Our country has come a long way in the last 10 years, but a lot of work still remains: PM Modi in Janjgir-Champa
For 60 years, the Congress chanted the slogan of ‘Garibi Hatao’ in the country and kept filling the coffers of its leaders: PM Modi
The Congress never wants to increase the participation of Dalits, backward classes, and tribal people: PM Modi in Janjgir-Champa

कोसा, कासा और कंचन की धरती पर आज एक अलग ही उत्साह नज़र आ रहा है। कुछ महीने पहले मैं विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया था। भाजपा के हर साथी को आप सबने बहुत आशीर्वाद दिया, हमारे सेवाभाव को मान दिया, इसके लिए सबसे पहले तो मैं आप सबका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। अब मैं आज फिर से आपके पास आशीर्वाद मांगने आया हूं। तीसरी बार भाजपा सरकार के लिए आपके भरपूर आशीर्वाद लेने के लिए मैं आपके पास आया हूं। पिछले 10 साल में अपना देश बहुत आगे आया है, लेकिन बहुत सारा काम बाकी है। और छत्तीसगढ़ में तो मुझे पिछली सरकार ने मेरे कोई काम यहां आगे बढ़ने ही नहीं दिए। अब विष्णुदेव जी हैं तो वो काम भी मुझे पूरे करने हैं।

10 साल आपने मुझे देखा है, मैं लागातार आपके लिए दौड़ता रहता हूं कि नहीं दौड़ता हूं। काम करता रहता हूं कि नहीं करता रहता हूं। एक भी छुट्टी लिए बिना करता हूं कि नहीं करता हूं। भरपूर मेहनत करता हूं कि नहीं करता हूं। और सब आप ही के लिए कर रहा हूं न। मुझे बताइए आप ही के लिए कर रहा हूं न। मेरे लिए तो नहीं कर रहा हूं न। बाकी नेताओं को तो अपने बच्चों के लिए कुछ करना होता है। मोदी के लिए तो आप ही मेरा परिवार हैं। अब मुझे बताइए, आपलोग तो बहुत उदार हैं, बहुत आशीर्वाद देने वाले लोग हैं। और मैंने जब-जब आपसे आशीर्वाद मांगा, आपने कोई कमी नहीं रखी। लेकिन आज मैं आपसे आग्रह करने आया हूं। अगर मोदी आप कहते हैं इतना काम करता है, सबलोग। सोशल मीडिया में कहते हैं मोदी कितना काम करता है। अब मैं आपसे एक और बात कहना चाहता हूं। अब मोदी इतना सारा करता है, क्या आपको मोदी के लिए एक घंटा निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए। 7 मई को वोट देने के लिए, मोदी के लिए एक घंटा निकालोगे। जरा हाथ ऊपर करके बताओ निकालोगे। मोदी को वोट करोगे। पक्का करोगे। आपको जांजगीर-चंपा से हमारी छोटी बहन कमलेश जांगडे और रायगढ़ से हमारा छोटा भाई राधेश्याम राठिया जी को भारी मतों से जिताकर दिल्ली में मेरी मदद के लिए भेजना है। भेजेंगे। ये दोनों मेरे साथी, भारत को शक्तिशाली बनाने के लिए एक मजबूत सरकार बनाने के लिए दिल्ली में मेरा साथ देने वाले हैं। करेंगे? मुझे मां चंद्रहासिनी, अष्टभुजी मैया, शिवरीनारायण, गिरोधपुरी धाम, तुर्री धाम, दमाखेड़ा की कृपा, और आप जनता-जनार्दन के आशीर्वाद पर अटूट भरोसा है। इसी भरोसे के कारण ही छत्तीसगढ़ कह रहा है- फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,

आज मेरा सौभाग्य है। आज यहां मंच पर मेरे साथ पूज्य आचार्य मेहत्तर राम जी रामनामी और माता सेत बाई रामनामी भी रूबरू हमें आशीर्वाद देने आए हैं। मेरे लिए तो खुशी है कि 22 जनवरी को अयोध्या में आकरके भी मुझे आशीर्वाद दिया था। रामनामी समाज, अपनी भक्ति, अपने भजन, श्रीराम के प्रति अपने समर्पण और प्रकृति प्रेम के लिए जाना जाता है। कहते हैं, रामनामी समाज के पूर्वजों ने डेढ़ सौ साल पहले ही बता दिया था कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कब होगी। मोदी को जिस मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा का सौभाग्य मिला। अयोध्या के जिस मंदिर की उम्मीद देश छोड़ चुका था, सबने मान लिया था, अब मामला खतम, नहीं होगा, उस उम्मीद को पूरा करने का काम भाजपा ने किया है। ये कमल वालों ने किया है। कांग्रेस के लोग हम पर तंज करते थे, हर चुनाव में हमें पूछा जाता था मंदिर कब बनेगा। कांग्रेस वाले तो आए-दिन गली मोहल्ले में अरे बताओ मंदिर कब बनेगा। और नारा देते थे - मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। हमने उन्हें तारीख भी बताई, समय भी बताया, निमंत्रण भी भेजा, लेकिन कांग्रेस के सातवें आसमान के अहंकार ने वो अपने आप को राम से भी बड़ा मानते हैं। प्रभु राम से भी बड़ा मानते हैं, और उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया। हमारे ऐसे संतों का अपमान है कि नहीं है। माता शबरी का अपमान है कि नहीं है। और ये क्षेत्र तो माता शबरी का स्थान है, छत्तीसगढ़ तो प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। मैं आपसे पूछता हूं क्या ये छत्तीसगढ़ का अपमान नहीं है? ये छत्तीसगढ़ का अपमान है कि नहीं है? क्या ये माता शबरी का अपमान है कि नहीं है?

साथियों,

धर्म के नाम पर देश को बांटने वाली कांग्रेस आजादी के बाद भी, पहले दिन से तुष्टिकरण में लगी हुई थी। तुष्टिकरण, वोट बैंक की राजनीति कांग्रेस के DNA में है। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस को दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों का हक भी छीनना पड़े तो वो एक सेकेंड नहीं लगाएंगे। जबकि भाजपा, सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलने वाली पार्टी है। हमारी प्राथमिकता गरीब, युवा, महिला और किसानों का कल्याण है। कांग्रेस ने 60 साल तक देश में गरीबी हटाओ का नारा दिया और अपने नेताओं की तिजोरी भरती रही। लेकिन मोदी ने नारेबाजी नहीं की, मोदी ने आपसे नाता जोड़ा, नारा नहीं दिया और मोदी ने 10 वर्ष में 25 करोड़ देशवासियों को जो गरीबी में जिंदगी जीते थे, जो मुसीबत में जीते थे, जिनके सपने बचे नहीं थे। उन 25 करोड़ गरीबों को गरीबी से बाहर निकाला है।

साथियों,

गरीब कल्याण के लिए हमारी नीति भी सही है और उससे भी ज्यादा हमारी नीयत सही है। और जब नीयत सही होते हैं नतीजे भी सही मिलते हैं। और उसके कारण 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। हमारे पिछले 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड यही है। हम जो कहते हैं, उसको करने के लिए मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखते। हर चुनौती को चुनौती देते हैं। और उसे पूरा करके रहते हैं। अब देखिए यहां हमारा धान का उदाहरण ले लो। पानी होने के बावजूद यहां का किसान कम फसल उगाता था। फसल कम इसलिए उगाता था क्योंकि खरीद कम होती थी, भाव कम मिलता था, ऊपर से पैसा समय पर नहीं मिलता था। लेकिन आपने देखा है, हमारे नए मुख्यमंत्री भाई विष्णु देव साय जी और उनकी पूरी टीम ने आते ही कमाल कर दिया है। 2 साल का बाकी बकाया था न वो भी आपके चरणों में सुपुर्द कर दिया। रिकॉर्ड MSP पर प्रति एकड़ रिकॉर्ड खरीद भी की गई है। 45 हज़ार करोड़ रुपए इतने कम समय में यहां धान किसानों को मिल चुके हैं। छत्तीसगढ़ में तेंदुपत्ता संग्राहकों को दी गारंटी भी पूरी हुई है। छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के भी 7 हज़ार करोड़ रुपए मिले हैं। और अब मोदी की गारंटी है कि ये पैसे ऐसे ही आगे भी किसानों को मिलता रहेगा।

साथियों,

भाजपा सरकार खेती में हमारी माताओं-बहनों की भागीदारी को भी कई गुणा बढ़ाने में जुटी है। ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक खेती की लागत कम करने वाली है। और ये जो ड्रोन क्रांति आने वाली है, इसका नेतृत्व हमारी बहनें करेंगी, आदिवासी बहनें करेंगी। नमो ड्रोन दीदी योजना से बहनों को पहले ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है और सरकार उनको महंगे ड्रोन भी दे रही है। छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना की देशभर में बहुत चर्चा है। यहां लाखों बहनों को हर महीने सीधी मदद पहुंच रही है। मोदी ने भी गारंटी दी है कि 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे। (बेटी आप कबसे ये फोटो लेकर खड़ी हो, थक जाओगी। क्या करना है, मुझे देना चाहती हो। मुझे देने के लिए लाई हो, भाई जरा लेकरके मेरे एसपीजी के लोगों को दे दीजिए। बेटा पीछे अपना नाम पता लिख देना। अपना नाम पता लिख देना, मैं तुम्हे चिट्ठी भेजूंगा। अच्छा इधर भी है। ये कौन है, किसने किया है। ये बहुत मेहरबान लोग हैं।) साथियों, ये जो नमो ड्रोन दीदी वाला मेरा अभियान है, इससे स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी, वनधन केंद्रों से जुड़ी यहां की लाखों बहनों को सीधा लाभ होगा।

साथियों,

भाजपा सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है। यहां जांजगीर-चांपा में करीब पचास हजार परिवारों को पक्के घर मिले हैं। जांजगीर-चांपा में ही, करीब 2 लाख नल कनेक्शन दिए हैं। करीब 3 लाख बहनों को यहां सस्ते सिलेंडर वाला उज्जवला कनेक्शन मिला है। भाइयों और बहनों, मेरे लिए आप ही मेरा परिवार है। मेरा भारत, मेरा परिवार। परिवार के हर सुख-दुख की चिंता करना मेरा भी दायित्व है। इसलिए मैंने तय किया है कि मुफ्त राशन देने वाली योजना आने वाले 5 साल तक चलती रहेगी। आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की गारंटी यहां के लाखों परिवारों को मिल रही है। अब छत्तीसगढ़ के जितने भी परिवार हैं, उनमें जो भी बुजुर्ग हैं, 70 साल से ऊपर के जो भी लोग हैं। अब अगर आपके परिवार में 70 साल से ऊपर के माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची अगर कोई बीमार हो जाए। तो आप इलाज कराने में जरा भी कंजूसी मत करना। अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज करना, खर्चा आपका बेटा देगा।

भाइयों और बहनों,

2014 से पहले करीब 60 वर्ष तक कांग्रेस के एक ही परिवार ने सीधा या रिमोट से सरकार चलाई। कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि दलित-पिछड़े-आदिवासियों की भागीदारी बढ़े। 2014 में आपने अपने बीच से आए मोदी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी। मैं आपलोगों के बीच निकला हुआ हूं। मैं गरीबी को जी करके आया हूं। जिन मुसीबतों को आपके माता-पिता ने झेला है न, वो मैंने भी झेली है। आज देखिए इसी के कारण भाजपा ने एक दलित परिवार के बेटे को देश का राष्ट्रपति बनाया। और कांग्रेस ने उनका विरोध किया। आजादी के इतने साल बाद भाजपा ने देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति देने का फैसला किया। अब मुझे बताइए कांग्रेस का क्या जाता था भाई। कांग्रेस ने स्वागत करना चाहिए था नहीं करना चाहिए था। कांग्रेस ने साथ देना चाहिए था कि नहीं देना चाहिए था। लेकिन आदिवासियों की घोऱ विरोधी कांग्रेस ने एक आदिवासी बेटी जब राष्ट्रपति बन रही थी, उनका भी विरोध किया और जीत गई तो अनाप-शनाप बोल करके उनका अपमान भी किया। यहां छत्तीसगढ़ में आपने भरोसा जताया तो हमने मेरे साथी अरुण साव जी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी। लेकिन कांग्रेस को गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की सत्ता में ये भागीदारी पच नहीं रही।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस ने अब एक और बड़ा खेल शुरु कर दिया है। पहले कर्नाटका से कांग्रेस के सांसद ने कहा कि दक्षिण भारत को अलग देश घोषित कर देंगे। अब कांग्रेस के गोवा के उम्मीदवार कह रहे हैं कि गोवा पर भारत का संविधान लागू नहीं होता। वो साफ-साफ कह रहे हैं कि गोवा पर देश का संविधान थोपा गया और उन्होंने ये बातें कांग्रेस के शहज़ादे को बताई हैं। ये बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान है कि नहीं है। ये बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान है कि नहीं है। ये भारत के संविधान का अपमान है कि नहीं है। ये भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ है नहीं है। कांग्रेस का उम्मीदवार कह रहा है कि गोवा में संविधान नहीं चलेगा। ये जम्मू कश्मीर के लोग भी कहा करते थे। आपने मोदी को आशीर्वाद दिया आज उनकी बोलती बंद हो गई, और देश का संविधान वहां चल रहा है। बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान जो जम्मू-कश्मीर में नहीं चलता था वो भी लागू हो गया। भाइयों-बहनों कांग्रेस का उम्मीदवार कह रहा है कि उसने उनके नेता को कहा है। और ये सार्वजनिक करता है उसका मतलब, उस नेता ने उसको मूक सहमति दी है। ये सोची समझी चाल है देश को तोड़ने की। कांग्रेस को देश के एक बड़े हिस्से ने नकार दिया है। इसलिए वो देश में ही ऐसे टापू बनाना चाहती है। आज गोवा में संविधान को नकार रहे हैं, कल पूरे देश में बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को नकारने का पाप करेंगे। यही करेंगे।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस के पास ना देश के लिए कोई विजन है और ना ही गरीब कल्याण की उसे ABCD आती है। अब आप मुझे बताइए गरीब मां बेटा भी डॉक्टर बनना चाहे तो बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए। गरीब मां बेटा इंजीनियर बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए। गरीब मां बेटा साइंटिस्ट बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए। लेकिन उन्होंने ऐसी स्थिति बनाई थी कि अगर आप अंग्रेजी नहीं पढ़े हैं तो डॉक्टर नहीं बन सकते, इंजीनियर नहीं बन सकते, साइंटिस्ट नहीं बन सकते। मोदी ने आकर तय कर दिया, अब गरीब मां का बेटा भी डॉक्टर बनेगा, वो अपनी मातृभाषा में पढ़ेगा। अंग्रेजी नहीं आएगी, गांव के स्कूल में पढ़कर आएगा, अगर डाक्टर बनना चाहता है तो वो बनेगा। ये काम हम करते हैं। मोदी आत्मनिर्भर भारत की बात करता है तो कांग्रेस कहती है ये तो मुद्दा ही नहीं है। यहां का कोसा, हमारा कोसा सिल्क दुनियाभर में छा जाए, मोदी इसके लिए समर्पित है। इसलिए मैं वोकल फॉर लोकल की बात करता हूं। यहां जो हमारे विश्वकर्मा साथी हैं, कांसे को शानदार कला में ढालते हैं, दूसरे शिल्प में जुटे हैं। ऐसे साथियों के लिए हमने 13 हजार करोड़ रुपए की विश्वकर्मा योजना बनाई है। हम ऐसे विश्वकर्मा साथियों को आर्थिक मदद दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जो सबसे पिछड़ी जनजातियां हैं, उनके लिए भी पीएम जनमन योजना बनाई है। इस योजना पर भी करीब 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन साथियों, गरीब सेवा के मोदी के इन प्रयासों पर यहां कांग्रेस वाले क्या कहते हैं? यहां कांग्रेस वाले कहते हैं- मोदी का सिर फोड़ देंगे। अरे जबतक मेरे देश की माताएं-बहनें बैठी हैं न कोई मोदी को कुछ नहीं कर सकता। ये माताएं-बहनें मेरा रक्षा कवच है। ये माताएं-बहनें मेरा रक्षा कवच है। कोई कुछ नहीं कर सकता है। अब ये कैसे लोग हैं, कांग्रेस के नेता ने पूरे मोदी समाज को गालियां दी थी। साहू समाज को गालियां दी थी। अब मोदी का सिर फोड़ने की बात करते हैं। ओबीसी समाज को गालियां दी थी। भाजपा ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया...मेडिकल की पढ़ाई में आरक्षण दिया। गरीबों की संतानें भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सकें, इसलिए मैंने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई स्थानीय भाषा में भी शुरू करने का काम किया। लेकिन यहां कांग्रेस के एक नेता कहते हैं कि मोदी मर जाए। अब बताइए माला जप रहे, जहां 140 करोड़ लगों का आशीर्वाद होता है न वहां मौत को भी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

साथियों,

ये जो बौखलाहट है, ये मोदी से नहीं है, ये आपके एक वोट की ताकत है न इसलिए ये कांप रहे हैं। ये महादेव घोटाले, शराब घोटाले, भर्ती घोटाले में चल रही तेज़ जांच की बौखलाहट है। मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ, वो कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। ये कितनी भी गालियां दें, धमकियां दें, सर फोड़ने की बातें करें, मारने-मरने की बातें करें, जब तक आपका सुरक्षा कवच है, छत्तीसगढ़ महतारी का आशीर्वाद है, ये मोदी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। और साथियों, आपने देखा होगा पिछले 30 साल जब भी चुनाव आता है तो एक ही घिसी पिटी टेप रिकार्ड बजाते रहते हैं...कानों-कानों में कहते रहते, देखो भाजपा वाले आएंगे संविधान खतम कर देंगे। भाजपा वाले आएंगे आरक्षण खतम कर देंगे। अरे कितने दिन झूठ चलाते रहोगे। मेरे शब्द लिख के रखिए, मोदी तो छोड़िए, भाजपा तो छोड़िए, अरे खुद बाबासाहेब अंबेडकर भी आकरके के कहे न तो भी होने वाला नहीं है। कोई संविधान बदल नहीं सकता है। और मेरी एक बात याद रखेंगे? इंडी गठबंधन को दिया आपका वोट केंद्र में सरकार नहीं बना सकता। BJP-NDA को दिया आपका वोट विकसित भारत बनाएगा। इसलिए, आपको हर बूथ पर कमल खिलाना है। कमल खिलाएंगे? घर-घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे। पोलिंग बूथ जीतेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। मेरा काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताओ न करेंगे। देखिए घर-घर जाना और कहना मोदी जी आए थे, मोदी जी ने जोहार कहा है, मोदी जी ने राम-राम कहा है। कह देंगे।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।