QuotePM Modi speaks at the 10th Annual Convention of the Central Information Commission
QuoteRTI is not only about the right to know but also the right to question. This will increase faith in democracy: PM
QuoteGovt's 'Digital India' is complimentary to RTI, putting information online brings transparency, which in turn, builds trust: PM
QuoteMore openness in government will help citizens. In this day and age there is no need for secrecy: PM
QuoteAim of RTI must be to bring about a positive change in governance: PM
QuoteThe voice of people is supreme in a democracy: PM Narendra Modi

उपस्थित सभी महानुभव,

आज हम सूचना के अधिकार के संबंध में आज 10 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं। इस व्‍यवस्‍था में विश्‍वास पैदा करने के लिए इस व्‍यवस्‍था को आगे बढ़ाने में जिन-जिन लोगों ने योगदान दिया है, उन सबको मैं धन्‍यवाद करता हूं और बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

यह बात सही है कि सूचना के अधिकार से सबसे पहली बात सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति को जानने का अधिकार हो, लेकिन वहां सीमित न हो। उसे सत्‍ता को question करने का भी अधिकार हो। और यही लोकतंत्र की बुनियाद है। और हम उस दिशा में जितनी तेज गति से काम करेंगे, उतना लोकतंत्र के प्रति लोगों का विश्‍वास और बढ़ेगा। लोगों की जागरूकता, एक प्रकार से शासन को भी ताकत देती है और न सिर्फ शासन को राष्‍ट्र की भी एक बहुत बड़ी अमानत बनती, है जागरूक समाज का होना। ऐसी कुछ व्‍यवस्‍था होती है, जो इन व्‍यवस्‍थाओं को पनपाती है, पुरस्‍कृत करती है, प्रोत्‍साहित करती है और परिणाम तक पहुंचाती है।

जो जानकारी मिलती है उस हिसाब से कहते हैं कि 1766 में सबसे पहले स्‍वीडन में इसका प्रारंभ हुआ। लिखित रूप में प्रारंभ हुआ। informally तो शायद कई व्‍यवस्‍थाओं में यह चलता होगा। लेकिन यही व्‍यवस्‍था अमेरिका में आते-आते 1966 हो गया। दो सौ साल लगे। कुछ देशों ने कानून पारित किए। लेकिन पारित करने के लागू करने के बीच दो साल का फासला रखा, ताकि लोगों को educate कर पाएं। शासन व्‍यवस्‍था को aware कर सके। और एक mature way में व्‍यवस्‍था विकसित हो। हमारे देश का अनुभव अलग है। हम लोगों ने निर्णय किया और काम करते-करते उसको सुधारते गए, ठीक करते गए और empower करते गए। और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी तभी जा करके institution और अधिक strengthen होती है और आने वाले दिनों में इसके लिए निरंतर प्रयास होता है।

एक बात निश्‍चित है कि जो Digital India का सपना है वो एक प्रकार से आरटीआई की जो भावना है उसके साथ पूरक है। क्‍योंकि जब चीजें online होने लगती है, तो अपने आप transparency आती है। और शासन और जनता के बीच trust होना चाहिए और trust through transparency होता है। अगर transparency है तो trust आता ही है। और इसलिए Digital India का जो सपना है, वो चीजों को जितना online करते जाएंगे, जितना open करते जाएंगे, सवालिया निशान कम होते जाएंगे। अब अभी पिछले दिनों coal का auction हुआ।

अब हमें मालूम है कि पहले कोयले को ले करके कितना बड़ा तूफान मच गया। कितने बड़े सवाल खड़े हुए। सुप्रीम कोर्ट तक को उसमें involve होना पड़ा। RTI से जुड़े हुए लोग भी इसमें काफी मेहनत करते रहे। अभी इस सरकार के सामने विषय आया, तो हमने सारी चीजें online की, online की इतना ही नहीं, एक बड़े screen पर, एक public place पर जहां कोई भी आसकता है देख सकता है, सारी process देख रहा था। हर शाम को कहां पहुंच इसका पता करता था। मीडिया के लोग भी आ करके बैठते थे। अब इस व्‍यवस्‍था में मैं नहीं मानता हूं कि फिर कभी किसी को RTI की जरूरत पड़ेगी, क्‍योंकि मैं मानता हूं कि जो RTI से मिलने वाला था वो पहले उसके सामने था। अभी हमने FM Radio का Auction किया, वो भी उसी प्रकार से online किया। spectrum का auction किया वो भी उसी प्रकार से किया। और जब auction चल रहा था, online सब लोग आते थे। हफ्ते, दस दिन तक चलता था। मीडिया के लोग भी बैठते थे। और भी लोग बैठते थे। कोई भी व्‍यक्ति उसको कर सकता था।

क्‍यों न हम transparency proactively क्‍यों न करे। किसी को जानने के लिए प्रयास करना पड़े कि किसी को जानकारी सहज रूप से मिले। शासन लोकतंत्र में उसका प्रयास हो रहना चाहिए कि सहज रूप से उसको जानकारी मिलनी चाहिए। हमारे यहां कुछ चीजें तो ऐसी पुरानी घर कर गई थी। धीरे-धीरे उसको बदलने में समय लगता है। अब जैसे आपको कहीं apply करना है और अपने certificate का Xerox देते हैं तो वो मंजूर नहीं होता है। किसी gestated officer या किसी political leader से जब तक ठप्‍पा नहीं मरवाते हो उसको मान्‍यता नहीं मिलती है। अब यह सालों से चल रहा था। हमने आ करके निर्णय किया कि भई नागरिक पर हम भरोसा करे। वो एक बार कहता तो सच मान ले और जब final उसका होगा, तब original certificate ले करके आ जाएगा, देख लेना। और आज वो व्‍यवस्‍था लागू हो गई। कहने का तात्‍पर्य यह है कि हम नागरिक पर भरोसा करके व्‍यवस्‍थाओं को चलाए। नागरिकों पर शक करके हम चीजों को चलाएंगे, तो फिर हम भी अपने आप को कहीं न कहीं छुपाने की कोशिश करते रहेंगे। एक openness, governance में जितना openness आएगा, उतना परिणाम सामान्‍य नागरिक को भी ताकतवर बनाता है।

सरकार का और भी स्‍वभाव बना हुआ है। साइलो में भी काम करना और इतना ही नहीं एक ही कमरे में चार अफसर बैठे हो, बड़ी कोशिश करता है कि बगल वाला फाइल देखें नहीं। अब यह जो secrecy की मानसिकता किसी जमाने में रही होगी, उस समय के कुछ कारण होंगे, लेकिन आज मैं यह नहीं मानता हूं कि इस प्रकार की अवस्‍था रहेगी। अगर खुलापन है, खुली बात है, भई यह चार काम करने है, चर्चा करके करने है। तो मैं समझता हूं कि उसके कारण एक सरलता भी आती है और speed भी आती है। एक-आध चीज की कमी रहती है, तो अपना साथी बताता है कि अरे भई तुम देखो यह पहलू जरा देख लो। तो एकदम से काम में.. कोई जरूर नहीं कि वो फाइल पर लिख करके कहता है, ऐसे बातों में कहता है कि देखो भई यह पहलू देखना पड़ेगा। तो अपने आप सुधार हो जाता है। तो सुधार करने के लिए हमारे मूलभूत स्‍वभाव में भी शासन थे। यह बहुत अपेक्षा रहती है कि उसमें यह बदलाव लाना चाहिए और हम उस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। मुझे विश्‍वास है कि यह प्रयास परिणामकारी होगा।

आज मैं समझता हूं कि RTI की एक सीमा है। वो सीमा यह है कि जिसको जानकारी चाहिए, जानकारी तो मिलती है। कुछ बातें मीडिया को काम आ जाती है। कुछ बातें किसी को न्‍याय तक सीमित रह जाती है। process का पता चलता है। लेकिन अभी भी product का पता नहीं चलता। मैं इस रूप में कह रहा हूं कि मान लीजिए एक Bridge का contract दिया गया, तो RTI वाला पूछेगा तो उसको पता चलेगा फाइल कैसे शुरू हुई, tendering कैसे हुआ, noting क्‍या था, साइट कैसे select हुआ, यह सब चीजें मिलेगी। लेकिन वो Bridge कैसे बना, ठीक बना कि नहीं बना। उसमें कमियां है कि ठीक हुआ, समय पर हुआ कि नहीं हुआ। इन चीजों की तरफ अब ध्‍यान देने का समय आया है। तो हम process पर जितना ध्‍यान देते हैं RTI के द्वारा एक समय वो भी चाहिए कि जब product पर भी उतना ही transparency लाए, तब जा करके बदलाव आता है। वरना वो जानकारियां सिर्फ एक संतोष के लिए होती है। आखिरकर RTI का उपयोग Governance में बदलाव लाने के लिए सबसे पहले होना चाहिए।

और इसलिए जब विजय जी मुझे मिले थे, तो मैंने बातों-बातों में उनको कहा था कि जो लोग हमें सवाल पूछते हैं क्‍या हमने उसका Analysis किया है कि भई रेलवे के संबंध में कितने सवाल आते हैं? Home के संबंध में कितने सवाल आते हैं। फलाने विषय में कितने सवाल आते हैं। Analysis वो department है जहां हजारों की तादाद में सवाल आते हैं। यह department जहां सौ से ज्‍यादा नहीं आते हैं। फिर हमने उसका analysis करना चाहिए यह जो सवाल आते हैं, उसके मूल में कोई policy paralyses तो नहीं है। हम identify कर सकते हैं। अगर हम इस RTI को सिर्फ जवाब देने तक सीमित रखे तो शासन व्‍यवस्‍था को लाभ नहीं होता है। उस नागरिक ने सवाल पूछा है मतलब शासन व्‍यवस्‍था में कहीं न कहीं कोई बात है, जो पूछने की जरूरत पड़ी है। अगर व्‍यवस्‍था इतनी sensitive होती है। और जो सवाल आए उनका हम analysis करते हैं, तो हमें पता चलेगा कि policy matter के कारण यह समस्‍या बार-बार उठ रही है, लोग सवाल पूछ रहे हैं। तो Government को High level पर सोचना चाहिए कि policy matter में क्‍या फर्क लाना चाहिए। एक RTI क्‍या छोटा सा सवाल भी आपको policy बदलने के लिए मजबूर कर सकता है और कभी-कभार वो इतना सटीक बात पूछता है कि ध्‍यान में आता है कि यह तरफ हमारा ध्‍यान नहीं गया। इसलिए Good Governance के लिए RTI कैसे उपयोग में आए, सिर्फ जवाब देने से RTI Good Governance नहीं ला सकता है। वो सिर्फ विवादों के लिए काम आ सकता है। परिस्थिति पलटने के लिए नहीं काम आ सकता है।

दूसरा मैंने सुझाव दिया कि एक तो part यह होता है कि भई policy के कारण, दूसरा होता है person के कारण, कि भई जो व्‍यक्ति वहां बैठा है उसके nature में ही है। इसलिए ऐसी स्थिति पैदा होती है वो जवाब नहीं देता है, ढीलापन रखता है, ऐसे ही चलता है। तो फिर person पर सोचने का सवाल आएगा भई। एक ही person से संबंधित इतने सारे issue क्‍यों खड़े होते हैं, तो कहीं न कहीं कोई कमी होगी, उसको ठीक कैसे किया जाए? उस पर सोचना चाहिए। कहीं पर ऐसा होगा कि जिसे पता चलेगा कि भई लोगों ने सवाल पूछे है लेकिन finance के resource crunch के कारण वो नहीं हो पा रहा है। या कोई काम ऐसा होगा कि जिसके कारण लोकल कोई न कोई व्‍यवस्‍था होगी, जो रूकावटें डाल रही है। जब हम इन सवालों का perfect analysis करें और उसमें से सरकार की कमियां ढूंढे नागरिकों के सवालों में से ही सरकार की कमियां उजागर हो सकती है, व्‍यवस्‍था की कमियां उजागर हो सकती है, process की कमियां उजागर हो सकती है। और उसको ठीक करने के लिए उसमें से हमें एक रास्‍ता भी मिल सकता है। और इसलिए मैं चाहूंगा कि आप जब इस पर डिबेट करने वाले हैं हम RTI को एक Good Governance की ओर जाने का एक साधन के रूप में कैसे इस्‍तेमाल करें? और यह हो सकता है।

मैं इन दिनों एक कार्यक्रम करता हूं भारत सरकार में आने के बाद – प्रगति। एक साथ सभी chief secretaries और सभी secretaries भारत सरकार के और मैं 12-15 issue लेता हूं। और उससे ध्‍यान में आता है। सवाल तो मैं वो लेता हूं किसी नागरिक की चिट्ठी के आधार पर पकड़ता हूं। किसी ने मुझे लिखा कि भई फौजियों को pension में problem है। तो मैंने उस विषय को उठाया। सबको बुलाया, बिठाया, सब वीडियो पर होते हैं मीटिंग नहीं करते हैं। मैं तो एक छोटे कमरे में बैठता हूं। लेकिन उसका कारण बनता है, परिस्थिति आती है तुरंत ध्‍यान में आता है कि भई इस विषय को हैंडल करना पड़ेगा। किसी ने मुझे लिखा भी था post office में 15 दिन बीत गए, 20 दिन बीत गए टपाल नहीं आई थी। मैंने प्रगति में ले लिया, तुरंत पता चला क्‍या कारण था उनका। कहां पर यह slow process चल रहा था।

कहने का तात्‍पर्य यह है कि हम नागरिकों की आवाज को अगर हम महत्‍व दें। जब मैं गुजरात में था तो मैंने एक प‍द्धति बनाई थी। जो MLA सवाल पूछते हैं, मेरा अनुभव है कि MLA यानी जनप्रतिनिधि किसी भी दल का क्‍यों न हो, लेकिन उसकी हर बात को तव्‍वजू देनी चाहिए, महत्‍व देना चाहिए। किसी भी दल का क्‍यों न हो। क्‍योंकि वो अपने क्षेत्र के संबंध में कोई बात बताता है मतलब वो जनहित के लिए ही बताता है, मान करके चलना चाहिए। लेकिन जब House के अंदर जवाब देते हैं, तो by and large मीडिया centric process चलता है। एक प्रकार से House में, कल मीडिया में क्‍या छपेगा, टीवी पर क्‍या दिखेगा, वही dominate करने लग गया है। और इसलिए House में तो हर कोई अपना score settle करने वाला जवाब देता है। अब क्‍या करे मजबूरी हो गई है राजनीति की कि भई दूसरे दिन मीडिया में खबर खराब न आए। तो वो अपना.... और वो कर भी लेता और जीत भी जाता है। वो बात अलग है। लेकिन मैंने एक process शुरू किया था। Assembly सत्र पूरा होने के बाद जितने भी question आते थे। हर department को कहता था हर question का Analysis करो और मुझे action taken रिपोर्ट दो। भले किसी का भी सवाल हो, House में आपने जो भी जवाब दिया ठीक है। अगर उसने कहा है कि भई वहां road नहीं बना है मुझे result चाहिए। और उसके कारण शासन में electives के प्रति एक sensitivity पैदा हुई थी। मैं मानता हूं ऐसी sensitivity RTI के सवालों के साथ हमको जोड़ती है। अगर यह पूरे देश में शासकीय व्‍यवस्‍था में प्रगति में बहुत कुछ कर सकते हैं। और उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।

एक यह भी बात है कि जब हम RTI की बात करते हैं तो यह मत है कि यह सारा communication जो है, information access करने की जो प्रक्रिया है। वो एक तो transparent होनी चाहिए, Timely होनी चाहिए and Trouble fee होनी चाहिए। यह हम जितना.. क्‍योंकि समय बीतने के बाद अगर हम जानकारी देते हैं तो न वो शासन को सुधारती है और न शासन को accountable बनाती है। फिर स्थिति कि अब क्‍या करे भई, वहां तो भवन बन गया अब वो भवन कैसे तोड़ सकते हैं। क्‍या करे भई वहां तो लोग रहने के लिए आए गए। उनको कैसे निकाल सकते हैं। अगर Timely information देते तो हो सकता है कि गलत निर्णय रूक जाता, तुरंत हम ध्‍यान में आते। और इसलिए transparency भी हो, Timely भी हो, Trouble free भी हो। यह हम बल देंगे, तो हम इस कानून बनाए लेकिन उस कानून का ज्‍यादा अच्‍छे से उपयोग कर सकते। ज्‍यादा अच्‍छा परिणाम ला सकते हैं।

आज मैंने देखा है कि गांव के अंदर.. यह ठीक है हर बात में कुछ मात्रा में कोई न कोई शंका को अशंका का कारण रहता होगा लेकिन larger interest में यह बहुत उपकारक है, बहुत उपयोगी है। मैंने राज्‍य का शासन चलाया इसलिए मुझे मालूम है कि गरीब व्‍यक्ति RTI का कैसे उपयोग करता है। अगर गांव के अंदर किसी ने गलत encroachment कर दिया है और वो बड़ा दबदबा वाला इंसान है तो शासन कुछ कर नहीं पाता है। और एक गरीब आदमी RTI को एक सवाल पूछ देता है, आ जाता है, तो शासन को मजबूर हो करके encroachment हटाना पड़ता है। और जनता की या शासन की जो जमीन है वो खुली करवानी पड़ती है। ऐसे कई उदाहरण मैंने देखे हैं। गांव का भी एक छोटा व्‍यक्ति.. ।

हम जब गुजरात में थे तो एक प्रयोग किया था। और वो गुजरात मॉडल के रूप में जाना जाता था tribal के लिए। हम tribal को सीधे पैसा दे देते थे। और tribal को कहते थे तुम अपनी requirement के अनुसार एक कमिटी योजना बनाए और वो अपना काम हो, क्‍योंकि सरकार योजना बनाती गांधी नगर में बैठके। वो चाहती कि कुंआ खोदेंगे। गांवा वाला कहता है कि मुझे कुंआ नहीं चाहिए, मुझे स्‍कूल चाहिए और हम कुंए के लिए पैसा देते हैं, उसे स्‍कूल चाहिए उसके बजाय हमने गांव वालों को दिया। लेकिन गांव में ग्राम सभा के अंदर उनको सारा ब्‍यौरा देना पड़ता था और बोर्ड पर लिखकर रखना पड़ता था कि हमने इस काम के लिए इतना पैसा लगाया। गांव का सामान्‍य व्‍यक्ति भी पूछ लेता था पंच के प्रधान को कि भई तुम कह रहे हो दो सौ रुपया यहां लगाया, वो चीज तो दिखती नहीं, बताओ। और Transparency आती थी। हम जितना openness लाते हैं, उतनी Transparency की गारंटी बनती है। और इसलिए RTI एक माध्‍यम है Transparency की ओर जाने का, लेकिन At the same time RTI से सीख करके हमने शासन व्‍यवस्‍था में Transparency लाने की आवश्‍यकता है। और मुझे विश्‍वास है कि अगर गलत इरादे से कोई काम नहीं है तो कभी कोइे तकलीफ नहीं होती है, कोई दिक्‍कत नहीं होती है। सही काम सही परिणाम भी देते हैं। और जैसा मैंने कहा सिर्फ process नहीं। हमें आने वाले दिनों में product की quality पर भी ध्‍यान देना पड़ेगा। उसको भी हम किस प्रकार से सोंचे। ताकि हर चीज का हिसाब-किताब देना पड़े। क्‍योंकि जनता के पैसा से चलती है सरकार। सारे निर्माण कार्य होते हैं जनता के पैसों से होते हैं। और जनता सर्वपरि होती है लोकतंत्र में। उसके हितों की चिंता और उस व्‍यवस्‍था को मजबूत करने की दिशा में हम प्रयास करते रहेंगे। तो मैं समझता हूं कि बहुत ही उपकारक होगा।

आज पूरा दिनभर आप लोग बैठने वाले हैं। मुझे विश्‍वास है कि इस बंधन में राज्‍य के भी सभी अधिकारी यहां पर आए हुए हैं। तो उस मंथन में से जो भी अच्‍छे सुझाव आएंगे वो सरकार के ध्‍यान में आएंगे। उसमें से कितना अच्‍छा कर सकते हैं प्रयास जरूर रहेगा, लेकिन हम चाहेंगे कि जनता जितनी ताकतवर बनती है, नागरिक जितना ताकतवर बनता है वो ताकत सचमुच में देश की ही ताकत होती है। उसी को हम बल दें। इसी एक अपेक्षा के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्‍यवाद।

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The new Pamban Bridge to Rameswaram brings technology and tradition together: PM Modi
April 06, 2025
QuoteI feel blessed that I could pray at the Ramanathaswamy Temple today: PM
QuoteThe new Pamban Bridge to Rameswaram brings technology and tradition together: PM
QuoteToday, mega projects are progressing rapidly across the country: PM
QuoteIndia's growth will be significantly driven by our Blue Economy and the world can see Tamil Nadu's strength in this domain: PM
QuoteOur government is continuously working to ensure that the Tamil language and heritage reach every corner of the world: PM

वणक्कम!

एन अंबू तमिल सोंधंगले !

तमिलनाडु के राज्यपाल एन रवि जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, डॉक्टर एल मुरुगन जी, तमिलनाडु सरकार के मंत्री गण, सांसद, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

नमस्कार !

साथियों,

आज रामनवमी का पावन पर्व है। अब से कुछ समय पूर्व अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला का सूर्य की किरणों ने भव्य तिलक किया है। भगवान श्रीराम का जीवन, उनके राज्य से मिलने वाली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र निर्माण का बड़ा आधार है और आज रामनवमी है, मेरे साथ बोलिए, जय श्री राम! जय श्री राम! जय श्री राम! तमिलनाडु के संगम कालीन साहित्य में भी श्रीराम के बारे में कहा गया है। मैं रामेश्वरम की इस पवित्र धरती से, समस्त देशवासियों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

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Friends,

I feel blessed that I could pray at the Ramanathaswamy Temple today. On this special day, I got the opportunity to hand over development projects worth Eight thousand and Three Hundred crore rupees. These rail and road projects will boost connectivity in Tamil Nadu. I congratulate my brothers and sisters in Tamil Nadu for these projects.

Friends,

This is the land of Bharat Ratna Dr. Kalam. His life showed us that science and spirituality complement each other. Similarly, the new Pamban bridge to Rameswaram brings technology and tradition together. A town that is thousands of years old is being connected by a 21st century engineering wonder. I thank our engineers and workers for their hard work. This bridge is India’s first vertical lift railway sea bridge. Big ships will be able to sail under it. Trains will also be able to travel faster on it. I just flagged off a new train service and also a ship a short while ago. Once again, I congratulate the people of Tamil Nadu for this project.

Friends,

For many decades, there was a demand for this bridge. With your blessings, we got the privilege of completing this work. Pamban bridge supports both Ease of Doing Business and Ease of Travel. It will have a positive impact on the lives of the lakhs of people. The new train service will improve the connectivity from Rameswaram to Chennai and other parts of the country. This will benefit both trade and tourism in Tamil Nadu. New job and business opportunities will also be created for the youth.

साथियों,

बीते 10 वर्षों में भारत ने अपनी इकॉनॉमी का साइज़ दोगुना किया है। इतनी तेज ग्रोथ का एक बड़ा कारण हमारा शानदार मॉर्डन इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। बीते 10 सालों में हमने रेल, रोड, एयरपोर्ट, पोर्ट, बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट करीब 6 गुणा बढ़ाया है। आज देश में बहुत तेजी से मेगा प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। आप नॉर्थ में देखेंगे, तो जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज में से एक, चिनाब ब्रिज बना है। West में जाएंगे, तो मुंबई में देश का सबसे लंबा सी ब्रिज, अटल सेतु बना है। ईस्ट में जाएंगे, तो असम के बोगीबील ब्रिज के दर्शन होंगे। और साउथ में आते हैं, तो दुनिया के गिने-चुने वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज में से एक, पंबन ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ है। इसी तरह, ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी तैयार हो रहे हैं। देश की पहली बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है। वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें रेल नेटवर्क को और आधुनिक बना रही हैं।

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साथियों,

जब भारत का हर रीजन आपस में कनेक्ट होता है, तो डेवलप्ड नेशन बनाने का रास्ता मजबूत होता है। दुनिया के हर डेवलप्ड नेशन, हर डेवलप्ड रीजन में यही हुआ है। आज जब भारत का हर स्टेट आपस में कनेक्ट हो रहा है, तो पूरे देश का potential सामने आ रहा है। इसका बेनिफिट भी देश के हर रीजन को हो रहा है, हमारे तमिलनाडु को हो रहा है।

साथियों,

विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है। मैं मानता हूं, तमिलनाडु का सामर्थ्य जितना ज्यादा बढ़ेगा, भारत की ग्रोथ उतनी ही तेज होगी। बीते दशक में तमिलनाडु के विकास के लिए, 2014 से पहले की तुलना में तीन गुणा ज्यादा पैसा सेंटर से दिया गया है। जब INDI Alliance की सरकार थी, DMK उस सरकार में विराजमान थे, तब जितना पैसा मिला, उससे तीन गुना मोदी सरकार ने दिया है। इससे तमिलनाडु की इकोनॉमिक और इंडस्ट्रियल ग्रोथ में बहुत बड़ी मदद मिली है।

साथियों,

तमिलनाडु का इंफ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार की priority है। बीते एक दशक में तमिलनाडु का रेलवे बजट, सेवन टाइम्स से ज्यादा increase किया गया है। इसके बावजूद भी कुछ लोगों को बिना कारण रोते रहने की आदत है, वो रोते रहते हैं। 2014 से पहले, रेल प्रोजेक्ट्स के लिए हर साल सिर्फ only nine hundred crore rupees ही मिलते थे और आपको पता है उस समय INDI Alliance के मुख्य कर्ताधर्ता कौन थे, ये आपको पता है। इस वर्ष, तमिलनाडु का रेल बजट, six thousand crore rupees से ज्यादा है। भारत सरकार, यहां के 77 रेलवे स्टेशन्स को मॉडर्न भी बना रही है। इसमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है।

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साथियों,

Last ten years में, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों के रोड्स और हाईवेज़ के क्षेत्र में भी बहुत सारा काम हुआ है। 2014 के बाद तमिलनाडु में केंद्र सरकार की मदद से, 4000 किलोमीटर रोड्स बनी हैं। चेन्नई पोर्ट को कनेक्ट करने वाला, elevated corridor, शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बेहतरीन उदाहरण बनेगा। आज भी करीब 8000 crore rupees के रोड प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स, तमिलनाडु के अलग अलग डिस्ट्रिक्स के साथ ही, आंध्र प्रदेश के साथ भी कनेक्टिविटी बेहतर करेंगे।

साथियों,

चेन्नई मेट्रो जैसा मॉडर्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी, तमिलनाडु में ease of travel को बढ़ा रहा है। हमें याद रखना है, जब इतने सारे इंफ्रास्ट्रक्चर का काम होता है, तो इससे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट होती हैं। मेरे नौजवानों को रोजगार के नए अवसर मिलते हैं।

साथियों,

बीते दशक में भारत ने सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी रिकॉर्ड निवेश किया है। मुझे खुशी है कि तमिलनाडु के करोड़ों गरीब परिवारों को इसका बेनिफिट मिल रहा है। बीते 10 साल में 4 करोड़ से ज्यादा पक्के घर, देश भर के गरीब परिवारों को मिले हैं और इसमें, पीएम आवास योजना के तहत twelve lakh से ज्यादा पक्के घर, यहां तमिलनाडु में मेरे गरीब परिवार के भाई-बहनों को मिले हैं। पिछले 10 सालों में गांवों में करीब Twelve करोड़ परिवारों तक पहली बार पाइप से वॉटर, नीर पहुंचाया गया है। इसमें, one crore eleven lakh families, मेरे तमिलनाडु की हैं। इनके घर में पहली बार टैप वॉटर पहुंचा है। इसका बहुत बड़ा लाभ तमिलनाडु की मेरी माताओं-बहनों को मिला है।

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साथियों,

देशवासियों को क्वालिटी और सस्ता इलाज देने से, ये हमारी सरकार की कमिटमेंट है। आप देखिए, आयुष्मान योजना के तहत, तमिलनाडु में वन करोड़ से ज्यादा ट्रीटमेंट्स हो चुके हैं। इससे तमिलनाडु के इन परिवारों के eight thousand crore rupees जो उनकी जेब में से खर्च होना था, वो खर्च बच गया है। मेरे तमिलनाडु के भाई-बहनों के जेब में eight thousand crore rupees, ये बहुत बड़ा आंकड़ा है। तमिलनाडु में fourteen hundred से अधिक, जन-औषधि केंद्र हैं। ये मैं जरा तमिलनाडु का बताता हूं, यहां जन-औषधि केंद्र में eighty percent डिस्काउंट पर दवाएं मिलती हैं। इन सस्ती दवाओं से भी लोगों की जेब में seven hundred crore rupees, मेरे तमिलनाडु भाई-बहनों की जेब seven hundred crore rupees की सेविंग हुई है और इसलिए मैं तमिलनाडु के मेरे भाई-बहनों को कहूंगा, अगर आपको दवाई खरीदनी है, तो जन-औषधि केंद्र से खरीदीए। आपको एक रुपये की चीज 20 पैसे में, 25 पैसे में, 30 पैसे में मिल जाएगी।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि देश के नौजवानों को डॉक्टर बनने के लिए abroad जाने की मजबूरी ना रहे। बीते सालों में तमिलनाडु को 11 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं।

साथियों,

देशभर में कई राज्यों ने मातृभाषा में डाॅक्‍टरी की शिक्षा आरंभ की है। अब गरीब से गरीब मां का बेटा-बेटी भी जिसने अंग्रेजी नहीं पढ़ी है, वो भी डॉक्टर बन सकते हैं। मैं भी तमिलनाडु सरकार से आग्रह करूंगा कि वो तमिल भाषा में डाॅक्‍टरी के कोर्सेस चालू करें, ताकि गरीब मां के बेटे-बेटी भी डॉक्टर बन सकें।

साथियों,

टैक्स पेयर का दिया हर पैसा, गरीब से गरीब के काम आए, यही गुड गवर्नेंस है। तमिलनाडु के लाखों small farmers को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत, लगभग twelve thousand crores rupees दिए गए हैं। तमिलनाडु के farmers को पीएम फसल बीमा स्कीम से भी fourteen thousand eight hundred crore rupees का क्लेम मिला है।

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साथियों,

भारत की ग्रोथ में हमारी ब्लू इकोनॉमी का बहुत बड़ा रोल होने वाला है। इसमें तमिलनाडु की ताकत, दुनिया देख सकती है। तमिलनाडु का हमारा फिशरीज़ से जुड़ा समाज, बहुत मेहनती है। तमिलनाडु के फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए स्टेट को जो भी मदद चाहिए, वो केंद्र सरकार दे रही है। पिछले 5 साल में, पीएम मत्स्य संपदा स्कीम के तहत भी, तमिलनाडु को करोड़ों रुपए मिले हैं। हमारी कोशिश यही है कि मछुआरों को ज्यादा फैसिलिटीज़ मिले, आधुनिक सुविधाएं मिलें। चाहे सीवीड पार्क हो या फिर फिशिंग हार्बर और लेंडिंग सेंटर हों, केंद्र सरकार यहां सैकड़ों करोड़ रुपए इन्वेस्ट कर रही है। हमें आपकी रक्षा-सुरक्षा की भी चिंता है। भारत सरकार फिशरमेन के हर संकट में उनके साथ खड़ी है। भारत सरकार के प्रयासों से बीते 10 साल में Three Thousand Seven Hundred से ज्यादा फिशरमेन श्रीलंका से वापस लौटे हैं। इनमें से Six Hundred से अधिक फिशरमेन तो पिछले एक साल में फ्री हुए हैं और आपको याद होगा, कुछ हमारे मछुआरे साथियों को फांसी की सजा हुई थी, उनको भी हम जिंदा भारत लौटकर के लाकर के उनके परिवार को सुपुर्द किया है।

साथियों,

आज दुनिया में भारत के प्रति आकर्षण बढ़ा है। लोग भारत को जानना चाहते हैं, भारत को समझना चाहते हैं। इसमें भारत के कल्चर का, हमारी सॉफ्ट पावर का भी बड़ा रोल है। Tamil language और हैरीटेज, दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे, इसके लिए भी सरकार लगातार कोशिश कर रही है। मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूं, तमिलनाडु के कुछ नेताओं की चिट्ठीयां जब मेरे पास आती हैं, कभी भी कोई नेता तमिल भाषी में सिग्नेचर नहीं करता है, अरे तमिल का गौरव हो, मैं सबसे कहूंगा कम से कम तमिल भाषा में अपने सिग्नेचर तो करो। मैं मानता हूं कि ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में इस ग्रेट ट्रेडिशन को हमें और आगे ले जाना है। मुझे विश्वास है कि रामेश्वरम और तमिलनाडु की ये धरती, हमें ऐसे ही निरंतर नई ऊर्जा देती रहेगी, नई प्रेरणा देती रहेगी। और आज भी देखिए कितना सुपर संयोग है, रामनवमी का पवित्र दिवस है, रामेश्वरम की धरती है और यहां पर जिस पंबन ब्रिज का आज उद्घाटन हुआ, सौ साल पहले जो पुराना ब्रिज था, उसको बनाने वाला व्यक्ति गुजरात में जन्म लिया था और आज सौ साल के बाद, उसका नया ब्रिज बनाने का उद्घाटन करने के बाद भी उस व्यक्ति को मिला है, वो भी गुजरात में पैदा हुआ है।

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साथियों,

आज जब रामनवमी है, रामेश्वर की पवित्र भूमि है, तब मेरे लिए कुछ भावुक पल भी है। आज भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है। सशक्त, समृद्ध और विकसित भारत के जिस लक्ष्य को लेकर हम चल रहे हैं, उसमें बीजेपी के हर एक कार्यकर्ता का परिश्रम है। तीन-तीन, चार-चार पीढ़ियां, मां भारती की जय-जयकार के लिए खप गई हैं। मेरे मिल गर्व की बात है कि भारतीय जनता पार्टी के उस विचार ने, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के परिश्रम ने आज हमें देश की सेवा करने का अवसर दिया है। आज देश के लोग बीजेपी सरकारों की गुड गवर्नेंस देख रहे हैं, राष्ट्रहित में लिए जा रहे, वो निर्णय देख रहे हैं और हर हिंदुस्तानी का सीना चौड़ा हो रहा है। देश के हर राज्य, हर कोने में जिस तरह बीजेपी के कार्यकर्ता जमीन से जुड़कर कार्य करते हैं, गरीबों की सेवा करते हैं, वो देखकर मुझे गर्व होता है। मैं भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं, मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं। एक बार फिर आप सभी को तमिलनाडु के इन सभी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

नंडरि! वणक्कम! मीनडुम संधिप्पोम!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!