ஐக்கிய நாடுகள் பொதுச்சபையில் பிரதமர் நரேந்திரமோடி உரையாற்றியபோது, ஐக்கிய நாடுகள் சபையில் "சீர்திருத்தங்கள்" மற்றும் "எதிர்வினைகளில் மாற்றங்களுக்கு" அழைப்பு விடுத்தார். "கடந்த 75 ஆண்டுகளில் ஐநாவின் செயல்பாட்டை ஆக்கபூர்வமாக நாம் மதிப்பீடு செய்தால், மிகச் சிறந்த சாதனைகள் பலவற்றை நாம் காணலாம். ஆனால் அதே சமயம் ஐநா சபையின் பணிகளில் தீவிரமாக சுயபரிசோதனை செய்யத் தேவையான பல நிகழ்வுகளும் உள்ளன" என்று பிரதமர் குறிப்பிட்டார்
आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था,
— PMO India (@PMOIndia) September 26, 2020
उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है?: PM
अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो अनेक उपलब्धियां दिखाई देती हैं।
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अनेक ऐसे उदाहरण भी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सामने गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता खड़ी करते हैं: PM#ModiAtUN
ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए।
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कितने ही आतंकी हमलों ने खून की नदियां बहती रहीं।
इन युद्धों में, इन हमलों में, जो मारे गए, वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे: PM
वो लाखों मासूम बच्चे जिन्हें दुनिया पर छा जाना था, वो दुनिया छोड़कर चले गए।
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कितने ही लोगों को अपने जीवन भर की पूंजी गंवानी पड़ी, अपने सपनों का घर छोड़ना पड़ा।
उस समय और आज भी, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या पर्याप्त थे?: PM#ModiAtUN
पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है।
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इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है?
एक प्रभावशाली Response कहां है?: PM#ModiAtUN
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव,
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व्यवस्थाओं में बदलाव,
स्वरूप में बदलाव,
आज समय की मांग है: PM#ModiAtUN
भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के reforms को लेकर जो Process चल रहा है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।
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भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये Process कभी logical end तक पहुंच पाएगा।
आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के decision making structures से अलग रखा जाएगा: PM
एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है,
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एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है,
एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं: PM#ModiAtUN
जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है,
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जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है,
उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?: PM#ModiAtUN
हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं।
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यह हमारी संस्कृति, संस्कार और सोच का हिस्सा है।
संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है: PM#ModiAtUN
भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती।
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भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती।
हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते: PM
Pandemic के इस मुश्किल समय में भी भारत की pharmaceutical industry ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं: PM#ModiAtUN
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विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं।
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भारत की Vaccine Production और Vaccine Delivery क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी: PM#ModiAtUN
विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे।
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हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है।
भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी: PM#ModiAtUN
भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद,
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अवैध हथियारों की तस्करी,
ड्रग्स,
मनी लाउंडरिंग
के खिलाफ उठेगी: PM
भारत की सांस्कृतिक धरोहर,
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संस्कार,
हजारों वर्षों के अनुभव,
हमेशा विकासशील देशों को ताकत देंगे: PM
बीते कुछ वर्षों में, Reform-Perform-Transform के मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है।
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ये अनुभव, विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए: PM
बीते कुछ वर्षों में, Reform-Perform-Transform के मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है।
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ये अनुभव, विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए: PM
सिर्फ 4-5 साल में 400 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना आसान नहीं था।
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लेकिन भारत ने ये करके दिखाया।
सिर्फ 4-5 साल में 600 मिलियन लोगों को Open Defecation से मुक्त करना आसान नहीं था।
लेकिन भारत ने ये करके दिखाया: PM#ModiAtUN
आज भारत Digital Transactions के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है।
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आज भारत अपने करोड़ों नागरिकों को Digital Access देकर Empowerment और Transparency सुनिश्चित कर रहा है: PM#ModiAtUN
आज भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है।
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कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है: PM
Pandemic के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान, Global Economy के लिए भी एक Force Multiplier होगा।
भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे: PM
Women Entrepreneurship को Promote करने के लिए भारत में बड़े स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।
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आज दुनिया की सबसे बड़ी Micro Financing Schemes का सबसे ज्यादा लाभ भारत की महिलाएं ही उठा रही हैं।
भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 Weeks की Paid Maternity Leave दी जा रही है: PM