The central government is working day and night for the development of Jharkhand, says PM Modi in Hazaribagh
Today everyone in the state knows that Congress JMM and RJD's alliance is the biggest hindrance in the development of Jharkhand: PM Modi
The Congress never gave importance to the tribal community which made such a big contribution to the freedom struggle: PM Modi targets opposition
The JMM and Congress are running a marathon of scams in Jharkhand, says PM Modi in Jharkhand’s Hazaribagh
The RJD transformed Jharkhand into a center for their exploitation, brazenly looting its water, forests, and land: PM Modi

जय जोहार!

मैं हजारीबाग की इस पवित्र धरती पर मां भद्रकाली और मां छिन्नमस्तिका के चरणों में प्रणाम करता हूं। इस धरती ने जनजातीय संस्कृति को संजोया है, भगवान बिरसा मुंडा की प्रेरणाओं को संजोया है। आज गांधी जयंती के पावन अवसर पर मुझे यहां आने का सौभाग्य मिला है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1925 में गांधी जी हजारीबाग आए थे। बापू के विचार, बापू की शिक्षाएं हमारे संकल्पों का हिस्सा हैं। मैं बापू को नमन करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।

साथियों,

इससे पहले साल 2015 में भी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन मैं झारखंड आया था। तब मेरा खूंटी में कार्यक्रम हुआ था। मैंने वहां सोलर रूफटॉप पावर प्लांट का उद्घाटन किया था।

साथियों,

झारखंड के साथ भाजपा का, और मेरा अपना एक विशेष रिश्ता बन गया है। ये रिश्ता दिल का रिश्ता है, साझे सपनों का रिश्ता है। इसीलिए, झारखंड मुझे बार-बार बुलाता है और मैं भी बार-बार दौड़ा चला आता हूं। अभी कुछ ही दिन पहले मैं जमशेदपुर आया था। उस दिन बारिश, पानी, आंधी ने भी खूब रुकावटें डाली, हेलीकाप्टर भी नहीं उड़ सका, लेकिन, मैंने तय किया था, झारखंड आकर आप लोगों के दर्शन किए बिना वापस नहीं जाऊंगा। मैं सड़क से यात्रा करके अपने लोगों के बीच पहुंच गया। झारखंड को, जनजाति के मेरे साथियों को, यहां के नागरिकों को, लेकिन आज मैंने कहा कि मैं हरेक के बीच में जाकर दर्शन करके आऊंगा। तो मुझे अभी आपके बीच दर्शन करने का अवसर मिला। लेकिन उसके बावजूद भी पीछे हजारों लोग छूट गए जिनको मैं भी नहीं देख पाया और वे नहीं देख पाए, और यहां से मुझे उनकी मुंडी दिखती है सारे। मैं उन सबसे क्षमा मांगता हूं कि मैं आप तक आने के बाद भी आप तक नहीं पहुंच पाया। और इसलिए आपकी क्षमा चाहता हूं कि इतनी बड़ी संख्या में आप दूर-दूर तक खड़े हैं। ये आपका प्यार, ये आशीर्वाद मेरे लिए बहुत बड़ा अनमोल खजाना है।

साथियों,

झारखंड को सैकड़ों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं मिलीं। उस दिन आपने देखा होगा, 6 नई वंदेभारत ट्रेनें यहां से शुरू हुईं। और आज भी, आप सबके बीच आने से पहले मैंने यहां 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करके आया हूं। (ये ले लीजिए भाई एसपीजी के लोग, बच्चे कुछ लेकर आए हैं। ले लीजिए भाई। वो मुझे मिल जाएगा अगर आप देना चाहते हैं।) धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, बिजली, पानी, सोलर एनर्जी, और ऐसी ही अन्य योजनाएं, इन सबका झारखंड के लोगों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। खासकर, इन योजनाओं से यहां के आदिवासी समाज के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा, उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। मैं एक बार फिर, झारखंड के सभी लोगों को इन विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारे देश में आदिवासी जन नायकों के साथ जैसा अन्याय किया गया, वैसा अन्याय किसी के साथ नहीं हुआ। कांग्रेस ने अपने एक परिवार को पहचान दिलाने के लिए, देश के कोने-कोने में बसे आदिवासी परिवारों की पहचान मिटा दी। आजादी की लड़ाई में इतना बड़ा योगदान देने वाले आदिवासी समाज को कांग्रेस ने कभी महत्व नहीं दिया। सारी योजनाएं एक ही परिवार के बेटे-बेटी के नाम पर, सारी सड़कें-इमारतें, एक ही परिवार के बेटे-बेटी के नाम पर, ऐसी परिवारवादी सोच ने देश का बहुत नुकसान किया। आज मुझे गर्व है कि हमारी सरकार, आदिवासी नायकों को पूरा सम्मान दिला रही है। ये भाजपा है जिसने आदिवासी म्यूज़ियम बनाने का अभियान शुरू किया है। रांची में भी भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित म्यूज़ियम बना है। हमने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की है। अगले वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाएंगे। इसी कड़ी में आज का भी ये कार्यक्रम समर्पित है।

साथियों,

हम सब प्रेम से भगवान बिरसा मुंडा को धरती आबा कहते हैं। आज उनके नाम पर धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू हुआ है। इस योजना का फोकस है कि जिन भी आदिवासी भाई-बहनों को अब तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, उन्हें हर लाभ से जोड़ा जाए। जनजातीय इलाकों में सभी के पास आयुष्मान कार्ड हो, सभी जनजातीय गांवों तक सड़क पहुंचे, सभी गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी हो, सभी के पास पक्का घर हो, घर में नल से जल हो, रसोई गैस का कनेक्शन हो, ऐसे अनेकों काम इस योजना के तहत किए जाएंगे। योजना के तहत आदिवासी भाई-बहनों के लिए ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर बनाए जाएंगे, यही नहीं, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत आदिवासी युवाओं के कौशल विकास पर भी फोकस होगा। हमारे जनजातीय युवा skilled हों, उन्हें रोजगार के नए-नए अवसर मिलें, ये योजना इसमें बहुत बड़ी मदद करेगी। सैचुरेशन की अप्रोच पर चलते हुए सरकार के 15 से ज्यादा मंत्रालय एक साथ मिलकर इस अभियान पर काम करेंगे। और इसका बहुत बड़ा लाभ झारखंड के लोगों को होगा, आप सब भाई-बहनों को होगा। मैं आप सबको धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की बधाई देता हूं।

साथियों,

आज एक ओर केंद्र सरकार झारखंड के विकास के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। दूसरी ओर, झारखंड सरकार, झारखंड के विकास को पटरी से उतारने में लगी हैं। आज झारखंड का बच्चा बच्चा जान चुका है, झारखंड के विकास में सबसे बड़ी बाधा कांग्रेस-JMM और RJD का गठजोड़ है। झारखंड तभी आगे जाएगा, जब ये सरकार हटेगी! झारखंड तभी आगे जाएगा, जब यहां परिवर्तन होगा! इसीलिए, पूरे झारखंड में परिवर्तन यात्रा का जन-आंदोलन चल रहा है। ये परिवर्तन यात्रा केवल एक राजनैतिक यात्रा नहीं है। ये झारखंड के विकास के लिए, जन-जन के सपनों को पूरा करने के लिए एक संकल्प यात्रा भी है। इस यात्रा को झारखंड के लोगों का आशीर्वाद मिला है। इस यात्रा को झारखंड की माताओं-बहनों का स्नेह मिला है। इसे समाज के हर वर्ग का अपार जनसमर्थन मिला है। आज से झारखंड में परिवर्तन की शुरुआत हो गई है। झारखंड के विकास के लिए- परिवर्तन! हर गरीब को घर के लिए- परिवर्तन! हर घर जल के लिए- परिवर्तन! भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए- परिवर्तन! जल, जंगल, जमीन की हिफाज़त के लिए- परिवर्तन! बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए- परिवर्तन! आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए- परिवर्तन!

साथियों,

बीजेपी वो पार्टी है, जिसने आप सबके साथ मिलकर झारखंड राज्य के सपने को देखा भी, उसे पूरा भी किया। अटल जी ने सरकार में आते ही शांति और सहमति के साथ झारखंड राज्य बनाया था। हम झारखंड का विकास चाहते थे। हम यहां के आदिवासी समाज के सपनों को पूरा करना चाहते थे। लेकिन, इन सपनों को पूरा करने में हमारी लड़ाई किससे थी? RJD जैसी पार्टियों से! RJD के लोगों ने झारखंड को अपनी लूट का ठिकाना बना रखा था! जल-जंगल-जमीन की खुलेआम लूट होती थी! इस इलाके को इन्होंने अपराधियों-माफियाओं का सेफ-हाउस बना रखा था। और RJD वालों को दिल्ली से कौन शह दे रहा था? कांग्रेस पार्टी! कांग्रेस RJD के इस पाप में बराबर की हिस्सेदार थी। इसीलिए, RJD के लोग कहते थे कि झारखंड नहीं बनने देंगे। और, कांग्रेस पार्टी ये सुनिश्चित करती थी कि झारखंड की मांग कभी पूरी न हो!

भाइयों बहनों,

आज मुझे अफसोस है कि अब JMM भी कांग्रेस और RJD के रंग में रंग गई है। ये वो पुरानी JMM नहीं है। आज JMM पर कांग्रेस के ecosystem ने कब्जा कर लिया है। आज JMM पर कांग्रेस का भूत सवार है - भाषा बदली, चरित्र बदला, और अब ये झारखंड की आत्मा को ही बदलने चले हैं।

साथियों,

आज JMM सरकार झारखंड के विकास में बड़ी बाधा बन गई है। कोई कल्पना कर सकता है, जल-जंगल-जमीन के नाम पर आदिवासियों से वोट लेने वाले लोग ऐसी खुली लूट करेंगे? आज प्रदेश सरकार में जमीन के दलालों की तूती बोल रही है। आप इनकी हिम्मत देखिए, इन्होंने गरीब आदिवासियों की ज़मीनों को लूटा! इन्होंने सेना तक की जमीन को नहीं छोड़ा! झारखंड में कोयले की खुली लूट चल रही है। ठेके-पट्टे के नाम पर बालू की लूट हो रही है। जो खनिज झारखंड के विकास की पूंजी हैं, ये सरकार उसकी भी लूट में लगी है। ये लोग गरीबों के नाम पर, आदिवासियों के नाम पर योजनाएं निकालते हैं, उसका भी पैसा खा जाते हैं। अबुआ आवास योजना, मुख्यमंत्री मईया योजना, ये सब भ्रष्टाचार का ठिकाना बन गई हैं। प्रदेश सरकार के संरक्षण में यहां पेपरलीक कराने वाले गिरोह चल रहे हैं। लाखों रुपए में एक-एक पेपर बेचकर यहां के युवाओं का हक मारा जा रहा है। करोड़ों-करोड़ों रुपए कमाए जा रहे हैं, ये पैसा ऊपर तक जा रहा है। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है। मेरे नौजवान मित्र आज बहुत बड़ी मात्रा में यहां आए हैं। पेपरलीक ने उनकी जिंदगी को तबाह करके रखा है। ऐसी सरकार क्या झारखंड के युवाओं का भला कर सकती है?

साथियों,

केंद्र सरकार की योजनाओं में भी प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार करने से पीछे नहीं हट रही है। ये गरीब के राशन का पैसा डकार रहे हैं। ये गरीब के पानी का पैसा हड़प रहे हैं, जल-जीवन मिशन में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अरे हमारे देश में पानी के लिए तो वो परंपरा रही है, गरीब आदमी भी अपने घर के बाहर पानी का मटका रखता है ताकि आने-जाने वाला राहगीर अगर प्यासा है तो उसे पानी मिल जाए। गरीब आदमी भी पानी पिलाता है। ये सरकार, जल जीवन मिशन में, पानी के काम में भ्रष्टाचार कर रही है। भ्रष्टाचार का ऐसा खुला खेल, पैसे की ऐसी बंदरबांट, यहां कांग्रेस के नेताओं के ठिकानों से सैकड़ों करोड़ बरामद होते हैं, यहां नेताओं के नौकरों के घरों से भी करोड़ों रुपए पकड़े जाते हैं। मैं इतने साल मुख्यमंत्री रहा, इतने साल प्रधानमंत्री रहा, इतने सालों से सार्वजनिक जीवन में रहा, मैंने कभी अपनी आंखों से नोटों के ऐसे ढेर नहीं देखे, जैसा झारखंड में चोरी किए पैसे पकड़े जा रहे हैं। मैं वो ढेर टीवी पर देख रहा हूं। जैसे JMM और कांग्रेस वाले झारखंड में घोटालों का मैराथन कराने में लगे हैं। मैंने तो सुना है, अब जब इनकी विदाई होने को है, तो इन्होंने भ्रष्टाचार की स्पीड और बढ़ा दी है और कहते हैं स्केल भी बढ़ा दिया है। मुझे पता चला है, पिछले दो हफ्ते में झारखंड में हजारों ट्रान्सफर हुए हैं। लोग बता रहे हैं, इस ट्रान्सफर पोस्टिंग के बहाने करोड़ों रुपए का खेल JMM ने किया है। लेकिन, मैं इन्हें बताना चाहता हूं, ये खेल अब ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है। जल्द ही झारखंड में सरकार भी बदलेगी, और इस लूट का हिसाब भी होगा। पाई-पाई का हिसाब होने वाला है।

साथियों,

आज JMM को वो लोग चला रहे हैं जो झारखंड की पहचान को बदलना चाहते हैं। झारखंड की सदियों पुरानी पहचान को मिट्टी में मिलाना चाहते हैं। ये लोग, और कांग्रेस में बैठे इनके आका झारखंड में आदिवासी समाज को अल्पसंख्यक बनाना चाहते हैं। ये जानते हैं, इन्होंने हमेशा आदिवासी समाज को ठगा है। इन्होंने कभी भी आदिवासियों को आगे नहीं बढ़ने दिया है। इसलिए, सत्ता में बने रहने के लिए ये लोग झारखंड में अपना एक नया वोटबैंक बनाने में लगे हैं। झारखंड को बलि चढ़ा करके ये वोट बैंक का खेल चल रहा है। झारखंड की विरासत को बलि चढ़ाना, झारखंड की अस्मिता को बलि चढ़ाना, ये खतरनाक खेल। इनका खेल कितना खतरनाक है,संथाल परगना इसका सबूत है! संथाल परगना में आदिवासी आबादी लगातार कम हो रही है। वहीं दूसरी आबादी, घुसपैठियों की आबादी लगातार बढ़ रही है। डेमोग्राफी में इतना तेज बदलाव, आदिवासियों की, हिन्दुओं की घटती हुई आबादी। मैं आपसे पूछता हूं, झारखंड में ये बदलाव आपको दिख रहा है या नहीं दिख रहा? बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ी है या नहीं बढ़ी है? घुसपैठिए यहां की ज़मीनों पर कब्जा कर रहे हैं या नहीं कर रहे? झारखंड की बेटियां, आदिवासी समाज की बेटियां इनके निशाने पर हैं या नहीं?

साथियों,

आप सबको ये खतरा दिखता है! आपको डेमोग्राफी में ये बदलाव दिखता है। लेकिन झारखंड सरकार को ये नहीं दिखता! जो यहां के गांव के इंसान को दिखता है वो सरकार में बैठे लोगों को नहीं दिखता है। वो ये मानने को तैयार ही नहीं हैं कि झारखंड में जनसंख्या संतुलन बिगड़ रहा है, आदिवासियों की आबादी घट रही है। हालत ये है, हाइकोर्ट इस गंभीर मामले पर चिंता जता रहा है। लेकिन, JMM सरकार कोर्ट में हलफनामा दायर करके घुसपैठ से इंकार कर देती है। आप मुझे बताइये, क्या ये लोग झारखंड की पहचान को सुरक्षित रख पाएंगे क्या? घुसपैठियों की बढ़ती आबादी, आदिवासी समाज की घटती संख्या—ये JMM और कांग्रेस की सत्ता की भूख का नतीजा है! JMM और कांग्रेस झारखंड के साथ-साथ पूरे देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसीलिए, परिवर्तन यात्रा में हर परिवार ने एक नारा दिया। झारखंड के नागरिकों ने एक संकल्प सुनाया। झारखंड के हर गांव से एक दर्द दिखता था। एक आह सुनाई देती थी, एक बड़ी पीड़ा नजर आती थी। और परिवर्तन यात्रा में ये देखने के बाद एक संकल्प लिया गया है। ये संकल्प है ‘रोटी, बेटी, माटी’ हमें तीनों को बचाना है। ये झारखंड की लड़ाई सत्ता पाने की लड़ाई नहीं है। ये झारखंड की लड़ाई ‘रोटी, बेटी और माटी’ बचाने की लड़ाई है। आप सब तैयार हैं, ये लड़ाई लड़नी है। घर-घर लोगों को जगाना है। रोटी बचनी चाहिए कि नहीं बचनी चाहिए? माटी बचनी चाहिए कि नहीं बचनी चाहिए? बेटी बचनी चाहिए कि नहीं बचनी चाहिए? ‘रोटी, बेटी, माटी’ बचाना है कि नहीं बचाना है। अब जागना है कि नहीं जागना है। अब निकल पड़ना है कि नहीं पड़ना है। साथियों, यहां कुछ ही महीनों में बीजेपी सरकार बनेगी, और मैं झारखंड को गारंटी देता हूं, झारखंड में जब बीजेपी की सरकार बनेगी, झारखंड में अगर एनडीए की सरकार बनेगी, झारखंड में जब हमारी सरकार बनेगी ‘रोटी, बेटी, माटी’ की सुरक्षा सुनिश्चित कर दी जाएगी।

साथियों,

JMM अब झूठे वादों की बदौलत अपने आपको बचाना चाहती है। जिन्होंने 5 साल तक जनता का हक छीना, अब वो चुनाव में बड़े-बड़े वादे करके आपका भरोसा जीतना चाहते हैं। आपकी आंख में धूल झोंकना चाहते हैं। झारखंड के लोगों को इन झूठ की दुकान वालों से सावधान रहना है। मैं भी इनसे पूछना चाहता हूं, झूठ की नई जलेबियां परोसने से पहले पुराना हिसाब तो दे दो! इन्होंने बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। उस वादे का क्या हुआ? वादा पूरा हुआ क्या? इन्होंने युवाओं के लिए भर्ती के नाम पर वादा किया था। मुझे बताइए, वादा पूरा हुआ क्या? उन्होंने काम किया क्या? कांस्टेबल भर्ती के नाम पर इतने सारे युवाओं की मौत हो गई। युवाओं को गुमराह करने वाली JMM सरकार ने असंवेदनशीलता की सारे सीमाएं तोड़ दीं।

साथियों,

आप याद करिए, इन्होंने महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपया चूल्हा भत्ता देने का वादा किया था। वादा किया था कि नहीं किया था? उस चूल्हे भत्ते कहां खो गया? उनके चूल्हे में पड़ा हुआ है? JMM ने विधवा महिलाओं को हर महीने पेंशन देने की बात कही थी। बेटियों को शादी में 51 हजार रुपया, सोने का सिक्का, ऐसे कितने ही वादे किए थे। क्या ये सोने के सिक्के जो अलमारियों में से नोटों की गड्डी निकली उसमें दब गए थे क्या? गद्दे के नीचे से नोटें निकलीं क्या ये सोने के सिक्के उसमें पड़े थे क्या? मैं जरा झारखंड की माताओं-बहनों को पूछना चाहता हूं, कितनी बहनों को इन योजनाओं का लाभ मिला? लेकिन अब फिर से नए झूठ, झूठे वादे? नई जलेबियां ये बांटने निकले हैं। झूठ की दुकान अब बार बार नहीं सजेगी।

साथियों,

झारखंड का विकास, आदिवासी समाज का कल्याण, ये केवल भारतीय जनता पार्टी और NDA ही कर सकते हैं। हमने झारखंड को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए दिन-रात काम किया है। आज हमारी सरकार में आदिवासी समाज के गौरव को सही पहचान मिल रही है। आप देखिए, हमने देश में गरीब को मुफ्त इलाज देने के लिए आयुष्मान योजना शुरू की। ये योजना झारखंड की धरती से शुरू की गई। हमने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती पर पीएम-जनमन योजना का शुभारंभ किया। जो आदिवासी इलाके दशकों से विकास की मुख्यधारा से दूर थे, जहां सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं पहुंचीं थीं, पीएम-जनमन योजना ऐसे सभी आदिवासी इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है। आज लाखों जनजातीय परिवारों का जीवन बदल रहा है, उन्हें जरूरी सुविधाएं मिल रही हैं, बेहतर जीवन मिल रहा है। आप बीजेपी के 10 साल का रेकॉर्ड देखिए, हमने करोड़ों गरीबों को पक्के घर दिये। अपने तीसरे कार्यकाल में हम 3 करोड़ नए पीएम-आवास बना रहे हैं। हमने करोड़ों घरों तक पानी पहुंचाया। हमने गरीबों के लिए शौचालय बनवाए! हमने हर गरीब का जनधन खाता खुलवाया! इसका सबसे बड़ा लाभ किसे मिला? हमारे वंचित समाज को, आदिवासी समाज को! लेकिन इतने दशकों तक सरकारों ने क्या किया? उन्होंने गरीबों को जीवन की जरूरतों से वंचित रखा।

भाइयों बहनों,

कांग्रेस ने आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसरों से भी वंचित रखा। आदिवासी इलाकों में अच्छे स्कूल तक नहीं खोले गए! अब हमारी सरकार आदिवासी आबादी वाले ब्लॉकों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बना रही है। देशभर में ऐसे 700 से ज्यादा स्कूल बनाए जा रहे हैं। आज 30 लाख से ज्यादा आदिवासी छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप मिल रही है। आदिवासी समाज के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर बन रहे हैं। कितने ही युवाओं को विदेश में पढ़ाई करने के लिए भी स्कॉलरशिप दी जा रही है। क्या ये काम हमारे से पहले कांग्रेस सरकारों में नहीं हो सकता था? कभी नहीं, क्योंकि उनकी नियत में खोट थी।

भाइयों बहनों,

कांग्रेस का चरित्र ही दलित, वंचित, आदिवासी विरोधी है। इन्होंने ऐसी नीतियां बनाईं थीं, ऐसे सरकार चलाई थी कि SC, ST, OBC के लोग आगे न बढ़ पाएं। इसीलिए, कांग्रेस हमेशा SC, ST, OBC के आरक्षण का विरोध करती रही है। आज भी कांग्रेस आरक्षण को खत्म करने की बात कर रही है। SC, ST, OBC का आरक्षण छीनकर कांग्रेस, अपने खास वोटबैंक को देना चाहती है। अभी जनजातीय समूह की मुखियाओं से मिला, उनकी शिकायत थी कि उनके हक के जो आरक्षण मिले हुए हैं, वो औरों को बांट दिए जा रहे हैं। लेकिन मैं आज डंके की चोट पर कह रहा हूं, जब तक बीजेपी है, SC, ST, OBC का आरक्षण कोई छीन नहीं सकता। आरक्षण केवल बीजेपी के कारण ही सुरक्षित है।

साथियों,

जो कांग्रेस पार्टी देश के सबसे भ्रष्ट परिवार की सेवा में लगी हो, जो JMM वाले उसके पीछे चल रहे हों, गांव-गरीब के विकास के लिए उनसे छुटकारा पाना बहुत जरूरी है। तभी विकास संभव होने वाला है। इसके लिए, बीजेपी और NDA ही एकमात्र विकल्प है। हमें साथ मिलकर कांग्रेस और JMM के कुशासन से झारखंड को मुक्ति दिलानी है। हमें साथ मिलकर झारखंड की उस विकासयात्रा को पूरा करना है, जिसकी शुरुआत भाजपा सरकार ने की थी। मुझे विश्वास है, आने वाले चुनाव इस दिशा में निर्णायक साबित होंगे। आज जो परिवर्तन यात्रा यहां पूरी हुई है, ये झारखंड के लिए नई सुबह की शुरुआत साबित होगी। मेरा आप सबसे अनुरोध है, आप सब आने वाले दिनों में घर-घर जाइए! बीजेपी के संदेश को, मेरी प्रार्थना को, झारखंड की जनता तक पहुंचाइए। और हमारा एक ही नारा है- रोटी, बेटी और माटी। इसके लिए हम झारखंड में परिवर्तन लाकर रहेंगे।

इसी आग्रह के साथ, आप सभी का बहुत धन्यवाद!

मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए...

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Text of PM’s address at Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 23, 2024
It is a moment of pride that His Holiness Pope Francis has made His Eminence George Koovakad a Cardinal of the Holy Roman Catholic Church: PM
No matter where they are or what crisis they face, today's India sees it as its duty to bring its citizens to safety: PM
India prioritizes both national interest and human interest in its foreign policy: PM
Our youth have given us the confidence that the dream of a Viksit Bharat will surely be fulfilled: PM
Each one of us has an important role to play in the nation's future: PM

Respected Dignitaries…!

आप सभी को, सभी देशवासियों को और विशेषकर दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, ‘Merry Christmas’ !!!

अभी तीन-चार दिन पहले मैं अपने साथी भारत सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन जी के यहां क्रिसमस सेलीब्रेशन में गया था। अब आज आपके बीच उपस्थित होने का आनंद मिल रहा है। Catholic Bishops Conference of India- CBCI का ये आयोजन क्रिसमस की खुशियों में आप सबके साथ जुड़ने का ये अवसर, ये दिन हम सबके लिए यादगार रहने वाला है। ये अवसर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी वर्ष CBCI की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं इस अवसर पर CBCI और उससे जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

पिछली बार आप सभी के साथ मुझे प्रधानमंत्री निवास पर क्रिसमस मनाने का अवसर मिला था। अब आज हम सभी CBCI के परिसर में इकट्ठा हुए हैं। मैं पहले भी ईस्टर के दौरान यहाँ Sacred Heart Cathedral Church आ चुका हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सबसे इतना अपनापन मिला है। इतना ही स्नेह मुझे His Holiness Pope Francis से भी मिलता है। इसी साल इटली में G7 समिट के दौरान मुझे His Holiness Pope Francis से मिलने का अवसर मिला था। पिछले 3 वर्षों में ये हमारी दूसरी मुलाकात थी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है। इसी तरह, सितंबर में न्यूयॉर्क दौरे पर कार्डिनल पीट्रो पैरोलिन से भी मेरी मुलाकात हुई थी। ये आध्यात्मिक मुलाक़ात, ये spiritual talks, इनसे जो ऊर्जा मिलती है, वो सेवा के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाती है।

साथियों,

अभी मुझे His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड से मिलने का और उन्हें सम्मानित करने का अवसर मिला है। कुछ ही हफ्ते पहले, His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को His Holiness Pope Francis ने कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया है। इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक हाई लेवल डेलिगेशन भी वहां भेजा था। जब भारत का कोई बेटा सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वभाविक है। मैं Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को फिर एक बार बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज आपके बीच आया हूं तो कितना कुछ याद आ रहा है। मेरे लिए वो बहुत संतोष के क्षण थे, जब हम एक दशक पहले फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित बचाकर वापस लाए थे। वो 8 महीने तक वहां बड़ी विपत्ति में फंसे हुए थे, बंधक बने हुए थे। हमारी सरकार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया। अफ़ग़ानिस्तान के उन हालातों में ये कितना मुश्किल रहा होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। लेकिन, हमें इसमें सफलता मिली। उस समय मैंने उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। उनकी बातचीत को, उनकी उस खुशी को मैं कभी भूल नहीं सकता। इसी तरह, हमारे फादर टॉम यमन में बंधक बना दिए गए थे। हमारी सरकार ने वहाँ भी पूरी ताकत लगाई, और हम उन्हें वापस घर लेकर आए। मैंने उन्हें भी अपने घर पर आमंत्रित किया था। जब गल्फ देशों में हमारी नर्स बहनें संकट से घिर गई थीं, तो भी पूरा देश उनकी चिंता कर रहा था। उन्हें भी घर वापस लाने का हमारा अथक प्रयास रंग लाया। हमारे लिए ये प्रयास केवल diplomatic missions नहीं थे। ये हमारे लिए एक इमोशनल कमिटमेंट था, ये अपने परिवार के किसी सदस्य को बचाकर लाने का मिशन था। भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो, किसी भी विपत्ति में हो, आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है, इसे अपना कर्तव्य समझता है।

साथियों,

भारत अपनी विदेश नीति में भी National-interest के साथ-साथ Human-interest को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी, और महसूस भी किया। कोरोना जैसी इतनी बड़ी pandemic आई, दुनिया के कई देश, जो human rights और मानवता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो इन बातों को diplomatic weapon के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जरूरत पड़ने पर वो गरीब और छोटे देशों की मदद से पीछे हट गए। उस समय उन्होंने केवल अपने हितों की चिंता की। लेकिन, भारत ने परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्य से भी आगे जाकर कितने ही देशों की मदद की। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में दवाइयाँ पहुंचाईं, कई देशों को वैक्सीन भेजी। इसका पूरी दुनिया पर एक बहुत सकारात्मक असर भी पड़ा। अभी हाल ही में, मैं गयाना दौरे पर गया था, कल मैं कुवैत में था। वहां ज्यादातर लोग भारत की बहुत प्रशंसा कर रहे थे। भारत ने वैक्सीन देकर उनकी मदद की थी, और वो इसका बहुत आभार जता रहे थे। भारत के लिए ऐसी भावना रखने वाला गयाना अकेला देश नहीं है। कई island nations, Pacific nations, Caribbean nations भारत की प्रशंसा करते हैं। भारत की ये भावना, मानवता के लिए हमारा ये समर्पण, ये ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

Friends,

The teachings of Lord Christ celebrate love, harmony and brotherhood. It is important that we all work to make this spirit stronger. But, it pains my heart when there are attempts to spread violence and cause disruption in society. Just a few days ago, we saw what happened at a Christmas Market in Germany. During Easter in 2019, Churches in Sri Lanka were attacked. I went to Colombo to pay homage to those we lost in the Bombings. It is important to come together and fight such challenges.

Friends,

This Christmas is even more special as you begin the Jubilee Year, which you all know holds special significance. I wish all of you the very best for the various initiatives for the Jubilee Year. This time, for the Jubilee Year, you have picked a theme which revolves around hope. The Holy Bible sees hope as a source of strength and peace. It says: "There is surely a future hope for you, and your hope will not be cut off." We are also guided by hope and positivity. Hope for humanity, Hope for a better world and Hope for peace, progress and prosperity.

साथियों,

बीते 10 साल में हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी, की हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने खुद पर भरोसा किया, हमने उम्मीद नहीं हारी और इस लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया। भारत की 10 साल की विकास यात्रा ने हमें आने वाले साल और हमारे भविष्य के लिए नई Hope दी है, ढेर सारी नई उम्मीदें दी हैं। 10 साल में हमारे यूथ को वो opportunities मिली हैं, जिनके कारण उनके लिए सफलता का नया रास्ता खुला है। Start-ups से लेकर science तक, sports से entrepreneurship तक आत्मविश्वास से भरे हमारे नौजवान देश को प्रगति के नए रास्ते पर ले जा रहे हैं। हमारे नौजवानों ने हमें ये Confidence दिया है, य़े Hope दी है कि विकसित भारत का सपना पूरा होकर रहेगा। बीते दस सालों में, देश की महिलाओं ने Empowerment की नई गाथाएं लिखी हैं। Entrepreneurship से drones तक, एरो-प्लेन उड़ाने से लेकर Armed Forces की जिम्मेदारियों तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो। दुनिया का कोई भी देश, महिलाओं की तरक्की के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। और इसलिए, आज जब हमारी श्रमशक्ति में, Labour Force में, वर्किंग प्रोफेशनल्स में Women Participation बढ़ रहा है, तो इससे भी हमें हमारे भविष्य को लेकर बहुत उम्मीदें मिलती हैं, नई Hope जगती है।

बीते 10 सालों में देश बहुत सारे unexplored या under-explored sectors में आगे बढ़ा है। Mobile Manufacturing हो या semiconductor manufacturing हो, भारत तेजी से पूरे Manufacturing Landscape में अपनी जगह बना रहा है। चाहे टेक्लोलॉजी हो, या फिनटेक हो भारत ना सिर्फ इनसे गरीब को नई शक्ति दे रहा है, बल्कि खुद को दुनिया के Tech Hub के रूप में स्थापित भी कर रहा है। हमारा Infrastructure Building Pace भी अभूतपूर्व है। हम ना सिर्फ हजारों किलोमीटर एक्सप्रेसवे बना रहे हैं, बल्कि अपने गांवों को भी ग्रामीण सड़कों से जोड़ रहे हैं। अच्छे ट्रांसपोर्टेशन के लिए सैकड़ों किलोमीटर के मेट्रो रूट्स बन रहे हैं। भारत की ये सारी उपलब्धियां हमें ये Hope और Optimism देती हैं कि भारत अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से पूरा कर सकता है। और सिर्फ हम ही अपनी उपलब्धियों में इस आशा और विश्वास को नहीं देख रहे हैं, पूरा विश्व भी भारत को इसी Hope और Optimism के साथ देख रहा है।

साथियों,

बाइबल कहती है- Carry each other’s burdens. यानी, हम एक दूसरे की चिंता करें, एक दूसरे के कल्याण की भावना रखें। इसी सोच के साथ हमारे संस्थान और संगठन, समाज सेवा में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूलों की स्थापना हो, हर वर्ग, हर समाज को शिक्षा के जरिए आगे बढ़ाने के प्रयास हों, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामान्य मानवी की सेवा के संकल्प हों, हम सब इन्हें अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं।

साथियों,

Jesus Christ ने दुनिया को करुणा और निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया है। हम क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं और जीसस को याद करते हैं, ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दें। मैं मानता हूँ, ये हमारी व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी भी है, सामाजिक दायित्व भी है, और as a nation भी हमारी duty है। आज देश इसी भावना को, ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के संकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है। ऐसे कितने ही विषय थे, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया, लेकिन वो मानवीय दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा जरूरी थे। हमने उन्हें हमारी प्राथमिकता बनाया। हमने सरकार को नियमों और औपचारिकताओं से बाहर निकाला। हमने संवेदनशीलता को एक पैरामीटर के रूप में सेट किया। हर गरीब को पक्का घर मिले, हर गाँव में बिजली पहुंचे, लोगों के जीवन से अंधेरा दूर हो, लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिले, पैसे के अभाव में कोई इलाज से वंचित न रहे, हमने एक ऐसी संवेदनशील व्यवस्था बनाई जो इस तरह की सर्विस की, इस तरह की गवर्नेंस की गारंटी दे सके।

आप कल्पना कर सकते हैं, जब एक गरीब परिवार को ये गारंटी मिलती हैं तो उसके ऊपर से कितनी बड़ी चिंता का बोझ उतरता है। पीएम आवास योजना का घर जब परिवार की महिला के नाम पर बनाया जाता है, तो उससे महिलाओं को कितनी ताकत मिलती है। हमने तो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नारीशक्ति वंदन अधिनियम लाकर संसद में भी उनकी ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की है। इसी तरह, आपने देखा होगा, पहले हमारे यहाँ दिव्यांग समाज को कैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्हें ऐसे नाम से बुलाया जाता था, जो हर तरह से मानवीय गरिमा के खिलाफ था। ये एक समाज के रूप में हमारे लिए अफसोस की बात थी। हमारी सरकार ने उस गलती को सुधारा। हमने उन्हें दिव्यांग, ये पहचान देकर के सम्मान का भाव प्रकट किया। आज देश पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार तक हर क्षेत्र में दिव्यांगों को प्राथमिकता दे रहा है।

साथियों,

सरकार में संवेदनशीलता देश के आर्थिक विकास के लिए भी उतनी ही जरूरी होती है। जैसे कि, हमारे देश में करीब 3 करोड़ fishermen हैं और fish farmers हैं। लेकिन, इन करोड़ों लोगों के बारे में पहले कभी उस तरह से नहीं सोचा गया। हमने fisheries के लिए अलग से ministry बनाई। मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं देना शुरू किया। हमने मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की। समंदर में मछलीपालकों की सुरक्षा के लिए कई आधुनिक प्रयास किए गए। इन प्रयासों से करोड़ों लोगों का जीवन भी बदला, और देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिला।

Friends,

From the ramparts of the Red Fort, I had spoken of Sabka Prayas. It means collective effort. Each one of us has an important role to play in the nation’s future. When people come together, we can do wonders. Today, socially conscious Indians are powering many mass movements. Swachh Bharat helped build a cleaner India. It also impacted health outcomes of women and children. Millets or Shree Anna grown by our farmers are being welcomed across our country and the world. People are becoming Vocal for Local, encouraging artisans and industries. एक पेड़ माँ के नाम, meaning ‘A Tree for Mother’ has also become popular among the people. This celebrates Mother Nature as well as our Mother. Many people from the Christian community are also active in these initiatives. I congratulate our youth, including those from the Christian community, for taking the lead in such initiatives. Such collective efforts are important to fulfil the goal of building a Developed India.

साथियों,

मुझे विश्वास है, हम सबके सामूहिक प्रयास हमारे देश को आगे बढ़ाएँगे। विकसित भारत, हम सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है। ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं। मैं एक बार फिर आप सभी को क्रिसमस और जुबली ईयर की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।