PM Modi inaugurates Magnetic Maharashtra: Convergence 2018

Published By : Admin | February 18, 2018 | 20:12 IST
It is an impressive fact that there have been improvements in 9 out of 10 parameters in Ease of Doing Business - such as Ease of Getting Electricity, Ease of Paying Taxes etc: PM
India will develop, will grow only when our states develop: PM Modi
We are creating a transparent eco-system for the creation of new India that minimizes the need for face to face interactions with Government agencies: PM
In the last 3 years we have abolished more than 1400 acts that had ceased to be relevant: PM Modi
Potential + Policy + Performance equals Progress: PM Modi
There are two factors that are the hallmark of the way this Government works – reform oriented budget and result oriented policies: PM
Our budget is not limited to outlay, our budget is not limited to outputs. Our budget is an outcome budget: PM Modi
The structural and policy changes that the Government has made are dedicated to the welfare of the poorest and most vulnerable of our society: PM
The Government will now provide, under Ayushman Bharat, health insurance for Rs. 5 lakh per annum to every poor family in the country: PM Modi
The Government will spend Rupees one lakh crore in the next 4 years to strengthen and improve the education system, says the PM

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्रीमान सी विद्यासागर राव जी, मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, देश-विदेश से आए उद्यमीगण और अन्य महानुभाव। Magnetic Maharashtra में आप सभी का स्वागत है। 

समर्द्ध अणि सम्पन्न महाराष्ट्राचा निर्मिती करता होणारा मेग्नेटिक महाराष्ट्राला माझा खुप - खुप शुभेच्छा। 

बंधू भगिनीनो सर्वाना माझा नमस्कार। 

मुझे साइंस की बारीकियों का तो बहुत ज्ञान नहीं है लेकिन मुझे बताया गया है कि मेग्नेटिक फील्ड में Direction और Magnitude, दोनों का ही inclusion होता है। 

यहां आने से पहले मैं नवी मुंबई एयरपोर्ट और JNPT के कार्यक्रमों में था। आज के ये दो कार्यक्रम महाराष्ट्र की मेग्नेटिक फील्ड के Direction और Magnitude, दोनों ही की झलक हैं। वैसे ये भी Fact है कि आप जितना ज्यादा सेंटर के पास होते हैं, Magnetic Lines की ताकत भी उतनी ही महसूस होती है। 

आज यहां इस आयोजन में आपका ये उत्साह, आपका ये जोश, ये पूरा charged atmosphere इस बात का सबूत है कि Magnetic Maharashtra की Magnetic Lines कितनी शक्तिशाली हैं। 

साथियों, ये आयोजन cooperative competitive federalism का बेहतरीन उदाहरण है। 

आज देश के सभी राज्यों में आपस में एक कम्पटीशन हो रही है, स्पर्धा हो रही है। 

इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल, हेल्थकेयर, एजूकेशन, सोलर एनर्जी, ऐसे तमाम अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए इस प्रकार के Events का आयोजन देश के अलग अलग राज्यों में हो रहा है।

राज्य अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से किस क्षेत्र में कहां निवेश होना है, इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 

हाल ही में मुझे असम में "Advantage Assam" Investors Summit में हिस्सा लेने का अवसर मिला था। कुछ वर्ष पहले तक, कोई सोच भी नहीं सकता था कि North East में निवेश को लेकर इतनी अच्छी ब्रांडिंग हो सकती है। 

झारखंड, मध्य प्रदेश, अनेक राज्यों में इस तरह के आयोजन हो रहे हैं। गुजरात से जो सिलसिला शुरू हुआ, उसका प्रभाव आज पूरे देश में देखने को मिल रहा है। 

साथियों, मैं महाराष्ट्र सरकार को इस आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पिछले तीन साल में महाराष्ट्र सरकार ने Investment का माहौल मजबूत करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। राज्य सरकार की निरंतर कोशिशों ने वर्ल्ड बैंक की Ease of Doing Business की रैकिंग में रिकॉर्ड बदलाव लाने में बहुत बड़ी मदद की है। फडणवीस सरकार के Reforms ने महाराष्ट्र को Transform करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

Ease of Doing Business के 10 में से 9 पैरामीटर्स, जैसे Ease of Getting Electricity, Ease of Paying Taxes, इन सब चीज़ों में improvement होना अपने आप में बहुत बड़ा Noticeable factor है। 

इतने व्यापक स्तर पर बदलाव तब आते हैं जब Policy Reform के माध्यम से Governance में एक नया Work Culture विकसित किया जाता है। जब परियोजना के सामने आ रही दिक्कतों को सुलझाने के लिए प्रक्रियाओं की डी-बौटल-नेकिंग की जाती है, जब inter- departmental co-ooperation बढ़ाया जाता है,

जब Time Limit में फैसले लिए जाते हैं।

जिस Magnetic Field की मैं पहले बात कर रहा था, वो ऐसे ही Create होती है। इसका प्रभाव निवेश पर नजर आता है, राज्य के विकास में नजर आता है। और यही वजह है कि पिछले साल महाराष्ट्र Infrastructure Projects में Total Expenditure में देश के हर राज्य से आगे था। फ्रॉस्ट and सुलेवोन्स की रेंकिंग में महाराष्ट्र को Overall Development में देश का नंबर एक राज्य बताया गया था। वर्ष 2016-17 में देश में जितना भी Foreign Direct Investment आया है, उसका करीब करीब 51 प्रतिशत महाराष्ट्र में निवेश किया गया है। इसी तरह जब यहां फरवरी 2016 में Make in India Week मनाया गया, तो इंडस्ट्री सेगमेंट में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के समझौते हुए। इनमें से 2 लाख करोड़ रुपए के Investment Projects पर काम भी शुरू हो चुका है। 

आज महाराष्ट्र में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट्स पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहे हैं। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को पूरी दुनिया के 100 Most Innovative Project में से एक गिना गया है। नवी मुंबई एयरपोर्ट का निर्माण, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का निर्माण, आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के करोड़ों लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव उससे आने वाला है। इसके अलावा मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, नागपुर में तैयार होने वाले करीब-करीब 350 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क भी यहां पर विकास और निवेश, दोनों की नई संभावनाएं लेकर आ रहा है । 

साथियों, एक विशेष प्रोजेक्ट जिसकी मैं चर्चा करना चाहूंगा, वो है महाराष्ट्र समृद्धि कॉरिडोर। ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों को, यहां के Agriculture Sector, Agro-Based Industries को विकास की नई ऊँचाई पर ले जाने की क्षमता रखता है। महाराष्ट्र में 700 किलोमीटर लंबे Super Comunication Expressway का निर्माण, Expressway के किनारे स्मार्ट सिटी की तरह 24 नए Nodes का विकास, राज्य के कम से कम 20 से 25 लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर इसके अंदर निहित है। 

मुझे खुशी है कि अब महाराष्ट्र सरकार ने राज्य को देश का पहला Trillion Dollar Economy वाला राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। शिवाजी महाराज की भूमि पर कोई भी लक्ष्य प्राप्त करना कठिन नहीं होता है। और मुझे उम्मीद है कि उनके आशीर्वाद से महाराष्ट्र सरकार इस लक्ष्य को भी प्राप्त करेगी और ये राज्य देश का पहला Trillion Dollar Economy वाला राज्य बनेगा। 

साथियों, मैं मानता हूं कि देश का विकास तभी संभव है, जब राज्यों का भी विकास हो। महाराष्ट्र का विकास भारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का प्रतीक है कि हम इस तरह के बड़े लक्ष्य तय कर पा रहे हैं। ये देश में बदली हुई सोच, बदले हुए हालात का जीता-जागता उदाहरण है। 

मुझे याद है कुछ साल पहले जब भारत पहली बार Trillion Dollar Economy क्लब में आया था तो कितनी बड़ी-बड़ी हेडलाइन बनी थी। लेकिन इसके बाद के कुछ वर्ष घोटालों की भेंट चढ़ गए। देश में तब एक अलग ही तरह का वातावरण बन गया था। तब Trillion Dollar क्लब की नहीं, Fragile Five की बात हुआ करती थी। 

पिछले तीन साढ़े तीन वर्षो में सरकार के निरंतर प्रयास का परिणाम है कि अब Five Trillion Dollar क्लब की बात होने लगी है। दुनिया की बड़ी-बड़ी एजेंसियां कह रही हैं कि अगले कुछ वर्षों में भारत Five Trillion Dollar क्लब में शामिल हो जाएगा। 

साथियों, ये विश्वास ऐसे ही नहीं आया है। इसके पीछे People friendly, Development friendly और Investment friendly माहौल बनाने का एक विजन है, उसके पीछे प्रयास है। छोटे-छोटे issues को पकड़कर, छोटी-छोटी चुनौतियों को समझते हुए, हम समस्याओं को सुलझा रहे हैं। Governance को हम उस स्तर पर ले गए हैं, जिसमें सरकार का दखल कम से कम हो। 

साथियों, देश प्रगति तब करता है जब Holistic Vision हो। जब Vision Inclusive हो और Comprehnsive हो। आज हम उस दिशा में आगे बढे हैं जहां State policy driven है, Governace performance driven है, Government accountable है, Democracy participative है। हम न्यू इंडिया के निर्माण के लिए देश में एक Transparent Ecosystem बना रहे हैं जो सरकारी तंत्र पर कम से कम आश्रित हो। इसके लिए नियमों को आसान बनाया जा रहा है, प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है, जहां कानून बदलने की आवश्यकता है, वहां कानून बदले जा रहे हैं। जहां कानून समाप्त करने की आवश्यकता है, वहां कानून समाप्त किए जा रहे हैं। 

यहां पर उपस्थित आप में से कुछ को जरूर ये जानकारी होगी कि पिछले तीन वर्ष में भारत सरकार ने 1400 से ज्यादा कानून खत्म कर दिए हैं । जो नए कानून बनाए भी जा रहे हैं, उसमें भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि वो चीजें और complicate ना करें बल्कि वो simplify करें। सरकारी प्रक्रियाओं के साथ Human to Human Interface जितना कम हो सकता है, वो हम कर रहे हैं। चाहे Labour Laws की बात हो, Tax Compliance की बात हो, हम technology का इस्तेमाल करते हुए सारे Process Easy बना रहे हैं। 

Friends, We believe, Potential + Policy + Planning + Performance leads to Progress. 

इसी सोच का नतीजा है कि आज National Highways बनाने की speed, नई रेल लाइनों के निर्माण की स्पीड, रेल लाइनों के electrification की स्पीड, सरकार द्वारा घर बनाने की स्पीड, Ports पर माल ढुलाई की स्पीड, Solar Power में कपैसिटी addition की स्पीड, पहले के मुकाबले, मैं और भी पचास चीज़ें बता सकता हूँ, पहले के मुकाबले ये दो गुना, तीन गुना हो चुकी है। 

साथियों, हमने एक ओर Optimum Utilization of Resources सुनिश्चित किया है, दूसरी ओर Resource आधारित Development Policies की ओर आगे बढ़े है, और Development Policies आधारित बजट पर जोर दे रहे हैं। पिछले तीन-चार साल में हमारी सरकार ने जो बजट में Reform किया है, बजट से जुड़ी जिस सोच को बदला है, वो पूरे देश में एक नया work culture ही नहीं develop कर रहा, बल्कि सामाजिक-आर्थिक जीवन को भी Transform कर रहा है। 

रेल बजट, अब बजट का हिस्सा बन गया है। बजट में पहले Plan, Non-Plan की जो Artificial दीवार थी, वो हमने खत्म कर दी है। बजट का समय भी बदलकर अब एक महीना पहले हो गया है। इन सारे फैसलों की वजह से अब बजट में आवंटित राशि विभागों के पास समय से पहले पहुंच जाती है, योजनाओं पर काम करने के लिए विभागों को अब ज्यादा समय मिल रहा है। मॉनसून की वजह से काम की जो गति धीमी हो जाती थी, उसका प्रभाव भी काफी हद तक अब खत्म हो गया है। 

सरकार ने जो structural changes किए हैं, Policy Interventions किए हैं, उसका लाभ देश के किसानों को, गरीबों, दलितों-पिछड़ों को और समाज के वंचित तबकों तक पहुंचे, ये साल दर साल हमारे हर बजट द्वारा सुनिश्चित किया गया है, पुनर्स्थापित किया गया है।

Friends, Our Budget is not limited to outlay, our Budget is not limited to only output, focuse of our Budget is on out-comes. हम 2022 तक Housing for All, 2019 के अंत तक Power for All , इन सारे क्षेत्रों पर पहले से ही काम कर रहे हैं।

इस वर्ष के बजट में Clean Fuel for All, Health for All, इन दो concepts पर काम और तेज किया गया है। हमने उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारो को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य 5 करोड़ परिवार से बढ़ाकर 8 करोड़ परिवार कर दिया है। भारत में total परिवारों की संख्‍या करीब-करीब 25 करोड़ है। उसमें से 8 करोड़ परिवार।

ये सिर्फ कुछ योजनाएं भर नहीं हैं बल्कि ये दिखाती हैं कि हम किस दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं। देश के गरीब से गरीब व्यक्ति के सामाजिक - आर्थिक कल्याण, उसके Social और Financial Inclusion की यह फिलॉसफी हमारे बजट का एक आधारभूत मान्‍यता के रूप में आप अनुभव करते होंगे।

जनधन योजना, स्वच्छ भारत मिशन, Skill India, Digital India, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, जैसी अनेक अनगिनत योजनाएं देश के गरीबों को, निम्‍न–मध्‍यम, मध्‍यम वर्ग को, नौजवानों को, महिलाओं को सशक्त कर रही हैं।

साथियों, हमने Health Care से जुड़े जिस बड़े initiative का ऐलान किया है, वो दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। बड़े-बड़े कॉरपोरेट हाउसेस के लोग यहां हैं, उनका मैनेजमेंट यहां बैठे हुए हैं। आपको पता होगा कि प्राइवेट कंपनियों में किस सैलरी स्लैब तक उस व्यक्ति को पूरे परिवार के लिए 5 लाख रुपए तक का हेल्थ एश्योरेंस मिलता है। आमतौर पर 60-70 हजार से लेकर एक-डेढ़ लाख रुपए की कमाई वाले व्यक्ति को इस ब्रेकेट स्‍थान मिलता है।

अब ये सरकार ऐसी है कि जिसने हमारी सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत साल भर में एक परिवार को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ एश्योरेंस देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को देने का निर्णय किया हुआ है। और करीब-करीब 10 करोड़ परिवार, यानी कि 50 करोड़ से अधिक लोगों को इसका लाभ मिलने वाला है। ये योजना गंभीर बीमारियों की वजह से लोगों को गंभीर आर्थिक संकट की दोहरी मार से भी बचाएगी।·आयुष्मान भारत योजना के तहत ही हमने देश की बड़ी पंचायतों में डेढ़ लाख wellness centres खोलने का भी तय किया है।आप सोच सकते हैं कि ये फैसले देश के Health Care system को किस तरह बदल डालेंगे। ये योजना देश में affordable healthcare institutions, नए doctors, नए पैरा-मेडिकल स्टाफ, Health Care से जुड़े हर सेक्टर के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।

देश में Education Infrastructure को मजबूत करने के लिए भी हमने एक नया Initiative शुरू किया है। इसके तहत हमारी सरकार अगले चार साल में देश के Education System को सुधारने के लिए एक लाख करोड़ रुपए की योजना खर्च करने की बना करके आगे बढ़ रही है।

इसी तरह देश के नौजवानों में Self Employment औऱ विशेषकर MSME सेक्टर में काम कर रहे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए हम मुद्रा योजना का दायरा बढ़ा रहे हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से लेकर अब तक लगभग साढ़े दस करोड़ लोन हमारे यहां स्वीकृत किए गए हैं। लोगों को बिना गारंटी अब तक 4 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया जा चुका है। इस वर्ष के बजट में भी हमने 3 लाख करोड़ रुपए का मुद्रा लोन देना इसका निर्णय किया है।

ऐसे अलग-अलग मिशन, देश के गरीब, देश के मध्यम वर्ग में Ease of living को बढ़ावा दे रहे हैं। ये Ease of living जितनी बढ़ेगी, उतने ही लोग empower भी होंगे। जितना लोग empower होंगे, उतना ही हमारा social और economic development तेज होगा।

जैसे मैं देश के Rural सेक्टर की बात करूं तो इस साल के बजट में हमने Agriculture, Rural Infrastructure के विकास के लिए 14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करना तय किया है। ये राशि farming activities पर तो खर्च होगी ही, इससे गांवों में 3 लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनेंगी, 51 लाख नए घर बनेंगे, लगभग दो करोड़ नए Toilets बनाए जाएंगे, पौने दो करोड़ गरीब घरों में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।

ये सारे प्रयास agriculture growth तो बढ़ाएंगे ही, Rural सेक्टर में employment की लाखों संभावनाएं भी पैदा करेंगे। इस साल हमने देश के इंफ्रास्ट्रक्टर पर खर्च का बजट भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ाया है। नए पुल, नई सड़कें, नई मेट्रो, नए एयरपोर्ट, मुंबई जैसे Maximum City की Maximum Aspirations से जुड़े हुए हैं और खासकर देश के मिडिल क्लास की Aspirations को एड्रेस करते हैं।

साथियों, आज के इस Global World में, Disruptions और Discontent के दौर में हमें वर्तमान के साथ ही भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए आगे का रास्ता बनाना होगा और हम सबको मिलकर करना होगा। जब हम सभी, देश की आवश्यकताओं को समझते हुए कार्य करेंगे, देश के लोगों की Aspirations को समझते हुए काम करेंगे, तभी न्यू इंडिया के अपने संकल्प को भी पूरा कर पाएंगे। तभी भारत के विशाल Demographic Dividend के साथ हम न्याय कर पाएंगे।

मुझे पूरी उम्मीद है कि महाराष्ट्र सरकार, यहां की ब्यूरोक्रेसी, यहां के करोड़ों नागरिक, अपने-अपने संकल्प को पूरा करेंगे और समय रहते पूरा करेंगे।

आखिर में, Magnetic Maharashtra के charismatic जनता जनार्दन को, यहां के परिश्रमी लोगों को,उद्यमियों को, उनका आभार व्यक्त करते हुए मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। फिर एक बार इस समारोह को हृदय से बहुत-बहुत शुभकमानाएं देता हूं। देश-दुनिया से आए हुए सभी महानुभावों को विश्‍वास दिलाता हूं कि भारत सरकार, राज्‍य सरकारों के साथ जुड़ करके राष्‍ट्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जो दुनिया की 1/6th population का भला होगा तो दुनिया का कितना भला होगा, जितना अंदाजा आप भलीभांति लगा सकते हैं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

Explore More
78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்

பிரபலமான பேச்சுகள்

78-வது சுதந்திர தின விழாவையொட்டி செங்கோட்டை கொத்தளத்தில் இருந்து பிரதமர் திரு நரேந்திர மோடி நிகழ்த்திய உரையின் தமிழாக்கம்
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!