We will break the backbone of terrorism in Jammu and Kashmir and fight it with all our might: PM Modi
Our government is committed to restore dignity of displaced Kashmiri Pandits: PM Modi
PM Modi congratulates people of Jammu Kashmir for making the state Open Defecation Free

जिन नौजवानों से बात करने का मुझे मौका मिला आज आप सभी का आत्‍मविश्‍वास और भविष्‍य के प्रति आपकी जो एक positivity जो मुझे अनुभव आई, मेरे लिए भी उत्‍साहजनक है, मेरी ऊर्जा बढ़ाने वाली है। मैं सबसे पहले तो इन प्रश्‍नकर्ता और कार्यक्रम में आए देश भर के नौजवानों का आभार करता हूं। देश भर से जो साथी जुड़ें हैं उनको मैं फिर बता दूं कि यहां पर श्रीनगर में तापमान काफी नीचे है। हो सकता है रात होते-होते माइनस हो जाएगा। इसके बावजूद मौजूद यहां मेरे युवा साथी अनेक कश्‍मीरी भाई-बहन मौजूद हैं। ये कश्‍मीर की spirit को दिखाता है। कश्‍मीरियों की भावना को दिखाता है।

मंच पर विराजमान जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल श्रीमान सतपाल मलिक जी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी डॉ. जितेंद्र सिंह, यहां उपस्थित सभी मेरे भाईयो और बहनों।

साथियों, आज जब मैं श्रीनगर आया हूं तब मैं शहीद नजीर अहमद वाणी सहित उन सैंकड़ो वीरों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं जिन्‍होंने शांति के लिए राष्‍ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्‍च बलिदान दिया। शहीद नजीर अहमद वाणी उनके इसी अदम्‍य साहस और वीरता के लिए कृतज्ञ राष्‍ट्र ने अशोक चक्र से सम्‍मानित किया है। शहीद वाणी जैसे युवा ही जम्‍मू-कश्‍मीर और देश के हर नौजवान को देश के लिए जीने और देश के लिए समर्पित होने का रास्‍ता दिखाते हैं। मैं जम्‍मू-कश्‍मीर के लाखों लोगों को बधाई देता हूं। जिन्‍होंने सालों बाद पंचायतों और शहरी निकायों के चुनाव करवाए और अपने नुमाइंदे चुने।

लोकतंत्र के प्रति आपकी ये निष्‍ठा नफरत से भरे लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। कुछ लोगों द्वारा negativity फैलाने की कोशिश के बीच धमकियों से बेपरवाह आप जिस संख्‍या में पोलिंग बूथ तक पहुंचे हैं वो आपके अपने बच्‍चों के भविष्‍य जम्‍मू और कश्‍मीर के विकास की भावना को और पुख्‍ता करता है।

साथियों, आज मुझे यहां करीब 7 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण करने का अवसर मिला है। ये तमाम प्रोजेक्‍टस श्रीनगर और आस पास के इलाकों के लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करने वाले हैं। शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और infrastructure से जुड़ी इन परियोजनाओं के लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

साथियों, जैसे कि आपने देखा आज श्रीनगर देश की शिक्षा व्‍यवस्‍था से जुड़े एक बहुत बड़े कार्यक्रम की मेहरबानी कर रहा है। आपमें से बहुत लोगों ने नोटिस किया होगा कि चार साढ़े चार वर्ष पहले जितने भी बड़े कार्यक्रम लॉन्‍च होते थे या फिर केंद्र सरकार कोई योजना शुरु करती थी। वो सब कुछ दिल्‍ली के विज्ञान भवन में होता था। लेकिन हमने पुरानी सरकारों की संस्‍कृति को ही बदल दिया है।

हमारी सरकार ने आयुष्‍मान भारत योजना की शुरुआत झारखंड से की, उज्‍ज्‍वला योजना की शुरुआत उत्‍तर प्रदेश से की, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति योजना पश्चिम बंगाल में जाकर की, हेंडलूम से जुड़े राष्‍ट्रीय अभियान की शुरुआत तमिलनाडू से की, बे‍टी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शुरुआत हरियाणा से की, पोषण अभियान की शुरुआत राजस्‍थान जाकर के की।

अब आज पूरे देश से जुड़े एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के लिए हम सभी आज श्रीनगर में मौजूद हैं और देश भर के कार्यक्रम का लॉन्‍चिंग आज मैं श्रीनगर की धरती से कर रहा हूं। आज यहां राष्‍ट्रीय उच्‍च स्‍तर शिक्षा अभियान यानी रूसा के दूसरे फेज से जुड़े प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की गई है, यहीं से देश भर 70 नए मॉडल डिग्री कॉलेज, 11 प्रोफेशनल कॉलेज, एक महिला यूनिवर्सिटी, 60 से अधिक entrepreneur, innovation और carrier hub का शिलान्‍यास और उद्घाटन किया गया है। इनमें से अनेक संस्‍थान यहीं जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए भी है।

साथियों, ये दिखाता है कि न्‍यू इंडिया किस दिशा में चल रहा है। नए भारत के निर्माण के‍ लिए हमारा रास्‍ता क्‍या है। research, innovation, incubation or startup के लिए एक नया temperament देश में विकसित किया जा रहा है। देश भर स्‍कूलों में बन रही अटल टिंकरिंग लैबस को, अटल incubation centers को जय जवान जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का हमारा संकल्‍प और सशक्‍त हो रहा है। इस सशक्तिकरण का गवाह हमारा श्रीनगर बना है, जम्‍मू-कश्‍मीर बना है।

साथियों, ये startup India अभियान का ही असर है कि आज भारत चीन और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा startup nation बन गया है। बीते तीन-चार वर्षों में 15 हजार से अधिक startups recognize किए जा चुके हैं। इनमें से भी लगभग 50 प्रतिशत startups टीयर वन टीयर टू शहरों में स्‍थापित रहे हैं।

साथियों, startups के साथ-साथ देश इनके ग्रामीण इलाकों में टेक्‍नोलॉजी का विस्‍तार भी हमारी प्राथमिकता में है। आज देश भर में तीन लाख से अधिक common service centre ग्रामीणों को डिजिटल सेवाएं तो दे ही रहे हैं। लाखों युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। आज बांदीपुरा में राज्‍य का पहला बीपीओ भी खुल गया है इससे बांदीपुरा के युवाओं के लिए नए अवसर का द्वार खुला है।

भाईयो-बहनों जितने भी प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास और उद्घाटन आज किया गया है। ये देश के ऐसे जिलों में शुरू किया जा रहा है जो विकास की दौड़ में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। रूसा के दूसरे चरण में देश के पौने चार सौ जिलों में उत्‍कृष्‍ट शिक्षण संस्‍थान तैयार किए जा रहे हैं। अवसरों की समानता की तरफ एक और बड़ा कदम है। मुझे विश्‍वास है कि इन सभी जिलों के युवाओं को जब अपने घर के पास ही अच्‍छे संस्‍थान मिल जाएंगे तो अपने टेलेंट को और निखार पाएंगे, अपनी skill को और तराश पाएंगे।

साथियों, जब मैं न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की बात करता हूं तो उसके पीछे एक ठोस आधार रहता है। जम्‍मू-कश्‍मीर की बेटी नौ साल की तजामुल इस्‍लाम जैसे देश के अनेक साथी हैं जो मुश्किल हालात में भी कुछ करने के लिए आगे बढ़ते हैं।

केंद्र सरकार आप सभी युवा सा‍थियों के इस उत्‍साह, इस उमंग को और उड़ान देना चाहती है। इसके लिए खेलो इंडिया अभियान के तहत एक बहुत बड़ा टेलेंट हंट कार्यक्रम देश में चल रहा है। छोटे-छोटे शहरों, कस्‍बों में स्‍पोर्टस की बेहतरीन सुविधाएं तैयार की जा रही है। यहां जम्‍मू-कश्‍मीर के 22 जिलों में भी multi purpose sports hall बनाने की योजना शुरू की गई है। आज भी गांदरबल में ऐसे ही एक इंडोर स्‍टेडियम का उद्घाटन किया गया है।

साथियों, जम्‍मू-कश्‍मीर में बीते 7-8 महीनों में विकास की गति को तेज करने का प्रयास किया गया है। यहां के सामान्‍य मानवी का जीवन आसान हो इसके लिए यहां का प्रशासन जुटा हुआ है। मुझे बताया गया है कि अनेक ऐसे प्रोजेक्‍टस जो दस-दस, बीस-बीस साल से अटके हुए थे वो भी अब पूरे कर लिए गए हैं बीते दो महीने में सैंकड़ों की डॉक्‍टरों की भर्ती हो, या बारामुला का पुल हो, ऐसे अनेक प्रोजेक्‍ट पूरे किए गए हैं। मैं जम्‍मू-कश्‍मीर के एक-एक नागरिक को बधाई देता हूं कि आप सभी ने पिछले साल सितंबर में तय समय से पहले ही राज्‍य को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित कर दिया है। आप बधाई के पात्र हैं। मुझे ये भी बताया गया है कि जम्‍मू-कश्‍मीर को देश का पहला ऐसा राज्‍य बनने का लक्ष्‍य रखा गया है जहां हर गांव, गांव तक पाइप से पीने का पानी उपलब्‍ध होगा, ये बहुत सराहनीय प्रयास है।

साथियों, हमारी सरकार में तय समय सीमा में लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने का ईमानदार प्रयास किया जाता है। आप सभी को याद होगा कि लालकिले से मैंने एक हजार दिन के भीतर देश के 18 हजार से अधिक उन गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए ऐलान किया जो स्‍वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी अंधेरे में गुजारा करते थे। उस लक्ष्‍य को समय सीमा के भीतर ही पूरा कर लिया गया है। इसके बाद सौभाग्‍य योजना के तहत देश के करोड़ों परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्‍शन देने का अभियान चल रहा है। लगभग ढाई करोड़ कनेक्‍शन दिए जा चुके हैं। और बहुत जल्‍द बाकी घरों को भी रोशन किया जाएगा। मुझे खुशी है कि जम्‍मू–कश्‍मीर में भी अब करीब-करीब हर परिवार तक बिजली का कनेक्‍शन पहुंच चुका है। इसके लिए मैं यहां के लोगों को बिजली विभाग से जुड़े हर कर्मी को, हर इंजीनियर को हृयपूर्वक बधाई देता हूं। राज्‍य सरकार की पूरी टीम को बधाई देता हूं।

साथियों, जम्‍मू–कश्‍मीर में हर घर तक बिजली पहुंचाने के साथ-साथ पर्याप्‍त बिजली देने की कोशिश भी की जा रही है। लेह, लद्दाख, कारगिल हो जम्‍मू हो या फिर अब श्रीनगर तीनों जगहों पर आज बिजली उत्‍पादन और ट्रांसमिशन से जुड़े अनेक बड़े प्रोजेक्‍टस का लोकार्पण और शिलान्‍यास एक ही दिन में करने का मुझे मौका‍ मिला है। यहां की बिजली जरूरतों को देखते हुए आजादी के बाद पहली बार इतने व्‍यापक स्‍तर पर काम हो रहा है। हमारी सरकार की कोशिश है कि पहले जो भारत के हक का पानी बेकार में बह जाता था। उसकी एक-एक बूंद का उपयोग जम्‍मू–कश्‍मीर के हित में किया जाए, इसी सोच के साथ अनेक पावर प्रोजेक्‍टस यहां शुरू किए गए हैं।

साथियों, ये तमाम प्रोजेक्‍टस देश भर में infrastructure को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं का परिणाम है, सडक हो, बिजली हो, शिक्षा हो, या फिर स्‍वास्‍थ्‍य मूल सुविधाओं के निर्माण में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। जम्‍मू–कश्‍मीर के हेल्‍थ infrastructure को मजबूत करने के लिए जम्‍मू और पुलवामा में बनने वाले दो एम्‍स का आज ही शिलान्‍यास किया गया है। इन दोनों संस्‍थानों से राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य सेक्‍टर में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है। ‍

साथियों, हम आधुनिक अस्‍पताल तो बना ही रहे हैं, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्‍थ केयर स्‍कीम आयुष्‍मान भारत पीएमजे भी चला रहे हैं। देश के इतिहास में इतनी बड़ी हेल्‍थ केयर स्‍कीम गरीबो के लिए पहले कभी नहीं हुई। इस योजना के तहत गरीबों का हर वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ है।

देश के लगभग 50 करोड़ गरीब बहन भाई इसके दायरे में है। जिसमें से तीस लाख लाभार्थी जम्‍मू-कश्‍मीर के ही हैं।

साथियों, आयुषमान भारत योजना की वजह से अब तक देश में 10 लाख से अधिक गरीबों को मुफ्त इलाज किया जा चुका है। अभी तो इस योजना को 100 दिन अभी-अभी पूरे हुए हैं। इतने कम समय में 10 लाख लोगों के मेजर सर्जरी उनकी मुसीबत में एक प्रकार से जो दो-दो तीन-तीन साल से मौत का इंतजार कर रहे थे। उनको आज नई जिदगी मिलेगी। इस योजना के तहत हर दिन दस हजार से अधिक हमारे गरीब भाई बहन मुफ्त इलाज पा रहे हैं। और ये पचास करोड़ लोग, ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको इनकी जो टोटल पापुलेशन है उससे ज्‍यादा लोगों के लिए हमारी आयुष्‍मान भारत योजना है। आप कल्‍पना कर सकते हैं कितना बड़ा काम है।

साथियों, आयुषमान भारत जैसी योजना एक भारत श्रेष्‍ठ भारत का भी सर्वोत्‍तम उदाहरण है। क्‍योंकि जम्‍मू–कश्‍मीर का लाभार्थी देश में कहीं भी इस योजना का लाभ ले सकता है। मान लीजिए आप यहां से मुंबई गए और बीमारी आ गई, आप यहां पर अगर रजिस्‍टर्ड हैं तो मुंबई के अस्‍पताल में भी आप बिना खर्च किए लाभ ले सकते हैं। मुंबई का कोई यहां श्रीनगर कें अंदर घूमने-फिरने आया है कुछ मुसीबत आई वो यहां फायदा ले सकता है। सरकार ने सारी व्‍यवस्‍था करने के लिए व्‍यवस्‍था बनाई हुई है। संसाधनों की साझेदारी की यही शक्ति हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है। हर मुश्किल परिस्थिति में एक-दूसरे के काम आ सके, यही भारत की आत्‍मा है, यही कश्‍मीर की भावना है।

साथियों, इसी कश्‍मी‍यरित का तकाजा है कि हिंसा के दौर जिन कश्‍मीरी पंडित भाईयो बहनों को यहां से अपना घर, अपनी जमीन, अपने पूर्वजों की यादों को छोड़ कर जाना पड़ा है। उनको पूरे सम्‍मान से यहां बसाया जाए।

प्रधानमंत्री विकास पैकेज के जरिये हम इसके लिए कोशिश कर रहे है, राज्‍य प्रशासन ने वैसु और सेफपुरा में ट्रांजिट आवास बनाने शुरू कर दिए हैं। आज मुझे बांदीपुरा और गांदेरबल में ट्रांजिट आवास की सुविधा का विस्‍तार करने वाली योजना का शिलान्‍यास करने का अवसर मिला है। ये योजना भी प्रधानमंत्री विकास पैकेज का ही हिस्सा है

साथियों, यहां पर करीब 7 सौ फ्लैट बन जाने के बाद विस्‍थापित परिवारों को नई छत मिलेगी। सरकार का प्रयास रहेगा कि जो भी यहां वापिस आना चाहते हैं। उन्‍हें पूरी सुरक्षा और सम्‍मान के साथ यहां जगह मिले।

साथियों, कश्‍मीरी विस्‍‍थापितों को रोजगार के अवसर देने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है। वर्ष 2015 में घोषित PM Development Package के तहत राज्‍य प्रशासन ने तीन हजार नियुक्तियों की स्‍वीकृति दे दी है। मुझे विश्‍वास है कि जल्‍द ही ये भर्तियां हो जाएंगी।

साथियों, जैसा कि मैंने शुरू में जिक्र किया कि जम्‍मू-कश्‍मीर के हीरो शहीद नजीर अहमद वाणी, शहीद मुहम्‍मद ओरेंगजेब और तजामूर हुसैन जैसे युवा हैं। जो शांति और देश के बेहतर भविष्‍य के लिए समर्प्रित रहे है। हीरो वही है जो सपने पूरा करने के लिए जीता है, वो सबसे बड़ा कायर है। जो दूसरे के सपनों को मारता है।

आज पूरा देश निर्दोष, निहत्‍थे, कश्‍मीरी बेटे, बेटियों की हत्‍या देखकर आक्रोष में हैं सिर्फ इसलिए कि वो नौजवान शांति चाहते हैं, जीना चाहते हैं उन्‍हें आतंकवाद का शिकार बनाया जा रहा है। यही यहां के आतंकवाद की सच्‍चाई है। मैं आज आपको जम्‍मू–कश्‍मीर के नौजवानों को और पूरे देश को ये विश्‍वास दिलाता हूं कि इस आतंक का पूरी ताकत से मुकाबला किया जाएगा। हर आतंकी को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सर्जिकल स्‍ट्राइक करके हम पूरी दुनिया को बता चुके हैं। कि अब भारत की नई नीति और नई रीति क्‍या होती है।

हम जम्‍मू-कश्‍मीर में भी आंतकवाद की कमर तोड़ करके ही रहेंगे। जम्‍मू-कश्‍मीर का विकास यहां के लोगों का विकास ये हमारी प्राथमिकता है। और हमेशा रहेगी, मैं एक बार फिर आप सभी को शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की शुरूआत के लिए से infrastructure परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मैं विश्‍वास दिलाता हूं। अटल बिहारी वाजपेयी जो सपना देखते थे, उन्‍होंने हमें विरासत में जो काम दिया है, उसमें एक रती भर भी पीछे नहीं हटेंगे। उस भावना को हम साकार करके दिखाएंगे और इसके लिए चाहे लद्दाख हो, चाहे श्रीनगर हो, चाहे जम्‍मू हो एक-एक नागरिक को साथ लेकर के सबका साथ-सबका विकास का मंत्र लेकर के हम वही खुशहाल कश्‍मीर, शांत कश्‍मीर, पूरे हिन्‍दुस्‍तान को न्‍योता देने वाला कश्‍मीर हरी-भरी इस वादियों में खुशहाली के दिन वाला कश्‍मीर उस सपनों को पूरा करने के लिए जो भी आवश्‍यक है वो कदम हम उठायेगें।

हमारा हर यहां का परिवार, हमारा हर यहां का हर बच्‍चा, उनका उज्‍ज्‍वल भविष्‍य, यही भारत के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य का जीता जागता संबंध है। उन संबंधों को बरकरार रखते हुए हम इस बात को आगे बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास करते रहेंगे इसी विश्‍वास के साथ मैं आप सबको हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

धन्‍यवाद.

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!