Saints and seers from our land have always served society and made a positive difference: PM
The strength of our society is that we have always changed with the times and adapted well to new contexts: PM
It is our duty to provide good quality and affordable healthcare to the poor: PM

परम पूज्‍य आचार्य महाराज जी, समस्‍त पूज्‍य मुनिराज जी, एवं पूज्‍य गणनीय माता जी, एवं समस्‍त आर्यका माताजी और मंच पर विराजमान कर्नाटक के राज्‍यपाल श्रीमान वजूभाई वाला, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी सदानंद गौड़ाजी, अनंत कुमार जी, पीयूष गोयल जी, राज्‍य के मं‍त्री श्री मंजू जी, यहां की प्रबंध समिति के श्रीमान वास्‍त्रीश्री चारुके श्री भट्टारका स्‍वामी जी, जिला पंचायत हसन के अध्‍यक्ष श्रीमति बी.एस.श्‍वेता देवराज जी, विधायक श्री एन. बालकृष्‍णाजी और विशाल संख्‍या में पधारे हुए, देश के कोने-कोने से आए हुए सभी श्रद्धालुओ, माताओं, बहनों और भाइयो।

ये मेरा सौभाग्‍य है कि 12 साल में एक बार जो महापर्व होता है, उसी कार्यकाल में प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने का मेरे पास जिम्‍मा है। और इसलिए प्रधानमंत्री की जिम्‍मेवारी के तहत उसी कालखंड में, मुझे इस पवित्र अवसर पर आप सबके आशीर्वाद प्राप्‍त करने का सौभाग्‍य मिला है।

श्रवणबेलगोला आ करके भगवान बाहुबलि, महामस्‍तक अभिषेकम, इस अवसर का और आज यहां इतने आचार्य, भगवंत, मुनि और माताजी के  एक साथ दर्शन प्राप्‍त करना, उनके आशीर्वाद को प्राप्‍त करना, ये अपने-आप में एक बहुत बडा सौभाग्‍य है।

जब भारत सरकार के पास कुछ प्रस्‍ताव आए थे, यहां पर यात्रियों की सुविधा को देख करके; वैसे कुछ व्‍यवस्‍था ऐसी होती है कि आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ डिपार्टमेंट को कुछ चीजें करने में बड़ी दिक्‍कत होती है। कुछ ऐसे कानून और नियम बने होते हैं, लेकिन उन सबके बावजूद भी भारत सरकार यहां पर आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए जितना भी प्रबंधन में भाग ले सकती है, जो-जो व्‍यवस्‍था खड़ी करने की आवश्‍यकता होती है, उन सबमें पूरी जिम्‍मेवारी के साथ अपना दायित्‍व निभाने का प्रयास किया है और ये हमारे लिए बहुत ही संतोष की बात है। 

आज मुझे एक अस्‍पताल के लोकार्पण का भी अवसर मिला। बहुत एक लोगों की मान्‍यता ये है कि हमारे देश में धार्मिक प्रवृत्तियां तो बहुत होती हैं लेकिन सामाजिक प्रवृत्तियां कम होती हैं। ये perception सही नहीं है। भारत के संत, महन्‍त, आचार्य, मुनि, भगवंत- सब कोई, जहां हैं, जिस रूप में हैं, समाज के लिए कुछ न कुछ भला करने के लिए कार्यरत रहते हैं।

आज भी हमारी ऐसी महान संत परम्‍परा रही कि 20-25 किलोमीटर के फासले काटते अगर कोई भूखा इंसान है तो हमारी संत परम्‍परा की व्‍यवस्‍था ऐसी है, कहीं न कहीं उसको पेट भरने का प्रबंध किसी न किसी संत के द्वारा चलता रहता है।

कई सामाजिक काम- शिक्षा के क्षेत्र में काम, आरोग्य के क्षेत्र में काम, व्‍यक्तियों को नशे से मुक्‍त करने के काम, ये अनेक प्रवृत्तियां हमारी इस महान परम्‍परा में आज भी हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा उतना ही अथक प्रयास कर-करके चल रही हैं। 

आज जब गोमटेकसुदी की ओर मैं नजर कर रहा था तो मुझे लगा कि उसे में आज आपके सामने उदृधत करूं। गोमटेकसुदी में जिस प्रकार का बाहुबलि का वर्णन किया गया है; गोमटेक, इस पूरे स्‍थान का जो वर्णन किया गया है-

अच्छाय स्‍वच्‍छं जलकंत गण्‍डम, आबाहू दौरतम सुकन्‍न पासमं

गयेंद सिंधु जल बाहुदंडम, तम गोमटेशम पनणामिर्चम 

और इसका मतलब होता है- जिनकी देह आकाश के समान निर्मल है, जिनके दोनों कपोल जल के समान स्‍वच्‍छ हैं, जिनके कर्ण पल्‍लवसकन्‍धों तक दोलायित हैं, जिसकी दोनों भुजाएं गजराज की सूंड के समान लम्‍बी एवं सुंदर हैं- ऐसे उन गोमटेश स्‍वामी को मैं प्रतिदिन प्रणाम करता हूं।

पूज्‍य स्‍वामीजी ने मुझ पर जितने आशीर्वाद बरसा सकते हैं, बरसाए। मेरी मां का भी स्‍मरण किया। मैं उनका बहुत-बहुत आभारी हूं, इस आशीर्वाद को देने के लिए। देश में समय बदलते हुए समाज-जीवन में बदलाव लाने की परम्‍परा, ये भारतीय समाज की विशेषता रही है। जो चीजें कालबाह्य हैं, समाज में जो कुरीतियां प्रवेश कर जाती हैं और कभी-कभी उसको आस्‍था का रूप दिया जाता है। 

ये हमारा सौभाग्‍य है कि हमारी समाज व्‍यवस्‍था में से ही ऐसे सिद्ध पुरुष पैदा होते हैं, ऐसे संत पुरुष पैदा होते हैं, ऐसे मुनि पैदा होते हैं, ऐसे आचार्य भगवंत पैदा होते हैं, जो उस समय समाज को सही दिशा दिखा करके जो काल बाह्य चीजें हैं उससे मुक्ति पा करके समयानुकूल जीवन जीने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।

हर 12 वर्ष में मिलने वाला ये एक प्रकार से कुंभ का ही अवसर। यहां सब मिल करके सामाजिक चिंतन करते हैं। समाज को आगे 12 साल के लिए कहां ले जाना है, समाज को अब उस रास्‍ता छोड़ करके इस रास्‍ते पर चलना है क्‍योंकि देश के हर कोने से संत, मुनि, भगवंत, आचार्य, सब माताजी, वहां के क्षेत्र का अनुभव ले करके आते हैं। चिंतन-मनन होता है, विचार-विमर्श होता है। और उसमें से समाज के लिए अमृत रूप कुछ चीजें हम लोगों को प्रसाद के रूप में प्राप्‍त होती हैं। और जिसको हम लोग जीवन में उतारने के लिए भरसक प्रयास करते हैं।

आज बदलते हुए युग में भी आज यहां एक अस्‍पताल का मुझे लोकार्पण का अवसर मिला। इतने बड़े अवसर के साथ एक बहुत बड़ा सामाजिक काम। आपने देखा होगा इस बजट में हमारी सरकार ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है।

आयुष्‍मान भारत- इस योजना के तहत कोई भी गरीब परिवार, उसमें अगर परिवार में बीमारी आ जाए तो सिर्फ एक व्‍यक्ति बीमार नहीं होता है, एक प्रकार से उस परिवार की दो-तीन पीढ़ी बीमार हो जाती हैं क्‍योंकि इतना आर्थिक कर्ज हो जाता है कि बच्‍चे भी भर नहीं पाते हैं और पूरा परिवार तबाह हो जाता है। एक बीमारी पूरे परिवार को खा जाती है। 

ऐसे समय समाज और सरकार, हम सबका दायित्‍व बनता है कि ऐसे परिवार को संकट के समय हम उसके हाथ पकड़ें, उसकी चिंता करें। और इसीलिए भारत सरकार ने आयुष्‍मान भारत योजना के तहत एक साल में परिवार में कोई भी बीमार हो जाए। एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक का उपचार का खर्चा, दवाई का खर्चा, ऑपरेशन का खर्चा, अस्‍पताल में रहने का खर्चा, पांच लाख रुपये तक का खर्च का प्रबंध इंश्‍योरेंस के माध्‍यम से भारत सरकार करेगी। ये आजादी के बाद भारत में किया गया कदम पूरे विश्‍व में, पूरी दुनिया में इतना बड़ा कदम किसी ने न सोचा है, न कभी किसी ने उठाया है, जो इस सरकार ने उठाया है।

और ये तभी संभव होता है कि जब हमारे शास्‍त्रों ने, हमारे ऋषियों ने, हमारे मुनियों ने हमें यही उपदेश दिया-

सर्वे सुखेना भवन्‍तु। सर्वे सन्‍तु निरामया

और ये सर्वे सन्‍तु निरामया- इस संकल्‍प को पूरा करने के लिए हम एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। मुझे आज सब आचार्यगण का, सब मुनिवर का, सब माताजी का आशीर्वाद प्राप्‍त करने का, पूज्‍य स्‍वामीजी का आशीर्वाद प्राप्‍त करने का अवसर मिला। मैं अपने-आपको सौभाग्‍यशाली समझता हूं।

मैं फिर एक बार इस पवित्र अवसर पर आ करके अपने-आपको धन्‍य अनुभव करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !