The country is witnessing transformation and 125 crore Indians are collectively moving towards realising the dream of a New India: PM Modi
BJP-led NDA Government has fulfilled the promise of raising Minimum Support Price for kahrif crops by 1.5 times: PM
Farmers are our ‘Annadatas’. Their welfare will ensure the country’s progress: PM Modi
TMC government in West Bengal is unable to address farmers’ woes, uplift the poor and generate employment for the state’s youth: PM Modi
‘Syndicate politics’ is flourishing under TMC’s rule in West Bengal, which is hampering the state’s growth: PM Modi
Attacks on BJP karyakartas in West Bengal for political gains is an attack on democracy: PM Narendra Modi

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान दिलीप जी घोष, राष्ट्रीय सचिव भाई राहुल सिन्हा जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान आहुलवालिया जी, श्रीमान बाबुल सुप्रियो जी, राष्ट्रीय सचिव श्रीमान सुरेश पुजारी जी, राष्ट्रीय महासचिव श्रीमान कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व सांसद श्रीमान मुकुल राय और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।
काल केर वर्ल्ड कप फुटबाल मैच देखलीन की। मैच केमोन लागलो। आपना देर फुटबॉलेर प्रेम चर्चा दूर-दूर आप्तिक आछे। कल आप सब फुटबाल वर्ल्ड कप के रंग में रंगे थे, आनंद ले रहे थे। और आज इतनी विशाल संख्या में हम सभी को आशीर्वाद देने के लिए यहां पहुंचे। मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

मैं जब हेलिकॉप्टर से यहां आ रहा था। पूरे रास्ते भर, उस समय तो बारिश भी चालू थी, जो जनसैलाब मैंने देखा, वो अदभुत था। मैं उनका ...। ये जो ऊपर चढ़े हैं, नीचे उतर जाओ प्लीज ...। आप जो चढ़े हैं, नीचे उतरिए ...। नीचे उतरिए ...। नीचे उतरिए। ये ऊपर चढ़े हैं, नीचे उतर जाइए। कोई भागा-दौड़ी मत कीजिए ...। भाई नीचे उतरिए आप लोग। संभाल के। कोई उस पर न चढ़े। ये जो पंडाल नीचे आया है कोई उसके ऊपर न चढ़े। वर्ना किसी और को तकलीफ होगी।
भारत माता की जय। भारत माता की जय। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम।

भाइयो बहनो।
आप इतनी बड़ी संख्या में स्वागत करने के लिए आए। आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं आपका ह्रदय से आभारी हूं। मैं ममता दीदी का भी बहुत आभारी हूं क्योंकि मैंने देखा कि आज मेरे स्वागत में उन्होंने ने भी इतने झंडे लगाए, इतने झंडे लगाए कि मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। और मैं ममता दीदी का इसलिए भी आभार व्यक्त करता हूं कि वो स्वयं सत्कार करते हुए हाथ जोड़करके की मुद्रा में प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए चारो तरफ अपने होर्डिंग भी लगा लिए। मैं इसके लिए भी उनका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। और एक प्रकार से ये किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला लिया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर भी लगानी पड़ी। ये भारतीय जनता पार्टी की नहीं, हमारे किसान भाइयों बहनों की विजय है। मैं किसान भाइयों बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भाइयो बहनो।
सुनाई देता है क्या आपको? ये सब गिरने के कारण … शायद ...।
मेदिनीपुर का यह ऐतिहासिक मैदान है जिसने इतिहास बनाया है और इतिहास बनते हुए देखा भी है। ये मैदान महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, देशबंधु चितरंजनदास जी, ऋषि अरविंदो, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, देश के एक से बढ़करके एक महान सपूतों के संबोधन का गवाह रहा है। ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस धरती को नमन करने का सौभाग्य मिला है। स्वतंत्रता आंदोलन हो, सामाजिक सुधार के कार्यक्रम हो, सामान्य मानवी का शक्तीकरण हो या फिर शिक्षा के उच्च मानदंड। मेदिनीपुर ने इतिहास में अपना एक विशेष स्थान बनाया है। इस अवसर पर मैं ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी, शहीद खुदीराम बोस, मतंगिरी हाजरा, रानी शिरोमणि समेत यहां के हर व्यक्ति को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन खपा दिया।

साथियो।
देश आज परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन के समय जिस प्रकार एक संकल्प लेकर उसे सिद्ध किया गया था। वैसे ही, समग्र देश में आज संकल्प से सिद्धि की यात्रा आगे बढ़ रही है। सवा सौ करोड़ भारतीय न्यू इंडिया का संकल्प लेकरके, उसको साकार करने के लिए आज देश के लिए देश का नौजवान हो, देश का किसान हो, महिलाएं हो, दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, आदिवासी हो, हर कोई अपने-अपने तरीके से देश को आगे ले जाने के लिए नई-नई संभावनों को तराशने के लिए प्रगति के लिए जुटे हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी आवश्यकताओं को समझते हुए आपकी की खातिर क्या किया जा सकता है। इसको भलीभांति समझते हुए आपका जीवन आसान कैसे बने, इसके लिए नीतिगत निर्णय, रणनीति में बदलाव और आखिरी छोर के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंचे, इसके लिए निरंतर काम कर रहे हैं।

बंधु गण।
अभी हाल में हमारी सरकार ने ऐसा फैसला लिया है जो पश्चिम बंगाल के किसानों के जीवन में भी एक बहुत बड़ी नई ताकत देने वाला है।
साथियो।
पहले हर सरकार के पास एमएसपी की बढ़ोतरी की मांग की गई। अनेक कमीशन, अनेक कमेटियां बैठी। हर बार उसको टाल दिया गया। एमएसपी फाइलों को दबोच करके रख दिया गया। एमएसपी सही मिले, इसके लिए किसान मांग करते रहे, आंदोलन करते रहे लेकिन न राज्यों की सरकारों ने सोचा न दिल्ली में बैठे हुए लोगों ने किसानों की सुनी। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का निर्णय आज हमारी सरकार ने कर किया है।

भाइयो बहनो।
इसके कारण धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में, एमएसपी में प्रति क्विटंल 200 रुपए की बढ़ोतरी की है। इसी तरह मक्के के एमएसपी में 275 रुपये की वृद्धि की गई है। लगभग 1100 रुपये क्विंटल लागत के ऊपर मक्के का समर्थन मूल्य 1750 रुपये कर दिया गया है। मक्के के अलावा ज्वार, रागी जैसे पोष्टिक और फाइबर से परिपूर्ण अनाज के लिए भी लागत के ऊपर 50 प्रतिशात का लाभ सुनिश्चित किया गया है। खरीफ की इन अहम फसलों के, सरकार ने कुछ महीना पहले, जिसका पश्चिम बंगाल से सीधा संबंध है। जूट के एमएसपी में हमने 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है।

साथियो।
जब 2014 में हमारी सरकार बनी थी। तब जूट की औसत कीमत प्रति क्विटंल 2000 रुपये से भी कम थी। पिछले वर्षों में जूट की प्रति क्विंटल कीमत को हमने 1700 रुपये से ज्यादा बढ़ोतरी की है। इस फैसले का पश्चिम बंगाल के जूट के जो उत्पादक हैं, उन हमारे किसान भाइयों को फायदा हुआ है। किसान हमारा अन्नदाता है। गांव हमारे देश की आत्मा है। कोई भी समाज तब तक आगे नहीं बढ़ सकता है जब तक उसका अगर किसान उपेक्षित रहता है तो ...। कोई भी देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता है जब तक गांव आगे न बढ़े। और गांव की समृद्धि, कृषि की समृद्धि, इसकी संभावनाओं को और ताकत देने का काम आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार देशभर के किसानों के लिए कर रही है।

भाइयो बहनो।
2022 में किसान की आय दोगुनी करने के संकल्प के साथ हम काम कर रहे हैं। और किसान की आय दोगुनी करने के इरादे से चाहे मछली पालन हो, चाहे मुर्गी पालन हो, चाहे मधुमक्खी पालन हो, खेत के किनारे बांस की खेती को प्रमोट किया जाए। एक प्रकार से किसान की आय पशुपालन से लेकर मधुमक्खी तक, इन और चीजों को जोड़करके किसान की आय दोगुनी करने के संकल्प के साथ आज हम काम कर रहे हैं। हमने एक अहम फैसला लिया – बांस, बम्बू। पहले की सरकारों ने बम्बू को पेड़ माना था, वृक्ष माना था, ट्री माना था। उसके कारण बम्बू को कोई काट नहीं सकता था। हमने बांस को ग्रास मान लिया, घास मान लिया, तृणमूल मान लिया। और इसके कारण आज जो हमारा बम्बू है, वो किसान अपने खेत में उगा सकता है और बम्बू काटकरके बेच भी सकता है।

भाइयो बहनो।
हमारे यहां हजारों करोड़ रुपये का बम्बू विदेशों से लाना पड़ता है। अगरबत्ती बनाना है, बम्बू बाहर से लाओ। पतंग बनाना है, बम्बू बाहर से लाओ। और मेरे देश का किसान, जो जंगलों में मेरा आदिवासी बम्बू की जिंदगी जी रहा है बम्बू के साथ जिंदगी जी रहा है, उसको बम्बू बेचने का हक नहीं था। हमने ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय करके किसानों की मदद करने का काम किया है। बाजार में सुधार में कैसे आए? किसान जो बेचता है, उसको सही दाम कैसे मिले? बीज से लेकर बाजार तक। चाहे स्वॉयल टेस्टिंग का काम हो, चाहे इरीगेशन का काम हो, चाहे यूरिया समय पर पहुंचाने की बात हो, चाहे बीज अच्छी क्वालिटी का मिले। वहां से लेकर के e-NAM के दावा अपने मोबाइल फोन से हमारा किसान जहां ज्यादा दाम हो वहां बेच सकता है। यह काम हमारी सरकार ने किया है।

भाइयो बहनो।
ये हमारे बंगाल में आलू कितनी मात्रा में पैदा होता है, हम भलीभांति जानते हैं। और बाद में आलू का क्या हाल हो जाता है, ये भी जानते हैं। राज्य सरकारों को इसके भंडारण की व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन उसके अभाव में हमारे किसान जो पैदावार करते हैं, उसका लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है। देश का नुकसान हो जाता है।

भाइयो बहनो।
आज हमने किसान संपदा योजना के नाते हजारों करोड़ का बजट भंडारण व्यवस्था करने के लिए लगाने का निर्णय लिया है ताकि देश का किसान जो पैदावार करता है वो बाजार पहुंचने तक जो बर्बाद हो जाता है, उसको बचाया जा सके।और सही जगह पर, सही समय पर किसान ने जो उत्पादित किया है, उसको हम पहुंचा सकें। इसके लिए हम ऑपरेशन ग्रीन चला रहे हैं।
टॉप योजना लाए हैं - टोमेटे, आनियन, पोटेटे ताकि इसकी पैदावार करने वाले किसानों को विशेष लाभ मिले। देश के किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए खेती में मार्केटिंग रिफॉर्म की भी बहुत व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। मैं आशा करता हूं कि पश्चिम बंगाल की सरकार भी किसानों की भलाई के लिए मार्केट रिफॉर्म के लिए और कदम उठाएगी ताकि किसानों को लाभप्रद गारंटी प्राप्त हो सके।

भाइयो बहनो।
हम 22 हजार ग्रामीण हाटों को जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

भाइयो बहनो।
हमारी कोशिश है कि हमारा किसान समृद्ध हो, आधुनिक खेती करने लगे, टेक्नोलॉजी का उपयोग हमारी कृषि में सही ढंग से आए। उस दिशा में भी हम काम कर रहे हैं। आज ब्लू रिवोल्यूशन का भी एक नया अवसर पैदा हुआ है। सामुद्रिक शक्ति, जल शक्ति, इसका भी एक अवसर पैदा हुआ है। और इसलिए मछली पालन से लेकरके ब्लू रिवोल्यूशन में हमारे बंगाल के किसान बहुत बड़ी ताकत के साथ शरीक हो सकते हैं। उनको भी मैं निमंत्रण देता हूं कि आइए हम इन सारे कामों के साथ जुड़ें।

भाइयो बहनो।
मैं देख रहा हूं कि पश्चिम बंगाल की सरकार का हाल क्या है। आज जो पश्चिम बंगाल के हाल हैं वो हम भलीभांति जानते हैं। किसान को लाभ नहीं, गरीब का विकास नहीं, नौजवान को नए अवसर नहीं। ये चरित्र, ये चित्र, ये कार्यशैली, जटाई उन्नयन, मधाई उन्नयन, पश्चिम बंगाल की एक नई पहचान बन गई है।

साथियो।
मां, माटी, मानुष की बातें करने वालों के पिछले 8 साल का चेहरा, उनका सिंडिकेट आज बंगाल के हर व्यक्ति को भलीभांति पता चल गया है। ये सिंडिकेट है जबरन वसूली का। ये सिंडिकेट है किसानों के लाभों को छीनने का। ये सिंडिकेट है अपने विरोधियों की हत्या करने के षड्यंत्र करने का। ये सिंडिकेंट है गरीबों पर अत्याचार करने का। ये सिंडिकेट है अपनी वोट बैंक के लिए। ये सिंडिकेट सत्ता को कैसे भी बनाए रखने के सपने को पूरे करने के लिए सिंडिकेट हर अनैतिक, अवैधानिक, गैरकानूनी कामों में जुटी हुई है। पश्चिम बंगाल के बाकी लोगों को नजरअंदाज करना।

भाइयो बहनो।
आज पश्चिम बंगाल सामान्य जीवन मुश्किल से जी रहा है। यहां पूजा भी मुश्किल में है। महान बंगाल की महान परंपराओं को भी कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। सिंडिकेट की मर्जी के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ भी करना मुश्किल हो गया है। नई कंपनी खोलनी हो, नई अस्पताल खोलने की इच्छा हो, नया स्कूल बनाना हो, नई सड़क बनानी हो, बिना सिंडिकेट को चढ़ावा दिए, उसकी स्वीकृति के बिना कुछ नहीं हो सकता है। यही सिंडिकेट तय कर रही है कि किसके यहां सामान खरीदे, किसकी दुकान से सामान खरीदे। किसकी दुकान से कन्ट्रेक्टर माल लेगा, सीमेंट कहां से आए, कंकड़ कहां से आएगा, बालू कहां से आएगी, लकड़ी कहां से आएगी, टीन कहां से आएगी, ये भी ..., ये भी सिंडिकेट तय करती है। किसान अपनी फसल कहां बेचे, सिंडिकेट तय करे। कितने में बेचे सिंडिकेट तय करे। सिंडिकेट को कितना मिलना चाहिए, सिंडिकेट तय करे।

भाइयो बहनो।
अरे कॉलेज में दाखिला लेना हो तो भी सिंडिकेट को चढ़ावा दिए बिना दाखिला नहीं मिलता। चिटफंड से लेकर के आलू बोंड तक ...। चिटफंड से लेकर आलू बोंड तक ...। क्या-क्या कारनामे चलते हैं। यह सब कुछ सिंडिकेट की इच्छा से चलता है। ये बंगाल भलीभांति जानता है।

साथियो।
दशकों से वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज हालत इन्होंने आकर उसे और बदतर बना दिया है। छोटे उद्यमी हो या फिर बड़े कारोबारी, उनके लिए पार्टी और प्रशासन के बीच में कोई फर्क नहीं है। ऐसे में, राज्य में कर्ज की स्थिति, निवेश की स्थिति, यहां हाल क्या है, वो किसी से छिपा हुआ नहीं है। छोटे उद्यमियों हों या फिर बड़े कारोबारी। यहां पर उनके लिए पार्टी और प्रशासन उस सिंडिकेट की मदद करना, उस सिंडिकेट का भला करना, इसी में जुटी हुई है। क्या मेरे बंगाल के भाइयो-बहनो ..., आपने वामपंथियों से मुक्ति ये मुसीबत को निमंत्रित करने के लिए काम किया था। क्या वामपंथियों से मुक्ति उससे भी बदतर राज्य बनाने के लिए किया था।
लेकिन भाइयो बहनो।
इन्होंने कैसा हाल किया है वो आप जानते हैं। जिस धरती से वंदे मातरम और जन गण मन की गूंज उठी। उस महान धरती को, ये राजनीतिक सिंडिकेट अपनी वोट बैंक की राजनीति, अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते, यहां की बंगाल की भूमि को बार-बार अपमानित कर रहे हैं, परंपराओं को अपमानित कर रहे हैं।

भाइयो बहनो।
अभी पिछले दिनों पंचायत के चुनाव हुए। जोर और जुल्म के बीच, आतंक और हिंसा के बीच यहां की जनता ने जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया, मैं सिर झुका करके जनता का नमन करता हूं। एक के बाद एक हमारे दलित कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। दलित मां-बाप के बेटों को छिन लिया गया। निर्दोंषों को मौत के घाट उतार दिया गया। लोकतंत्र को लहुलुहान कर दिया गया लेकिन भाइयो बहनो। आपने हिम्मत नहीं हारी। आप डटकरके खड़े रहे। यही ..., यही बंगाल के उज्ज्वल भविष्य की आशा लेकर आया है भाइयो। यही बंगाल के उज्ज्वल भविष्य का विश्वास लेकर आया है। मैं आप सबको, पूरे बंगाल के साहसी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।

भाइयो बहनो।
केंद्र सरकार राज्यों को जो पैसे दे रही है, उसको भी कहां खर्च करते हैं। करते हैं कि नहीं करते हैं। हिसाब देते हैं कि नहीं देते हैं। सबकुछ सिंडिकेट के बिना होता नहीं है।
भाइयो बहनो।
बंगाल एक संस्कार की धरती है। बंगाल ये देशभक्तों की धरती है। ये बंगाल त्यागी और बलिदानियों की धरती है। अगर कुछ मुट्ठीभर लोग सोचे कि सत्ता के नशे में बंगाल की भावनाओं को कुचल दिया जाएगा। तो वो दीवार पर लिखा हुआ पढ़ ले, सदियों पुराना इतिहास पढ़ लें, हर जुल्मकार की विदाई निश्चित होती है। कोई नहीं बच पाता है, जिन्हें लोकतंत्र पर यकीन नहीं, जिन्हें चुनाव प्रक्रियाओँ पर यकीन नहीं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट हर किसी को जिस सरकार को डंडे मारने पड़े।

भाइयो बहनो।
मैं हैरान हूं जो लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हों,, न्यायालय पर विश्वास न करते हों, संसदीय प्रणाली में विश्वास न करते हों, पंचायत व्यवस्था में विश्वास न करते हो, चुनाव प्रक्रिया में विश्वास न करते हों। ये बंगाल है। अब ये बचने वाले नहीं है।

भाइयो बहनो।
बंगाल की जनता ने वामपंथियों के ऐसे जुल्म से लोकतंत्र की ताकत से बंगाल को वामपंथियों के जुल्म से मुक्ति किया। उस समय तो समय लगा था। अब महीनों के भीतर-भीतर ये बंगाल जुल्म से मुक्त होने वाला है। बंगाल मौके की तलाश में है। बंगाल मौके के इंतजार में है। और इसलिए मैं बंगाल के लोगों को यही कहना चाहूंगा कि बंगाल के उज्ज्वल भविष्य के लिए ...। बंगाल के नागरिकों से मेरा यही अनुरोध है। बंगाल के कार्यकर्ताओं से मेरा यह अनुरोध है विभाजित नहीं संगठित होकर के सोचिए। हताश नहीं साहस के साथ सोचिए। आपके बगल में त्रिपुरा ने ये कमाल करके दिखा दिया है। अगर साहस है, संकल्प है तो सिंडिकेट हिल जाती है। जैसे त्रिपुरा ने आपके बगल में सिंडिकेट को ध्वस्त कर दिया, आपकी ताकत पश्चिम बंगाल के सिंडिकेट को भी ध्वस्त कर देगी। इस ऐतिहासिक मैदान से निकला हुआ संकल्प कभी बेकार नहीं गया है। इतिहास इसका गवाह है।

भाइयो बहनो।
ये पश्चिम बंगाल नई ऊर्जा के साथ, नए उमंग के साथ, नए विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
भाइयो बहनो।
मैं बंगाल के लोगों का, उनकी ताकत का नया रूप आज मैंने देखा है। आज मैंने बंगाल के लोगों की एक नई ताकत का दर्शन किया। कोई कल्पना कर सकता है कि इस सभा के मैदान में एक तिहाई हिस्सा गिर जाए। हर कोई मदद करके सबको बाहर ले जाएं और बाकी सभा शांति से चलती रहे। ये शायद इतिहास में कभी हुआ। मैं आपको जितना नमन करूं उतना कम है। मैं बंगाल की जनता का जितना पैर छुऊं उतना कम है। ऐसी डिसिपिलिन कोई सोच नहीं सकता है। मैं गुजरात से आया हूं। मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि ऐसा हादसा होने के बाद भी लोग इतने प्यार से, शांति से, डिसिप्लीन से, पूरी सभा का ...। ये घटना अदभुत है। और लोग भी पंडाल दब गया लेकिन छोड़ने को तैयार नहीं है। वो हटने को तैयार नहीं है। ये आपका साहस ...। दीदी ...। ये दम देख लीजिए। ये डिसिप्लीन देख लीजिए। ये साहस देख लीजिए। प्राकृतिक आपदा भी जिनको हिला नहीं सकी आपका जुल्म कहां से हिला सकता है।

भाइयो बहनो।
मेरे लिए आज की ये सभा जीवन भर स्मरण रहेगी, जीवनभर। सरकार की इतनी रुकावटों के बाद भी इतनी संख्या, लगातार बारिश के बाद भी इतने लोग, मैदान पानी से भरा हुआ है तो भी इतने लोग, और पंडाल का एक हिस्सा गिरने के बाद भी कोई हिलने का नाम नहीं लेता है। ये ताकत है। ये ताकत है। मैं बंगाल को, बंगाल की जनता को और बंगाल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साहस को शत-शत नमन करता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

பிரபலமான பேச்சுகள்

78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்
Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait

Media Coverage

Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.