QuoteKargil victory was the victory of bravery of our sons and daughters. It was victory of India's strength and patience: PM
QuoteIn Kargil, India defeated Pakistan's treachery: PM Modi
QuoteIn the last 5 years, we have undertaken numerous important steps for welfare of our Jawans and their families: PM Modi
QuoteAll humanitarian forces must unite to counter the menace of terrorism: PM Modi

रक्षामंत्री, श्रीमान राजनाथ सिंह जी; राज्‍य रक्षामंत्री श्रीपद नायक जी; तीनों सेनाओं के प्रमुख, दूसरे वरिष्‍ठ अधिकारीगण, करगिल के पराक्रमी सेनानी और उनके परिजन, यहाँ उपस्थित अन्‍यमहानुभाव और मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

करगिल विजय दिवस के इस अवसर पर आज हर देशवासी शौर्य और राष्‍ट्र के लिए समर्पण की एक प्रेरणादायक गाथा को स्‍मरण कर रहा है। आज के इस अवसर पर मैं उन सभी शूरवीरों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ, जिन्‍होंने करगिल की चोटियों से तिरंगे को उतारने के षडयंत्र को असफल किया। अपना रक्‍त बहाकर जिन्‍होंने सर्वस्‍व न्‍योच्‍छावर किया, उन शहीदों को, उनको जन्‍म देने वाली वीर माताओं को भी मैं नमन करता हूँ। करगिल सहित जम्‍मू-कश्‍मीर के सभी नागरिकों का अभिनंदन, जिन्‍होंने राष्‍ट्र के प्रति अपने दायित्‍वों को निभाया।

साथियो, 20 वर्ष पहले करगिल की चोटियों पर जो विजय-गाथा लिखी गई, वो हमारी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी और उसी प्रेरणा से बीते दो-तीन हफ्तों से देश के अलग-अलग हिस्‍सों में विजय दिवस से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। देश के सारे military stations से लेकर सीमावर्ती इलाकों, तटीय इलाकों में भी अनेक कार्यक्रम हुए हैं।

थोड़ी देर पहले यहाँ पर भी हमारे सपूतों के उस शौर्य की याद ताजा की गई। और आज की इस प्रस्‍तुति में अनुशासन, कठोर परिश्रम, वीरता, त्‍याग और बलिदान की परम्‍परा, संकल्‍प भी था और संवेदनाओं से भरे हुए पल भी थे। कभी वीरता और पराक्रम का दृश्‍य देख करके तालियाँ गूँज उठती थी, तो कभी उस माँ को देख करके हर किसी की आँख में से आँसू बह रहे थे1 ये शाम उत्‍साह भी भरती है, विजय का विश्‍वास भी भरती है और त्‍याग और तपस्‍या के प्रति सिर झुकाने के लिए मजबूर भी करती है।

भाइयो और बहनों, करगिल में विजय भारत के वीर बेटे-बेटियों के अदम्‍य साहस की जीत थी; करगिल में विजय भारत के संकल्‍पों की जीत थी; करगिल में विजय भारत के सामर्थ्‍य और संयम की जीत थी; करगिल में विजय भारत की मर्यादा और अनुशासन की जीत थी; करगिल में विजय प्रत्‍येक देशवासी की उम्‍मीदों और कर्तव्‍यपरायणता की जीत थी।

|

साथियो, युद्ध सरकारें नहीं लड़तीं, युद्ध पूरा देश लड़ता है। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश के लिए जो जीने और मरने की परवाह नहीं करते, वो अजर-अमर होते हैं। सैनिक आज के साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए अपना जीवन बलिदान करते हैं। हमारा आने वाला कल सुरक्षित रहे, इसलिए वो अपना आज स्‍वाहा कर देता है। सैनिक जिंदगी औरमौत में भेद नहीं करते, उनके लिए तो कर्तव्‍य ही सब कुछ होता है। देश के पराक्रम से जुड़े इन जवानों का जीवन सरकारों के कार्यकाल से बंधा नहीं होता। शासक और प्रशासक कोई भी हो सकता है, परंतु पराक्रमी और उनके पराक्रम पर हर हिन्‍दुस्‍तानी का हक होता है।

भाइयो और बहनों, 2014 में मुझे शपथ लेने के कुछ ही महीने के बाद करगिल जाने का अवसर मिला था। वैसे मैं 20 साल पहले करगिल तब भी गया था जब युद्ध अपने चरम पर था। दुश्‍मन ऊँची चोटियों पर बैठ करके अपने खेल खेल रहा था। मौत सामने थी फिर भी हर हमारा जवान तिरंगा लेकर सबसे पहले घाटी तक पहुँचना चाहता था। एक साधारण नागरिक के नाते मैंने मोर्चे पर जुटे अपने सैनिकों के शौर्य को उस मिट्टी में जा करके नमन किया था। करगिल विजय का स्‍थल मेरे लिए तीर्थ स्‍थल की अनुभूति करा रहा था।

|

साथियो, युद्ध भूमि में तो जो माहौल था वो था, पूरा देश अपने सैनिकों के साथ खड़ा हो गया था, नौजवान रक्‍तदान के लिए कतारों में खड़े हो गए थे, बच्‍चों ने अपने गुल्‍लक वीर जवानों के‍ लिए खोल दिए थे, तोड़ दिए थे। इसी दौर में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देशवासियों को एक भरोसा दिलाया था। उन्‍होंने कहा था कि जिस देश लिए जान देते हैं, हम उनकी जीवन भर देखभाल भी न कर सकें तो मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्‍य का पालन करने के अधिकारी नहीं समझे जाएंगे।

मुझे संतोष है कि अटलजी के उस भरोसे को आप सभी के आशीर्वाद से हम मजबूत करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। बीते पाँच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्‍याण से जुड़े अनेक महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था, उस one rank one pension को लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया।

इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्‍चों की scholarship बढ़ाने का किया गया। इसके अलावा National War Memorial भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा है। कई दशकों से उसका भी इंतजार था, उस इंतजार को भी समाप्‍त करने का सौभाग्‍य आप सबने हमें दिया।

|

भाइयो और बहनों, पाकिस्‍तान शुरू से ही कश्‍मीर को लेकर छल करता रहा। 1948में, 1965 में, 1971 में, उसने यही किया। लेकिन 1999में उसका छल, पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई। उसके छल को हमने छलने नहीं दिया।उस समय अटलजी ने कहा था,‘हमारे पड़ोसी को लगता था कि करगिल को लेकर भारत प्रतिरोध करेगा, विरोध प्रकट करेगा और तनाव से दुनिया डर जाएगी। हस्‍तक्षेप करने के लिए, पंचायत करने के लिए कुछ लोग कूद पड़ेंगे और एक नई रेखा खींचने में वो सफल होंगे। लेकिन हम जवाब देंगे, प्रभावशाली जवाब देंगे, इसकी उम्‍मीद उनकों नहीं थी।‘

साथियो, रोने-गिड़गिड़ाने के बजाय प्रभावी जवाब देने का यही रणनीतिक बदलाव दुश्‍मन पर भारी पड़ गया। इससे पहले अटलजी की सरकार ने पड़ोसी के साथ जो शांति की पहल की थी, उसके कारण ही दुनिया का नजरिया बदलने लगा था।वो देश भी हमारे पक्ष को समझने लगे थे, जो पहले हमारे पड़ोसी की हरकतों पर आँख मूँदे हुए थे।

भाइयो और बहनों, भारत का इतिहास गवाह है‍ कि भारत कभी आक्रांता नहीं रहा। मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण- ये हमारे संस्‍कारों में है। हमारा देश इसी नीति पर चला है। भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है तो सारे विश्‍व में मानवता और शांति के रक्षक की भी है।

जब मैं इजरायल जाता हूँ तो वहाँ के नेता मुझे वो तस्‍वीर दिखाते हैं जिसमें भारत के सिपाहियों ने हाइफा को मुक्‍त कराया। जब मैं फ्रांस जाता हूँ तो वहाँ का स्‍मारक विश्‍वयुद्ध के समय भारतीयों के बलिदान की गाथा गाता है।

विश्‍वयुद्ध में पूरी मानवता के लिए एक लाख से ज्‍यादा भारतीय जवानों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता और विश्‍व ये भी नहीं भूल सकता कि संयुक्‍त राष्‍ट्र पीस कीपिंग मिशन में सर्वोच्‍च बलिदान देने वालों की सबसे बड़ी संख्‍या भारतीय सैनिकों की ही है।प्राकृतिक आपदाओं में सेना के समर्पण और सेवा की भावना, संवेदनशील भूमिका और जन-जन तक पहुँचने की क्षमता ने साल-दर-साल हर भारतीय का दिल छुआ है।

|

साथियो, हमारे शूरवीर, हमारी पराक्रमी सेना परम्‍परागत युद्ध में पारंगत है। लेकिन आज पूरा विश्‍व जिस स्थिति से गुजर रहा है उसमें युद्ध का रूप बदल गया है। आज विश्‍व, आज मानवजात छद्म युद्ध का शिकार है, जिसमें आतंकवाद पूरी मानवता को एक बहुत बड़ी चुनौती दे रहा है। अपनी-अपनी साजिशों में युद्ध में पराजित कुछ लोग छद्म युद्ध के सहारे अपना राजनीतिक मकसद पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।

आज समय की मांग है कि मानवता में विश्‍वास रखने वाली सभी शक्तियाँ सशस्‍त्र बलों के साथ समर्थन में खड़ी हों, तभी आतंकवाद का प्रभावी तौर पर मुकाबला किया जा सकता है।

भाइयो और बहनों, आज की लड़ाईयां अंतरिक्ष तक पहुँच गई हैं और साइबर वर्ल्‍ड में भी लड़ी जाती हैं। इसलिए सेना को आधुनिक बनाना, हमारी आवश्‍यकता है, हमारी प्राथमिकता भी है। आधुनिकता हमारी सेना की पहचान बननी चाहिए। जल हो, थल हो, नभ हो, हमारी सेना अपने-अपने क्षेत्र में उच्‍चतम शिखर को प्राप्‍त करने का सामर्थ्‍य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है।

राष्‍ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव में और न ही किसी अभाव में। चाहे ‘अरिहंत’ के जरिए परमाणु त्रिकोण की स्‍थापना हो या फिर ‘A-SAT’ परीक्षण, भविष्‍य की रक्षा जरूरतों, अपने संसाधनों की सुरक्षा के लिए दबावों की परवाह किए बिना हमने कदम उठाए हैं और उठाते रहेंगे।

गहरे समंदर से लेकर असीम अंतरिक्ष तक, जहाँ-जहाँ भी भारत के हितों की सुरक्षा की आवश्‍यकता होगी; भारत अपने सामर्थ्‍य का भरपूर उपयोग करेगा। इसी सोच के साथ देश में सेना के आधुनिकीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है।

|

आधुनिक राइफलों से लेकर टैंक, तोप और लड़ाकू विमान तक, हम भारत में तेजी से बना रहे हैं। डिफेंस में मेक इन इंडिया के लिए प्राइवेट सेक्‍टर की अधिक भागीदारी और विदेशी निवेश के लिए भी हमने प्रयास तेज किए हैं। जरूरत के मुताबिक आधुनिक अस्‍त्र-शस्‍त्र भी मँगवाए जा रहे हैं।

आने वाले समय में हमारी सेना को दुनिया का आधुनिकतम साजो-सामान मिलने वाला है। लेकिन साथियो, सेना के प्रभावी होने के‍ लिए आधुनिकता के साथ ही एक और बात महत्‍वपूर्ण है। ये है jointness. चाहे वर्दी किसी भी तरह की हो, उसका रंग कोई भी हो, कोई भी पहने, लेकिन मकसद एक ही होता है; मन एक ही होता है। जैसे हमारे देश के झंडे में तीन अलग-अलग रंग हैं, लेकिन वो तीन रंग एक साथ होकर जो झंडा बनता है, जो जीने-मरने की प्रेरणा देता है। उसी तरह हमारी सेना के तीनों अंगों को आधुनिक सामर्थ्‍यवान होने के साथ ही व्‍यवहार और व्‍यवस्‍था में आपस में जुड़ना, ये समय की मांग है।

साथियो, सेना के सशक्तिकरण के साथ-साथ हम सीमा से सटे हुए गाँवों को भी राष्‍ट्र की सुरक्षा और विकास में भागीदार बना रहे हैं। चाहे दूसरे देशों से लगी हमारी सरहद हो या फिर समुद्री तट पर बसे गाँव, infrastructure को मजबूत किया जा रहा है। हमें ये भलीभाँति एहसास है कि सीमा पर बसें गाँवों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुश्किल परिस्थितियों के कारण सीमा पर बसे लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है।

इस स्थिति को बदलने के लिए बीते पाँच वर्ष मेंBorder Area Development Programको सशक्‍त किया गया। देश के 17 राज्‍यों को साढ़े चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद इसी एक काम के लिए दी गई है।

जम्‍मू–कश्‍मीर में अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से सटे लोगों को आरक्षण- ये भी इसी कड़ी में लिया गया एक अहम फैसला है। मुझे पूरा विश्‍वास है कि देश के हर नागरिक और अपने शूरवीरों के साझा प्रयासों से देश की सुरक्षा अभेद्य है और अभेद्य रहेगी।जब देश सुरक्षित होगा, तभी विकास की नई ऊँचाइयों को छू पाएगा। लेकिन राष्‍ट्र निर्माण के पथ पर हमें कुछ बातों का भी ध्‍यान रखना होगा।

भाइयो और बहनों, 1947 में क्‍या सिर्फ एक भाषा विशेष बोलने वाले आजाद हुए थे या सिर्फ एक पंथ के लोग आजाद हुए थे? क्‍या सिर्फ एक जाति के लोग आजाद हुए थे? जी नहीं, पूरा भारत आजाद हुआ था।

जब हमने अपना संविधान लिखा था तो क्‍या सिर्फ एक भाषा, पंथ या जाति के लोगों के लिए लिखा था? जी नहीं, पूरे भारत के लिए लिखा था। और जब 20 साल पहले हमारे 500 से अधिक वीर सेनानियों ने करगिल की बर्फीली पहाड़ियों में कुर्बानियाँ दी थीं, तो किसके लिए दी थीं? वीर चक्र पाने वाले तमिलनाडु के रहने वाले, बिहार रेजिमेंट के मेजर सर्वाणनहीरो ऑफ बटालिक ने किसके लिए वीरगति पाई थी? वीर चक्र पाने वाले, दिल्‍ली के रहने वाले राजपूताना राइफल्‍स के कैप्‍टन हनीफ उद्दीन ने किसके लिए कुर्बानी दी थी? और परमवीर चक्र पान वाले, हिमाचल प्रदेश के सपूत, जम्‍मू एंड कश्‍मीर राइफल्‍स के कैप्‍टर विक्रम बत्रा ने जब कहा था- ये दिल मांगे मोर, तो उनका दिल किसके लिए मांग रहा था? अपने लिए नहीं, किसी एक भाषा, धर्म या जाति के लिए नहीं, पूरे भारत के लिए; माँ भारती के लिए।

आइए, हम सब मिलकर ठान लें कि ये बलिदान, ये कुर्बानियाँ हम व्‍यर्थ नहीं होने देंगे। हम उनसे प्रेरणा लेंगे और उनके सपनों का भारत बनाने के लिए हम भी अपनी जिंदगी खपाते रहेंगे।

आज इस करगिल के विजय पर्व पर हम वीरों से प्रेरणा लेते हुए, उन वीर माताओं से प्रेरणा लेते हुए, देश के लिए अपने कर्तव्‍यों को हम अपने-आपको समर्पित करें। इसी एक भाव के साथ उन वीरों को नमन करते हुए आप सब मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

 बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
ஒவ்வொரு இந்தியனின் இரத்தமும் கொதிக்கிறது: ‘மன் கீ பாத்’ (மனதின் குரல்) நிகழ்ச்சியில் பிரதமர் மோடி

பிரபலமான பேச்சுகள்

ஒவ்வொரு இந்தியனின் இரத்தமும் கொதிக்கிறது: ‘மன் கீ பாத்’ (மனதின் குரல்) நிகழ்ச்சியில் பிரதமர் மோடி
'Operation Sindoor on, if they fire, we fire': India's big message to Pakistan

Media Coverage

'Operation Sindoor on, if they fire, we fire': India's big message to Pakistan
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

நாம் அனைவரும் கடந்த சில தினங்களில் நாட்டின் திறனையும் அதன் கட்டுப்பாட்டையும் பார்த்தோம்.

நான் முதலில் பாரதத்தின் வீரம் மிகுந்த படைகளுக்கும் ஆயுதம் தாங்கிய சேனைகளுக்கும் நமது உளவுத்துறையினருக்கும் நமது விஞ்ஞானிகளுக்கும் நாட்டின் ஒவ்வொரு குடிமகனின் தரப்பிலிருந்தும் வணக்கம் செலுத்த விரும்புகிறேன்.

நம்முடைய வீரம் மிகுந்த ராணுவ வீரர்கள் ஆப்ரேஷன் சிந்தூரின் இலக்குகளை அடைவதற்காக எல்லையில்லாத வீரத்தை வெளிப்படுத்தியிருக்கிறார்கள்.

நான் அவர்களது வீரத்திற்கும், துணிச்சலுக்கும், பராக்கிரமத்திற்கும் வணக்கம் செலுத்துகிறேன்.

நாட்டின் ஒவ்வொரு அன்னைக்கும், ஒவ்வொரு சகோதரிக்கும் மற்றும் ஒவ்வொரு மகளுக்கும் இந்த பராக்கிரமத்தை சமர்ப்பிக்கிறேன்.

நண்பர்களே, ஏப்ரல் 22ம் தேதி பகல்காமில் தீவிரவாதிகள் காட்டிய அந்த காட்டுமிராண்டித்தனம் நம் நாட்டையும், உலகையும் அதிர்ச்சியடையச் செய்தது. விடுமுறை காலத்தை கழிக்கவந்த குற்றமற்ற அப்பாவி குடிமகன்களை அவர்களது மதம் என்ன என்று கேட்டு,,,, அவர்களது குடும்பத்திற்கு முன்னே,,,, அவர்களது குழந்தைகளுக்கு முன்னே இரக்கமில்லாமல் கொன்றனர்.

இது தீவிரவாதத்தின் மிகவும் வெறுக்கத்தக்க முகமாகும். இது கொடூரம் மிகுந்தது. இந்தியாவின் ஒற்றுமையை உடைப்பதற்கு முயற்சி மேற்கொள்ளப்பட்டது, எனக்கு தனிப்பட்ட முறையில் மிகுந்த வலியை தந்தது.

இந்த தீவிரவாத தாக்குதலுக்கு பிறகு முழு நாடும்

ஒவ்வொரு குடிமகனும், ஒவ்வொரு சமூகமும், ஒவ்வொரு வர்கமும், ஒவ்வொரு அரசியல் கட்சியும்

ஒரே குரலில் தீவிரவாதத்திற்கு எதிராக கடுமையான பதில் நடவடிக்கை எடுக்க அறிவுறுத்தின.

நாங்கள் தீவிரவாதிகளை மண்ணோடு மண்ணாக்க, இந்தியப் படைகளுக்கு முழு அனுமதி கொடுத்தோம்

இன்று ஒவ்வொரு தீவிரவாதியும், தீவிரவாதத்தினால் ஏற்படும் தொல்லையை புரிந்துகொண்டிருக்கிறார்கள்.

அதாவது, நமது சகோதரிகள், மகள்கள் நெற்றியில் உள்ள குங்குமத்தை அழிப்பதற்கான அந்த செயலின் பிரதிபலன் என்னவாக இருக்கும் என்று அவர்கள் புரிந்துகொண்டிருப்பார்கள்.

நண்பர்களே,

ஆப்ரேஷன் சிந்தூர் ஒரு ‍பெயர் மட்டுமல்ல

இந்த நாட்டின் கோடி கோடி மக்களின் எண்ணங்களின் ஒரு பிரதிபலிப்பு

ஆப்ரேஷன் சிந்தூர் நியாயத்தை நிலை நாட்டுவதற்கான ஒரு உறுதிமொழி

மே 6 ம் தேதி இரவு, மே 7 ம் தேதி காலை இந்த முழு உலகமும் அந்த உறுதியின் முடிவு என்ன என்பதை கண்டார்கள்.

இந்தியாவின் ராணுவம், பாகிஸ்தானின் தீவிரவாத முகாம்களின் மீது

அவர்களுடைய பயிற்சி மையங்கள் மீது சரியாக தாக்குதல் நடத்தினார்கள்

தீவிரவாதிகள் தங்களுடைய கனவில்கூட, பாரதம் இத்தகைய முடிவு எடுக்கும் என்று யோசித்திருக்க மாட்டார்கள்

ஆனால், நாடு ஒன்றிணைந்து செயல்பட்டபோது, நாடுதான் முதலில் என்ற எண்ணம் நிரம்பி வழிந்து நாட்டின் நலனே முதலில் என்ற எண்ணம் ஏற்பட்டது

அடிப்படையான முடிவு எடுக்கும்போது, அது சரியான முடிவுகளை கொண்டுவந்து தருகிறது

பாகிஸ்தானின் தீவிரவாத முகாம்களின் மீது பாரதம் ஏவுகணைகள் மூலம் தாக்குதல் நடத்தியபோது,

பாரதம் ட்ரோன்கள் மூலமாக தாக்குதல் நடத்தியபோது, தீவிரவாதக் குழுக்களின் கட்டிடங்கள் மட்டுமல்ல, அவற்றின் நம்பிக்கையும் தவிடுபெடியானது.

பகவல்பூர் மற்றும் முரிதுகே போன்ற தீவிரவாதிகளின் வாழ்விடங்கள், உலக தீவிரவாதிகளின் பல்கலைக்கழகமாக விளங்கியது

உலகில் மிகப்பெரிய தீவிரவாத தாக்குதல் எங்கேயாவது நடந்தால்,

செப்டம்பர் 11 ம் தேதி அமெரிக்காவில் நடந்த தாக்குதலாக இருக்கட்டும்

லண்டன் பாதாள ரயில் தாக்குதலாக இருக்கட்டும் அல்லது பாரதத்தில் பல ஆண்டுகளாக நடந்த பெரிய பெரிய தீவிரவாத தாக்குதலாக இருக்கட்டும்

இவற்றின் தொடர்பு எப்படியாவது இந்த தீவிரவாத முகாம்களோடு இணைந்திருந்தது

தீவிரவாதிகள் நமது சசோதரிகளின் நெற்றி குங்குமத்தை அழித்தனர். இதனால் பாரதம் தீவிரவாதத்தின் தலைமை பீடத்தை இப்போது அழித்திருக்கிறது.

பாரதத்தின் இந்த தாக்குதல்களில் நூற்றுக்கும் அதிகமான கொடுமையான தீவிரவாதிகள் இறந்திருக்கிறார்கள்.

தீவிரவாதத்தின் பல கிளைகள்

கடந்த 25-30 ஆண்டுகளாக வெளிப்படையாக பாகிஸ்தானில் உலாவி வருகிறார்கள்.

இவர்கள் இந்தியாவிற்கு எதிராக தாக்குதல்கள் நடத்தி வந்தார்கள்.

அவர்களை பாரதம் ஒரே அடியில் அழித்து விட்டது.

நண்பர்களே,

பாரதத்தின் இந்த நடவடிக்கையின் மூலம், பாகிஸ்தான் மிகப்பெரிய நிராசையில் வீழ்ந்து விட்டது.

தோல்வி மனப்பான்மையில் வீழ்ந்து விட்டது.

நிலைகுலைந்து போய் விட்டது.

இந்த நிலைகுலைவின் காரணமாக பாகிஸ்தான் மற்றுமொரு அசட்டுத்தனமான நடவடிக்கை எடுத்தது.

தீவிரவாதத்தின் மீது பாரதத்தின் நடவடிக்கைகளுக்கு துணைபோவதை விட்டுவிட்டு, பாகிஸ்தான் பாரதத்தின் மீது தாக்குதல் நடத்தியது.

பாகிஸ்தான் நமது பள்ளிகள், கல்லூரிகள், குருத்வாராக்கள், கோயில்கள், சாமான்ய குடிமக்களின் வீடுகளை குறியாகக் கொண்டு தாக்குதல் நடத்தியது.

பாகிஸ்தான் நம்முடைய ராணுவ முகாம்களை குறிவைத்து தாக்குதல் நடத்தியது.

ஆனால், இதில்கூட பாகிஸ்தானின் முகத்திரை கிழிக்கப்பட்டது.

பாகிஸ்தானின் ட்ரோன்கள், ஏவுகணைகள் ஆகியவை பாரதத்தின் முன்னே செயலிழந்து போனதை உலகம் கண்டது.

இந்தியாவின் பலம் வாய்ந்த பாதுகாப்பு கட்டுமானங்கள், அவற்றை வானிலேயே தடுத்து அழித்தன.

பாகிஸ்தான் எல்லைப் பகுதியில், தாக்குதல் நடத்த தயாராக இருந்தது.

ஆனால், பாரதம் பாகிஸ்தானின் மையப்பகுதியில் தாக்குதல் நடத்தியது.

பாரதத்தின் ட்ரோன்கள், ஏவுகணைகள் சரியாக தாக்குதல் நடத்தின.

பாகிஸ்தானின் விமானப்படையின் ஏர் பஸ் விமானங்களுக்கு சேதம் ஏற்படுத்தினோம்.

இந்த விமானங்கள் மீது பாகிஸ்தானுக்கு மிகுந்த கர்வம் இருந்தது

பாரதம் முதல் மூன்று நாட்களில் பாகிஸ்தானில் ஏற்படுத்திய அழிவுகள் எப்படிப்பட்டவை என்பது இதுவரை யாருக்கும் தெரியாது.

எனவே,

பாரதத்தின் தாக்குதல் செயல்பாடுகளுக்கு பிறகு, பாகிஸ்தான் தப்பிப்பதற்கான வழிமுறைகளை தேட தொடங்கியது

பாகிஸ்தான் உலகம் முழுவதிலும் இந்த தாக்குதலை குறைப்பதற்கான வழிமுறைகளை செய்யுங்கள் என வேண்டியது.

மேலும், முற்றிலுமாக அடிவாங்கிய பின்னர், மே 10 ம் தேதி மதியத்திற்கு மேல் ஒரு கட்டாயத்தின் காரணமாக, பாகிஸ்தான் ராணுவத்தளபதி நம்முடைய ராணுவத்தளபதியோடு தொடர்பு கொண்டார்.

அதுவரை நாம் தீவிரவாத கட்டமைப்புகளை மிகப்பெரிய அளவில் அழித்து விட்டோம்.

தீவிரவாதிகளை சாவின் எல்லைக்கு கொண்டு சென்றோம்.

பாகிஸ்தான் தன் நெஞ்சத்தில் மறைத்து வைத்திருந்த தீவிரவாத முகாம்களை நாம் அழித்து விட்டோம்.

இதனால், பாகிஸ்தானிலிருந்து பெரிய அழுகுரல் கேட்கத் தொடங்கியது.

பாகிஸ்தான் தரப்பிலிருந்து இது சொல்லப்பட்டபோது,

அதாவது, அவர்களது தரப்பிலிருந்து தீவிரவாத தாக்குதலோ, அல்லது ராணுவத்தின் மூலம் அசட்டுத்தனமான தாக்குதல்களோ இனிமேல் இருக்காது என்று சொன்னபோது,

உடனே, பாரதம் அதை பற்றி யோசனை செய்தது.

நான் மீண்டும் சொல்கிறேன்.

பாகிஸ்தானின் தீவிரவாத ராணுவ முகாம்கள் மீது எங்களுடைய பதிலடி நடவடிக்கைகள் இப்போது சிறிதுகாலத்திற்கு நிறுத்தப்பட்டிருக்கிறது.

வருகிற நாட்களில்

பாகிஸ்தானின் ஒவ்வொரு நடவடிக்கையும் நாங்கள் தீவிரமாக கண்காணிப்போம்.

அது எந்த மாதிரியான வழிமுறைகளை பின்பற்றுகிறது என்பதை பார்ப்போம்.

நண்பர்களே,

பாரத்தின் மூன்று படைகளும், நம்முடைய விமானப்படை, நம்முடைய தரைப்படை, கடற்படை, நம்முடைய எல்லைப் பாதுகாப்புப்படை, பாரதத்தின் துணை ராணுவப்படை அனைத்தும் எப்போதும் தயார்நிலையில் இருக்கின்றன

சர்ஜிக்கல் ஸ்டிரைக் மற்றும் வான்வழி தாக்குதலுக்கு பிறகு இப்போது ஆப்ரேஷன் சிந்தூர் பாரதத்தின் வழிமுறையாகி விட்டது.

ஆப்ரேஷன் சிந்தூர், தீவிரவாதத்திற்கு எதிராக ஒரு புதிய கோட்டை கிழித்துள்ளது.

ஒரு புதிய அளவுகோல், ஒரு புதிய தரக்கட்டுப்பாடு உருவாகி இருக்கிறது.

முதலில், பாரதத்தின் மீது தீவிரவாத தாக்குதல் நடந்தால் அதற்கு சரியான பதிலடி கொடுக்கப்படும்.

நாங்கள் எங்களுடைய வழிமுறையில், எங்களுடைய விதிமுறைகளுக்கேற்ப, பதிலடி தருவோம்.

தீவிரவாதத்தின் வேர்கள் எங்கெல்லாம் இருக்கின்றனவோ, அங்கெல்லாம் சென்று கடுமையான நடவடிக்கை எடுப்போம்.

இரண்டாவதாக, பாரதம் அணுஆயுத தாக்குதல் என்ற மிரட்டலையெல்லாம் பொருத்துக்கொள்ளாது.

அணுஆயுத தாக்குதல் என்கின்ற மிரட்டலோடு செயல்படுகின்ற தீவிரவாத முகாம்கள் மீது பாரதம் நிச்சயமாக நடவடிக்கை எடுக்கும்

மூன்றாவதாக, தீவிரவாதத்தை ஆதரிக்கும் நாடு மற்றும் தீவிரவாத குழுக்கள் இவற்றை நாங்கள் வேறுபடுத்தி பார்க்கவில்லை.

ஆப்ரேஷன் சிந்தூர் நடவடிக்கையின் மூலம், உலகம் பாகிஸ்தானின் உண்மையான ரூபம் என்ன என்று பார்த்திருக்கிறது.

கொல்லப்பட்ட தீவிரவாதிகளின் உடல் நல்லடக்கம் செய்யப்பட்டபோது,

பாகிஸ்தான் ராணுவத்தின் மிகப்பெரிய அதிகாரிகள் அதில் கலந்துகொண்டனர்.

ஒரு நாட்டால் ஆதரிக்கப்படும் தீவிரவாதத்திற்கு இதைவிட பெரிய சாட்சி என்ன இருக்கிறது.

நாங்கள் பாரதம் மற்றும் எங்களுடைய குடிமக்களுக்கு எந்தவிதமான ஆபத்தும் ஏற்படாதவண்ணம் திடமான முடிவுகளை எடுப்போம்.

நண்பர்களே, யுத்த பூமியில் நாங்கள் ஒவ்வொரு முறையும் பாகிஸ்தானை தவிடுபொடியாக்கி இருக்கிறோம்.

மேலும், இந்த முறை ஆப்ரேஷன் சிந்தூர் ஒரு புதிய கோணத்தை சேர்த்திருக்கிறது.

நாங்கள் பாலைவனங்கள், மலைகள் மீது எங்களுடைய திறமையை மிக பிரமாதமாக வெளிப்படுத்தியிருக்கிறோம்.

மேலும்,

நியு ஏஜ் வார் பேரில் எங்களது திறமையை காண்பித்திருக்கிறோம்.

இந்த ஆப்ரேஷன் மூலமாக

நம்முடைய இந்தியாவிலேயே தயாரிப்போம் முறையில் தயாரிக்கப்பட்ட ஆயுதங்களின் திறமை உறுதி செய்யப்பட்டிருக்கிறது

21 ம் நூற்றாண்டின் போர் முறைகளில் இந்தியாவின் போர்க்கருவிகள் எப்படி இருக்கின்றன என்பதை இன்று உலகம் பார்த்துக்கொண்டிருக்கிறது

நண்பர்களே

இந்த மாதிரியான தீவிரவாதத்திற்கு எதிராக நாம் எப்போதும் ஒன்றிணைந்து செயல்படவேண்டும்

நம்முடைய ஒற்றுமை, நம்முடைய மிகப்பெரிய சக்தியாகும்

உண்மையில் இந்த யுகம், போருக்கானது அல்ல, ஆனால் இந்த யுகம் தீவிரவாதத்திற்கானதும் அல்ல, தீவிரவாதத்திற்கு எதிரான Zero Tolerance, ஒரு நல்ல உலகத்திற்கு உறுதி அளிக்கிறது

நண்பர்களே

பாகிஸ்தானின் ராணுவம், பாகிஸ்தானின் ஆட்சி எந்த வகையில் தீவிரவாதத்திற்கு துணைபோகின்றதோ அது ஒருநாள் பாகிஸ்தானை முடிவுக்கு கொண்டுவரும்

பாகிஸ்தான் தப்பிக்கவேண்டும் என்றால், தம் நாட்டில் உள்ள தீவிரவாத கட்டமைப்புகளை சுத்தப்படுத்தவேண்டும்

இதைதவிர, அமைதிக்கு வேறு வழியே இல்லை

பாரதத்தின் நிலைப்பாடு மிகவும் தெளிவானது

தீவிரவாதமும் அமைதிப் பேச்சுவார்த்தையும் ஒருங்கே செல்லவியலாது

தீவிரவாதமும், வாணிகமும் ஒருங்கே செல்லவியலாது

மேலும், தண்ணீரும், ரத்தமும் ஒரேசேர பாய முடியாது

நான் இன்று உலக சமுதாயத்திற்கு ஒன்றை சொல்லிக்கொள்ள விரும்புகிறேன்

எங்களுடைய அறிவிக்கப்பட்ட நீதி என்னவென்றால்,

பாகிஸ்தானுடன் ஒருவேளை பேச்சுவார்த்தை நடந்தால் அது தீவிரவாதம் பற்றிதான் இருக்கும்

ஒருவேளை பாகிஸ்தானுடன் பேச்சுவார்த்தை நடந்தால் அது பாகிஸ்தான் ஆக்கிரமித்திருக்கின்ற காஷ்மீரை பற்றியதாக இருக்கும்

அன்புக்குரிய நாட்டுமக்களே

இன்று புத்த பூர்ணிமா

பகவான் புத்தர் நமக்கு அமைதியின் பாதையை காட்டியிருக்கிறார்

அமைதியின் பாதை பலத்தோடுதான் செல்கிறது

மனிதகுலம் அமைதி மற்றும் வளர்ச்சியின் பாதையில் நடக்கவேண்டும்

ஒவ்வொரு பாரதவாசியும் அமைதியோடு வாழ வேண்டும்

வளர்ச்சியடைந்த பாரதம் என்கின்ற நம்முடைய கனவு நிறைவேறவேண்டும்

இதற்காக பாரதம் சக்திசாலி நாடாக இருக்கவேண்டியது அவசியம்

மேலும் ‍தேவை ஏற்படும்போது இந்த சக்தியை நாம் பயன்படுத்த வேண்டும்

மேலும் கடந்த சில நாட்களில் பாரதம் இதைதான் செய்திருக்கிறது

நான் மீண்டும் ஒருமுறை பாரதத்தின் ராணுவம் மற்றும் ஆயுதப்படைகளுக்கு வணக்கம் செலுத்துகிறேன்

இந்த பாரத குடிமக்களின் நம்பிக்கைக்கும், ஒற்றுமைக்கும் வணக்கம் செலுத்துகிறேன்

நன்றி

பாரத் மாதாகி ஜெய்

பாரத் மாதாகி ஜெய்

பாரத் மாதாகி ஜெய்