Eight years of BJP dedicated to welfare of poor, social security: PM Modi

Published By : Admin | May 21, 2022 | 14:29 IST
This is the time for BJP, to fix goals for the next 25 years, to consistently work for the people of India to fulfil their aspirations: PM Modi
8 years of BJP-led NDA government dedicated to poor's welfare & social security, says PM Modi
Attempts will be made to deviate you from country's development issues but you have to stick to them: PM Modi to BJP karyakartas

नमस्कार !

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में उपस्थित भाजपा के सभी साथियों,
देश भर से हमारे साथ जुड़े हमारे सहयोगी, सबसे पहले तो हमें देश के कोने कोने में मातृभूमि की सेवा में लगे हुए, जन-जन के कल्याण में खप रहे भाजपा के कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करता हूं। जनसंघ से लेकर जो हमारी यात्रा शुरू हुई भाजपा के रूप में फली-फूली इस पार्टी के इस रूप को इसके स्वरूप को और इसके विस्तार को देखते हैं तब गर्व तो होता ही है, लेकिन इसके निर्माण में खुद को खपाने वाले पार्टी के सभी मनीषियों, सभी विभूतियों उन सभी को मैं आज नमन करता हूं।

साथियों,

हम राजस्थान की धरती पर हैं, मुझे भी आप सबके बीच में रह कर के इस कार्यक्रम में शरीक होने का अवसर मिला होता, मेरे लिए भी वो प्रेरणा का कारण बनता, ऊर्जा का स्रोत मिलता। क्योंकि मैं जब भी कार्यकर्ताओं से मिला हूं, कार्यकर्ता छोटा हो बड़ा हो बहुत कुछ जानने को मिलता है बहुत की बातों से अनेक पहलू समझने को मिलते हैं। कार्यकर्ता के द्वारा जो इनफॉरमेशन आती है वो बहुत ही सटीक इनफॉरमेशन आती है, और जब मिलते है तो बहुत कुछ बातें भी होती हैं, तो मेरे मन में तो कसक रह जाएगी कि मैं नहीं पहुंच पाया, लेकिन वर्चुअली आप सबका दर्शन कर रहा हूं आप सबसे बात कर रहा हूं। साथियों राजस्थान की धरती पर हैं तब हम सब को श्रद्धेय सुंदर सिंह जी भंडारी की याद आना बहुत ही स्वाभाविक है आज ये वर्ष सुंदर सिंह भंडारी जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। हम सब ऐसे प्रेरणा पुरुष का हृदय से अभिवादन करते हैं प्रणाम करते हैं।

साथियो,


राजस्थान की धरती, राजस्थान की बात हो, राजस्थान भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा की चर्चा हो तो मैं इस बात को गर्व से कह सकता हूं कि मुझे ऐसे-ऐसे दिग्गजों के साथ काम करने का मौका मिला, ऐसे-ऐसे दिग्गजों की उंगली पकड़ कर चलने का सौभाग्य मिला, औन उन सब का स्मरण आना बहुत स्वाभाविक है। श्रद्धेय स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत जी की बात हों, आदरणीय जगदीश प्रसाद माथुर जी का स्मरण आना, भानु कुमार शास्त्री जी, हमारे रघुवीर सिंह कौशल जी, हमारे भंवर लाल शर्मा जी, हमारे गंगाराम कोली जी, अनगिनत नाम ऐसे सभी वरिष्ठ जनों की उंगली पकड़ कर चलने का मुझे सौभाग्य मिला। ये सारे वो लोग है जिन्होंने पार्टी को दिशा दिखाई है, पार्टी के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया।

ऐसे ही अनगिनत समर्पित जीवन का आज स्मरण होना बहुत ही स्वाभाविक है। और इसलिए जब कमलपुष्प की रचना हुई है, मैं पार्टी को अभिनंदन करता हूं, आज कमल पुष्प पर हमारे बूथ स्तर के कार्यकर्ता को पुराने कार्यकर्ताओं के जीवन की जो कथाएं हैं उसमें प्रस्तुत करते हैं वो अपनेआप में प्रेरक हैं। अतः मैं आप सभी से कहता हूं कि कभी भी मन में आलस आ जाए, पल भर के लिए उस कमल पुष्प को मोबाइल फोन पर खोलकर के देखिए, ऐसी प्रेरणा की कथाएं हैं, ऐसी प्रेरक जीवन की घटनाएं हैं, हमें मार्गदर्शन के लिए प्रेरणा के लिए कुछ करने की जरूरत ही नहीं है। एक-एक का जीवन, एक-एक पल का काम कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्वरूप है।

साथियो,


21वीं सदी का ये समय भारत के लिए बहुत अहम समय है। और आप को याद होगा मैंने लाल किले से कहा था, यही समय है और सही समय है। आज हम सभी देख रहे हैं कि दुनिया में भारत के प्रति किस तरह की विशेष भावना जागृत हुई है। दुनिया आज भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है। ठीक वैसे ही भारत में भाजपा के प्रति, जनता का एक विशेष स्नेह जुड़ा हुआ अनुभव हो रहा है। देश की जनता भाजपा को बहुत विश्वास से, बहुत उम्मीद से देख रही है। देश की जनता की ये आशा-आकांक्षा हमारा दायित्व बहुत ज्यादा बढ़ा देती है।

आजादी के इस अमृतकाल में देश अपने लिए अगले 25 वर्षों के लक्ष्य तय कर रहा है। भाजपा के लिए ये समय है, अगले 25 वर्षों के लक्ष्य तय करने का, उनके लिए निरंतर काम करने का। देश के लोगों की जो उम्मीदें हैं, हमें वो पूरी करनी हैं। देश के सामने जो चुनौतियां हैं, हमें देश के लोगों के साथ मिलकर हर चुनौतियों को पार करना है उन्हें परास्त करना है और विजय के संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। और हम जानते हैं कि इसका मार्ग क्या है। हमारा दर्शन है पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद और अंत्योदय। हमारा चिंतन है डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सांस्कृतिक राष्ट्रनीति। हमारा मंत्र है 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास'।

साथियो,


मैं अलग तरीके से एक बात बताना चाहता हूं, मान लीजिए, आप कल्पना कीजिए किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, जब लंबे उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता तो बीमारी को ही अपनी नियति मान लेता है। वो बीमारी से बनी उन परिस्थितियों को स्वीकार कर लेता है। उसके साथ जीना सीख लेता है वो सोचता है कि किसी भी तरह चलो भाई दिन कट जाए। व्यक्ति का जीवन जैसा होता है न कभी-कभी राष्ट्र का भी जीवन वैसा होता है। हमारे देश में भी एक लंबा कालखंड ऐसा रहा जब लोगों की सोच मजबूरन ऐसी हो गई थी कि बस और कोई सहारा न बचा अब तो इसी में गुजारा करना है बस किसी तरह समय निकल जाए। जिंदगी गुजर जाए। ना सरकार से उनको अपेक्षा थी और ना ही सरकार उनके प्रति कोई जवाबदेही समझती थी।

साथियो,


देश की जनता 2014 में एक नया इतिहास लिखने का फैसला किया। फैसला जनता का था। 2014 के बाद, भाजपा, देश को इस सोच से बाहर निकालकर लाई है। आज निराशा नहीं आशा और अपेक्षा का युग है। साथियों, आज भारत के लोग Aspirations से भरे हुए हैं। वो नतीजे चाहते हैं, सरकारों को काम करते हुए देखना चाहते हैं, अपनी आंखों के सामने परिणाम प्राप्त करना चाहता है परिणाम देखना चाहता है। राजनीतिक नफा-नुकसान से अलग, मैं इसे जनमानस में आया बहुत बड़ा Positive Change मानता हूं। जब देश के 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाएं इस प्रकार से जग जाती है तो निश्चित रूप से सरकारों की जवाबदेही भी बढ़ जाती है उनके लिए काम करना अनिवार्य हो जाता है। सार्वजनिक जीवन में हर व्यक्ति के लिए जन जागृति अनिवार्य रूप से काम करने के लिए प्रेरित भी करती है और दबाव भी बनाती है। और इसलिए देश के लोगों की बढ़ती हुई Aspirations में, मैं देश के उज्जवल भविष्य को भलीभांति देख रहा हूं। और जब ये सारे चित्र मेरे सामने मैं देख पा रहा हूं आत्मविश्वास से भरे हुए देश के युवाओं को देखता हूं, कुछ कर गुजरने के हौसले के साथ भागीदारी के विश्वास के साथ आगे बढ़ती बहन-बेटियों को देखता हूं तो मेरा आत्मविश्वास भी कई गुना बढ़ जाता है।

साथियो,


जब अपेक्षाएं बढ़ती हैं, तो अपेक्षित परिणाम लाने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करने का जज्बा भी बढ़ता है। यही जज्बा देश को आजादी के इस अमृतकाल में नई ऊंचाई पर ले जाएगा। साथियों, आजादी के इस अमृतकाल में देश जिन बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है, तब, हमें कुछ बातें और भी याद रखनी जरूरी हो जाती है। भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते हमें चैन से बैठने का कोई हक नहीं है, कोई अधिकार नहीं है। नहीं तो दुनिया कहेगी, सच्चाई भी है कि आज देश के 18 राज्यों में भाजपा की सरकार है, हमारे 1300 से अधिक विधायक और 400 से अधिक सांसद हैं। राज्य सभा में भी वर्षों के बाद कोई दल 100 के आंकड़ों को छूने जा रहा है, वो नसीब भी भाजपा के पास है। यदि इन सारी सफलताओं को जब सामने देखते हैं तो स्वाभाविक मन करेगा कि अब बहुत हो गया। लेकिन साथियों, अगर हमें सत्ता भोग ही करना होता, तो भारत जैसे विशाल देश में कोई भी सोच सकता है कि भाई, इतना सारा ले गया, इतना सारा प्राप्त कर लिया, यार अब तो बैठो अब तो आराम करते हैं, चलो यार। जी नहीं ये रास्ता हमारे ले नहीं है, वो रास्ता हमें मंजूर नहीं, जिन्होंने हमारे देश के लिए, हमारी पार्टी के लिए जीवन खपाया है, उन्होंने हमें आराम करने की इजाजत नहीं दी है, इसलिए हमें आराम नहीं करना है।

साथियो,


इतना सब विजय पताका फहर रही है तो भी आज भी हम अधीर हैं, आज भी हम बेचैन हैं, आज भी हम आतुर हैं, क्योंकि हमारा मूल लक्ष्य, भारत को उस उंचाई पर पहुंचाना है जिसका सपना देश की आजादी के लिए मर-मिटने वालों ने देखा था। जिन सपनों को लेकर के वीर गले में फांसी के फंदे लगाकर के मातृभूमि के लिए आहूति दी। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का ऋण कभी चुका नहीं सकते दोस्तो, लेकिन दिन रात मेहनत कर सकते हैं, खुद को देश के लिए खपा सकते हैं। और मुझे खुशी है कि भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता, आज इन भावनाओं से प्रेरित होकर के नित्य नूतन प्राण शक्ति लेकर के अविरत न थके न झुके काम कर रहा है। जिस पार्टी के पास कर्तव्य पथ पर चलने वाले कोटि-कोटि कार्यकर्ता हो वो कौन होगा जिसको गर्व नहीं होगा, मुझे आप सब के लिए गर्व है।

साथियो,


इस महीने केंद्र की भाजपा सरकार के, एनडीए सरकार के 8 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये आठ वर्ष संकल्प के रहे हैं, सिद्धियों के रहे हैं। ये 8 वर्ष सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहे हैं। ये 8 वर्ष, देश के छोटे किसानों, देश के श्रमिकों, देश के मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले रहे हैं। ये 8 वर्ष, देश के संतुलित विकास, सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के लिए भी रहे हैं। और ये 8 वर्ष, देश की माताओं-बहनों-बेटियों के सशक्तिकरण, उनकी गरिमा बढ़ाने के प्रयासों के नाम रहे हैं।

साथियो,


सरकार पर, सरकार की व्यवस्थाओं पर, सरकार के डिलिवरी मैकेनिज्म पर किसी समय देश का जो भरोसा उठ गया था, उसे 2014 के बाद जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से भाजपा सरकार उसे वापस लेकर आई है। आज गरीब से गरीब भी ये नहीं सोचता कि ये सरकारी योजना तो सिर्फ सिफारिश वालों के लिए है, जान-पहचान वालों के लिए है, जो पैसे खर्च कर सकता है उनके लिए है। आज वो अपने आसपास लोगों को योजनाओं का लाभ मिलते देख रहा है। वो आज बहुत विश्वास से कहता है कि एक ना एक दिन मुझे भी इस योजना का लाभ अवश्य मिलेगा। और ये बहुत विश्वास से कहता है। साथियों, इसलिए इस बार आपको याद होगा, मैंने 15 अगस्त को लाल किले से शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने की बात की थी।

काम कठिन है, मैं जानता हूं। देश बहुत विशाल है, जिम्मेवारियां बहुत बड़ी हैं। कई काम है जो राज्य सरकारों पर डिपेंडेंट हैं। कई काम है जो स्थानीय निकायों पर डिपेंडेंट हैं। भांति-भांति के प्रभाव भी है, इसके बावजूद भी साथियों जब ये ठान लेंगे कि हमें हर लाभार्थी तक पहुंचना है, एक भी व्यक्ति के छूटने की गुंजाइश को समाप्त कर देना है, तो तय लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगे। और इसके लिए मैं लगातार एक बात सरकारी अधिकारियों से अन्य राज्य सरकारों से करता रहता हूं रहता हूं, सैचुरेशन की बात करता हूं। सैचुरेशन का यह सिर्फ पूर्णता का आंकड़ा भर नहीं है, लेकिन जब हम सैचुरेशन की बात करते हैं तो सैचुरेशन पर बल देना ये भेदभाव, भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार के चंगुल से देश को बाहर निकालने का माध्यम है।

भारत के सामान्य नागरिक को सरकारी दफ्तरों के चक्कर से मुक्ति दिलाने का जो अभियान बीते 8 साल से देश में चल रहा है, सैचुरेशन का अभियान उसको औऱ सशक्त करेगा। और इसलिए, आज राष्ट्रीय पदाधिकारियों की इस बैठक में, हम सभी को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि हम जिस भी क्षेत्र के होंगे, जो भी हमारा कार्यक्षेत्र रहा है, वहां कोई भी गरीब, कोई भी समझदार नागरिक योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहेगा। इसके लिए भाजपा को नए जागरूकता अभियान शुरू करना चाहिए। चुनाव के समय जैसे आप हर बूथ तक जाते हैं, हर परिवार तक जाते हैं, उसी स्पीरिट से हर घर तक जाना होगा। एक-एक नागरिक तक पहुंचना होगा। हर घर भाजपा, हर गरीब का कल्याण, हमें इसी भावना के साथ लगातार काम करना होगा। आप में से बहुत सारे लोग जानते होंगे, और खासकर के जब राजस्थान में बैठे हैं तो शायद ये कहावत जरूर आपके कान तक पहुंची होगी राजस्थान में अक्सर एक कहावत कही जाती है- अम्मर को तारो, हाथ सै कोनी टूटे। यानि आसमान का तारा हाथ से नहीं टूटता है। साथियों, ये कहावत अपनी जगह पर सही है, और इसलिए हमें भूलना नहीं चाहिए कि हमारा लक्ष्य आसमान जितना ऊंचा है, इतनी आसानी से नहीं मिलेगा लेकिन, मेहनत करेंगे तो उसे प्राप्त जरूर करेंगे।

साथियो,


जिस एक और विषय पर हमें निरंतर कार्य करते रहना है, वो है देश में विकासवाद की राजनीति की चौतरफा-चहुं-दिशा में स्थापना होनी चाहिए। कोई भी दल हो उसको भी विकासवाद की राजनीति पर आने के लिए मजबूर कर देना, साथियों हम बड़े गर्व से कह सकते हैं कि ये भारतीय जनता पार्टी ही है जिसने विकासवाद की राजनीति को देश की राजनीति की मुख्यधारा बना दिया है। आज कोई भी चुनाव हो, विकास पर विश्वास करने वाले लोग हो या न हो, समाज को तोड़ने की राजनीति करने वाले लोग हो तो भी। शॉर्टकट ढूंढकर के सत्ता पाने के नुस्खे आजमाने वाले लोग हो तो भी, चाहते हो या न चाहते हों, लेकिन चुनाव में हर किसी को विकास के नाम पर बात करनी ही पड़ती है। चुनाव के मैदान में विकास की चर्चा करनी ही पड़ती है। और गर्व है भारतीय जनता पार्टी पर कि हमने राजनीति को विकासवाद की धारा के साथ प्रमुख रूप से बल दिया है। लेकिन साथियों हमें ये भी देखना है कि जो लोग विकासवाद की राजनीति से बच नहीं सकते, मजबूरन विकासवाद पर आना ही पड़ रहा है, उन्होंने राजनीति में विकासवाद को भी विकृति की दिशा में धकेल दिया। ये राजनीतिक दल तात्कालिक लाभ के लिए फायदे के लिए देश के उज्ज्वल भविष्य के साथ, राज्य के उज्ज्वल भविष्य के साथ, देश की युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती है उसे खोखला करने का ही काम करती है। ये राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए समाज में जो छोटे-मोटे तनाव होते हैं, कुछ कमजोरियां होती हैं, कुछ पर्सनल होते हैं उन्हें ढूंढ-ढूंढ़ कर के उसमें जहर डालने का काम करते हैं। उन कमजोरी को उभार रहे हैं, कभी जाति के नाम पर, कभी क्षेत्रवाद के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं। साथियों, एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना लेकर के चल रही भारतीय जनता पार्टी के लिए ये भी अनिवार्य है कि देश के लोगों को लगातार हमें सावधान करते रहना है। इस प्रकार के लोगों से सचेत करना होगा, और इस प्रकार के दलों से सचेत करना होगा।

साथियो,


हमें एक और बात हमेशा याद रखनी है। हम सब को याद है जनसंघ के जमाने से ही जब हम कहीं हाशिए पर खड़े थे। तब हमें कोई जानता भी नहीं था, न उस नगर में जानता था, न उस राज्य में जानता था न उस जिले में जानता था। फिर भी उस जमाने में जब हमारे बातों को कोई कान पर ले इसकी संभावना भी नहीं थी उस समय भी, जनसंघ के समय में हमारे कार्यकर्ता, हमारी पुरानी पीढ़ियां, जिन नीतियों पर ड़टे रहे, जिन नीतियों को लेकर चलते रहे, कार्यक्रम करते रहे उसकी मुख्यधारा थी राष्ट्र भक्ति, राष्ट्र हित, राष्ट्र सेवा राष्ट्र निर्माण यही प्राथमिकता थी ई। हम सत्ता से कोसों दूर थे, फिर भी, उस जमाने के हमारे छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं का मातृभूमि के प्रति प्रेम, राष्ट्र सर्वोपरि की निष्ठा, उसमें इतनी ताकत थी, कि सत्ता पर बैठे उन पर काबिज बड़े-बड़े लोगों को भी भारतीय जनसंघ की उस राष्ट्र भक्ति और राष्ट्रीय विचारधारा को वो कभी चुनौती नहीं दे पा रहे थे। जाने अनजाने में भी उसके महत्व को समझना पड़ता था। स्वीकार नहीं करते थे, समझना पड़ता था और आज भाजपा की नीतियां उसी राष्ट्रभक्ति से प्रेरित होकर विकास पर केंद्रित हुई है, विश्वास पर केंद्रित है। इसलिए साथियों हमें कभी कोई शॉर्ट-कट नहीं लेना है। हमें देशहित से जुड़े जो भी बुनियादी विषय हैं, जो Core-Issues हैं उन्हीं पर आगे बढ़ना है।

कदम को दाएं-बाएं जाने नहीं देना है, जुबां को इधर-उधर फिसलने नहीं देना है। और ये Core-Issues क्या हैं? गरीब का कल्याण, गरीब का जीवन आसान बनाने के लिए, गरीब को सशक्त करने के लिए हमें लगातार काम करना है। हमें कभी भी भटकना नहीं है। और मैं आपको सतर्क भी करूंगा, आपसे आग्रह भी करूंगा कि आपको विकास से जुड़े मुख्य मुद्दों से भटकाने की लाख कोशिशें होंगी. लेकिन आपको देश के विकास से जुड़े विषयों पर ही टिके रहना है। हम देखते ही हैं कि आजकल किस तरह कुछ पार्टियों का इकोसिस्टम पूरी शक्ति से देश को मुख्य मुद्दों से भटकाने में लगा हुआ है। हमें कभी ऐसी पार्टियों के जाल में नहीं फंसना है। मैं जानता हूं कि आप अपने संवादों में, बातचीत में, संबोधनों में पत्रकार वार्ता में अगर आप कहते हैं कि हमारी सरकार ने 2014 के बाद गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाए, ठीक है उस खबर को फ्रंट पेज पर नहीं छापा। टीवी के परदे पर नहीं दिखाया। अगर आप कहें कि 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था हमने की है, हो सकता है कि उसे कान पर न भी ले, 8 हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्रों की बात अगर हम करें तो हो सकता है टीवी में, मीडिया में अखबार में, सुर्खियों में नजर ना भी आएं।

मैं जानता हूं कि आप 10 करोड़ से ज्यादा छोटे किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर करने की बात करेंगे, हो सकता है उसको भी नजरंदाज कर दिया जाएगा, उसको भी किसी अखबार के पन्नों पर नहीं दिखाया जाएगा, टीवी पर नहीं बताया जाएगा, हो सकता है मैं जानता हूं कि आप हर घर जल की बात करेंगे, हर गांव तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की बात करेंगे, आप देश में डिजिटल क्रांति की बात करेंगे, थिंकटैंक की बात करेंगे, डिजिटल ट्रांजेक्शन की बात करेंगे, यही वो सिस्टम है इस पर तवज्जो नहीं देने देगी। इस बात को आगे नहीं बढ़ने देगी। आप प्रधानमंत्री म्यूजियम बनाएंगे, डेमोक्रेसी के ट्रू स्पीरिट को हिंदुस्तान की आजादी के अमृत महोत्सव में लाकर के खड़ा कर देंगे, आंखें मूंद ली जाएगी, चूटकी तक ली जाएगी, होगा, आप जितने भी अच्छे काम करेंगे कोई पब्लिसिटी नहीं मिलेगी,कोई हेडलाइन नहीं बनेगी। टीवी पर वो बात चमकेगी नहीं लेकिन, इस सब के बावजूद भी साथियों हमें अपने मार्ग पर डटे रहना विकास के मुद्दों पर टिके रहना है, देशहित के मुद्दों पर टिके रहना है। कभी न कभी मजबूरन उनको भी इन मुद्दों की सकारात्मक रूप में स्वीकृति देनी ही पड़ेगी। बस हम इस इकोसिस्टम के गब्बारों में उसको एड्रेस करने की कोशिश न करने लगें। साथियों, ऐसा करके ही इस अमृतकाल में हम देश की राजनीति को पूरी तरह विकास पर केंद्रित कर पाएंगे।

साथियो,


एक और कोशिश जो हम सब को करनी है, वो है ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा से जोड़ने की। करोड़ों की सदस्य संख्या हमारा गर्व बढ़ाती है, लेकिन हमें फिर भी रुकना नहीं है, हर क्षेत्र के लोग, हर समाज के लोग, हर कोई भाजपा को अपना माने, अपने सपनों का प्रतिबिंब भाजपा में देखे, अपने संकल्पों का सामर्थ्य भाजपा में देखे, भारतीय जनता पार्टी ऐसा वटवृक्ष हो, ऐसा गुलदस्ता हो कि समाज के हर व्यक्ति को उसमें अपने सपने नजर आए। साथियों हर किसी को जागरूक करना है, सिर्फ सदस्य ही नहीं बनाना है बल्कि राष्ट्रनीति के पथ पर चलने वाले कर्मठ युवा कार्यकर्ताओं को मंच देना है, अवसर देना है। जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रहा हो, ऐसे परिवारों को भी अवसर देना है। अगर मैं आज के युवाओं की भाषा में कहूं, तो जो भारत के समृद्ध भविष्य के कोड लिखने के लिए लालायित हैं, ऐसे हर युवा को हर बेटे-बेटी को हमें भाजपा के साथ जोड़ना है। हमें ये याद रखना है कि परिवारवाद की राजनीति में उस राजनीति से विश्वासघात खाने वाले देश के युवाओं का विश्वास सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही लौटा सकती है।

साथियो,


हम सभी जानते हैं कि आजादी के बाद से ही वंशवाद और परिवारवाद ने देश का कितना भयंकर नुकसान किया है। परिवारवादी पार्टियों ने देश में भ्रष्टाचार को, धांधली को, भाई-भतीजावाद को, इसी को आधार बनाकर देश का बहुत मूल्यवान समय बर्बाद किया है। ये परिवारवादी पार्टियां आज भी देश को पीछे ले जाने पर तुली हुई हैं। उनका सार्वजनिक जीवन परिवार से शुरू होता है और परिवार के लिए चलता है, परिवार की खातिर ही करता है। भाजपा को इन परिवारवादी पार्टियों से निरंतर मुकाबला करना है। लोकतंत्र के लिए ये सबसे घातक परंपरा है। अगर लोकतंत्र बचाना है, लोकतंत्र को सामर्थ्यवान बनाना है, लोकतंत्र को मूल्यनिष्ठ बनाना है, तो हमें ये वंशवाद, परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ अतिरिक्त संघर्ष करना ही है दोस्तों। इस अमृतकाल में देश को, हमारा यह भी संकल्प है कि देश को लोकतांत्रिक मूल्यों से जरा भी हटने नहीं देंगे। लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वंशवादी, परिवारवादी शक्तियों को देश की जनता नकार दें, देश की जनता का हम विश्वास जीतेंगे। और साथियों अपने इस प्रयास में हमें भारतीय जनता पार्टी में लोकतांत्रिक मूल्यों की जो मर्यादित परंपरा है मजबूत नींव है उसे निरंतर मजबूत करते ही रहना है।

साथियो,


अटल जी की एक प्रसिद्ध कविता की पंक्तियां हैं- अटल जी ने लिखा था… काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ… गीत नया गाता हूँ।.. ये अटल जी के व्यक्तित्व के साथ ही भाजपा की इतने वर्षों की तपस्या का सार भी है। साथियों ये भाजपा है यह ठहरा हुआ पानी नहीं है। भाजपा निरंतर प्रवाहमान है। हमने एक दल के रूप में खुद को लगातार evolve किया है, वंशवाद, परिवारवाद के कीचड़ में भी हमने कमल को खिलाया है, जो लोकतंत्र की मूलभूत पंखुड़ियों की तरह प्रकाशमान है। साथियों, नई चुनौतियों के साथ अपनी नीति-रणनीति हम निरंतर, जब भी जरूरत पड़ी, देश हित को आवश्यक मानकर हम आधुनिकता की ओर आगे बढ़ते हैं। और आज भाजपा ने सिर्फ नूतन को ही नहीं अपनाया, बल्कि पुरातन से निकले संस्कारों को भी उतना ही सम्मान दिया है। हमने अपने पूर्वजों की ज्ञानशक्ति पर भरोसा किया है। मैं आपको एक उदाहरण देना चाहता हूं। हम सब जानते हैं कि पूज्य महात्मा गांधी, बापू, आज़ाद भारत में स्वाबलंबन आधारित नीतियों को देखना चाहते थे। लेकिन दशकों तक सिर्फ गांधी जी का नाम ही लिया गया, काम बिल्कुल उनके विजन के विपरीत किया गया। वो देश में स्वाबलंबन चाहते थे, लेकिन भारत को पॉलिसी से लेकर प्रैक्टिस तक विदेशों पर निर्भर बना दिया गया। अब आज देश देख रहा है कि भाजपा सरकारों के समय स्थितियां कैसे बदल रही हैं। आज देश पहली बार आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चल पड़ा है। आज हर भारतीय लोकल के लिए वोकल हो रहा है, स्थानीय उत्पादों पर गर्व कर रहा है।

साथियो,


ये भाजपा ही है जिसने भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को पहली बार राष्ट्रीय स्वाभिमान से जोड़ा है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देना, हर क्षेत्रीय भाषा के प्रति हमारे कमिटमेंट को दिखाता है। भाजपा, भारतीय भाषाओं को भारतीयता की आत्मा मानती है और राष्ट्र के बेहतर भविष्य की कड़ी मानती है। इसका जिक्र आज मैं विशेष तौर पर इसलिए करना चाहता हूं, क्योंकि बीते कुछ समय से देश में भाषा के आधार पर नए विवाद खड़े करने की कोशिश की जा रही है। हमें इससे देशवासियों को निरंतर सतर्क करना है। भाजपा, भारत की हर भाषा में भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब देखती है, हर भाषा को पूजनीय मानती है।

साथियो,


आजादी का ये अमृतकाल, भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए कर्तव्यकाल की तरह है। हमें अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है। कर्तव्य पथ पर चलते हुए भारत, आने वाले वर्षों में उस उज्ज्वल भविष्य को प्राप्त करेगा, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। मुझे भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता पर पूरा भरोसा है, मुझे देश के प्रत्येक नागरिक पर पूरा भरोसा है। साथियों, दो दिन आप अनेक विषयों पर चर्चा करने वाले है, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरनीय नड्डा जी के मार्गदर्शन में नित नूतन विचारों से आगे बढ़ रही भारतीय जनता पार्टी न कभी रुकने का न कभी थकने का, न कभी चैन से बैठने का, चरैवेति… चरैवेति… चरैवेति के मंत्र को लेकर के ये दो दिन की चर्चा के बाद आप जब जाएंगे, जहां भी जाएंगे आप एक ऊर्जा का स्रोत बनकर के जाएंगे, ये मेरा पूरा विश्वास है। आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। और मैं आज रूबरू नहीं आ पाया, आपके बीच नहीं बैठ पाया, उसकी कसक मन में रखते हुए भी आप जो भी निर्णय करेंगे, जो भी योजना बनाएंगे, मैं भी एक कार्यकर्ता हूं, एक कार्यकर्ता के नाते, आप वहां जो भी निर्णय लेंगे, मैं अपने सर आंखों पर चढ़ा कर के मैं भी एक कार्यकर्ता के रूप में उन सब कामों में पूरी ताकत से जुड़ता रहूंगा। ये विश्वास देते हुए एक बार फिर शुभकामनाएं देते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.