QuoteOur saints and seers have guided the nation since ages. They have not only protected but also furthered our culture: PM
QuotePM remembers Bhagwan Basaveswara, says government has adopted His ideals in it's decision making
QuotePM Modi highlights various initiatives of the Centre that are transforming lives of the commons
QuoteSaints and seers have a vital role to play in maintaining unity of the nation and eliminating societal evils: PM

परम श्रद्धेय श्री शैल जगद्गुरू महास्वामी जी, श्री ईश्वर पंडिताराध्य शिवाचार स्वामी जी, श्री गौरी शंकर शिवाचार स्वामी जी, श्री रेनुका शिवाचार स्वामी जी, श्री सुगुरेश्वरा शिवाचार स्वामी जी, श्री डॉक्टर राजशेखर शिवाचार स्वामी जी, पूज्य श्री शिवकुमार स्वामीजी, श्री वरालिंगा स्वामी जी, श्रीशैलम में उपस्थित देश भर से आया संत समाज, भक्तगण, देवियों, सज्जनों और कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय नेता और मेरे सहयोगी श्री बी. एस येदियुरप्पा जी...

सबसे पहले आप सभी को उगादी पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ये मेरा परम सौभाग्य होता कि देश के सबसे पवित्र स्थलों में से एक श्रीशैलम में स्वयं आकर मैं श्री शैल जगद्गुरू महास्वामी जी और आप सभी संत गण, ऋषिगण से आशीर्वाद प्राप्त करूं। लेकिन व्यस्तता की वजह से ये संभव नहीं हो पायेगा। इसलिए आपसे टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं और यहीं से आपको कोटि-कोटि नमन अर्पित करता हूं।

महर्षि वेदव्यास ने श्रीशैलम की महत्ता बताते हुए कहा था कि यहां दर्शन करने वाले लोगों को हर तरह के बंधन से मुक्ति मिल जाती है। “श्री शैल समं क्षेत्रं न भूतो न भविष्यति” इस क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठता को व्यक्त करने वाला वाक्य है।

इस क्षेत्र में भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक श्री मल्लिकार्जुन लिंग तो विद्यमान है ही, इसके साथ ही भ्रमराम्बा शक्तिपीठ और वीरशैव धर्म के संस्थापक आचार्यों में एक श्री जगद्गुरु सूर्य सिंहासन पंडिताराध्य गुरुपीठ भी विराजमान थे। इस तरह श्रीशैल क्षेत्र ज्योतिर्लिंग शक्तिपीठ एवं जगद्गुरू पीठ का त्रिवेणी संगम क्षेत्र है।

भगवान बसवेश्वर आदि शिवशरणों में इसी क्षेत्र में आकर समाधिस्थ हुए हैं। सुप्रसिद्ध अल्लम प्रभुदेव और अक्कमहादेवी भी यहीं ईश्वर को प्राप्त हुए। सोलार के शिवयोगी सिद्धरामेश्वर का श्रद्धास्थान भी श्रीशैल ही है। हेमरड्डी अल्लम्मा भी मल्लिकार्जुन की भक्ति के कारण सुप्रसिद्ध हुईं। ये भारत का वो दिव्य क्षेत्र है, जो पूरे राष्ट्र को अपनी ऊर्जा का आशीर्वाद देता है।

इस पवित्र संगम क्षेत्र में महास्वामी जी प्रतिवर्ष उगादी के अवसर पर राष्ट्रीय जागृति के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को आयोजित किया जाएगा। देशभर से और विशेषकर कर्नाटक से हजारों लोग, सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर इस आयोजन के साक्षी बनने के लिए वहां पहुंचेंगे। राष्ट्रीय जागृति और आस्था के इस महान यज्ञ में शामिल होने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को मेरा करबद्ध प्रणाम है।

उगादी का अर्थ होता है एक युग की शुरुआत। उगादी मानव जीवन की शुरुआत का पर्व है, सृष्टि की रचना की शुरुआत का पर्व है। ये नई उम्मीदों, नई आशाओं-आकांक्षाओं का पर्व है। ये प्रकृति का पर्व है, पर्यावरण का पर्व है। ये जीवन में नए आरंभ का पर्व है।

कल कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में, देश के अनेक राज्यों में लोग नए घर के निर्माण की शुरुआत करेंगे, नई गाड़ी खरीदेंगे, नया ट्रैक्टर खरीदेंगे, नया कारोबार शुरू करेंगे, दुकान में कुछ नया काम शुरू करवाएंगे । इस पर्व को मना रहे प्रत्येक व्यक्ति को मेरी शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि कल से प्रारंभ होने वाले इस पर्व से उन्हें भरपूर पुण्य मिले, प्रसाद मिले।

हमारी परंपराएं किस तरह हमें जीवन के सिद्धांतों से परिचय कराती हैं, उसका बेहतरीन प्रमाण है बेवू-बेला प्रसाद। मुझे उम्मीद है, आप सभी को कल बेवू-बेला या उगादी पछड़ी का स्वाद मिलेगा। जैसे उसका स्वाद थोड़ा कड़वा, थोड़ा मीठा होता है, वैसे ही तो जीवन है। हार-जीत, सुख-दुःख, जीवन के ये उतार-चढ़ाव, ये गूढ़ मंत्र कितनी आसानी से हमारे संस्कारों में पिरो दिया गया है, वो देश के इतिहास से अपरिचित लोग कभी नहीं समझ पाएंगे।

आप सभी संत गण इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि हमारे गौरवशाली इतिहास को गुलामी के लंबे कालखंड में चोट पहुंचाने की कितनी कोशिश की गई, कितने प्रयास हुए। लेकिन हमारी परंपराओं की ये शक्ति रही कि वो उस प्रहार को भी सह गईं। आखिर ऐसी क्या शक्ति थी हमारे देश में, आखिर कौन था, जो देश को उस समय संभाले हुए था?

उस समय आप जैसे संतों-ऋषि मुनियों का प्रताप ही था, जिसने देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव की रक्षा की। स्वतंत्रता के बाद एक उम्मीद थी कि इस गौरव को जो भी थोड़ी-बहुत चोट पहुंची है, उसे देश की नई सरकार सुधारने का काम करेगी। लेकिन ये दुखद रहा कि उस दौर के राजनेताओं ने देश की पहचान के साथ सपेरों, जादू-टोने और करतबों को जोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, हमारे गौरवशाली इतिहास की महत्वपूर्ण बातों को भी अगली पीढ़ी तक पहुंचने से रोकने का प्रयास किया गया।

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ये देश, आप जैसे सिद्धस्त संतों का आभारी है कि इतिहास बदलने वाले अपने प्रयास में सफल नहीं हुए। आपने एक तरफ देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रक्षा की तो दूसरी तरफ सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने का भी कार्य किया।

कल का ये आयोजन एक तरह से अध्यात्म और ज्ञान का वो कुंभ है जिसमें जो-जो डुबकी लगाएगा, वो तर जाएगा, सिद्ध हो जाएगा। कुंभ की पुरातन व्यवस्था और ये कार्यक्रम कुछ मायनों में एक जैसे ही कहे जा सकते हैं। कुंभ मेले के दौरान भी अपने विशाल देश को एक में समेटने का प्रयास होता है। संत-महंत, ऋषि-मुनि जुटते हैं, समाज के सुख-दुःख पर चर्चा करते हैं। कुंभ के स्वरूप में एक और विशेष बात रही है। हर 12 साल पर महाकुंभ में साधु-संत जुटते हैं फिर तय किया जाता था कि अब भविष्य के लिए समाज की दिशा क्या होगी, देश की दिशा क्या होगी? इस दौरान जो तय किया जाता था, वो एक एक तरह से सामाजिक संकल्प होते थे।

ये हम सभी के गर्व का विषय है कि समाज को दिशा दिखाने वाली, देश को उसकी आंतरिक बुराइयों से दूर करने वाली ऐसी महान परंपराएं आज भी निरंतर चल रही हैं। श्रीशैलम में हुए राष्ट्रीय जन जागृति सम्मेलन में भी दूर-दूर से लोग आएंगे, एक दूसरे को देखेंगे और समझेंगे, एकात्म की भावना से संगठित होंगे।

भगवान बसवेश्वर ने कहा था “कर्मन्नेवेह कर्माणि ईजि विशेषत् शतगुम” यानि जीवन में एक निश्चित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कम आयु तक जीना, लक्ष्यविहीन जीवन के 100 वर्ष से ज्यादा बेहतर है। यही Purpose Of Life, लक्ष्य तय करके जीवन जीने का तरीका समझना आज के समय में और महत्वपूर्ण हो गया है।

आप सभी इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि कैसे हमारी सरकार ने भगवान बसवेश्वर के इन वचनों को अपनी कार्यशैली में उतारा है। हमारा प्रयास रहा है कि हर योजना तय लक्ष्य के साथ बनाई है और तय समय में पूरी की जाए।

आज इसी कार्यशैली का प्रभाव है कि सिर्फ 4 वर्ष के भीतर देश में 31 करोड़ से ज्यादा गरीबों के जनधन अकाउंट खुले हैं।
सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन और एक रुपए महीने के प्रीमियम पर हमारी सरकार ने 18 करोड़ गरीबों को बीमा कवच प्रदान किया है।
उज्जवला योजना के तहत रिकॉर्ड समय में हमारी सरकार ने साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किया है।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत सवा करोड़ बेटियों के अकाउंट खुलवाए गए हैं। मिशन इंद्रधनुष के तहत तीन करोड़ से ज्यादा बच्चों और 80 लाख से ज्यादा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में लगभग एक करोड़ घरों का निर्माण किया गया है।
मुद्रा योजना के तहत सरकार ने बिना बैंक गारंटी 11 करोड़ से ज्यादा Loan स्वीकृत किए हैं। इसके माध्यम से स्वरोजगार के लिए 5 लाख करोड़ रुपए नौजवानों को दिए गए हैं।

आज देश में सड़क बनाने की गति, रेल पटरियां बिछाने की गति, बिजलीकरण की स्पीड, पावर कपैसिटी जोड़ने की स्पीड दोगुनी-तीन गुनी हुई है तो इसकी वजह है एक निश्चित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिन रात मेहनत करना। 

अभी हाल ही में हमारी सरकार ने एक और योजना का ऐलान किया है। ये योजना देश के 45 से 50 करोड़ लोगों के जीवन की बड़ी चिंता को खत्म करने का काम करेगी। इसका नाम है- आयुष्मान भारत। इस योजना के तहत सरकार हर गरीब परिवार को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए साल में 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करेगी।

सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ हमारी सरकार देश के गरीबों की, निम्न मध्यम वर्ग के जीवन को आसान बनाने का काम कर रही है।

पुरानी परंपराओं से सीख लेते हुए ही हमारी सरकार ने जनआंदोलन की शक्ति को समझा है, उसे महत्व दिया है। इसी का असर है कि आज स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में स्वच्छता का दायरा बढ़कर 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। 2014 से पहले यही लगभग 40 प्रतिशत था। यानि हमने दोगुनी बढोतरी की है।

इसी तरह नदियों की सफाई का कार्य हो, डिजिटल इंडिया मिशन हो, देश में सौर ऊर्जा को बढ़ाने वाले प्रयास हों, ये सभी एक जनआंदोलन की तरह आगे बढ़ाए जा रहे हैं। इन जनआंदोलनों को और मजबूत करने में आपका योगदान सभी के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।

हाल ही में हमारी सरकार ने कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए राष्ट्रीय पोषण कार्यक्रम भी शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत नई अप्रोच के साथ कार्य किया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों को पौषण का मतलब सिर्फ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना ही नहीं होता।

हमारी सरकार इस चुनौती को समग्रता में देख रही है। अगर सिर्फ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए और मां और बच्चे के आसपास गंदगी का वातावरण हो, उन्हें सही समय पर सही टीके न लग रहे हों, गर्भावस्था के दौरान माता की सही देखरेख ना हो और जन्म के शुरुआती महीनों में बच्चे को मां का पर्याप्त समय न मिले, तो इसका दुष्परिणाम कुपोषण के तौर पर देखने को मिलता है। 

यानि अनेक परिस्थितियां हैं जो कुपोषण के लिए जिम्मेदार होती हैं। और ये भी महत्वपूर्ण है कि ये परिस्थितियां भी जगह के हिसाब से बदलती रहती हैं। कहीं पर बाल विवाह एक वजह है, तो कहीं पर अशिक्षा। कहीं पर अनाज की कमी वजह है तो कहीं पर टीकाकरण की कमी। 

इसलिए मेरा आग्रह है कि श्रीशैलम में जन जागृति अभियान में शामिल होने वाले लोगों को इस अभियान के बारे में आपकी तरफ से भी जानकारी दी जाए। वहां पर क्या स्थानीय परिस्थितियां हैं, इस बारे में विचार किया जाए और प्रशासन को अवगत कराया जाए। पोषण सिर्फ महिलाओं से जुड़ा हुआ विषय नहीं है, कुपोषण दूर करने में पुरुषों की भी पूरी भागीदारी आवश्यक है। 

देश आज एक बहुत महत्वपूर्ण कालखंड से गुजर रहा है। देश के लोग, देश को अपनी आंतरिक कमजोरियों से जल्द से जल्द मुक्त देखना चाहते हैं। सिर्फ जातिवाद ही नहीं, कालेधन और भ्रष्टाचार जैसी जितनी भी बुराइयां देश को नुकसान पहुंचा रही हैं, उन्हें दूर करने में, उनके प्रति लोगों को जागृत करने में आपका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। समाज को बांटने की जो कोशिशें हो रही हैं, उनके प्रति भी लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

राष्ट्र निर्माण के लिए केंद्र सरकार अपनी तरफ से हर संभव कार्य कर रही है लेकिन इस प्रयासों में आप सभी का आशीर्वाद हमारी ऊर्जा को और बढ़ाने का काम करेगा।

एक बार फिर श्री शैल जगद्गुरू महास्वामी जी और वहां उपस्थित संत-मुनियों को नमन के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

आप सभी का बहुत-बहुत आभार !!!

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Cabinet approves semiconductor unit in Uttar Pradesh
May 14, 2025
QuoteSemiconductor mission: Consistent momentum

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi today approved the establishment of one more semiconductor unit under India Semiconductor Mission.

Already five semiconductor units are in advanced stages of construction. With this sixth unit, Bharat moves forward in its journey to develop the strategically vital semiconductor industry.

The unit approved today is a joint venture of HCL and Foxconn. HCL has a long history of developing and manufacturing hardware. Foxconn is a global major in electronics manufacturing. Together they will set up a plant near Jewar airport in Yamuna Expressway Industrial Development Authority or YEIDA.

This plant will manufacture display driver chips for mobile phones, laptops, automobiles, PCs, and myriad of other devices that have display.

The plant is designed for 20,000 wafers per month. The design output capacity is 36 million units per month.

Semiconductor industry is now shaping up across the country. World class design facilities have come up in many states across the country. State governments are vigorously pursuing the design firms.

Students and entrepreneurs in 270 academic institutions and 70 startups are working on world class latest design technologies for developing new products. 20 products developed by the students of these academic students have been taped out by SCL Mohali.

The new semiconductor unit approved today will attract investment of Rs 3,700 crore.

As the country moves forward in semiconductor journey, the eco system partners have also established their facilities in India. Applied Materials and Lam Research are two of the largest equipment manufacturers. Both have a presence in India now. Merck, Linde, Air Liquide, Inox, and many other gas and chemical suppliers are gearing up for growth of our semiconductor industry.

With the demand for semiconductor increasing with the rapid growth of laptop, mobile phone, server, medical device, power electronics, defence equipment, and consumer electronics manufacturing in Bharat, this new unit will further add to Prime Minister Shri Narendra Modiji’s vision of Atmanirbhar Bharat.