मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान अर्जुन मेघवाल जी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाई अविनाश राय खन्ना जी, हनुमानगढ़ जिले के हमारे साथी भाई श्रीमान पटेल विश्नोई जी, हमारे साथी सांसद भाई निहाल चंद मेघवाल जी, हनुमानगढ़ नगर परिषद के सभापति श्रीमान राजकुमार हिसारिया जी, जिला प्रमुख श्रीमान कृष्ण चोटिया जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता और समाज सेवा को समर्पित हमारे सभी उम्मीदवार...हनुमानगढ़ से डॉ राम प्रताप जी...राम प्रताप जी आइए, नोहर से श्रीमान अभिषेक मटोरिया जी, पीलीबंगा से श्रीमान धर्मेंद्र मोची जी, संगरिया से श्रीमान गुरमीत सिंह शाहपीनी जी, सूरतगढ़ से श्रीमान रामप्रताप कासनिया जी, भादरा से श्रीमान संजीव गनीवाल जी...आप सबसे मेरा आग्रह है, दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके भारत मां की जय के आशीर्वाद के साथ इन सबको आशीर्वाद दीजिए...भारत माता की...जय...भारत माता की… जय...भारत माता की… जय! बहुत बहुत धन्यवाद।
भाइयो-बहनो, आज चार दिसंबर है। आज भारतीय नौसेना का दिवस है और मैं आज ये नौसेना दिवस पर ये वीरों की धरती से नौसेना को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। विराट समंदर में शौर्य और साहस का प्रतीक बनी हमारी नौसेना हमारे देश की आन-बान और शान है। भाइयो-बहनो, कोई कल्पना कर सकता है कि ये मरुभूमि, ये रेगिस्तान जहां पानी कल्पना के परे होता है, समंदर तो यहां से बहुत दूर की बात है...लेकिन जो पुरुषार्थी होते हैं...वो जो शौर्यवान होते हैं...जो संकल्पवान होते हैं...वो कैसे कमाल करते हैं, ये मरुभूमि ने करके दिखाया है। आज मैं गर्व के साथ कहना चाहूंगा कि जब हमारा देश नौसेना दिवस मना रहा है तब...भारतीय सेना का नेतृत्व इसी धरती के बेटे एडमिरल विजय सिंह शेखावत और एडमिरल माधवेंद्र सिंह जी ने नौसेना के प्रमुख के रूप में देश की सेवा की थी...जिनका समंदर से कोई दूर-दूर का भी नाता नहीं था, उसके बावजूद भी देश की नौसेना का नेतृत्व इस धरती ने किया था। इस मिट्टी को मैं नमन करता हूं, उन वीर माताओं को नमन करता हूं जिन्होंने ऐसे वीरों को जन्म दिया। भाइयो-बहनो, आज जब हम नौसेना का दिवस मना रहे हैं तो मैं देश की उन जांबाज बेटियों का भी बड़े गर्व के साथ उल्लेख करना चाहूंगा...हमारे देश में कुछ ऐसी बातें होती हैं...कुछ पल के लिए याद कर ली जाती हैं, बाद में उसे भुला दिया जाता है...समाज की अच्छी बातें, समाज का शौर्य, समाज का साहस, समाज की शक्ति, इसका बार-बार स्मरण करते रहना चाहिए, पीढ़ी दर पीढ़ी स्मरण करते रहना चाहिए और तभी तो इतिहास में से नई ऊर्जा मिलती है, नई प्रेरणा मिलती है, नई शक्ति मिलती है। भाइयो-बहनो, हमारी नौसेना की छह बेटियों ने दुनिया के अंदर कमाल करके दिखाया...20, 22, 25, 27, 30 साल की बेटियां मेक इन इंडिया के तहत बनी एक छोटी सी नाव लेकर के निकल पड़ीं। आज पूरे विश्व का समुद्री मार्ग से भ्रमण करके, विश्व में हिंदुस्तान का झंडा गाड़ करके ये हमारी छह बेटियां लौट आईं। बड़ा कठिन काम करीब-करीब साल भर समंदर के साथ लोहा लेके चलते रहना...छोटी सी नाव, कोई आधुनिक मशीन नहीं, पतवार से चलने वाली नाव... कौन हिंदुस्तानी गर्व नहीं करेगा, मेरी नौसेना की इन छह बेटियों के लिए। आइए, भाइयो-बहनो, इन छह बेटियों के लिए, हमारी नौसेना के लिए जोर से ताली बजाकर के भारत मां की जय बोलकर के उनका गौरवगान करें। भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!
भाइयो-बहनो, आज जब मैं...हनुमानगढ़ हो, गंगानगर हो...एक प्रकार से गुरुओं के आशीर्वाद की इस धरती पर आया हूं तब मेरा मन बड़ा गर्व से पुलकित हो उठता है, मेरा माथा इस गुरु परंपरा के सामने झुक जाता है। भाइयो-बहनो, मैं हैरान हूं। सत्ता का मोह तो हम समझ सकते हैं लेकिन सत्ता के मोह में संतुलन भी खो जाए...राजगद्दी कब मिल जाए...जितनी जल्दी मिल जाए, इस मोह में कैसी-कैसी गलतियां हुई हैं, जिन गलतियों को आज हमें भुगतना पड़ रहा है। भाइयो-बहनो, सन ‘47 में देश जब आजाद हुआ, भारत का विभाजन हुआ, राजगद्दी पर बैठने की इतनी जल्दबाजी थी कि बारीकी से देखा भी नहीं गया कि भारत विभाजन होने के बाद…और वो भी संप्रदाय के नाम पर विभाजन हुआ था...मुसलमान को इस्लाम के नाम पर अलग देश चाहिए था...उनका एजेंडा साफ था लेकिन उस समय जो नीति निर्धारक थे कांग्रेस के नेतृत्व में, इन कांग्रेस वालों ने ऐसी गलतियां की हैं... विभाजन हुआ लेकिन उसमें भी जो गलतियां हुईं और उसी का नतीजा है कि गुरु नानक देव जी उनकी कर्मभूमि, साधना भूमि, सेवा भूमि करतापुर साहिब वो पाकिस्तान में चला गया। थोड़ी सी समझदारी होती उस समय के नेताओं में थोड़ी सी संवेदनशीलता होती, उनको गंभीरता होती कि हिंदुस्तान के जीवन में गुरु नानक देव का स्थान क्या है, तो भाइयो-बहनो, तीन किलोमीटर की दूरी पर हमारा करतारपुर हमसे बिछड़ न जाता, हमें दूर नहीं कर देता भाइयो-बहनो। गुरु नानक देव साहब को हमसे अलग नहीं कर सकता, लेकिन ये कांग्रेस पार्टी की सोचने की क्षमता का अभाव, संवेदनशीलता का अभाव, राजगद्दी के सिवा कुछ दिखता नहीं था, सिख परंपरा के करोड़ों लोगों की भावनाओं का उनको अंदाज नहीं था और दुर्भाग्य से गुरु नानक देव जी के साथ जुड़ा हुआ करतारपुर पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। कोई भी हिंदुस्तानी सीमा के इस पार से जब दूर देखता है, गुरु नानक देव जी का स्थान...उसके मन में कसक रहती है कि वो कौन सा दुर्भाग्य है कि मैं इस पवित्र धरती पर जाकर के मत्था नहीं टेक पाता हूं।
भाइयो-बहनो, 70 साल तक कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही...लड़ाइयां भी लड़ी, लड़ाइयां जीती भी, लाहौर से झंडा फहराने की बात हुई, बहुत कुछ...बड़ी-बड़ी बातें हुईं लेकिन गुरु नानक देव के चरणों में मत्था टेकने का प्रबंध नहीं हुआ। आज जब मैं मानवता का संदेश जहां से गुरु गोविंद ने दिया, उस गंगानगर और हनुमानगढ़ के इलाके में आया हूं, तब बड़ी विनम्रता के साथ सर झुकाकर के और सबसे पहले गुरु परंपराओं की क्षमा मांगकर के कि हमारे देश में 70 साल तक ऐसे लोग रहे कि उन्होंने जिस बात की उपेक्षा की...कि ये गुरु परंपरा का आशीर्वाद है कि मेरे हाथों एक पवित्र काम आया और करतारपुर कॉरिडोर बनाने का निर्णय कर लिया। कैबिनेट ने निर्णय कर लिया। अब 365 दिन जब वो कॉरिडोर बन जाएगा तो मेरा कोई भी गुरु परंपरा को श्रद्धा रखने वाला, गुरु ग्रंथ साहिब के सामने सर झुकाने वाला कोई भी हिंदुस्तानी आराम से करतारपुर चला जाएगा...गुरु नानक देव जी के स्थान पे मत्था टेक कर के लौट आएगा।
ये कांग्रेस वालों को पूछना चाहिए क्यों आपको सन ‘47 में करतारपुर हिंदुस्तान में होना चाहिए…ये आपको याद क्यों नहीं आया, इतनी बड़ी गलती आपने क्यों की, इतना बड़ा अन्याय आपने क्यों किया? भाइयो-बहनो, मैं तो हर दिन देख रहा हूं, उनकी हर बड़ी गलती को ठीक करने का मेरे ही नसीब में आया है। वो जो-जो बुरा करके गए उसको ठीक करना मेरे नसीब में ही आया है…और मेरा नसीब…मेरा नसीब मेरे हाथ की लकीरों ने नहीं बनाया है, मेरा नसीब सवा सौ करोड़ देशवासियों के हाथ में है। आज अगर मैं कुछ कर पा रहा हूं…अगर करतारपुर कॉरिडोर बनता है...हम आराम से गुरु नानक देव जी के पास मत्था टेकने के लिए जा सकते हैं, तो इसका क्रेडिट किसको है... इसका क्रेडिट किसको है... आप करतारपुर जा पाएंगे इसका क्रेडिट किसको है... किसको है... किसको है... किसको है... किसको है... जी नहीं...आप गलती कर रहे हैं...इसका क्रेडिट मोदी को नहीं है। ये करतारपुर कॉरिडोर बनने की ताकत इसलिए आई, इसलिए संभव हुआ...कि गुरु नानक देव जी के चरणों में मत्था टेकना इसलिए संभव हुआ...कि ये ताकत मोदी नहीं है ये ताकत आपका वोट है...आपका वोट है। अगर आपने उस समय भी वोट किसी गलत को दबा दिया होता, तो ये करतारपुर का कॉरिडोर नहीं बनता... आपने सही जगह पर, कमल के निशान पर उंगली दबाई...इसके कारण वो दरवाजा खुल गया है। ताकत आपके वोट की है।
भाइयो-बहनो, लोगों को लगता है कि हम वोट देकर के क्या करते हैं और गलती वहीं से हो जाती है। हमें लगता है कि हम वोट देते हैं एमएलए बनाने के लिए, हमें लगता है कि हम वोट देते हैं किसी पार्टी को जिताने के लिए, हमें लगता है कि हम वोट देते हैं किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए, हमें लगता है कि हम वोट देते हैं किसी को जिताने के लिए या किसी को हराने के लिए। आप अपने वोट की कीमत इतनी कम मत आंकिए, आपके वोट की कीमत इतनी कम नहीं है। आपको कल्पना है आप क्या कर सकते हैं? आप मुझे बताइए, हमारे इस क्षेत्र में हमलोग, हम किसान पानी के लिए तरसते थे कि नहीं तरसते थे...पानी की जरूरत थी कि नहीं थी...हम बार-बार पंजाब से झगड़ा करते थे कि नहीं करते थे कि हमें पानी मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए...करते थे कि नहीं करते थे? सरकारें थीं कि नहीं थीं? कांग्रेस वाले राज करते थे कि नहीं करते थे, नहर थी कि नहीं थी, पंजाब में सरकार थी कि नहीं थी, राजस्थान में सरकार थी कि नहीं थी? सब कुछ था, पानी नहीं था। क्यों... क्योंकि सरकार क्यों होती है, लोग सरकार क्यों बनाते हैं…ये सरकार में बैठे हुए लोगों को भी ऐसा लगता है… कि बस मौज करो। भाइयो-बहनो, आपने एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया है, आपने एक ऐसे व्यक्ति को वोट दिया है, वो जीता है सिर्फ आपके लिए, वो जागता है सिर्फ आपके लिए, वो जूझता है सिर्फ आपके लिए और अगर वो झुकता भी है, तो सिर्फ और सिर्फ आपके लिए।
भाइयो-बहनो, हमारा सरहिंद फीडर और हमारा राजस्थान फीडर…यहां लोग मांग करते थे…पानी मिले…पंजाब कहता था पानी है नहीं, कहां से देंगे लेकिन मुसीबत पानी की नहीं थी, मुसीबत दिमाग की थी। सीधी-सीधी बात थी कि नहर कच्ची है...टूटी-फूटी है...सीपेज हो रहा है...पानी जा नहीं रहा है...पानी बेकार जा रहा... अगर इतना सा रास्ता निकाल दें, तो मेरा पंजाब भी खुश...मेरा राजस्थान भी खुश...मेरा गंगानगर भी खुश...मेरा हनुमानगढ़ भी खुश! और हमने सरहिंद फीडर...राजस्थान फीडर...भाइयो-बहनो, करीब-करीब दो हजार करोड़ रुपये की लागत से इस नहर को पक्का करने का काम शुरू किया। अब सीपेज बंद होगा और करीब-करीब 800 क्यूसेक से ज्यादा अतिरिक्त पानी ये आपके खेतों में ले आएंगे भाइयो-बहनो। बताइए भाइयो-बहनो, ये पानी का काम कौन कर रहा है... ये पानी का काम कौन कर रहा है...आपके पानी की मांग कौन पूरी कर रहा है...ये नहरों में पानी कैसे लाया जा रहा है...फिर से गलती कर दी...ये सरहिंद फीडर को ठीक करना, ये राजस्थान फीडर को ठीक करना...ये मोदी नहीं कर रहा है, ये आपका एक वोट कर रहा है...आपका वोट कर रहा है। वोट सही जगह पड़ता है तो सिर्फ एमएलए, एमपी नहीं बनता है, सिर्फ सरकार नहीं बनती है...अगर सही जगह पर वोट होता है, तो आपका सही काम होता है आपका भाग्य बदलता है...और इसलिए भाइयो-बहनो, मैं आज आपके पास आया हूं सही काम करने के लिए, हमें आपकी मदद चाहिए, आपका आशीर्वाद चाहिए।
आप जरा पांच साल पहले के अखबार निकाल दीजिए...अखबार में हेडलाइन क्या हुआ करती थी...2013-14 के अखबार निकाल लीजिए...अखबार के ऊपर सबसे पहले क्या लिखकर के आता था...आज कोयले में इतना घोटाला हुआ...इतना लाख करोड़ चला गया...आता था कि नहीं आता था? कभी आता था टूजी का घोटाला किया…आता था कि नहीं आता था? कभी आता था पनडुब्बी में घोटाला किया...आता था कि नहीं आता था? इसने चोरी की, इसने लूट लिया, इसने खा लिया…यही खबरें आती थीं कि नहीं आती थीं...चारों तरफ यही चर्चा थी कि नहीं थी? आज पांच साल हो गए मेरे भाइयो-बहनो, ऐसी एक खबर आपको पढ़ने को मिली है क्या...एक खबर पढ़ने को मिली है? आप मुझे बताइए देश के पैसे जो लुटते चले जाते थे वो बंद हो गया नहीं हो गया...बंद हुआ कि नहीं हुआ...वो पैसे बच गए कि नहीं बच गए? लाखों-करोड़ों रुपये चोरी होने से रुक गए कि नहीं रुक गए? किसने रोके…किसने रोके...अरे किसने रोके ..किसने रोके बताइए... अरे मोदी ने नहीं रोके हैं ये तो आपके एक वोट ने रोके हैं...आपके एक वोट ने। एक सामान्य गांव में मजदूरी करने वाला मतदाता अगर कोई उसको पूछे कि यार तूने तो बड़ा कमाल कर दिया…क्या कमाल कर दिया…अरे तूने तो देश के लाखों-करोड़ों रुपये बचा लिए…वो कहेगा साहब मैंने तो लाख होता क्या देखा नहीं है...मैं कौन होता हूं लाखों-करोड़ों बचाने वाला लेकिन जब उसको समझाओगे, तो उसको लगेगा...हां मेरे वोट की ताकत इतनी है कि मैं देश के चोरी होने वाले लाखों-करोड़ों रुपये बचा लेता हूं...भाइयो-बहनो, ये काम होता है।
भाइयो-बहनो, ये आए दिन पाकिस्तान वाले तू-तू, मैं-मैं करते रहते थे। कभी चोरी-छुपी से हमारी सेना के कैंप में जाकर के बम फोड़कर के लोगों को मार करके भाग जाते थे...अब उनकी आदत हो गई थी...और उनको पिछले 70 साल से ऐसी सरकारें थीं कि मारो और भाग जाओ...कुछ होने वाला नहीं है। भाइयो-बहनो, सेना तो पहले भी थी, थी कि नहीं थी...सेना पहले भी थी कि नहीं थी... वीरता पहले भी थी कि नहीं थी...वीर जवान थे कि नहीं थे? बलिदान देने वाले मेरे देश के जवान हैं कि नहीं हैं...उनके पास शस्त्र है कि नहीं है? सब कुछ है, सेना भी है, जवान भी है, जीजान से जूझने की ताकत भी है…दुश्मन भी सामने बैठा है लेकिन होता क्या था…आज इतने मरे, आज इतने मरे...यही खबर आती कि नहीं आती थी? भाइयो-बहनो, सर्जिकल स्ट्राइक करके दिखाया कैसे जवाब दिया जाता है। भाइयो-बहनो, ये सर्जिकल स्ट्राइक ने हिंदुस्तान की सेना की ताकत दिखाई कि नहीं दिखाई...वीरों का सामर्थ्य दिखाया कि नहीं दिखाया... हमारी सेना सामर्थ्यवान है ये तय हुआ कि नहीं हुआ? भाइयो-बहनो, ये सर्जिकल स्ट्राइक किसने की...ये सर्जिकल स्ट्राइक किसने की...ये पाकिस्तान को जवाब करारा किसने दिया...ये पाकिस्तान का मुंह किसने बंद किया...ये पाकिस्तान की हेकड़ी कम कैसे हुई...भाइयो-बहनो, फिर मैं कह रहा हूं, गलती कर रहे हो, मोदी ने नहीं किया...ये मोदी नहीं किया... ये जो कुछ भी हुआ, सर्जिकल स्ट्राइक हुआ ये वीरों वाला शौर्य आया...ये ताकत आपके वोट की है। ये आपके वोट की ताकत है कि ये काम कर पाती है।
भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए, ये हमारा किसान...भारत के किसान की एक ताकत रही है। किसान कभी मांगने वाला नहीं होता, किसान अन्नदाता होता है...अब हम किसान को अन्नदाता से साक्षात ऊर्जादाता भी बनाना चाहते हैं। मेरे देश का किसान अन्नदाता भी है, अब वो ऊर्जादाता भी बनेगा। हम देश में सूर्यशक्ति की ऊर्जा का रिवॉल्यूशन ला रहे हैं। हम किसान को कह रहे हैं, तुम्हारे खेत के किनारे पर सोलर पैनल लगाओ, बिजली पैदा करो और पानी भी...बिजली का खर्चा मत करो...सोलर पंप से पानी उठाओ स्प्रिंकलर करो, ड्रिप इरिगेशन करो, आधुनिक खेती करो और पैसे बचाओ। भाइयो-बहनो, 28 लाख सोलर पंप किसानों को देने का हमने फैसला किया है। आने वाले समय में ये पहुंच जाएगा। इससे किसानों का बिजली बिल खत्म हो जाएगा, इतना ही नहीं, वो जो बिजली पैदा करेगा... अपने खेत में जितनी जरूरत है उससे ज्यादा बिजली होगी तो सरकार वो बिजली खरीद लेगी। किसान को बिजली का भी पैसा मिलेगा।
भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस वाले झूठ बोलकर के किसानों का अपमान करने में ऐसे माहिर हैं और ये नामदार...अगर नामदार को कोई कह दे कि हरी मिर्ची का किसान को कम पैसा मिलता है, लाल मिर्ची का ज्यादा मिलता है, तो वो भाषण दे देगा कि किसानों को हरी मिर्च की नहीं खेती करनी चाहिए, लाल मिर्च की खेती करनी चाहिए। जिसको हरी मिर्च की और लाल मिर्च की समझ नहीं है...जिसको ये ज्ञान नहीं है कि चने का पौधा होता है कि चने का पेड़ होता, अब वो हमें किसान की भाषा समझाने लगे हैं। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनो, कांग्रेस के जमाने में किसानों के घर सोने के थे क्या...जरा बताइए ना सोने के थे क्या, किसानों के घर चांदी के थे क्या...किसानों के घर के बाहर चार-चार ट्रैक्टर खड़े थे क्या...किसानों के घर के पास दो-दो मारुति खड़ी थी क्या…किसान हर छह महीने विदेशों में घूमने जाते थे क्या और मोदी ने आकर के बंद कर दिया सब क्या? ना-ना मोदी ने आकर के सब लूट लिया क्या...किसान का बंगला था, झोपड़ी हो गया...क्या झूठ बोल रहे हैं? अगर देश के किसानों की मुसीबत का कारण है तो ये आपके 70 साल के पापों का परिणाम है। हर सरकार को ये मुसीबत झेलनी पड़ी है...और मैं विश्वास से कहता हूं मेरे भाइयो-बहनो, अगर देश के पहले प्रधानमंत्री...अगर ये किसान का बेटा देश का पहला प्रधानमंत्री बना होता...सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बने होते तो मेरे देश के किसानों की ये दशा नहीं होती। एक परिवार की चार पीढ़ी जिनको ना खेत की समझ है, ना किसान की समझ है, उन्होंने ऐसी नीतियां बनाईं कि देश का मेरा किसान बर्बाद हो गया। इसके लिए जिम्मेवार आप लोग हैं...आप लोग हैं नामदार, आप और आपकी चार पीढ़ी जिम्मेवार है...जरा जवाब दीजिए।
भाइयो-बहनो, चुनाव आता है तो किसान के गीत गाते हैं। 2009 में चुनाव आया तो उन्होंने घोषणा की कि भारत सरकार किसानों का कर्ज माफ कर देगी और किसान ने भी मान लिया कि हां यार ये तो करो...बाकी ठीक है...सरकार आए-जाए...कम से कम हमारा तो हो जाएगा...किसान उस बात में आ गया और इन लोगों ने किसान के साथ कैसा धोखा किया। आज मेरे किसान भाई- बहन चौंक जाएंगे...ये कितना झूठ बोलते हैं, कितना झूठ करते हैं! राजगद्दी पाने के लिए कैसे कैसे पाप करते हैं और मेरे देश के भले-भोले किसानों के साथ किया ऐसा। 2008 में उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करेंगे ऐसा करके वोट बटोर लिए। उस समय देश के किसानों का कर्ज था छह लाख करोड़ रुपया...कितना था...जरा बताइए कितना था... उन्होंने कर्ज माफी कहा तो छह लाख करोड़ माफ होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए था...छह लाख करोड़ माफ होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था? उन्होंने किया क्या...ये झूठ कितना बोला भाई...छह लाख करोड़ के सामने 58 हजार करोड़ रुपया सिर्फ माफ किया। छह लाख करोड़ के सामने 58 हजार करोड़…और राजगद्दी पर बैठ गए और मैडम ने रिमोट कंट्रोल से पांच साल चला भी लिया! इतना ही नहीं जब सीएजी ने रिपोर्ट निकाली तो सीएजी ने रिपोर्ट निकालके कहा कि ये जो आपने 58 हजार करोड़ रुपया बांटा है, उसमें 35 लाख ऐसे लोगों को पैसा गया है जिनका न किसानी से लेना-देना है, ना कर्ज से लेना-देना है, ये कांग्रेस की मिलीभगत वाले लोगों के पैसे आ गए हैं, ये किसानों को नहीं मिले हैं। भाइयो-बहनो, इस प्रकार से झूठ बोला...झूठ करना और झूठे वादे करने वाली कांग्रेस पर कोई किसान भरोसा करेगा क्या? कोई किसान भरोसा करेगा?
अभी कर्नाटक में चुनाव हार गए। किसानों का कर्जमाफी करने का वादा किया था, उसके बाद भी उनकी आधी संख्या हो गई। आधी से कम हो गई। जनता ने उनको नकार दिया, तो पिछले दरवाजे से देवेगौड़ा जी को गले लगाकर के बैठ गए। बैठ गए तो लोगों ने कहा...कर्ज माफी करने के लिए कहा था...लाओ। आप हैरान हो जाएंगे...कर्जमाफी का वादा किया था...जनता ने उसके बाद भी उनको हरा दिया था...किसानों ने उनको नकार दिया था लेकिन पिछले दरवाजे से सरकार बना ली, तो लोगों ने कहा बेटा लाओ अब, बोले थे ना लाओ, लाओ...अब जब मांग रहा है तो ये वारंट निकाल रहे हैं... किसानों को जेल में भर रहे हैं। क्या ऐसी कांग्रेस पर भरोसा करोगे क्या...ऐसी कांग्रेस पर भरोसा करोगे क्या?
भाइयो-बहनो, आपने देखा होगा, चुनाव किस तेजी से रंग बदल रहा है। आज तेज गति से चुनाव रंग बदल रहा है। एक साल से चल रहा था...एक साल से...कांग्रेस वालों ने पहले चलाया...भाई यहां तो कुछ करने की जरूरत नहीं है। यहां की जनता हर पांच साल में बदल देती है...हर पांच साल में बदल देती है। और ऐसे ही हवा बना दी कि हमारे यहां तो नियम है अगले पांच साल दूसरी सरकार। लोगों के गले उतरने लगा। लेकिन सच्चाई ये थी कि यही राजस्थान है, जिसने भैंरो जी को दुबारा सरकार बनाने का सौभाग्य दिया था... जब ये बात बाहर आने लगी कि नहीं-नहीं भाई, दोबारा भी सरकार बन सकती है तो फिर कांग्रेस वाले सोचने लगे, कुछ नया झूठ चलाओ भाई। तो फिर वो सट्टा बाजार, सर्वे वाले ऐसे-ऐसे आंकड़े निकलवाए कि ऐसे-ऐसे आंकड़े निकलवाए कि भाजपा का तो कोई मेल ही नहीं है...20 भी नहीं आएगी, 21 भी नहीं आएगी, 40 भी नहीं आएगी, भाजपा की तो हार पक्की है। लेकिन जैसे-जैसे चुनाव पास में आ गया, फिर कहने लगे नहीं जीत तो सकते हैं...नहीं जीत तो सकते हैं। कांग्रेस जीत तो सकती है। फिर थोड़े दिन में टिकट बंटने लगी तो फिर मामला बिगड़ गया। अब उन्हीं के राग दरबारी आजकल लिख रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी को जीती हुई बाजी हारने में कितनी महारत है ये राजस्थान ने दिखा दिया।
उनके राग दरबारी जो चौबीसों घंटे उनके गीत गाते रहते हैं, उन्हीं के लिए जीते-मरते हैं, दुनिया की कोई सच्चाई स्वीकार नहीं करते हैं, पूरी तरह उनके यहां गिरवी रखे हुए हैं, ये लोग दो महीने पहले राजस्थान में कांग्रेस का जय-जयकार होने वाला है...ये कहने वाले आज कांग्रेस के नेताओं को गाली दे रहे हैं कि तुमलोगों ने जीती हुई बाजी हार दी...जीती हुई बाजी हार दी। अरे दिल्ली के एयर कंडीशंड कमरों में बैठकर के खेल खेलने वालों, ये जीती हुई बाजी हारी नहीं है, ये जनता-जनार्दन ने बाजी जीत ली है भाइयो। भारतीय जनता पार्टी के प्रति उनका प्रेम-विश्वास, विकास के प्रति उनका प्रेम और विश्वास ये आज खुलकर के नजर आ रहा है।
मैं राजस्थान में जहां गया हूं...मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि इतने सवेरे ऐसी रैली हो...मैं पूरा रोड भरा पड़ा देख रहा हूं। अरे दिल्ली मैं बैठे हुए सिर्फ इसका नजारा देख लें ना, तो भी पता चल जाएगा कि हवा का रुख किधर है। कोई दुविधा नहीं है। विजय निश्चित है। कोई दुविधा नहीं है..भारतीय जनता पार्टी की विजय निश्चित है। अब राजस्थान की जनता को विकास चाहिए अब राजस्थान की जनता को नया राजस्थान चाहिए और राजस्थान की जनता को भरोसा है कि दिल्ली में मोदी और राजस्थान में वसुंधरा जी मिलकर के राजस्थान का नया भविष्य बना सकते हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं, एक भी कांग्रेसी को जीतने मत दीजिए, ये झूठ बोलने वालों को जीतने मत दीजिए। उनको ऐसी सजा करो...ऐसी सजा करो ताकि वो जमीन पर आकर के जनता का सच्चा काम करें। इसी एक अपेक्षा के साथ आपने जो आशीर्वाद दिए...इतनी बड़ी तादाद में आकर के आशीर्वाद दिए...भाइयो-बहनो, ये ऐतिहासिक दिवस है मेरे लिए, आपका ये आशीर्वाद ये बहुत बड़ी शक्ति है। मैं फिर एक बार सर झुकाकर के आपका नमन करता हूं। मेरे साथ बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की... जय...भारत माता की जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।