QuoteThis ‘Chowkidar’(PM Modi) has worked tirelessly over the last five years to enhance India’s global position on the world stage: PM Modi
QuoteUN’s listing of Masood Azhar as a global terrorist shows India’s efforts against terrorism were now being recognised and supported internationally: PM Modi
QuoteThe track-record of the Congress shows it is not committed on fulfilling its promises, rather it is only interested in gaining political leverage from them: PM Modi

सब लोग बैठिए भैया, आप सब बैठिए, बैठिए।
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
यहां जयपुर ग्रामीण और दौसा से भी भारी संख्या में आप सब पधारे हैं। मैं आप सभी का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। गुलाबी नगरी का माहौल हमेशा देश का माहौल बताता है, और देश का माहौल क्या है? जब मैं मंच पे आया, आपने जिस प्रकार से रोशनी की ऐसा लग रहा था ये चुनाव सभा है की विजय सभा है।
भारत माता की...जय।

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साथियो, मां भारती की आन, बान, शान। मां भारती के लिए यही भक्ति यही जुनून है जो इस वीर धरा को और अद्भुत बनाता है।

साथियो, आज मैं आपके बीच नए भारत के नए सपनों को पूरा करने के लिए आदेश मांगने आया हूं, आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं।
भाइयो और बहनो, बीते 5 वर्ष में, दुनिया में भारत के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाने में इस चौकीदार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरी निष्ठा से काम किया, श्रम किया और मैंने एक बार लाल किले से कहा था, देशवासियों से कहा था की अगर आप 11 घंटे काम करेंगे तो मैं 12 घंटे काम करूंगा। अगर आप 13 घंटे काम करेंगे तो मैं 14 घंटे काम करूंगा। जयपुर के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, क्या मैंने मेरा वादा निभाया? मैंने मेहनत करने में कोई कमी रखी है? आपको जैसा मैंने कहा था वैसा ही करने के लिए मैंने पूरी कोशिश की है, मैं राजस्थान की कसौटी पर खरा उतर रहा हूं?

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याद करिए 2014 से पहले देश में क्या चर्चा होती थी, घरों के ड्राइंग रूम में, किचन में, ऑफिस में लंच के दौरान, बसों में, क्या बातें होती थीं? और ये याद करना बहुत जरूरी है। मुझे लाने से पहले भारत में जो रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी उस समय क्या हाल था, उस समय आपकी चर्चाएं क्या थी? ये आपको याद करना बहुत जरूरी है। क्या आप लोग मिलकर के चर्चा नहीं करते थे की आए दिन बम धमाके होते हैं, इंसान की जान की कद्र कब होगी? ये बात होती थी कि नहीं होती थी? मैं यहां भाषण देने नहीं आया हूं, मैं तो आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। आप मुझे बताइये मैं जो बोल रहा हूं वो चर्चा होती थी कि नहीं होती थी? लोग कहते थे, छोटे-छोटे देश कार्रवाई करते हैं, भारत कब जागेगा? ये बात होती थी कि नहीं होती थी? ये जो घोटाला हुआ है, ये वाला कितने लाख का हुआ है? कितने करोड़ का हुआ है? इस घोटाले में कौन-कौन से नेता और उसका बेटा-बेटी किसकी शामिल हैं? हर साल देश में कोई न कोई घोटाला क्यों हो रहा है? ये बात होती थी की नहीं होती थी? जुबां पे इसकी चर्चा थी कि नहीं थी? महंगाई इतनी क्यों हैं? महंगाई डायन है कि खाए जात है? क्या सारा टैक्स हम ही से वसूल लेगी क्या सरकार? मिडिल क्लास की सरकार को तो परवाह ही नहीं है।

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साथियो, ये सवाल आप लोगों के बीच में चलते थे कि नहीं चलते थे? पांच साल पहले आप ये बातें करते थे कि नहीं करते थे? वो घोर निराशा के दिन थे, आशा की किरण तक दिखती नहीं थी। लेकिन आज भाजपा की सरकार में देश में किन बातों की चर्चा होती है, क्या सवाल उठते हैं? 14 की तुलना में याद करना होगा आपको, आज भी ड्राइंग रूम में, बस में, रेल में, दुकान में, ऑफिस में, बातें आज भी होती हैं। देश और दुनिया की होती है, तब क्या होता था, आज क्या होता है? आज चर्चा ये होती है की उस शहर में 6 लेन का हाईवे बन गया, हमारे शहर में कब बनेगा? ऐसी बात होती है कि नहीं होती है? उस जिले में मेडिकल कॉलेज इतना अच्छा हो गया, हमारे जिले में कब होगा? ये बात होती है कि नहीं होती है? वो शहर तो एयर कनेक्टिविटी से जुड़ गया, हमारा शहर कब जुड़ेगा ये बात होती है कि नहीं होती है? उस शहर में तो उड़ान योजना के तहत फ्लाइटें भी आने लग पड़ीं, हमारे शहर में ऐसा कब होगा? उस शहर का रेलवे स्टेशन तो इतना शानदार हो गया है, हमारे शहर का कब होगा? उस शहर के लिए तो नई-नई ट्रेनें जाती हैं, क्या शानदार कोच होते हैं, लेकिन हमारे शहर ऐसी ट्रेन कब आएगी? उसे तो पीएम आवास के तहत घर मिल गया, हमें क्या अगले 8-10 महीने में मिल जाएगा क्या? मैं ये बातें इसीलिए कह रहा हूं, इन सारे सवालों में शिकायत नहीं है, विश्वास का भाव होता है। ये भरोसा होता है की कुछ दिन के इंतजार के बाद ही सही, मोदी हमारे लिए भी करेगा। आज लोग यह नहीं पूछ रहे हैं की क्यों नहीं हुआ? आज लोग आशा और उम्मीद के साथ ये कहते हैं की कब होगा? यानी उसको पूरा भरोसा है होने वाला है। वो इतना ही कहता है कब होगा, हमारी बारी कब आएगी? निराशा से आशा की तरफ बढ़ता ये नया भारत और यही हमारी ऊर्जा है, यही हमारी शक्ति का स्रोत है।

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भाइयो और बहनो, इस नए भारत के निर्माण का नेतृत्व आज के नौजवान कर रहे हैं। वो आज नए भारत के निर्माण के लिए इस चौकीदार के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। इस भावना को सिर्फ अपने ही परिवार और अपने ही वंश को सर्वोपरि मानने वाले समझ ही नहीं पा रहे, इसलिए वे जमीन से कट गए हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा है की देश चाहता क्या है? वो सिर्फ मोदी को गाली देने में जुटे हुए हैं। रोज सुबह डिक्शनरी लेके बैठे जाते हैं की आज कौन सी नई गाली निकालें, यही चल रहा है ना?

साथियो, 2014 में आपके वोट से देश में एक परिवार ने 55 साल जो तबाही लाकर के रखी थी। जीवन के हर क्षेत्र में खाई थी, गड्ढे थे। मैंने 55 महीने उस परिवार के 55 साल के गड्ढे भरने में खपा दिए। ये काम मैं कर पाया आपके वोट से। अबकी बार...मोदी सरकार, अबकी बार आपके वोट से विकास का हाईवे बनाने का अवसर है। 2014 में आपके वोट से डेढ़ करोड़ से ज्यादा परिवारों को अपना खुद का पक्का घर मिला। अबकी बार आपके वोट से देश के हर गरीब परिवार को अपना पक्का घर मिलेगा, एक भी बेघर नहीं रहेगा ये सपना, यानी एक तरह से देखे तो आपका वोट मोदी के खाते में जाएगा और हर बेघर का आशीर्वाद आपके खाते में आएगा। भाइयो और बहनो, 2014 में आपके वोट से 7 करोड़ से अधिक गरीब बहनों को चूल्हे पर गैस का कनेक्शन मिला। अबकी बार आपके वोट से हिंदुस्तान के सभी घरों में गैस का कनेक्शन पहुंचेगा। सोचिए, मोदी के खाते में डाला गया आपका एक वोट, आपको उस मां-बहन से भी आशीर्वाद दिलवाएगा, जिसे उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है।

साथियो, 2014 में आपके वोट से हमारे सशस्त्र बलों को सम्मान मिला, वन रैंक-वन पेंशन का वादा पूरा हुआ, राफेल जैसा लड़ाकू विमान मिलना तय हुआ। अबकी बार आपका वोट हमारे सशस्त्र बलों को और आधुनिक बनाएगा, आपको वीर-सपूतों को जन्म देने वाली माताओं का आशीर्वाद दिलाएगा। भाइयो और बहनो, 2014 में आपके वोट से देश के सभी गांवों में बिजली पहुंची, अबकी बार आपके वोट से देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का काम पूरा होगा। उस नई रोशनी में पढ़कर जो बच्चा आगे बढ़ेगा, जीवन में कुछ बनेगा, वो जीवन भर आपका धन्यवाद करेगा।

साथियो, 2014 में आपके वोट से किसानों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई, अबकी बार आपके वोट से 2022 तक किसानों की आय डबल होगी, दोगुनी होगी। 2014 में आपके वोट से छोटे किसानों के बैंक खाते में सीधी मदद का लाभ सुनिश्चित हुआ। अबकी बार आपके वोट से हर छोटे-बड़े किसान परिवार को इसका लाभ मिलेगा। छोटे किसानों को पेंशन की सुविधा मिलेगी और वो किसान भी अन्नदाता आपके लिए आशीर्वाद दाता भी बनेगा।

साथियो, सरकार बदलने का क्या फर्क होता है ये भी मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं। यहां राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी, पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला लेकिन इधर-उधर से मिला कर के बन गई। एक मिलावटी सरकार यहां बन गई। अब यहां पर किस तरह के सवाल उठ रहे हैं, मैंने बताया मेरे आने से पहले क्या सवाल थे और मेरे आने के बाद क्या सवाल थे और आज अभी नई-नई सरकार बनी है, मिलावटी सरकार है। इधर-उधर से कुनबा जोड़ कर के बनी है अब सवाल उठ रहे हैं, लोग सवाल पूछ रहे हैं 10 दिन हो गए, 100 दिन हो गए, कर्जमाफी के वायदे का क्या हुआ? 10 दिन में मुख्यमंत्री बदलने वाले थे, उसका क्या हुआ?

साथियो, कांग्रेस की यही सच्चाई है। झूठ बोलना, फरेब करना और मतदाता को गुमराह करना, यही कांग्रेस का चरित्र है। वो एक बार चुनाव के समय जो पोस्टर छपवा लेती है, उसे कई दशक तक चलाती है।

50-60 साल पहले उसने चुनाव के समय गरीबी हटाओ वाला पोस्टर छपवाया था। आज तक वो उसी पोस्टर से काम चला रही है। हर चुनाव में वही पोस्टर निकालती है, बस नामदार की फोटो बदलती रहती है कभी पुरुष की आवाज कभी महिला की आवाज और गरीबी हटाओ बोलते रहते हैं। ये कर्जमाफी वाला पोस्टर भी कांग्रेस ने 10-15 साल पहले छपवाया था। आप राजस्थान वालों को आज क्या हो गया है भाई। रह-रह कर के जुस्सा आता है, आपको जो चाहिए वो आएगा, आएगा। मैं आपके इस प्यार के लिए आपको नमन करता हूं।


आपका ये उत्साह, जयपुर में बैठे कांग्रेस के नेता और दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेता वो डॉक्टरों को फोन कर रहे हैं, बीपी बढ़ रहा है। ये कर्जमाफी वाला पोस्टर भी कांग्रेस ने 10-15 साल पहले छपवाया था। हर चुनाव से पहले वो ये पोस्टर फिर अलग-अलग राज्यों में चिपका देती है। राजस्थान में भी उसने यही किया।

साथियो, कांग्रेस ने हमेशा किसान को सिर्फ जीतने धोखा दे सकते हैं दिया है, उसने देश के वीर जवानों को भी धोखा दिया है। कांग्रेस की सरकार कमीशन और करप्शन के चक्कर में भारत की रक्षा जरूरतों को भी खतरे में डालती रही है। देश की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस का रवैया कैसा रहा है और भाजपा कैसे काम करती है। उसका गवाह, मई का ये महीना भी रहा है। मई 1998 में पोखरण में, अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने दूसरा परमाणु विस्फोट किया था, पहले परीक्षण के दशकों बाद। अब आप बताइये, कांग्रेस की सरकार को ऐसा करने से किसी ने रोका था क्या? आखिर किसके दबाव में आ गई थी कांग्रेस? भाइयो और बहनो, यही स्थिति अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मारने वाली A-SAT मिसाइल के परीक्षण को लेकर के थी। हमारे वैज्ञानिक कांग्रेस की सरकार से टेस्ट करने की इजाजत मांग रहे लेकिन पूरी सरकार, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थर-थर कांप रही थी, पसीना छूट रहा था। इनको लगता था की अगर दुनिया ने, हमने मिसाइल से सैटेलाइट से गिराया और दुनिया हम पर टूट पड़ी तो हम तो कही के नहीं रहेंगे। जिन लोगों को सत्ता इतनी प्यारी हो, कुर्सी का इतना मोह हो, वो पार्टी कभी भी देश का भला सोच सकती है क्या? सोच सकती है क्या? निर्णय कर सकते हैं क्या, कदम उठा सकते हैं क्या?

लेकिन साथियो, आपके इस चौकीदार ने वैज्ञानिकों को इजाजत दी और आज भारत स्पेस में, अंतरिक्ष में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता रखने वाला दुनिया में चौथा देश बना है। और साथियो, ये जो हमारे मिसाइल ने सैटेलाइट को गिराया है। उस सैटेलाइट की स्पीड एक सेकेंड में 10 किलोमीटर की थी यानी बंदूक की नोक से गोली जिस स्पीड से निकलती है उतनी स्पीड से अंतरिक्ष में सैटेलाइट जा रहा था और मिसाइल धरती से निकली 3 मिनट के भीतर, उस भागती हुई सैटेलाइट को गिरा दिया। ये ताकत अब दुनिया में हिंदुस्तान चौथा देश बन गया है दोस्तों।

साथियो, कांग्रेस की सरकारों का रवैया देश में आतंकवादी हमलों के समय कैसा रहा है, वो भी हमें भूलना नहीं चाहिए। हमारे देश में इतने बम धमाके हुए, यहां जयपुर में भी आप लोगों को आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट करके दहला दिया था। आपको याद है, तब कांग्रेस सरकार ने कोई सख्ती दिखाई थी क्या? आपको याद है कि नहीं है? याद मुझे कराना पड़ रहा है याद इसीलिए नहीं है क्योंकि कांग्रेस ने कभी सख्ती दिखाई नहीं। अब मैं पूछता हूं, आप जवाब देंगे सब लोग? ये मरी पड़ी आवाज से जवाब नहीं देता है राजस्थान ये वीरों की भूमि है। आप जवाब देंगे, मैं जरा पूछता हूं आपको सर्जिकल स्ट्राइक याद है, एयर स्ट्राइक याद है, क्यों याद है?

साथियो, पहले भी सेना इजाजत मांगती थी लेकिन कांग्रेस की सरकार हिम्मत नहीं दिखा पाती थी। जब की देश की सुरक्षा को लेकर हमारी नीति और रीति साफ है और देश को चौकीदार पर भरोसा है। और मैं आज वीरों की भूमि पर आया हूं, बहादुरों की भूमि पर आया हूं। मैं उन माताओं के आशीर्वाद लेकर के कहना चाहता हूं, देश के लिए मर-मिटने वाले इस धरती ने अनेक वीर पुत्र दिए हैं। उन वीर पुत्रों को जन्म देने वाली उन माताओं का स्मरण करते हुए मैं कहता हूं। अब ये नया हिंदुस्तान है, अब देश को जहां से भी खतरा होगा, वहां पर घुसकर के मारेंगे। और अगर वो गोली मारेंगे तो हम गोला मारेंगे। ये होती है दमदार सरकार। ये दम तब आता है जब दिल और दिमाग सिर्फ और सिर्फ भारत के लिए सोचता है, सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के लिए सोचता है।

साथियो, मैं आपसे देश से एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूं। भाइयो-बहनो, वैसे राजस्थान की धरती से, ये वीरों की भूमि से मेरा कोई विशेष ही नाता लग रहा है, क्योंकि जब एयर स्ट्राइक हुई, जिस समय देश में, एयर स्ट्राइक हुआ और उसी दिन में चुरू पहुंचा था। चुरू में मेरी जन सभा थी और जब एयर स्ट्राइक की खबर आई तो चुरू वालों को लगा था की पता नहीं मोदी जी अब आएंगे की नहीं आएंगे? लेकिन एयर स्ट्राइक की खबरें हवा में थी और चुरू पाकिस्तान की सीमा पर है मोदी वहां आ धमका था।

आज फिर से राजस्थान की धरती पर वैसी ही कुछ खबरों के साथ आया हूं। अभी-अभी अमेरिका से न्यूयॉर्क से मीडिया रिपोर्ट आ रही है की आज UN ने संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना, कुख्यात आतंकवादी मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगा दिया है। मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करने पर आखिरकार विश्व में सहमति बनी, ये संतोष का विषय है, देर आए दुरुस्त आए। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए लंबे समय से भारत जो प्रयास कर रहा था, ये उसकी बहुत बड़ी सफलता है। एक समय था जब देश में ऐसी रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी जिसमें प्रधानमंत्री तक की आवाज सरकार में भी कोई नहीं सुनता था और आज देश ने देखा है की यूनाइटेड नेशन में क्या हुआ? कैसे 130 करोड़ जनता की आवाज पूरे विश्व में दहाड़ रही है। ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार आज भारत की बात पूरी दुनिया में सुनी जाती है। भारत की बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है यह बात आज साबित हो गई है। और, मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं की ये तो सिर्फ शुरुआत है। आगे-आगे देखिए, होता क्या है।

साथियो, बीते दिनों में आपने देखा है किस प्रकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का निरंतर सफाया किया जा रहा है। एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया है। उससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक कर के आतंकियों और उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। उसके बाद आज ही की हमारी बहुत बड़ी कूटनीतिज्ञ विजय भी आज देश देख रहा है। इन सब को जोड़ कर देखें तो विश्व में जो आज भारत की ताकत बनी है वो 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक शक्ति का परिणाम है। मैं देश को याद दिलाना चाहता हूं की जब यह काम चल रहा था तब नामदार ट्वीट कर कर के बड़ी खुशी में मनाते थे, ये पूरा वर्ग बहुत खुश था और मोदी का मजाक उड़ाते थे। आज इतने दिनों से मजाक उड़ाने वालों को मैं कहना चाहता हूं की यह सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है यह पूरे हिंदुस्तान की सफलता है, 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की सफलता है। मैं आशा रखता हूं वे आज भी खुशी मनाएंगे, आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए, चाहे वो किसी भी विचारधारा का हो, किसी भी धर्म का हो, किसी भी क्षेत्र का हो सबके लिए आज बेहद गर्व का दिन है। आज देश के लिए आत्मविश्वास का जो माहौल बना है। मेरी हाथ जोड़ कर प्रार्थना है की कोई भी राजनीतिक दल इस माहौल में, ऐसे उत्साह के माहौल में ऐसे आत्मविश्वाश के माहौल में, कृपा कर के मिलावट न करें।

भाइयो और बहनो, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विश्व समुदाय भारत के साथ खड़ा रहा इसके लिए मैं 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से, हर मानवतावादी की तरफ से, विश्व समुदाय का आभार व्यक्त करता हूं।

साथियो, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पूरे विश्व को भी भारत की 40 साल से जो मुसीबत झेल रहे हैं, जो हम बार-बार कह रहे थे उस सच्चाई का अब उन्हें एहसास हुआ है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान में भी एक छोटा समूह जो सच्चे अर्थ में पाकिस्तान का उज्जवल भविष्य चाहता है वो भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खुल कर आतंकवाद के खिलाफ बोलने लगा है। पकिस्तान का एक वर्ग अपने देश में खुले आम घूमते आतंकियों के खिलाफ, आतंकियों को ट्रेनिंग के खिलाफ अपने युवाओं की बर्बादी के खिलाफ आवाज उठाने लगा है। पाक की आतंकी दृष्टि के खिलाफ अब उसके जागरूक नागरिक ही आवाज उठाने लगे हैं, एयर स्ट्राइक के बाद ये आवाज और मुखर हुई है। आज संयुक्त राष्ट्र के निर्णय के बाद पाक के जागरूक नागरिक वहां की सरकार पर और दबाव बनाएंगे ये मैं अनुभव कर रहा हूं।

भाइयो-बहनो, वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का सामना करने का साथ ही हमें यहां देश में भी एक भगीरथ कार्य पूरा करना है। ये काम है पानी को लेकर दुनिया की आधुनिक से आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग पानी के लिए हम करने वाले हैं। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय, एक अलग मंत्रालय बनाया जाएगा। नदियों का पानी हो, समंदर का पानी हो, बारिश का पानी हो, प्यासे गांवों तक इस पानी को पीने लायक बना कर के पहुंचाने का मिशन चलाया जाएगा। जितने भी हमारे बांध आज सूखे पड़े हैं, इसको पुनर्जीवित करने के लिए एक ईमानदार प्रयास हम करने वाले हैं।
साथियो, और मैंने पिछली बार राजस्थान आया था मैंने कहा था, की सिंधु नदी के संबंध में पानी की संबंध में पाकिस्तान के साथ जो समझौता हुआ और दिल्ली में सरकारें सोती रही और पानी हमारे हक का पानी पाकिस्तान में जाता रहा अब एक बूंद पानी नहीं जाने दूंगा। जिस पानी पर हिंदुस्तान के किसान का हक है वो पानी अब पाकिस्तान नहीं जाएगा।

साथियो, इन सारे संकल्पों की पूर्ति के लिए, आप चाहते हैं ये सब हो, आप चाहते हैं आतंकवाद खत्म हो, आप चाहते हैं देश आगे बढ़े, आप चाहते है देश में ईमानदारी आए, आप चाहते है बेईमान जेल जाएं? तो फिर एक काम करना पड़ेगा, करेंगे? घर-घर जाएंगे, हर पोलिंग बूथ में जाएंगे, मतदाताओं से मिलेंगे, मतदाताओं को समझाएंगे, चुनाव के दिन गर्मी हो तो भी वोट करवाएंगे? कमल के फूल के सामने बटन दबवाएंगे? कमल के फूल को वोट मिलेगा?

भाइयो बहनो कमल के फूल के सामने बटन दबाओगे तो ये आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

भाइयो बहनो, मैंने राजस्थान का मिजाज पिछली बार आया था देख लिया था, कांग्रेस का बचना मुश्किल है। अरे! जो अपने बेटे को भी नहीं बचा पाएंगे वो कांग्रेस को क्या बचा पाएंगे। फिर एक बार आपका ये उत्साह, उमंग, जोश मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
बहुत बहुत धन्यवाद।

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78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

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India is driving global growth today: PM Modi at Republic Plenary Summit
March 06, 2025
QuoteIndia's achievements and successes have sparked a new wave of hope across the globe: PM
QuoteIndia is driving global growth today: PM
QuoteToday's India thinks big, sets ambitious targets and delivers remarkable results: PM
QuoteWe launched the SVAMITVA Scheme to grant property rights to rural households in India: PM
QuoteYouth is the X-Factor of today's India, where X stands for Experimentation, Excellence, and Expansion: PM
QuoteIn the past decade, we have transformed impact-less administration into impactful governance: PM
QuoteEarlier, construction of houses was government-driven, but we have transformed it into an owner-driven approach: PM

नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!