया। चुनाव जीतना एक बात है लेकिन लोकतांत्रिक ठंग से समाज के हर तबके में भारत के हर भूभाग पर भारतीय जनता पार्टी को पहुंचाना, ये भी लोकतंत्र की एक बहुत बड़ी सेवा है। और हम सबने भी गर्व के साथ दुनिया में जहां जाएं वहां, दुनिया में जिसे भी मिलने का मौका मिले उन्हें सीना तान के कहना चाहिए कि हम उस पार्टी के सदस्य हैं जो विश्व में सबसे बड़ा संगठन है। जनसंघ कहो, भारतीय जनता पार्टी कहो, उसकी पूरी विजय यात्रा में सबसे अधिक जनसंख्या की सेवा करने का आज अवसर भारतीय जनता पार्टी को उपलब्ध हुआ है। केंद्र के द्वारा भी, राज्यों के द्वारा भी और स्थानीय स्वराज्य निकायों के द्वारा भी, ये अपने आपमें भारतीय जनता पार्टी की विजय यात्रा के इतिहास में एक स्वर्णिम समय है ये, स्वर्णिम समय है। और इस स्वर्णिम समय को अचानक प्राप्त नहीं हुआ है, हालात के कारण अचानक नहीं मिल गया है। कठोर परिश्रम से, त्याग-तपस्या से सार्वजनिक जीवन की मर्यादाओं का पालन करते हुए लक्षावधी लोगों ने चार-चार पीढ़ी तक अखंड एक नई पुरुषार्थ करके आज हम यहां पहुंचे हैं। हम लोगों को सौगात में कभी कुछ नहीं मिला और हमें इसका गिला-शिकवा भी नहीं है क्योंकि हम समाज के लिए करना चाहते हैं, देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। इस संकल्प के साथ निकले हुए लोग हैं।

भाइयों-बहनों।

देश के सामने चुनाव केंद्रित सपनों की वर्षा हमने बहुत देखी है। हम सवा सौ करोड़ देशवासियों को साथ लेकर के न्यू इंडिया को सफलता पूर्वक आगे बढ़ाना चाहते हैं। एक पहला मुकाम हमारे सामने है 2022। मैं चुनाव के हिसाब-किताब से चलने वाला इंसान नहीं हूं। पहले से मैं कहता हूं। मेरे दिमाग में सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों का हिंदुस्तान है, सवा सौ करोड़ देशवासी हैं। 2022 भारत की आजादी के 75 साल होंगे। 75 साल में जो भी यात्रा चली है, जिस रूप में चली है। जिसको भी सेवा करने का मौका मिला है, हर किसी ने अपने-अपने तरीके से की है और हम इस बात को कभी नकारते भी नहीं है। जिस सरकार को अवसर मिला, उसने काम किया है। जिस प्रधानमंत्री को अवसर मिला, उसने काम किया, जिस मुख्यमंत्री को अवसर मिला, उन्होंने काम किया। हरेक के काम को हम स्वीकार करते हैं, आदर करते हैं लेकिन 2022 भारत की आजादी के 75 साल। हमारे पास 5 साल का वक्त है। अगर सवा सौ करोड़ देशवासी, पांच साल अपने व्यक्तिगत जीवन में एक संकल्प हर वर्ष, संगठन के जीवन में हर वर्ष एक नया संकल्प, जिस इकाई में काम करते हैं। उस इकाई में एक नया संकल्प 2022 तक उसको पूरा करके रहेंगे। अगर देश में ये मूड बन जाए तो देश पीछे नहीं रहेगा मैं विश्वास दिलाता हूं दोस्तों। और इसको बल मिला है चुनाव नतीजों से। 2022 के भारत के सपनों को पूरा करने के लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों में एक विकास का जो आंदोलन पैदा करना है। इन सपनों के लिए कुछ कर गुजरने की एक जो तैयारी करनी है, माहौल बनाना है, हर इंसान को जोड़ना है, उसको बल देने के काम इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों ने किया है।

और इसलिए भाइयों-बहनों।

मैं सबसे पहले इन पांचों राज्यों के मतदाता का ह्रदयपूर्वक बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं और मैं इन पांचों राज्यों के मतदाताओं को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय जनता पार्टी पर आपने जो भरोसा रखा है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के पास जो भरोसा रखा है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं वो ऐसे-ऐसे चेहरे चुनकर के आए हैं, जिनको शायद कभी किसी ने टीवी पर भी देखा नहीं होगा। ऐसे-ऐसे चेहरे चुनकर के आपने भेजे हैं, जो कभी अखबार की लकीरों में भी कभी उनको स्थान मिला है कि नहीं मिला है, मैं नहीं जानता लेकिन उसके बावजूद भी आपने भरोसा रखा। हो सकता है हमारे लोगों का अनुभव कम होगा। हो सकता है हमारी पहचान व्यापक नहीं होगी लेकिन इन पांचों राज्यों को मैं भरोसा देता हूं कि हमारे ये साथी आपकी आशा-अकांक्षाओं को पूर्ण करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। नई चीज सीखनी पड़ेगी तो सीखेंगे, अच्छे इरादे से करेंगे। अच्छा करने का भरपूर प्रयास करेंगे।

भाइयों-बहनों।

आज हम जिन सपनों को लेकर के चल रहे हैं तब मैं आज फिर एक बार स्मरण दिलाना चाहता हूं। इसी 11 अशोका रोड पर 2014 में यही वरिष्ठ टीम मंच पर बैठी थी और भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र जो पॉलीटिकल फिल्ड में घोषणा पत्र कहते हैं। भारतीय जनता पार्टी उसे संकल्प पत्र मानती है। उसका जब देश की जनता के सामने प्रस्तुत करने का अवसर था, उस दिन मैंने एक बात कही थी। खैर कुछ चीजें ऐसी होती हैं कि इस समय पर समझ नहीं पाते हैं। लोग उनकी सीमा रहते हैं या समझना चाहते नहीं हैं। तो मैंने उस दिन जो कहा था उसको बहुत गलत अर्थ में लिया गया था और इतना गलत कर दिया था कि कोई दोबारा बोलने की हिम्मत न करे लेकिन आज जब सरकार को ढाई साल से ज्यादा का समय हो गया है। एक प्रकार से 5 साल के कार्यकाल के बीच पड़ाव पर हम खड़े हैं। तब मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामने मेरी ही उस बात को दोहराने की हिम्मत करता हूं। तीन बातें। मैंने कहीं थी और उसमें से गलत करने का कोई कारण नहीं था। लेकिन करने वालों ने किया था। एक मैंने कहा था कि हम नए हैं। हमारा अनुभव भी कम था क्योंकि कभी संसद के सदस्य भी नहीं रहे थे लेकिन संकल्प पत्र रखते समय मैंने कहा था कि हम मनुष्य कोई भी है, गलती कर सकता है तो मैंने कहा था ‘हम से गलती हो सकती है लेकिन गलत इरादे से कोई काम नहीं करेंगे’। दूसरी बात मैंने कही थी ‘हम परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे, परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे’। ये मैंने दूसरा देश को वादा किया था। और तीसरा मैंने कहा था ‘हम जो कुछ भी करेंगे प्रमाणिकता के साथ करेंगे’। मुझे खुशी है साथियों कि ये एक ऐसा प्रधानमंत्री है जिस पर ये पूछा जाता है कि इतना काम क्यों करते हो? इतनी मेहनत क्यों करते हो? इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है।  

मैं फिर एक बार पांचों राज्यों के मतदाताओं को, वहां के नागरिकों को ह्रदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, हम पर विश्वास रखने के लिए और ये बात मैं कहना चाहूंगा कि लोकतंत्र में सरकार बनती है बहुमत से लेकिन चलती है सर्वमत से। और इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिन्होंने वोट दिया है, उनकी भी है। जिन्होंने वोट नहीं दिया, उनकी भी है। जो साथ चले, उनकी भी है, जो सामने रहे, उनकी भी है। सरकार को कोई भेदभाव करने का हक नहीं है और न ही भारतीय जनता पार्टी ऐसे किसी हक को स्वीकार करती है। और इसलिए वोट दिया न दिया, वो चुनाव नतीजों तक ठीक है। उसके बाद उत्तर प्रदेश है तो सबके सब उत्तर प्रदेश की वो सरकार है, वो सरकार सब उत्तर प्रदेश वासियों के लिए है। मणिपुर की सरकार है, गोवा की सरकार है, पंजाब की सरकार है, उत्तराखंड की सरकार, सरकार सबकी होती है, सबके लिए होती है और सबको साथ लेकर के चलने के लिए होती है। इस पवित्र विचार को लेकर के ही, हम काम करते आए हैं, काम करते रहेंगे और हम जितने नये अवसर मिलेंगे। हर नये अवसर में न्यू इंडिया बनाने के लिए, नये हिंदुस्तान को बनाने के लिए, न्यू हिंदुस्तान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ये मैं देशवासियों को विश्वास देता हूं। फिर एक बार आप इतनी बड़ी संख्या में आए, विजयश्री के बाद देशवासियों को मेरे भाव व्यक्त का आपने अवसर दिया मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। फिर एक बार अमित शाह और उनकी टीम को ह्रदय से बहुत-बहुत अभिनंदन। मेरे साथ बोलें। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम।

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We remain committed to deepening the unique and historical partnership between India and Bhutan: Prime Minister
February 21, 2025

Appreciating the address of Prime Minister of Bhutan, H.E. Tshering Tobgay at SOUL Leadership Conclave in New Delhi, Shri Modi said that we remain committed to deepening the unique and historical partnership between India and Bhutan.

The Prime Minister posted on X;

“Pleasure to once again meet my friend PM Tshering Tobgay. Appreciate his address at the Leadership Conclave @LeadWithSOUL. We remain committed to deepening the unique and historical partnership between India and Bhutan.

@tsheringtobgay”