BJP means 'Sabka Saath, Sabka Vikaas, Sabka Vishwas’: PM Modi

Published By : Admin | April 6, 2021 | 10:38 IST
Our mantra has been "Vyakti Se Bada Dal Aur Dal Se Bada Desh". This tradition continues to this day: PM Modi
We fulfilled Dr Syama Prasad Mookerjee's vision, scrapped Article 370 and gave Kashmir the constitutional right, says PM Modi
BJP means defeating dynasty-based politics. It means transparency and good governance. It means 'Sabka Saath, Sabka Vikaas, Sabka Vishwas’: PM Modi
PM Modi says if the BJP wins it is considered an election-winning machine but if others win then that is credited to their hard work
False narratives on CAA, farm laws a conspiracy to create political instability: PM Modi cautions BJP karyakartas against propaganda

नमस्कार!

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और विशाल भाजपा परिवार के सभी सदस्य आप सभी को भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस की बहुत बहुत बधाई।

पार्टी की इस गौरवशाली यात्रा के आज इकतालीस साल पूरे हो रहे हैं। ये इकतालीस वर्ष, इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी कैसे काम करती है। ये इकतालीस वर्ष, इस बात के साक्षी हैं कि सामान्य कार्यकर्ता का तप और त्याग, किसी भी दल को कहां पहुंचा सकता है। देश का शायद ही कोई राज्य होगा, कोई जिला होगा जहां पार्टी के लिए 2-2, 3-3 पीढ़ियां न खप गई हों। मैं इस अवसर पर जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक, राष्ट्र सेवा के इस यज्ञ में अपना योगदान देने वाले हर व्यक्ति को आदरपूर्वक नमन करता हूँ। डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी, राजमाता सिंधिया जी, ऐसे अनगिनत महान व्यक्तित्वों को बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता की तरफ से मैं आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ, श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। पार्टी को आकार देने वाले, पार्टी को विस्तार देने वाले हमारे आदरणीय आडवाणी जी, आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जी जैसे अनेकों वरिष्ठों का आशीर्वाद भी हमें लगातार मिलता रहा है। पार्टी को अपना जीवन समर्पित करने वाले ऐसे हर वरिष्ठजन को भी मैं प्रणाम करता हूँ।

साथियो,
भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा ये मंत्र रहा है कि- 'व्यक्ति से बड़ा दल, और दल से बड़ा देश'। ये परंपरा डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी से लेकर आज तक अनवरत चली आ रही है। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान की शक्ति है कि हम वो स्वप्न पूरा कर पाए, आर्टिकल 370 हटाकर कश्मीर को संवैधानिक अधिकार दे पाए। हम सभी ने देखा है कि कैसे अटल जी ने एक वोट से सरकार गिरना स्वीकार कर लिया, लेकिन पार्टी के आदर्शों से समझौता नहीं किया। आपातकाल में लोकतन्त्र की रक्षा के लिए हमारे कार्यकर्ताओं ने कैसे-कैसे कष्ट सहे, लोकतान्त्रिक नैतिकता के कैसे-कैसे उदाहरण दिए! हमारे देश में राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलों के टूटने के अनेकों उदाहरण हैं, लेकिन देशहित में, लोकतंत्र के लिए दल के विलय की घटनाएं शायद ही कहीं नजर मिलेंगी, भारतीय जनसंघ ने यह कर के दिखाया था। जनसंघ से लेकर अभी तक, ये तप, ये तपस्या हमारे कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

साथियो,
पिछले साल कोरोना ने पूरे देश के सामने एक अभूतपूर्व संकट खड़ा कर दिया था। तब आप सब, अपना सुख-दुःख भूलकर देशवासियों की सेवा में लगे रहे। आपने 'सेवा ही संगठन' का संकल्प लिया, और उसके लिए आप डटे रहे, लगे रहे और लोगों की सेवा करते रहे। जो काम आप गांव-गांव में, शहरों में कर रहे थे, घर-घर पहुंच रहे थे वैसा ही कुछ काम 'अंत्योदय' की प्रेरणा से भाजपा की सरकार चाहे केंद्र हो या राज्य हो अपना दायित्व निभाती रही। 'गरीब कल्याण योजना' से लेकर 'वंदे भारत मिशन तक, हमारे सेवा भाव को देश ने महसूस किया है। यही नहीं, इसी संकटकाल में देश ने नए भारत का खाका खींचा और आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया। आज आत्मनिर्भर भारत अभियान गाँव-गरीब का, किसान का मजदूर का, दलित का, वंचित का, महिलाओं का, युवाओं का, हर किसी का स्वयं का एक प्रकार से अभियान बन गया है। आज भाजपा से गाँव-गरीब का जुड़ाव इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि आज वह पहली बार अंत्योदय को साकार होते देख रहा है। आज 21वीं सदी में जिन युवाओं ने जन्म लिया है, वे आज भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं, भाजपा की नीतियों, भाजपा के प्रयासों के साथ है।

साथियों,
गांधी जी कहते थे कि निर्णय और योजनाएं वो हों जो समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाए। गांधी जी की उसी मूल भावना को चरितार्थ करने के लिए हमने अथक प्रयास किया है। लास्ट माइल डिलीवरी, हमारे यहां कहा जाता था, लेकिन आज देश का सामान्य मानवी, लास्ट माइल डिलीवरी को साक्षात अनुभव कर रहा है। देश के हर गरीब के पास बैंक अकाउंट हो, देश के हर गरीब के पास पक्की छत हो, देश के हर गरीब को शौचालय की सुविधा मिले, हर रसोई में गैस कनेक्शन हो, हर घर में बिजली कनेक्शन हो, हर गरीब को इलाज की सुविधा हो, हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर हो, ऐसी अनगिनत बातें जो समाज के आखिरी व्यक्ति हो या देश का आखिरी इलाका हो इसके लिए भाजापा सरकारें, चाहे केंद्र में हो या राज्य में हो, हम सब मिलकर के दिन-रात मेहनत की है, अपने लक्ष्यों को पाकर दिखाया है। और इन निर्णयों के, इन योजनाओं के शुरू करने के पीछे, सबसे बड़ी वजह यही है कि हम संगठन में रहते हुए भी ऐसे ही कार्य करते, करते-करते आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए जब सरकार में आते हैं, तो और तेज गति से इस दिशा में काम करते हैं। हमारी कार्यशैली है- हम किसी से कुछ भी छीनते नहीं हैं और छीने बिना भी दूसरे को हक मिले इसके लिए जागरूक प्रयास करते हैं। हम हर व्यक्ति तक पहुंचते हैं, उसकी आवश्यकता पर पूरी संवेदनशीलता से काम करते हैं।

साथियों,
हमारे देश में 80 प्रतिशत से ज्यादा छोटे किसान हैं, इन किसानों की संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है। पहले जो सरकारें थीं उनकी प्राथमिकताओं में ये छोटे किसान, इन छोटे किसानों की जरूरतें कभी नहीं रहीं। लेकिन बीते वर्षों में हमारी सरकार की कृषि से जुड़ी हर योजना के केंद्र में छोटे किसान रहे हैं। चाहे नए कृषि कानून हो, पीएम किसान सम्मान निधि हों किसान उत्पाद संगठन की व्यवस्था हो, फसल बीमा योजना में सुधार करना हो, प्राकृतिक आपदा के समय किसानों को ज्यादा मुआवजा सुनिश्चित करना हो, हर खेत को पानी की योजना हो या फिर यूरिया की नीमकोटिंग, ऐसे हर निर्णय का सबसे बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों को हुआ है।

साथियो
बीते वर्षों में हमारी सरकार के हर काम में, हर योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। चाहे तीन तलाक के खिलाफ कानून हो, गर्भवती महिलाओं को 26 सप्ताह की छुट्टी हो, घर की रजिस्ट्री में महिलाओं को प्राथमिकता देने की बात हो, स्वच्छ भारत मिशन हो, उज्ज्वला योजना हो, मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी लोन देना हो, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पीएम स्वनिधि योजना हो सभी का लाभ प्रमुख रूप से हमारे देश की महिलाओं को, माताओं को, बहनों को मिला है।

साथियो,
हमारे देश में सरकारों का मूल्यांकन, सरकार की शक्ति का आकलन, सरकार के परफॉर्मेंस की बातें, ज्यादातर कौन सरकार कितनी बड़ी घोषणा करती रही है उसके ही आस-पास रही है। लेकिन पहली बार ये मानदंड बदल रहे हैं, अवधारणा बदली है। हमारी सरकार का मूल्यांकन उसके डिलिवरी सिस्टम से हो रहा है। नीतियां भी, नीयत भी और आखिरी इंसान तक उस निर्णय को पहुंचाना, उस सुविधा को पहुंचाना, हकदार को हक पहुंचाना ये हमारी सरकार की विशेषता रही है। ये देश में सरकारों के कामकाज का नया मूलमंत्र रहा है। बावजूद इसके, दुर्भाग्य ये है कि भाजपा अगर चुनाव जीते तो इसे चुनाव जीतने की मशीन कहा जाता है। लेकिन दूसरे जब चुनाव जीतते हैं तो पार्टी की वाहवाही, नेताओं की वाहवाही, ना जाने क्या-क्या कहा जाता है। इस तरह के दो मापदंड हम देख रहे हैं। जो लोग कहते हैं कि बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन है, वो एक प्रकार से भारत के लोकतंत्र की जो परिपक्वता है उसको समझ ही नहीं पाते। वो भारत के नागरिकों की जो सूझ-बूझ है, उसका आकलन ही नहीं कर पाते। वो उनके समझ के परे है। वो भारत के नागरिकों की आशाएं, अपेक्षाएं और उनके सपनों उसे कभी भी समझ नहीं पाते। सच्चाई ये है कि बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन नहीं, देश और देशवासियों का दिल जीतने वाला एक अविरल-अनवरत अभियान है। हम 5 साल तक ईमानदारी से जनता की सेवा करते हैं, सरकार में हो तब, सरकार में ना हो तब, हर परिस्थिति में हम जनता से जुड़े रहते है। जनता के लिए जीते रहते है, और सच्चाई ये है कि हम कभी गर्व नहीं करते कि हमारा दल जीता। हम हमेशा इस बात का गर्व करते हैं कि देश के लोगों ने हमें जिताया।

साथियो,
अंग्रेजी में एक कहावत होती है- टिप ऑफ द आइसबर्ग। हमारी पार्टी में भी एक टिप ऑफ द आइसबर्ग है। ये अखबारों में, टीवी पर दिखता है। लेकिन इनकी संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। एक बहुत बड़ी संख्या जो नजर नहीं आती है भाजपा के उन कार्यकर्ताओं की है, जो आम तौर पर दिखाई नहीं देती है, लेकिन वो जमीन पर रहकर काम करते हैं। ये भाजपा को ताकत देते हैं, जनता के बीच काम करते हुए संगठन की शक्ति को और बढ़ाते हैं। अपने जीवन से, अपने आचरण से, अपने प्रयासों से वो जनता का दिल जीतने का काम अविरल करते रहते हैं। इन्हीं के प्रयासों से आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। आज आम जनमानस ये महसूस करता है भाजपा सरकार का मतलब है- राष्ट्र निर्माण के लिए सही नीति, साफ नीयत और सटीक निर्णय।
भाजपा आने का मतलब है- 'राष्ट्र प्रथम' नेशन फर्स्ट। भाजपा आने का मतलब है- देशहित से समझौता नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि। भाजपा आने का मतलब है- वंशवाद, परिवारवाद की राजनीति से मुक्ति। भाजपा आने का मतलब है- योग्यता को अवसर। भाजपा आने का मतलब है- पारदर्शिता, गुड गवर्नेंस। भाजपा यानि-'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास'। आज भाजपा भारत की विविधता की, अनेकता में एकता की प्रतीक बन गई है। हम हर क्षेत्र, हर भाषा, हर संप्रदाय और हर देशवासी को जोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। आज भाजपा से गरीब भी जुड़ा है, मध्यम वर्ग भी हमारे साथ है। हम शहर में भी हैं और गांव में भी हैं। बीजेपी आज नेशनल इंटरेस्ट की भी पार्टी है और क्षेत्रीय आकांक्षाओं की भी पार्टी है।

साथियो,
हमारे जो संस्कार हैं, हम राजनीतिक छुआछूत में विश्वास नहीं करते। इसलिए हम सरदार पटेल को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर गर्व महसूस करते हैं। इसलिए हम बाबा साहब आंबेडकर के लिए पंचतीर्थ का निर्माण कर गर्व करते हैं। हम खुले दिल से भाजपा के घोर विरोधी रहे व्यक्तित्वों का भी सम्मान करते हैं, उन्हें सम्मान देते हैं। भारत रत्न से लेकर पद्म पुरस्कार, इसका उदाहरण है। पद्म पुरस्कारों में हमने जो बदलाव किए हैं, वो तो अपनेआप में पूरी एक गाथा है। वो तस्वीर कौन भूल सकता है। और उस तस्वीर को देखकर के कौन भावुक नहीं हो सकता। जब पैर में जूते नहीं होते हैं, और कोई वृद्ध मां राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त करती है। ऐसा हम कैसे कर पाते हैं? Unknown लोगों को जिनके कार्य को पहचानना और इतने बड़े सम्मान से उनको जोड़ना। क्योंकि हम जड़ों से जुड़े रहते हैं। क्योंकि हम जमीन से जुड़े रहते हैं। पद्म पुरस्कार,सरकार का निर्णय तो है ही, लेकिन इस निर्णय के पीछे भाजपा की कार्यशैली और भाजपा के संस्कार है।

साथियो,
ये भाजपा ही है, जहां कार्यकर्ता, अपना तन-मन-धन देकर पार्टी की सेवा करते हैं। सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी के लिए अपना बलिदान दे चुके हैं। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है। केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकियां दी जाती हैं, उन पर हमले होते हैं, उनके परिवार पर हमले होते हैं। लेकिन देश के लिए जीना मरना एक विचारधारा को लेकर अड़े रहना, डटे रहना यही तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की विशेषता है। वहीं दूसरी तरफ वंशवाद और परिवारवाद का हश्र भी 21वीं सदी का भारत देख रहा है। स्थानीय आकांक्षाओं के सहारे जो स्थानीय पार्टियां खड़ी हुईं, बाद में वो भी एक परिवार की, एक-दो लोगों की पार्टियां बनकर रह गईं। नतीजा आज सामने है। ऐसी पार्टियों ने जो नकली सेकुलरिज़्म का नकाब पहन रखा था, वो भी उतरना शुरू हो गया है। सेकुलरिज़्म का हमारे यहां मतलब बना दिया गया है- कुछ ही लोगों के लिए योजनाएं, कुछ ही लोगों के लिए फ़ेवर, वोट बैंक के हिसाब से नीतियां। जो सब के लिए योजना बनाता है, सब के अधिकार की बात करता है, सब के लिए काम करता है। उसे ये लोग कम्यूनल कहते-कहते थकते नहीं हैं। लेकिन 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र ने आज इन परिभाषाओं को बदलना शुरू कर दिया है।

साथियों,
आज इस अवसर पर मैं बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता का ध्यान एक बहुत ही गंभीर चुनौती की तरफ भी ले जाना चाहता हूं। आपने देखा होगा, एक ऐसे प्रकार का सिलसिला शुरू हुआ है। एक नई प्रकार की व्यूह रचना सार्वजनिक जीवन में आई हो, वो क्या है? आज गलत नैरेटिव बनाए जाते हैं- कभी सीएए को लेकर, कभी कृषि कानूनों को लेकर, कभी लेबर लॉ को लेकर, बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता को समझना होगा कि इसके पीछे सोची-समझी राजनीति है, ये एक बहुत बड़ा षड़यंत्र है। इसका मतलब है देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना। इसलिए देश में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाती हैं, भ्रम फैलाए जाते हैं, झूठ फैलाया जाता है। काल्पनिक भय की मायाजाल खड़ी कर दी जाती है। कभी कहा जाता है संविधान बदल दिया जाएगा। कभी कहा जाता है आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। कभी कहा जाता है, नागरिकता छीन ली जाएगी। कभी कहा जाता है किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। ये सब कोरे झूठ होते हैं, लेकिन कुछ लोगों और संगठनों द्वारा इन्हें तेजी से फैलाया जाता है। हमें इस विषय में बहुत अधिक चौकन्ना रहने की जरूरत है। हमें बहुत जानकारी के साथ देशवासियों के बीच जाते रहना होगा, उन्हें जागरूक करते रहना होगा। ये काम कुछ लोग, जो ये अफवाहें फैलाने का काम करते हैं, नैरेटिव बदलने का काम करते हैं। काल्पनिक भय खड़ा करते हैं, ये जो कुछ लोग हैं, ज्यादातर तो वो हैं जो अपनी पराजय को स्वीकार न कर पाने की वजह से करते रहते हैं। कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से करते हैं। कुछ लोगों की भाजपा से जन्मजात दुश्मनी है, इसलिए करते हैं। लेकिन ये लोग ऐसे कार्य कर रहे हैं जो देश को बहुत लंबे समय तक नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए बीजेपी के हर कार्यकर्ता को सतर्क रहना है, इन लोगों की सच्चाई से देश की जनता को सावधान करते रहना होगा।

साथियो,
हमारे शास्त्रों में कहा गया है- भवंति नम्रा: तरव: फल उद्गमै:।।
अर्थात्, जब फल आते हैं, तो वृक्ष झुक जाते हैं। यही मंत्र हमारे संगठन और पार्टी का भी है। हमें सत्ता-सफलता के साथ और नम्र होते रहना है और नम्र होना है, और सरल होना है। हमारे लिए सफलता का अर्थ है, नए संकल्पों की शुरुआत। हम कैसे देश के लिए कुछ नया कर सकते हैं, कैसे देश के प्रयासों का हिस्सा बन सकते हैं, इस दिशा में लगातार सोचना है।

साथियो,
आज जब देश आज़ादी के 75 साल पूरे करने जा रहा है, तो हमारी ये ज़िम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है। हमें अमृत महोत्सव को भी देश के प्रत्येक नागरिक तक लेकर जाना है। हर नागरिक को जोड़ना है। आज़ादी का अमृत महोत्सव अगले 25 वर्षों के लिए देश के लक्ष्य तय करने का अवसर भी है। देश के इन लक्ष्यों को पूरा करने में बहुत बड़ी भूमिका भाजपा, उसके कोटि-कोटि कार्यकर्ता, उन्हें विशेष रूप से निभानी ही चाहिए। इसलिए, हमें भी अपने अगले 25 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने हैं। व्यक्तिगत भी और पार्टी की इकाई के लिए भी, हमारी पार्टी के भविष्य को, इन लक्ष्यों को पूरा करने की बड़ी ज़िम्मेदारी हमारे युवा कार्यकर्ताओं पर होगी।

साथियो,
भारत का जन-जन और देश का कण-कण हमारे लिए पवित्र है। उनकी सेवा हमारे लिए राष्ट्र सेवा है। सत्ता, हमारे लिए इस पवित्र राष्ट्र सेवा का एक माध्यम है। पद हमारे लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करने का दायित्व है। और हमारे लिए भाजपा कार्यकर्ता होना, सिर्फ दो शब्द नहीं हैं, ये हमारा जीवन मंत्र है।

साथियो,
अपनी बात समाप्त करने से पहले एक और बात, आप सभी को पता है कि
कल शाम को यानि 7 अप्रैल को शाम 7 बजे मैं परीक्षा पर चर्चा करूंगा। आप सभी इस चर्चा का हिस्सा बनें। याद रखिए- 7 अप्रैल, शाम 7 बजे। और मैं चाहूंगा, अधिक से अधिक परिवार, अधिक से अधिक विद्यार्थी-मित्र इस संवाद में जरूर जुड़ें। और उनसे भी मुझे कुछ फीडबैक मिले, आप भी अपने सुझाव भेजिए, ताकि ये परीक्षा पर चर्चा और भी समृद्ध होती रहे, हमारी नई पीढ़ी को ये बातें कुछ काम आती रहे, इसमें मुझे आपकी मदद मिल जाएगी। साथियों आप सभी स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें, इसी तरह देश सेवा करते रहें, इसी विश्वास, इसी शुभकामना के साथ फिर एक बार आज भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हुए आप सब को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।

वंदे मातरम्॥

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।