Looking at the large turnout of West Bengal's Nari Shakti indicates 'Fir ek Baar Modi Sarkar’
It is the support of 140 crore Indians that saw the abrogation of Article 370, the passage of Nari Shakti Vandan Act, and the Pran-Pratishtha of Ram Mandir after 500 years
It is only our government that truly stands with our mothers-daughters-sisters of Sandeshkhali with utmost respect and dignity. The Sandeshkhali incident has amplified the TMC's mistreatment of our Nari Shakti
Our government prioritizes development unlike the Congress-Left-TMC whose politics is founded on lies, confusion and propaganda
The TMC-Left-Congress have neglected the deprived communities including Rajbhanshis, Namasudras and Matuas among various others

नोमोश्कार !
शकल कूचबिहार बाशी देर आमार शादोर प्रोणाम
दंडोबत शगाय के !
मेरे साथ बोलिए... भारत माता की, भारत माता की।

मैं मदन मोहन ठाकुर जी और बोरो देवी को पूरी श्रद्धा से नमन करता हूं। आज यहां कूचबिहार के साथ-साथ अलिपुरद्वार से भी इतनी बड़ी संख्या में आप लोग आए हैं। विशेष रूप से माताएं-बहनें-बेटियां, इतनी विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने पहुंची हैं। आपका यही आशीर्वाद है, जिसके कारण पूरा देश कह रहा है-
फिर एक बार...मोदी सरकार !
एक बार आबार…मोदी शोरकार, एक बार आबार…मोदी शोरकार, एक बार आबार…मोदी शोरकार

भाइयों और बहनों,
मैं हेलीकॉप्टर से...जब मैं यहां बाई रोड आ रहा था, पूरे रास्ते भर ऐसा लग रहा था जैसे बड़ा रोडशो हो रहा है। ये आपका प्यार सर आंखों पर है। आज मैं सबसे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। क्योंकि 2019 में मैं इसी मैदान में सभा करने आया था तो उन्होंने एक बड़ा मंच बीच में बनाकर मैदान को बहुत छोटा कर दिया था ताकि लोग मोदी को सुन न सके। और मैंने उस दिन कहा था कि दीदी आपने अच्छा नहीं किया, अब जनता आपको जवाब देगी। और आपने जवाब दे दिया। लेकिन आज उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। मैदान खुला रखा तो मुझे आप सबके दर्शन करने का सौभाग्य मिला। आपका दर्शन करके आज मेरा जीवन धन्य हो गया। और इसलिए मैं बंगाल सरकार को कोई रूकावट न करने देने के लिए जरूर आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयों-बहनों,
21वीं सदी का ये समय भारत के लिए बहुत अहम है। ये समय विकसित भारत बनाने का है। और जब भारत विकसित होगा तो बंगाल उसका बहुत बड़ा लाभार्थी होगा। बंगाल के मेरे भाई-बहन उसके सबसे बड़े लाभार्थी होंगे। ये समय, महाराजा नर नारायण, वीर चिल्ला रॉय, और ठाकुर पंचानन बर्मा जैसे महान सपूतों के सपनों को पूरा करने का समय है। इसलिए 19 अप्रैल को जब आप मतदान केंद्र पर वोट डालने जाएंगे, तो इस बात को बराबर याद रखिएगा। और हम याद रखें ये देश का चुनाव है, पूरे हिंदुस्तान का चुनाव है। ये दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का चुनाव है। इसलिए दिल्ली में कोई कमज़ोर सरकार नहीं, बल्कि स्थिर और मज़बूत सरकार ज़रूरी है। आप मुझे बताइए, क्या देश को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाना चाहिए कि नहीं चाहिए? बनाना चाहिए कि नहीं चाहिए? इसके लिए मजबूत सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? मोदी मजबूत सरकार देता है कि नहीं देता है? आगे भी देगा कि नहीं देगा? और इसीलिए देश की सरकार बनानी है, मजबूत सरकार बनानी है, काम करने वाली सरकार बनानी है।

साथियों,
आजादी के बाद हमारे देश में 6-7 दशक तक लोगों ने केंद्र सरकार में सिर्फ कांग्रेस का मॉडल देखा। अब पहली बार देश ने बीते 10 साल में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार का विकास मॉडल देखा है। आज दुनिया कहती है कि मोदी मज़बूत नेता है, दुनिया कहती है मोदी कड़े और बड़े फैसले लेने वाला नेता है। लेकिन मेरे भाइयों-बहनों, मैं तो हाथ जोड़कर यही कहूंगा, बहुत विनम्रता से कहना चाहता हूं कि मोदी तो भारत की जनता जनार्दन का एक बहुत सामान्य सेवक है। मोदी कड़े और बड़े फैसले लेता है क्योंकि उसे 140 करोड़ भारतीयों के सपने पूरे करने हैं। और इसीलिए मोदी का गारंटी है, आपका सपना, आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। मोदी ने गरीब को उसका हक भी दिया और गरीब को लूटने वालों के खिलाफ कड़े और बड़े फैसले भी लिए। मोदी ने कड़े फैसले लिए, ताकि देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो। मोदी ने कड़े फैसले लिए ताकि देश आतंकवाद से मुक्त हो। मोदी ने बड़े फैसले लिए, ताकि 140 करोड़ भारतीयों को नए अवसर मिलें। आज गांव-गांव डिजिटल हुआ है, घर-घर फोन पहुंचा है। ऐसा आधुनिक नेटवर्क दुनिया के कई विकसित देशों में भी नहीं है। मोदी ने बड़े फैसले लिए, ताकि गांव और गरीब का, SC/ST और महिलाओं का जीवन आसान हो। कांग्रेस तो दशकों तक देश को गरीबी हटाओ का नारा देती रही। ये बीजेपी सरकार है जिसने 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखा दिया है। और ये इसलिए हुआ क्योंकि हमारी नीयत साफ है, ईमानदारी से काम कर रहे हैं। इसलिए ही मैं कहता हूं- नीयत सही, तो नतीजे सही ! ताई आमी बोली, उद्देश्यो शोटीक, ताले पोरिणामो शोटीक !

साथियों,
मोदी आपके भविष्य की चिंता कर रहा है, आपकी आने वाली पीढ़ियों के सामने से दशकों पुरानी चुनौतियां हटा रहा है। मोदी की नीयत सही है, इसलिए अनेक दशकों बाद जम्मू कश्मीर को आर्टिकल 370 से मुक्ति मिली है। मोदी की नीयत सही है, तभी दशकों के इंतज़ार के बाद नारीशक्ति वंदन अधिनियम पास हुआ, महिलाओं को संसद और विधानसभा में आरक्षण मिला है। मोदी की नीयत सही है, इसलिए 500 साल बाद अयोध्य़ा में भगवान राम का भव्य मंदिर बना है। इसलिए देश कहता है- जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरु होती है। पश्चिम बंगाल के करोड़ों परिवारों को मुफ्त राशन मिल रहा है- क्योंकि मोदी ने इसकी गारंटी दी थी। यहां बंगाल के करीब 40 लाख गरीबों को पक्का घर मिला है, क्योंकि मोदी ने इसकी गारंटी दी थी। पश्चिम बंगाल के करोड़ों परिवारों को पहली बार टॉयलेट मिला, बिजली, गैस और नल से जल कनेक्शन पहुंचा। क्योंकि ये मोदी की गारंटी थी। यहां बंगाल के किसानों के खातों में हमने पीएम किसान सम्मान निधि के साढ़े आठ हज़ार करोड़ रुपए सीधे भेजे क्योंकि ये मोदी की गारंटी थी। और साथियों, 10 साल में जो विकास हुआ, बहुत लंबी लिस्ट है। हिंदुस्तान के हर इलाके में हुआ, हिंदुस्तान के हर परिवार तक पहुंचा। बहुत कुछ हुआ है लेकिन आप याद रखिए, ये जो 10 साल में जो हुआ न, 10 साल में जो विकास हुआ है न वो तो सिर्फ ट्रेलर है। 10 बछोरे जा होलो ओटा ट्रेलार छिलो ! अभी तो मुझे बहुत कुछ करना है। अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है। अभी तो हमें पश्चिम बंगाल को बहुत आगे ले जाना है। मेरे विरोधी कहते हैं, मोदी का कोई परिवार नहीं है। अरे मोदी के लिए तो, मेरा भारत, मेरा परिवार है। मेरा भारत, मेरा परिवार है। आप मुझे बताइए...आप भी मेरा परिवार हैं कि नहीं हैं? आमार भारोत, आमार पोरिबार

भाइयों और बहनों,
बंगाल के विकास के लिए यहां बीजेपी का बहुत मजबूत होना जरूरी है। बीजेपी ही है, जो यहां माताओं-बहनों पर होने वाले अत्याचार को रोक सकती है। पूरे बंगाल ने, पूरे देश ने देखा है कि कैसे TMC सरकार ने संदेशखाली के गुनहगारों को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। संदेशखाली की महिलाओं के साथ जो हुआ, वो TMC के अत्याचार की पराकाष्ठा थी। अब बीजेपी ने संकल्प लिया है कि वो संदेशखाली के दोषियों को सजा दिलवाकर ही रहेगी। उन्हें जिंदगी जेल में ही काटनी पड़ेगी। इसलिए, यहां हर बूथ पर कमल छाप पर वोट पड़ना जरूरी है।

साथियों,
नारी सशक्तिकरण बीजेपी की प्राथमिकता है। यहां पश्चिम बंगाल के गांव-गांव में लाखों बहनें, सहायता समूहों से जुड़ी हैं। अब मोदी ने 3 करोड़ बहनों को... मेरी माताएं-बहनें सुनिए, मोदी ने गारंटी दी है 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की मेरी गारंटी है। आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद, आपका उत्साह पूरा देश देख रहा है, ये बंगाल का मिजाज पूरा देश देख रहा है। 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना और दूसरा नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत मैं ड्रोन दे रहा हूं, उन्हें ड्रोन पायलट बना रहा हूं। ड्रोन से होने वाली खेती में बहनों की बड़ी भूमिका होगी, उनकी आय बढ़ेगी। मेरा प्रयास है कि माताओं-बहनों के हमारे समूह, आत्मनिर्भर भारत को गति दे।

साथियों,
कूचबिहार हो, अलिपुरद्वार हो, ये पूरा क्षेत्र अनंत संभावनाओं का क्षेत्र है। इसलिए बीजेपी सरकार, इस पूरे क्षेत्र में विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। बांग्लादेश के साथ व्यापार-कारोबार करना आसान हो, कानूनी तरीके से वहां आना-जाना आसान हो, इसके लिए हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन TMC, लेफ्ट और कांग्रेस का इंडी-गठबंधन सिर्फ झूठ और अफवाह की राजनीति में ही जुटे हैं। इन्होंने राजबंशी, नामशूद्र और मतुआ साथियों की कभी परवाह नहीं की। लेकिन आज जब बीजेपी सरकार, CAA लेकर आई है, तो ये अफवाहें फैला रहे हैं। मां भारती पर आस्था रखने वाले हर परिवार को नागरिकता देना, ये मोदी की गारंटी है। मैं पश्चिम बंगाल के हर परिवार से कहूंगा, ये TMC वाले, वामपंथ वाले डराएंगे, अलोकतांत्रिक तरीके अपनाएंगे। लेकिन आपने 10 साल मेरा काम देखा है। आप मोदी की गारंटी पर भरोसा कर सकते हैं।

भाइयों और बहनों,
टीएमसी-कांग्रेस और लेफ्ट की राजनीति ही झूठ पर, भ्रम फैलाना और अप-प्रचार पर टिकी है। इंडी-गठबंधन, अपने आप में झूठ और भ्रम का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यहां, TMC, लेफ्ट और कांग्रेस वाले आपस में लड़ाई करते दिखते हैं लेकिन दिल्ली में सारे एक साथ रहते हैं, एक ही थाली में खाते हैं। अब देखिए, ये राशन घोटाले, शिक्षक भर्ती घोटाले में जो लग जुड़े हैं न उनको बचाना चाहते हैं। आपने भी देखा है कि TMC के मंत्रियों के घर से नोटों के ढेर निकले हैं। ये सब मिलकर उनको बचाना चाहते हैं। जिन्होंने नौकरी के नाम पर ये मेरे परिवारजनों को धोखा दिया है, ये उनको बचाना चाहते हैं। आप मुझे बताइए जिन्होंने आपको लूटा है उनको सजा होनी चाहिए कि नहीं, जिन्होंने आपको लूटा है उनको सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है उनको जेल में जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए। ये पैसा आपका है, किसी को लूटने का अधिकार नहीं है। और ये इनको बचाने के लिए ये जांच में रोड़े अटकाते हैं और दिनरात मोदी को गालियां देते हैं। ये चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार, तोलाबाज़ी, खून-खराबे की राजनीति ऐसे ही चलती रहे। मैं कहता हूं- भ्रष्टाचार हटाओ, वो कहते हैं-भ्रष्टाचारी बचाओ। आमी बोली भ्रोष्टाचार शोराओ, तारा बोले- भ्रोष्टाचारी बाचाओ। मैं इन भ्रष्टाचारियों को दो टूक कह रहा हूं- आपकी धमकी से कुछ नहीं होगा। ये मोदी है भ्रष्टारियों को सजा देकरके रहेगा। और बंगाल के मेरे भाइयों-बहनों आने वाले 5 वर्षों में भ्रष्टाचारियों पर और कड़ी कार्रवाई होगी।

भाइयों और बहनों,
इन चुनावों में TMC को कड़ा संदेश देना बहुत ज़रूरी है। मैं बंगाल की जनता के लिए जो भी योजनाएं लाता हूं, यहां की सरकार उसे यहां लागू होने ही नहीं देती। TMC ने आयुष्मान भारत योजना को रोका है। अब ये आयुष्मान योजना ऐसी है कि मान लीजिए आप किसी कारण से मुंबई गए और वहां बीमार हो गए। अगर आयुष्मान कार्ड होगा न मुंबई में आपकी मुफत में इलाज होगा। आप चेन्नई गए और कुछ हो गया तो वहां भी आपका इलाज होगा। लेकिन वो काम ये टीएमसी सरकार करने नहीं देती है। यहां अगर ये योजना होती, तो दूसरे राज्यों में इलाज के लिए जो मरीज़ जाते हैं, उनको भी 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलता। बीजेपी सरकार की पहचान मेडिकल कॉलेज और एम्स बनाने वाली सरकार की है। हम देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज बनाने पर बल दे रहे हैं। लेकिन TMC की सरकार ये भी करने नहीं देती। पूरे देश में गांव की सड़क, नेशनल हाईवे, आधुनिक रेलवे, एयरपोर्ट हर क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है। लेकिन पश्चिम बंगाल को रिकॉर्ड पैसा देने के बावजूद, TMC सरकार की रोकटोक से प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो पाते।

साथियों,
देश को तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने में टूरिज्म की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। ये क्षेत्र टूरिज्म का बहुत बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। देश आज स्पोर्ट्स की नई क्रांति की तरफ बढ़ रहा है। इसमें भी इस क्षेत्र की बड़ी भूमिका मैं देख रहा हूं। बीजेपी ही है, जो राजबंशी परंपरा को, भाषा-संस्कृति को, अपने महापुरुषों को सम्मान दे सकती है। बीजेपी ही है, जो चाय बगानों में काम करने वालों के कल्याण के लिए काम कर सकती है। इसलिए 19 अप्रैल को भारी संख्या में मतदान करना है। कूचबिहार में श्री निशीथ प्रमाणिक जी और अलीपुरदुआर में श्री मनोज तिग्गा जी को भारी मतों से विजयी बनाना है। हमारे निशीथ जी ने लगातार बंगाल की आवाज उठाई है। आपको उन्हें फिर से रिकॉर्ड मतों से जिताकर लोकसभा भेजना है। और मैं आपसे दो बातें करना चाहता हूं। गर्मी बहुत होगी, कितनी ही गर्मी क्यों न हो, सूरज निकलते ही तुरंत मतदान के लिए निकल पड़ें। सुबह-सुबह ही मतदान कर दें। और दूसरा ये टीएमसी के गुंडे आपको वोट देने से रोकते हैं पूरी हिम्मत के साथ खड़े हो जाइए इस बार इलेक्शन कमीशन बहुत जागृत है। आपके एक-एक वोट की ताकत वो समझता है। और इसीलिए निडर होकर वोट देने के लिए निकलना है।


मेरा एक काम करेंगे। आपलोग मेरा एक काम करेंगे। पक्का करेंगे। जरा अपना मोबाइल फोन निकालकर फ्लैश लाइट चालू कीजिए। सब अपना मोबाइल निकाल करके फ्लैश लाइट चलाइए। फिर मैं बताता हूं क्या काम करना है। आप अपना मोबाइल का फ्लैश लाइट चालू कीजिए। अच्छा मेरा एक काम करेंगे? करेंगे, देखिए, यहां से जब जाएंगे तो घर-घर जाना और जाकरके हरेक परिवार में कहना कि मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। ये मेरा संदेश दे देंगे। मेरा प्रणाम घर-घर पहुंचाएंगे।

मेरे साथ बोलिए..
भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!