QuoteThe BJP government is boosting tourism in Uttarakhand, creating new job opportunities: PM Modi at Rishikesh rally
QuoteUttarakhand, the land of Brahmakamal, awaits the blooming of the Panch-Kamal with full glory once again: PM Modi
QuoteIt is Modi who has given more than Rs 1 lakh crore to ex-servicemen by implementing OROP: PM Modi
QuoteCongress opposes both development and heritage. They've even questioned the existence of Lord Ram: PM Modi taking a jibe against Opposition

भारत माता की जय।
सभी दाना सयांणु दीदी, भूली, चाचा, बडीयों तैं मेरू प्रणाम !
मां गंगा के सानिध्य में बसे, चार धाम के द्वार ऋषिकेश में इतनी विशाल संख्या में आप हमें आशीर्वाद देने आए हैं। मैं आप सबका बहुत-बहुत आभारी हूं। मैं उत्तराखंड आता हूं तो आपसे आशीर्वाद मांगने के साथ ही आप परिवारजनों के साथ पुरानी यादें भी ताज़ा कर लेता हूं। कल मैं भारत के दक्षिणी छोर पर, सागर तट पर बसे तमिलनाडु में था। वहां भी लोग कह रहे हैं- फिर एक बार मोदी सरकार ! आज हिमालय की गोद में, बाबा केदार और बद्री विशाल के चरणों में हूं।तो यहां भी वही गूंज है- फिर एक बार मोदी सरकार ! हमारे यहां उत्तराखंड में यह तो देवभूमि है, देवताओं का आह्वान करने की परंपरा है और हुड़का का नाद देवताओं का आह्वान करने में ऊर्जा देता है। आज मुझे भी जनता जनार्दन जो देवता रूपी है उनका आह्वान करने के लिए हुड़का का नाद बजाने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,
ये गूंज इसलिए है क्योंकि देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार का काम देखा है। आज देश में ऐसी सरकार है जिसने बीते 10 साल में भारत को पहले के मुकाबले कई गुना मजबूत कर दिया है। मेरी बात से आप सहमत हैं, सहमत हैं, पूरी तरह सहमत हैं।
जब-जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब-तब दुश्मनों ने फायदा उठाया है। जब भारत में कमज़ोर और अस्थिर सरकारें थीं, तब भारत में आतंकवाद ने पैर पसारे। आज भारत में मोदी की मज़बूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है। आज भारत में मजबूत सरकार है, इसलिए भारत का तिरंगा, युद्धक्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बनता है। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है, जिसने 7 दशक बाद जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 खत्म करने का साहस किया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है, जिसने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है जिसने महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण दिया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया।

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साथियों,
कांग्रेस की सरकार होती तो वन रैंक वन पेंशन कभी लागू नहीं होती। मोदी ने ये गारंटी दी थी और इसे पूरा करके दिखाया। ये कांग्रेस थी, जो कहती थी कि वन रैंक वन पेंशन लागू करके हम पूर्व सैनिकों को 500 करोड़ रुपए देंगे। ये मोदी है जिसने वन रैंक वन पेंशन लागू करके पूर्वसैनिकों को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा उनके बैंक खाते में पहुंचा दिए हैं। यहां उत्तराखंड में भी OROP के साढ़े 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, सैनिक परिवारों को मिले हैं।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस के समय में तो जवानों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक की कमी थी। दुश्मन की गोली से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं थे। ये भाजपा है जिसने भारत में बनी बुलेट प्रूफ जैकेट अपने सैनिकों को दी, उनके जीवन की रक्षा की। आज आधुनिक राइफल से लेकर लड़ाकु विमान और विमान वाहक पोत तक देश में ही बन रहे हैं। जो ज्यादा उत्साह और उमंग में हैं, उनसे मेरी प्रार्थना है कि साथियों यह जो ऊर्जा है ना वह हमें 19 तारीख तक काम में लगाए रखनी है। सारी ऊर्जा आज मत खर्च कर दीजिए। आपका यह प्यार आपका यह उत्साह मेरे सर आंखों पर है। उत्तराखंड वालों के लिए मैं आपका खुद का घर का हूं जी। मैं यहां बैठे-बैठे पुराने पुराने चेहरे देख रहा था। दूर से मुंडी हिलाकर उन्हें नमस्ते कर रहा था। आप लोगों से मेरा इतना निकट नाता रहा। दोस्तों यह मेरा सौभाग्य है और मैं कभी भी उत्तराखंड के प्यार को जीवन में भूल नहीं सकता हूं।

साथियो,
कांग्रेस की कमज़ोर सरकार, सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाई। आज देखिए, पूरी सीमा पर आधुनिक सड़कें बन रही हैं, आधुनिक सुरंगें बन रही हैं।

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साथियों,
कुछ साल पहले बाबा केदार के दर्शन के बाद मेरे मुंह से अचानक ही निकला था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक है। हमारी सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य का लगातार विस्तार करने में जुटी है। और इसमें बहुत बड़ी भूमिका पर्यटन की है। यात्रा की है, यात्रा धामों की है। ऋषिकेश तो आसपास के कई राज्यों के लोगों के लिए पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। एक जमाना था जब योग की पूरी दुनिया में धूम नहीं थी। तब भी दुनिया के कई देश के लोग जिज्ञासु के नाते योग के लिए हमारे ऋषिकेश आया करते थे। मुझे याद है बहुत पुरानी घटना है। मैं एक बार यूएसए गया था। इतना इंटीरियर इलाके में मैं गया था कि मुझे कोई वेजीटेरियन खाना तलाश रहा था। मुझे कोई वेजीटेरियन खाने का आता पता नहीं मिल रहा था। इतने में एक छोटी सी दुकान में एक अमेरिकन नागरिक छोटी दुकान लेकर बैठा हुआ था। लेकिन उसके गले में तीन-चार रुद्राक्ष की माला थी तो मैं उसके पास चला गया तो उसने भी नमस्ते करके मेरा स्वागत किया। फिर मैंने उसको मेरी कठिनाई बताएं तो उसने कहा, आप चिंता मत कीजिए। मैं वेजिटेरियन हूं। मैं आपके लिए कुछ प्रबंध करता हूं और उसने मुझे अपने तरीके से मुझे कुछ वेजीटेरियन बना कर खिलाया। मुझे उससे बातें हुई कि आपने यह कहां से सीखा तो उसने कहा कि मैं बहुत सालों से ऋषिकेश आता जाता रहता हूं। इस कारण मेरी जिंदगी में यह बदला आया है। यह ताकत है इस भूमि की, यह समर्थ है इस भूमि का।

भाई और बहनों
पर्यटन के क्षेत्र में कोई ऐसा एडमिशन एडवेंचर टूरिज्म हो तो हमारा उत्तराखंड है। चाहे राफ्टिंग करने वाले युवा हों, या कैंपिंग और एडवेंचर में दिलचस्पी रखने वाले हों, या फिर.. आध्यात्म और योग में रूचि रखने वाले व्यक्ति हों, ऋषिकेश आकर हर कोई आनंद से भर जाता है। भाजपा सरकार उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही है। इसके लिए हमारा फोकस इस बात पर है कि देश के किसी भी हिस्से से पर्यटकों के लिए उत्तराखंड के कोने-कोने तक पहुंचना आसान हो। इसके लिए हम देवभूमि में रोडवेज, रेलवेज और एयरवेज की लगातार सुविधा बढ़ा रहे हैं। यहां ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर तेज़ी से काम चल रहा है। दिल्ली से देहरादून की दूरी भी सिमट रही है। उत्तराखंड के जिन सीमावर्ती गांवों को कांग्रेस अंतिम गांव कहती थी, भाजपा उन्हें देश का पहला गांव मानकर विकास कर रही है।आप ने देखा होगा, मानस खंड के तीर्थ स्थानों जैसे आदि कैलाश, ओम पर्वत दर्शन के लिए हेलीकाप्टर सेवाएं शुरू हो गई हैं। यमुनोत्री, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोप-वे बनने से बहुत सुविधा हो जाएगी। सड़क के रास्ते जो दूरी तय करने में कई-कई घंटे लगते थे, उसे कुछ ही समय में पूरा कर लिया जाएगा। चार धाम परियोजना के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को लगभग 900 किलोमीटर लंबे हाइवे से जोड़ा जा रहा है। इन सब प्रयासों से श्रद्धालुओं को उत्तराखंड पहुंचने में काफी आसानी हो रही है। ये इसलिए हो पा रहा है, क्योंकि भाजपा की नीयत सही है। और जब नीयत सही होती है, तो नतीजे भी सही मिलते हैं।

साथियों,
2017 तक केदारनाथ में एक साल के भीतर करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का रिकॉर्ड था। पिछले वर्ष करीब 20 लाख यात्री केदारनाथ के दर्शन के लिए आए। अगर पूरी चारधाम यात्रा की बात करें, तो पिछले वर्ष 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड की यात्रा की। पिछले वर्ष ही मैंने मानसखंड में आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा की थी। लोगों को हिमालय में स्थित ऐसी अलौकिक जगहों को देखने का अवसर मिला तो अब वहां भी सैकड़ों यात्री पहुंचने लगे हैं। पर्यटन का ये विस्तार, सिर्फ एक सेक्टर का विस्तार नहीं है। पर्यटन बढ़ने का मतलब है, रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके।

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साथियों,
उत्तराखंड में हो रहे इस विकास ने अब पलायन की खबरों को बीते दिन की बात बना दिया है। अब उत्तराखंड के स्टार्ट-अप्स की खबरें आती हैं। उत्तराखंड के नौजवानों ने एक हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स रजिस्टर किए हैं। इसमें भी लगभग आधे यानि करीब 500 स्टार्टअप्स का हमारी बेटियों नेतृत्व कर रही हैं। गर्व होता है इन बातों पर। मुद्रा योजना से लाखों नौजवानों को बिना गारंटी के ऋण मिले हैं। ये पैसा यहां टूरिज्म से जुड़े हुए काम जैसे होम स्टे, गेस्ट हाउस, दुकान-ढाबा बनाने में काम आ रहा है। जब कांग्रेस की सरकार थी, तो गरीब का, नौजवान का पैसा, बिचौलिए खा जाते थे। भाजपा सरकार, लोगों के हक का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर रही है। उत्तराखंड के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का 2600 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुका है। कांग्रेस की सरकार होती तो, ये सबकुछ लुट जाता। ये लूट मैंने बंद की है, इसलिए मोदी पर उनका गुस्सा सातवें समान पर है। इसलिए कुछ भी बोलते जा रहे हैं। आज मोदी कह रहा है भ्रष्टाचार हटाओ, वो कह रहे हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। आप मुझे बताइए साथियों भ्रष्टाचार हमारे देश के लिए विनाशक है कि नहीं है। आपके लिए विनाशक है कि नहीं है। भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। इस देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। क्या मेरे जैसे व्यक्ति ने ईमानदारी से कोशिश करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए। इसलिए कितनी भी मुसीबतें झेलनी पड़ी। आपके आशीर्वाद बने रहेंगे ना, आपके आशीर्वाद बने रहेंगे ना, यह आपका आशीर्वाद है कि मैं इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हूं।

साथियों,
कांग्रेस के नेताओँ के लिए तो पहले दिल्ली का शाही परिवार और फिर अपना परिवार यही सबकुछ कांग्रेस की परंपरा में है। लेकिन मोदी के लिए तो आप सभी, मेरा भारत ही मेरा परिवार है।

भाइयों-बहनों,
मैंने अपनी जिंदगी का महत्वपूर्ण कालखंड देवभूमि में बिताया है। मैंने खुद देखा है... गढ़वाल हो या कुमाऊं, माताओं-बहनों का पूरा समय, लकड़ी, पानी और पशुओं के चारे के इंतज़ाम में ही बीत जाता था। अपनी बहनों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए हमने घर-घर सस्ता सिलेंडर पहुंचाया। जल जीवन मिशन के तहत भी उत्तराखंड में बहुत काम हुआ है। 2019 तक उत्तराखंड में 100 में से 9 परिवार के पास ही पानी की स्थिति थी। यानि एक प्रकार से 10 में से 1 के पास सुविधा थी। आज स्थिति बदल गई है। आज उत्तराखंड के 10 में से 9 परिवारों के घर नल से जल आता है। आपको अब राशन के लिए, दवा के लिए भी चिंता की जरूरत नहीं है। आने वाले 5 साल तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलता रहेगा। यहां उत्तराखंड को एम्स की सुविधा मिली है। गांव-गांव अच्छे अस्पताल- आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन रहे हैं। धामी जी और उनकी सरकार मेहनत करके यहां बहुत शानदार काम कर रही है।

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भाइयों और बहनों,
कांग्रेस विकास और विरासत, दोनों की विरोधी है। उत्तराखंड का कोई निवासी नहीं भूल सकता कि कांग्रेस ने प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। ये कांग्रेस ही है जिसने पहले राम मंदिर का विरोध किया। जितने अड़ंगे डाल सकते थे डाले, अदालत में भी रूकावटें करने की कोशिश की लेकिन राम मंदिर बनाने वालों ने कांग्रेस के सारे गुनाह माफ करके उनके घर जाकर उनको निमंत्रण दिया, लेकिन इनका दिमाग कैसा है। पता नहीं घर जाकर निमंत्रण दिया गया था। प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का अवसर था। उन्होंने उसका भी बहिष्कार कर दिया। अब तो कांग्रेस ने प्रण किया है कि हिंदु धर्म में जो शक्ति है, उसका विनाश करेंगे। ये कांग्रेस, शक्ति स्वरूपा मां धारी देवी, मां चन्द्रबदनी, मां ज्वाल्पा देवी की शक्ति को खत्म करना चाहती है। उत्तराखंड की आस्था को तबाह करने की जो साजिशें चल रही हैं, उसमें कांग्रेस की ये बात आग में घी का काम करेगी। उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है। आपको भूलना नहीं है कि ये वही कांग्रेस है जो कहती रही है कि हर की पौड़ी मां गंगा के किनारे पर नहीं, बल्कि एक नहर के किनारे बसी है। अब ये गंगा जी के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। इन्हें उत्तराखंड के लोग सबक सिखाकर रहेंगे।

साथियों,
उत्तराखंड की पहचान ब्रह्मकमल से जुड़ी हुई है। ये धरती ब्रह्मकमल की धरती है।
इसलिए इस बार भी यहां पूरी शान से पंच-कमल खिलने चाहिए। खिलेंगे, और ये पांचो कमल इसलिए खिलाने हैं क्योंकि हम विकसित भारत का संकल्प लेकर चले हैं। और विकसित भारत के संकल्प के लिए विकसित उत्तराखंड या हमारी प्राथमिकता है।

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भाइयों बहनों
इस काम के लिए मेरा पल-पल आपके नाम है। मेरा पल-पल देश के नाम है और मेरी गारंटी है। 24/7, 24/7 for 20 47 यह मोदी की आपको गारंटी है। 19 अप्रैल को,
टिहरी-गढ़वाल से बहन माला राज्य लक्ष्मी शाह, गढ़वाल से अनिल बलूनी जी, और हरिद्वार से त्रिवेंद्र जी को हर बूथ पर विजयी बनाना है। लेकिन मेरी अपेक्षा ज्यादा है, इस चुनाव में मेरी यही चुनौती है आपको, पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने हैं। हर पोलिंग बूथ को जीतना है, जीतोगे। अपना पोलिंग बूथ जीतोगे। चुनाव का काम तो करोगे ही करोगे, मेरा काम करोगे। मेरा काम है पर्सनल चुनाव वाला काम नहीं है करोगे। ये मोदी का काम है करोगे। देखिए हमारे यहां देवताओं का महिमा होता है और यह नवरात्रि का पर्व चल रहा है। रामनवमी भी आने वाली है। मेरा एक काम करोगे। मेरा काम करोगे। गांव-गांव जाकर सभी देवताओं के सामने मेरी तरफ से माथा नवा करके प्रणाम करना है, करोगे। दूसरा काम घर-घर जाना और हर घर जा करके सभी बड़े बुजुर्गों को कहना है कि मोदी जी ऋषिकेश के आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। राम-राम कहा है, ये मेरा राम-राम पहुंचाओगे। मेरा प्रणाम पहुंचाओगे। जब घर घर जाकर के माता-बहनों-बुजुर्गों को मेरा प्रणाम कहोगे। तो वह मुझे आशीर्वाद देंगे और वह आशीर्वाद मेरे लिए ऊर्जा है। मां भारती की सेवा करने की ऊर्जा है। और आशीर्वाद आपके लिए जीने की, आपके लिए जूझने की, आपके लिए जीवन खपाने की बहुत बड़ी प्रेरणा है। इसलिए घर-घर जाकर जरूर बताइए की मोदी जी ऋषिकेश के आए थे। आपको राम-राम कहा है, अपने मोबाइलल की फ्लैश लाइट चालू करके आप जरा इस बात को अनुमोदन दीजिए।
हरेक की मोबाइल की फ्लैश लाइट चालू कीजिए। आप सब घर-घर जाएंगे, मेरा राम-राम पहुंचाएंगे। 19 तारीख को गर्मी कितनी भी पड़े मतदान कराएंगे। हर बूथ को जीतेंगे। मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।