भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
आज गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की जन्म जयंती है। मैं बोलूंगा गुरुदेव टैगोर, आप दो बार बोलेंगे, अमर रहें, अमर रहें। गुरुदेव टैगोर… अमर रहें, अमर रहें। गुरुदेव टैगोर… अमर रहें, अमर रहें।
साथियो, मुझे बताया गया है कि यहां भाजपा की रैली न हो पाए, इसके लिए टीएमसी सरकार ने पूरी शक्ति लगा दी थी। लेकिन जिसपर आपका आशीर्वाद हो, उसे आपके बीच आने से कोई रोक नहीं सकता है। साथियो, मामता दीदी ने पहले बंगाल को बर्बाद किया अपनी सत्ता के नशे में, अब वो बंगाल को और तबाह करने पर तुल गई हैं, अपनी सत्ता के जाने के डर से। उन्हें मां माटी, मानुष की नहीं सिर्फ अपने हितों अपनी कुर्सी, अपने रिश्तेदारों, अपने भतीजे, अपने टोलेबाजों की परवाह है और किसी की परवाह नहीं है।
साथियो, दीदी कितनी परेशान है उसका अंदाजा उनकी भाषा से लगाया जा सकता है। अब वो मेरे लिए पत्थरों की बात करती है, थप्पड़ों की बात करती हैं। अरे दीदी...मुझे तो गालियों की आदत है। मैंने तो दुनिया की डिक्शनरी की सभी गालियों को हजम करने की ताकत अब बना ली है। लेकिन बौखलाहट में दीदी देश के संविधान का भी अपमान कर रही है। आप हैरान हो जाएंगे वो पब्लिकली कह रही हैं वो देश के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री मानने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन पाकिस्तान के पीएम को पीएम मानने में उन्हें गौरव का अनुभव होता है। जब पश्चिम बंगाल में समुद्री तूफान आया, साइक्लोन आया तो मैंने उन्हें दो-दो बार फोन किया। लेकिन उनका अहंकार इतना है कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से बात करना उचित नहीं माना। यहां तक कि भारत सरकार, यहां के अफसरों के साथ बैठ कर के, इस साइक्लोन के समय मदद करना चाहती थी लेकिन दीदी ने उस मीटिंग करने से भी इनकार कर दिया। पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ किया गया ये विश्वासघात, ये अहंकार ही दीदी को ले डूबेगा।
साथियो, इस माहौल में जिस शक्ति के साथ, जिस साहस के साथ आप दीदी और टीएमसी के गुंडों के सामने खड़े हो रहे हैं, उसकी पूरे देश में चर्चा है। दीदी के अत्याचार ही उनकी सत्ता को उखाड़ फेंकने का संकल्प और मजबूत कर रहे हैं।
मेरे साथ एक नारा बोलेंगे, सब लोग बोलेंगे? पूरी ताकत से बोलेंगे? मैं बोलूंगा चुपचाप, आप बोलेंगे कमलछाप।
चुपचाप-कमलछाप, चुपचाप-कमलछाप, चुपचाप-कमलछाप। दूसरा नारा बुलवाता हूं, बूथ-बूथ से, आप बोलेंगे टीएमसी साफ। बूथ-बूथ से-टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से-टीएमसी साफ, बूथ-बूथ से-टीएमसी साफ।
साथियो, ममता दीदी विद्वानों, विचारकों दार्शनिकों, कलाकारों की इस माटी का रंग बदलना चाहती है। आज स्थिति ये है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तो दीदी है, लेकिन दीदी पीछे रह कर कैसे-कैसों की दादागिरी और हुकूमत चलवा रही है। नाम का शासन टीएमसी रखा है, लेकिन कारोबार दीदी के जगाई-मथाई चला रहे हैं। टीएमसी की सरकार ऐसी सरकार है जिसके राज में शिक्षक भी परेशान, किसान भी परेशान और यहां भगवान का नाम लेने वाला भी परेशान है।
भाइयो और बहनो, दीदी की पार्टी के टोलेबाज, मनरेगा तक को नहीं छोड़ रहे हैं। जॉब कार्ड गरीबों का अधिकार है, लेकिन उनको भी टीएमसी के टोलेबाजों ने दबाकर रखा हुआ है।
आपको सस्ता चावल मिले इसके लिए दिल्ली से सरकार पैसे भेजती है, लेकिन यहां टीएमसी का सिंडीकेट उसको ही लूट लेता है। गरीबों के निवाले के भी जो चोरी करते हैं। क्या भाइयो-बहनो, आप जरा मुझे जवाब दीजिए। जिन्होंने आपको लूटा है, तबाह किया है, बर्बाद किया है क्या ऐसे लोगों को माफ किया जा सकता है?
भाइयो-बहनो, जब मोदी टीएमसी के इस अत्याचार की बात करता है, तो दीदी को गुस्सा आ जाता है। मोदी को दीदी के गुस्से की चिंता नहीं है, क्योंकि 130 करोड़ भारतवासियों का प्यार मोदी के साथ है। दीदी को तो पश्चिम बंगाल के उन करोड़ों निवासियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए जिनको चिटफंड के नाम पर ठगा गया है। दीदी को उन बेटियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनके साथ आए दिन यहां अत्याचार होते हैं। दीदी को उन युवा साथियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए जिनको परीक्षा पास करने बावजूद भी नौकरी नहीं मिली। दीदी को उन कर्मचारियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए जिनको सैलरी नहीं मिलती, डीए नहीं मिल रहा, सातवें पे कमीशन के हिसाब से वेतन नहीं मिल रहा। दीदी को उन काली, सरस्वती, दुर्गा, राम भक्तों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको पूजा भी डर-डर के करनी पड़ती है। भाइयो-बहनो दीदी जितना भी गुस्सा कर ले लेकिन भाजपा पश्चिम बंगाल में दीदी की दादागिरी के सामने मजबूती से खड़ी रहेगी।
साथियो, दीदी के दिल में घुसपैठियों के लिए, विदेशी कलाकारों के लिए ममता है लेकिन आदिवासी युवा, हमारे सपूत जो राष्ट्र रक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं उनके लिए दीदी की ममता का नामोनिशान नहीं है। आपने देखा है की जब हमारे सपूतों ने पाकिस्तान के आतंकियों को घर में घुस कर मारा तो दीदी ने आतंकियों की लाशें दिखाने की मांग की। जब पूरा देश सर्जिकल स्ट्राइक डे मना रहा था तो पश्चिम बंगाल की सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया है। जो देश के शौर्य और सिद्धि का सम्मान करना नहीं जानते, ऐसे लोगों को बंगाल के लोग सजा देकर ही रहेंगे।
साथियो, आज देश एक मजबूत सरकार के लिए जनादेश दे रहा है। हमने तय किया है कि 2022 तक पश्चिम बंगाल के हर गरीब, हर आदिवासी, दलित, पिछड़े परिवार को अपना पक्का घर दिया जाएगा। 2022 तक हर घर में बिजली का कनेक्शन होगा। 2022 तक हर घर में गैस का चूल्हा, गैस का कनेक्शन होगा। जिस पीएम किसान योजना को ममता दीदी ने लटका कर रखा है, उसका विस्तार किया जाएगा। चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल के सभी किसान परिवारों को, चाहे उनके पास जितनी भी जमीन हो, हम सभी के बैंक खाते में पैसा जमा करने का पूरा-पूरा प्रयास करेंगे। जो छोटे किसान हैं, खेत मजदूर हैं, छोटे दुकानदार हैं, उनको हम साठ वर्ष के बाद पेंशन भी देने वाले हैं।
भाइयो-बहनो, आपके इस सेवक ने गरीबों को हर वर्ष 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। आयुष्मान भारत योजना से आपका इलाज भी मुफ्त में हो सकता था। लेकिन स्पीड ब्रेकर दीदी ने इस पर भी रोक लगा दी। ऐसी असंवेदनशील मानसिकता को उखाड़ फेंकना जरूरी है। आपका एक-एक वोट कमल छाप पर पड़ना चाहिए। आप सभी का फिर से बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।