भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
परभणी करान्ना, माझा राम राम, संत जनाबाईच्या या नगरीला, आणि देवी प्रभावतीच्या नगरीला, माझे कोटी कोटी वंदन !
परभणी की धरती से मैं छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब आंबेडकर, राजर्षि शाहू जी महाराज के चरणों में प्रणाम करता हूं। इस धरती पर साईं बाबा जैसे अनेक संतों के चरण पड़े। इसलिए, परभणी का आशीर्वाद ईश्वरीय आशीर्वाद से कम नहीं है। कल पहले चरण के मतदान के उत्साह जनक रुझानों के बाद...अब परभणी का ये प्रेम बता रहा है, इतनी विशाल जनसंख्या, और इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें और मैं देख रहा हूं, ये हमारा पंडाल छोटा पड़ गया, पीछे बहुत लोग, इस कड़ी धूप में तप रहे हैं। ये हमारी जगह छोटी पड़ गई, आपको धूप में तपना पड़ रहा है, मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं। लेकिन जो धूप में तप रहे हैं उनको मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये तपस्या मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। आपके इस प्रेम को, आपके इस आशीर्वाद को मैं विकास करके लौटाऊंगा। ये जो चारों तरफ एक ही स्वर गूंज रहा है, एक ही आवाज आ रही है - फिर एक बार, मोदी सरकार!
साथियों,
2024 का ये चुनाव केवल सरकार बनाने के लिए नहीं हो रहा। इस चुनाव का लक्ष्य है भारत को विकसित बनाना, भारत को आत्मनिर्भर बनाना। इसीलिए, 2024 के चुनाव के मुद्दे सामान्य मुद्दे नहीं हैं। हर मुद्दा महत्वपूर्ण है, हर कदम महत्वपूर्ण है, हर संकल्प महत्वपूर्ण है और इसीलिए ये पहला चुनाव है, जिसमें भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ये चुनाव है। ये चुनाव है, जिसमें हमने पिछले टर्म में चंद्रयान की सफलता को देखा है, इस चुनाव के बाद 140 करोड़ देशवासी गगनयान की सफलता भी देखेंगे। ये पहला चुनाव है, जब सेना के हथियारों से लेकर, कोरोना की वैक्सीन तक, लोग आत्मनिर्भर भारत की सफलता की हर कोने में चर्चा कर रहे हैं। सिर्फ 10 वर्षों में देश ने विकास की एक लंबी दूरी तय की है। 2014 में मैं पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब चुनाव में क्या बात होती थी? अखबार किन बातों से छाए रहते थे। टीवी पर किन बातों की चर्चा होती थी। तब बात होती थी आतंकी हमलों का डर, आए दिन बम धमाकों की खबरें। और हमारे वीर जवानों की शहादत की पीड़ा, यही छाया रहता था। 5 साल बाद, याद करिए साथियों, 2019 में, चर्चा सीमापार से होने वाले हमलों की बंद हो गई और चर्चा क्या होने लगी, सर्जिकल स्ट्राइक। ये तो मोदी है, घर में घुस के मारता है। ये चर्चा होने लगी कि नहीं होने लगी। शौर्य की ये धरती महाराष्ट्र भी, सर्जिकल स्ट्राइक की बात सुनकर गर्व से भर गई थी। आप मुझे बताइए, हिंदुस्तान का कोई ऐसा नागरिक होगा जिसको गर्व न हुआ हो। कोई नागरिक होगा जिसको गर्व न हुआ हो। गर्व हुआ कि नहीं हुआ। हर किसी को गर्व हुआ कि नहीं हुआ।
साथियों,
NDA सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम करती है। कोई भी जाति हो, कोई भी पंथ हो, हमारी सरकार सबके लिए काम करती है। यहां परभणी में बिना भेदभाव, करीब 40 हजार गरीबों को पक्के घर दिए गए हैं। और मैं आपको एक काम बताता हूं, करोगे, पक्का करोगे, देखिए, जिनको घर मिले हैं, हैं कौन? या तो ओबीसी समाज के हैं, या तो दलित समाज के लोग हैं या तो आदिवासी समाज के लोग हैं। यही लोग थे जो वंचित रह गए थे। और मैंने इतना सारा किया है, लेकिन अभी जब आप लोगों के घर में जाएंगे, गांव में जाएंगे। कहीं कोई इक्का-दुक्का घर मिलना बाकी हो, कोई इक्का-दुक्का जिसको गैस का कनेक्शन मिलना बाकी हो, नल से जल मिलना बाकी हो। तो मेरी तरफ से उनको बता देना कि मोदी की गारंटी है, तीसरे टर्म में आपका काम भी हो जाएगा। ये बताओगे, मेरी तरफ से गारंटी दोगे। आप ही मेरी गारंटी हो, करोगे न। मेरे लिए तो आप ही मोदी हो। घर-घर जाकर बताओगे न। देखिए, आज परभणी के 12 लाख से ज्यादा गरीबों को बिना भेदभाव मुफ्त राशन मिल रहा है। ताकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, बच्चे भूखे पेट सो न जाएं, मां की आंख से आंसू न बहे, इसलिए मोदी 12 लाख परिवारों को यहीं पर मुफ्त राशन दे रहा है, आने वाले पांच साल भी देता रहेगा। आज परभणी में 17 जनऔषधि केंद्रों में बिना भेदभाव सभी को 80 प्रतिशत छूट पर दवा मिल रही है। यहां बिना भेदभाव सवा लाख से ज्यादा महिलाओं को उज्जवला का गैस कनेक्शन दिया गया है। परभणी में आज 75 प्रतिशत से ज्यादा घरों में नल से जल आने लगा है। इतना ही नहीं, NDA सरकार ने परभणी के 9 लाख से ज्यादा पशुओं को मुफ्त टीका भी लगाया है। कोई भी सरकार ऐसे तभी काम करती है, जब वो गरीबों के प्रति संवेदनशील हो, सबकी चिंता करती हो। मैंने गरीबी की जिंदगी जी है...मैं भी आप ही की तरह पिछड़े परिवार में से आ रहा हूं। इसलिए गरीब का दुख भलीभांति समझता हूं। इसलिए मैंने तय किया है कि जो मैंने सहा है, वो देश के किसी गरीब को नहीं सहना पड़े। इसलिए दिन-रात इतनी मेहनत कर रहा हूं।
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भाइयों और बहनों,
मराठवाड़ा का ये पूरा क्षेत्र खेती-किसानी वाला है। यहां का ब्लैक कॉटन, सोयाबीन, ज्वार-बाजरा आपकी कमाई का बड़ा साधन है। लेकिन इस उपज को लेकर कांग्रेस और इंडी अघाडी वालों ने कभी आपकी परेशानी नहीं समझी। इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है सिंचाई की। NDA की पिछली सरकार में यहां जलयुक्त शिवार योजना शुरू हुई थी, मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना शुरू हुई थी। लेकिन इंडी अघाड़ी वालों को आपसे इतनी दुश्मनी है कि इन दोनों योजनाओं को रोक दिया। अब भाई एकनाथ शिंदे जी, देवेन्द्र फड़नवीस जी, और अजीत पवार जी की टीम इस क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करवा रहे हैं। परभणी के सेलू तालुका में लोअर दुधना प्रोजेक्ट पूरा हो गया है।
साथियों,
यहां के किसानों की एक बड़ी चुनौती मौसम की मार भी रही है। पहले की सरकारों के समय, किसानों को फसल बीमा की रकम मिलना असंभव ही था। लेकिन NDA सरकार ने सिर्फ एक जिले-परभणी में ही किसानों को फसल बीमा के डेढ़ हजार करोड़ रुपए दिए हैं। हमारी सरकार जो ऑयलसीड मिशन शुरू करने जा रही है, उससे यहां सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को बहुत लाभ होगा। परभणी अब देश को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी मदद करेगा। परभणी के लाखों किसानों को भाजपा सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि के 850 करोड़ रुपए भी दिए हैं। और जो राज्य सरकार दे रही है वो अलग। अमरावती में बनने वाले टेक्सटाइल पार्क का भी यहां के कॉटन उत्पादक किसानों को बहुत फायदा होगा। साथियों, मोटे अनाज-श्रीअन्न को पौष्टिक तत्वों को ध्यान में रखकर हमारी सरकार बड़े पैमाने पर श्रीअन्न को बढ़ावा दे रही है। सुपरफूड है, हम दुनिया में पहुंचा रहे हैं। आपके यहां का ज्वार-बाजरा केवल महाराष्ट्र और देश को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को पौष्टिक लाभ देगा।
साथियों,
मोदी के लिए- आपके सपने ही मेरे संकल्प हैं। इसीलिए, हम समस्याओं के समाधान के लिए ठोस काम में भरोसा करते हैं और ठोस काम को पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं। हमारा मराठवाड़ा खुद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमने इस क्षेत्र के लिए आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया। परभणी में 5 अमृत स्टेशनों का विकास हो, मडमांड़-नांदेड रेल लाइन के परभणी सेक्शन का दोहरीकरण और electrification हो, बाला साहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग हो, या फिर शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे हो, ये इनफ्रास्ट्रक्चर आज परभणी और मराठवाड़ा की तस्वीर बदल रहे हैं। जालना में ढाई सौ एकड़ के ड्राइपोर्ट का निर्माण भी हो रहा है। इससे भी इस पूरे क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।
साथियों,
NDA सरकार के अगले 5 वर्षों के लिए हमारी पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र मोदी का गारंटी कार्ड है। अगले 5 वर्षों के लिए मोदी की गारंटी है कि- हम देश में गरीबों के लिए 3 करोड़ नए घर बनाएंगे। अगले पांच वर्ष के लिए...अब हम देखते हैं, आजकल हर परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची, नाना-नानी हर परिवार में होते ही हैं। क्योंकि आयु लंबी हो रही है, और जो बेटा कमाता है या बेटी कमाती है उसके लिए अपने बुजुर्ग मां-बाप को संभालना कोई मुश्लिक काम नहीं होता है, कर लेते हैं। लेकिन अगर कोई बीमारी आ गई, तो फिर परिवार में सबके लिए दिक्कत होती है, कि अब पैसा बुजुर्गों के लिए कितना खर्चा करें, बच्चों के लिए कितना खर्चा करें। एक प्रकार से उसके सारे सपने धुल जाते हैं और इसीलिए मोदी ने तय किया कि मेरे सभी परिवार के लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए मेहनत करते हैं, उनका बोझ मैं कैसे कम करूं। और इसीलिए हमने 70 साल की ऊपर के जितने भी बुजुर्ग हमारे देश में हैं, 70 साल के ऊपर के हर बुजुर्ग माता-पिता को उनकी बीमारी में अब इलाज की जिम्मेवारी मोदी का रहेगा। आपके इस बेटे की रहेगी। 70 साल से ऊपर के हर किसी को आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा। मुद्रा योजना के तहत अब युवाओं को 20 लाख रुपए तक की मदद देंगे। NDA सरकार अगले 5 वर्षों में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी भी बनाएगी। और इन सारे प्रयासों को यहां एकनाथ शिंदे जी, देवेन्द्र फड़नवीस जी, और अजीत पवार जी की सरकार तेजी से आगे बढ़ाएगी।
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साथियों,
विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र अभियान के बीच आपको इंडी अघाड़ी से बहुत सतर्क रहना है। कांग्रेस एक ऐसी बेल है, जिसकी अपनी न कोई जड़ है, न जमीन है। इसे जो सहारा दे देता है, ये उसे ही सुखा देती है। आज़ादी के समय कांग्रेस ने देश का विभाजन करवा दिया। आज़ादी के बाद कश्मीर की समस्या खड़ी कर दी। कांग्रेस ने 370 के बहाने बाबा साहब का संविधान कश्मीर में लागू नहीं होने दिया, वहां के दलितों को अधिकार नहीं मिलने दिये। महाराष्ट्र में इंडी अघाड़ी वालों ने जब तक सरकार चलाई, इन्होंने ये लगने ही नहीं दिया कि निज़ामों का कब्जा चला गया है। रज़ाकारों की मानसिकता यहां हावी थी। इन लोगों ने महाराष्ट्र और मराठवाड़ा का विकास तो नहीं होने दिया, लेकिन, कांग्रेस और नकली शिवसेना की पिछली सरकार याक़ूब मेनन की कब्र संवारने में व्यस्त थी। अब बताइए, उनके लिए प्रायरिटी भी याकूब मेनन की कब्र। भाइयों बहनों, परभणी श्री महाराज पाचलेगांवकर जैसे संतों की धरती है, जिन्होंने संन्यासी होकर भी निज़ामों के विरुद्ध संघर्ष का नेतृत्व किया था। परभणी हमारे बाला साहब ठाकरे से प्रेरणा लेने वाली धरती है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, रज़ाकारों की मानसिकता को यहां स्थान मिलना चाहिए क्या? मिलना चाहिए क्या? पालघर के साधुओं की हत्या का मज़ाक उड़ाने वालों को महाराष्ट्र में कोई ठिकाना मिलना चाहिए क्या?
साथियों,
कांग्रेस और उसके दोस्तों को भारत की हर विरासत से चिढ़ है। कांग्रेसी सरकारें तो आज़ादी के बाद भी सेनाओं में अंग्रेजी निशानों को ढो रही थीं। हमारी नौसेना के झंडे पर अंग्रेजों का प्रतीक चिन्ह था। हमने उसे हटाया। हमने नौसेना के झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज का निशान लगाकर नेवी को नई पहचान दी। नेवी के अधिकारी ‘एपो लेट्स’ पहनते हैं, उसमें भी अब छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत की झलक दिखती है। कुछ महीने पहले ही, हमने नौसेना दिवस मनाने की परंपरा को भी बदला। पहले नौसेना दिवस दिल्ली में हुआ करता था। नौसेना दिवस पर सिंधु दुर्ग के किले में भव्य आयोजन करके छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि भी दी और उनके संकल्पों को आगे बढ़ाने का व्रत भी लिया। लेकिन, जब हम छत्रपति शिवाजी के सम्मान में कुछ करते हैं, तो ये लोग उसका भी विरोध करते हैं।
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साथियों,
विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र के संकल्पों के लिए महाराष्ट्र की हर सीट पर एनडीए गठबंधन को आपका आशीर्वाद चाहिए। मैं आपके आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। आने वाली 26 अप्रैल को आपको परभणी लोकसभा से एनडीए के उम्मीदवार महादेव जानकर को विजयी बनाना है। लेकिन इसके लिए आपको मेरा एक काम और करना पड़ेगा। करेंगे। एक तो घर-घर जाना है, जाएंगे। ज्याद से ज्यादा मतदान कराएंगे। कितनी ही गर्मी क्यों न हो ज्यादा मतदान कराएंगे। पहले मतदान फिर जलपान, ये पक्का करेंगे। सुबह-सुबह मतदान कराएंगे। दूसरा काम, हमें पोलिंग बूथ जीतना है, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे। हर पोलिंग को जीतने के लिए अड़गे हो या पिछड़े सबके दिल जीतने होते हैं, जीतोगे। पक्का जीतोगे। अच्छा मेरा एक और काम करोगे, ये मेरा काम है करोगे, मोदी का काम है, महादेव का नहीं है, करोगे, पक्का करोगे। अच्छा घर-घर जाना और बताना कि अपने मोदी भाई परभणी आए थे, और उन्होंने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। जब हर बुजुर्ग के पास मेरा प्रणाम पहुंचेगा न। तो हर माता-बहन, बुजुर्ग मुझे आशीर्वाद देंगे और उनके आशीर्वाद ही मेरी ऊर्जा है। उनके आशीर्वाद मुझे देश के लिए दिन-रात दौड़ने के लिए ताकत देते हैं। और इसीलिए ये मेरा पर्सनल काम है, करेंगे न। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे न। मेरे प्रणाम पहुंचाएंगे ना।
बहुत बहुत धन्यवाद, मेरे साथ बोलिए...भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत बहुत धन्यवाद।