QuoteThe Congress and its ‘Mahamilawati’ allies spent decades ruling the country but could not eradicate poverty from the country: PM Modi
QuoteThe reason that people do not trust the false promises made by the Congress anymore is because they have seen its past track-record: PM Modi in M.P.
QuoteIn the past months, thepeople of M.P. have witnessed how the state government of Congress has totally failed to meet the expectations of the people: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
क्रांतिवीरों की इस धरती से मैं मध्य प्रदेश के सभी साथियो को नमन करता हूं। सागर में उमड़ा ये जनसागर नए हिंदुस्तान के निर्माण के लिए आपकी प्रबल भावना की अभिव्यक्ति है। जब भी आप सभी साथियों के जोश और जुनून को मैं देखता हूं तो कई बार सोचता हूं कि उनका क्या होता होगा, जो दिन रात मोदी हटाओ, मोदी हटाओ की रट लगाए बैठे हैं। एक कामगार के प्रति आपका ये प्रेम आपका ये विश्वास नए भारत की इच्छाशक्ति को दिखाता है। साथियो, विशेष तौर पर वो युवा साथी जो 20वीं सदी के आखिर में या 21वीं सदी में पैदा हुए हैं। नए भारत के लिए उनका उत्साह उनकी उम्मीदें आज चरम पर है। वो अतीत से प्रेरणा लेते हैं। अतीत का बोझ ढो कर के नहीं चलते हैं। यहीं कारण है कि वंश और विरासत से देश की अपनी जागीर समझने वालों की दाल नए भारत में नहीं गल रही है। साथियो, आजादी के बाद महामिलावटी के कांग्रेस के राज्य में पीढ़ियां बीत गई, दशकों बीत गए, लेकिन हमारे देश मे मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी रही। देश के साथ कांग्रेस की अपराधी लापरवाही का ही परिणाम है कि जो काम आजादी के बाद पहले 25 साल में पूरा हो जाना चाहिए था। उसके लिए हमें 21वीं सदी में पूरी शक्ति लगानी पड़ रही है।

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भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए आजादी के 25 साल में हर भारतीय के पास अपना खुद का पक्का घर हो जाना चाहिए था या नहीं? होना चाहिए था या नहीं? आजादी के 25 साल में पहले 25 साल में हर भारतीय के घर में बिजली का कनेक्शन होना चाहिए था कि नहीं चाहिए था? आजादी के 25 साल में हर भारतीय के पास शौचालय की सुविधा होनी चाहिए थी कि नहीं? हमारी माताओं को और बहनों को साफ-सुथरी जिंदगी और स्वच्छता मिलनी चाहिए थी कि नहीं? आजादी के 25 साल में हर भारतीय के पास अपना बैंक खाता होना चाहिए था या नहीं? आजादी के 25 साल में हर भारतीय की रसोई धुएं से मुक्त होनी चाहिए थी कि नहीं? आजादी के पहले 25 साल में हर भारतीय के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिए थी कि नहीं? भाइयो-बहनो, जो काम 20वीं सदी में आजादी के पहले 25 साल में नहीं हो सके, उसे अब हमारी सरकार 21वीं सदी में आजादी के 75 साल से पहले पूरा करने का लक्ष्य लेकर के काम कर रही है। साल 2022 तक जब आजादी के 75 साल होंगे हर बेघर के पास उसका अपना पक्का घर हो। हर गरीब के पास शौचालय की सुविधा हो, हर घर में बिजली हो। हर घर में रसोई गैस उपल्बध हो। हर गरीब के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो। हर गांव सड़क से जुड़ा हो। ऐसी तमाम सुविधाओं के लिए हम दिन-रात एक कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके साथियो ने जो-जो काम समय पर नहीं किया, उसे पूरा करने में आज देश की जो ऊर्जा देश का जो पैसा, देश का जो संसाधन लग रहा है। उसके गुनहगार कौन है? कौन है गुनहगार? कौन है गुनहगा? कौन है गुनहगार? कौन है गुनहगार? सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस वाले जिम्मेदार हैं। मैं ये भी दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर कांग्रेस सत्ता में रहती तो ये काम भारत की आजादी के 100 साल तक भी पूरा नहीं करती। ये मैं विश्वास से कहता हूं। साथियो, कांग्रेस के नामदारों ने अपने वंश का फायदा करने के लिए देश की कई पीढ़ियों के साथ अन्याय किया है। देश ने उन्हें जो समय दिया था, उसका उपयोग नामदारों ने अपने भ्रष्टाचार और काले धन के भंडार को बढ़ाने के लिए किया। साथियो, मैंने कहीं पढ़ा कि राजस्थान के कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी तो एक्टर है एक्टर। अब जिस पार्टी के नामदारों को रिमोर्ट की इतनी आदत हो तो उसे हर कोई एक्टर ही नजर आएगा। चाहे रिमोर्ट से सरकार चलानी हो, या फिर रिमोर्ट से वीडियो गेम खेलना हो, एक्टर से आगे ये लोग कुछ सोच ही नहीं पाते, और इसलिए, इसलिए एक प्राइम मिनिस्टर इन वेटिंग के समझदार होने के इंतजार में, प्राइम मिनिस्टर इन वेटिंग, कांग्रेस ने दस साल तक मुझे जो एक्टर कह रहे हैं उनको पता होना चाहिए कि उन्होंने दस साल तक एक एक्टिंग प्राइम मिनिस्टर थोप दिया था।

 साथियो, क्रिकेट में जब दिन का खेल पूरा होने का समय आखिरी ओवर बाकी हो एक दो और कोई आउट होता है तो जो आखिरी नंबर का होता है उस खिलाड़ी को लाया जाता है। और वो नाइट वॉचमैन का काम करता है। नाइट वॉचमैन भेजते हैं। जो अच्छे खिलाड़ी हैं उनको नहीं भेजते हैं। कांग्रेस को भी 2004 में उन्होंने सोचा नहीं था अचानक मौका मिल गया, और जब अचानक मौका मिल गया तो राजकुमार की संभालने की स्थिति नहीं थी। खुद परिवार को राजकुमार पर भरोसा नहीं था, कांग्रेस को भरोसा नहीं था और इसलिए राजकुमार तैयार होने तक परिवार का वफादार वॉचमैन बिठाने की योजना बनी। और उन्होंने सोचा राजकुमार आज सिखेंगे, कल सिखेंगे। सब इंतजार करते रहे, भरपूर ट्रेनिंग देने की कोशिश भी की गई। लेकिन सबकुछ बेकार हो गया। लेकिन इस कोशिश में देश के दस साल तबाह हो गए। बर्बाद हो गए। एक्टिंग पीएम रिमोर्ट उनके पास नहीं था, कहीं और था देश की चिंता छोड़ वो कुर्सी की चिंता में ही लगे रहे। दस साल देश ने ऐसी सरकार देखी की हर तरफ हताशा निराशा फैल गई। आखिरकार 2014 में इन लोगों को देश की जनता ने निकालकर बाहर कर दिया। साथियो, 21वी सदी के एक पूरे दशक को कांग्रेस ने व्यर्थ गंवा दिया। अटल जी की सरकार ने 2004 में करीब-करीब 8 प्रतिशत विकास दर और बहुत कम महंगाई दर ऐसा भारत 2004 में कांग्रेस को सुपुर्द किया था। 2014 में इन्होंने करीब 5 प्रतिशत की विकास दर और दस प्रतिशत की औसत महंगाई दर का भारत हमारे नसीब में छोड़ कर के गए। एक ऐसा भारत जिसको दुनिया करप्शन से जोड़ती थी, आतंक और हिंसा से जोड़ती थी। बेटियों के लिए असुरक्षित मानती थी। भाइयो-बहनो, ऐसी स्थिति से बाहर निकालने के लिए आपने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार बनाई, और आज परिणाम आपके सामने है। और इसलिए भाइयो-बहनो, आज मैं आपसे 2019 के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। साथ साथ, 2014 से 2019 तक आपने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया, इसके लिए आपका धन्यवाद करने के लिए भी आया हूं। 

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 भाइयो-बहनो, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। कांग्रेस के समय में जो महंगाई दर डबल डिजिट में थी, अब उसे तीन या चार प्रतिशत पर कट्रोल कर दिया है। मोबाइल फोन से लेकर तेज रफ्तार ट्रेन तक आज भारत में ही बन रही है। साथियो, यहीं बात उनको पचती नहीं है। वो रात रात सोचते हैं कि ये चायवाला इतना टिक कैसे गया? और देश को इतना आगे कैसे ले जा रहा है? यहीं सवाल उनको खाए जा रहा है। भाइयो-बहनो, मैं ईश्वर में आपार श्रद्धा रखने वाला इंसान हूं। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ईश्वर को ही सत्य का स्वरुप मानते थे। इसलिए इंसान कितना ही झूठ बोले, झूठी कहानी गढ़े, विदेश एक्सपर्ट से ट्रेनिंग लेकर नए नए शब्द बनाए। लेकिन आखिर कभी न कभी सच बाहर निकल ही आता है। ईश्वर अपनी शक्ति दिखा ही देता है। विदेशी विद्वानों और ताकतों के बल पर बनाया झूठ का किला आखिर ढह गया। सच सामने आ गया। क्या सच बाहर आया मैं बताता हूं आपको। कांग्रेस के नामदार ने स्वीकार कर लिया है कि मोदी पर जो झूठे आरोप लगाए जा रहे थे, जो हमले किए जा रहे थे। उसका एक मात्र लक्ष्य यहीं था, एक मात्र कारण यहीं था कि मोदी की छवि पर दाग लगाना। मोदी की छवि को धूमिल करना। उन्होंने खुद कल एक इंटरव्यू में बोल दिया है। तभी तो मैं कहता हूं कि मैं अकेला नहीं हूं, मेरे साथ ईश्वर है। अरे, नामदार अरे जिसको मां भारती के कण कण ने खड़ा किया हो, उस पर जितने कीचड़ उछालोगे उतने ही कमल ज्यादा खिलेंगे। भाइयो-बहनो, आपने भी मीडिया में देखा होगा कि इस चौकीदार को गाली देते देते खुद नामदार का अपना किरदार खुलता जा रहा है। साथियो, नामदार ने इंग्लैंड में एक कंपनी बनाई, जिसका नाम भी उनके कारनामों से बराबर मिलता जुलता है। कंपनी का नाम था बैकऑप्स, बैकऑप्स यानी की बैक ऑफिस ऑपरेशन। ये उनकी कंपनी का नाम था। ये कभी सामने से ऑपरेशन नहीं करते, ये पर्दे के पीछे से ही ऑपरेशन करते हैं। पर्दे के पीछे चलने वाली इस कंपनी को 2009 में बंद कर दिया गया। लेकिन अब पता चला कि उस कंपनी में जो नामदार के पार्टनर थे उनको 2011 में सबमरीन पनडुब्बी बनाने का ठेका मिल गया। भारत सरकार की तरफ से, सरकार उनकी, कभी वो कंपनी उनकी थी। कंपनी का मालिक उनका दोस्त था। अब कांग्रेस के नामदार से जनता पूछ रही है आपको और आपके पार्टनर को तो सिर्फ दलाली का अनुभव था या लाइजनिंग का अनुभव था, ये सबमरीन पनडुब्बी बनाने वाली लाइन में आप कैसे घुस गए। किसने मौका दिया। जब से ये कारनामा सामने आय़ा है। तब से नामदार और सारे राग दरबारी कोपभवन में चले गए हैं। साथियो, बोफोर्स तोप, हेलीकॉप्टर और सबमरीन पनडुब्बी, जितना खोदोगे जल हो, थल हो, नभ हो नामदारों के घोटाले के सूत्र खुलते ही जा रहे हैं, और मिशेल मामा तो अभी राज उगल ही रहा है।

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भाइयो-बहनो, कांग्रेस का मतलब ही है, झूठ, प्रपंच, और धोखा। यहां मध्य प्रदेश में तो इन्होंने हद ही कर दी है। कर्ज माफी के नाम पर किसानों से वोट ले लिया और फिर मुकर गए। मैं मीडिया में एक रिपोर्ट देख रहा था यहां के कांग्रेस नेता बड़ी शान से ये स्वीकार कर रहे थे कि उन्होंने बड़ी सफाई से कर्ज माफी पर किसानों से झूठ बोला है। इनके इसी धोखे की वजह से किसानों को बैंकों के नोटिस आ रहे हैं, और जेल जाने की नौबत आ गई है। भाइयो-बहनो, किसानों को धोखा देने गरीबों से अन्याय, आदिवासियों से अन्याय की इनकी पुरानी आदत हिंदुस्तान भलिभांति जानता है। मैं आपको बताता हूं, जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, ये कांग्रेस वाले कैसे कारनामे करते थे, उसका मैं अनुभव बताता हं। जब मैं गुजरात में था तो ये लोग क्या करते थे चुनाव से पहले, एक बार उन्होंने आदिवासियों को भड़काया, और आदिवासियों में जाकर के फॉर्म बांट रहे थे, और फॉर्म भी ऐसे बनाए थे जैसे सरकारी फॉर्म हो, और लोगों से फॉर्म भरवाते थे कि ये फॉर्म भर दो आपको चुनाव के बाद जमीन मिल जाएगी, और बदले में आदिवासियों से 100 -200 रुपये मार लेते थे। वो हल्ला शुरू हुआ, सरकार जाग गई, सरकार ने देखा सब झूठा है फॉर्म झूठे, योजना झूठी बेइमानी ऊपर से दो सौ रुपया मार लिया, सब पकड़ा गया। उसके बाद दूसरा चुनाव आया तो दूसरा खेल खेला। जहां कांग्रेस का कार्यालय था उसके बाहर नजदीक के मैदान में उन्होंने कार्डबोर्ड का एक मकान बनाया। बहुत सुंदर दिखने वाला कलरफुल मकान पूरा मकान खड़ा कर दिया। और फॉर्म बनाए और गरीबों के घर जा जाकर के फॉर्म भरवाए कि देखों ये जो हमने मकान बनाए है न ये नमूना है ऐसा मकान बनाकर आपको देंगे। फॉर्म भरवाए गरीब ने बेचारे ने मान लिया, अच्छा मकान मिलने वाला है। और बदले में 100 रुपये लिए और कहा बस आप वोट हमें दे दीजिए मकान आपका पक्का। इन दिनों अभी राजस्थान में सब पकड़ा गया है। मध्य प्रदेश में जरूर करते होंगे। राजस्थान में सारा उनका कारनामा पकड़ा गया। उन्होंने क्या किया? चेक जैसा फॉर्म बनाया, 72 हजार रुपया लिखा हुआ और गरीबों को कहा कि आप फॉर्म भरिए आपका 72 हजार रुपया आना शुरू हो जाएगा। भाइयो, सब लोग सरकारी दफ्तर में गए तो पता चला कि कांग्रेस की झूठी योजना, झूठे लोग, झूठे फॉर्म और कांग्रेस ने वोट के लिए खेल खेला था। मैं पक्का कहता हूं कि ये मध्य प्रदेश में भी ये कांग्रेस की यही चलता होगा। आप सब सतर्क रहिए, ये वोट के लिए कर्जमाफी जैसा झूठ बोलना, नौजवानों को बेकारी भत्ता देना ये सारा झूठ और इस प्रकार के फॉर्म भरना ये झूठ करना, ये फॉर्ड करना, ये कांग्रेस के स्वभाव में है। मैं आपको सावधान करने आया हूं।

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साथियो, जब किसी राज्य में, हमने बहुत सरकारें देखी है। न देश में कहीं पर हमने दो सीएम देखें हैं, न देश ने कभी दो पीएम देखे हैं। पहली बार मध्य प्रदेश में ढाई सीएम की सरकार है। अब जब ढाई सीएम की सरकार है। तो ये किस दिशा में जाएगी भाई। ये मध्य प्रदेश को कहां लेकर जाएंगे ? शासन किसका आदेश माने यहीं पचा नहीं है। मैं तो कहूंगा कि धन मोह और पुत्र होम में फंसे मध्य प्रदेश के नेताओं को सागर के झील लाखा बंजारा जी के त्याग से जरूर सीखना चाहिए। बीजेपी सरकार ने औद्योगिकीकरण का जो माहौल बनाया था उसे बर्बाद कर दिया और ट्रांसफर का उद्योग खूब फल फूल रहा है। ट्रांसफर करो और कमाओ, बीजेपी की सरकार ने बहुत मुश्किल से यहां की कानून व्यवस्था को सुधारा था। आज एमपी में छोटे-छोटे बच्चों का दिन दहाड़े अपहरण हो रहा है। डकैत फिर से सक्रिय हो रहे हैं। बेटियों के साथ अत्याचार की खबरें तो आय दिन छपती रहती है। साथियो, यहीं कांग्रेस का कुशासन है जिसने पूरी दुनिया में भारत को बदनाम किया। पाकिस्तान भी भारत की इस कमजोरी को भांप गया था, मजबूर सरकार की मजबूरी को समझ गया था। यहीं कारण है कि आय दिन पाकिस्तान के आतंकी भारत में आकर बम धमाके करते थे। और फिर भारत को ही धमकाते थे, कांग्रेस की मजबूर सरकार दुनियाभर में जाती थी और रोती थी पाकिस्तान ने ऐसा किया, पाकिस्तान ने ऐसा किया, पाकिस्तान ने ऐसा किया। रोते रहते थे। भाइयो-बहनो, भाजपा की अगुवाई वाली मजबूत एनडीए सरकार राष्ट्र रक्षा के लिए एक पुख्ता रणनीति के साथ मैदान में है। और ये चौकीदार पूरी तरह चौकन्ना है। आतंक के आकाओं को अब स्पष्ट हो गया है कि अब नया हिंदुस्तान अब घर में घुसकर मारता है। मारना चाहिए कि नहीं चाहिए ? घर में घुसकर मारना चाहिए कि नहीं चाहिए? सिर्फ शहीदों अमर रहो के नारे लगाकर के चुप हो जाएगे क्या? शहीदों के खून के कतरे कतरे का बदला लेंगे कि नहीं लेंगे? शहीदों के खून को बेकार जाने देंगे क्या? एक एक रक्त के बिंदू का बदला लेना ये चौकीदार शपथ लेकर आया है। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए भाइयो। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए।

साथियो, पाकिस्तान के लाडले, सुपर लाडले आतंकी मसूद अजहर उस पर जो बैन लगा है न, उस पर जो प्रतिबंध लगे हैं। दुनिया के देशों ने मिलकर के भारत की बात को मानकर के पाकिस्तान के मुंह पर चांटा मारा है। लेकिन ये तो अभी पड़ाव है, ये तो अभी शुरुआत है, अभी हिसाब बाकी है। मसूद अजहर हो, हाफिज सईद हो। या पाकिस्तान में पल रहे दूसरे आतंकी इनका हिसाब 130 भारतीयों को चुकता करना है। अब पाकिस्तान को तय करना है कि उसको कौन सा रास्ता चाहिए। भाइयो-बहनो, आतंकवाद और नक्सलवाद देश को खाए जा रहा है। आतंकवाद और नक्सलवाद से देश को मुक्ति दिलाने के लिए घोटालों और दलालों से आजादी के लिए गरीब के जीवन को आसान बनाने के लिए, किसान की आय दोगुनी करने के लिए। पानी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए। सागर और विदिशा वालों को मैं एक ही प्राधना करता हूं। आपके सपने को साकार करने के लिए कमल के सामने बटन दबाकर 2014 का रिकॉर्ड तोड़ना है। और आप जब कमल के निशान के सामने बटन दबाएंगे तब मन में संकल्प कीजिए कि आपकी उंगली जिस कमल को दबा रही है वो एक दो पांच सेकेंड आपका जागरूक निर्णय इस देश के गरीबों को घर देगा। आपका एक जागरूक निर्णय आपकी तीन या पांच सेकेंड पांच साल के लिए आतंकवाद को खत्म करने के लिए इस चौकीदार को काम में लगाए रखेगा। भाइयो-बहनो, आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे तो आपका एक एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। 

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भाइयो-बहनो, अब चुनाव का आखिरी पड़ाव चल रहा है, कल पांचवें चरण का मतदान है। जहां पर मतदान है वहां के सभी मतदाताओं को मेरी तरफ से बहुत शुभकामनाएं है, और गर्मी कितनी ही क्यों न हो वे भारी मतदान करे। ये मेरी उनसे प्रार्थना है। और आपसे मेरा अनुरोध है, आप मुझे बताइए, आप चाहते हैं हिंदुस्तान मजबूत हो, देश मजबूत होना चाहिए, भारत मजबूत होना चाहिए, भारत मजबूत होने के लिए सरकार मजबूत होनी चाहिए, आपका मजबूती में भरोसा है, आप मजबूती के लिए तैयार है। मजबूती के लिए सरकार मजबूत बनाएंगे। इस चौकीदार को मजबूत बनाएंगे। इस चौकीदार को मजबूत बनाने के लिए आपका पोलिंग बूथ मजबूत बनाएंगे। आपका पोलिंग बूथ मजबूत बनाएंगे। पोलिंग बूथ में कमल खिलाएंगे। चुनाव तक घर घर जाएंगे, मतदाताओं को निकालेंगे, मतदान कराएंगे। पूरी ताकत से लगेंगे।

भारत माता की जय, भारत माता की जय , भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यवाद

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।