PM performs darshan and pooja at Badrinath Dham in Uttarakhand

Published By : Admin | October 21, 2022 | 11:30 IST
QuoteReviews progress of the development works at Alakananda riverfront

The Prime Minister, Shri Narendra Modi performed darshan and pooja at Shri Badrinath Temple today. Shri Modi offered prayers at the inner sanctum. He also reviewed the progress of the development works of the Alakananda riverfront.

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The Prime Minister was accompanied by the Chief Minister of Uttarakhand, Shri Pushkar Singh Dhami and the Governor of Uttarakhand, Retd. Gen Gurmit Singh.

 

  • AMIT KUMAR VERMA October 25, 2022

    हर हर महादेव 🚩🇮🇳
  • Mukesh Kumar October 25, 2022

    20009
  • Chandra Bhushan Pandey Savarkar October 24, 2022

    जय श्री राम
  • Surendra Pundir October 24, 2022

    देश के यशस्वी प्रधानमंत्री परम आदरणीय @narendra modi जी उत्तराखंड का अंतिम गाँव माणा में पहुँचकर जो आननद की अनुभूति हुई ।यह एक पूरा राज्य ही नही पूरा देश इस अनुभूति का साक्षी बना । पुराणों में कहा जाता है कि भगवान बद्री विशाल जी का मंदिर आदिबद्री में स्थापित किया जा रहा था लेकिन मन्दिर बनते बनते रात खुल गई और मंदिर पूरा नही हो पाया और वह मन्दिर आदिबद्री के नाम से विश्व विख्यात है।यह चमोली जनपद सिमली से 7किलोमीटर दूरी पर स्थित है । हल्द्वानी मार्ग पर कर्णप्रयाग से 17 किलोमीटर दूर तथा चांदपुर गढ़ी से 3 किलोमीटर दूर है। इसका निकटवर्ती तीर्थ है कर्णप्रयाग। चांदपुर गढ़ी से 3 किलोमीटर आगे जाने पर आपके सम्मुख अचानक प्राचीन मंदिर का एक समूह आता है जो सड़क की दांयी ओर स्थित है। किंबदंती है कि इन मंदिरों का निर्माण स्वर्गारोहिणी पथ पर उत्तराखंड आये पांडवों द्वारा किया गया। यह भी कहा जाता है कि इसका निर्माण 8वीं सदी में शंकराचार्य द्वारा हुआ। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षणानुसार के अनुसार इनका निर्माण 8वीं से 11वीं सदी के बीच कत्यूरी राजाओं द्वारा किया गया। कुछ वर्षों से इन मंदिरों की देखभाल भारतीय पुरातात्विक के सर्वेक्षणाधीन है।  आदि बद्री मूलरूप से इस समूह में 16 मंदिर थे, जिनमें 14 अभी बचे हैं। प्रमुख मंदिर भगवान विष्णु का है जिसकी पहचान इसका बड़ा आकार तथा एक ऊंचे मंच पर निर्मित होना है। एक सुंदर एक मीटर ऊंचे काली शालीग्राम की प्रतिमा भगवान की है जो अपने चतुर्भुज रूप में खड़े हैं तथा गर्भगृह के अंदर स्थित हैं। इसके सम्मुख एक छोटा मंदिर भगवान विष्णु की सवारी गरूड़ को समर्पित है। समूह के अन्य मंदिर अन्य देवी-देवताओं यथा सत्यनारयण, लक्ष्मी, अन्नपूर्णा, चकभान, कुबेर (मूर्ति विहीन), राम-लक्ष्मण-सीता, काली, भगवान शिव, गौरी, शंकर एवं हनुमान को समर्पित हैं। इन प्रस्तर मंदिरों पर गहन एवं विस्तृत नक्काशी है तथा प्रत्येक मंदिर पर नक्काशी का भाव उस मंदिर के लिये विशिष्ट तथा अन्य से अलग भी है। यहां अब भी पूजा होती है तथा विष्णु मंदिर की देखभाल चक्रदत्त थपलियाल करते हैं जो पास ही थापली गांव के रहने वाले हैं ।थापली   गांव के ब्राह्मण  पिछले करीब सात सौ वर्षों से इस मंदिर के पुजारी हैं ।
  • Surendra Pundir October 24, 2022

    🚩जय बाबा केदारनाथ🚩
  • Seema kapur October 24, 2022

    Har Har mahadev
  • Sachin tyagi October 24, 2022

    जय हो बद्रीविशाल की 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
  • Neeraj Agarwal October 23, 2022

    हर हर शंभू 🙏
  • Prof Sanjib Goswami October 22, 2022

    Religious tourism should be one of the focus areas to generate employment and uplift local economy.
  • Mahendar saroj October 22, 2022

    हर हर महादेव
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