சிக்கிம் மாநிலத்தில் இந்தியாவின் 100 வது விமான நிலையத்தை பிரதமர் மோடி திறந்து வைத்தார், நாடு நூறாவது விமான நிலையத்தை கண்டுள்ளது என்று அவர் கூறுகிறார்.
சிக்கிம் மாநிலத்தின் சுற்றுலாவை மேம்படுத்த பாக்யோங் விமான நிலையம் பெரிதும் உதவும்: பிரதமர் மோடி
"இன்று, நாட்டின் 100 விமான நிலையங்களில், 35 விமான நிலையங்கள் கடந்த நான்கு ஆண்டுகளாக வேலை செய்து வருகிறது: பிரதமர் மோடி "

सिक्किम के राज्‍यपाल श्रीमान गंगाप्रसाद जी, राज्‍य के मुख्‍यमंत्री श्रीमान पवन चामलिंग जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान सुरेश प्रभु जी, डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह जी, एस.एस.अहलूवालिया जी, राज्‍य विधानसभा के अध्‍यक्ष श्रीमान के.एन.राय जी, राज्‍य सरकार में मंत्री श्रीमान दोरजी शेरिंग लेपच्‍या जी, यहां उपस्थित अन्‍य सभी महानुभाव और मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

साथियो, मैं बीते तीन दिनों से हिन्‍दुस्‍तान के पूर्वी इलाके में, पूर्वी भारत में दौरा कर रहा हूं और इस दौरान infrastructure और मानवता की सेवा से जुड़े बहुत बड़े-बड़े projects देश को समर्पित करने का मुझे सौभाग्‍य मिला है।

कल झारखंड में प्रधानमंत्री जन-आरोग्‍य योजना PMJAY की शुरूआत आयुष्‍मान भारत योजना को लॉन्‍च करने के बाद, कल शाम को मैं सिक्किम आ गया था। और आज सुबह सिक्किम में सिक्किम की सुबह, उगता सूरज, ठंडी हवा, पहाड़ों की प्रकृति की खूबसूरती, तो मैं भी आज सुबह कैमरे पर हाथ लगाने लग गया था। यहां की सुंदरता, भव्‍यता को कौन पसंद नहीं करता होगा। हर कोई उसका मुरीद है। प्रकृति ने आपको इतना सब दिया है, उसको पाने के लिए हर कोई यहां दौड़ आता है।

भाइयो-बहनों, पूर्व दिशा का हमारी संस्‍कृति और परम्‍परा में क्‍या महत्‍व है, ये आप भी भलीभां‍ति जानते हैं, देश भी भलीभांति जानता है।

पूर्व में भी उत्तर-पूर्व North-East का तो अलग ही महत्‍व है। इस खूबसूरत पूर्वी राज्‍य में रहने वाले आप सभी लोगों को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूंऔर सिक्किम का, आप सभी का पहला Pakyong airport आपको भेंट करता हूं।

आज का ये दिन सिक्किम के लिए तो ऐतिहासिक है ही, देश के लिए भी बहुत महत्‍वपूर्ण है। Pakyong airportके खुलते ही आपको भी गर्व होगा। क्रिकेट के मैदान में लोग सेंचुरी लगाते हैं, आज हिन्‍दुस्‍तान ने सेंचुरी लगाई है। यानी कि ये एयरपोर्ट खुलने के बाद पूरे हिन्‍दुस्‍तान में 100 एयरपोर्ट, hundred airports काम करने लग गए हैं और इस अर्थ में देश ने आज सेंचुरी लगाई है। और देश कैसे बदल रहा है ये हमारा सिक्किम फुटबॉल के लिए जाना जाता है। हर कोई फुटबॉल खेलता है। लेकिन वही सिक्किम अब क्रिकेट में भी हाथ आजमाने लगा है।

और मैंने कल, आज अखबार में पढ़ा कि यहां के कैप्‍टन नीलेश लामीछा ने सेंचुरी लगाई। अगर सिक्किम जब फुटबॉल खेलता था वहां का नीलेश सेंचुरी लगाता क्रिकेट में पहला सिक्किवासी सेंचुरी लगाने वाला बन सकता है तो यहां का एयरपोर्ट देश की सेंचुरी का शतक यहां पूरा कर रहा है।

भाइयो और बहनों, ये एयरपोर्ट आपके जीवन को और आसान करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। आज तक हम सभी को अगर देश के दूसरे हिस्‍से से सिक्किम आना हो और फिर यहां से दूसरे क्षेत्र में जाना हो, तो कितना मुश्किल होती थी। ये यहां के लोग भी जानते हैं और यहां आने वाले लोग भी जानते हैं।

पहले पश्चिम बंगाल के बागडोरा तक हवाई जहाज से उतरो, फिर वहां से करीब सवौ सो किलोमीटर तक के ऊंचे-नीचे रास्‍ते पर 5-6 घंटा थका देने वाला सफर और तब जा करके गंगटोक पहुंच पाते थे। लेकिन अब Pakyong airport इस थका देने वाली दूरी को मिनटों में समेटने वाला है।

भाइयो और बहनों, इससे सफर तो आसान और कम हुआ ही है, सरकार ने ये भी कोशिश की है यहां से आना-जाना सामान्‍य व्‍यक्ति की पहुंच में भी रहे। और इसलिए इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना से जोड़ा गया है। इस योजना के तहत 2500-2600 रुपये तक ही देने होते हैं। ढाई हजार रुपया करीब-करीब।

सरकार के इसी vision और प्रयासों की वजह से आज हवाई जहाज का सफर रेलवे के एयरकंडीशन क्‍लास जितना सस्‍ता हो गया है। और हमारे यहां कहते हैं ना- Time is money, सुनते आए हैं ना, Time is money. हवाई जहाज में जाने से टाइम बचता है मतलब money बचता है। यही कारण है कि देश के लाखों मध्‍यम वर्ग के परिवारआज हवाई यात्रा करने में सक्षम हुए हैं।

साथियो, अभी तो एयरपोर्ट की शुरूआत हुई है। अभी-अभी मुझे एयरपोर्ट का उद्घाटन करने का मौका मिला है। लेकिन अगले एक-दो हफ्ते के भीतर ही यहां से गुवाहाटी और कलकत्ता के लिए regular flight शुरू हो जाएगी।आने वाले दिनों में देश के दूसरे हिस्‍सों में और पड़ोसी देशों को भी यहां से connect करने का प्रयास किया जाएगा।

साथियो, Pakyong airport न सिर्फ सुंदरता बल्कि हमारे इंजीनियरिंग कौशल का भी प्रतीक है।जो लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए होंगे, उन्‍होंने पिछले तीन दिन से इस एयरपोर्ट की तस्‍वीर और प्रकृति की गोद में किस प्रकार से जहाज उतर रहा है, ये तस्‍वीरें शायद सोशल मीडिया में इतनी वायरल हुई हैं; आपने देखा होगा। आज, उद्घाटन तो आज हुआ है लेकिन लोगों ने इसका जय-जयकार लगातार शुरू कर दिया है।

साढ़े 500 करोड़ की लागत से बना ये एयरपोर्ट हमारे इंजीनियरों, कामगारों, उनकी क्षमता का एक गौरवपूर्ण पहलू है। कैसे पहाड़ों को काटा गया, उसके मलबे से खाई को भरा गया, भारी बारिश की चुनौतियों से निपटा गया। यहां से गुजरने वाली जलधाराओं को एयरपोर्ट के नीचे से गुजारा गया। सच में ये अद्भुत इंजीनियरिंग का कमाल है।

आज इस अवसर पर मैं एयरपोर्ट की planning और निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियर्स, सभी श्रमिकों को इस अद्भुत कार्य के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी ने वाकई कमाल करके दिखाया है।

भाइयो और बहनों, सिक्किम को और North-East में infrastructure और emotional, दोनों ही तरह की connectivity को विस्‍तार देने का काम तेजी से चल रहा है। बीते चार वर्षों के दौरान अनेक बार मैं खुद North-East के राज्‍यों में आप सभी का आशीर्वाद लेने, यहां के विकास की जानकारी लेने के लिए रूबरू आया हूं।

इतना ही नहीं, हर हफ्ते-दो हफ्ते में कोई न कोई केंद्र सरकार का मंत्री North-East के किसी न किसी राज्‍य में भ्रमण करता है, आता है, पूछताछ करता है, कामकाज का हिसाब लेता है। इसका परिणाम क्‍या हुआ है, ये भी आप सभी आज जमीन पर देख रहे हैं।

सिक्किम हो, अरुणाचल प्रदेश हो, मेघालय हो, मणिपुर हो, नागालैंड हो, असम हो, त्रिपुरा हो, मिजोरम हो, North-East के सभी राज्‍यों में बहुत से काम, आजादी के बाद बहुत से काम पहली बार हो रहे हैं। हवाई जहाज पहली बार पहुंचे हैं। रेल connectivity पहली बार पहुंची है। कई जगह बिजली भी पहली बार पहुंची है।

चौड़े National Highway बन रहे हैं, गांव की भी सड़कें बन रही हैं। नदियों पर बड़े-बड़े पुल बन रहे हैं।Digital India का विस्‍तार हो रहा है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चल रही हमारी सरकार क्षेत्रीय असंतुलन, उसको दूर करने और पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत को देश की growth story का engine बनाने के लिए पुरजोश मेहनत कर रही है, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसी vision के तहत सिक्कित को अपना एयरपोर्ट देने का काम हमने तेज किया। अड़चनों को दूर किया और आज आपका सपना पूरा हुआ है। वरना आप भी भलीभां‍ति जानते हैं करीब-करीब 6 दशक पहले एक छोटा सा जहाज यहां से उड़ा था। उसके बाद छह दशक तक आपको एयरपोर्ट के लिए इंतजार ही इंतजार करना पड़ा।

साथियों, सिक्किम ही नहीं, अरुणाचल समेत देश के अनेक राज्‍यों में नए एयरपोर्ट बने हैं।जैसे कि पहले ही मैंने शुरू में बताया कि आज हमारे 100 एयरपोर्ट, hundred airport चालू हो गए हैं। और आपको जान करके हैरानी होगी, इसमें से thirty five airport, 35 एयरपोर्ट पिछले चार साल में बने हैं।

आजादी के बाद से 2014 तक, तेज गति से काम होने का मतलब क्‍या होता है?  चारों दिशाओं में काम होने का मतलब क्‍या होता है?Vision के साथ काम करने का मतलब क्‍या होता है? इस एक उदाहरण से आप समझ पाओगे। आजादी के बाद से 2014 तक यानी sixty seven years, 67 साल में 65 एयरपोर्ट थे, sixty five. sixty seven years में sixty fiveairport, यानी कि एवरेज एक साल में एक हवाई अड्डा। बात समझ आ रही है आपको? मेरी बात आपको समझ आ रही है? एक साल में एक हवाई अड्डा। ये उनकी गति थी, ये उनकी सोच थी। बीते चार वर्षों में एक साल में 9 एयरपोर्ट उड़ान के लिए तैयार हैं। 9 गुना गति से यानी इसी काम को पूरा करना होता तो शायद वो 40 साल और लगा लेते, जो हमने चार साल में करके दिखाया है।

भाइयो-बहनों, आज भारत domestic flights के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है, दुनिया का तीसरा। भारत में हवाई सेवा देने वाली कम्‍पनियों के पास विमान कम पड़ गए हैं। नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं। आपको एक और आंकड़ा में देता हूं, वो भी आपको जरा ताज्‍जुब करेगा। आजादी के 70 वर्षों में देश में करीब 400 विमान सेवा दे रहे थे, 400 विमान। 70 साल में 400 विमान। अब विमान सेवा देने वाली कम्‍पनियों ने इस एक वर्ष में 1000 नए विमानों का ऑर्डर दिया है। 70 साल में 400 और एक साल में 1000 नए। आप कल्‍पना कर सकते हैं। और इसी से पता चलता है जो मेरा सपना है, हवाई चप्‍पल पहनने वाले सामान्‍य व्‍यक्ति को हवाई यात्रा कराने का हमारा सपना कितनी तेजी से पूरा हो रहा है।

भाइयो और बहनों, आपका अपना एयरपोर्ट बनने से आप सभी को देश के दूसरे हिस्‍सों में आने-जाने की सुविधा तो मिलेगी ही, आपकी आमदनी भी बढ़ेगी, income भी बढ़ेगी। सिक्किम तो वैसे ही देशी-विदेशी टूरिस्‍टों का प्रिय destination रहा है। यहां जनसंख्‍या से ज्‍यादा टूरिस्‍ट आते हैं। मुझे बताया गया है कि एयरपोर्ट न होने के बावजूद राज्‍य की कुल आबादी से डेढ़ गुना पर्यटक यहां आते हैं।

अब ये एयरपोर्ट बन जाने के बाद पर्यटकों की संख्‍या इतनी सीमित नहीं रहने वाली है, मानके चलिए। इस दिवाली में ही दिखाई देगा, इस दुर्गा पूजा में ही दिखाई देगा कि किस प्रकार से टूरिस्‍टों का मेला लगने वाला है यहां।

एयरपोर्ट सिक्किम के नौजवानों के लिए रोजगार का नया  Gateway साबित होने वाला है। और इसकी वजह से यहां hotel, motel, guest house, camping sites, homestay, tourist, guide, restaurant, कितने ही। और टूरिज्‍म ऐसा है, गरीब से गरीब आदमी भी कमाता है,सींग-चना बेचने वाला भी कमाएगा, फूल-पौधे बेचने वाला भी कमाएगा, ऑटो-रिक्‍शा वाला भी कमाएगा, गेस्‍ट हाउस वाला भी कमाएगा और चाय बेचने वाला भी कमाएगा।

साथियो, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्‍म को सरकार ने transformation का साधन बनाया है। आस्‍था से जुडे स्‍थान हों, आध्‍यात्‍म से जुड़े स्‍थल हों, आदिवासी पहचान के क्षेत्र हों; इन सभी क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं के लिए, पर्यटकों के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इस क्षेत्र में तो सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा भी है और यहां पर नाथूला दर्रा भी है। जिसको हमारी सरकार ने ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए खोला है।

यहां श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का निर्माण करने के लिए 40 करोड़ से अधिक स्‍वीकृत भी किए गए हैं। यहां के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सिक्किम को हरा-भरा बनाए रखने के लिए भी राज्‍य सरकार के साथ मिल करके अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने National river conservation plan के तहत 350 करोड़ से अधिक की राशि स्‍वीकृ‍त की है। इसके तहत जो 9 projects मंजूर हुए हैं, और उनमें 8 गंगटोक और सिंगटम के लिए हैं। करीब डेढ सौ करोड़ के projects रानीचू नदी को प्रदूषित होने से बचाने वाले हैं। इसके अलावा पर्यावरण बचाने के लिए पूरे North-East के लिए करीब सवा सौ करोड़ रुपये की स्‍वीकृति दी जा चुकी है जिसमें से 50 करोड़ से अधिक रिलीज भी किए जा चुके हैं।

साथियो, पर्यावरण, परिवहन और पर्यटन, इसका आपस में गहरा रिश्‍ता है। इसलिए सिक्किम के लिए सिर्फ air connectivity पर ही बल नहीं दिया जा रहा है, दूसरे साधनों को भी मजबूत किया जा रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये से अधिक के National Highway project पर भी यहां काम चल रहा है। इसके अलावा करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से छोटी-छोटी सड़कों को बनाया जा रहा है, चौड़ा किया जा रहा है।

सड़क के साथ-साथ सिक्किम में रेलवे कोभी मजबूत किया जा रहा है। गंगटोक को broadguage से जोड़ने का काम तेज गति से चल रहा है।

सिक्किम में बिजली की व्‍यवस्‍था को सुधारने के लिए transmission line को ठीक करने के लिए 1500 करोड़ से अधिक की सहायता राज्‍य को दी गई है। मुझे बताया गया है कि इस वर्ष दिसंबर तक इस काम को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके अलावा बिजली पैदा करने के मामले में भी सिक्किम को देश के अग्रणी राज्‍यों में खड़ा करने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं। करीब 14 हजार करोड़ की लागत से 6 हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं पर यहां पर काम चल रहा है।

भाइयो और बहनों, मैं आप सभी सिक्किम वासियों को, यहां की सरकार को और विशेषकर यहां के किसानों को बधाई देता हूं कि आप organic farming को लेकर देश मेंउदाहरण बन करके सामने आए हैं।सिक्किम शत-प्रतिशत organic farmingstate बनने वाला पहला राज्‍य है।

Organic farming को देशभर में बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक प्रयास कर रही है। इसके लिए परम्‍परागत कृषि विकास योजना के तहत काम किया जा रहा है। न सिर्फ organic farming को बल दिया जा रहा है, बल्कि उसके लिए value addition और मार्केट की व्‍यवस्‍था भी की जा रही है। और ये जो हवाई अड्डा है, आज तो पैसेंजर के लिए शुरू हो रहा है, लेकिन वो दिन दूर नहीं होगा जब यहां से फल, फूल घंटे भर में दिल्‍ली के बाजार में पहुंच जाएं, वो दिन दूर नहीं होगा।

हिन्‍दुस्‍तान के कई भगवान होंगे जिनके चरणों में अब सिक्किम के किसानों ने जो फूल तैयार किए हैं वो पहुंचने वाले हैं।North-East के राज्‍यों में सरकार ने mission organic value development for North-Eastern region नाम से एक विशेष योजना भी चलाई है। इसके लिए करीब 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

साथियो, ऑर्गेनिक उत्‍पाद न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए, हमारी धरती के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि हमें बीमारियों से भी दूर रखते हैं। देशवासियों का स्‍वास्‍थ्‍य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। और मुझे कल मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि यहां पर पिछले दस साल में इस organic सफलता का एक सीधा परिणाम दिखाई दे रहा है, यहां आयु अब बढ़ रही है। पहले की दुनिया में पिछले दस साल में जीवन जीने के उम्र की सीमा तेज गति से बढ़ रही है और उसमें भी पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं की बढ़ रही है।

मुझे विश्‍वास है कि देश के लोग भी ये केमिकल फर्टिलाइजर से मुक्ति पा करके कितना जीवन अच्‍छा जीआ जा सकता है, वो जरूर सिक्किम से सीखेंगे, समझेंगे।

मुझे जानकारी है कि स्‍वच्‍छता ही सेवा की मुहिम को सिक्किमवासियों ने एक प्रकार से गले लगाया है, बहुत आगे बढ़ाया है। आप सभी के प्रयास, आपकी जागरूकता की वजह से सिक्किम ने 2016 में सबसे पहले सिक्किम को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया था।Open defecation free. इतना ही नहीं, प्‍लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए भी आप लोगों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है।

भाइयो और बहनों, जैसे मैंने पहले कहा, कल देश में आयुष्‍मान भारत के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी Health care scheme, इसका प्रारंभ हुआ है। और सिक्किम भी इसके साथ जुड़ा हुआ है। और उसके कारण सिक्किम के गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक की बीमारी, गंभीर बीमारी का खर्चा अब सरकार की तरफ से दिया जाएगा। और यहां का नागरिक हिन्‍दुस्‍तान के किसी भी कोने में जाए, उसको वहां अस्‍पताल की जरूरत पड़ी तो वहां भी वो पैसा दिया जाएगा। बीमार व्‍यक्ति जहां भी जाएगा, ये जो आयुष्‍मान भारत का सुरक्षा कवच है, ये उसकेसाथ-साथ चलेगा।

साथियो, बीते चार वर्षों में सामान्‍य जन के जीवनस्‍तर को ऊपर उठाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है, जिसका सिक्किम को भी लाभ मिल रहा है। जन-धन योजना की वजह से यहां के करीब एक लाख लोगों के बैंक खाते खुले हैं। लगभग 80 हजार भाई-बहनों को सिर्फ एक रुपये महीना और 90 पैसे प्रतिदिन सुरक्षा बीमा योजनाओं से जोड़ा गया है।

उज्‍ज्‍वला योजना के तहत करीब 38 हजार गरीब परिवारों को किचन तक मुफ्त में गैस कनेक्‍शन पहुंचाया गया है।

सा‍थियो, पूर्वी भारत, पूर्वोत्‍तर के जीवन को सरल बनाने, यहां की मुश्किल परिस्थितियों को सरल बनाने के लिए, ease of living  सुनिश्चित करने के लिए एनडीए के सरकार प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। हम इस क्षेत्र को विकास के लिए नए युग के साथ जोड़ना चाहते हैं।न्‍यू इंडिया की नई धुरी बनाना चाहते हैं।

इस एयरपोर्ट की वजह से यहां अनेक सुविधाएं यहां विक‍सित होंगी जो सिक्किम को विकास में नई ऊंचाई देंगी। आप सभी को अपने पहले एयरपोर्ट के लिए मैं फिर एक बार हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मुख्‍यमंत्री जी ने कई विषयों का उल्‍लेख किया है, इन सारे विषयों की मेरी उनके साथ व्‍यक्तिगत चर्चा होत रहती है। और इसलिए उसको सार्वजनिक रूप से अलग से मुझे उल्‍लेख करने की जरूरत नहीं है। लेकिन मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं इस देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, सिक्किम को भी आगे बढ़ाना है, सिक्किम के हर समाज को, हर व्‍यक्ति को, हर नौजवान को, उसकेसपनों को पूरा करने के लिए हर कोशिश की जाएगी।

इस विश्‍वास के साथ मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

धन्‍यवाद।

Explore More
78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

பிரபலமான பேச்சுகள்

78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।