Our focus is on creating next-gen infrastructure: PM Modi

Published By : Admin | December 18, 2018 | 16:55 IST
From Kargil to Kanyakumari, Kutch to Kamrup, if you travel, you will know at what speed and at how many levels the work is going on: PM Modi
Our focus is on creating next-gen infrastructure: PM Modi
PM Modi reiterates the Union Government's vision of "Housing For All" by 2022
‘Ease of Living’ for people is our aim. Resources are being devoted towards creating urban centres where the development is holistic: PM Modi
Through Startup India, and Atal Innovation Mission, India is emerging as a centre for technology: PM Modi
The work on Delhi Metro was started during the Atal Ji's government; today almost entire Delhi has been connected to the Metro: PM
The infrastructure needed for the fourth industrial revolution is ready for us and we are ready to have an army of Innovative Minds like thousands of young colleagues here: Prime Minister Modi

यहां पधारे भाइयो और बहनों, महाराष्‍ट्र का आज ये मेरा चौथा कार्यक्रम है। इससे पहले मैं ठाणे में था। वहां भी हजारों-करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया गया है।

इसमें गरीबों के घर के प्रोजेक्‍ट्स भी थे और मेट्रो के विस्‍तार से जुड़े प्रोजेक्‍ट भी थे।

थोड़ी देर पहले यहां 8 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की लागत से बन रही पुणे मेट्रो लाइन के तीसरे phase का अभी मुझे शिलान्‍यास करने का अवसर मिला है। हिंजवड़ी से शिवाजी नगर को जोड़ने वाले इस मेट्रो प्रोजेक्‍ट से देश के सबसे व्‍यस्‍त आईटी सेंटर में से एक, इस क्षेत्र को बड़ी सुविधा मिलने वाली है।

महाराष्‍ट्र और देश के कोने-कोने से यहां काम करने पहुंचे IT Professionalsको, यहां के स्‍थानीय लोगों काजीवन इससे सुगम होने वाला है।

साथियो, दो साल पहले मुझे पुणे मेट्रो प्रोजेक्‍ट का शुभारंभ करने का सौभाग्‍य मिला था। मुझे बहुत खुशी है कि जिन दो Corridors पर काम शुरू किया गया, वहां तेज गति से काम चल रहा है। मुझे उम्‍मीद है कि अगले साल के अंत तक पुणे में 12 किलोमीटर के route पर मेट्रो दौड़ने लगेगी।

अब शिवाजी नगर से तीसरे phase का भी आज शुभारंभ हो गया है। ऐसे में जब ये phase पूरा होगा, तो लोगों को पुणे और पिंपरी चिंदवाड़ के चार अलग-अलग कोने से हिंजवड़ी आईटी पार्क पहुंचने में बहुत सहूलियत हो जाएगी।

यहां उपस्थित IT सेक्‍टर से जुड़े Professionalsको मैं इसकी विशेष बधाई देता हूं। आज यहां पर जिन भी प्रोजेक्‍ट्स पर काम शुरू हुआ है, ये केंद्र और महाराष्‍ट्र की सरकार के उस व्‍यापक विजन का हिस्‍सा है, जिसके केंद्र में Infrastructure है, बुनियादी सुविधाएं हैं।

आप बीते चार-साढ़े चार वर्षों से निरंतर देख रहे हैं कि कैसे Infrastructure पर सरकार का फोकस है।

देश भर में connectivity, यानी highway, railway, airway, waterway और I-way को विस्‍तार-रफ्तार देने का काम तेज गति से चल रहा है।

साथियो, कारगिल से ले करके कन्‍याकुमारी तक, कच्‍छ से लेकर कामरूप तक, आप यात्रा करेंगे तो पता चलेगा कि किस गति से और कितने बडे स्‍तर पर काम चल रहा है।

ये सब अगर हो पा रहा है तो इसके पीछे सरकार की प्रतिबद्धता है ही, स्‍थानीय लोगों, किसानों, कामगारों, प्रोफेशलन की इच्‍छा-आकांक्षा और सहयोग भी है।

विकास के हाईवे से आज कोई भी अछूता रहना नहीं चाहता। आर्थिक और सामाजिक रूप से भले कोई कितना भी समर्थ और असमर्थ हो, लेकिन सिर्फ आवागमन में ही वो अपना समय व्‍यर्थ नहीं करना चाहता। वो नहीं चाहता कि connectivity के अभाव में उसकी फसलें, उपज, उसका दूध-दही, उसका उत्‍पाद बरबाद हो जाए। वो चाहता है कि स्‍कूल आने-जाने में उसके बच्‍चों का कम से कम समय लगे, ताकि वो पढ़ाई और खेलकूद को ज्‍यादा समय दे पाएं। वो घंटों ट्रैफिक जाम में फंसकर आठ-नौ घंटे के ऑफिस टाइम को 12-13 घंटे नहीं होने देना चाहता। वो अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता है। अपने समय का सही उपयोग करना चाहता है। यही कारण है कि आज गांव से लेकर शहरों तक, next generation infrastructure और transport sector केintegration पर ध्‍यान दिया जा रहा है।

साथियो, इसी सोच के साथ केन्‍द्र सरकार यहां देवेन्‍द्र फडणवीस जी की सरकार के साथ मिलकर महाराष्‍ट्र के पुणे के infrastructure को मजबूत करने में जुटी है।

हिंजवडी-शिवाजीनगरमेट्रो लाइन तो एक और मायने में भी खास है। सरकार ने देश में मेट्रो के विकास के लिए पहली बार जो मेट्रो पॉलिसी बनाई है, उसके तहत बनने वाला ये प्रोजेक्ट पहला प्रोजेक्‍ट है। ये प्रोजेक्‍ट PPPयानी public private partnership में बनाया जा रहा है।

एक साल पहले जो नई मेट्रो रेल पॉलिसी सरकार ने बनाई है, ये देश में मेट्रो के विस्‍तार के प्रति हमारे संकल्‍प को दिखाती है। इसी policy के आने के बाद मेट्रो के निर्माण में तेजी आ रही है, क्‍योंकि नियम-कायदे स्‍पष्‍ट हुए हैं।

शहरों में transport sector की अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के तौर-तरीके तय किए गए हैं। ये मेट्रो रेल पॉलिसी reform oriented बनाई गई है। ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सिर्फ मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ मेट्रो स्‍टेशन तक फीडर बसों, नए walk-ways, नए path-ways को भी साथ ही साथ विकसित किया जाए।

अब मेट्रो में Unified Urban Transport Authority के जरिए single command system के तहत काम हो रहा है। इससे लोगों की असली जरूरत तो पता लग ही रही है, परेशानियों को भी कम किया जा रहा है।

भाइयो और बहनों, मेट्रो आज देश के शहरों की life-line बनती जा रही है। बीते चार वर्षों में सरकार ने देश के दर्जन भर शहरों तक इसको विस्‍तार दिया है, और आने वाले समय में अनेक और शहर इससे जुड़ने वाले हैं।

पिछले चार साल में 300 किलोमीटर की नई लाइनों को कमीशन कर दिया है और 200 किलोमीटर के नए प्रस्‍ताव को भी पास किया गया है। इसी का परिणाम है कि इस समय देश में 500 किलोमीटर से ज्‍यादा की मेट्रो लाइन चल रही है और करीब 650 किलोमीटर से ज्‍यादा की लाइनें पूरी होने को हैं।

महाराष्‍ट्र में भी केन्‍द्र और राज्‍य सरकार मिलकर 200 किलोमीटर से अधिक की मेट्रो लाइनों का निर्माण कर रही हैं।

भाइयो और बहनों, आज देश में मेट्रो का जो भी विस्‍तार हो रहा है, उसको सही मायने में गति अटलजी की सरकार ने दी थी। शहर और गांव में infrastructure पर अटलजी ने जो बल दिया, उसको 10 वर्ष बाद हमारी सरकार ने स्‍पीड भी दी और स्‍केल भी बढ़ाई।

मुझे कहते हुए जरा भी संकोच नहीं है कि अगर अटलजी की सरकार को थोड़ा समय और मिलता तो शायद आज मुम्‍बई और इसके आसपास के इलाकों को, महाराष्‍ट्र के अनेक शहरों को मेट्रो से जोड़ा जा चुका होता।

दिल्‍ली में अटलजी की सरकार के दौरान मेट्रो पर काम शुरू हुआ था। आज करीब-करीब पूरी दिल्‍ली मेट्रो से जुड़ चुकी है।

साथियो, पहले जो सरकार रही, उसकी प्राथमिकता में transport और infrastructure उतना नहीं रहा, जितना होना चाहिए था।

साथियो, उनको- उनकी सोच मुबारक, हमारी सोच है देश का कोना-कोना, कण-कण जुड़े, देश का संतुलित विकास हो। हम एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत बनाने के लिए इस मिशन पर निकले हुए लोग हैं।

हां, इतना मैं जरूर याद दिला दूं कि 2004 से- 2004 का कालखंड और 2018 में, एक पीढ़ी का अंतर आ गया है, सोच का अंतर आ गया है, आकांक्षाओं का अंतर आ गया है।

भाइयो और बहनों, केंद्र सरकार की प्राथमिकता ease of living और ease of doing business सुनिश्चित करने में है। यही कारण है कि देशभर में करीब hundred smart city विकसित की जा रही हैं।

पुणे समेत महाराष्‍ट्र में भी 8 शहरों को स्‍मार्ट बनाया जा रहा है। देशभर में इस मिशन के तहत 5 हजार से ज्‍यादा परियोजनाओं का चयन किया गया है।

इन प्रोजेक्‍ट्स पर आने वाले दिनों में दो लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च किए जाएंगे। 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्‍ट पूरे हो चुके हैं और 53 हजार करोड़ रुपये के 1700 प्रोजेक्‍ट को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

साथियो, पुणे समेत महाराष्‍ट्र के 8 शहरों में smart city mission के तहत करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं जबकि साढ़े तीन हजार करोड़ के काम तेजी से पूरे कएि जा रहे हैं।

पुणे का integrated command and control system शुरू हो चुका है। यहीं से अब पूरे शहर की व्‍यवस्‍थाओं की निगरानी का काम किया जा रहा है।

इतना ही नहीं Amrut mission के तहत महाराष्‍ट्र के 41 से अधिक शहरों में भी काम तेजी से चल रहा है। सड़क, बिजली, पानी, सीवेज; ऐसी प्राथमिक सुविधा से जुड़े करीब 6 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट्स जल्‍द पूरे होने की स्थिति में हैं।

इसके साथ-साथ शहरों को रोशन करने के लिए, उनकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए, कम बिजली से अधिक रोशनी के लिए LED Street Lights लगाई जा रही हैं।

महाराष्‍ट्र में करीब एक लाख ऐसी Street Lights अलग-अलग शहरों में लगाई जा चुकी हैं। इससे सैंकड़ों करोड़ रुपये की बिजली की बचत हो रही है।

साथियो, सामान्‍य जन को बचत हो; इसके साथ-साथ उसकी सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच हो, इसके लिए डिजिटल इंडिया अभियान व्‍यापक स्‍वरूप ले चुका है।

आज जन्‍म प्रणामपत्र से लेकर जीवन प्रणामपत्र तक, ऐसी सैंकड़ों सुविधाएं online हैं।

बिजली, पानी के बिल से लेकर अस्‍पतालों में appointment, बैंकों का लेन-देन, पेंशन, provident fund, admission, reservation, करीब-करीब हर सुविधा को online किया गया है। ताकि कतारें न लगें और corruptionकी गुंजाइश कम हो।

अब Digi-Locker में आपके सब सर्टिफिकेट्स सुरक्षित रह सकते हैं। करीब डेढ़ करोड़ खाते देशभर में खुल चुके हैं।

इतना ही नहीं, अब Driving License समेत तमाम दूसरे दस्‍तावेज को साथ रखने की भी जरूरत नहीं रहेगी। मोबाइल फोन पर उसकी Soft copy या फिर Digi-Locker के जरिए ही काम चल जाएगा।

भाइयो और बहनों, सरकार का प्रयास है कि हमारे professionals, उनकी दिनचर्या हमारे उद्योगों और देश की नई जरूरत के हिसाब से नियम-कानून बनाएं और बदले जाएं। नियम सरल भी हों और सुगमता और पारदर्शिता भी सु‍निश्चित करें।

डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया ने सरकार के इन प्रयासों को गति दी है। आज अगर सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति तक तकनीक पहुंच पा रही है तो सस्‍ता मोबाइल फोन, सस्‍ता और तेज इंटरनेट डेटा बड़ी भूमिका निभा रहा है।

मोबाइल फोन इसलिए सस्‍ते हुए, क्‍योंकि अब भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बनाने वाला देश बन गया है। करीब सवा सौ मोबाइल फोन मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स देश भर में चल रही हैं। जबकि चार वर्ष पहले सिर्फ-सिर्फ दो ही ऐसी फैक्‍टरियां थीं। साढ़े चार से पांच लाख युवा इन फैक्‍टरियों में काम कर रहे हैं। अभी इसमें और विस्‍तार होने वाला है। मोबाइल समेत पूरे electronics manufacturing का एक बड़ा हब भारत बन रहा है।

साथियो, हार्डवेयर के साथ-साथ सस्‍ते और तेज डेटा को गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाने का काम चल रहा है। देशभर की करीब सवा लाख ग्राम पंचायतों तकoptical fibre networkपहुंचाया जा चुका है।

तीन लाख से अधिक common service centreगांवों में काम कर रहे हैं। इनमें काम कर रहे करीब दस लाख युवा, गांवों को ऑनलाइन सुविधा दे रहे हैं।

डेढ़ लाख से अधिक पोस्‍ट ऑफिस अब ऑनलाइन बैंकिंग के माध्‍यम तो बन ही रहे हैं, होम डिलीवरी सर्विस के भी सेंटर बनने जा रहे हैं।

देश के करीब 700 रेलवे स्‍टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है।

साथियो, 2014 से पहले देश में जहांdigital लेनदेनहोता था, वो अब 6 गुना से ज्‍यादा बढ़ चुका है। देश में अब तक 50 करोड़ से ज्‍यादा रुपे, डेविट कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। सिर्फ बीते 2 वर्षों के दौरान ही यूपीआई, भीम और दूसरे डिजिटल प्‍लेटफार्म्‍स के माध्‍यम से लेनदेन में लाखों गुना बढ़ोत्‍तरी हुई है।

भाइयो और बहनों, पुणे- एजुकेशन, आईटी, इंजीनियरिंग और बिजनेस का भी सेंटर है। ये knowledge का सेंटर है, तकनीक का सेंटर है। यही न्‍यू इंडियाकी पहचान होने वाली है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए आवश्‍यक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर हमारे पास तैयार है और यहां मौजूद हजारों युवा साथियों की तरह, एक से एक innovative minds की फौज भी हमारे पास तैयार है।

Startup India और Atal innovation mission के माध्‍यम से भारत भविष्‍यकी तकनीक का एक बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। र्स्‍टाटअप के मामले में भारत दुनिया का दूसरा बड़ा eco system बन चुका है। देश के करीब 500 जिलों में 14 हजार से अधिक Startups को Startup India अभियान के तहत recognize किया जा चुका है।

हमारे देश में आइडियाज की कमी कभी नहीं रही। कमी थी इनको दिशा देने की, हाथ पकड़कर आगे बढ़ाने की, hand holding की। अब सरकार आइडिया को इं‍डस्‍ट्री बनाने की दिशा में काम कर रही है।

कम उम्र में ही technology के लिए temperament विकसित किया जा रहा है। स्‍कूलों में Atal tinkering labखोली जा रही है तो starts ups के लिए Atal incubationcentreदेशभर में खोले जा रहे हैं।

न्‍यू इंडिया के नए सेंटर्स में देश का भविष्‍य तैयार होगा। दुनिया का सबसे बड़ा talent pool तैयार होगा। नए भारत के निर्माण में आप सभी का, पुणे का, महाराष्ट्र का अहम् रोल रहने वाला है।

इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर आप सभी को मेट्रो लाइन का काम शुरू होने पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और इतनी बड़ी संख्‍या में आप आशीर्वाद देने के लिए आए, इसके लिए मैं हृदयपूर्वक आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।