A stable government takes care of the present while keeping in mind the needs of the future: PM Modi in Madha
For the past 10 years, I have dedicated my life to serve you. People can now see the difference between 10 years of Modi and 60 years of Congress: PM
FPOs in Maharashtra are thriving, engaging in online sales, exports, and more: PM Modi in Madha

छत्रपति शिवाजी महाराज की...जय, छत्रपति शिवाजी महाराज की...जय, छत्रपति शिवाजी महाराज की...जय

इथे मंचावर खास्दा राहे, आड़िए कामदार सूता अहे, यहां बोलते हैं न येलकोट येलकोट। येलकोट येलकोट .जय मल्हार (पब्लिक)। येलकोट येलकोट .जय मल्हार (पब्लिक)। येलकोट येलकोट .जय मल्हार (पब्लिक)। बालु मामाच्या नावाने, चांग भल (पब्लिक) बालु मामाच्या नावाने, चांग भल (पब्लिक) बालु मामाच्या नावाने, चांग भल (पब्लिक)। हर हर महादेव! मी महाराष्ट्राचे कुलदैवत विठोबा-रखुमाई आणि माढ़ेश्वरी देवी यांच्या चरणी नतमस्तक होतो! तुम्हा सर्वांनाही माझा प्रेमपूर्वक नमस्कार!

क्षत्रपति शिवाजी महाराज की इस पवित्र भूमि को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। ये धरती संतों की है। वारकारी संप्रदाय अनेक संतों का आशीर्वाद हम सबके ऊपर है। उनकी प्रेरणा से आज मोदी विकसित भारत के लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया है। सबसे पहले तो मैं क्षमा मांगता हूँ, क्षमा इस बात की कि हमारे देश के कुछ पोलिटीशियन जिन्होंने ऐसी आदत डाली है कि सभा अगर ग्यारह बजे घोषित होती है, तो नेता एक बजे आता है। और जनता को भी धीरे धीरे आदत लग गई कि हां यार वो तो एक बजे आएगें और मेरी मुसीबत है कि मैं समय पर आ जाता हूँ। और उसके कारण बहुत से नागरिकों को अन्याय होता है। मैं आया हूँ, तब से देख रहा हूँ, पूरा जूलूस वहां से आ रहा है, अब इतनी बड़ी तादात में जो लोग आ रहे हैं, मैं उनको अपनी बात नहीं कह पाऊंगा, इसलिए जो अभी पहुंचे नहीं हैं, उनके भी पहले से क्षमा मांगता हूँ। क्योंकि आगे के कार्यक्रम में जाने के लिए, मैं अपनी बात करके चला जाऊंगा, तो आप कृपा करके मुझे क्षमा किजिए। आप इतने दूर-दूर से आते होंगे, गांवों से आते होंगे औऱ इस सभा के लिए आते होंगे, लेकिन मेरी कठिनाई है कि मैं आपके दर्शन किए बिना आगे निकल जाऊंगा। तो मैं क्षमा मांग करके मेरी बात शुरू करता हूँ। लेकिन साथियों ये जो हूजूम मैं देख रहा हूँ, वहां धूप में भी इतने लोग खड़े हैं, ये प्यार बहुत बड़ी ताकत होती है जी। इतनी बड़ी तादात में माताऐं, बहनें आशिर्वाद देने आए हैं, जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य क्या होता है। पिछले 10 साल में आपने जब से मुझे काम दिया है, अपने शरीर का कण-कण औऱ समय का पल-पल सिर्फ औऱ सिर्फ नमन भाव पूर्वक आपकी सेवा में लगाया है। आज देश के लोग, महाराष्ट्र के लोग मोदी सरकार के 10 साल और कांग्रेस सरकार के 60 साल में अंतर देख रहे हैं। जो कांग्रेस 60 साल, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक उन्हीं का राज था, औऱ किसी की आवाज ही नहीं थी, विपक्ष तो था ही नहीं, औऱ मीडिया भी बहुत छोटा था उस समय लेकिन 60 साल में जो नहीं कर पाए, ये आपके सेवक ने दस साल में कर के दिखाया है। पिछले 60 साल में, आपने कई बार कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों के मुंह से, उनके सभी नेताओं के मुंह से, एक ही बात सुनी होगी कि गरीबी हटाएंगे, गरीबी हटाएंगे, गरीबी हटाएंगे। माला जपते रहते हैं न, हर चुनाव में गरीब गरीब गरीब गरीब गरीब गरीब गरीब, यही माला जपते रहते थे। उससे आगे कुछ नहीं करते थे। आपके आशिर्वाद से, आपके सहयोग से और आपने मुझे जो कुछ भी शिक्षा-दीक्षा दी है उसके कारण दस साल में, इस देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में हमें सफलता मिली है।

भाईयों और बहनों,

आप मुझे बताइए, कोई अगर गरीबी से मुक्त होता है तो आपको अच्छा लगता है कि नहीं लगता है,कोई गरीब का भला हो तो आपको अच्छा लगता है कि नहीं लगता है। जरा माताएं, बहनें बताएं अच्छा लगता है कि नहीं लगता है। अच्छा लगता है। अगर किसी को गरीबी से बाहर निकालते हैं तो हमें पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? ये 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले तो इसका पुण्य किसको मिलेगा?तो इसका पुण्य किसको मिलेगा? इसका पुण्य किसको मिलेगा? इसका पुण्य किसको मिलेगा? इसका पुण्य किसको मिलेगा? मोदी को नहीं मिलेगा, ये जो 25 करोड़ गरीबी से बाहर आए हैं न, वो जो आशिर्वाद दे रहे हैं, उस पुण्य के हकदार सिर्फ औऱ सिर्फ आपलोग हैं क्योंकि आपने वोट देकर मोदी को यह काम करने के लिए कहा था। और इसलिए इस पुण्य के सच्चे अधिकारी आप हैं। आज 80 करोड़ देशवासियों को उनकी थाली भरी हुई रहती है,उनका चूल्हा जलता रहता है,उनका बच्चा भूखा नहीं सोता है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाना मिलता है, इसका पुण्य किसको मिलता है?,आपको मिलता है। आपने मोदी को वोट दे करके ये पुण्य कार्य करने के लिए भेजा है।

साथियों,

जब देश में मजबूत सरकार होती है, तो उसका ध्यान वर्तमान के साथ ही भविष्य की योजनाओं पर भी होता है। यही सोचकर आज भाजपा सरकार रेल-रोड-एयरपोर्ट पर अभूतपूर्व खर्च कर रही है। जितना कांग्रेस सरकार ने अपने 10 साल में खर्च किया, उतना आज हम एक साल में खर्च कर रहे हैं। तभी तो आज आप हर तरफ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देख रहे हैं। इसका सीधा लाभ भगवान विट्ठल की इस धरती को भी हो रहा है। यहां पालखी महामार्ग हो, रेलवे का काम हो, एयरपोर्ट का काम हो, ऐसे हर काम पर महायुती की हमारी सरकार तेज़ी से काम कर रही है।

भाइयों और बहनों,

महाराष्ट्र की जनता जब प्यार देती है, जब आशिर्वाद देती है, तो कोई कसर नहीं छोड़ती। लेकिन अगर कोई अपना वचन पूरा नहीं करता, तो महाराष्ट्र की जनता उसे भी बराबर याद रखती है। रखती है कि नहीं रखती है? और हिसाब बराबर समय आने पर चुकता करती है कि नहीं करती है? अब देखिए,15 साल पहले यहां एक बहुत बड़े नेता यहां चुनाव लड़ने के लिए आए थे। कहते हैं तब उन्होंने डूबते सूरज की शपथ लेकर कहा था कि यहां सूखे से प्रभावित क्षेत्रों तक पानी पहुंचाएंगे। उन्होंने पानी पहुंचाया क्या? पानी पहुंचाया क्या? पानी पहुंचाया क्या? याद है न, याद है न, अब उनको सजा देने का समय आ गया है। एक वो दिन था और एक आज का दिन है, वो यहां से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

साथियों,

विदर्भ हो, मराठ-वाड़ा हो, बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाने का ये पाप सालों साल से होता रहा है। कांग्रेस को 60 साल तक देश ने राज करने का हक दिया, काम करने का मौका दिया। 60 साल में दुनिया के अनेक देश पूरी तरह से बदल गए, लेकिन कांग्रेस, किसानों के खेत तक पानी भी नहीं पहुंचा पाई। 2014 में देश में 99 सिंचाई योजनाएं ऐसी थीं, करीब सौ सिंचाई योजनाऐं ऐसी थीं, जो कई-कई दशकों से लटकी पड़ीं थीं। इसमें भी सबसे ज्यादा 26 परियोजनाएं महाराष्ट्र की थीं। सोचिए, कितना बड़ा धोखा इन लोगों ने महाराष्ट्र को दिया है।

साथियों,

हर खेत में पानी पहुंचाना, हर घर तक पानी पहुंचाना, मेरे जीवन का बहुत बड़ा मिशन है। 2014 में सरकार बनने के बाद मैंने पूरी शक्ति इन सिंचाई परियोजनाओं पर लगा दी। आज कांग्रेस की लटकाई करीब करीब वो सौ सिंचाई परियोजनाओं में से 63 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। जिस निलवांडे डैम का इंतज़ार 50 सालों से हो रहा था, उसे हमने पूरा कराया। गॉसीखुर्द परियोजना का ज्यादातर काम भी एकनाथ जी, अजीत दादा और देवेंद्र जी की टीम तेजी से पूरा करा रही है। हमारी सरकार 5 साल में ही 11 करोड़ से ज्यादा घरों तक नल से जल पहुंचा चुकी है। 10 साल में माइक्रो इरिगेशन का दायरा भी दो गुने से अधिक बढ़ गया है। इसका लाभ यहां केले की पैदावार से जुड़े किसानों को भी हो रहा है।

साथियों,

जब देश की आजादी के 75 साल हुए, इतना बड़ा उत्सव था, कोई और नेता होता तो क्या करता, कोई एक बड़ा स्तम्भ खड़ा कर देता उस पर अपना नाम लिखवा देता, कोई ऐसी चीज बनाकरके खुद के नाम पर जड़ देता लेकिन देश जब आजादी के 75 साल मना रहा था तो मोदी को खुद के लिए कुछ करने का विचार नहीं आय़ा, सरकार का नाम कमाने का विचार नहीं आय़ा तब मैंने संकल्प लिया था कि देश के हर जिले में, 75 साल के निमित्त, 75 अमृत सरोवर बनवाउंगा। अमृत सरोवर अभियान के तहत अनेकों अमृत सरोवर देश के हर जिले में बने हैं। ये अमृत सरोवर, मेरे दिमाग में मेरा किसान था, मेरे दिमाग में खेत था, मेरे दिमाग में सूखे खेतों को पानी पहुंचाने का एक संकल्प था। ये अमृत सरोव आज की ही नही बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी बहुत काम आने वाले हैं।

साथियों,

महाराष्ट्र तो सहकारिता की धरती है। यहां के हमारे शुगर को-ऑपरेटिव्स की किसानों को सशक्त करने में बहुत बड़ी भूमिका रही है। मोदी, देश की पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सहकारिता के दायरे को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए, 2019 में जब आपने फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, तो हमने पहली बार देश में सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग मिनिस्टरी बनायी। हमने देशभर में 10 हज़ार किसान उत्पादक संघ-FPO बनाने का अभियान शुरु किया, जिसमें से 8 हजार बन भी चुके हैं। यहां महाराष्ट्र में FPO शानदार काम कर रहे हैं। ऑनलाइन बिक्री से लेकर, एक्सपोर्ट तक, यहां के हमारे किसान उत्पादक संघों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। ये हमारी PACs हैं, उनको भी मजबूत किया जा रहा है। इनको सरकार की अनेक दूसरी योजनाओं की सेवाएं देने के लिए भी तैयार किया जा रहा है। आने वाले 5 वर्षों में सरकार का लक्ष्य 2 लाख सहकारी समितियाँ बनाने का है।

साथियों,

आप सभी जानते हैं कि जो छोटा किसान होता है, उसके पास भंडारण की पर्याप्त सुविधा नहीं होती। इसलिए उसे मजबूरी में कम दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ती है।अब हमने दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना पर काम शुरु किया है। इसकी जिम्मेदारी भी सहकारी संस्थाओं को दी गई है। इससे किसान को अपने हिसाब से उपज मार्केट में लाने का विकल्प मिलेगा। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में, प्याज़, टमाटर और आलू किसानों की उपज की भी चिंता की है। आने वाले 5 साल में देशभर में विशेष स्टोरेज क्लस्टर बनाए जाएंगे। इसका बहुत बड़ा फायदा महाराष्ट्र के प्याज़ किसानों को होगा।

साथियों, ये अघाड़ी वाले, किसानों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें आज करते हैं। 2014 से पहले जब इनकी सरकार थी, तब क्या स्थिति थी, ये किसानों को याद दिलाना मेरा दायित्व है। और मैं यहां किसी की आलोचना करने नहीं आया, मैं देश की जनता को महाराष्ट्र की जनता को,मेरे देश के किसानों को सच्चाई से अवगत करना चाहता हूँ। दस साल, जब रिमोट कंट्रोल वाली सरकार चलती थी, तब यहां के कद्दावर नेता देश के कृषि मंत्री थे औऱ क्या हुआ था? जब यहां के कद्दावर नेता दिल्ली में बैठे राज करते थे तो गन्ने का FRP, करीब दो सौ रुपए था। और आज मोदी के सेवाकाल में गन्ने का FRP है, 340 रुपए प्रति क्विंटल यानि करीब-करीब साढ़े तीन सौ रुपए। जब ये कद्दावर नेता कृषि मंत्री के नाते बैठे थे, तब गन्ना किसान अपने एरियर के लिए शुगर कमिशन के ऑफिस का चक्कर लगाते रहते थे। आज ऐसी स्थिति नहीं है। आज देश में करीब-करीब शत-प्रतिशत एरियर पेमेंट होता है। 2014 में गन्ने का एरियर पेमेंट 57 हजार करोड़ रुपए का था और इस साल, 1 लाख 14 हजार करोड़ की पेमेंट हुई है। इसमें 32 हज़ार करोड़ रुपए महाराष्ट्र के किसानों को मिले हैं।

साथियों,

इनकम टैक्स को लेकर हमारी शुगर मिल्स 90 के दशक से परेशान थीं, और ये कद्दावर नेता दिल्ली में बैठे थे, मैं उनको बार बार समझाता था भाई आपके महाराष्ट्र में भी भाई कोऑपरेटिव मिलें हैं शुगर की, गुजरात में भी है, परेशानी हो रही है, मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, चिठ्ठियां लिखता रहता था, मिल करके बताता रहता था है लेकिन 2014 से पहले ये कद्दावर नेता का डिपार्टमेंट होने के बावजूद भी सुगर मिल्स की इनकम टैक्स की समस्या का समाधान नहीं किया। जब मोदी को सेवा करने का मौका मिला NDA सरकार बनी तो, हमने उसका समाधान कर दिया। हमने को-आपरेटिव शुगर मिलों को 10 हजार करोड़ की राहत दी। यानि पुरानी इनकम टैक्स डिमांड माफ की, कानूनी मामलों का समाधान भी किया। इसका फायदा हमारे गन्ना किसानों को ही हुआ है। मार्च 2023 से शुगर मिलों को 10 हज़ार करोड़ रुपए के विशेष लोन का भी प्रावधान किया गया है। ताकि शुगर मिल हर प्रकार का काम तेज़ी से कर सकें, किसानों की पेमेंट न रुके। जब यहां के कद्दावर नेता, दिल्ली के सरकार में थे, तब सरकार ने देश के किसानों से सिर्फ साढ़े सात लाख करोड़ रुपए की खरीद ही की थी, साढ़े सात लाख करोड़ की, आज दस साल में 20 लाख करोड़ रुपए की खरीद हमने करके दिखाई है। कहां साढ़े सात लाख करोड़ और कहां 20 लाख करोड़। महाराष्ट्र के दलहन-तिलहन किसानों से ही 16 हज़ार करोड़ रुपए की खरीद हमारी सरकार ने की है।

साथियों,

पहले दिल्ली से किसान के नाम पर थोड़ा भी पैसा निकलता था तो यहां कांग्रेस का पंजा उसे लूट लेता था। लेकिन अब दिल्ली में आपका ये बेटा बैठा है। अब दिल्ली से आपके हक की निकली पाई-पाई आपके खाते में पहुंचती है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 3 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में जमा हो चुके हैं। इसमें से महाराष्ट्र के किसानों को भी हजारों करोड रुपए मिले हैं।

साथियों,

बीते दशकों में किसानों ने अन्न की पैदावार में भारत को आत्मनिर्भर बनाया है। अब हमारा संकल्प है- विकसित भारत में अन्नदाता, विकसित भारत की ऊर्जा बने, अन्नदाता ऊर्जादाता बने। 10 साल पहले देश में सिर्फ 40 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता था। अब देश में 500 करोड़ लीटर, उससे भी ज्यादा इथेनॉल का उत्पादन होता है। इससे पिछले 10 सालों में किसानों के पास 70 हज़ार करोड़ रुपए अतिरिक्त गए हैं। और ये पैसा, गन्ना किसानों को मिला है।

साथियों,

हमने गोबरधन योजना भी शुरू की है। NDA सरकार देशभर में गोबरधन प्लांट लगा रही है, ताकि पशुओं के गोबर से गैस औऱ गैस से बिजली, किसानों की कमाई भी बढ़े इसमें जो जैविक खाद बनती है, ताकि हमारे जमीन के काम भी आ जाए औऱ कम कीमत पर उपलब्ध हो।

साथियों,

किसानों को सौर ऊर्जादाता बनाने पर भी हम काम कर रहे हैं। पीएम कुसुम योजना से सोलर पंप के लिए, खाली पड़ी ज़मीन में छोटा सा सोलर प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। इससे किसान मुफ्त बिजली भी उपयोग कर पाएगा और बाकी बिजली सरकार खरीदेगी। अब तो मोदी ने हर परिवार के बिजली बिल को ज़ीरो करने का बीड़ा भी उठाया है। पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना बनाने के पीछे यही उद्देश्य है। इसके तहत घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार मदद करेगी, बैंक खाते में पैसा डालेगी। जितनी ज़रूरत हो, उतनी मुफ्त बिजली उपयोग करो और बाकी की बिजली सरकार को बेच दो, कमाई करो। यानि बिल भी ज़ीरो और बिजली से कमाई भी। ये होता है, मोदी की गारंटी का मतलब।

भाइयों और बहनों,

विकसित भारत बनाने में देश की नारीशक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। मोदी, गांव की अपनी करोड़ों बहनों को सशक्त करने में जुटा है। 10 वर्षों में हमने 10 करोड़ बहनों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा है। आज ये बहनें गांव की अर्थव्यवस्था को गति दे रही हैं। हमारे प्रयासों से कुछ समय के भीतर ही एक करोड़ बहनें, लखपति दीदी बनी हैं। आंकड़ा बहुत बड़ा है। एक करोड़ बहनें मेहनत करके,कमाई करके लखपति दीदी बनी हैं।और अब मोदी ने गारंटी दी है कि 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाऊंगा। तभी तो हिन्दुस्तान हर कोने कोने से, हर मॉ, हर बहन, हर बेटी एक ही बात कह रही है- फिर एक बार..मोदी सरकार! फिर एक बार..मोदी सरकार! फिर एक बार..मोदी सरकार!


भाइयों और बहनों,

भाजपा के इन प्रयासों के बीच आपको कांग्रेस की एक्स-रे मशीन से सावधान रहना है। कांग्रेस के नेता, कांग्रेस के शहजादे, गली गली में घूम करके कह रहे हैं कि उनको मौका मिलेगा तो वो आपका एक्स रे निकालेंगे, आपके लॉकर में क्या पड़ा है, आपके के बैंक के खाते मे क्या पड़ा है, आपके घर में कितना सोना पड़ा है, कितने पैसे पड़े हैं, ये सारा उसका हिसाब किताब लगाएगें औऱ फिर कहते हैं कि हम बांट देंगे, ज्यादा ले लेकर बांट देंगे। इतना ही नहीं वे ऐसे टैक्स की बात कर रहे हैं, आज आप हर मां बाप, मेहनत करके कुछ न कुछ बचत करता है,अपनी जरूरत को कम करके बचत करता है क्योंकि उसके मन में रहता है कि मरने के बाद बच्चों को कुछ दे करके जाऊं,अपने संतानों को कुछ दे करके जाऊं, औऱ इसलिए वह कुछ न कुछ बचत करता है। अब ये कहते हैं, जो बचत करते हैं आप उस पर सिर्फ आपके संतानों का हक नहीं होगा उस पर सरकार का भी हक होगा औऱ जो भी आपने बचाया है बच्चों के लिए वो बच्चों को जाने से पहले आधा से ज्यादा सरकार ले लेगी। अगर आपके पास दस एकड़ की जमीन है, तो अब आप दस एकड़ की जमीन बच्चों कोनहीं दे पाएगें, पांच एकड़ सरकार ले लेगी। आप का गांव मे एक घर है, शहर में एक घर बनाया है, तो घर गया समझ लिजिए। अब मुझे बताइए, आपको ऐसी सरकार चाहिए क्या? जो आपके मेहनत का पैसा लूट ले, ऐसी सरकार चाहिए क्या? आपकी संपत्ति छिनने का उनका इरादा, ये खतरनाक इरादा है। ये मार्क्सवादियों का विचार है। ये नक्सलवादियों का विचार है। औऱ इसलिए ऐसे लोगों से एक भी आदमी जीत करके दिल्ली नहीं जाना चाहिए। इन सबसे आपको, कांग्रेस से सतर्क रहने की जरूरत है औऱ उनके सारे साथी भी ऐसे ही हैं।

साथियों,

आज अयोध्या में पांच सौ साल के बाद भव्य राममंदिर बना, राम मंदिर बनने से हर कोई खुश है। आप खुश हैं कि नहीं हैं? अब मुझे बताइए भाई, अंग्रेजों के जाने के बाद देश आजाद होने के बाद, पहले ही दिन राम मंदिर का काम शुरू होना चाहिए था या नही होना चाहिए था?इतने साल क्यों लटका रहा क्योंकि उनके वोट बैंक की राजनीति थी,उनके वोट बैंक की चिंता थी,आपके आस्था की चिंता नहीं थी,आपके भावना की चिंता नहीं थी,आपके श्रद्धा की चिंता नहीं थी। कांग्रेस के पास मौका था लेकिन कांग्रेस ने इस पवित्र काम में सिर्फ रूकावटें पैदा की, जिसकी राम में आस्था होगी वो ऐसे काम कभी नहीं कर सकता। कांग्रेस के न राम में आस्था है और न उसके पास ऐसा अहसास है और उनके सारे चेले चपाटे भी यही हैं। ऐसा कोई काम डरी हुई पार्टी नहीं कर सकती, तुष्टिकरण के दबाव में दबी हुई पार्टी नहीं कर सकती, ऐसा करने के लिए जो साहस चाहिए होता है वो साहस मोदी ने दिखाया है। और डंका की चोट पर पांच सौ साल का इंतजार खत्म हो गया, राम मंदिर बन गया औऱ ये कहते थे कि राम मंदिर बनेगा तो आग लग जाएगी। कोई आग लगी क्या, मंदिर बना।

भाइयों बहनों,

पांच सौ साल के बाद जो ये सपना पूरा हुआ है न उसका कारण आपका एक वोट है। आपके वोट की ताकत है, जिसने पांच सौ साल के इंतजार को खत्म किया है। इस पुण्य के हकदार आप है। जिनके वोट की वजह से पवित्र काम पूरा हुआ है।

भाइयों और बहनों,

आपका वोट मज़बूत भारत के लिए, एक मजबूत सरकार बनाने के लिए पड़ना चाहिए। अब मुझे बताइए, जिनके पास कभी चार सौ एमपी हुआ करते थे, वो पार्टी आज वो ढाई सौ, पौने तीन सौ लोगों को चुनाव नहीं लड़ा पा रही है,अगर सरकार बनानी हो तो 272 सीट तो चाहिए भाई, वो इतने लड़ा ही नहीं रहे, तो सरकार बनेगी कैसे, जीतेंगे कैसे और इसलिए जो सरकार बनाने के लिए लड़ ही नही रहे हैं तो उनके लिए आपका वोट बरबाद करने की जरूरत क्या है। और इसलिए आप से आग्रह कर रहा हूँ कि आप वोट देकरके सरकार को मजबूत बनाइए, और जब आप वोट देंगे न तो वो वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाने वाला है। 7 मई को गर्मी कितनी ही क्यों न हो, पहले मतदान फिर जलपान । मतदान किए बिना जलपान नहीं करेंगे। ये हमें संकल्प करना है। 7 मई को मेरे साथी हमारे रंजीत निंबालकर जी को आप जो वोट डालेंगे, वो मोदी की शक्ति भी बढ़ाएगा।

माढ़ा के लोगों से मेरा एक आग्रह और है। आप इनको तो जिताइए, मेरा एक काम और करिए यहां से जाने के बाद गांव में मोहल्ले में परिवार में सबको बताना कि अपने मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है, प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? सभी को मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय भारत माता, की जय भारत माता की जय।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।