No place for corruption in 'Nawa Punjab', law and order will prevail: PM Modi

Published By : Admin | February 15, 2022 | 11:46 IST
NDA will form government in Punjab; 'Nawa Punjab' will be free from debts: PM Modi in Jalandhar
Nawa Punjab, Bhajpa De Naal, New Punjab will have no place for corruption, law and order will prevail: PM Modi
PM Modi says if Captain Amarinder Singh worked with central government according to principles of federalism then what is wrong in that

वाहे गुरू जी दा खालसा

जयकारा वीर बजरंगबली दा!

जय भीम

जय भीम

हर-हर महादेव!

आप सभी को राम-राम

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, मैं आज मंच पर भी और इधर सामने भी। कई पुराने हमारे साथियों को देख रहा था। बहुत दिनों के बाद सबका दर्शन करने का मुझे मौका मिला। मैं बहुत आनंद अनुभव कर रहा था। सब चेहरे पुराने-पुराने मुझे आज नजर आ रहे हैं। और कैप्टन साहब ने भी मुझे याद करवाया कि पंजाब केसरी का वीर शहीदों के नाम एक कार्यक्रम रेगुलर चलता था।

विजय जी से मेरी बहुत पुरानी दोस्ती रही, तो मैं हर बार उनके इस कार्यक्रम में आता था। और ये सही बात है कि कैप्टन साहब से उस समय मेरा निकट परिचय आया। एक बार वाजपेयी जी के साथ भी मेरा आना हुआ। पंजाब की धरती के साथ मेरा बहुत जुड़ाव रहा है आप जानते हैं।

साथियों,

गुरुओं, पीरों, फ़कीरों, महान क्रांतिकारियों और जनरैलों की धरती पर आना अपने आप में बड़ा सुख है। मैं सभी गुरुओं को प्रणाम करते हुए जालंधर की धरती से शक्तिपीठ, देवी तालाब की देवी माता त्रिपुरमालिनी को नमन करता हूं। आज मेरी इच्छा थी कि इस कार्यक्रम के बाद देवी जी के चरणों में जाकर नमन करूं, देवी जी का आशीर्वाद लूं।

लेकिन यहां के प्रशासन ने यहां की पुलिस ने हाथ ऊपर कर दिया, उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था नहीं कर पाएंगे, आप हेलीकॉप्टर से ही चले जाइए। अब ये हाल है सरकार का यहां। लेकिन मैं मां के पास दोबारा जरूर आऊंगा, मां के चरणों में सिर झुका कर रहूंगा। मैं बाबा बंदा सिंह बहादुर, महाराजा रणजीत सिंह, लाला लाजपत राय, वीर शहीद भगत सिंह जी, शहीद ऊधमसिंह जी और दोआब दा गांधी पंडित मूलराज शर्मा जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

आज जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की तीसरी बरसी है। मैं पंजाब की धरती से भारत मां के वीर शहीदों के चरणों में श्रद्धापूर्वक सिर झुकाता हूं।अभी 16 फरवरी को संत रविदास जी की जयंती भी है।

और मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी से मैं लोकसभा का सदस्य चुना गया हो, उस काशी में रविदास जी की स्मृति में एक बहुत बड़ा निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है, कुछ ही वर्षों में रविदास जी का वो भव्य स्थान, जैसे इन दिनों आप विश्वनाथ धाम को देख रहे हैं, वैसा भव्य संत रविदास जी का स्थान बनाने का संकल्प लेकर के, मेरे लिए सौभाग्य है मुझे ये सेवा करने का भी सौभाग्य मिला है, मैं संत रविदास जी के चरणों में भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

भाइयों और बहनों,

अभी कैप्टन साहब भी बता रहे थे, ढींडसा साहब भी बता रहे थे यहां करीब सब लोग ऐसे हैं जिनके साथ मुझे काम करने का मौका मिला है, मुझे सीखने का मौका मिला है। पंजाब से मेरा बहुत भावनात्मक जुड़ाव है। पंजाब ने मुझे तब रोटी खिलाई है जब मैं बीजेपी के साधारण कार्यकर्ता की तरह पंजाब के गांव-गांव में भटकता था, उस समय पंजाब ने मुझे संभाला हुआ है।

पंजाब ने मुझे इतना कुछ दिया है कि मैं इसका कर्ज उतारने के लिए जितनी सेवा करता हूं, मुझे उतनी ही और मेहनत करने का मन करता है। अब मेरी ये सेवा, नवा पंजाब के संकल्प के साथ जुड़ गई है। बीते वर्षों में आप सभी ने देश के लिए मेरी मेहनत देखी है।

हम देश के लिए जो संकल्प लेते हैं, उस संकल्प को प्रकल्प बनाते हैं और प्रकल्प को परिपूर्ण करने के लिए जीवन खपा देते हैं। पंजाब में एनडीए गठबंधन की सरकार बनेगी और ये पक्का है कि पंजाब में एनडीए सरकार बनने जा रही है। तो पंजाब में विकास का नया अध्याय शुरू होगा। इसका विश्वास पंजाब के एक-एक व्यक्ति को खासकर मेरे नौजवानों को मैं ये विश्वास देने के लिए आया हूं कि आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारे प्रयास में कोई कमी नहीं रहने देंगे।

साथियों,

आज पूरा देश मिलकर नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। नया भारत तब बनेगा, जब इस दशक में ‘नवा पंजाब’ बनेगा। नवा पंजाब- जिसमें विरासत भी होगी, विकास भी होगा नवा पंजाब- जो कर्ज़ से मुक्त होगा, अवसरों से युक्त होगा। नवा पंजाब- जहां हर दलित भाई-बहन को मान मिलेगा, सम्मान मिलेगी। हर स्तर पर उचित भागीदारी मिलेगी। नवा पंजाब- जहां भ्रष्टाचार और माफियाओं के लिए जगह नहीं होगी, कानून का ही राज होगा। इसलिए पंजाब का नया नारा है-

नवा पंजाब, भाजपा दे नाल !

नवा पंजाब, नई टीम दे नाल !

ये नई टीम विकास के डबल इंजन की है। जब एक इंजन सेंटर का हो और दूसरा इंजन सूबे का लगेगा, जब दोनों इंजन पूरे पांच साल चलेंगे तो पंजाब भी डबल ताकत से आगे बढ़ेगा। मुझे खुशी है कि आज पंजाब में बदलाव के लिए अभूतपूर्व उत्साह दिख रहा है। पंजाब न अब बंटवारावादियों का साथ देगा, न अवसरवादियों को मौका देगा। पंजाब अब भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को मौका देगा।

साथियों,

पंजाब की धरती वो धरती है जिसने देश को दिशा दी है, देश को हौसला दिया है। जब हमारे समाज में अंधियारा आया, तो गुरुनानक देव जी जैसे गुरु आए। गुरु अर्जुनदेव और गुरु गोविंद सिंह जी जैसे गुरुओं ने देश और धर्म की हिफाज़त की। जब देश भूख और भुखमरी की चपेट में आया, तो पंजाब ने हरितक्रांति से देश का पेट भरा।

लेकिन जिन लोगों को पंजाब की पहचान में आस्था नहीं है, वो अपने सियासी हितों के लिए इसे तबाह करने पर तुले हैं।

भाइयों और बहनो,

हमारा पंजाब सीमावर्ती राज्य है। इसकी सुरक्षा, इसकी शांति देश की एकता अखंडता के लिए जरूरी है। इसलिए, पंजाब को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो देश की सुरक्षा के लिए गंभीरतापूर्वक कदम उठाए और राज्य को सुरक्षा दे। कांग्रेस का इतिहास गवाह है कि वो कभी पंजाब के लिए काम नहीं कर सकती।

और जो काम करना भी चाहता है, वो उसके आगे हजार रोड़े खड़े कर देती है। और अभी-अभी कांग्रेस के नेताओं के बयान से पता चलता है कि उन्होंने कैप्टन साहब को क्यों हटाया। उन्होंने खुद कहा है कि पंजाब सरकार को हम नहीं चलाते थे। कैप्टन साहब की सरकार को , दिल्ली के नेता कह रहे हैं कि हम नहीं चलाते थे।

भारत सरकार चला रही थी। इसका मतलब ये हुआ कि कांग्रेस की सारी सरकारें रिमोट कंट्रोल से चलती है, दिल्ली से एक परिवार चलाता है। संविधान के आधार पर वो राज्य सरकारों नहीं चलती है और कैप्टन साहब ने फेडरलिज्म के सिद्धांत के अनुसार अगर भारत सरकार के साथ मिल कर काम किया।

और भारत सरकार ने अगर पंजाब सरकार के साथ मिल कर काम किया , तो भारत के संविधान के अनुरुप काम किया की नहीं किया भाई…किया की नहीं किया ..हमने संविधान का आदर किया की नहीं किया। हमने फेडरलिज्म का आदर किया की नहीं किया। यहां कांग्रेस के नेता आकर कहते थे कि कैप्टन साहब हमारी नहीं सुनते थे।

भारत सरकार और कैप्टन साहब की सरकार मिल कर पंजाब को आगे बढ़ाना चाहती थी। ये रोड़े अटकाते थे। और जब रोड़े अटकाने की उनकी ताकत इतनी बढ़ गई कि आखिर उन्होंने कैप्टन साहब को ही विदा कर दिया।

भाइयों और बहनों

हम पंजाब के लिए , सरकार किसी की भी हो हम फेडरल स्ट्रक्चर में विश्वास करते हैं। हिंदुस्तान के हर राज्य का भला करना ये भारत सरकार का दायित्व है ।हमने प्रयास किया है..लेकिन कोई परिवार रिमोट कंट्रोल से सरकारें चलाए, संविधान की परवाह न करे, तब तो देश में तनाव ही पैदा होगा और यही काम ये परिवार कर रहा है।

भाइयों-बहनों

लेकिन हमारे गुरुओं ने, संतों ने कहा है, पाप का घड़ा जब भरता है, तो फूटता भी है!

कांग्रेस को उसके कर्मों की सजा मिल ही रही है। आप देखिए, आज काँग्रेस पार्टी की क्या गति है! आज उनकी अपनी ही पार्टी बिखर रही है। कांग्रेस के ही लोग अपने नेताओं की सारी पोल-पट्टी खोल रहे हैं।

मैं आपसे जानना चाहता हूं, आपस में लड़ रहे लोग पंजाब को स्थिर सरकार दे पाएंगे क्या? पूरी ताकत से जवाब दीजिए स्थिर सरकार दे पाएंगे क्या, पंजाब का भला कर पाएंगे क्या। पंजाब के सपने पूरे कर पाएंगे क्या। अपनी कुर्सी बचाने में जुटे ये लोग, पंजाब का विकास कर पाएंगे क्या?

साथियों,

आजादी के बाद, इतने दशकों में पंजाब के पास कम ही विकल्प रहे। हम जब अकाली दल के साथ थे, और अकाली सरकार का एक दूसरा रूप ढींडसा साहब के नेतृत्व में आज भी है, हम जब अकाली दल के साथ थे तो उन्हें बड़ा भाई मान कर, हमेशा हमने अपनी छोटी भूमिका को स्वीकार किया था। दिल में सिर्फ एक ही बात थी।

जिस बात में पंजाब का भला होगा, वही करेंगे। एक समय ऐसा था अलाकी दल के पास पूर्ण बहुमत नहीं था। भाजपा के लोगों के समर्थन के बिना अकाली की सरकार नहीं चल सकती थी, लेकिन उस स्थिति में कुदरती न्याय तो ये कहता था कि डिप्टी सीएम बीजेपी का बनना चाहिए था। मेरे साथी मनोरंजन कालिया डिप्टी सीएम बनने के हकदार थे।

लेकिन उस समय भी हमारे साथ अन्याय हुआ, बादल साहब ने अपने बेटे को ही डिप्टी सीएम बना दिया। उसके बावजूद भी पंजाब की भलाई के लिए हमारे पास ज्यादा एमएलए थे, सरकार घर जा सकती थी, हमने वो पाप नहीं किया। क्यों हमारे दिल में पंजाब का उज्ज्लव भविष्य है, पंजाब का भला हो , पंजाबियों का भला को , पंजाबियत अमर रहे, इसके लिए हमने अपने राजनीतिक हकों को भी दरकिनार करके पंजाब की चिंता की है।

भाइयों और बहनों

लेकिन पहली बार, बीजेपी सबसे बड़े और भरोसेमंद विकल्प के रूप में, एक सही विकल्प के रूप में पंजाब के सामने आई है। पंजाब, एक बार बीजेपी को मौका देगा, तो बीजेपी, पंजाब का कल्याण करके देगी। ये मैं आपको विश्वास देता हूं। और मुझे खुशी है कि अब हमारे साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह जी जैसा , ढींढसा जी जैसा अनुभवी नेतृत्व भी जुड़ गया है, पंजाब को हम मिलकर आगे बढ़ाएंगे।

साथियों,

जालंधर पंजाब का इतना बड़ा औद्योगिक सेंटर है। देश में करीब 70 प्रतिशत स्पोर्ट्स के सामान जालंधर में बनते हैं। यहां के उद्योगों के लिए, MSMEs के लिए कितनी संभावनाएं हैं। हम जब वोकल फॉर लोकल, वोकल फॉर लोकल कहते हैं, तो जालंधर के उत्पादों को ताकत देते हैं, लेकिन कांग्रेस के मुंह से वोकल फॉर लोकल सुना क्या आपने।

सुना क्या, उसमें कोई बीजेपी है क्या, अब आपका सामान उसका सम्मान बढ़े। आप जो पैदावार करते हैं उसमें कांग्रेस का जाता क्या है , लेकिन उसके लिए भी उनके पेट में दर्द होता है।

भाइयों और बहनों

कांग्रेस की नीतियों ने यहां की इंडस्ट्रीज़ को तबाह कर दिया, रोजगार ख़त्म कर दिया। इस हालात को भाजपा की डबल इंजन सरकार ही बदल सकती है। अभी पंजाब में व्यापार-कारोबार को जिस तरह माफियाओं के कब्जे में दे दिया गया है, ये खेल भाजपा सरकार में नहीं चलने दिया जाएगा।

भाजपा की सरकार में यहां का व्यापारी, बिना किसी अत्याचार के, बिना किसी खौफ के अपना व्यापार करेगा। इस बात का मैं आपको भरोसा देने आया हूं।

भाइयों बहनों,
देश में आज जहां-जहां डबल इंजन की सरकार है, वहां डबल तेजी से विकास हो रहा है। डबल इंजन की सरकार, गरीबों को बिना भेदभाव पक्का घर बनाकर दे रही है। डबल इंजन की सरकार, गरीबों को बिना भेदभाव मुफ्त वैक्सीन लगवा रही है। डबल इंजन की सरकार, गरीबों को बिना भेदभाव, मुफ्त राशन दे रही है।

डबल इंजन की सरकार, बिना भेदभाव गांव का भी विकास कर रही है और शहरों का भी विकास कर रही है। डबल इंजन की सरकार पंजाब में ज्यादा तेजी से सड़कें बनवाएगी, ज्यादा तेजी से पंजाब में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी। भाजपा की सरकार आएगी, तो जालंधर समेत इस पूरे क्षेत्र में कवेक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा, उद्योगों को गति देने के लिए काम किया जाएगा।

भाइयों बहनों,

डबल इंजन की सरकार, विशेषकर छोटे किसानों की छोटी-छोटी जरूरतों पर भी ध्यान दे रही है। आज पंजाब के 23 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में, 23 लाख से ज्यादा किसान , अकेले मैं पंजाब की बात कर रहा हूं। 23 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा जा रहा है।

किसानों से MSP पर फसल खरीद भी भाजपा सरकार ने दोगुनी से ज्यादा बढ़ाई है। हमने ये भी सुनिश्चित किया कि खरीद का पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में जाए। कोरोना की वजह से वैश्विक बाजार में खाद के दाम बढ़े, लेकिन हमने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया, ये इतना सारा बोझ आया है, हिंदुस्तान की तिजोरी पर बहुत भयंकर बोझ आया है।

लेकिन ये बोझ हम किसानों के माथे नहीं जाने देंगे, हमने वो बोझ किसानों को ट्रांसफर नहीं किया। सरकार की तिजोरी खाली की लेकिन किसानों को खाद उसी दाम से देते रहे, जो पहले देते थे, सारा बोझ हमनें सहन किया।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार, किसानों की आय बढ़े, खेती पर होने वाला खर्च कम हो, इसके लिए काम करेगी। देश ने organic farming और natural farming की दिशा में भी बड़ा अभियान शुरू किया है। पंजाब में भी इसका ज्यादा से ज्यादा विस्तार, धरती मां को भी बचाएगा और पंजाब के किसानों का फायदा भी करेगा।

साथियों,

आज एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और एनडीए है, जिसकी विचारधारा पंजाब और पंजाबियत से जुड़ी है। हम गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व और गुरु तेगबहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को पूरे देश में और दुनिया में पूरे सम्मान के साथ मनाते हैं, हमने बाबा साहेब आंबेडकर जी की 125वीं जयंती पूरे विश्व में मनाई थी।

हम गुरुगोबिन्द सिंह जी के वीर साहिबजादों की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस की घोषणा करते हैं, हम बंटबारे की विभीषिका की याद में, पंजाब पर वो घाव कितने गहरे हैं, वो पंजाब के लोग जिनता जानते हैं। वो दिल्ली में बयानबाजी करने वालों को पता नहीं है, ये विभाजन विभीषिका उसका कितना घाव पंजाब के लोगों से सीने पर लगा है।

उसको भुला दिया गया था, हमने तय किया उस विभीषिका की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की हमनें घोषणा करते हैं, लेकिन ये लोग पंजाब की विरासत को नजरअंदाज करते हैं। ये लोग पंजाब की धरती पर लूट, खसोट, भ्रष्टाचार और माफियावाद की फसल उगा रहे हैं।

साथियों,

हम देश की सीमाओं को मजबूत करते हैं, सेनाओं को अधिकार देते हैं। लेकिन उनके नेता सेना के लोगों को गुंडा कहते हैं, हमारे सैनिकों की शहादत पर सवाल उठाते हैं। ऐसे लोगों की नीयत कठघरे में है, उनकी मंशा पर सवाल है।

साथियों,
पूरा पंजाब गवाह है कि हमने 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए SIT बनाई, उसके पीड़ितों की मदद की। लेकिन दंगे के आरोपियों को पार्टी में बड़े पद देकर कांग्रेस ने हमेशा आपके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। कांग्रेस का कंट्रोल जिस परिवार के पास है, वो पंजाब से अपनी पुरानी दुश्मनी निकालता है। जब तक कांग्रेस उस परिवार के कब्जे में है, कभी भी पंजाब का भला नहीं हो सकता।

साथियों,

भाजपा सरकार अपने काम काज के भरोसे चुनाव लड़ती है। जिनके पास कामकाज का हिसाब नहीं हैं, कुछ ऐसे लोग भी पंजाब में झूठ का खेल खेलने आ गए हैं। पंजाब में आकर ये पंजाब को नशा मुक्त करने की बात करते हैं। और ये लोग खुद गली, मोहल्ले में शराब के ठेके खुलवाने के एक्सपर्ट हैं।

पंजाब को इनसे भी सतर्क रहना होगा। ये पंजाब को नशा माफियाओं के हवाले करना चाहते हैं। और आप लोग ये भी याद रखिएगा, ये वही लोग हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना से सबूत मांग रहे थे, पाकिस्तान के सुर में सुर मिला रहे थे।

साथियों,

ये कैसे लोग हैं इनका चरित्र कैसा है मैं आपको बताता हूं। 2014 का जब चुनाव था और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था , तो भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। तब मैं चुनाव अभियान के लिए पूरे देश में दौड़ रहा था, राज्य के मुख्यमंत्री के नाते वहां का काम भी करता था।

एक दिन हुआ ऐसा कि मुझे पठानकोट आना था और पठानकोट से हेलीकॉप्टर लेकर मुझे हिमाचल के दौरे पर जाना था। आप हैरान हो जाएंगे, कांग्रेस के नामदार उनके युवराज सिंपली एक पार्टी के एमपी थे और कुछ नहीं थे। उस दिन उनका भी अमृतसर के आसपास कोई कार्यक्रम था। मेरे हवाई जहाज को उड़ने नहीं दिया गया।

मुझे पठानकोट पहुंचने में एक डेढ घंटा देरी हुई, जब पठानकोट पहुंचा। तो मेरे हेलीकॉप्टर को नहीं उड़ने दिया क्योंकि उनके युवराज पंजाब के किसी दूसरे कोने में आने वाले थे इसलिए मुझे हवाई यात्रा करने से रोक दिया गया था, ऐसा सत्ता का दुरूपयोग एक परिवार के लिए कैसा होता था। 2014 में और हेलीकॉप्टर सूर्यास्त होने तक ही चल सकता था, सूर्यास्त होने के पहले उड़ जाना पड़ता था।

मेरे हिमाचल के दो कार्यक्रम उस समय इतनी दौड़धूप के बीच कैंसल करने पड़े थे। इस प्रकार से अपने विरोधियों को रोकना, परेशान करना ये कांग्रेस के कारनामे रहे हैं, मेरे भाइयों, इस प्रकार की परेशानियां कांग्रेस पूरे विपक्ष को पिछले 50-60 साल जब भी मौका मिला है यही करती रही है।

साथियों,

पंजाब की धरती से गुरु नानकदेव जी ने हमें सिखाया था- मानस की जात, सभ एकइ पहचानबो! हमारे गुरुओं ने समाज में कोई भेदभाव नहीं किया, धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिये। महाराजा रणजीत सिंह जी ने काशी में विश्वनाथ मंदिर के लिए सोना दिया, उसे सोने से मंढवाकर उसका गौरव लौटाया।

भारतीय जनता पार्टी आज उन्हीं आदर्शों को लेकर काम कर रही है। आज काशी में भव्य विश्वनाथ धाम एक बार फिर देश के प्राचीन गौरव का प्रतीक बनकर हमारे सामने है। भव्य अयोध्या की जिस भावना को हमारे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी ने हमारे सामने रखा था, वो आज साकार हो रहा है। पंजाब में भी, हमने करतारपुर कॉरिडॉर का भव्य निर्माण करवाया है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पंजाब के पवित्र स्थानों को जोड़ते हुये हैरिटेज सर्किट का विकास किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

जब हम विरासत को आगे बढ़ाते हैं, अपने पवित्र स्थलों पर सुविधाएं बढ़ाते हैं, तो इसका लाभ वहां के लोगों को ही होता है। देश भर से जब श्रद्धालु वहां पहुंचते हैं, तो किसी की रोजी-रोटी बढ़ती है, किसी को रोजगार मिलता है।

साथियों,

पंजाब की सेवा वही पार्टी कर सकती है जो दल से ऊपर देश की सोचती है, देश के बारे में बात करती है। मैं पंजाब के लोगों को ये आश्वासन देना चाहता हूं, हम पंजाब के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम पंजाब के युवाओं के लिए, पंजाब की नशामुक्ति के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

मैं पंजाब के लोगों से एक बड़ा गंभीर सवाल पूछना चाहता हूं, मेरी बात गौर से सुनिये और जो माताएं-बहनें हैं यहां मुझे सुनने आई है और जो माताएं-बहनें यहां टीवी पर मुझे सुन रही हो तो मेरी बात गौर से सुनिए, आप कल्पना कीजिए आपके पास बंग्लों है, गाड़ी है, खेत है, खलिहान है, अच्छी खासी कमाई है, सुख चैन की जिंदगी है, कोई कमी भगवान ने रखी नहीं है, कोई कमी गुरू महाराजों ने रहने नहीं दी है।

सबकुछ है कल्पना कीजिए लेकिन आपका जवान बेटा नशे की लत पर चढ़ गया उसमें ही अगर डूब गया। मेरी माताएं-बहनें मुझे बताएं ये मिल्कियत आपकी किस काम आएगी, ये बंग्ला किस काम आएगा, ये गाड़ी किस काम आएगी, अगर बेटा बर्बाद हो गया, तो आपके लिए क्या बचेगा।

आपके संतान बर्बाद हो गए, आपके लिए क्या बचेगा, क्या मेरी माताओं-बहनों ने जो अपनी संतानों के लिए सपने देखें है उन सपनों को पूरा करने के लिए हमें एक माहौल बनाना जरूरी है कि नहीं है। नशे से मुक्ति का अभियान हर मां, हर परिवार को बचाना, उनके सपनों को साकार करने के लिए जरूरी है कि नहीं है।

भाईयों-बहनों,

ये मुहिम किसी के खिलाफ नहीं है दिल में बड़ा दर्द होता है। मैंने पंजाब की धरती पर काम किया है। पंजाब का मुझ पर कर्ज है, मैं ये कर्ज चुकाना चाहता हूं। मैं इस युवा पीढ़ी को बचाना चाहता हूं दोस्तों, मेरी माताओं-बहनों, मैं आपके दुख को समझता हूं।

मैं आपकी संतानों को एक सुरक्षा का वातावरण देना चाहता हूं। आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, पंजाब के उज्ज्वल भविष्य के लिए मुझे आशीर्वाद दीजिए। हमारी नई पीढ़ी के लिए आशीर्वाद दीजिए। ये सत्ता का खेल नहीं है, ना ही सत्ता की भूख है। आपने मुझे प्रधानमंत्री बना दिया है।

अरे लोग 6-6 महीने प्रधानमंत्री रहते हुए भी जिंदगी में बहुत संतोष अनुभव करते है। मुझे तो आपने दो-दो बार बनाया है। मैं आपके लिए अपनी जिंदगी खपाना चाहता हूं। मैं अपने सुख के लिए नहीं हूं। मैं आपके सपनों के लिए हूं। मैं आपके सपनों को साकार करने के लिए हूं।

और इसीलिए अगले पांच साल... अगले पांच साल नवा पंजाब का समय होगा। 20 तारीख को इसी संकल्प के साथ NDA को जिताने के लिए वोट देना है। आप सबको घर-घर जाना है, जाएंगे...घर-घर जाऐंगे, लोगों को समझाऐंगे, इन संकल्पों की बात बताएंगे। नवा पंजाब बनाएंगे, भारी मतदान करवाएंगे। मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं। दोनों मुठ्ठी बंद करके मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की...

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बहुत-बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!