Time of 'lantern' is gone now: PM Modi in Bhagalpur

Published By : Admin | October 23, 2020 | 13:02 IST

 

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। 

हो भाई, बहिन सब हम्में दानवीर कर्ण के ई चंपानगरी

आरो मंदार पर्वत, बाबा बासुकीनाथ, अजगैबीनाथ, श्रृंगी ऋषि के, ई पवित्र भूमि क प्रणाम करे छिहोन !

बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी कुमार चौबे जी, एनडीए के सांसदगण, विधायकगण और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो

भागलपुर, बांका, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई और पटना जिलों के सभी साथी जो यहां पधारे हैं और हजारों की संख्या में जो डिजिटल तरीके से इस सभा से जुड़े हैं, आप सभी का भी मैं अभिनंदन करता हूं।

भाइयो और बहनो, बिहार चुनाव की ये आज की मेरी तीसरी सभा है। नीतीश जी की अगुवाई में भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और VIP के गठबंधन के पक्ष में बिहार का मत स्पष्ट है। मैं जहां गया, जो मिज़ाज मैं देख रहा हूं। बिहार की जनता नितीश कुमार जी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प ले चुकी है। बिहार के लोग ये ठान चुके हैं कि एनडीए को फिर जिताना जरूरी है। ज़रूरी इसलिए है ताकि बिहार प्रगति के जिस पथ पर चल रहा है, उसकी गति और तेज हो।

जरूरी इसलिए है, ताकि देश को सशक्त करने के लिए जो फैसले लिए गए हैं, वो बिहार में भी तेजी से लागू हों।

वरना, NDA के विरोध में आज जो लोग खड़े हैं, वो देशहित के हर फैसले का विरोध कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाने का फैसला हो, ये लोग विरोध कर रहे हैं।

तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को नए अधिकार देना हो, ये लोग विरोध कर रहे हैं। 

भारत की जांबाज सेना आतंकियों पर कोई कार्रवाई करे, सरहद पर तिरंगे की शान बढ़ाए, ये लोग विरोध में हैं। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को कहे, ये लोग उसका भी विरोध करते हैं। राष्ट्रहित में कोई भी, कुछ भी फैसला ले, ये लोग विरोध में हैं। हमेशा विरोध में रहने वाले ये लोग बिहार को विकास नहीं, बर्बादी के पुराने रास्ते पर ही ले जाएंगे।

 

साथियो, ये सिर्फ सत्तासुख के हैं, आपकी, जनता की सेवा से, आपकी जरूरतों से इनका कोई सरोकार नहीं है। जब-जब बिहार ने इन लोगों पर विश्वास किया है, बिहार के साथ, बिहार के गौरव के साथ विश्वासघात किया गया है।

बिहार को लूटकर इन लोगों ने अपने परिवार की तिजोरियां भरी हैं, अपने रिश्तेदारों को अमीर बनाया है।

समाज के अन्य वर्ग, हमारे दलित-महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े, आदिवासी, गरीब, इनके परिवार की चिंता इन लोगों ने कभी नहीं की। सिर्फ अपना परिवार का भला, सिर्फ अपने रिश्तेदारों का भला, इससे आगे कुछ नहीं।

 

साथियो, बिहार वो स्थान है जहाँ लोकतंत्र के बीज बोए गए थे। क्या जंगलराज में कभी भी विकास और लोकतांत्रिक मूल्य फल-फूल सकते हैं? बिहार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का हकदार है। इसे कौन सुनिश्चित करेगा?  

खुद भ्रष्टाचार में लिप्त लोग या भ्रष्टाचारियों से लड़ने वाले लोग?

बिहार विकास का हकदार है। विकास कौन सुनिश्चित करेगा

वो जिन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया या वो जो लोगों की सेवा में अपना परिवार भी भूल गए? बिहार रोजगार और उद्यमिता का हकदार है।

ये कौन सुनिश्चित कर सकता है

वो जो सरकारी नौकरी देने को रिश्वत कमाने का जरिया मानते हैं या वो जो लोग बिहार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने और स्किल मैपिंग का काम कर रहे हैं?

बिहार निवेश का हकदार है! 

ये कौन सुनिश्चित कर सकता है

जिन्होंने बिहार को जंगल-राज बना दिया या जो लोग बिहार को सुशासन दे रहे हैं, बिहार के विकास में जी जान से जुटे हैं। 

बिहार बेहतर कानून व्यवस्था का हकदार है। ये कौन सुनिश्चित करेगा

वो जिन्होंने गुंडों को खिलाया-पिलाया, पाला या वो जिन्होंने गुंडों पर डंडा चलाया?

साथियो, बिहार अच्छी शिक्षा के अवसरों का भी हकदार है।

क्या ये उन लोगों द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता जिन्हें शिक्षा का महत्व ही नहीं पता या वो लोग जो IIT, IIM और AIIMS को राज्य में लाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

बिहार में पहले जो सरकारें रहीं, उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए, उन्हें शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सिर्फ झूठे वादे किए।

अब एनडीए सरकार, आदिवासी बच्चों की शिक्षा, उनके स्वास्थ्य, उनके लिए घर, उनके रोजगार पर पूरा ध्यान दे रही है।

साथियो, भागलपुर सहित बिहार के शहरों की जो हालत इन लोगों ने कर दी थी, वो आप अच्छी तरह जानते हैं। छोटे दुकानदार, व्यापारी कारोबारी, मज़दूर इनके जंगलराज में हर कोई परेशान था।

इसी का नतीजा था कि भागलपुर, मुंगेर सहित यहां के तमाम जिलों में सिल्क के अलावा दूसरे उद्योगों के लिए भी जो अवसर थे, वो खत्म होते गए।

भाइयो और बहनो, सामान्य जन की सुविधा के लिए, बिहार के युवा के रोजगार और स्वरोजगार के लिए बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी था।

इसी सोच के साथ बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री पैकेज घोषित किया गया था। बीते सालों में बिहार में साढ़े 3 हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग या तो बने हैं, या फिर उनको चौड़ा किया जा रहा है।

 

भागलपुर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए भी अब स्वीकृति दी जा चुकी है। इस नेशनल हाईवे का लाभ भागलपुर और बांका के साथ-साथ आसपास के कई जिलों को होगा, हमारे व्यापारी-कारोबारी साथियों को होगा।

लगभग साढ़े 7 सौ किलोमीटर से ज्यादा रेलवे लाइनों के चौड़ीकरण, बिजलीकरण और ओवर ब्रिज बनाने का काम भी बिहार में तेज़ी से हो रहा है।

 

साथियो, बीते वर्षों में गंगाजी के ऊपर ही, डेढ़ दर्जन के करीब पुल या तो बन चुके हैं या फिर काम चल रहा है। आज गंगा जी पर औसतन हर 25 किलोमीटर पर एक पुल बनाया जा रहा है।

पास में मुंगेर में रेल महासेतु पहले ही पूरा हो चुका है।

कुछ दिन पहले ही विक्रमशिला सेतु के समानान्तर 4 लेन के नए पुल का काम भी शुरू हुआ है।

ये पुल जब पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो भागलपुर की दूसरे जिलों से कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। इससे उत्तरी बिहार से झारखंड आना-जाना भी आसान होगा। 

विशेषरूप से हमारे व्यापारियों और शिवभक्तों को इससे बहुत सुविधा होगी। गंगाजी के अलावा किउल नदी और कोसी नदी पर भी पुलों का विस्तार किया जा रहा है। 

 

भाइयो और बहनो, भागलपुर सहित बिहार के अनेक शहर और व्यापारिक केंद्र गंगाजी के किनारे बसे हुए हैं। आज हल्दिया और वाराणसी के बीच वॉटर-वे पर व्यापारिक जहाज़ तो चलने ही लगे हैं इसे अब और बड़े जहाजों के लिए भी तैयार किया जा रहा है। इससे भागलपुर को भी सस्ती और कम प्रदूषण वाली कनेक्टिविटी मिलेगी।

 

भाइयो और बहनो, अभी जो हाल में ही देश की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए, बड़े सुधार किए गए हैं, उनका भी लाभ बिहार के किसानों को होगा। मंडियों से जुड़ा कानून तो यहां पहले ही खत्म कर दिया गया था।

अब बिहार में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर और तेजी से काम होने की संभावना बनी है। अब बिहार के गांवों में, छोटे शहरों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था का और विस्तार होगा।

जो नए कानून बने हैं उससे यहां के आम, मक्का, लीची, केले की पैदावार करने वाले किसानों को बहुत मदद मिलने वाली है। नए प्रावधानों से खेत के पास ही स्टोरेज की सुविधाएं तैयार होंगी। सरकार ने भी इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड बनाया है।

इस फंड से किसान उत्पादक संघ यानी FPOs ऋण ले सकते हैं और भंडारण की व्यवस्थाएं बना सकते हैं, कोल्ड स्टोरेज बना सकते हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को भी होगा। जब फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी कंपनियां यहां आएंगी तो किसान की आय में भी बढोतरी होगी।

 

साथियो, एनडीए के विरोधी दल जब किसानों के लिए कुछ कर नहीं पाए तो अब किसानों को लगातार झूठ बोलने में जुट गए हैं। आजकल ये लोग MSP को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं।

भाइयो और बहनो, ये एनडीए की ही सरकार है जिसने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने की सिफारिश लागू की थी। ये एनडीए की ही सरकार है जिसने सरकारी खरीद केंद्र बनाने और सरकारी खरीद, दोनों पर बहुत जोर दिया है।

जब ये लोग सरकार में थे, उसकी तुलना में बिहार में ही, मैं उनकी पुरानी सरकारें और नितीश जी की सरकार की तुलना करता हूं। बिहार में ही धान की सरकारी खरीद 4 गुना और गेहूं की सरकारी खरीद 5 गुना बढ़ी है।

साथियो, इनके पास आज तक इसका जवाब नहीं है कि जब इनकी सरकार थी तब MSP पर फैसला क्यों नहीं लिया? क्यों इन लोगों के समय में किसानों से इतना कम अनाज खरीदा जाता था?

क्यों इन लोगों ने किसानों की, बिहार के किसानों की परवाह नहीं की?

साथियो, किसानों के लिए ही नहीं, हमारे पशुपालकों और मछलीपालकों के लिए भी पहली बार व्यापक कार्यक्रम बनाए गए हैं।

देश में ये पहली बार हुआ है जब केंद्र सरकार द्वारा गाय, भैंस और दूसरे पशुओं के लिए मुफ्त टीकाकरण का इतना बड़ा अभियान चलाया गया।

इंसानों की ही तरह पशुओं के लिए भी आधार नंबर दिया गया है। हमारे गोपालकों को, हमारे पशुपालकों को सुविधा हो, उनको पशुओं के लेनदेन और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी मिले, इसके लिए मोबाइल एप भी बनाया गया है। डेयरी सेक्टर के विस्तार के लिए हज़ारों करोड़ का विशेष फंड भी बनाया गया है।

साथियो, हाल ही में केंद्र सरकार ने एक और योजना शुरू की है जिसका लाभ बिहार के गांवों को बहुत ज्यादा होगा। इस योजना के तहत गांव की जमीन पर, गांव में बने घरों पर आपका कानूनी अधिकार सुनिश्चित किया जा रहा है। इस योजना का नाम है- स्वामित्व योजना।

इसके जरिए हर उस व्यक्ति को, जिसके पास गांव में अपना घर है, जमीन है, उसे एक प्रॉपर्टी कार्ड दिया जाएगा। इस प्रॉपर्टी कार्ड की मदद से आपको बैंकों से आसानी से कर्ज मिलेगा, आपको अपने घर को लेकर किसी तरह की चिंता में नहीं रहना होगा। बिहार चुनाव के बाद, एनडीए सरकार बनने के बाद यहां भी इस योजना को लागू किया जाएगा। अभी 6 राज्यों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 1 लाख लोगों को स्वामित्व कार्ड दे दिया गया है। आपके यहां भी ये बहुत तेजी से शुरू होने वाला है। 

भाइयो और बहनो, आज भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। अगर बिहार में विरोध और अवरोध को ज़रा भी मौका मिला तो बिहार की गति और प्रगति दोनों धीमी पड़ जाएगी।

इसलिए, नीतीश जी की अगुवाई में भाजपा, जेडीयू, हम और VIP के गठबंधन यानी NDA को एक-एक वोट पड़ना चाहिए। हर एक किस का वोट पड़ना चाहिए, एक-एक इंसान का वोट पड़ना चाहिए। इसलिए आपको मतदान केंद्र पर वोट डालने ज़रूर पहुंचना है।

हमें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जो भी ज़रूरी कायदे हैं उनका हमें पूरा पालन भी करना है। अंत में एक और आग्रह मैं आपसे करूंगा।

त्योहारों का सीजन है। इसलिए जो भी खरीदारी आप करेंगे, अधिक से अधिक लोकल खरीदेंगे। भागलपुर की सिल्क की साड़ी, मंजूशा पेन्टिंग और दूसरे उत्पादों को बहुत बड़ा सपोर्ट कीजिए।

हमारे मिट्टी के हस्तशिल्पियों, दूसरे शिल्पियों के बनाए बर्तन, दिए, खिलौने ज़रूर खरीदिए। हम मिलकर कोशिश करेंगे तो, बिहार भी आत्मनिर्भर होगा, भारत भी आत्मनिर्भर होगा।

आप यहां आए, इतनी बड़ी संख्या में आए, हम सभी को आशीर्वाद दिया, मैं आप सबका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। धन्यवाद 

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

 

 

 

Explore More
78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

பிரபலமான பேச்சுகள்

78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.