भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
मैं सबसे पहले तो आप सब का तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। आप इतनी बड़ी तादाद में हवाई अड्डे पर पहुंचे, स्वागत, सम्मान सत्कार किया, इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं और आप सबसे माध्यम से, मैं पूरे हिन्दुस्तान के प्यारे भाईयों-बहनों का सिर झुका कर नमन् करता हूं। 130 करोड़ देशवासियों को प्रणाम करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं, उनका धन्यवाद करता हूं।
मैं 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद अमेरिका, UN की समिट में गया था और 2019 में भी गया, लेकिन जो फर्क मैंने महसूस किया है, दुनिया की नजरों में विश्वभर से आए हुए नेताओं की नजरों, भारत के प्रति जो मान-सम्मान बढ़ा है, जो आदर बढ़ा है, इसका एक प्रमुख कारण 130 करोड़ हिन्दुस्तानी हैं, जिन्होंने अधिक मजबूती के साथ दोबारा सरकार बनाई है।
लोकतंत्र की इस ताकत की दुनिया में बहुत बड़ी अहमियत होती है और ये अहमियत का एक विराट रूप मैंने इस बार अमेरिका में देखा है। विश्वभर में फैले हुए हमारे भारतीय, उन्होंने भी उन उन देशों में, उन देश के लोगों का प्यार आदर, सम्मान प्राप्त किया है, ये भी भारत के गौरव को बढ़ाने वाला है।
‘हाउडी मोदी’, ह्यूस्टन का वो समारोह, उसकी विशालता, व्यापकता, भव्यता, राष्ट्रपति जी का वहां आना, दुनिया की नजरों में भारत और अमेरिका की दोस्ती का अहसास होना, ये सब तो हैं ही। लेकिन इतने कम समय में अमेरिका में बसने वाले हमारे भारतीय भाईयों-बहनों ने, खासतौर से मेरे ह्यूस्टन और टेक्सस के भाई-बहनों ने, जो शक्ति का प्रदर्शन किया, उसकी चर्चा वहां रिपबल्किन पार्टी के नेता थे, वहां डेमोक्रेट भी थे, राष्ट्रपति जी स्वयं भी थे, एक प्रकार से व्हाइट हाउस का कार्यभार चलाने वाले प्रमुख लोग भी वहीं थे, उनके मुंह से वाहवाही सुनना बड़ा स्वाभाविक था। लेकिन जब मैं न्यूयॉर्क पहुंचा और यूनाइटेड नेशन में विश्वभर के आए के नेताओं से मिलना हुआ, तो वहां हर किसी के जुबान पर शुरूआत यहीं से होती थी-हाउडी मोदी
पूरे विश्व पर हिन्दुस्तानी किस प्रकार से प्रभाव पैदा कर सकते हैं, भारत किस प्रकार से दुनिया के दिल को जीत सकता है, ये मैंने अपनी आंखों से देखा है, अपने आप अनुभव किया है। मैं आज यहां से अमेरिका में रहने वाले हमारे सभी भारतीय भाईयों- बहनों का भी विशेष रुप से धन्यवाद करता हूं। आज विश्व में भारत की आन-बान-शान की चर्चा तो है ही, भारत की तरफ देखने का नजरिया भी बदला है। आज विश्वभर में भारत की स्वीकृति बढ़ी है, भारत के प्रति आदर का भाव बढ़ा है और उसका पूरा श्रेय हिन्दुस्तान के भाईयों-बहनों को है, विश्व में फैले हमारे प्यारे भारतीय भाईयों-बहनों को है।
साथियो
आज 28 सितम्बर है। 3 साल पहले वो भी एक 28 सितम्बर थी, जिस 28 सितम्बर को मैं पूरी रात एक पल भी सोया नहीं था। पूरी रात जागता रहा था, हर पल टेलिफोन की घंटी कब बजेगी, इसी के इंतजार में रहता था। वह 28 सितम्बर की रात भारत के वीर जवानों के पराक्रम की एक स्वर्णिम गाथा लिखने वाली थी। 3 साल पहले 28 की रात को ही
मेरे देश के वीर जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत की आन-बान-शान को दुनिया में और ताकत के साथ प्रस्तुत किया था। मैं आज 28 सितम्बर की उस रात को याद करते हुए हमारे वीर जवानों के उस साहस को, पराक्रम को, मौत को मुठी में लेकर चल पडे, उन जवानों को प्रणाम करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।
साथियो
कल से नवारात्रि का पर्व प्राऱंभ हो रहा है। हिन्दुस्तान के हर कोने में शक्ति उपासना का पर्व प्रारंभ हो रहा है। दुर्गापूजा का महोत्सव प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी देशवासियों को इस नवरात्रि के पावन पर्व की, दुर्गापूजा के इस महोत्सव की, शक्ति उपासना के इस पर्व की ह्रदय बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बहुत बधाई देता हूं।
मै फिर एक बार फिर आप सब का धन्यवाद करते हुए मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और फिर अपने काम में लग जा रहू हूं
बहुत बहुत धन्यवाद।