In the SP era, mafias roamed freely, flaunting their power in open jeeps: PM Modi taking a dig at the Opposition
Under Yogi Ji’s government, riots and rioters have been stopped: PM Modi in Ghazipur, UP
Congress mastered the art of delaying work and denying rights: PM Modi in UP

भारत माता की जय।
भारत माता की जय।

लहुरी काशी के पावन धरती पर आप सब गाजीपुर के लोगन के हमार प्रणाम बा।

मैं माता कामाख्या और महाहर धाम को प्रणाम करता हूं। बनारस वालों के लिए तो गाजीपुर आना ऐसा ही है, जैसे बगल के मोहल्ले में आ गए। बनारस वाले अगर गाजीपुर आय जालन और केहू फोन करे तो कहेलन, अरे यहीं घरवै में हई, बतवा। इसलिए मैं भी गाजीपुर प्रचार करने नहीं आया हूं। अपनी माताओं-बहनों का, और आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं। और यह जनसमूह, यह जोश, पूरे यूपी के साथ और गाजीपुर जरा ताकत से कह रहा है। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार।

साथियों,

हमारे गाजीपुर का सामर्थ्य क्या है, यह इतिहासकारों से ज्यादा देश की सीमाओं को पता है। ये पराक्रम और शौर्य की गाथाएं बताती हैं। डॉ. शिव पूजन राय, भागवत मिश्रा और मैगर सिंह जैसे सेनानी, वीर अब्दुल हमीद, राम उग्रह पांडे और ब्रिगेडियर उस्मान जैसे वीर गाजीपुर की परंपरा और गाजीपुर का गहमर गांव यह नाम ही काफी है। हर घर से जहां, जांबाज निकलते हों, यह गौरव गाजीपुर के अलावा और किसे मिला होगा क्या? पूरा देश इस मिट्टी का ऋणी है।

भाइयों और बहनों,

मुझे आपके बीच कई बार आने का अवसर मिला है। चाहे संगठन का काम करता था या चाहे गुजरात का मुख्यमंत्री था, या लोकसभा में चुनाव का समय हो, विकास के काम हो, मैं जब भी गाजीपुर आता हूं तो मुझे एक पुराना प्रसंग बार-बार याद आता है। यह प्रसंग इस बात का गवाह है कि कैसे इंडी वालों ने गाजीपुर के साथ विश्वासघात किया। आजादी के बाद कांग्रेस ने कसम खा ली थी कि इस क्षेत्र का विकास नहीं करेगी। यहां के लोग गरीबी में घुट-घुट कर जीने को मजबूर रहे। पुराने लोगों को पता होगा, यहां की तकलीफ को सबसे पहले हमारे गहमरी बाबू ने उठाया था। उन्होंने पार्लियामेंट में नेहरू जी को यहां की स्थिति बताई और आंख में आंसू के साथ बाबूजी ने कहा कि कैसे यहां के लोग जानवरों के गोबर से गेहूं बीन करके खाते थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने क्या किया? उसमें भी राजनीतिक मौके तलाश लिए। सियासी ड्रामे हुए। लोगों की आंख में धूल झोंकने के लिए पटेल आयोग बना। रिपोर्ट आई। फिर फाइल धूल फांकने के लिए छोड़ दी गई।

साथियों,

आज मुझे कितना संतोष होता है कि हमारी सरकार हर गरीब को मुफ्त राशन दे रही है। कोरोना के इतने बड़े संकट में भी सरकार ने गरीब को भूखे नहीं सोने दिया। गरीब के घर का चूल्हा बुझने नहीं दिया। मुफ्त राशन की योजना पर आज मोदी लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। किसके लिए ताकि आज फिर किसी गरीब को वो परेशानी ना उठानी पड़े, जो उसने कांग्रेस-सपा के राज में उठाई है।

साथियों,

इंडी गठबंधन वालों को कभी भी आपकी परवाह नहीं होगी। आप याद करिए, कांग्रेस कैसे सरकारें चलाती थी। ताड़ीघाट पुल का शिलान्यास हमारे गहमरी बाबू ने करवाया था। उसके बाद छह दशक तक यह काम लटका रहा। इंडी पार्टियों की कितनी सरकारें आई, सरकारें आईं और चली गईं। लेकिन पुल नहीं बना। पुल तब बना, जब आपने मोदी को आपकी सेवा का अवसर दिया। और ये मेरा सौभाग्य था कि बाबूजी का जो सपना था, वो मैंने यहां आ करके, इसका उद्घाटन करने का सौभाग्य मुझे मिला।

साथियों,

काम लटकाने और हक मारने में तो कांग्रेस को महारत हासिल है। इन्होंने हमारे सेना के वीर जवानों को वन रैंक, वन पेंशन तक नहीं मिलने दी थी। वन रैंक, वन पेंशन तब लागू हुई, जब मोदी आया। और कांग्रेस ने कांग्रेस ने हमारे सेना के जवानों के साथ उनकी तपस्या का कैसे मखौल उड़ाया था। उनकी आंखों में कैसे धूल झोंकी थी। उनको मूर्ख मनाने का भरपूर प्रयास किया था। जब 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया। उसके बाद मेरी पहली रैली हरियाणा के रेवाड़ी में एक्स सर्विसमैन की हुई। और वहां मैंने कहा था कि मैं वन रैंक वन पेंशन लागू करूंगा। कांग्रेस वाले घबरा गए। ये मोदी ने घोषणा कर दी, अब करें क्या? तो उन्होंने आनन-फानन में हर एक की आंख में धूल झोंक करके बजट में 500 करोड़ रुपया लिख डाल दिया और लिख लिया OROP करेंगे। और फिर देश भर में एक्स सर्विसमैन के सम्मेलन किए। शहजादे वहां जाकर के नाच रहे थे कि OROP-OROP-OROP जब आपने मुझे प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया और मैंने पहले ही काम खोला। मैंने कहा लाओ भाई क्या हुआ मैं चौक गया। 21वीं सदी में आज कम्युनिकेशन का इतना बड़ा जमाना, पढ़े-लिखे नौजवान, इन्होंने कैसे सेना के साथ गद्दारी की थी। उन्होंने 500 करोड़ रुपया लिख कर के वन रैंक, वन पेंशन टोकनिज्म किया। मैंने कहा नहीं मैं तो वन रैंक, वन पैंशन लागू करना चाहता हूं।

भाइयों और बहनों,

आप जान कर के हैरान हो जाएंगे। वन रैंक वन पेंशन लागू करने में OROP लागू करने में अब तक सवा लाख करोड़ रुपया पूर्व सैनिकों को खाते में जमा करा दिए गए हैं। अब कोई मुझे बताए भाई। सवा लाख करोड़ की जरूरत उसके सामने 500 करोड़ का ड्रामा यह धोखा है कि नहीं है। यह धोखा है कि नहीं है। यह बेईमानी है कि नहीं है। यह पूर्व सैनिकों का अपमान है कि नहीं है।

साथियों,

गाजीपुर हो, यूपी हो या पूरा देश हो, परिवारवादी पार्टियों के नेता अपने परिवार के लिए महल पे महल बनाते चले गए, लेकिन गांव-गरीब, किसान-मजदूर, दलित वंचित वो जीवन की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए जूझते रहे। मोदी ने जो काम किए उनसे गरीब का जीवन बदला। सिर्फ 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यह कैसे हुआ। 25 करोड़ लोग 10 साल में गरीबी से बाहर निकले, कैसे हुआ। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, कैसे हुआ। कैसे हुआ, कैसे हुआ। ये मोदी के कारण नहीं, ये आपके एक वोट की ताकत है, जिसके कारण 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। आपके वोट ने मोदी को मजबूत बनाया और मोदी की योजनाओं ने गरीब को सशक्त बना दिया और इसलिए इस पुण्य के हकदार अगर कोई है तो आपका एक-एक वोट उसका हकदार है। हमने 4 करोड़ परिवारों को पीएम आवास दिए। हमने 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों को बैंक में खाते दिलवाए। हमने हर गांव तक बिजली पहुंचाई। हम हर घर जल पहुंचा रहे हैं। आज किसी गरीब को इलाज के लिए अपनी जमीन नहीं बेचनी पड़ती। उसके पास मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड है और हम तो जानते हैं। मैं तो गरीबी से निकला हूं। मैं गरीबी को जिया हूं। गरीबों के बीच में पला-बड़ा हूं और इसलिए मैं अपने जीवन को आंखों के सामने जो चीजें देखी थीं। आज भी अगर कोई गरीब मां बीमार हो जाती है तो परिवार में किसी को भी पता नहीं चलने देती कि उसे दर्द हो रहा है। पीड़ा हो रही है। वो मां दिन भर काम करती रहती है। पीड़ा सहती रहती है। परिवार में बच्चों को पता नहीं चलने देती कि मुझे इतनी बड़ी पीड़ा होती है। क्योंकि, मां के मन में एक भाव रहता है कि अगर परिवार में पता चलेगा बच्चों को, कि मैं बीमार हूं तो मुझे बच्चे मुझे अस्पताल ले जाएंगे। अस्पताल में भारी भरकम खर्चा हो जाएगा। बच्चों के माथे पर कर्ज आ जाएगा। तो मां सोचती है कि मुझे बच्चों को कर्ज में नहीं डूबने देना। मैं पीड़ा सहन करती रहूंगी और जब ईश्वर बुला लेगा तब चली जाऊंगी। ये मेरे देश की कोटि-कोटि माताएं बीमारी सहती रहीं। लेकिन अगर मेरी माताओं को बीमारी सहनी है तो इस बेटे का दिल्ली में बैठने का क्या मतलब? और इसलिए आपके इस बेटे ने तय किया कि अब गरीब को बीमारी में इलाज की जिम्मेदारी मोदी उठाएगा। आज आयुष्मान योजना करोड़ों परिवारों को मुसीबत में अनेक प्रकार की सुविधाएं देता है।

और भाइयों बहनों,

मैंने एक और गारंटी लेकर के आया हूं। अब मैंने तय किया है कि आपके परिवार में जो 70 साल से ऊपर की आयु के बुजुर्ग हैं। और आजकल हर परिवार में पिता-माता, दादा-दादी, नाना-नानी, काका-काकी ऐसे बुजुर्ग होते ही होते हैं। और 70 साल के बाद एकाध बीमारी तो आ ही जाती है। दवाई का खर्चा भी हो जाता है और जो बेटा-बेटी कमाते हैं। उनके सामने एक तरफ खुद के बच्चों को आगे बढ़ाने का काम रहता है। रोजमर्रा की जिंदगी चलानी होती है और ऊपर से अपने परिवार के बुजुर्गों को संभालना होता है। लेकिन बीमारी आ जाए तो पूरा ध्यान बीमारी में लग जाता है। और जो कमाने वाले बेटे-बेटी हैं उन पर बहुत बोझ पड़ जाता है। तो मोदी ने गारंटी दी है, अब किसी कमाने वाले बेटे-बेटी पर यह बोझ नहीं पड़ने दूंगा। आपके परिवार के 70 साल से ऊपर के लोगों का बीमारी में इलाज इसकी जिम्मेवारी अब मोदी उठाएगा।

साथियों,

सपा के दौर में यूपी में यह हाल था कि माफिया लाल बत्ती में घूमते थे। खुली जीप में कानून को चेतावनी देते थे। विरोधियों को खुलेआम गोलियों से भून दिया जाता था। दंगों को यूपी की पहचान बना दिया गया था। सपा की सरकार में हर महीने दो से तीन बड़े दंगे होते थे। इसका नुकसान गरीबों को होता था। दुकानदारों को, कारोबारियों को हर एक को होता था। अब योगी जी की सरकार में दंगे भी बंद है और दंगाई भी बंद है।

साथियों,

वोट के लिए, सत्ता के लिए सपा-कांग्रेस वाले कुछ भी कर सकते हैं। सपा के शहजादे ने कभी कहा था कि माफिया की एंट्री पर रोक लगाएंगे। और फिर वो माफिया के चरणों में ही जाकर के बैठ गए हैं। सपा ने माफियाओं को पाला-पोसा। उन्हें टिकट दिया। जो अपनी बात पर कायम नहीं रह सका, वो आपकी लड़ाई कभी नहीं लड़ सकता।

साथियों,

इंडी गठबंधन में जितनी पार्टियां हैं, ये इडी गठबंधन वाली जितनी पार्टियां हैं ना। उन सबमें कुछ अवगुण कॉमन है। उनकी पहचान है। एक इंडी गठबंधन वाली सभी पार्टियां घोर सांप्रदायिक है। दूसरा, वे घोर जातिवादी हैं। तीसरा वे घोर परिवारवादी हैं। इन लोगों ने हमेशा देश में दलितों-पिछड़ों को आगे बढ़ने से रोका। आप याद करिए, देश में बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किसने किया। उन्हें षड्यंत्र करके चुनाव किसने हराया था कांग्रेस पार्टी ने। बाबासाहेब को भारत रत्न किसने नहीं मिलने दिया कांग्रेस पार्टी ने। इन लोगों ने एक दलित के बेटे रामनाथ कोविंद जी का अपमान किया। एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति चुनाव हराने के लिए पूरा इंडी गठबंधन इकट्ठा हो गया। और यही वो लोग हैं जिन्होंने राजा सोहेलदेव जैसे महान वीर का कभी सम्मान नहीं होने दिया। बीजेपी ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी की। आज उनके नाम पर ट्रेन चल रही है।

साथियों,

इंडी गठबंधन वाले दलितों-पिछड़ों का आरक्षण लूटने में लगे हैं। यह लोग दलितों पिछड़ों का आरक्षण बंद करके, उसे धर्म के आधार पर देने की साजिश कर रहे हैं। ये लोग पासी, जाटव, लोनिया, कुर्मी, यादव, बिंद, निषाद, कुर्मी, पटेल जैसे अनेक जातियों का, सबका आरक्षण छीनने के लिए उन्होंने प्लान किया हुआ है। और कर्नाटक में लागू किया। कर्नाटक में उन्होंने रातोंरात मुसलमानों को ओबीसी बना दिया। और ओबीसी का सारा आरक्षण छीन लिया। अब बंगाल में तो इनका बहुत बड़ा षड्यंत्र खुला है। दो दिन पहले कोलकाता हाई कोर्ट ने पर्दा उठाया। वहां क्या खेल चल रहा था। बंगाल में लगभग सारा से आरक्षण मुसलमानों और घुसपैठियों को दिया जा रहा था। यह कांग्रेस-सपा-टीएमसी के गठबंधन साथी, ये सब एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण की इस लूट में एक साथ खड़े हैं। और कौन एसटी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण के पक्ष में इनसे मोर्चा ले रहा है। इनके सामने आज सीना तान के कौन लड़ाई लड़ रहा है। ये मोदी लड़ाई लड़ रहा है। और मैं आपको गारंटी देता हूं, जब तक मोदी जिंदा है, जब तक मोदी जिंदा है। एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण मैं किसी हालत में उनको छीनने नहीं दूंगा। मैं धर्म के आधार पर खेल खेलने नहीं दूंगा। वंचितों का जो अधिकार है...वंचितों का जो अधिकार है...मोदी उसका चौकीदार है।

साथियों,

इंडी गठबंधन तुष्टिकरण की सनक में हर हद पार कर रहा है। ये लोग राम मंदिर का अपमान कर रहे हैं। सपा के नेता राम मंदिर को बेकार और पाखंड बताते हैं। कांग्रेस के शहजादे वो तो राम मंदिर पर ताला लगवाने का प्लान बना रहे हैं। इतना ही नहीं, इंडी गठबंधन वालों ने एक और ऐलान किया है। ये कह रहे हैं कि कश्मीर में आर्टिकल 370, धारा-370 फिर से वापस लाएंगे। यानी कांग्रेस फिर से कश्मीर को आतंकवाद की आग में झोंकेगी। कांग्रेस फिर से पाकिस्तान के हौसले बुलंद करेगी। ये फिर से हमारे सैनिकों का खून बहाना चाहते हैं। गाजीपुर की जनता, ये होने नहीं देगी। ये मुझे पूरा भरोसा है। गाजीपुर लोगों को तो गर्व है कि आज जिस जम्मू-कश्मीर की दुनिया में चर्चा हो रही है। वहां के चुनावों की चर्चा हो रही है बढ़-चढ़ कर के आज जम्मू कश्मीर जो मतदान हो रहा है। उसका गौरव गान हो रहा है, तो गाजीपुर के हर व्यक्ति को गर्व होता है कि गाजीपुर का बेटा आज जम्मू कश्मीर की कमान संभाल रहा है। कश्मीर के लोग भी देख रहे हैं विकास कैसे होता है। अब कश्मीर में भी लोग गाजीपुर का नाम जान गए हैं।

साथियों,

गाजीपुर ने देखा है, कमल खिलता है तो विकास की खुशबू कैसे फैलती है। अब गाजीपुर में हर कोई कर कह रहा है, काम तो बहुत भइल बा....अब कमवा दिखाई पड़त बा.....सम्मान चाहि कि माफिया के धौंस चाहि? आज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हो, गाजीपुर- मांझीघाट ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट हो....रेलवे स्टेशनों का विकास हो। सड़क, हाईवे, पुल, कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, गोदाम, पेरिशेबल कार्गो, महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज की सुविधा, गाजीपुर में जो काम 60 वर्ष में नहीं हुआ, वो हमने 10 साल में करके दिखाया है।

साथियों,

मुझे विकसित भारत के संकल्प के लिए गाजीपुर का भरपूर मार्गदर्शन समर्थन चाहिए। 400 पार में मुझे एक कमल गाजीपुर का चाहिए। मां भारती के चरणों में गाजीपुर का कमल भी चढ़ना चाहिए। चढ़ेगा, पक्का चढ़ेगा, एक जून को भाई पारसनाथ राय जी को आप भारी बहुमत से जिताएं और उन कमल के निशान पर दिया हुआ हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। हर पोलिंग बूथ जिताएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। मेरा ही काम करेंगे। ऐसे नहीं, पूरा बताओ तो बोलूंगा। मेरा एक काम करेंगे। यह चुनाव का काम नहीं है। यह पारसनाथ जी का काम नहीं है। ये बीजेपी का काम नहीं है। मेरा अपना काम है, बोलो करोगे। हाथ ऊपर करके बताओ करोगे। एक काम करना, आपके गांव में, आपके इलाके में कोई न कोई देवस्थान होगा। कोई न कोई मंदिर होगा। कोई तीर्थ क्षेत्र होगा। मेरी तरफ से वहां जाना माथा टेकना और परमात्मा से विकसित भारत के लिए आशीर्वाद मांगना। करेंगे, करेंगे। दूसरा काम। दूसरा काम। हर परिवार में जाइए और हर परिवार में जाकर के कहिए कि अपने मोदी जी आए थे। मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे।

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भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।