Except for scams and lawlessness, there is nothing in their report cards: PM Modi in Darbhanga
Today, India's prestige in the world is at a new height: PM Modi in Darbhanga
Despite challenges like COVID-19, India has shown resilience & provided leadership to the world: PM
Together, let's ensure Bihar's transformation & prevent a return to the ‘Lantern era’: PM Modi

राजा जनक, सीता मैया, कविराज विद्यापति के इ पावन मिथिला भूमि के नमन करे छी।

मैं दरभंगा की धरती से स्वर्गीय महाराजा कामेश्वर सिंह जी को भी प्रणाम करता हूं। एक तो मिथिला की ये पुण्य भूमि और दूसरा आप जनता-जनार्दन का आशीर्वाद, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है। (आप वो मोदी को कितना नचाओगे, वो एसपीजी वालों को कहिए वो मोदी को कब्जा कर लें। बढ़िया बनाके लाए हो आप, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी) बोलिए, भारत माता की, भारत माता की। (ये एसपीजी वालों को दे दीजिए) जय श्री राम, जय श्री राम। मैं आप सभी को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 500 वर्षों के बाद हमारा इंतजार समाप्त हुआ है। 500 साल तक ये हमारे पूर्वज संघर्ष करते रहे, बलिदान देते रहे और कभी भी निराश नहीं हुए। हमारे पूर्वजों को पता था कभी न कभी कोई बेटा पैदा होगा, कभी तो कोई बेटा पैदा होगा जो 500 साल के इंतजार को परिपूर्ण करके भगवान राम मंदिर। और इंतजार सिर्फ रामजी का ही थोड़ी था, सीता मैया का भी तो था और हमारे मिथिला का भी था। हम अपने जीवनकाल में ये शुभ समय देख रहे हैं (ऐ विश्वकर्मा भक्त आप नीचे रखो पीछे लोग देख नहीं पाते हैं। मैंने आपको देख लिया,सुखी रहो।) ये शुभ समय हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।

साथियों,

जब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। तब मैंने कहा था कि अब भारत आने वाले एक हजार साल का भविष्य लिखेगा। कई बार इतिहास की एकाध घटना भी कई-कई शताब्दियों का भाग्य तय कर देती हैं। (मेरी आप सबसे प्रार्थना है, मैं जानता हूं आपको तकलीफ हो रही है, हो सकता है आप मुझे देख न पाते हों, लेकिन उसके लिए हमें क्षमा करें। आराम से जहां हैं वहां खड़े रहके मुझे सुनिए। और अगर आप आवाज कम करेंगे तो मुझे बोलने की सुविधा बढ़ेगी। आपका आशीर्वाद है, मैं बोलना शुरू करूं। आप शांति रखोगे। आप इतने अच्छे लोग हैं।) आज से हजार साल पहले जब पश्चिम से भारत पर हमले होने शुरू हुए थे। तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत एक हजार साल की गुलामी में घिर जाएगा। जो बिहार देश को दिशा दिखाता था, वो ऐसे संकटों से घिरा कि सबकुछ तबाह हो गया। लेकिन साथियों, भारत के भाग्य ने आज एक बार फिर करवट ली है। बिहार के भाग्य ने एक बार फिर करवट ली है। 21वीं सदी में ये कालखंड ऐसा आया है, जब भारत फिर से अपनी सारी बेड़ियां तोड़कर उठ खड़ा हुआ है। आज भारत की दुनिया में जो साख है न, वह नई ऊंचाई पर है। आज भारत चांद पर वहां पहुंच गया है, जहां कोई नहीं पहुंचा। 10 साल पहले हम दुनिया की 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था थे। सिर्फ 10 साल में हम 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। आपको कोरोना का समय याद होगा। 100 साल का इतना बड़ा संकट आया था। पूरी दुनिया सोचती थी कि भारत तो गया, भारत तो बर्बाद हो जाएगा। दुनिया भी बर्बाद करेगा। सब सोच रहे थे कि अब क्या होगा। लेकिन उस समय भारत ने दिखाया कि भारत का सामर्थ्य क्या होता है। भारत उस संकट से निकाला, दुनिया को भी राह दिखाई। लेकिन साथियों, उस इतने बड़े संकट में बिहार के लोगों के साथ कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने जो किया, वो मैं कभी भूल नहीं सकता। दिल्ली में इंडी गठबंधन की सरकार थी, महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन की सरकार थी और इन लोगों ने बिहार के लोगों को उस संकट काल में वहां से साजिश करके वापस भेज दिया। मेरे बिहार के नौजवानों को, मेरे बिहार की बेटियों को दिल्ली से इंडी गबंधन की सरकार वालों ने भगाया हुआ है। मैं जरा बिहार के नौजवानों को पूछना चाहता हूं, जिन्होंने आपके साथ ये जुल्म किया क्या उन्हें माफ करेंगे क्या? इस चुनाव में हिसाब चुकता करेंगे कि नहीं करेंगे। बिहार के लोगों को बसों में बिठाया गया और बीच रास्ते छोड़ दिया गया। और आज यही इंडी गठबंधन के लोग आपसे वोट मांगने आ रहे हैं। क्या आप इंडी गठबंधन का इतना बड़ा गुनाह माफ करेंगे क्या? माफ करेंगे क्या?

भाइयों बहनों,

मैंने इस चुनाव में अगले 5 साल के लिए विकास का रोडमैप दिया है। मैंने 25 साल का विज़न देश के सामने रखा है। लेकिन, ये भी जरूरी है हम अतीत का भी ध्यान रखें। जैसे एक शहजादे दिल्ली में हैं, वैसे ही एक शहजादे पटना में भी हैं। एक शहजादे ने बचपन से पूरे देश को और दूसरे शहजादे ने पूरे बिहार को अपनी जागीर समझा है। इन दोनों शहजादों के रिपोर्ट कार्ड एक जैसे हैं इनके रिपोर्ट कार्ड में सिवाय घोटालों और बेलगाम कानून-व्यवस्था के कुछ नहीं है। याद कीजिए, कैसे बिहार में अपहरण उद्योग चलता था? कैसे बड़े-बड़े घोटालों से बिहार के खजाने को लूटा जाता था? कैसे शाम होते ही हमारी बहन-बेटियां घर से निकलने में डरती थीं ? कैसे नौकरी देने के पहले जमीन लिखा ली जाती थी? साथियों, आज नीतीश जी के नेतृत्व में NDA सरकार बिहार के विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है। हमारी प्रेरणा कर्पूरी बाबू हैं जिन्हें कुछ समय पहले भारत रत्न देने का सौभाग्य हमें मिला है। पिछले 10 साल में बिहार में हमने 40 लाख गरीबों को पक्के घर दिए हैं, करीब सवा करोड़ गैस कनेक्शन दिए हैं। आज गरीबों को मुफ्त राशन-मुफ्त इलाज मिल रहा है। अब मोदी ने ये भी तय किया है कि आपके परिवार में बिहार में कोई भी 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग होंगे तो अब उनके संतानों को उनकी बीमारी में इलाज का खर्चा नहीं उठाना होगा। अब ये खर्चा दिल्ली में आपका ये बेटा उठाएगा। 70 साल के ऊपर के हर बुजुर्ग को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मिलेगा। मेरे बिहार के साथियों, मेरे दरभंगा के साथियों, मेरा एक काम करोगे, जरा हाथ ऊपर करके बताइए करोगो, पक्का करोगे, देखिए एक काम करना, जब आप इन दिनों गांव-गांव जाते होंगे, मोहल्ले में जाते होंगे, छोटी-छोटी बस्तियों में जाते होंगे। अगर वहां पर कोई परिवार ऐसे आपके ध्यान में आ जाए। जिनको अभी पक्का घर मिलना बाकी है, गैस का कनेक्शन मिलना बाकी है, नल से जल का कनेक्शन बाकी है, आयुष्मान कार्ड नहीं पहुंचा है तो उनको कह देना कि मोदी जी की गारंटी है, 4 जून के बाद नई सरकार बनने के बाद हम तीन करोड़ नए घर बनाने वाले हैं। तो आप मेरी तरफ से सब परिवारों को गारंटी दे देना। मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं।


साथियों,

दरभंगा का एयरपोर्ट हो, रेलवे स्टेशन हो, अमृत-भारत ट्रेन हो, आधुनिक सड़कें हों हर तरफ काम हो रहा है। दरभंगा एम्स की अड़चनों को भी दूर किया जा रहा है। साथियों, जब विकास की बुनियाद मजबूत होती है, तभी उद्योग और रोजगार भी पैदा होते हैं। यहां दरभंगा में IT पार्क भी बना है जिससे युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे। मिथिला में मखाना, लीची और आम खूब होता है। अच्छी सड़कों और इनफ्रास्ट्रक्चर से इसका एक्सपोर्ट बढ़ेगा। यहां के मखाने को दुनिया तक पहुंचाने के लिए हमारी सरकार ने मखाने को GI टैग भी दिया है। साथियों, हमने बिहार में महिला स्वयं सहायता समूहों को 42 हजार करोड़ रुपए की सहायता बैंकों से दी है। दरभंगा-मधुबनी में 11 लाख महिलाएं इन समूहों में जुड़ी हैं। दरभंगा में इन बहनों ने शिल्पग्राम की शुरुआत भी की है। और आपकी मधुबनी की पेंटिंग का प्रचार तो खुद मोदी पूरी दुनिया में करता है। आज आगे बढ़ती हमारी बहनों की ये खुशी, यही मोदी को मेहनत करने का हौसला देती है।

साथियों,

आपको पता है कि लंबी चर्चा के बाद हमारा संविधान बना। तब एक मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी। बाबा साहेब आंबेडकर थे, डॉ. राजेंद्र बाबू थे, देश के बड़े-बड़े विद्वान थे, और संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देना कि नहीं देना। इस पर गंभीर चर्चा हुई। और बाबा साहेब के नेतृत्व में संविधान सभा ने 75 साल पहले तय किया कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते हैं। देश को फिर से नहीं बांट सकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर ने इसके विषय में खुलेआम वकालत की कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। इतना ही नहीं, पंडित नेहरू ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया। लेकिन अब जब हमारी गरीब SC-ST-OBC का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है तो कांग्रेस नेहरू जी की भावना के खिलाफ जा रही है। बाबा साहब आंबेडकर की पीठ में छुरा भोंक रही है, संविधान को तोड़ने-मरोड़ने में लगी है। कांग्रेस लगी हुई है कि ओबीसी कोटे को कम करके धर्म के आधार पर उसमें से डाका डाल के मुसलमानों को आरक्षण दे दिया जाए। दलितों के आरक्षण में से डाका डालो, आदिवासियों के आरक्षण में से डाका डालो और कांग्रेस की इस साजिश में आरजेडी भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। 2007 में बिहार के शहजादे के पिता जी ने मुस्लिमों को ये आरक्षण में से निकाल करके कोटा देने की बात कही थी। रेलमंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे अधिकारियों को कहा था कि मुस्लिमों के लिए कोटे का इंतजाम किया जाए। सोचिए, ये SC-ST-OBC का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देना चाहते हैं। आप मुझे बताइए, धर्म के आधार पर SC-ST-OBC आरक्षण अगर कटेगा तो यादव-कुर्मी समाज का हक भी बचेगा क्या? सबकुछ खतम हो जाएगा। पासवान, मुसहर, रविदास, धानुक समाज के हक पर ये डाका डालने की फिराक में हैं। साथियों, मैं पिछले 12 दिनों से कांग्रेस को और उनके चट्टों-बट्टों को आरक्षण के मुद्दे पर पर चुनौती दे रहा हूं। मैंने उनसे कहा है, मैंने लिखित में मांगा है कि इंडी गठबंधन, धर्म के आधार पर SC-ST-OBC का आरक्षण छीन करके मुसलमानों को नहीं देंगे। धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए संविधान के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे। लेकिन इनके पेट में पाप है। 12 दिन से मैं मांग कर रहा हूं। ये चुप बैठे हैं। साथियों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं जबतक मोदी जिंदा है, SC-ST-OBC के आरक्षण पर कभी भी मैं खिलवाड़ नहीं करने दूंगा।

साथियों,

मैंने जब से कांग्रेस- RJD के इरादों को बेनकाब किया है, ये लोग बौखला गए हैं। अब RJD ने ये गिनना शुरू कर दिया है कि सेना में कौन हिंदू है कौन मुसलमान है। यही इनका असली चेहरा है। ये लोग समाज को बांटने के लिए..देश की एकता तोड़ने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। मां भारती की रक्षा के लिए जो सीने पर गोली खाता है, वो पहले भारतीय होता है। और ये RJD के लोग उसे हिंदु-मुसलमान की नजर से देखते हैं। मैं जरा हिंदू-मुसलमान का बंटवारा करने वालों से पूछना चाहता हूं। क्या अब्दुल हमीद जी को हम सिर्फ इसलिए याद करते हैं क्योंकि वो मुसलमान थे? देश को इस दिशा में ले जाएंगे ये लोग? यही लोग सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं, एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं। यही लोग आर्मी चीफ को गाली देते हैं। आखिर किसको खुश करने के लिए, किसके इशारे पर ये बोला जाता है? देश सब देख रहा है। जनता है सबकुछ जानती है। देशवासी सब देख रहे हैं। साथियों, RJD का इतिहास सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर हमेशा से तुष्टिकरण करने का रहा है। जब गोधरा में कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था तब रेलमंत्री ये शहजादे के पिता जी थे, जो सजा काट रहे हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। इन्होंने दोषियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जज की कमेटी बनाई। बेनराजी कमेटी। सोनिया मैम का राज था न। और इसलिए उन्होंने बेनराजी कमेटी बनाई थी। जज का नाम बेनराजी था तो सबलोग बेनराजी बोलते थे। और उससे ऐसा रिपोर्ट लिखवाया कि 60 कारसेवकों को जलाने वाले निर्दोष छूट जाए, लेकिन ये रेलमंत्री जो जेल में जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर है, जमानत पर घूम रहे हैं। अदालत ने उनके इस रिपोर्ट को को कूड़े-कचरे में फेंक दिया। और उन सबको सजा सुनाई, फांसी तक की सजा हो गई। पूरी दुनिया को पता था कि कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था। लेकिन, तब फर्जी जांच रिपोर्ट बनवाकर कारसेवकों पर ही दोष मढ़ने की साजिश रची गई थी। यही इनका इतिहास है, यही इनकी सच्चाई है।

साथियों,

हमें बिहार को लालटेन के दौर में वापस नहीं जाने देना है। अभी आपको पता होगा, ये शहजादे दिल्ली वाले एक नई बात लेकर आए हैं। आप मुझे बताइए, भाइयों-बहनों, जो माता-पिता होते हैं वो मेहनत करके कुछ बचत करते हैं कि नहीं करते हैं। कुछ न कुछ बचाते हैं, उनके मन में रहता है कि एक छोटा सा घर बना दूं, बच्चों को काम आ जाएगा। एक छोटी सी गाड़ी ला दूं, बच्चों के काम आएगी। खेत खरीदकर रखो, बच्चों को काम आएगा। हर मां-बाप के मन में ये इच्छा रहती है कि वो अपने मरने के बाद बच्चों को कुछ न कुछ देकर के जाए। हर मां-बाप की इच्छा रहती है। अब कांग्रेस ऐसा कानून बनाना चाहती है, कि दिल्ली में उनकी सरकार बनेगी तो आपके मां-बाप ने जो कमाया है वो अब आपको नहीं मिलेगा। आपके पिताजी, अपना 10 एकड़ का खेत होगा तो आपको नहीं दे पाएंगे, दो घर है तो नहीं दे पाएंगे। आधा ये इनकी सरकार छीन लेगी, 55 प्रतिशत विरासत पर टैक्स लगाने का ये फतवा लेकर आना चाहते हैं। क्या आपकी मेहनत की कमाई किसी सरकार को लूटने देंगे? किसी सरकार को लूटने देंगे? ये कांग्रेस वालों को लूटने देंगे? ये आरजेडी वालों को लूटने देंगे? और इसलिए भाइयों-बहनों, आपका भविष्य बचाने के लिए आपके बच्चों का भविष्य बनाने के लिए 7 मई को झंझारपुर में JDU से प्रत्याशी श्री रामप्रीत मंडल जी को, 13 मई को दरभंगा में बीजेपी से श्री गोपाल ठाकुर जी को और समस्तीपुर से LJP की हमारी बेटी श्रीमती शाम्भवी चौधरी जी, पूरे हिंदुस्तान की सबसे छोटी उमर की बेटी चुनाव लड़ रही है। आप सब आशीर्वाद दीजिए, ये हमारी बेटी तो जीतनी ही चाहिए। 20 मई को मधुबनी में बीजेपी के श्री अशोक कुमार यादव जी को, ये हमारे सभी साथियों को भारी संख्या में वोट दीजिए। जब आप उनको वोट देंगे न तो ये वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी और मोदी मजबूती से आपकी पांच साल और सेवा करेगा। तो घर-घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे, पहले मतदान फिर जलपान, ये पक्का करेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। यहां से जाने के बाद हर घर जाना घर-घर जाकर के कहना कि अपने मोदी जी दरभंगा आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे।

बोलिए,
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।