உத்தரகாண்ட் மாநிலம் டேராடூனில் முதல் முதலீட்டாளர்கள் மாநாட்டை பிரதமர் மோடி தொடங்கி வைக்கிறார்
பிரதமர் மோடியின் முக்கிய முன்னேற்றங்கள்: திறமை, கொள்கை மற்றும் செயல்திறன் ஆகியவை ஆகும்
திவால் மற்றும் திவால்தன்மை காரணமாக இந்தியாவில் வணிகம் செய்வது சுலபம். வங்கி அமைப்பு பலப்படுத்தப்பட்டுள்ளது: பிரதமர் மோடி
அனைவருக்கும் மின்சாரம், எல்லோருக்கும் மின்சாரம், அனைவருக்கும் சுத்தமான எரிபொருள், அனைவருக்கும் ஆரோக்கியம், வங்கி மற்றும் அரசாங்கம் மற்ற திட்டங்களுக்கு எங்களது அரசுஉதவுவதாக பிரதமர் கூறுகிறார்.
#AyushmanBharat திட்டம் மருத்துவமனைகளை கட்டவும் மருத்துவ உள்கட்டமைப்புகளுக்கு பெரிதும் உதவுகிறது
உலகத்திற்காக இந்தியாவில் தயாரிப்போம் திட்டம் உள்ளது என்று அனைத்து முதலீட்டாளர்களிடம் பிரதமர் நரேந்திர மோடி வலியுறுத்தினார்

उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल, श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी, केन्‍द्रीय मंत्रीपरिषद के मेरे तमाम सहयोगी, प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्रीमान त्रिवेन्‍द्र सिंह जी रावत, उत्‍तराखंड केबिनेट के सभी सदस्‍यगण, सिंगापुर के सूचना प्रसारण मंत्री श्री एस.ईश्‍वरन जी, जापान एवं चैक रिपब्लिक के राजदूत, देश-विदेश से पधारे तमाम उद्यमी साथियो, देवियो और सज्‍जनों।

बाबा केदार की छत्रछाया में चार धाम की पवित्रता के लिए देवधरा उत्‍तराखंड में पधारे देश-विदेश के सभी सा‍थियों का बहुत-बहुत स्‍वागत और अभिवादन है। मुझे विश्‍वास है कि आप यहां भारत के economic environment के साथ-साथ हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी cultural diversity को और prosperity से उसकी अनुभूति करेंगे, उसका परिचय करेंगे और एक नई चेतना प्राप्‍त करके यहां से लौटेंगे।

साथियो, उत्तराखंड की इस धरती पर हम सभी ऐसे समय पर एकत्र हुए हैं जब भारत में तेज गति से आर्थिक और सामाजिक बदलाव आ रहा है। देश बहुत बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हम नए भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया की हर बड़ी संस्‍था कह रही है कि भारत आने वाले दशकों में world growth का प्रमुख engine बनने वाला है। आज भारत की अर्थव्‍यवस्‍थाऔर स्थिर हुई है।Fiscal deficit कम हुआ है, महंगाई दर नियंत्रण में है। हमारे यहां दुनिया में सबसे तेज गति से middle class का bulkmiddle class का प्रसार हो रहा है। 80 करोड़ से अधिक युवा, ये शक्ति demographic dividend,आकांक्षाओं और सामर्थ्‍य से भरपूर है।

साथियो, आज भारत में जिस speed और skill पर आर्थिक सुधार हो रहे हैं, वो अभूतपूर्व हैं। पिछले दो वर्षों में ही केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों द्वारा दस हजार से ज्‍यादा कदम उठाए गए हैं। इन कदमों की वजह से भारत ने ease of doing business, इसमें 42 अंकों का सुधार किया है। उस सुधार की प्रक्रिया में हमने 1400 से ज्‍यादा कानून खत्‍म किए हैं। इसके अलावा भारत में टैक्‍स व्‍यवस्‍था में भी बहुत सुधार किए गए हैं। टैक्‍स से जुड़े मामलों के समाधान को और पारदर्शी और तेज करने का प्रयास किया जा रहा है।

Insolvency और bankruptcycode से आज कारोबार आसान हुआ है, banking system को भी ताकत मिली है। GST के तौर पर भारत ने स्‍वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा tax reform किया है।GST ने देश को single market में बदल दिया है और tax base बढ़ाने में भी बहुत बड़ी मदद की है।

हमारा infrastructure sector भी रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले वर्ष ही भारत में करीब-करीब 10,000 किलोमीटर national highway का निर्माण हुआ है। यानी करीब-करीब 27 किलोमीटर daily निर्माण की गति से काम हो रहा है। ये पहले की सरकारों की तुलना में double है।

रेलवे लाइन के निर्माण में भी दोगुनी गति से काम किया जा रहा है। इसके अलावा अनेक शहरों में नई मेट्रो, high speed rail project, dedicated tradecorridor, इसके लिए भी काम चल रहा है।सरकार 400 रेलवे स्‍टेशनों का आधुनिकीकरण करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

अगर मैं aviation sector की बात करूं, भारत में ये सैक्‍टर भी रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है। इस गति को और तेज करने के लिए देश में करीब-करीब 100 नए एयरपोर्ट और helipad बनाने पर काम किया जा रहा है।उड़ान योजना के माध्‍यम से देश के tier 2, tier 3 शहरों में हवाई connectivity मुहैया कराने की कोशिश जारी है। भारत में 100 से ज्‍यादा national waterways बनाने पर भी काम किया जा रहा है।

साथियो, इनके अलावा आज भारत में housing for all, power for all, clean fuel for all, health for all, banking for all, जैसी अलग-अलग अनेक योजनाएं अपने लक्ष्‍य को पूरा करने की तरफ तेज गति से बढ़ रही हैं। यानी कुल‍ मिलाकर देखें तो आज ये कहा जा सकता है कि चौतरफा परिवर्तन के इस दौर में आपके लिए, देश-विदेश के निवेशकों के लिए, भारत में सर्वोत्‍तम माहौल बना हुआ है।

अभी हाल ही में शुरू की गई ‘आयुष्‍मान भारत योजना’ की वजह से भी भारत में medical sector में निवेश की बहुत बड़ी संभावना बनी है। इसकी वजह से आने वाले दिनों में tier 2, tier 3 शहरों में नए अस्‍पताल बनेंगे, medical collages बनेंगे, paramedical human resource development institutions बनेंगे, paramedical infrastructure मजबूत होगा। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि आयुष्‍मान भारत योजना के तहत देश के 50 करोड़ से ज्‍यादा नागरिकों को, उस परिवार को पांच लाख रुपये तक health insurance assurance प्राप्‍त हो रहा है। मतलब अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको, उसकी total जनसंख्‍या से ज्‍यादा लोगों को benefit मिलेगा। पूरे यूरोप की जो जनसंख्‍या है, उससे ज्‍यादा लोगों को benefit मिलेगा। अब ये benefit देने के लिए कितने अस्‍पतालों की जरूरत पड़ेगी, कितने डॉक्‍टरों की जरूरत पड़ेगी। कितना बड़ा investment की संभावना है और patient के लिए payment अभी से ready है, and  इसलिए investment करने वाले के लिए भी return का assurance है। ये अपने-आप में health sector में भारत में पूंजी निवेश का एक बड़ा अवसर आया है, जो tier 2, tier 3 cities में उत्‍तम स्‍तर के अस्‍पताल बनाने की संभावना बनाता है।

सा‍थियो, आज भारत में infrastructure पर जितना खर्च किया जा रहा है, पहले कभी नहीं किया गया। इस वजह से निवेश की अपार संभावनाओं के साथ ही रोजगार के भी लाखों नए अवसर बन रहे हैं। Potential, policy और performance, यही progress का सूत्र है।

New Indiainvestment का बेहतरीन destination है और Destination Uttarakhand इस पृष्‍ठ का एक चमकता हुआ हिस्‍सा है। उत्‍तराखंड देश के उन राज्‍यों में है, जो New India हमारे demographic dividend को represent करते हैं। आज का उत्‍तराखंड युवा है, आकांक्षाओं से भरा है, ऊर्जा से ओत-प्रोत है। यहां मौजूद असीम संभावनाओं को अवसर में बदलने के लिएत्रिवेन्‍द्र रावत की सरकार मैं समझता हूं, भरसक प्रयास कर रही है। Destination Uttarakhand का ये मंच इन्‍हीं प्रयासों की अभिव्‍यक्ति है। अब महत्‍वपूर्ण ये है कि इस मंच पर जो बातें हुई हैं, जो विश्‍वास प्रकट किया गया है, जो उत्‍साह प्रकट किया गया है; वो जल्‍द ही जल्‍द जमीन पर उतरे। जिससे उत्‍तराखंड के युवा साथियों को अधिक से अधिक रोजगार मिले।

साथियो, श्रध्येय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब उत्‍तराखंड बनानेका फैसला लिया था, तब स्थितियां बहुत मुश्किल थीं। राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ बेहतर भविष्‍य के लिए पहाड़ जितनी चुनौतियां भी हमारे सामने थीं। लेकिन आज उत्‍तराखंड विकास की पटरी पर तेज गति से दौड़ रहा है।

बीते चार वर्षों में micro small and medium enterprises यानी MSME, उसको बढ़ावा देने के लिए, उनको सशक्‍त करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। ज्‍यादा से ज्‍यादा लघु उद्योगों को higher credit, support capital, interest subsidy, lower tax और innovations पर ध्‍यान दिया जा रहा है।हाल में सरकार ने फैसला लिया है- अब MSME के लिए एक करोड़ रुपये तक का ऋण बहुत ही कम समय में स्‍वीकृत हो जाएगा।

उत्‍तराखंड में किसी भी project की clearance को लेकर निवेशक को सरकारी दफ्तरों के चक्‍कर न काटने पड़ें, इसके लिए अनेक व्‍यवस्‍थाओं को online किया गया है।परिवेश, इस परिवेश नाम से onlineforest clearance के लिए एक portal काम कर रहा है, जिससे प्रकिया आसान तो हुई है, तेज भी हुई है।

बीते चार वर्षों के दौरान उत्‍तराखंड में connectivity बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। Highway, railway, airway, हर प्रकार से उत्‍तराखंड को connect किया जा रहा है। गांव-गांव में पक्‍की सड़कें पहुंच रही हैं। इतना ही नहीं, चार धाम all weather road  और ऋषिकेशकर्णप्रयागरेल लाइन का काम तीव्र गति से चल रहा है।

सा‍थियो, बेहतर connectivity का सबसे बड़ा लाभ यहां के tourism sector को मिलने जा रहा है। प्रकृति ने तो इस राज्‍य को समृद्ध किया ही है, साथ में आस्‍था और संस्‍कृति का भी वरदान दिया है।Nature हो, adventure हो,culture हो या फिर योगा, meditation हो, Uttarakhand tourism का एक complete package है, एक आदर्श गंतव्‍य है। अब तो उत्‍तराखंड सरकार ने अलग tourism policy बनाकर पर्यटन को industry का status दे दिया है, उद्योग का दर्जा दे दिया है। 18 सालों में पहली बार 13 जिलों में नए 13 destination, tourist destinations  को identify करके develop करने की पहल की गई है। इससे निश्चित रूप से राज्‍य के युवाओं को रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे।

साथियो, उत्‍तराखंड में organic state बनने की पूरी संभावनाएं हैं। मुझे प्रसन्‍नता है कि cluster based organic farming के तहत राज्‍य को organic state बनाने की दिशा में काम काम शुरू कर दिया गया है।Organic farming को मार्केट उपलब्‍ध कराने के लिए केंद्र सरकार भी अनेक प्रयास कर रही है।

साथ ही देश में food processing को भी महत्‍व दिया जा रहा है।Food processing sector को मजबूत करने के लिए सरकार ने food processing में hundred percent 100 प्रतिशतforeign direct investment को,FDI को भी मंजूरी दे दी है।Food processing के मामले में भी आज भारत दुनिया के अग्रणी देशों में है। चाहे अन्‍न का उत्‍पादन हो, फल और सब्‍जी का उत्‍पादन हो, दूध का उत्‍पादन हो; अनेक क्षेत्रों में भारत दुनिया में पहले तीन स्‍थानों में है। हमारे किसानों की पैदावारwaste न हो, उनको उसका अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए Food processing पर हमारा focus है। इसमें भी उत्‍तराखंड का भविष्‍य स्‍वर्णिम है।

मैं आप सभी से agriculture में, agri-business में निवेश और बनाने का विशेष आग्रह करूंगा। Agriculture में होने वाला value addition  किसानों की आय को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। और मैं मानता हूं कि हम जितना ज्‍यादा investment, private investment, agriculture sector में करेंगे, हम processing हो, value addition  हो, cold storage हो, warehousing हो, transportation के लिए विशेष टाइप के स्‍पेशल टाइप के carriagesहों, ये सारी संभावनाएं हिन्‍दुस्‍तान की ग्रामीण economy की ताकत, और जो भारत के आर्थिक सामर्थ्‍य को एक नया आयाम देने की संभावनाओं से भरी पड़ी है।

साथियो, आज renewable energy के मामले में भारतworld leader बनने की तरफ अग्रसर है। दुनिया का नेतृत्‍व करने की ताकत आज हिन्‍दुस्‍तान में है। हमने तय किया है कि twenty-thirty तक, 2030 तकहमारी 40 प्रतिशत बिजली की क्षमता non fossil fuel basedसंसाधनों से पैदा होगी। इतना ही नहीं, twenty-twenty two, 2022, जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे, 2022 तक 175 GW renewable energy का लक्ष्‍य ले करके हम आगे बढ़ रहे हैं1 इसमें भी solar power का एक बहुत बड़ा हिस्‍सा होने वाला है।International Solar Alliance यानी ISA के पीछे भी यही अवधारणा है। दुनिया की ऊर्जा की जरूरतें भी पूरी हों और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे, इसके लिए हमारा तो एक ही मंत्र है-One World, One Sun, One Grid. उत्‍तराखंड में भी renewable energy के प्रसार के लिए राज्‍य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।Hydel power तो इस राज्‍य की ताकत है ही, अब solar energy जैसे नए माध्‍यम की शक्ति जुड़ जाने से उत्‍तराखंड energy surplus state बनने की पूरी क्षमता रखता है। उत्‍तराखंड हिन्‍दुस्‍तान को ऊर्जावान बना सकता है, इतना potential उत्‍तराखंड में पड़ा हुआ है।

साथियो, बीते चार वर्षों में Make In India एक बहुत बडा ब्रांड बना है। हमारा आग्रह है Make In Indianot only for India but for the whole world. दुनिया ने हमारे इस आमंत्रण को स्‍वीकार किया है, जिसके चलते information technology के साथ-साथ अब electronic manufacturing का भी भारत hub बनता जा रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी mobile phone manufacturing unit, उसके साथ-साथ 120 से अधिक फैक्‍टरियां भारत में काम कर रही हैं। दुनिया के अनेक बड़े ब्रांड आज Make In India का हिस्‍सा हैं।

वहीं automobile sector में भी भारत बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। इसevent में जापान उत्‍तराखंड का पार्टनर है। दोस्‍तों आपको जान करके खुशी होगी, जापान की कंपनी, जापान के प्रॉडक्‍ट; वो कार आज हिन्‍दुस्तान में बनती है और उस कार को जापान import करता है।

साथियो, आज इस कार्यक्रम के माध्‍यम से आप सभी को इन तमाम sectors में निवेश करने, उत्‍तराखंड और New India की growth story का हिस्‍सा बनने के लिए मैं आपको आम‍ंत्रित करता हूं।

मुझे पूरा विश्‍वास है कि आने वाले दो दिनों में जो MOU sign होंगे, वो बहुत ही शीघ्र फलीभूत भी होंगे और मुझे विश्‍वास है भारत की प्रगति हमारे राज्‍यों के potential को maximum उसको अगर channelizeकरें तो इस देश की विकास यात्रा को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। और ये खुशी की बात है कि आज राज्‍यों के बीच एक तंदुरुस्‍त स्‍पर्धा आरंभ हुई है। हर राज्‍य दूसरे राज्‍य से आगे बढ़ना चाहता है, innovative करना चाहता है। अपने राज्‍य की क्षमताओं के आधार पर करना चाहता है। और जब राज्‍य अपनी क्षमताओं को ले करके चलता है तो मैं नहीं मानता हूं वो राज्‍य पीछे होता है।दुनिया के कई देशों से हमारे राज्‍यों की ताकत ज्‍यादा है, हमारे राज्‍यों का सामर्थ्‍य ज्‍यादा है। दुनिया के कई छोटे देशों की तुलना में हमारे राज्‍यों में potential बहुत पड़ा हुआ है।

हर राज्‍य सपना देखे, मुझे बराबर याद है मैं पहली बार जब गुजरात का मुख्‍यमंत्री बना और वो भी 7 अक्‍तूबर थी, 2001, अभी मेरा तो कोई अनुभव नहीं था, मैं सरकार क्याहोतीहैकुछजानतानहींथा, मैंने कोई दफ्तर नहीं देखा था, बिल्‍कुल नया था। पत्रकार पहुंच गए, वो मुझे नोचने लगे। कोई ऐसी गलती कर दूं, ऐसा कोई जवाब दे दूं ताकि मेराtake offहीन हो पाए, भरपूर कोशिश चल रही थी। तो मुझे पूछा गया कि आप ये, आप गुजरात बनाना चाहते हैं, आपका आदर्श कौन है, किसको देख करके आप ऐसा बनाना चाहते हैं। आमतौर पर कोई ऐसा पूछे तो लोगों को लगता है कि ये जवाब आएगा, मैं अमेरिका जैसा बनाना चाहता हूं, इंगलैंड जैसा बनाना चाहता हूं, ऐसा ही आएगा जवाब। मैंने उनको अलग जवाब दिया, मैंने कहा मैं इसे साउथ कोरिया जैसा बनाना चाहता हूं। तो उनको कुछ मालूम ही नहीं था।फिर मैंने कहा, अपना कैमरा बंद कीजिए, मैं आराम से समझाता हूं, आपको तकलीफ न हो। मैंने कहा गुजरात की जनसंख्‍या साउथ कोरिया की जनसंख्‍या समान है। वहां का समुद्री तट, हमारा समुद्री तट, वहां की विकास यात्रा का मैप, यहां की‍ विकास यात्रा का मैप, मैंने कहा मैंने इतना बारीकी से study किया है कि मुझे लगता है कि हम उस रास्‍ते पर चलेंगे तो हम आगे बढ़ जाएंगे, हम रुकेंगे नहीं।

मैं मानता हूं हिन्‍दुस्‍तान के हर राज्‍य में ये ताकत पड़ी है। वो दुनिया के ऐसे कई देशों से मुकाबला करके आगे निकल सकते हैं। अगर हिन्‍दुस्‍तान का एक-एक राज्‍य इस सामर्थ्‍य के साथ आगे निकल सकता है, हमारे नौजवानों में वो ताकत है, सामर्थ्‍य है जी।

अभी परसों Russia के राष्‍ट्रपति यहां थे, पहले हमने एक अलग सा कार्यक्रम किया। वहां एक education institute से उनका बड़ालगाव है, मुझे देखने के लिए ले गए थे। तो मैंने उनको आग्रह किया था, उन बच्‍चों को एक बार हिन्‍दुस्‍तान लाइए। और मैंने कहा, मैं चाहता हूं कि हिन्‍दुस्‍तान से भी बच्‍चों को कभी मैं आपके यहां भेजूं। तो वो इस बार आए थे तो 20 बच्‍चों को लेकर आए थे। भारत के बच्‍चेऔर उनके बच्‍चे, 20-20 बच्‍चे, पांच-छह दिन साथ में काम किया। और पांच-छह दिन के भीतर-भीतर Russian mind और Indian mind के बच्‍चों ने मिल करके ऐसी कमाल की चीजें बनाई थीं, मैं और Russia के राष्‍ट्रपति उसको देख करके हैरान हो गए कि कितना potential है हमारे बच्‍चों में। उनको अवसर मिलना चाहिए, उनको exposureमिलना चाहिए। आज उत्‍तराखंड ने उस काम में एक कदम बढ़ाया है।

18 साल की उम्र का बड़ा महत्‍व होता है। उत्‍तराखंड चिर-पुरातन है, लेकिन उत्‍तराखंड सरकार की उम्र 18 साल है। 18 साल की ऊर्जा, 18 साल के सपने, 18 साल का अपना एक कुछ नया कर गुजरने का इरादा अद्भुत होता है। ये उत्‍तराखंड का काम है कि इस 18 साल को बेकार न जाने दे, ये बड़ा मूल्‍यवान समय है।

आर्थिक विकास की दुनिया में Special Economic Zone, SEZ, ये हम कई दशकों से सुनते आए हैं। लेकिन उत्‍तराखंड में एक अलग SEZ है और सदियों की हमारे ऋषि-मुनियों की तपस्‍या के कारण, माँगंगा के कारण है, देवाधिदेव हिमालय के कारण है। और वो ऐसी जगह है Spiritual Eco Zone और ये Special Economic ZoneसेSpiritual Eco Zoneकी ताकत लाखों गुना ज्‍यादा है। उत्‍तराखंड ने उस पर भी ध्‍यान केन्द्रित करके अपनी योजनाओं का विस्‍तार और विकास करना चाहिए।

मुझे विश्‍वास है कि रावत जी के नेतृत्‍व में ये 18 साल की सरकार, 18 साल की ऐसी ऊर्जावान उम्र में ये राज्‍य नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करेगा और 2025 में जब आप 25 वर्ष मनाते होंगे, तब आपके सारे सपने साकार हुए होंगे। एक शुभ शुरूआत इस महाभगीरथ प्रयास से हुई है। मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं और भारत सरकार की तरफ से आपको पूरा सहयोग मिलेगा, इसका विश्‍वास दिलाता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!