ஒரு பக்கத்தில் ஏழைகளின் பணத்தில் ஊழல் செய்த காட்டாட்சியினர், மறுபுறம் ஏழைகளின் வங்கிக் கணக்குகளுக்கு நேரடியாகப் பணத்தைச் செலுத்திய தேசிய ஜனநாயகக் கூட்டணி உள்ளன: பிரதமர் மோடி
கடவுள் ராமர் என்பவர் இருந்தாரா என்று கேள்வி கேட்டவர்களை மறந்துவிடாதீர்கள்: பிரதமர்
சம்பரன் என்ற மகத்தான பகுதி இந்தியாவின் நம்பிக்கை, ஆன்மிகம் மற்றும் பலத்தைக் காட்டுவதாக உள்ளது: பிரதமர் மோடி

भारत माता की जयभारत माता की जयभारत माता की जय। 

रउआ लोगन के हमार प्रणाम। 

वाल्मीकि ऋषि के तपोभूमि, लवकुश के जन्मस्थली और चंपारण सत्याग्रह की पुण्य भूमि पर आके बड़ा निमन लागत बा। जतना यहाँ के उपजल गंगा के मीठा ओसे बढ़ के यहां के लोग के मिठा बोलिया स्वभाव बा। 

थारू समाज के कल्याण के लिए समर्पित रहे प्रेम नारायण गढ़वाल जी को भी आज नमन करता हूं। बिहार के मुख्यमंत्री हमारे मित्र और भावी मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, बिहार भाजपा अध्यक्ष और संसद में मेरे साथी और इसी धरती के संतान हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भाई संजय जयसवाल जी, संसद में मेरे साथी सतीश चंद्र दूबे जी, भाई संजय झा जी, उम्मीदवार श्रीमान सुनील कुमार जी। 

भाइयो-बहनो, इस रैली में पश्चिमी चंपारण समेत अन्य क्षेत्रों से भी लोग मौजूद हैं। क्षेत्र के काफी लोग डिजिटल तरीके से भी इस रैली का हिस्सा बने हैं, मैं सभी साथियों का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। 

यहां जो उत्साह से भरे हुए मेरे नौजवान साथी हैं, अब देखिए जगह छोटी पड़ गई है, कृपा करके आप आगे आने की कोशिश मत कीजिए, अब जहां हैं वहीं पर रुकना पड़ेगा जी। ये आपका प्यार है जी। चारों तरफ जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। ये अपार प्यार, ये आपके आशीर्वाद हम सबके लिए एक नई शक्ति दे रहे हैं, नई ऊर्जा दे रहे हैं, मैं आपके प्यार को बार-बार नमन करता हूं। 

भाइयो-बहनो, चंपारण एक प्रकार से भारत की आस्था, आध्यात्म और हमारे सामर्थ्य को परिभाषित करने वाली धरती है, यहां भगवान बुद्ध के निशान भी हैं। यहां से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को भी नई दिशा मिली, नई चेतना मिली। चंपारण की ये पूज्य बापू के सत्याग्रह की धरती है। खेती और किसान कैसे राष्ट्र की संकल्प की सिद्धि का हिस्सा हो सकते हैं ये इसी धरती ने कर के दिखाया है। इस धरती ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व को एक नई धार दी, गहरी धार दी। 

साथियो, आज जब 21वीं सदी के नए भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है तब भी मैं गर्व से कह सकता हूं चंपारण अग्रणी भूमिका में है। 

पूज्य बापू ने यहां से देश को स्वच्छाग्रह का रास्ता दिखाया। आज स्वच्छ भारत अभियान पूरी दुनिया में भारत की पहचान का हिस्सा बन चुका है, आज पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुका है तो इसमें चंपारण का भी बहुत बड़ा योगदान है। 

आज जब आत्मनिर्भर भारत के अभियान के लक्ष्य को लेकर देश आगे बढ़ रहा है तो इसमें भी चंपारण अहम भूमिका निभाने वाला है। असल में बापू ने यहीं से स्वावलंबन को सत्याग्रह का व्यापक हिस्सा बनाया था, यहीं से गांधी जी ने गांव के स्वावलंबन के अपने विजन का और उस पाठ को आगे बढ़ाया था। 

भाइयो-बहनो, आज चंपारण को एक बार फिर वही संकल्प लेना है जो उसने आजादी के समय भी लिया था, देश को प्रेरणा दी थी। आज फिर चंपारण के लोगों को संकल्प लेना है कि जो भी आत्मनिर्भर बिहार, आत्मनिर्भर भारत के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से सफल बनाया जाएगा। 

भाइयो-बहनो, आज बिहार को आत्मनिर्भर भारत का सारथी बनाने का संकल्प अगर भाजपा ने, एनडीए ने लिया है तो उसके पीछे यहां की सरकार का नीतीश जी के नेतृत्व में अनवरत परिश्रम रहा है। बीते सालों में इस पूरे क्षेत्र में, खास तौर पर जनजातीय क्षेत्रों में भी सड़क बिजली पानी जैसी सुविधाएं पहुंच पाई हैं। 

साथियो, इस क्षेत्र में शुद्ध पीने के पानी के अभाव में हमारी इन बहनों के कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, गंदे पानी के कारण कितनी बीमारियां हमारे छोटे-छोटे बच्चों को होती थीं। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।

जल-जीवन मिशन के तहत सवा चार लाख से ज्यादा परिवारों तक पाइप से पीने का पानी सुविधा पहुंच चुकी है और बाकियों को भी पहुंचने वाली है। इस क्षेत्र में गरीबों के लिए 55 हजार से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए जा चुके हैं, लगभग चार लाख बहनों को एलपीजी गैस कनेक्शन दिया गया है। पश्चिम चंपारण के ढाई लाख से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खातों में सीधे 200 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं यानी करीब-करीब हर गरीब परिवार तक सरकार पहुंची है, सरकार की सुविधा पहुंची है। इसमें भी वंचित और आदिवासी परिवारों को सबसे अधिक सुविधाएं नीतीश जी के नेतृत्व में बीते सालों में मिली हैं। 

साथियोचंपारण काबिहार का ये हिस्सा थारू जनजाति के साथियों के तपत्याग और तपस्या का प्रतीक है। थारू जनजाति की पीढ़ियों ने भाजपा को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

थारू समुदाय की पीढ़ियों ने जनजाति का दर्जा पाने के लिए लंबा इंतज़ार किया।

दशकों तक देश में जिनकी सरकारें रही हैंउन्होंने कभी भी इस तरफथारू समाज की तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। ये अटल बिहारी वाजपेयी जी की ही सरकार थीजिसमें नीतीश जी भी मंत्री थेये अटल बिहारी वाजपेयी की ही सरकार थीजिसमें थारु समुदाय को जनजाति का दर्जा दिया गया। 

भाइयो और बहनोजनजातीय समाज को अधिक से अधिक अवसर मिलेअधिक से अधिक प्रतिनिधित्व मिलेये भाजपा कीएनडीए की प्रतिबद्धता है। बीते सालों में जनजातीय समाज की छोटी-छोटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनेक सारे काम किये गये हैं।

आदिवासी युवाओं की शिक्षा और कौशल को निखारने के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल का नेटवर्क पूरे देश में जाल बिछाया जा रहा है। 

आदिवासी नायकों के सम्मान के लिए 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर कर के बिरसा मुंडा जैसे लक्षावधि लोगो नें मातृभूमि की आजादी के लिए तप किया। इन सबको देश की भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेऐसे मेरे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान के लिए म्यूजियम से लेकर हर प्रकार के प्रयासों काप्रयोगों का एक सिलसिला चल रहा है। 

हमारी कोशिश है कि यहां की थारू जनजातिउरांव जनजाति और देश के हर वनवासी भाई बहन समृद्धि और सम्मान से अपना जीवन यापन करें।

वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के साथ ही यहां इस क्षेत्र में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। सरकार इनके विकास के लिए भी निरंतर काम कर रही है। इससे यहां के स्थानीय युवाओं के लिएथारू जनजाति के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।

भाइयो और बहनोजनजातीय समाज देश की सुरक्षासमृद्धि और संस्कारों के संरक्षक रहे हैं। ये चंपा-अरण्य तो रामायण काल से ही इसका जीता-जागता साक्षी रहा है। जनजातीय समाज ने हर कदम पर प्रभु राम कामाता सीता का साथ दिया।

इसलिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का इंतजार भी हमारे वनवासी साथीपीढ़ियों से कर रहे थे। आज पूरे देश के सहयोग सेजनभागीदारी सेअयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है।

लेकिन इस समय भी आपको उन लोगों को नहीं भूलना हैजो भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर रहे थेराम मंदिर निर्माण में अड़चनें खड़ी कर रहे थे।

साथियोराजनीतिक स्वार्थ के लिए NDA के विरोध में खड़े लोगों के पास ना तो तथ्य हैं और ना ही उनके पास तर्क हैं। राष्ट्रहित और जनहित के लिए उठाए गएहर कदम का विरोध करनाहताशा-निराशा का वातावरण पैदा करनानकारात्मकता-नकारात्मकता-नकारात्मकता यही इनकी रणनीति है।

भय और भ्रम का माहौल समाज में फैलाने का ही काम इनके पास रह गया है। इन्होंने भ्रम फैलाया और कैसा-कैसा झूठ बोलनाभोले-भाले चेहरे के साथ झूठ बोलना और बार-बार जहां जाएं वहां बोलते रहनाउन्होंने झूठ फैलाया कि NDA SC/ST आरक्षण को खत्म कर देगी।

लेकिन मेरे प्यारे भाइयों-बहनों आपको मालूम हैयही एनडीए सरकारयही मोदी की सरकार और इसी पार्लियामेंट ने 10 साल के लिए आरक्षण को आगे बढ़ाया है। इतना ही नहींकई दशकों से सामान्य वर्ग के लोग बात करते थे कि भाई हम सामान्य वर्ग के लोगों हैंलेकिन हममें भी गरीबी है। कोई तो हमारी तरफ देखो। इन वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने सामान्य वर्ग की उपेक्षा की। हमने हिम्मत के साथ सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत का आरक्षण दे दिया। और इस देश में कोई संघर्ष नहीं हुआकोई जहर नहीं फैला। कहीं जातिवाद की बलि कोई चढ़ा नहीं। सबको साथ लेकर के इतना बड़ा फैसला किया। सभी समाज ने स्वीकार कियाक्योंकि हम एक ही मंत्र को लेकर के जीते हैं। सबका साथसबका विकाससबका विश्वास। 

मेरे प्यारे भाइयो-बहनोजब जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाई गई तब भी इन्होंने यही कहा कि कश्मीर में आग लग जाएगीखून की नदियां बहेंगी। भारत और कश्मीर का संबंध कट जाएगा। न जाने क्या-क्या बोला। 

आज जम्मू कश्मीर और लद्दाख शांति से विकास के नए पथ पर अग्रसर हैं। और इतना ही नहींआज जम्मू-कश्मीर के लोग एक ही मांग करते हैंहर नागरिक एक ही मांग करता है कि भ्रष्टाचारआजादी के बाद जम्मू-कश्मीर में जो भ्रष्टाचार पनपा हैकुछ ही परिवारों ने जो अनाप-शनापगरीब के पेट से लूटा हैमोदी जी उनको कुछ करोउनकी सजा करो। कश्मीर से एक ही आवाज उठ रही है। भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाओ। और मैं कश्मीर के मेरे प्यारे भाइयों-बहनोंमैं आपको विश्वास दिलाता हूंआपने जो मुझ पर विश्वास रखा हैमैं आपकी लुटी हुई पाई-पाई लौटाने के लिए सारे कानूनी तरीकों का उपयोग करूंगा। आपको न्याय दिलाऊंगा। 

जब नागरिकता संशोधन कानून आया तो इन्होंने झूठ फैलाया कि बहुत सारे भारतीयों की नागरिकता चली जाएगी। अब एक साल होने को हैलेकिन क्या किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता गई?

साथियोझूठ बोलकरलोगों को डराकर ये लोग हमेशा अपने स्वार्थ की सिद्धि करते रहे हैंआप लोगों का विश्वास तोड़ते रहे हैं।

आज बिहार के सामने एक पक्ष है जंगल राज काजिसने बिहार में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले किएदूसरा है एनडीए जिसने बिहार की सेवा के लिए डबल इंजन की ताकत दी है।

एक पक्ष है जंगलराज काजिसने बिहार की सड़कों को खस्ताहाल बना दिया। दूसरा है एनडीए जिसने नए हाईवेरेलवेवाटरवे और एयरपोर्ट बनाकर बिहार की कनेक्टिविटी मजबूत की है। और यह कनेक्टिविटी सिर्फ दूरियों को दूर नहीं करती हैआने वाली पीढ़ियों के भविष्य से भी जोड़ती है।  

एक पक्ष है जंगलराज का जिसने गरीबों के पैसों से घोटाला किया दूसरा है एनडीए जिसने गरीबों के अकाउंट में सीधे पैसे पहुंचाए हैं।

एक पक्ष है जंगलराज का जो किसानों के नाम पर बिचौलियों के हित की राजनीति करता है दूसरा है एनडीए जो किसानों के सम्मान और स्वाभिमान के काम करता है।

एक पक्ष है जंगलराज का जो अंधेरा वापस लाना चाहता है ताकि लालटेन फिर जलेदूसरा है एनडीए जिसने हर गांव तक बिजली पहुंचाकर घरों को दूधिया बल्ब से प्रकाशित करने कारोशन करने का काम किया है। 

एक पक्ष है जंगलराज का जिसने दशकों तक बिहार को 3 मेडिकल कालेज के सहारे चलाया। दूसरा है एनडीए जो बिहार की हर लोकसभा में मेडिकल कालेज खोलने के लिए काम कर रहा है।

साथियो, अगर कोई अंग्रेजी नहीं पढ़ा है। देखिए आजाद देश की दशा क्या करके रखी है। अगर अंग्रेजी नहीं पढ़ा है तो वो डॉक्टरी नहीं पढ़ सकता है, इंजीनियरिंग नहीं पढ़ सकता है। मैं बिहार को बधाई देता हूं उन्होंने संकल्प किया है कि नई सरकार बनने के बाद थार में, मातृभाषा में मेडिकल कॉलेज, मातृभाषा में इंजीनियरिंग कॉलेज ताकि मेरी गरीब मां का बेटा जिसने अंग्रेजी स्कूल देखी नहीं है वो डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर पाएगा। गांव का बच्चा जो अंग्रेजी नहीं जानता है वो भी अब डॉक्टर बन करके बिहार के लोगों की सेवा कर पाएगा। 

साथियोबिहार के लोग भूल नहीं सकते जंगलराज के वो दिन।

मैं जरा याद कराना चाहता हूंऔर मैं जो 35-40 ऊपर की उम्र के जितने भी लोग हैंउनसे आग्रह करूंगा अपने बच्चों को अपने घर के जवान बेटों कोबेटियों को ये बात बार-बार याद दिलाइए। बार-बार ये बताइए। आपने कैसे दिन देखे थे। एक-एक घटना मैं आज याद कराना चाहता हूं। सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आंख में आंसू निकल पड़ते हैं। क्या बिहार में वो दिन दोबारा आने देंगे। 

आपको याद है लोग अपनी मेहनत के पैसों सेदिन-रात पैदा करके जो पैसे बचाए और अगर गाड़ियां खरीदने के बाद शोरूम से बाहर निकलने से पहले हीनई गाड़ी खरीदकर निकले हैं लेकिन खुद ही गाड़ी पर खरोंच कर देते थेगाड़ी को पुरानी बना देते थे।

सोचिएअपनी चमचमाती गाड़ी का जो पेंट होता थामालिक वो खुद ही खराब कर देते थे। कई बार खुद ही शोरूम में खड़ी अपनी कार में डेंट लगा देते थे।

क्यों  ऐसा करना पड़ता थाकिसको अपनी नई गाड़ीअपनी मेहनत से कमाई गाड़ी को इस प्रकार से बदरूप बनाने की क्यों इच्छा होती थी। 

उसका कारण था ताकि शो रूम से बाहर निकलते ही कोई उनकी गाड़ी लूट न ले। ये डर लगा रहता था। ताकि उनकी गाड़ी देखने में खराब लगती हैबेकार लगती है तो फिर उस पर लुटेरों की नजर नहीं पड़ेगी। इसलिए शोरूम से ऐसे ही गाड़ी निकालनी पड़ती थी।

भाइयो और बहनोबिहार ने वो दिन भी देखे हैं जब रंगदारी की शिकायत करने के लिएलोग किसी के पास गए भीतो उन्हें डबल रंगदारी देनी पड़ती थीचार्ज बढ़ जाता था। तुमने शिकायत क्यों कीयह सजा।

गाड़ी लूटी जाने की शिकायत करने के लिए लोगजिसके पास अर्जी लेकर जाते थेवो खुद लुटेरों के साथ घर में बैठा मिलता था। ये सारी घटनाएं बिहार के पुराने लोग जानते हैं। लोग अपने घरों को सामने से सजाते नहीं थेबड़े घर बनाने से डरते थेअपने ही घर को सामने से पुराना ही रंगरूप रखा करते थे।

उन्हें डर थाखौफ थाअगर घर जरा बड़ा लगाअच्छा लगा तो किडनैपिंग उतनी ही जल्दी हो जाएगी। घर जितना बड़ारंगदारी भी उतनी बड़ी।

ये हाल कर दिया था इन लोगों ने बिहार का। इसलिए आप लोगों को जंगलराज वालों से बहुत सावधान रहना हैजंगलराज के युवराज से सतर्क रहना है।

भाइयो-बहनो, इन लोगों ने गरीब के दुःख को कभी समझा ही नहीं, इ लोगों ने हमारे रेहड़ी, ठेले, पटरी पर काम करने वाले हमारे लाखों स्वाभिमानी छोटे व्यवसायियों को भी अपने हाल पर छोड़ दिया था। 

अब देश के इतिहास में पहली बार इन छोटे व्यवसायियों की, उनकी सुध ली गई है। उनको बैंकों से, बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा गया है। पीएम स्वनिधि योजना से पहली बार उनको बैंक से सीधे सस्ता लोन तो मिल ही रहा है। अब उनको एक प्रकार से सिस्टम में रजिस्ट्री भी मिली है। 

यही स्थिति गांवों में रहने वालों के घरों को लेकर, उनका जमीन को लेकर थी। पीढ़ी दर पीढ़ी उन घरों में रह रही हैं लेकिन उनका मालिकाना दस्तावेज उनके पास नहीं है। जिसके कारण गरीब वंचित, शोषित वर्ग के सामने एक आशंका, एक चिंता हर बार बनी रहती है। हर बार जमीन को लेकर, मकान को लेकर कभी एक फुट के लिए, 2 फुट के लिए, कभी पूरे मकान के लिए लगातार विवाद होते रहते हैं, मार-पिटाई होती रहती है, कभी-कभी हत्याएं हो जाती हैं। जरूरत पड़ी तो उनको अपना वो घर किसी दूसरे के पास रखना भी पड़ता है। शहरों की प्रॉपर्टी की तरह कहीं से उनको ऋण भी नहीं मिल पाता है। गांव अब गरीब की इस परेशानी पर इनका कभी ध्यान ही नहीं था। 

आज देश के 6 राज्यों के लाखों परिवारों को उनके घर का मालिकाना हक, प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है और वो भी टेक्नोलॉजी के द्वारा, ड्रोन के द्वारा सर्वे करके दिया जा रहा है। बिहार में जैसे ही एनडीए की सरकार फिर बनेगी तो जो काम 6 राज्यों में शुरू हो चुका है वो बिहार में भी आगे बढ़ेगा। यहां अभी भी हर गरीब को उसकी संपत्ति का कागज उसके पास होगा। 

भाइयो-बहनो, अब जंगलराज की इन ताकतों को बिहार में जरा भी मौका नहीं देना है। बिहार के कोने-कोने में घूमने के बाद मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि बिहार में फिर नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने के लिए बिहार की जनता ने मन बना लिया है, भरसक आशीर्वाद दे रहे हैं। 

आपका वोट एनडीए को, एनडीए यानी भाजपा, जोडीयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी के उम्मीदवारों को पड़ा, आप देख लीजिए। थार आत्मनिर्भर बिहार के कदमों पे चल पड़ेगा। याद रखिए, पहले मतदान फिर जलपान। 

भाइयो-बहनो, पहले चरण के मतदान के लिए भी मैं बिहार के मतदाताओं का धन्यवाद करना चाहूंगा। इतनी आशंकाएं थीं कि मतदान कम होगा लेकिन जिस धरती पर लोकतंत्र का पहला पालना हुआ था, जहां पहली अंकुरें फूटी थीं। जो धरती लोकतंत्र की जन्मदाता है, मानवजाति को लोकतंत्र की शिक्षा जिस धरती ने दी है आके बिहार के मेरे लोगों ने लोकतंत्र की निष्ठा को दिखाते हुए मतदान को बढ़ा कर के इन सारी कल्पनाओं को झूठा कर दिया भाइयो-बहनो। बधाई के पात्र है बार के लोग। 

भाइयो-बहनो, पहले चरण के जो रुझान समझ में आ रहे हैं, हम लोगों की भी जितनी राजनीतिक समझ है, उससे हम जो चीजों को समझ रहे हैं। पहले चरण से ही बिहार की जनता ने जंगलराज के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है। 

भाइयो-बहनो, आज मतदान का जो अगला चरण है, उसका प्रचार अभियान भी पूर्ण हो रहा है। आज देश के भी अनेक राज्यों में चुनाव चल रहे हैं उनका भी प्रचार अभियान आज शाम को 5 बजे पूर्ण हो रहा है। देश के जिन-जिन राज्यों में उपचुनाव चल रहे हैं, जहां तीन तारीख को मतदान होने वाला है। देश के कई राज्यों में काफी मात्रा में उपचुनाव चल रहे हैं, मैं उन-उन राज्यों के उन-उन मत क्षेत्र के मतदाताओं से भी आज पूज्य बापू की इस तपोभूमि से आग्रह करता हूं कि उन इलाकों में उपचुनाव हो तो भी लोकतंत्र में हम सबका दायित्व है, ज्यादा से ज्यादा मतदान करें। ज्यादा से ज्यादा मतदान करें और न क्षेत्रों में भी एनडीए के सभी उम्मीदवारों को आप ज्वलंत विजयी बनाए। जिस राज्य में भी ये उपचुनाव हो रहे हैं। जिस राज्य में भी उपचुनाव हो रहे हैं, वहां सभी मतदाताओं से भी मैं आज इस पवित्र धरती से आवाहन करता हूं। 

भाइयो-बहनो, मैं फिर एक बार, इतनी बड़ी तादाद में आपका आना, आशीर्वाद देना, इतनी बड़ी तादाद में माताओ-बहनो का आना, भाइयो-बहनो, मैं अपने आप को बहुत धन्य अनुभव करता हूं। हम सब आपका जितना आभार व्यक्त करें उतना कम है। 

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। 

मतदान अवश्य करें, ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान करवाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

Explore More
78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

பிரபலமான பேச்சுகள்

78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.