For BJP, entire Uttar Pradesh is a family: PM Modi

Published By : Admin | February 6, 2022 | 13:31 IST
QuoteUP is now safe for girls and women; young women can now step out without fear and pursue their ambitions: PM Modi at virtual Jan Chaupal
QuoteEarlier, the government meant a single family; for BJP the entire UP is a family: PM Modi
QuoteThe places of religious interest were forgotten by the previous regime. After BJP's development works, they are now seeing the gods in their dreams: PM Modi

आज हमारे लिए एक बहुत दुखद खबर आई है। हमारी लता दीदी आज हमें छोड़कर चली गईं हैं, परमात्मा में विलीन हो गईं। कल ही बसंत पंचमी का पर्व था, मां शारदा की हम आराधना कर रहे थे। जिनके कंठ से मां सरस्वती का आर्शीवाद छोटे-बड़े हर किसी को मिलता था। वो लता दी ब्रह्मलोक की यात्रा पर चली गईं। उनके व्यक्तित्व का विस्तार सिर्फ गानों की संख्या पर सीमित नहीं था। मेरे जैसे अनेकों लोग हैं जो गर्व से कहेंगे कि लता दीदी के साथ उनका निकट संबंध था। जीवन के हर क्षेत्र के लोग हमें लता दीदी के प्रति अपना स्नेह जताते हुए हर पल मिलेंगे। इससे पता चलता है कि लता दीदी के व्यक्तित्व की विशालता कितनी बड़ी थी। वो अपने संबंधों को संवेदना से सिंचित करती थी, निरंतर मजबूती देती थीं। आज हम सब दुःखी हैं, पूरा देश दुःखी है। लता जी जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी कभार वरदान की तरह मिलती हैं। भारत की जो पहचान उन्होंने बनाई, भारत के संगीत को जो स्वर दिया, उससे दुनिया को भारत को देखने का एक नया नजरिया मिला। आप दुनिया में कहीं भी जाइए, भारत रत्न लता जी के चाहने वाले आपको जरूर मिलेंगे। और हर पीढ़ी में मिलेंगे। वो आज भौतिक रूप से हमारे बीच भले ही न हों, लेकिन स्वर और स्नेह के रूप में वह हमारे बीच हमेशा उपस्थित रहेंगी। उनकी मधुर आवाज हमारे साथ हमेशा रहेगी। मैं भारी मन से लता दी को श्रद्धांजलि देता हूं।

साथियों,

आज मथुरा, बुलंदशहर और आगरा के आप सभी लोगों ने इस कार्यक्रम की तैयारी कर ली थी, आप मेरा इंतजार कर रहे थे, इसलिए मैं आपसे बात करने आया हूं। ये भी लोकतंत्र का एक ऐसा दायित्व है, जिसकी अपेक्षा हमेशा लता दीदी ने मुझसे की थी।

साथियों,
बृज भूमि का कण-कण श्री कृष्ण और राधारानी मय है। मथुरा, आगरा, बुलंदशहर के क्रांतिकारियों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं ब्रज की इस पुण्य भूमि को नमन करता हूं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश, भारत का दिल है, यूपी भारत की धड़कन है। यूपी ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है। आज एक बार फिर यूपी देश को नया रास्ता दिखा रहा है। यूपी के लोगों ने दो टूक कह दिया है कि धन-दौलत, बाहुबल, जातिवाद, संप्रदायवाद के दम पर, परिवारवाद के दम पर भले कुछ लोग कितनी ही राजनीति कर लें, लेकिन वो जनता का प्यार नहीं पा सकते। जनता का आशीर्वाद तो उसे ही मिलेगा, तो सच्चे अर्थ में सेवा भावना से, सेवक बनकर यूपी के लोगों की सेवा करेगा, यूपी के लोगों का विकास करेगा। इसलिए यूपी की जनता ने तय कर दिया है कि इस बार भी चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा एक ही है- यूपी का विकास, यूपी का सबसे तेज विकास। और भाइयों और बहनों, पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने दिखा दिया है कि अगर यूपी का विकास कोई कर सकता है, तो वो भाजपा है, भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार है। इसलिए, पिछले कई महीनों से यूपी के लोग ये ठानकर बैठे हैं कि कमल का बटन फिर दबाना है, भाजपा को ही जिताना है।

साथियों,

पिछली बार मैं जब मथुरा आया था, ब्रज क्षेत्र में गया था तो आप सबसे जो प्यार मिला, जो स्नेह मिला, वो मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। हमारी सरकार मथुरा को, यहां की पहचान को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। ब्रज के धार्मिक स्थानों के विकास के लिए योगी जी की सरकार ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद का निर्माण किया है। चुनाव देखकर कृष्ण भक्ति का चोला ओढ़ने वाले जब सरकार में थे, तो वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन, बलदेव, नंद गांव, इन सब क्षेत्रों को वो भूल ही गए थे। यूपी के नक्शे में ये क्षेत्र हैं, उन्हें पता ही नहीं आता था। आज बीजेपी को अपार समर्थन देख, इन लोगों को अब सपने में भगवान कृष्ण की याद आने लगी है। और मैंने पहले ही कहा था जो सोते रहते हैं, वो सपने देखते हैं, जो जागते रहते हैं, वो संकल्प लेते हैं।

|

भाइयों और बहनों,

जो पहले सरकार में थे उन्हें ना तो आप लोगों की आस्था से मतलब रहा है और आप लोगों की जरूरतों से कोई लेना-देना। उनका सिर्फ एक ही एजेंडा रहा है- यूपी को लूटो। उन्हें यूपी के विकास से कोई वास्ता नहीं हैं उन्हें बस सरकार बनाने से मतलब रहा है। इसलिए आज वो योगी जी को, बीजेपी सरकार को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं।

साथियों,

यूपी का इन लोगों ने जो हाल बना दिया था, वो इन नकली समाजवादियों के कर्मों का कच्चा-चिट्ठा है। पिछली सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द थे कि हाइवे पर गाड़ी रोक कर गाड़ियों से लूट पाट की जाती थी। बीच हाइवे पर ही महिलाओं, बेटियों के साथ क्या होता था बुलंदशहर के लोग ये अच्छी तरह जानते हैं। तब उत्तर प्रदेश में घरों-दुकानों पर अवैध कब्जे होना आम बात थी। लोग अपना घर छोड़कर पलायन को मजबूर होते थे। आगरा के दंगों में आरोपियों के सिर पर किसका हाथ था ये आप भली-भांति जानते हैं।

साथियों,

पहले की सरकारें भय फैलाने में जुटी थीं। भय निर्माण करना यही उनका काम था, जबकि हम भविष्य का निर्माण कर रहें हैं। अब रिकार्ड हाईवे भी बन रहे हैं और उन हाइवेज़ पर लोग निडर होकर सफर भी कर रहे हैं। अब बेटी घर से बाहर निकल भी रही है और उसके करियर की अनंत संभावनाओं के लिए अनेकों यूनिवर्सिटी कॉलेज भी बन रहे हैं। यही फर्क है भाजपा की सरकार और पिछली सरकारों में। इसलिए आज यूपी में बहनें-बेटियां खुले दिल से कह रही हैं-

पहले हमें घर से निकलने में लगता था डर,

अब भाजपा राज में अपराधी कांपे थर-थर।

भाजपा सरकार में अपराधी या तो जेल गए या प्रदेश छोड़ गये। कुछ ने जमानत रद्द करा ली, कुछ जेल से बाहर आने से कतराने लगे। और याद रखिए, ये सब योगी जी के कारण हुआ है ऐसा मैं नहीं कहता हूं। ये सब आपके कारण हुआ है, उत्तर प्रदेश के लोगों के कारण हुआ है, उत्तर प्रदेश की माताओं और बहनों के संकल्प के कारण हुआ है। क्योंकि आपने एक वोट योगी जी को दिया था। आपने एक वोट मोदी जी को दिया था, आपने भाजपा के कमल पर बटन दबाया था। ये आपके एक वोट की ताकत है जो यूपी को नई पहचान दिला रही है।

साथियों,

पहले की सरकारों का एक और पसंदीदा खेल होता था। तिजोरियों को भरने का खेल। सब मिलकर खेलते थे। मिलकर खाते थे। आज ऐसे लोगों का पूरा खेल बिगड़ गया है। पहले परिवार ही सरकार थी अब पूरा यूपी भाजपा सरकार का परिवार है।

भाइयों और बहनों,

परिवारवादी सरकारों के लिए सत्ता शासन का माध्यम थी। हमारे लिए सत्ता सिर्फ और सिर्फ जनता की सेवा करने का रास्ता है। हम लगातार इसी उद्देश्य से काम कर रहे हैं। हमारी सरकार गांव, गरीब को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पिछले 2 साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से परेशान है। महामारी की शुरुआत में बहुत से लोगों ने भारत को लेकर कई तरह की आशंका जताई थी। वो लोग सोचते थे, कैसे हमारे गांव, हमारे गरीब इस महामारी में खुद को बचा पाएंगे। लेकिन आज दो साल के बाद भारत के प्रयासों से दुनिया सीख रही है। पिछले दो साल से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से हमने करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है। हमारी सरकार ने चावल-दाल, गेहूं, चना,नमक और तेल गरीब के घर पहुंचाया है। इसका बहुत बड़ा लाभ यूपी के लोगों को हुआ है, गरीबों-दलितों-पिछड़ों को हुआ है, और आज भी हो रहा है।

|

साथियों,

आज आयुष्मान भारत योजना की वजह से यूपी के हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक का इलाज मिलना संभव हुआ है। पीएम आवास योजना के जरिए गरीब की सिर पर छत की चिंता भी दूर हो रही है। जिन गरीबों को घर नहीं मिला है उन्हें भी घर मिले इसके लिए इस बजट में सरकार ने करीब-करीब 50 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की है। जो यूपी के काम आएगी। योगी जी की सरकार दोबारा बनने के बाद, गरीबों को घर देने का काम और तेजी से किया जाएगा। और मैं आपको बता दूं, अगर ये कोरोना काल न आया होता, कोरोना की वैश्विक महामारी का संकट न आया होता, आने-जाने में इतनी रूकावट न आई होती, तो इस दो साल में योगी जी ये काम कर देते, ऐसे अनेक काम दो साल में कर देते। लेकिन ये दो साल बीच में कठिनाइयों से गुजारना पड़ा। सरकार की शक्ति को भी लोगों की जान बचाने में लगाड़ी पड़ी। नहीं तो जिस तरीके से 2017 से योगी जी ने मामला उठाया था काम का, अगर दो साल में ये रूकावट न आई होती तो आज यूपी कहां से कहां पहुंच गया होता। लेकिन मुझे विश्वास है उत्तर प्रदेश के लोग आने वाले पांच साल के लिए ऐसा भरपूर बहुमत देंगे, सरकार को ऐसी मजबूती देंगे और योगी जी भी इतनी ताकत से दौड़ेंगे कि जो दो साल बीमारी के कारण तकलीफ आई है न, उससे वे बाहर निकाल कर यूपी को आगे ले जाएंगे।

साथियों,

गरीब के घरों को लेकर नकली समाजवादियों का परिवारवादियों का क्या रवैया रहा है, ये मैं आपको जरूर याद दिलाना चाहता हूं। आगरा, मथुरा और बुलंदरशहर के शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार ने आठ हजार से भी कम घर गरीबों के लिए बनवाए थे। पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने आगरा-मथुरा और बुलंदशहर में ही करीब 85 हजार घर बनाकर गरीबों को दिए हैं। आप सोचिए पहले की सरकार के कहां 8 हजार से भी कम और योगी जी के समय में कहां 85 हजार। यानि 10 गुना ज्यादा काम। यही फर्क है जो आज पूरे यूपी के लोगों को दिख रहा है। हमारी सरकार की योजनाओं से दलितों को, पिछड़ों को, गरीबों को सबसे ज्यादा लाभ हो रहा है।

साथियों,

आगरा, मथुरा और बुलंदशहर में उज्जवला योजना के तहत साढ़े सात लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इससे महिलाओं के जीवन में जो इतना बड़ा फर्क आया है, वो हमारी माताएं-बहनें ही भली-भांति समझती हैं। इसलिए, यूपी की नारीशक्ति भी ठानकर बैठी हैं कि भाजपा को जिताना है, योगी जी को फिर मुख्यमंत्री बनवाना है।

भाइयों और बहनों,

यूपी की भलाई के लिए इन नकली समाजवादियों और उनके साथियों का सत्ता से दूर रहना आवश्यक है। आज भी वो किसानों से झूठे वादे किए जा रहे हैं, गन्ना किसानों को झूठी बातों को बता कर उकसाने का प्रयास भी कर रहे हैं। किसान भूले नहीं हैं कि सत्ता में रहकर उन्होंने क्या किया था, कैसे गन्ना किसानों को भुगतान के नाम पर रुला दिया था।

साथियों,

योगी जी की सरकार ने पिछले पांच साल में गन्ना किसानों का डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया है। ये योगी जी से पहले की सरकारों में 10 साल में हुए भुगतान से भी काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं हमने पिछली सरकारों के समय जो बकाया था, उसका भुगतान भी किया है। इन लोगों का एक खेल गन्ना पर्चियों का भी था। गन्ना माफिया, किसानों की उपज औने-पौने खरीद कर अपनी जेब भरते थे। आज लाखों गन्ना किसानों को ई-गन्ना एप के जरिए पर्ची से सम्बंधित सभी जानकारी मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

यूपी के किसानों को एमएसपी का पैसा मिले, इसके लिए भी टेक्नोलॉजी की ज्यादा से ज्यादा मदद ली जा रही है। ज्यादा खरीद केंद्र खोले जाने की वजह से खऱीद में भी हर साल नए रिकार्ड बनाए गये हैं। पीएम किसान सम्मान निधि भी छोटे किसानों के लिए बड़ी ताकत बन रही है। आगरा, मथुरा और बुलंदशहर के लाखों किसानों को इसका लाभ मिला है। उनके खाते में 1600 करोड़ से ज्यादा की रकम पहुंची है। इस बार के बजट में किसानों के लिए एक और बड़ी घोषणा की गई है। अब गंगा जी के दोनों किनारों पर प्राकृतिक खेती यानि नैचुरल फार्मिंग का एक कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके गंगा जी केमिकल फ्री तो होंगी ही, किसानों को भी उपज के अच्छे दाम मिलेंगे।

साथियों,

सरकार की एक और योजना का लाभ हमारे ब्रज के साथियों को मिला है। आज मैं उसका विशेष तौर पर जिक्र करना चाहता हूं। पहले किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालकों और मछली पालकों को नहीं मिलता था। हमारी सरकार ने नियमों में बदलाव किया। इस बदलाव के बाद यूपी के करीब 1 लाख पशुपालकों को-मछलीपालकों को केसीसी दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया। इस वजह से उन्हें बैंक से 1100 हजार करोड़ रुपये की मदद भी मिली है। इसका बड़ा हमारे ब्रज क्षेत्र के पशुपालकों को भी हुआ है। हमारी सरकार जो यूपी में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क बना रही है, गोबर-धन योजना को प्रोत्साहन दे रही है, उससे भी हमारे पशुपालकों को बहुत मदद मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

यूपी का युवा भूला नहीं है कि कैसे इसी प्रदेश में पहले की सरकारों में नौकरी के लिए क्या योग्यता तय थी? क्या-क्या खेल होते थे? कहां-कहां से खेल होते थे? आज सब लोगों को पर्याप्त और समान अवसर मिल रहें हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने युवाओं को रिकार्ड सरकारी नियुक्तियां दी है। भाजपा सरकार में दलित, शोषित, वंचित, गरीब, महिला, कारोबारी कोई भी हो सभी को हर योजना का लाभ मिला है। इसलिए, यूपी चाहे असरदार सरकार, फिर एक बार योगी सरकार। मैं आपसे भारी मतदान करने का आग्रह भी कर रहा हूं। पहले मतदान फिर जलपान, ये आप ज़रूर याद रखिएगा। आपका हर वोट कमल के फूल पर पड़ेगा, इसी विश्वास के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद ! और आने वाले दिनों के लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद !

Explore More
78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

பிரபலமான பேச்சுகள்

78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்
Rs 30,000 Crore Saved Via Jan Aushadhi Kendras In Last 10 Years; Over 15,000 Centres Opened, Nearly 10,000 More Planned: Government

Media Coverage

Rs 30,000 Crore Saved Via Jan Aushadhi Kendras In Last 10 Years; Over 15,000 Centres Opened, Nearly 10,000 More Planned: Government
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

|

साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

|

साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

|

साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

|

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।