QuoteDMK contests on family politics, and anti-Tamil culture, with corruption being DMK's Copyright
QuoteDMK founded on 'Divide, Divide and Divide' and seeks to destroy 'Sanatan.'
QuoteOur endeavour has always been to promote the Tamil Culture, be it the Kashi-Tamil Sangamam, Saurashtra-Tamil Sangamam or me speaking the Tamil language in the UN.
QuoteDMK even boycotted the Sthapana of the 'Pavitra Sengol' in the New Parliament Building that served as the founding symbol of India's independence

एन अन्बार्न्दा तमिल सगोदर सगोदरिगले, वणक्कम
सबसे पहले तो मैं आप सबकी क्षमा मांगता हूं क्योंकि मैं तमिल में बोल नहीं पाता हूं, इसके लिए आप सभी मुझे क्षमा करेंगे। दूसरा 14 अप्रैल को हमारा नववर्ष आरंभ हो रहा है। मैं आप सबको नववर्ष की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं और मुझे पक्का विश्वास है कि आने वाला वर्ष तमिलनाडु के विकास की यात्रा को और मजबूत बनाएगा और ये चुनाव उसमें आपका उत्साह उमंग नई ताकत भर देगा। जो लोग दिल्ली में बैठे हैं उन्हें शायद पता नहीं चलता होगा कि वेलूर की धरती नया इतिहास बनाने जा रही है। ये आपका प्यार, ये आपका आशीर्वाद तमिलनाडु के प्रति मेरा जो समर्पण है, उस समर्पण को और अधिक प्रेरणा देते हैं और अधिक पवित्र बना देते हैं। इसलिए मैं तमिलनाडु के लोगों का जितना अभिनंदन करूं उतना कम है।

वेलूर की ऐतिहासिक, पौराणिक और वीरता से भरी इस धरती को मैं प्रणाम करता हूँ। मैं यहाँ विराजमान जलगंडेश्वर शिव और भगवान मुरुगन के चरणों में नमन करता हूँ। ब्रिटिश रूल के खिलाफ इस धरती पर बहुत बड़ी क्रांति हुई थी। आज वही वेलूर फोर्ट और वेलूर की धरती एक बार फिर history बनते देख रही है। बीजेपी और NDA को तमिलनाडु में अपार जनसमर्थन मिल रहा है। पूरा तमिलनाडु कह रहा है- फिर एक बार, मोदी सरकार!

साथियों,
हमें मिलकर इस 21st century में अपने भारत को, अपने तमिलनाडु को विकसित बनाना है। बीते 10 वर्षों में NDA की central government ने developed भारत की foundation तैयार की है। आपको याद होगा, 2014 के पहले भारत को कैसी नज़र से देखा जाता था। हमारी इकॉनॉमी weak थी, देश में big decisions नहीं होते थे। केवल scams की खबरें आती थीं। जब भी अखबार खोलो स्कैम, जब भी नेता का नाम सुनो स्कैम, भारत के बारे में कहा जाता था कि भारत की इकॉनमी कभी भी फेल हो सकती है।  हिंदुस्तान इकोनॉमिकली डूब जाएगा ऐसा कहा जाता था।

वही भारत आज दुनिया की एक ताकत बनकर उभर रहा है। और मुझे खुशी है कि इसमें तमिलनाडु की बड़ी भूमिका रही है। भारत को स्पेस सेक्टर में आगे ले जाने में तमिलनाडु का बड़ा contribution रहा है। भारत को मैन्यूफैक्चरिंग में आगे ले जाने में तमिलनाडु का hard work रहा है। मुझे विश्वास है, तमिलनाडु में बन रहा डिफेंस कॉरिडोर, डिफेंस सेक्टर में इस राज्य को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। तमिलनाडु के युवाओं के टेलेंट ने भारत के स्टार्टअप ecosystem को भी मजबूती दी है।

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साथियों,
NDA सरकार, वेलूर के लोगों की Aspirations को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। उड़ान स्कीम के तहत बन रहा वेलूर का एयरपोर्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा। इससे वेलूर एयर कनेक्टिविटी के मैप पर आ जाएगा। इससे यहां पढ़ने वाले students को भी बहुत help होगी। चेन्नई-बेंगलुरू इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी वेलूर से होकर गुजर रहा है। इससे भी यहां की कनेक्टिविटी modern होगी। 2014 के बाद से ही NDA सरकार ने इस क्षेत्र में रेलवे के विकास के लिए भी बहुत काम किया है। कई स्टेशनों पर रेलवे प्लेटफॉर्म की लंबाई भी बढ़ाई गई है ताकि ज्यादा लंबी ट्रेनें वहां रुक सकें।

साथियों,
तमिलनाडु के लिए ये developed भारत का नेतृत्व करने का समय है। लेकिन, DMK तमिलनाडु को पुरानी सोच में, पुरानी पॉलिटिक्स में फंसाकर रखना चाहती है। पूरी DMK एक फैमिली की कंपनी बनकर रह गई है। DMK की family politics की वजह से  तमिलनाडु के Youth को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है। DMK से चुनाव लड़ने और DMK में आगे बढ़ने के लिए 3 main criteria हैं।

First- family politics!
Second- Corruption
Third- Anti-Tamil culture.

करप्शन पर तो DMK ने पहला कॉपी राइट करवाया हुआ है। पूरी फैमिली मिलकर तमिलनाडु को लूटने का काम कर रही है। अभी खुलासा हुआ है कि सैंड स्मग्लर्स ने two years में तमिलनाडु का 46 hundred crore rupees का loss किया है। आप कल्पना करिए, पूरे तमिलनाडु में लूट का कितना बड़ा खेल चल रहा है। हम केंद्र सरकार से तमिलनाडु के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए भेजते हैं, ये पैसा भी DMK के करप्शन की भेंट चढ़ जाता है। DMK ने तमिलनाडु और देश के भविष्य, हमारे छोटे-छोटे बच्चों तक को नहीं छोड़ा है। स्कूल तक ड्रग्स कारोबार का शिकार हो गए हैं। इन ड्रग्स माफियाओं को किसका संरक्षण हासिल है? एनसीबी ने जिस ड्रग लॉर्ड को गिरफ्तार किया है, उसके संबंध किस फैमिली से पता चल रहे हैं? इस चुनाव में तमिलनाडु की जनता इन सब पापों का हिसाब करेगी।

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साथियों,
DMK पार्टी की पॉलिटिक्स का मुख्य आधार है- Divide…Divide और Divide. ये पार्टी देश के लोगों को भाषा के नाम पर लड़ाती है, क्षेत्र के नाम पर लड़ाती है, धर्म और जाति के नाम पर लड़ाती है। DMK को पता है कि जिस दिन लोग Divide and Rule की पॉलिटिक्स समझ गए, उसे एक वोट नहीं मिलेगा। इसलिए ये लोगों को आपस में लड़ाते हैं। मैंने भी ठान लिया है कि DMK की इस दशकों पुरानी खतरनाक पॉलिटिक्स को एक्सपोज करके ही रहूंगा।

काशी-तमिल संगमम् हो, सौराष्ट्र-तमिल संगमम् हो, मेरा प्रयास होता है कि पूरा देश हमारी महान तमिल संस्कृति को जाने। और आज जब मैं वेलूर आया हूं, तो मैं काशी का सांसद हूं, आप काशी आइए, मैं निमंत्रण देने आया हूं। काशी-तमिल संगमम् को और शानदार बनाइए, दूसरा मैं गुजरात में पैदा हुआ हूं। यहां भी गुजरात के बहुत परिवार रहते हैं। सैकड़ो परिवार हैं यहां हमारे कच्छ के। मैं आपको सौराष्ट्र-तमिल संगमम् के लिए भी एक गुजराती के नाते निमंत्रण देता हूं। और जो यहां सौराष्ट्री तमिल है वो अपने गांव आएं अपने कुल देवता के दर्शन करे, ये हमेशा मेरा आपको निमंत्रण है। मैं यूनाइटेड नेशंस में तमिल भाषा में बोलने का प्रयास करता हूँ, ताकि, पूरी दुनिया को पता चले कि हमारी तमिल विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। मेरे इन प्रयासों के बीच DMK की सच्चाई क्या है?
मैंने जब संसद में तमिलनाडु के पवित्र सेंगोल की स्थापना करवाई, तो DMK पार्टी ने उसका भी बॉयकॉट किया था।

साथियों,
कांग्रेस और DMK पार्टी के एक और पाखंड की चर्चा आज पूरा देश कर रहा है। जब काँग्रेस की सरकार थी, तब कई दशक पहले इन लोगों ने कच्चातीवू आइलैंड श्रीलंका को दे दिया। किस कैबिनेट में ये निर्णय हुआ, किसके फायदे के लिए ये फैसला हुआ, इस पर कांग्रेस की बोलती बंद है। बीते वर्षों में उस आइलैंड के पास जाने पर तमिलनाडु के हजारों मछुआरें गिरफ्तार हुए हैं। गिरफ्तारी पर कांग्रेस और DMK झूठी हमदर्दी दिखाते हैं। लेकिन ये लोग तमिलनाडु के लोगों को ये सच नहीं बताते कि कच्चातीवू आइलैंड इन्होंने ही श्रीलंका को दिया था। और तमिलनाडु की जनता को अंधेरे में रखा था। NDA सरकार ऐसे मछुआरों को निरंतर रिहा कराकर वापस ला रही है। इतना ही नहीं पांच मछुआरों को फांसी की सजा कर दी थी श्रीलंका ने उन्हें भी जिंदा वापस लाया था। DMK-कांग्रेस, सिर्फ मछुआरों के ही नहीं, बल्कि देश के भी गुनहगार हैं।

साथियों,
मेरे मन में वेलूर के लिए हमेशा से एक विशेष श्रद्धा रही है। जब मैं गुजरात का CM था, तब भी मैं श्रीपुरम नारायणी मंदिर यानी गोल्डेन टेम्पल आया था। तमिलनाडु तो शक्ति की उपासना करने वाले लोगों की धरती है। लेकिन इंडी अलांयस के लोग इस शक्ति का भी अपमान करते हैं। आपको याद होगा काँग्रेस के युवराज ने क्या कहा है कि, हिन्दू धर्म में जो शक्ति है, वो उस शक्ति का विनाश करेंगे! यही मानसिकता DMK की भी है। ये लोग एक सनातन के विनाश की बात करते हैं, राम मंदिर का बहिष्कार करते हैं।

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DMK और इंडी गठबंधन महिलाओं के अपमान में भी पीछे नहीं हैं। इन्होंने अम्मा जयललिता के साथ कितना गलत व्यवहार किया था! आज भी, DMK नेता महिलाओं के अपमान में कैसी-कैसी भाषा बोलते हैं, ये तो यहीं वेलूर के लोगों ने ही देखा है! BJP को, NDA को दिया आपका आशीर्वाद, सतानत शक्ति की रक्षा करेगा और महिलाओं का सम्मान भी बढ़ाएगा।

साथियों,
19 अप्रैल को तमिलनाडु के सम्मान के लिए, तमिलनाडु के भविष्य के लिए बहुत बड़ा अवसर आने वाला है। वेलूर से श्री ए.सी.शनमुगम, धरमपुरी से श्रीमती सौम्या अंबुमनी, कृष्णागिरी से श्री सी नरसिम्हन, अराक्कोनम से श्री के बालू, तिरुअन्नामलाई से श्री ए. अश्वत्थामन, और आरणि से श्री ए गणेशकुमार, ये आपके सपनों और आकांक्षाओं के लिए काम करेंगे। 19 अप्रैल को एनडीए के पक्ष में आपका एक-एक वोट तमिलनाडु के भविष्य की गारंटी बनेगा- इदु मोदियिन् गारंटी!

देखिए मैं आपका परिचय करवा रहा हूं और मुझे एक बाल प्रभु राम के वेष में दर्शन हो रहे हैं। मैं आपको ये भी बताना चाहूंगा कि मेरे भाषण, मैंने पहले भी कहा था कि मैं तमिल बोल नहीं पाता हूं। लेकिन मैं आपके साथ जीना चाहता हूं, मेरे दिल में आपको रखना चाहता हूं। आप के दिल में मैं हमेशा रहना चाहता हूं। इसलिए मेरे भाषण अब तमिल भाषा में भी ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं।

आप सोशल मीडिया प्लैटफ़ार्म X पर NaMoInTamil को फॉलो करिए। आप मुझे तमिल भाषा में सुन पाएंगे मैं इस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा हूं। मेरी आपसे प्रार्थना है, मैं आज वेलूर आया हूं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप घर-घर जाइए, और हर परिवार में जाकर बताना की मोदी जी वेलूर आए थे। और मोदी जी ने आपको वडक्कम भेजा है। मेरा वडक्कम पहुंचाइए। आप इतनी बड़ी विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं। वडक्कम।

भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय
वंदे मातरम्,,,,
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।