NDA’s 6 sutras for development of Bihar –for people: Education, employment, Medical facilities & for state: Electricity, Water, Roads
NDA is dedicated to welfare of the poor; our only mantra is development of Bihar: PM Modi #ParivartanRally
Do not vote for ‘Jungle Raj’ & ‘Jantar Mantar Raj’. They would ruin Bihar: Narendra Modi #ParivartanRally
People of Bihar are fed up of Nitish Govt.; now they want development: PM Modi
Nitish-Lalu-Sonia responsible for Bihar’s plight: PM Narendra Modi #ParivartanRally
Those who do not have faith in democracy and have lost people’s faith are now turning towards ‘Jantar Mantar’: PM Modi
I assure the people of Bihar that the NDA would fulfill all aspirations of the people: PM Modi #ParivartanRally
The youth of Bihar have immense talent and could do wonders: PM Modi #ParivartanRally

सामाजिक न्याय के प्रणेता, गरीब, पिछड़ों के मसीहा और बिहार के गौरव बाबू विन्देश्वर प्रसाद मंडल जी के धरती के कोटि-कोटि नमन करै छी। अहाँ सब के पावन स्नेह देखकर मन भाव-विभोर भे गिल। मंच पर विराजमान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और दलितों के मसीहा श्रीमान जीतन राम मांझी जी, एनडीए के सभी घटकों के वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे हुए मधेपुरा के मेरे भाईयों और बहनों।

चुनाव में सहरसा से भाजपा के उम्मीदवार आलोक रंजन जी, मधेपुरा से भाजपा के उम्मीदवार विजय कुमार विमल, बिहारीगंज से भाजपा के उम्मीदवार रवीन्द्र चरण यादव, सुपौल से भाजपा के उम्मीदवार किशोर कुमार, पीपड़ा से भाजपा के उम्मीदवार विश्व मोहन कुमार, निर्मली से भाजपा के उम्मीदवार राम कुमार राय, छतापुर से भाजपा के उम्मीदवार नीरज कुमार सिंह, महीसिंह से रालोसपा के उम्मीदवार चंदन कुमार जी, सोवरसो से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमती सरिता देवी जी, सिंदरी से लोजपा के उम्मीदवार युसुफ़ अलाउद्दीन जी, आलमनगर से लोजपा के उम्मीदवार श्री चंदन सिंह, सिन्देश्वर से हम पार्टी के उम्मीदवार श्रीमती मंजू देवी, त्रिवेणीगंज से लोजपा के उम्मीदवार विजय पासवान जी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों और बहनों।

मैं कई बार अभियान के लिए आया लेकिन हर बार मैं बिहार आ न सकूँ, आपके दर्शन न कर सकूँ, आपके आशीर्वाद न ले पाऊं, इसके लिए भांति-भांति के अड़ंगे लगाने की कोशिश की गई एक बार जब मुझे आना था तो लालू जी, नीतीश जी चुनाव आयोग के पास पहुँच गए और शिकायत की कि बिहार में पहले चरण का मतदान चल रहा है और अगर मोदी इस समय आयेगा तो हमारा बचा-खुचा भी खा जाएगा इसलिए मोदी को बिहार में मत आने दो। चुनाव आयोग ने सारे नियम-कानून देखे और उनको कहा अगर किसी एक इलाक़े में चुनाव हो रहा है और दूसरे में नहीं है तो आप किसी को भी प्रचार करने से रोक नहीं सकते हैं; मोदी जी आयेंगे और सभा को संबोधित करेंगे। आज भी बिहार के कुछ स्थानों पर मतदान चल रहा है और मुझे आपका आशीर्वाद पाने का सौभाग्य मिला है।

लालू जी, नीतीश जी को पिछले 60 दिन में सभी सभाओं में जितने लोगों ने आशीर्वाद दिया होगा, मुझे अकेले मधेपुरा में उससे भी ज्यादा लोगों ने आकर आशीर्वाद दिया है। ये हिसाब है इस चुनाव का और बिहार की जनता राजनीति को भली-भांति समझती है। बिहार के लोग आधा-अधूरा नहीं बल्कि पूरा विश्वास करते हैं। उनको ख़ुद पर विश्वास है और इसलिए वे दूसरों पर भी विश्वास करते हैं लेकिन जब कोई उनका विश्वास तोड़ देता है तो चुन-चुन करके अपना हिसाब चुकता कर लेते हैं। यही बिहार के लोग है, 35 साल तक लोगों ने आँख बूँद करके कांग्रेस पर भरोसा किया, उनके वादे मानती रही लेकिन जब उन्होंने 35 साल का हिसाब देखा तो लोगों ने जिस कांग्रेस को 35 साल तक छप्पड़ फाड़ के दिया था, 35 साल के बाद ऐसा साफ़ कर दिया कि कांग्रेस नज़र ही नहीं आ रही है। अरे अभी उनको 40 सीट तोहफ़े में मिली है। ये 40 पर लड़ रहे हैं और एक प्रकार से हमारे लिए बिना कांटेस्ट के 40 सीट हो हमारी ज़ेब में वैसे ही आ गई है। उम्मीदवार पैसे लेकर घर पहुँच गए। ये पैसा ही खर्च नहीं कर रहे कि बच्चों को काम आएंगे। दिल्ली से जो थैली आई, उसे खर्च नहीं कर रहे क्योंकि उन्हें मालूम है कि कुछ बचने वाला नहीं है।

कांग्रेस को साफ करने के बाद लोगों को लगा कि लालू जी चल जाएंगे बड़ी अच्छी बातें बोलते हैं, ख़ुद भी अच्छे इंसान हैं, भैंस पर बैठ जाते हैं, बच्चों के बाल काट देते हैं बिहार के लोगों ने इतना भरोसा किया कि जिनको इन सारे कामों में मज़ा आता था, उन्हें सरकार चलाने का मौका दे दिया और नतीज़ा यह हुआ बिहार में बर्बादी के सिवा कुछ नहीं बचा। उसके बावजूद लोगों ने 15 साल तक उन पर भरोसा किया, उनपर गंभीर आरोप लगे, उन्हें सजा हुई और जब पत्नी को गद्दी पर बिठाया तो लोगों ने उन पर भी भरोसा किया। इसके बाद भी जब बिहार का भला नहीं हुआ तो बिहार की जनता का तीसरा नेत्र खुल गया। बिहार की जो जनता लालू जी को पलकों पर बिठाती थी, उसने हमेशा के लिए लालू जी की विदाई कर दी।

तीसरा जिस पर भरोसा किया, उनका अहंकार ही उनको खा गया जनता के साथ उनको कोई नाता नहीं रहा, जॉर्ज फ़र्नान्डिस के पीठ में छुरा भोंक दिया, जेपी को छोड़ दिया, जिस लोहिया जी ने कांग्रेस के खिलाफ़ लड़ाई लड़ी थी, उस लोहिया जी के चेले ख़ुद कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए। बिहार की जनता ने धोखाधड़ी देखी है और इसलिए बिहार की जनता का और भी ज्यादा गुस्सा फूट निकला है। बिहार की जनता ने कांग्रेस को 35 साल बाद निकाला, लालू जी को 15 साल बाद निकाला, इनको तो 10 साल के बाद हमेशा-हमेशा के लिए विदाई कर देगी।

भाईयों-बहनों, बिहार के पास पानी है, जवानी है, नौजवानों के पास सपने हैं, बिहार के लोग मेहनत करने को तैयार हैं, फ़िर भी बिहार पीछे है। आपको जानकर आनंद होगा कि 150 साल पहले अंग्रेज़ लोग यहीं के कुछ लोगों को उठाकर मजदूरी के लिए मॉरिशस ले गए। गरीब, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, इसी समाज के लोग थे वो। तब अंग्रेज़ों का ज़ुल्म चलता था, जहाजों में बिठाकर समुद्र के रास्ते मॉरिशस ले गए। आज अगर आप मॉरिशस जाकर देखो तो बिहार के लोगों नें मॉरिशस में स्वर्ग खड़ा कर दिया। ऐसा मॉरिशस बना दिया है कि सीना तन जाता है बिहार के लोगों का पराक्रम देखकर। जो बिहार के लोग मॉरिशस को बना सकते हैं, वो बिहार और मधेपुरा को भी बना सकते हैं। झारखंड बिहार का ही हिस्सा था और झारखंड अलग हुआ, नेता नए आए, भाजपा को सेवा करने का मौका मिला और आज झारखंड भारत के पहले 10 राज्यों में खड़ा हो गया लेकिन बिहार आखिरी नंबर पर है और उसका कारण है – 25 साल लालू जी और नीतीश जी की सरकार, बड़े भाई और छोटे भाई की जुगलबंदी।

बिहार जंगलराज, भ्रष्टाचार, और अहंकार से तबाह हो गया और ये तीनों इकट्ठे हो गए है और इससे पहले से ज्यादा बर्बादी होगी। आप बताएं कि आज पूरे विश्व में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं? अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, चीन, जापान चारों तरफ हिन्दुस्तान की जय-जयकार हो रही है कि नहीं? ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है बल्कि ये सवा सौ करोड़ देशवासियों के कारण हो रहा है। आज अगर दिल्ली में आपने हमें पूर्ण बहुमत नहीं दिया होता तो दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका नहीं बज सकता था। ये डंका इसलिए बजता है क्योंकि देशवासियों ने 30 साल के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई है। दुनिया में कितना ही महान और ताक़तवर देश क्यों न हो, लेकिन उसका नेता जब मोदी से हाथ मिलाता है तो उसे मोदी नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी दिखाई देते हैं और इसलिए दुनिया हिन्दुस्तान का लोहा मानती है।

इसी तरह सभी राज्यों में भी बिहार का डंका बजे और जय-जयकार हो तो बिहार में भी दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनानी होगी। चौथे चरण का चुनाव अभी चल रहा है और आज सुबह से जो मुझे जानकारी मिल रही है, लोगों में काफ़ी उत्साह है और लंबी-लंबी कतारें लगी हैं और भारी मतदान हो रहा है। मधेपुरा सारे बिहार का रिकॉर्ड तोड़ेगा और मुझे विश्वास है कि इस बार मधेपुरा नया इतिहास बनाने वाला है।

भाईयों-बहनों, हमारे मधेपुरा में रेल लोकोमोटिव फैक्ट्री... जो वर्षों से धीरे-धीरे गुजारा कर रही है, न उसमें कोई जान भरता है, न कोई विकास करता है और न कोई रोजगार के अवसर पैदा करता है हमने निर्णय किया है कि हम रेल लोकोमोटिव को नया बनाएंगे, उसका विस्तार करेंगे, नई टेक्नोलॉजी लाएंगे, बिहार में रोजगार की नई संभावनाएं पैदा करेंगे। टेंडर पास हो गया है, जैसे ही आचार संहिता पूरी होगी, टेंडर खुल जाएंगे, और तेज़ गति से ये रेल लोकोमोटिव आगे बढ़ना शुरू हो जाएगा।

अगर काम करने का इरादा हो और बिहार के प्रति प्यार हो, तो फ़िर ये काम कभी रुक नहीं सकता है। मैं कहना चाहता हूँ कि मुझे एक ही काम करना है – विकास। विकास के लिए आपके लिए मेरे मन में तीन चीज़ें हैं - पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। बिहार के गरीब बच्चों को सस्ती एवं अच्छी शिक्षा मिलनी जरुरी है और यहीं पर मिलनी चाहिए क्योंकि तब गरीब माँ-बाप को अपनी जमीन गिरवी रखने और अपनी बहू-बेटियों की अमानत गिरवी रखने की नौबत नहीं आएगी। अच्छी शिक्षा हो, सस्ती शिक्षा हो, गरीब से गरीब व्यक्ति को शिक्षा मिले, ये काम मुझे करना है, मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। दूसरी बात है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में पलायन रूकना चाहिए। पलायन के कारण बूढ़े माँ-बाप को उनकी सेवा करने के उम्र में छोड़कर नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है। ये पलायन रूकना चाहिए और बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए। उद्योग नहीं लगेंगे तो रोजगार कैसे मिलेगा।

अभी वर्ल्ड बैंक ने एक रिपोर्ट निकाली थी कि किस राज्य में लोग निवेश करना चाहते हैं, ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस कहाँ है। आपको जानकर दुःख होगा कि झारखंड, जो कभी बिहार की हिस्सा था, वो आज चौथे नंबर पर है और ये बिहार 21वें – 22वें नंबर पर खड़ा है। मुझे बताईये कि ऐसी स्थिति में कोई आयेगा क्या? इसका परिणाम देखिये, जब भाजपा के लोग बिहार में सरकार में थे, तो करीब 17,500 रुपये का पूँजी निवेश आया और जैसे ही भाजपा वाले निकल गए, ये आंकड़ा 6000 पर आ गया। ये बिहार का नुकसान हुआ कि नहीं, बिहार में कारखाना आने से अटक गया कि नहीं, नौजवान का रोजगार गया कि नहीं। बिजली नहीं होगी तो कारखाना कैसे लगेगा। आज भी 21वीं सदी में बिहार के 4000 गाँव ऐसे हैं जहाँ बिजली का खंभा भी नहीं है। ये शर्म की बात है। मैंने इन 4000 गांवों में बिजली पहुँचाने का ठान लिया है। घरों, स्कूलों में बिजली होनी चाहिए। नीतीश बाबू कहते हैं कि हम कंप्यूटर देंगे। आप बताईये कि बिना बिजली के कंप्यूटर कैसे चलेगा। ये मूर्ख बना रहे हैं। नीतीश जी, पहले बिजली तो लाओ।

2010 में नीतीश कुमार ने कहा था कि मेरी सरकार बनाईए, मैं घर-घर बिजली पहुंचाऊंगा और अगर मैं बिजली न पहुंचाऊं तो मैं वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली तो नहीं आई लेकिन वो वोट मांगने जरुर आये। उन्होंने आपसे धोखा किया, अपना वादा तोड़ा तो अब आप उनसे नाता तोड़ोगे? जो अपना बिजली का वादा नहीं निभा सकते, वो आने वाले दिनों में भी आपका कुछ नहीं करेंगे। वो कहेंगे कि जंतर-मंतर करो, बिजली आ जाएगी, पानी आ जाएगा, रोजगार आ जाएगा। जंतर-मंतर वाला जमाना गया। मुझे तो डर है कि यहाँ 15 साल जंगलराज चला, 10 साल जंतर-मंतर का राज चला और ये जंतर-मंतर और जंगलराज एकसाथ आ गया, फ़िर बिहार को कोई नहीं बचा सकता।

हमें न जंतर-मंतर चाहिए और न जंगलराज चाहिए, इसलिए उन्हें विदाई देने का समय आ गया है। तीसरा है – दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, डॉक्टर और दवाखाना होना चाहिए। इंसान अगर बीमार हो तो कहाँ जाएगा। इसलिए आपके लिए मेरे तीन मंत्र हैं - पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। बिहार राज्य की भलाई के लिए तीन सूत्र है, बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी, उद्योग लगेंगे। कोसी की तबाही के कारण यहाँ के किसानों को कितनी परेशानी होती है। एक कोसी परेशान करे तो दूसरी तरफ़ सूखा। पानी का प्रबंध होना चाहिए बिहार के पास दो ताकत है जो बिहार का भविष्य बदल सकती है – बिहार का पानी और बिहार की जवानी। मैं तो हैरान हूँ कि यहाँ इतना पानी है, इतने गरीब लोग हैं लेकिन मछली पालन का भी काम सरकार ने नहीं किया। अगर ये पानी में मछलियाँ तैयार करते तो आज बिहार को खाने के लिए 400 करोड़ रुपये की मछली बाहर से नहीं लानी पड़ती और 400 करोड़ में यहाँ लाखों नौजवान को रोजगार मिल जाता। उनको करना ही नहीं है, पानी बह रहा है और मछली बाहर से आ रही है। यही तो मुसीबत है कि जवानी बाहर जा रही है और पानी समुंदर में जा रहा है। बिहार को आगे बढ़ने के लिए मुझे ये दोनों पूरी ताकत से चाहिए और इसलिए मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूँ।

भाईयों-बहनों, हम बिहार को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाना चाहते हैं। 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था लेकिन जिसे कोई देने का नाम नहीं लेता था, हमने कहा कि लिखा किसी ने भी हो लेकिन बिहार तो मेरा है, सरकार किसी पराये की होगी लेकिन बिहार पराया नहीं है। इसलिए हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने का ताकत रखता है। विकास के लिए, बिहार का भाग्य बदलने के लिए वोट कीजिये।

मैं पूरे बिहार में जा चुका हूँ और जनता-जनार्दन का आशीर्वाद ले चुका हूँ और मैं साफ़ कहता हूँ कि दो-तिहाई बहुमत से एनडीए की सरकार बनने वाली है। बिहार 8 तारीख को दिवाली मनाएगा और पूरा हिन्दुस्तान 8 तारीख को दिवाली मनाएगा। दो-दो दिवाली मनानी है भाईयों। यहाँ आया हुआ हरेक व्यक्ति कम-से-कम दस परिवार को वोट करा देगा? ये प्यार और आशीर्वाद हो तो कोई सरकार बनने से रोक सकता है क्या। मतदान भारी संख्या में हो और पांचवें चरण में सबसे ज्यादा मतदान करके दिखाईये, यही मेरी आपको शुभकामनाएं हैं। मेरे साथ ज़ोर से बोलिये -   

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!       

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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No matter how difficult the times are, nothing is bigger than the country and its interests: PM
The magnitude of our democracy is based on the teachings of the Gurus, the sacrifices of the Sahibzadas and the basic mantra of the unity of the country: PM
From history to present times, youth energy has always played a big role in India's progress: PM
Now, only the best should be our standard: PM

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !