भारत माता की जय, भारत माता की जय...

मंच पर विराजमान उत्तरप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष श्रीमान लक्ष्‍मीकांत वाजपेयी जी, हमारी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आदरणीय कल्‍याण सिंह जी, श्रीमान लालजी टंडन जी, श्री कलराज मिश्र जी, श्री रमापति जी, भाई अशोक प्रधान जी, विनय कटियार जी, श्रीमान अमित भाई शाह, रामेश्वर चौरसिया, श्री रावत, पार्टी के सभी वरिष्‍ठ नेतागण और यहां उपस्थित दूर-दूर से भारी संख्‍या में आई जनता का अभिनंदन... जहां नजर फैलाइए, सिर ही सिर नजर आ रहे हैं..!

भाईयों-बहनों, मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तर प्रदेश ने अंदरूनी स्‍पर्धा का कार्यक्रम तय किया है। कानपुर अपना रूतबा दिखाएं तो झांसी कैसे पीछे रह जाएं, तो झांसी ने दिखाया, लेकिन फिर बहराइच वाले आगे निकल गए और आज आगरा ने सबको मात दे दी है..! मित्रों, कुछ अनिवार्य कारणों की वजह से मेरे पहुंचने के कार्यक्रम में बदलाव हुआ और परिणामस्‍वरूप तीन घंटे तक इस कड़ी धूप में आप सभी को इंतजार करना पड़ा, इसके लिए मैं आप सभी से क्षमा चाहता हूं..!

भाईयों-बहनों, ये आगरा की भूमि अनेक ऐतिहासिक कारणों से जानी जाती है। लेकिन जब आज हम दुनिया में हिंदुस्‍तान की ब्रांडिग करते हैं, भारत की भिन्‍न-भिन्‍न ताकतों का परिचय करवाते हैं तो उसमें सबसे पहले विश्व के सामने आगरा का ताजमहल प्रस्‍तुत करते हैं। दुनिया में जिन लोगों को टूरिज्‍म का शौक रहता है, विश्व को जानने और समझने की इच्‍छा रहती है, वो लोग आगरा आना जरूर पसंद करते हैं। मित्रों, सारे विश्व में टूरिज्‍म का उपयोग, सर्विस सेक्‍टर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि एक अनुमान के अनुसार निकट भविष्‍य में टूरिज्‍म का बिजनेस थ्री ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा..! पूरे विश्व में टूरिज्‍म का इतना बड़ा बिजनेस होगा, लेकिन क्‍या वह बिजनेस आगरा को नसीब होगा..? क्‍या आगरा के भाग्‍य में कुछ आएगा..? आपको लगता है कि कुछ आएगा..? मुझे नहीं लगता है कि कुछ आएगा..! इसका कारण है कि दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार की सोच में गड़बड़ है। कौन से काम को प्रा‍थमिकता देना चाहिए, इसमें वह निर्णय नहीं कर पाते हैं। अगर टूरिज्‍म में इतनी बड़ी संभावनाएं पड़ी हैं, आगरा का ताजमहल विश्व भर में जाना माना है, तो क्‍या ये लोग आगरा में एक अच्‍छा एयरपोर्ट नहीं बना सकते..? क्‍या आगरा में ऐसा प्रबंध नहीं हो सकता है कि विश्व भर के टूरिस्‍ट यहां पहुंचे..? लेकिन अगर उनका कोई मंत्री कहीं से आ जाए, तो छोटा सा गांव हो तो भी वहां एयरपोर्ट बना देते हैं, लेकिन आगरा में नहीं बनाते, जो विश्व भर के टूरिस्‍टों को आकर्षित करने का सामर्थ्‍य रखता है और उस आगरा के प्रति अन्‍याय किया जाता है, उपेक्षा की जाती है। भाईयों-बहनों, आप केंद्र को बोलिए, तो वह कहते हैं कि राज्‍य की जिम्‍मेदारी है, राज्‍य को कहो, तो बोलते है केंद्र की जिम्‍मेदारी है। राज्‍य वाले कहते है यहां करो, केंद्र वाले कहते है वहां करो, पर करता कोई भी नहीं है..!

भाईयों-बहनों, हम यमुना के पास हैं, लेकिन आगरा को पीने का शुद्ध पानी नहीं उपलब्‍ध होता है। आजादी के 60 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी आगरा जैसे नगर को, जिसके निकट यमुना जी हो, पर उसे पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता हो, तो उसका कारण लखनऊ में बैठे हुए शासक हैं, जिनको यह समझ नहीं है कि सामान्‍य मानवी की आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए क्‍या करना चाहिए, और इसका नतीजा यह है कि आप तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच रहा है..! मित्रों, मेरे गुजरात के हाल बहुत खस्‍ता थे। मेरे यहां नदियां नहीं हैं, आपके यहां तो ढ़ेर सारी नदियां हैं, मेरे पास अकेली एक नर्मदा मैय्या है। लेकिन हमने पाइप लाइन डाली, पाकिस्‍तान की सीमा पर जहां हिंदुस्‍तान की सेना के जवान तैनात हैं, वहां तक नर्मदा का शुद्ध पानी पहुंचाया, रेगिस्‍तान में भी पानी पहुंचाया और दुनिया की सबसे लम्‍बी पाइन लाइन लगाई। और उस पाइन लाइन की साइज इतनी बड़ी है कि हमारे मित्र भाई अखिलेश मारूती कार में पूरे परिवार के साथ बैठकर उस पाइन लाइन के अंदर गाड़ी चला सकते हैं..! इतने बड़े पाइप में हम नर्मदा का पानी ले जाते हैं और 9000 गांवों में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाते हैं। क्‍या यहां ऐसा हो सकता है या नहीं..? उन्‍हे यहां ऐसा करना चाहिए या नहीं..? आजकल कई पॉलिटिकल पंडित मुझे सवाल पूछते रहते हैं कि मोदी जी, क्‍या ये गुजरात का मॉडल कहीं और काम आएगा..? मित्रों, अब आप मुझे बताइए कि लोगों तक पानी पहुंचना चाहिए या नहीं..? शुद्ध पानी मिलना चाहिए या नहीं..? अरे भाईयां, हमने पाइप लाइन डाली है, आप कैनाल ही बनवा दो, कुछ तो करो..! जो लोग मॉडल की चर्चा को विवादों में डाल रहे हैं, उनसे मेरा सवाल है कि आप अपने इलाके की अनुकूलता के अनुसार जनता की भलाई के लिए ऐसी नीतियां क्‍यों नहीं बनाते हैं, योजनाएं क्‍यों नहीं बनाते हैं, क्‍यों योजनाओं को लागू नहीं करते हो..?

यहां के गांवों का किसान आलू की खेती करता है। लेकिन जब आलू की फसल बढ़ जाती है, वर्ष अगर अच्‍छा जाता है, आलू की पैदावार ज्‍यादा हो जाती है तो दाम गिर जाते हैं और किसान मर जाता है, और कभी आलू की फसल कम हुई तो भी किसान मर जाता है..! क्‍या समय की मांग नहीं है कि आज हम, हमारे देश में हमारा किसान जो पैदावार करता है, उसके वैल्यू एडिशन पर बल दें, मूल्‍य वृद्धि पर बल दें..? अगर आप आलू बेचें तो कम पैसों में जाता है, लेकिन अगर पोटेटो चिप्‍स बनाकर बेचते हो, तो पैसे ज्‍यादा मिलते हैं..!

भाईयों-बहनों, मेरे यहां बनासकांठा जिला है, जहां आलू की खेती होती है, वहां हमने दो चीजों पर बल दिया, और पूरे विश्व में प्रति हेक्‍टेयर सबसे ज्‍यादा आलू पैदा करने का काम मेरे गुजरात के किसान ने करके दिखाया..! एक तरफ पैदावार बढ़े और दूसरी तरफ मूल्‍य मिलें और तीसरा वहां मूल्‍य वृद्धि के लिए प्रोसेसिंग की व्‍यवस्‍था हो, ताकि मेरा किसान सुखी और समृद्ध हो..! मित्रों, लेकिन दिल्‍ली में बैठी कांग्रेस पार्टी को देश के विकास में कोई रूचि नहीं है, उन्‍हे भारत के भाग्‍य को बदलने में कोई रूचि नहीं है। ये सब उनकी प्राथमिकता नहीं है, इसके पीछे एक कारण है कि वह वोट बैंक की राजनीति के आदी हैं..! वोट बैंक की राजनीति के आदी होने के कारण, जोड़-तोड़ की राजनीति करना, 25% लोगों को इक्‍ट्ठा कर लेना, 75% लोगों को निगलेक्‍ट करना और सिर्फ 25% लोगों के लिए खेल खेलते रहना, बाकी के 75% लोगों के साथ अन्‍याय करना, यही कांग्रेस पार्टी का कारनामा रहा है..!

भाईयों-बहनों, कांग्रेस पार्टी स्‍वभाव से विघटनकारी पार्टी है, विभाजन करने वाली पार्टी है, विभाजन करो और राज करो, बांटो और राज करो, यही कांग्रेस पार्टी का स्‍वभाव है। पूरा देश जब आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहा था, तब उन्‍होने देश का विभाजन किया, तुष्टिकरण की राजनीति के लिए उन्हों ने वंदेमातरम् का भी दो टुकड़ों में विभाजन कर दिया, हिंदुस्‍तान में दो-दो कानून लगा दिए, कश्‍मीर में अलग कानून और बाकी के देश में अलग कानून..! एक राज्‍य को दूसरे राज्‍य के साथ लड़ा देना, पानी के मुद्दों को लटकाएं रखना, कभी भाषा के नाम पर राज्‍यों का बंटवारा करना, कभी उत्तर-दक्षिण का बंटवारा करना, कभी गांव और शहर का बंटवारा करना... मित्रों, यही कारनामे कांग्रेस पार्टी के स्‍वभाव में रहे हैं और यही आदत छोटी-छोटी पार्टियों को भी लग गई..! कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के और दल भी सीखने लग गए। सपा ने भी कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति को चुराया, बसपा ने भी कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति को चुराया और ये दोनों कांग्रेस से सवाये सिद्ध हो गए..! इन दोनों ने कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति चुराकर उसमें अपना रंग भर दिया, अपना खेल जोड़ दिया, और इसका परिणाम यह आया कि वोट बैंक की राजनीति में कौन आगे निकले इसकी स्‍पर्धा होने लगी..! इस तरह वोट बैंक की राजनीति में कभी सपा आगे तो कभी बसपा आगे, लेकिन कभी कांग्रेस कोशिश करती है, लेकिन यह कांग्रेस के पाप का परिणाम है कि देश में सपा और बसपा जैसे लोग पैदा हुए हैं..!

भाईयों-बहनों, इस वोट बैंक की राजनीति ने देश को तबाह करके रखा है। आज समय की मांग है कि विकास की राजनीति की जाए। आज हिंदुस्तान में अकेली भारतीय जनता पार्टी ऐसी है जो राष्‍ट्रवाद के आधार पर चल रही है, जोड़ने की राजनीति कर रही है। हम जितनी जल्‍दी तोड़ने वालों को हटाएंगे, उतनी ही जल्‍दी देश का भाग्‍य उज्‍जवल होगा, इसलिए हिंदुस्‍तान की राजनीति में एक मात्र भारतीय जनता पार्टी, वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर के सिर्फ विकास की राजनीति का वादा करने आई है। मित्रों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, अपने गुजरात के अनुभव से कहता हूं कि अगर हम देश में विकास की राजनीति के पहलू को लेकर चलें, तो जातिवाद का ज़हर खत्‍म हो जाएगा, ये सम्‍प्रदाय के झगड़े भी खत्‍म हो जाएंगे, ये परिवारवाद भी खत्‍म हो जाएगा और समाज के सभी लोगों का कल्‍याण होगा..!

भाईयों-बहनों, दलित हो, पीडि़त हो, शोषित हो, किसान हो, गांव का गरीब हो, हर एक को अवसर मिलना चाहिए, उसको मौका मिलना चाहिए। आज हिंदुस्‍तान दुनिया का सबसे युवा देश है, 65% जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है, लेकिन देश के नौजवान बेरोजगार बैठे हैं। दिल्‍ली में बैठी हुई कांग्रेस की सरकार ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी, तो वह हर वर्ष 1 करोड़ नौजवानों को रोजगार देगें..! मित्रों, मुझे जबाव दीजिए, कांग्रेस ने जो वादा लोकसभा चुनावों में किया था, क्‍या उन लोगों ने वह वादा निभाया..? क्‍या आपमें से किसी को दिल्‍ली सरकार ने नौकरी दी है, क्‍या आपमें से किसी को दिल्‍ली सरकार ने रोजगार दिया है..? अरे, रोजगार देने की बात तो छोडिए, उन्‍होने तो आगरा में तो सारे कारखानों में ताला लगा दिया, यहां के नौजवानों का रोजगार छीन लिया है..!

भाईयों-बहनों, मेरे गुजरात में उत्तर प्रदेश के हर जिले के लोग रहते हैं, लेकिन आगरा से बहुत कम आते हैं। इन दिनों मैं देख रहा हूं कि इस इलाके से भी बहुत बड़ी मात्रा में नौजवान गुजरात आते हैं, तो मैने पूछा कि भाई क्‍या हाल हुआ, क्‍या बात हो गई, आगरा भी क्‍यों छोड़ना पड़ रहा है..? उन्‍होने कहा कि वहां जीना भी मुश्किल है और रोज का गुजारा करना भी मुश्किल है..! मित्रों, आज देश के नौजवान को रोजी-रोटी के लिए अपना गांव छोड़ना पड़े, घर छोड़ना पड़े, अपना परिवार छोड़ना पड़े, ये बहुत दुखद है..! आखिर कब तक देश के नौजवान को रोजगार के लिए अपना गांव छोड़ना पड़ेगा, घर छोड़ना पडेगा..? इसलिए मैं आपसे कहने आया हूं कि अगर हमारे देश का विकास नहीं होगा तो हमारे गांव, गरीब, किसान के बेटे को अपना गांव, घर छोड़ना पड़ेगा, वो कहां-कहां भटकेगा..? हमारे नौजवान को रोजगार चाहिए, रोजगार के लिए उद्योग लगाने पड़ेंगे, कृषि के अंदर विकास करना पड़ेगा, सर्विस सेक्‍टर को बढ़ावा देना पड़ेगा, लेकिन दिल्‍ली की सरकार को लकवा मार गया है..!

भाईयों-बहनों, आज आपके यहां उत्तर प्रदेश में क्‍या सभी को बिजली मिलती है..? यहां इतना पानी है, उसके बावजूद भी आपको बिजली नहीं मिल रही है, दो, चार, छ: घंटे की बिजली से आपको गुजारा करना पड़ रहा है। मां बीमार है, लेकिन पंखा नहीं चल रहा, बेटे के एक्‍जाम है, वह रात को पढ़ना चाहता है लेकिन बिजली गुल है, घर में बेटे की शादी हुई है, नई-नई बहू आई है, नया टीवी सेट लाई है, लेकिन जब उसे ‘सास भी कभी बहू थी’ देखने का मन हो, पर टीवी नहीं चलता, क्‍योंकि बिजली नहीं है..! लेकिन क्या कारण है कि पूरे उत्तर प्रदेश में तो बिजली नहीं है, लेकिन यहां कुछ खासम-खास लोग हैं, जिनके यहां तो 24 घंटे बिजली चलती रहती है, आखिर क्‍यूं..? आखिर ये भेदभाव, ये अन्‍याय क्‍यूं..? मित्रों, इसका कारण समझिए, देश में आज 20,000 मेगावॉट से ज्‍यादा बिजली पैदा करने वाले कारखाने बंद पड़े हैं। कारखाने लगे हुए हैं, स्‍वीच ऑन करते ही बिजली पैदा की जा सकती है, लेकिन इन्‍हे चलाया नहीं जा रहा है क्‍योंकि कोयला नहीं है, कोयला क्‍यों नहीं है, क्‍योंकि कोयला चोरी कर लिया गया..! मित्रों, क्‍या आप लोगों ने कभी कोयले को घर के अंदर ताले में रखा है..? क्‍या आपके घर के बाहर ही कोयला पड़ा रहता है..? क्‍या कभी कोयले की चोरी होती है..? कितना भी बड़ा बदमाश चोर हो, क्‍या कोई कोयले को हाथ लगाता है..? लेकिन दिल्‍ली में ऐसी सरकार बैठी है कि वो कोयला ही खा गई..! उसके बाद, जब सुप्रीम कोर्ट ने डंडा मारा, जांच शुरू हुई तो कह दिया कि फाइल खो गई..! आप सुप्रीम कोर्ट के सामने कह देते हैं कि फाइल खो गई है लेकिन पूरा देश कह रहा है कि पूरी की पूरी सरकार ही खो गई है..! इतना ही नहीं, आपकी तो सिर्फ फाइल खो गई है, हमारी तो लाइफ खो गई है..!

भाईयों-बहनों, आज हिंदुस्तान में भ्रष्‍टाचार की जो स्थिति है उसमें सबसे दुख:द बात यह है कि कांग्रेस के नेताओं को इसकी कोई परवाह नहीं है, इनको चिंता नहीं है, इन्‍हे लगता है कि राजनीति में तो ऐसा ही चलता है, भ्रष्‍टाचार तो पहले भी हुए थे, फिर भी लोगों ने चुनाव जीता दिया था, फिर सरकार बना दी, एक बार फिर बना देगें..! मित्रों, क्‍या अब आप भ्रष्‍टाचारियों को माफ करेंगे..? क्‍या उन्‍हे सजा देगें..? कड़ी सजा दोगे..? इन भ्रष्‍टाचारियों का मज़ा देखिए, आपके उत्तर प्रदेश के एक मंत्री एक एनजीओ चलाते थे और उन पर 70 लाख रूपया गबन करने का आरोप लगा। एक टीवी चैनल वाले ने बीड़ा उठाया और दिखाया कि गरीबों, अपंगों और बेसहारा लोगों को मदद करने वाले एनजीओ ने 70 लाख का गबन किया है, यह नाममात्र का एनजीओ है जो सारे पैसे खा जाता है..! उत्तरप्रदेश के ही कांग्रेस की केंद्र सरकार के दूसरे मंत्री से इस बारे में जब पूछा गया कि 70 लाख के गबन का आरोप लगा है, इस बारे में आपका क्‍या कहना है..? तो वह बोले ये नहीं हो सकता है, उन पर 70 लाख के गबन का आरोप सही नहीं हो सकता, अगर 70 करोड़ का हो तो यह बात गले उतरेगी..! उन्‍ही की सरकार का दूसरा मंत्री ऐसा जबाव दे रहा है कि 70 लाख कोई चीज नहीं होती, 70 करोड़ की बात होती तो मैं मान लेता कि शायद मेरा मंत्री होगा..!

भाईयों-बहनों, आप कल्‍पना कीजिए, ये लोग कितनी मोटी चमड़ी के हो गए हैं कि इनको जरा भी परवाह नहीं है और इसका कारण यह है कि वह हिंदुस्‍तान की जनता को शक्ति रूप में स्‍वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। वे ऐसा मानते हैं कि देश की जनता उनकी जेब में है, उनका अहंकार सांतवे आसमान पर पहुंचा हुआ है, उनको जनता जर्नादन की परवाह नहीं है, उनको जनता के सुख-दुख की परवाह नहीं है, उनके ऐसे कारनामे करने की आदत के कारण आज देश पिछड़ रहा है। मित्रों, कांग्रेस पार्टी का अहंकार, परिवारवाद, वंशवाद देश की पूरी राजनीति को दीमक की तरह खाए जा रहा है, देश को खाए जा रहा है..!

भाईयों-बहनों, सवाल सत्ता पर बैठने या न बैठने की लड़ाई का नहीं है, सवाल ये है कि ये देश कैसे बचे, हमारी भावी पीढ़ी के लिए देश कैसे बचे, कैसे सलामत रहे..! हमारा आज तो बर्बाद हो चुका है, लेकिन क्‍या आने वाला कल बर्बाद करना है..? हमारे आज को बर्बाद करने वाले को क्‍या कल भी बर्बाद करने देना है..? अगर आप अपना कल बचाना चाहते हो, तो कांग्रेस, सपा और बसपा के घेरे से मुक्ति की जरूरत है, देश को उनसे मुक्‍त करने की जरूरत है। मेरा मानना है कि जब तक हम देश को उनसे मुक्‍त नहीं करेगें, तब तक हम परिवर्तन नहीं ला सकते हैं..!

भाईयों-बहनों, आप इतनी बड़ी संख्‍या में आएं, आप लोगों ने इतना समर्थन किया, मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं..! मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय जनता पार्टी विकास के मंत्र को लेकर के आपके जीवन में बदलाव लाने के लिए, आपके बेटों की जिंदगी में सुधार लाने के लिए, गांव-गरीब आदमी की चिंता करने के लिए, महंगाई से मुक्ति दिलाने के लिए हम आपका साथ, समर्थन और सहयोग चाहते हैं। ये देश गरीब नहीं है, ये देश नई ऊंचाईयों को पार कर सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से हमें सरकारें ऐसी मिली, जिन्‍होने देश को तबाह कर दिया। अटल जी को थोड़ा सा कालखंड मिला था, लेकिन उस छोटे कालखंड में ही उन्‍होने देश को ऐसी ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया, जिस पर आज भी देश गर्व करता है और आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी भी देश को नई ऊंचाईयों पर ले जा सकती है..!

अब आप सभी मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय..! भारत माता की जय..!

आप सभी का बहुत-बहुत धन्‍यवाद..!

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January 22, 2025

पीएम - नमस्ते। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के सभी साथियों को मेरा नमस्कार। दिल्ली के आप सभी बूथ कार्यकर्ताओं से बात करना मेरे लिए बहुत ही खुशी का अवसर है। क्योंकि सालों तक मुझे इस काम में बड़ा आनंद रहा है और स्वाभाविक है ऐसे कार्यक्रम में हमेशा इंतजार करता रहता हूं। हजारों बूथ कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से ढेर सारे सुझाव रखे हैं। नमो ऐप के जरिए भी हजारों सुझाव आए हैं। मेरा बूथ, सबसे मजबूत ये केवल एक कार्यक्रम नहीं है, ये भारतीय जनता पार्टी की जीवंतता, भारतीय जनता पार्टी की जड़ों की ताकत, और जिन जड़ों से भारतीय जनता पार्टी का विस्तार हुआ है। उसके मूल में आप सब कार्यकर्ताओं ने जिसे अपना जीवन मंत्र बनाया है- वो है, मेरा बूथ सबसे मजबूत। 

दिल्ली के बूथ स्तर के भाजपा कार्यकर्ता की क्या ताकत है, ये किसी से छुपा नहीं है। इस बार आपने दिल्ली के हजारों बूथ जीते, तब जाकर सातों सीटों पर भाजपा विजयी हुई है। मुझे पक्का विश्वास है कि दिल्ली में ये जो संगठन की ताकत है। हर बूथ पे तीन-तीन, चार-चार पीढ़ी के कार्यकर्ता हैं, यही ये शक्ति इस बार विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को प्रचंड विजय दिलाएगी। मुझे विश्वास है अपने-अपने बूथ पर आप जो मेहनत कर रहे हैं, इसके चलते आप भारी विजय प्राप्त करने ही वाले हैं। लेकिन एक साथीदार के नाते पूरा देश दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं की तरफ जब देख रहा है तब, पूरे देश के कार्यकर्ता आज नहीं, पिछले सात दशक से दिल्ली के कार्यकर्ताओं को देख करके बहुत कुछ सीखते आए हैं। कई चुनाव में सिर्फ विजय काफी नहीं है। हर बूथ दो लक्ष्य तय कर सकता है। एक मतदान के पुराने सारे रिकार्ड तोड़ेंगे। पिछले दस साल में जितना मतदान हुआ है, उससे ज्यादा मतदान हमारे बूथ में होगा। दूसरी बात, मामूली विजय नहीं, हर बूथ पर भाजपा को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट कैसे मिलें, और इसके लिए बूथ में रहने वाले सब नागरिकों का दिल जीतना है। उनकी दुआएं लेनी है। और इसलिए, विजय ही नहीं, लेकिन 50 परसेंट से ज्यादा वोट वाला बूथ वाला विजय है। और ऐसी सरकार हमको बनानी है, मेरे ये विश्वास इसलिए भी बढ़ रहा है, क्योंकि दिल्ली में जहां भी भाजपा कार्यकर्ता जा रहा है, वहां दिल्ली के लोग उनका स्वागत कर रहे हैं। उत्साह से उनके साथ विकसित दिल्ली की चर्चा कर रहे हैं। वहीं, आप ने जो आपदा का संकट ढाया है। उनको लोग पहचान लेते हैं। पहले जो आप वाले लगते थे, वो अब आपदा वाले लगते हैं। और लोग खुल्लमखुल्ला नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। उनको झूठ का नकाब उतार रहे हैं। उनसे सवाल पूछते हैं। वादे याद कराते हैं। दुर्दशा दिखा रहे हैं। दिल्ली की जनता और विशेषकर दिल्ली की हमारी माताएं-बहनें आज भाजपा को चुनाव जिताने के लिए खुद इलेक्शन कैंपेन का नेतृत्व कर रही हैं। खुद सड़कों पर देर रात तक काम कर रही हैं। भाजपा की जीत पक्की करने के लिए दिल्ली की जनता पक्के निर्धार के साथ निकल पड़ी है। 

साथियों,

आपको 5 फरवरी को दिल्ली के लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पोलिंग बूथ तक पहुंचाना है। ठंड कितनी ही क्यों ना हो, हमें सुबह से ही मतदान की तीव्रता बढ़ाना है। हमें याद रखना है कि सबसे बड़ा लक्ष्य यहां भाजपा बनाने का है। दिल्ली को आपदा ने जो, आप पार्टी ने आपदा से, मुसीबतों से संकट में डाला हुआ है। आपदा से मुक्त कराना है। और जब ऐसा होगा तभी दिल्ली को विकसित भारत की  विकसित दिल्ली बनाने का संकल्प सिद्ध हो पाएगा। पिछले 25 साल में जो लोग जन्मे हैं, या जो आज 35-40 साल के लोग हैं। उनको बर्बादी ही बर्बादी देखने को मिली है। उन्होंने आशा छोड़ दी है निराशा के गर्त में डूब चुके हैं। फिर एक बार दिल्ली में नया विश्वास पैदा करने के लिए इस 25 साल की सारी बुराइयों से बाहर निकल करके, एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। मैं जानता हूं कि दिल्ली का हर बूथ कार्यकर्ता इसके लिए तैयार है। ऊर्जा से भरा हुआ है। मैं भी भाजपा कार्यकर्ताओं से बात करने के लिए बहुत ही उत्सुक हूं। आप में से कौन साथी सबसे पहले बात करेंगे।

सुंदर चौधरी, बूथ पालक, शाहदरा

मैं सुंदर चौधरी, नमस्कार आदरणीय प्रधानमंत्री जी, सुंदर जी नमस्कार। मैं बूथ नंबर 32 बूथ पालक, शहादरा विधानसभा पूर्वी दिल्ली से बात कर रहा हूं। 

पीएम- सुंदर जी आपसे बात करने का मुझे अवसर मिला मुझे अच्छा लगा। एक बूथ का कार्यकर्ता जमीन से जुड़ा हुआ होता है। जमीन की हर बारिकियों को वो जानता है। अच्छा सुंदर जी आप भी जानते हैं, जिनको किसी ने नहीं पूछा, उनको मोदी पूजता है। बीते 10 वर्षों में गरीब से गरीब को भी पक्का घर, मुफ्त अनाज, मुफ्त इलाज ऐसी अनेक सुविधाएं पहली बार मिली हैं। दिल्ली में भी झुग्गी में रहने वाले साथियों को भाजपा सरकार बड़ी संख्या में पक्के घर दे रही है। आप जब झुग्गी बस्तियों में जा रहे हैं और आप बहुत मेहनती कार्यकर्ता हैं। टीम लीडर हैं सबको साथ लेकर चलते हैं। तो जरूर लोगों से बातें होती होंगी। लोग आपको पहचानते हैं तो काफी कुछ कहते होंगे। मैं जरूर जानना चाहूंगा कि क्या अनुभव आ रहे हैं। 

सुंदर चौधरी- आदरणीय प्राधानमंत्री जी जब हम झुग्गी बस्तियों में जाते हैं, तो वहां के निवासी भारतीय जनता पार्टी की तरफ एक उम्मीद भरी नजरों से, एक आशा भरी उम्मीद से देखते हैं कि केवल मोदी जी हैं, जिनके मार्गदर्शन में देश आगे बढ़ रहा है और हमारा जीवन स्तर में  बदलाव आएगा। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का उन्होंने मन बना लिया है। आपदा सरकार जो  पिछले 11 वर्षों से जो झूठ बोलती आई है उसे पूरा झुग्गीवासी सभी समझ गए हैं। जहां झुग्गी वहीं मकान, जो ये योजना और इस योजना के तहत सभी झुग्गीवासियों में confidence है एक उम्मीद है, और चाहे पहले भी लगभग 30 हजार दिल्ली में फ्लैट मिले हैं। सभी लोग परिचित हैं उनसे। मैं एक वाकया बताना चाहूंगा कि मैं अराधर नगर झुग्गी कैंप में गया था। वहां पर एक 74-75 साल की महिला उन्होंने मेरे गले में भाजपा का पटका देखा और मुझे बुलाया। अरे भैया आप मोदी जी की पार्टी से हैं। मैंने कहा हां जी अम्मा जी..अरे भैया जो 5 रुपये की कोई थाली…आप बना हुआ भोजन भी देंगे। मैंने कहा अम्मा जी ये हमारा वादा है और मोदी जी की गारंटी ..गारंटी पूरी होने की गारंटी। राशन आपको मिल रहा है, उन्होंने कहा हां भैया 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल प्रति व्यक्ति मिलता है। मैंने कहा अम्मा जी, जहां आप रहते हो यहां पे पक्के मकान मोदी जी बना कर देंगे। तो उन्होंने कहां हां मुझे उम्मीद है। अभी नए साल में भी दिल्ली में बनाए हैं। ये उन महिला को भी मालूम था कि नए साल पे…, मैंने कहा अम्मा जी आपको कैसे मालूम चला…कह रहे बेटा टीवी से मैंने देखा। वो अशोक नगर में। अशोक विहार को अशोक नगर ..वो अम्मा इतना जानती है।  मैंने कहा अम्मा आपकी कितनी उम्र है अम्मा ने कहा बेटा जब मैं 2-3 साल की थी तब देश आजाद हुआ था। मैंने कहा अभी आपकी पेंशन 2500 रुपये मिलती है। मोदी साहब दिल्ली में सरकार आने पर भाजपा की सरकार आने पर, आपको 3000 रुपये देंगे।  तो उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई। मैंने कहा आपके इलाज के लिए जो राष्ट्र में केंद्र की सरकार 5 लाख रूपये का जो इंश्योरेंस दे रही है आयुष्मान भारत योजना, वो अब दिल्ली में सरकार आने पर 5 लाख और बढ़ जाएगा।  उन महिलाओं ने मुझे पुचकारा। आशीर्वाद दिया मुझे नहीं, इस आशीर्वाद के हकदार माननीय प्रधानमंत्री जी आप हैं। उन अम्मा का आशीर्वाद आप तक पहुंच गया है मेरे माध्यम से। मैं उन अम्मा की आंखों में जो विश्वास है भारतीय जनता पार्टी  के प्रति वो देखने लायक था। ये एक-एक झुग्गी वासी को मालूम है सर।  

पीएम- सुंदरजी मुझे खुशी इस बात से हुई कि आप लोगों को सिर्फ पर्चा देकर आगे नहीं निकल रहे हैं। आप उनसे बातें कर रहे हैं। उनके मन को समझने की कोशिश कर रहे हैं। और मुझे पक्का विश्वास है कि आपके साथ जितने लोगों ने उस अम्मा की बातें सुनी होंगी। उनका माथा गर्व से ऊंचा हो गया होगा। देखिए एक झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाली एक बुजुर्ग मां भी हर बारीकी को समझती है। दूध का दूध और पानी का पानी करना, ये हमारे मतदाता की बहुत बड़ी ताकत होती है। और मुझे अच्छा लगा कि आप जमीन पर काम कर रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं।  और आपने बिल्कुल जमीन की बातें बताई हैं। दिल्लीवाले आप वालों की आपदा और उनके झूठ, उनके फरेब, अब ऊब चुके हैं जी। पहले कांग्रेस ने फिर आपदा वालों ने आपदा लाई। दिल्ली के लोगों से बहुत विश्वासघात किया है।  एक बात आपको समझनी है आपकी, ये आपदा वाले जो हैं, आपने देखा होगा हर दिन एक नई घोषणा करते हैं। क्यों करनी पड़ रही है। पहले के चुनाव में तो ऐसा नहीं करना पड़ा था। इसका मतलब है कि रोज उनको पराजय की नई-नई खबरें मिलती जा रही हैं। ये किला गया। ये मोहल्ला गया। ये इलाका गया। ये चाल गई। ये कॉलोनी गई और इतने डरे हैं इतने डरे हैं कि रोज उनको एक नई घोषणा लेकर के सुबह-सुबह आ जाना पड़ता है। नए अनाउंसमेंट लेकर आना पड़ता है। लेकिन दिल्ली की जनता को उनके नर्वेसनेस का पूरा पता चल गया है। और ये खेल भी लोग समझ गए हैं। जब-जब ये आप और उसकी आपदा, आजकल ये नारे बुलवाते हैं। कहते हैं फिर आएंगे ..फिर आएंगे तो लोग कह रहे हैं ये फिर खाएंगे ..ये फिर खाएंगे।  उनका आवाज निकलते ही अंदर ऑडियेंस में से आवाज आती है।  वो तो कहते हैं फिर आएंगे फिर आएंगे, जनता बोलती है फिर खाएंगे..फिर खाएंगे। 

हमारे बूथ के हर कार्यकर्ता के पास ये आपदा वालों की पूरी पोल पट्टी अब छिपी हुई नहीं है। पहले से है। पहले इनकी पोल खोलें और फिर अपनी उपलब्धियां बताएं। हम क्या करने वाले हैं, ये एक-एक घर में बैठ कर समझाएं। ऐसे चलते चलते नहीं। अब जैसे झुग्गी बस्तियों के लिए, इन्होंने क्या क्या बातें नहीं की थीं। उनकी हर बात आपदा बन गई। वो कहते थे कि झुग्गी में मकान बनाएंगे। बार-बार कहते थे। बनाए तो नहीं, उसकी ओर देखा भी नहीं। अब फिर से कहने लगे कि मकान बनाएंगे। अरे भाई 10 साल तुम्हें कुछ करने की फुर्सत नहीं मिली। गरीबों की तरफ देखा नहीं और आज नई-नई बातें कर रहे हो। भाजपा के हर बूथ कार्यकर्ता के पास तो भारत सरकार ने जो घर दिल्ली में बनाए हैं। उसकी तस्वीरें है, जो लोग वहां रहने गए हैं उसके वीडियो हैं। भाजपा की सरकार ने अलग-अलग जगह जो पक्के घर झुग्गीवासियों को दिए हैं। उनकी तस्वीरें आप लोगों को दिखाएं, अपने मोबाइल फोन में रखिए इसको। और वहां जो लोग रहे हैं, जिनकी खुशी है उनके वीडियो उतारकर भी आपको हर एक इलाके में जा कर दिखाना चाहिए। 

साथियों,

बीते सालों में अलग-अलग आवास योजनाओं के तहत और जैसा अभी सुंदरजी ने बताया। दिल्ली में गरीबों के लिए 50 हजार का आंकड़ा पहुंच गया है। और सुंदर जी मैं आपको भी कहूंगा आपने 30 कहा। अब ये आंकड़ा 50 पहुंच चुका है।  और इसलिए हम लोगों के लिए लेटेस्ट जानकारियां होना भी जरूरी हैा। लेकिन मुझे खुशी है कि आपको जानकारी है। आपदा सरकार को ये घर, 50 हजार घर जो बने थे। उनको सिर्फ उनको पहुंचाने थे, कागज देना था। आप मेरे कार्यकर्ता भाई-बहन मुझे तो बहुत पीड़ा होती है कैसे लोग हैं 11 साल में ये लोग कागज देकर भी पुण्य नहीं कमा पाए, भलाई नहीं  ले पाए, क्योंकि उनका पूरा ध्यान एक ही बात पर था कि शीशमहल बनाओ। शीशमहल बनाओ। शीशमहल में नए-नए सपने बुनो।  मौजमस्ती करो, जरा याद करो कैसी-कैसी कस्में खाई थीं। गरीबों को कैसे भ्रमित किया था। आज शीशमहल देखकर के हर दिल्लीवासी उनके झूठ को याद कर रहा है। उनके फरेब को याद कर रहा है। जनता के साथ किए गए धोखा का ये जीता-जागता सबूत है शीशमहल। इनके राज में शीशमहल में एक-एक सामान पानी की तरह पैसा बहाया गया। इसके बाद इन लोगों ने दिल्ली को साफ पानी के लिए तरसा दिया। महात्मा गांधी कहते थे ट्रस्टीशिप का सिद्धांत। ये सरकारी खजाने के पैसे हैं ना, चुने हुए लोग उसके ट्रस्टी हैं। मालिक नहीं हैं। लेकिन वो  मालिक बनकर शीशमहल बना रहे हैं। और दिल्ली की जनता पानी के लिए तरस रही है। साफ पीने के पानी की दिल्ली में कितनी बड़ी समस्या है। आज दिल्ली में पानी माफिया, टैंकर माफिया फलफूल रहे हैं।  और दिल्ली वाले के बाल बच्चे गंदा पानी पीने को मजबूर हैं और बीमारी के शिकार हो रहे हैं। ये सब आप वालों की आपदा नहीं है तो क्या है। भाजपा ने हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर ऊंचे-ऊंचे पर्वतों में रहने वाले लोगों तक, राजस्थान और कच्छ के रेगिस्तान तक पीने का पानी पहुंचाया है। लेकिन दिल्ली में ये आपदा वालों की इसकी परवाह नहीं है। अगर भाजपा वहां शुद्ध पानी पहुंचा सकती है। तो मैं दिल्ली वालों को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही दिल्ली वालों के घरों में भी साफ पानी पहुंचाने का एक महाअभियान हम चलाएंगे। घर -घर तक पीने का शुद्ध पानी ना मिले, हम चैन से बैठने वाले नहीं है।

साथियों,

आपदा वालों ने दिल्ली की हेल्थ सर्विस को भी बर्बाद कर दिया है, उसमें भी घोटाला किया है। और भूलना नहीं है, इन आपदा वालों ने क्या गुनाह किया था। यूपी, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड के जो साथी कई-कई सालों से यहां सेवा करते रहे हैं। इन लोगों ने झूठ फैलाकर उनको दिल्ली से भगाने की साजिश रची। रातों-रात बस पकड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया। और आपको याद होगा वो सारे चित्र। कितनी भयंकर आपदा, ये आपदा वाले पूर्वांचल के लोगों को कितनी नफरत करते हैं। इतना जहर इनके दिलों में भरा है, वो कोविड के काल में दिल्ली से जो लोगों को भगाया था ना, वो बात कोई दिल्लीवासी भूलने वाला नहीं है। 

साथियों,

भारत सरकार आपदा वालों को कई सालों से आग्रह कर रही है कि आयुष्मान योजना लागू करो। गरीब को, बुजुर्गों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज मिलेगा। फ्री इलाज। अब इसमें भी इनके पेट में दर्द हो रहा है। देना नहीं चाहते। अहंकार बीच में आ रहा है। मैं दिल्ली वालों से कहना चाहता हूं कि आयुष्मान योजना से कितना बड़ा फायदा है। अगर मान लीजिए हिंदुस्तान के किसी कौने में बहुत बड़ा चाइल्ड स्पैशियलिस्ट अस्पताल है। बहुत बड़ा, मानो तमिलनाडु में है। और आपके परिवार के किसी बच्चे को ट्रीटमेंट चाहिए। अगर आयुष्मान कार्ड होगा तो आपके बच्चे की ट्रीटमेंट मुफ्त हो जाएगी। लेकिन ये आपदा वाले जो बातें करते हैं। जो अड़ंगा डालकर के, रोक करके बैठे हैं। आपके बच्चे का क्या हाल होगा, ईश्वर जाने। अगर आप व्यापार के काम के लिए गए हैं। पढ़ने के लिए गए हैं। कहीं कोई मुसीबत आ गई। बीमार हो गए। तो वहां की अस्पताल भी आपको मुफ्त में इलाज करेगी। क्योंकि आपके पास कार्ड है। लेकिन यही कार्ड, आयुष्मान कार्ड ये आपदा वाले घुसने नहीं देते, क्यों उनको दिल्ली के लोगों की परवाह नहीं है। 

साथियों,

मुझे पक्का विश्वास है कि अब पूरी शक्ति एक-एक मतदाता पर केंद्रित करिए। हर बूथ में 10 कार्यकर्ता, 15 कार्यकर्ता, 20 कार्यकर्ता की टोली बनाइये। दो-दो कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाइये। हर टीम को 10-10 परिवार का जिम्मा दे दीजिए। और आप 5 फरवरी तक उनको 10 परिवार पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अगर पूरे पोलिंग बूथ के हर परिवार को आपने ऐसे काम बांट दिया तो आने वाले 10-15 दिन में उनका परिचय गहरा हो जाएगा तो वो मतदान भी सुबह-सुबह करवा पाएंगे। चलिए काफी बातें कीं आपके साथ। आइए, अगले अपने किसी साथी के साथ बात करते हैं। अब कौन बात करेगा मेरे से... 

रवि कुमार, बूथ अध्यक्ष, मॉडल टाउन

रवि कुमार- नमस्कार प्रधानमंत्री जी। 

पीएम- नमस्ते भैया। 

रवि कुमार- मैं मॉडल टाउन विधानसभा से बूथ नंबर 10 का अध्यक्ष हूं। 

पीएम- करते क्या हैं भैया। 

रवि कुमार- मैं एक ड्राइक्लीन कंपनी है, उसके अंदर व्यवसाय करता हूं। 

पीएम- तो आप सच्चे अर्थ में सफाई का काम कर रहे हैं। 

रवि कुमार- हां जी। हां जी।  

पीएम- तो फिर दिल्ली की सफाई की बारी आई आपके जिम्मे। …जो बर्बादी की है…

रवि कुमार- हां जी। 

पीएम- अच्छा देखिए, रवि जी, आप तो जानते हैं भाजपा ने मध्यम वर्ग को मिडिल क्लास को देश की इकोनॉमी की रीढ़ माना है। हम मिडिल क्लास की एस्पिरेशन को समझते हुए शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर आधुनिक सुविधाएं बना रहे हैं। लेकिन ये आप वालों ने, आपदा ने दिल्ली में मिडिल क्लास को सिर्फ मुसीबतें ही मुसीबतें दी हैं। समस्याएं ही समस्याएं दी है। आप जब कालोनियों में जाते हैं। खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों से मिलते हैं, तो आपका संवाद क्या होता है, बातें क्या होती हैं। मैं जरा जान सकता हूं आपसे। 

रवि कुमार- हां जी। सर वो संवाद होता है, लोगों से बातचीत होती है। लोगों का रिएक्शन बहुत, बहुत ज्यादा, मतलब इतना खराब है आपदा के खिलाफ बहुत ज्यादा, क्योंकि पीने के पानी की दिक्कतें, घर-घर में पानी नहीं है पीने के लिए, लोग खरीदकर पानी पीते हैं, जिससे वो कहते हैं हम इतने पैसे नहीं कमा सकते जो कि खरीद के पानी पी सकें। और काफी गुहार लगाते हैं कि भाई हमारे गली-मुहल्ले में पानी नहीं है। टूटी नालियां हैं, सड़कें भी टूटी हुई हैं। 

पीएम- यानि शराब तो मिलता है, पानी नहीं है। 

रवि कुमार- हां जी। हां जी। 

पीएम- भारत सरकार ने जो काम किए हैं, वो उनके ध्यान में होते हैं क्या। 

रवि कुमार- हां जी, उनसे तो काफी प्रसन्नता मिल रही है, आपका नाम सुनकर। और मतलब बोलते हैं तो इतना उत्साहित हो जाते हैं कि बोलते हैं कि मोदी जी को लेकर आओ न। मैं कहता हूं, मोदी जी को आप लेकर आओगे, हम नहीं लेकर आएंगे। आप पार्टी से बहुत ज्यादा दुखी हैं लोग। आपदा ने तो मतलब लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है, झूठ में फंसा-फंसाकर, और पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। बहुत सारी समस्याएं हैं, जिनसे लोग जूझ रहे हैं। 

पीएम- ये रोज नया-नया झूठ बोलते हैं। हर चीज में फरेब करते हैं इतना लोगों के ध्यान होता है क्या, लोग इसकी बात की चर्चा करते हैं क्या। 

रवि कुमार- हांजी, करते हैं, इसकी चर्चा करते हैं। अभी इन्होंने बहुत जल्दी इन्होंने एक झूठ दिया है  कि भई हम 2100 रुपये देंगे, जीतने के बाद। आप पार्टी ने पंजाब में वादा किया था 1000 रुपये का। आप ने वहां तो पूरा किया नहीं, तो आप दिल्ली में आकर क्या सब कर देंगे। 

पीएम- देखिए, आप अपने मोबाइल से वीडियो वगैरह दिखाते हैं क्या लोगों को। जब मिलने जाते हैं तो इस प्रकार की झूठ की वीडियो। 

रवि कुमार – हां जी, हम बहुत सारी झूठ की वीडियो दिखाते हैं लोगों को। और लोग कहते हैं कि हां ये तो सच बात है। 

पीएम- नहीं तो, उन्होंने पहले देखी होती है वीडियो, या आपके दिखाने के बाद ही देखते हैं। 

रवि कुमार- नहीं, उन्होंने देखी भी होती है और हम लोग दिखाते भी हैं कि देखिए क्या हो रहा है आपके क्षेत्र में। 

पीएम - मेरा आपसे आग्रह है कि आपके पोलिंग बूथ में एक भी ऐसा नागरिक न हो, जिसके मोबाइल में इनके झूठ का सारी वीडियो पहुंची न हो। उन्हीं के मोबाइल में पहुंचाइए, उनके सामने उनको फॉरवर्ड कर दीजिए। और उनको कहिए कि समय निकालकर पूरा परिवार देखिए। और हमारा कुछ नहीं है, उनके ही शब्द हैं। उन्होंने पांच साल पहले बोला क्या, और आज क्या बोल रहे हैं। सात साल पहले बोले क्या, आज क्या बोल रहे हैं। नौ साल पहले क्या बोले, आज क्या बोल रहे हैं। दुनिया तुरंत समझेगी। 

चलिए, रवि जी मुझे लगता है कि बहुत सारे साथियों के साथ एक बूथ को संभालने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हो। भारत सरकार मध्यम वर्ग का, मिडिल क्लास का ईज आफ लिविंग या ईज आफ ट्रैवल के लिए आज इतना सारा बजट खर्च करती है। हमने दिल्ली के मध्यम वर्ग के एस्पिरेशन को एड्रेस किया है। आज दिल्ली में चप्पे-चप्पे तक मेट्रो पहुंची है। नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे का जाल है। ये सब भारत सरकार कर रही है। दिल्ली के टॉप 10 बड़े अस्पतालों में अधिकतर भारत सरकार के जिम्मे है। यहां कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर भी केंद्र सरकार बजट खर्च कर रही है, पैसा खर्च करती है। दिल्ली में बड़ी संख्या में जो सरकारी कर्मचारी हैं, उनकी सैलरी भारत सरकार देती है। और दिल्ली में जो आप वाले, आपदा लाकर बैठे हैं, वो क्या करते हैं। उसे अपने हिस्से का पैसा, दिल्ली की गलियों में लगाना चाहिए था, सीवर सिस्टम बनाने में लगाना चाहिए था। पार्क बनाने में लगाना चाहिए था। स्वच्छता के लिए लगाना चाहिए था। पार्किंग की सुविधाएं बनाने में लगाना चाहिए था। लेकिन ये आपदा वालों ने अपना एक भी दायित्व दिल्ली में निभाया नहीं। झूठ बोलने के सहारे उनकी गाड़ी चल जाएगी, इसी भरोसे चलते रहे और इसलिए भाजपा के बूथ कार्यकर्ता पर इनकी पोल खोलने की बड़ी जिम्मेदारी है। और सबूत के साथ खोलना चाहिए। आपके मोबाइल में सब वीडियो होंगे तो आप सबूत के साथ बता सकते हैं। आप अपने बूथ की हर उस गली को, वहां की तस्वीरें खींचे, वीडियो बनाएं। जहां गंदा पानी बह रहा है, नाले टूटे हुए हैं। अपने-अपने बूथ की खुदी हुई सड़कें, गड्ढे , इसके वीडियो, जो गंदगी के ढेर हैं, उनकी तस्वीरें और लोकेशन के साथ लगाकर शेयर करें। आपको मालूम है ये नए-नए जब आए, तब लोगों को कहते थे, वीडियो बनाओ और शीला दीक्षित के कोई भी लोग आते हैं, पैसे देते हैं तो वीडियो बनाओ। आज वो बोलते हैं, वीडियो का नाम नहीं लेते हैं। क्यों, क्योंकि उनको पता है कि उनके पाप खुलकर के मोबाइल में चमक रहे हैं। 

साथियों, 

बिजली के बिल का कितना बड़ा झटका मिडिल क्लास को लगा है, इस पर भी हर बूथ कार्यकर्ता को, आपदा वालों को एक्सपोज करना है। आपदा वालों के चलते दिल्लीवालों के हजारों रुपये के बिजली के बिल बढ़ गए हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी क्या कर रही है। भाजपा सरकार देश के लोगों के लिए पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लाई है। अभी इस योजना को लागू हुए कुछ दिन हुए हैं। और मैं काशी का एमपी हूं, इतने कम समय में काशी में 10 हजार घरों में ये सोलर पैनल लग चुके हैं। अब ये कहते हैं कि लोगों को हजार रुपया देंगे, दो हजार रुपया देंगे, ढाई हजार रुपया देंगे। लोगों को बताना, मोदी, भारत सरकार, 78 हजार रुपया देती है। हजार-दो हजार नहीं, और आपके घर पर पीएम सू्र्यघर योजना लागू हो सकती है।  इससे आपके बिजली का बिल तो जीरो हो जाता है, लेकिन अतिरिक्त बिजली बेचकर आप कमाई भी कर सकते हैं। देश के संसाधनों का सही उपयोग होता है। लेकिन ये शीशमहल वालों के कारोबार में ये सब चीज आती नहीं है। और दिल्ली में भाजपा सरकार बनने से ही…मैं दिल्ली वालों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं स्वयं इस पर ध्यान रखूंगा कि हर परिवार को 80 हजार रुपया, 78 हजार  रुपया, 75 हजाररुपया कैसे मिले और उनके घर पर ये पीएम सूर्यघर योजना कैसे लागू हो, और ये रकम पहली बार भारत सरकार इतनी रकम दे रही है। 

साथियों, 

दिल्ली में एक बड़ा विषय यमुना जी की सफाई का है। यमुना जी के हाल हर इंसान को दुखी कर देता है। और हर साल छठी मैया की पूजा के समय यमुना जी की तस्वीरें देखकर पूरा देश चौंक जाता है कि ये क्या कर रहे हैं। आपदा वालों ने पहले वादा किया था कि पांच साल में यमुना की सफाई नहीं की तो वोट मत देना। और अब कह रहे हैं यमुना जी की सफाई से वोट नहीं मिलता है। इन लोगों के सारे बयान आपके पास मोबाइल पर है। ये वीडियो आपको अपने बूथ के हर घर में जाकर सुनाना है। 

साथियों,

मेरा अनुभव कहता है, यमुना जी पूरे दिल्ली शहर को नई ऊर्जा से भर सकती है। काशी में, प्रयागराज में स्वच्छ जल भी लोग देख रहे हैं। दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु इन दिनों महाकुंभ आ रहे हैं, स्नान कर रहे हैं। आप आजकल देखते हैं, गुजरात में आपने देखा होगा, साबरमती में नर्मदा का पानी बह रहा है। और पूरे शहर की, पूरे  राज्य की शान बन गई है। आधुनिक रिवर फ्रंट बन गया है। मैं मानता हूं कि आज देश में जहां-जहां भाजपा को सेवा करने का मौका मिला है। सबूत सामने है, कितना बड़ा काम हो रहा है। और उन्होंने कैसी बर्बादी की है, कैसी आपदाएं लाई हैं। ये भी है। चलिए, रवि जी मैं ज्यादा समय आपसे बात नहीं करता हूं, काफी लोग इंतजार कर रहे हैं। आइए अब कौन बात करेगा।  

सुश्री ममता मेहरा, पहाड़गंज मंडल महामंत्री, करोलबाग

जय श्रीराम आदरणीय प्रधानमंत्री जी। मैं ममता मेहरा। पहाड़गंज मंडल। करोलबाग विधानसभा। दीपावली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं। ये जो आपने हमें भेंट की हैं। 

पीएम- चलिए, मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सारी चीजें याद रखते हैं। देखिए ममता जी, आपने तो सुना होगा मुझे कई बार और मैं हर बार मन की गहराई से कहता हूं। और मैं अनुभव भी करता हूं। और आज नहीं। मैं सत्ता के सिंहासन से हजारों मील दूर था। तब भी मैं फील करता था कि मातृशक्ति का मुझे हमेशा आशीर्वाद रहा है। और मैं तो हमेशा मानता हूं कि माताएं-बहनें ही मोदी का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच हैं। ये बात सही है।

ममता - जी बिल्कुल सही है।

पीएम - आज कुछ नए-नवेले, फरेबबाज राजनेता ऐसे आए हैं कि जो माताओं-बहनों को कहते हैं कि वो उनका कवच है। मोदी कहता है कि माताएं-बहनें मोदी का कवच है। इतना बड़ा फर्क है सोचने का। और जब माताएं-बहनें इतना बड़ा सुरक्षा कवच मुझे दे रहे हैं तो मुझे भी उनका सेवा करना, दिन-रात उनके लिए नए-नए विचार करना, नई योजनाएं लाना, उनके लिए भलाई के लिए काम करना, ये मुझे मैं अपना पवित्र कार्य मान कर कर रहा हूं। दिल्ली भाजपा ने माताओं-बहनों के लिए हमारे जो दिल्ली भाजपा के लोग हैं। माताओं बहनों की बहुत सारी घोषणाएं की हैं। बहुत सारी योजनाएं रखी हैं। कल संकल्प पत्र आ गया है। उसकी चर्चा भी होती होगी। आप लोग जाते होंगे, बातें भी होती होंगी। ममता जी, आप मैं सुनना चाहता हूं, क्या लोग क्या कहते हैं।

ममता - आदरणीय मोदी जी, जिस तरह से आपने जो घोषणा-पत्र निकाला है। मंडल में महामंत्री होने के नाते मैं डोर टू डोर भी जा रही हूं। मैं एक शक्ति केंद्र भी हूं। मैं जाती हूं लोगों के बीच में सुनती हूं। जो आपने ये जो संकल्प पत्र निकाला है, जिस तरीके से 21 हजार रुपये महिलाओं के लिए, जो गर्भवती महिलाएं हैं, उनके लिए आपने ये घोषणा की है। 25 सौ रुपये की आर्थिक मदद जो आपने महिलाओं के लिए किया है। उससे वो महिलाएं बहुत उत्सुक हैं और बहुत खुश हो रही हैं। मैं मार्शल आर्ट से भी बिलोंग करती हैं। मैं जो लड़कियां हैं उनको फ्री में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देती हूं। और जो ये आपका घोषणा पत्र है..

पीएम- ममता जी आप मार्शल आर्ट कहां से सीख के आ गईं।

ममता - सर, एक्चुअली मैं ब्लैक बेल्ट होल्डर हूं। स्पोर्ट्स डीप फर्नोडे से। और जो आपने संकल्प पत्र दिया है भाजपा का, उसे हम हमारी लोकप्रिय पार्षद श्री मनीष चड्डा जी हैं, उनके साथ, उनका हमें पूर्ण सहयोग मिलता है। उनके साथ मिलकर हम लोग हर बूथ पर जा रहे हैं। और आपकी गारंटी, जो मोदी जी की गारंटी है ना, वो पूरी पब्लिक, पूरी महिलाएं उन तक ये चीज पहुंच रही है और वो आगे से हमें खुद जवाब देते हैं कि हां जी मोदी की गारंटी है तो इसका मतलब जो वो कहेंगे, वो करेंगे। जिस तरीके से वो लोग अपने 21 सौ वाले फार्म निकाल रहे हैं। उसपे उनको विश्वास हो ही नहीं रहा। क्योंकि आपने जो ढाई हजार वाला, जो 25 रुपए वाला आपने जो संकल्प पत्र आपने जारी किया है, उससे हमें बहुत मदद मिल रही है। हम आगे जा रहे हैं और जो हमारे यहां की महिलाएं हैं, करोलबाग विधानसभा की, उनको वहां से ज्यादा आप पर विश्वास हो रहा है। कि नहीं मोदी जी की गारंटी है तो सब सही ही होगा। 

पीएम - देखिए, ममता जी, मुझको चुनाव का काफी लंबा अनुभव रहा है। एक बड़ी इंट्रेस्टिंग घटना सुनाता हूं। 2007 में गुजरात में चुनाव थे। तो कांग्रेस वालों ने क्या किया कि एक नमूना के लिए एक मैदान में एक मकान बनाकर के खड़ा किया। कार्ड बोर्ड का मकान बनाया था उन्होंने। और लोगों को उसकी फोटो दिखाकर बताते थे कि हम आपके लिए ऐसा घर बनाएंगे। फिर फार्म भरवाते थे और मीडिया वाले भी लगातार दिखाते थे कि देखो कांग्रेस वाले ऐसे मकान बनाने वाले हैं। गरीबों के लिए मकान बनाने वाले हैं। और सबको लगता था कि ये इतना बढ़िया आइडिया है इनका कि वो चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन गुजरात की जनता जानती थी कि ये मकान कार्ड बोर्ड का बना करके, दिखा करके, फार्म भरा करके, योजना का कार्ड दे करके ये जो फरेब करते हो, बाद में मुकर जाते हैं। और कांग्रेस बुरी तरह से हार गई थी। ये दिल्ली में भी ये लोग कांग्रेस की नकल कर रहे हैं। और ये कार्ड दे रहे हैं। फार्म भरवा रहे हैं। और उनकी पंजाब में सरकार है। सबको डुबो दिया उन्होंने। कांग्रेस वाले भी यही करते हैं। ये पूरी तरह, उनके जो कारनामे हैं। अब जनता भली-भांति जानती है। मेरा तो गुजरात का अनुभव है। ऐसा बढ़िया मकान करके दिखाया था। और इतने फार्म भरवाए थे और बाद में तो पता चला कि वो फार्म भरवाने के भी पैसे मार लेते थे, चोरी-छिपे से। खैर, मैं उन बातों में नहीं जाता हूं। लेकिन ममता जी मैं एक बात जरूर कहूंगा कि बूथ के हर कार्यकर्ता को कांग्रेस वाले या आपदा वाले जो घोषणाएं कर रहे हैं। उन पर दिल्ली की जनता का कोई भरोसा नहीं है। हिमाचल की लाखों बहनें आज भी कांग्रेस का वादा पूरा होने का इंतजार कर रही हैं। पहले हरियाणा, फिर महाराष्ट्र की बहनों को भी कांग्रेस ने ऐसी झूठी घोषणाओं से भ्रम में डालने की कोशिश की थी। ये आपदा वाले तो कांग्रेस से भी दो कदम आगे हैं। कांग्रेस में बर्बादी और बुराइयां आने में सात दशक लग गए, उनको तो सात महीने में सारी बुराइयां कांग्रेस की आ गईं और अब तो पिछले नौ साल में उन्होंने उन बुराइयों को भी डबल कर दिया है। आप याद कीजिए, आपदा ने पंजाब की बहनों को 1 हजार रूपया हर महीने देने का वादा किया था, तीन साल हो गए हैं। एक नया पैसा अभी तक दिया नहीं है। दिल्ली में भी बहुत पहले हर महिला को एक हजार रूपये देने की घोषणा की थी। वो पैसा नहीं मिला। अब इंक्रीमेंट की घोषणा कर रहे हैं। ये दुनिया का पहला ऐसा आपदा मॉडल है, जो सिर्फ हवा में ही घोषणाएं करता है। झूठ बोलता है। फरेब करता है।

साथियों,

भाजपा का मॉडल सच्चाई का मॉडल है। हमने चुनाव के समय वादा किया था कि बुजुर्गों को आयुष्मान योजना के दायरे में लाएंगे। आज देश में 70 वर्ष की आयु से ऊपर के हर बुजुर्ग  चाहे वो किसी भी वर्ग को हों, सभी को आयुष्मान योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने लाडली बहना योजना शुरू की और उसका पूरा पैसा बहनों-बेटियों को दिया। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने भी लाडकी बहना योजना के तहत बहनों को पैसा दे दिया। ओडिशा में हमने चुनाव से पहले सुभद्रा योजना की घोषणा की थी। अभी सरकार बने एक साल भी नहीं हुआ है, सरकार में आते ही हमने सुभद्रा योजना का पैसा महिलाओं के खाते में भेजना शुरू कर दिया है।

साथियों,

आपको कुछ काम और भी करने हैं। अपने संकल्प पत्र में क्या उनके लिए है, नागरिकों के लिए क्या है। माताओं-बहनों के लिए क्या है। युवकों के लिए क्या है। ये बारीकी से बताना चाहिए। आपके बूथ में पाइप के सस्ती गैस का कनेक्शन जहां-जहां आया है, वहां भी लोगों को बताना है कि ये केंद्र की भाजपा सरकार कर रही है। जिन इलाकों में पाइप से गैस कनेक्शन नहीं पहुंचा है। मेरी तरफ से उनको बता दीजिए, गारंटी दे देना कि वहां भी पहुंचने वाला है। आपके बूथ में मुद्रा योजना की लाभार्थी कितनी बहनें हैं। इसकी लिस्ट निकालिए। उनसे मिलिए। और आपने उत्साह से बातें की और आप खेल की दुनिया में भी अच्छा नाम कमा रही हैं मैं आपको बधाई देता हूं। और विश्वास करता हूं…जी ममता जी कुछ कह रही थीं आप

ममता - मैं सिर्फ इतना कह रही थी इस बार हमने आपदा को हटाना है और भाजपा को ही लाना है। ये मैं अपने पूरे विधानसभा की तरफ से आपको एक गारंटी देती हूं। ये भी मोदी जी की ही गारंटी है कि हम लोग आपदा को हटाएं और भाजपा को लाएंगे। 

पीएम - वाह, बहुत बढ़िया। चलिए आपके मुंह में घी-शक्कर। चलिए आगे कौन है...

कमलेश कुमार यादव,  बूथ पालक, संगम विहार

कमलेश कुमार यादव- आदरणीय प्रधानमंत्री जी मेरा आपको सादर नमस्कार।

पीएम मोदी- नमस्कार भैया।

कमलेश कुमार यादव- मेरा नाम कमलेश कुमार यादव है । मैं संगम विहार विधानसभा में दक्षिण दिल्ली लोकसभा में 50 नंबर बूथ का बूथ पालक हूं। जिले में उपाध्यक्ष और झुग्गी विस्तारक योजना का संयोजक के रूप में कार्य कर रहा हूं। 

पीएम मोदी- कमलेश जी नमस्कार,  मुझे बहुत अच्छा लगा और आपने बहुत बढ़िया तरीके से अपना परिचय बताया। मतलब कि आप बिलकुल संगठन के पक्के मजबूती वाले कार्यकर्ता दिखते हो। मेरे अनुभव से मैं कह सकता हूं।

कमलेश कुमार यादव- 1989 से भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं जी। 

पीएम मोदी- वाह, देखिए आपकी बात में ही पता चल जाता है कि आप कितने जड़ों से जुड़े हुए संगठन की हर बारिकी से जुड़े कार्यकर्ता हैं। अच्छा कमलेश जी आप जैसे सीनियर कार्यकर्ता को बहुत सी बातें मालूम होती हैं। अब मैंने लाल किले से कहा था कि भारत की युवा शक्ति विकसित भारत के निर्माण का एक बहुत मजबूत पिलर है। बीते 10 वर्षों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए, स्टार्टअप्स के लिए ढेर सारे अवसर बने हैं। लेकिन, दिल्ली में  आपदा वालों की आपदा ऐसी मुसीबतें लाती रही है, कि वो उससे फरेब करती रही है अब ये सब युवा जान गए हैं। कमलेश जी आप जैसे अनुभवी कार्यकर्ता जब जाते हैं तो खुले मन से युवाओं से गप्पे मारते होंगे, बातें करते होंगे मैं सुनना चाहता हूं युवाओं से क्या बातें सुनने को मिलती हैं। 

कमलेश कुमार यादव- मोदी जी, सबसे ज्यादा आज परेशान हैं इस दिल्ली के अंदर तो मुझे लगता है हमारा युवा परेशान हैं। जो युवा अपने आप को इस देश को आगे बढ़ाने में अपना नाम करना चाहता है। जैसे पढ़ाना चाहता है तो कोई भी जो आईटी सेक्टर में बच्चे हैं, जिन्होंने बीटेक किया है, साइंस से पढ़े हुए बच्चे हैं। उनको किसी भी तरह का दिल्ली के अंदर इन 10 सालों में किसी भी, कोई सहायता नहीं मिली। कोई कॉलेज नहीं खुला। कहीं ऐसा नहीं है जहां हमारा बच्चा यहां दिल्ली में पढ़कर दिल्ली में सर्विस कर सके। हमारे यहां पढ़ने के बाद बच्चा और राज्यों में जा रहा है। सबसे ज्यादा अगर ठगा हुआ महसूस इस आपदा सरकार में कर रहा है तो मुझे लगता है कि युवा कर रहा है। मैं कई कोचिंग सेंटर ऐसे हैं संगम विहार में हमारा जाना होता है तो वो बहुत परेशान हैं क्योंकि हमारे यहां ना तो साउथ दिल्ली के अंदर माननीय प्रधानमंत्री जी जो स्कूल हैं, जो इन्होंने कहा था कि हम स्कूल खोलेंगे, इन्होंने 63 स्कूल खोले, 500 का वादा किया। और उसमें भी सबसे बड़ी परेशानी ये है कि साइंस के स्कूल नहीं हैं। गिनती के स्कूल हैं साइंस के और जिनके अंदर बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाता तो वो बच्चे आगे जाकर करेंगे क्या। इसी तरह से कोई भी कॉलेज, इन्होंने कॉलेज का वादा किया इन्होंने 20 कॉलेज बोले एक भी सरकारी कॉलेज स्थापित नहीं किया। उसकी वजह से आज हमारे यहां युवा इस दिल्ली के अंदर इस आपदा सरकार से परेशान है।

पीएम मोदी- कमलेश जी आपने अपनी पीड़ा व्यक्त की और मैं जानता हूं आप तो बहुत प्रगतिशील रहे हैं। अब बेटी विदेश में है कि इन दिनों वापस आ गई। 

कमलेश कुमार यादव- बेटी अभी विदेश में है। PHD किया है मोदी जी उसने। अभी उसका PHD क्लीयर हुआ है। 

पीएम मोदी- कमलेश जी आप तो हमेशा युवा पीढ़ी के बीच रहने के बीच रहने वाले कार्यकर्ता रहे हैं। और दिल्ली के युवा इस बार मन बना चुके हैं। मुझे भी जितनी जानकारी मिलती है यही बात सुनने को मिलती है। इस बार दिल्ली के शत-प्रतिशत युवाओं का वोट भाजपा को एनडीए को ही मिलने वाला है। दिल्ली का युवा चाहता है दिल्ली में रोजगार, स्व-रोजगार के अवसर बढ़ें। दिल्ली स्टार्टअप हब बने। यहां उसकी युवा एस्पिरेशंस के हिसाब से काम करने वाली सरकार हो। इसलिए दिल्ली के युवा की पहली पसंद भाजपा है। दिल्ली का युवा आपदा वालों से नफरत करता है और सजा करने के मूड में है। हमने देखा है कि कैसे आपदा वालों ने दिल्ली से झूठ बोला, घोटाले किए। भाजपा के हर बूथ कार्यकर्ता को दिल्ली के युवा की आवाज बनना है। अपने बूथ के हर फर्स्ट टाइम वोटर से मिलना भी आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आप संकल्प पत्र में दिल्ली के नौजवानों के लिए जो घोषणा की गई है। वो उनके साथ बैठकर बातें करते-करते, चर्चा करके बताइये और ये आपदा वाले जोर-शोर से दावा करते हैं। दिल्ली में स्कूलों के लिए क्या किया-क्या किया बोलते रहते हैं, लेकिन सच्चाई क्या है वो लोग जानते हैं। लेकिन हमें बार-बार याद कराना होगा। जैसा कि आपने कहा स्कूलों का क्या हाल करके रखा है। घोटाला कितने किए हैं। अब आपदा वालों का ये जो फरेब है। ये सबके सामने लाना बहुत जरूरी है। भाजपा सही मायने में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को सुधारेगी। इसलिए केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा की घोषणा संकल्प पत्र में की गई है। इसी तरह नौकरियों को लेकर भी आपदा वाले सिर्फ फर्जी घोषणाएं करते हैं और भाजपा सरकार नौजवानों के लिए कैसे काम करती है ये उदाहरण भी हर भाजपा कार्यकर्ता को पता है। अब हरियाणा में देखिए सरकार बनते ही खर्ची-पर्ची के बिना भाजपा ने परंपरा शुरू की वहां। 10 साल से चल रही है और अभी जब सरकार बनी तुरंत बिना खर्ची-बिना पर्ची लोगो को, हजारों नौजवानों को नौकरी का ऑर्डर मिल गया। आपको ये भी पता है कि अभी-अभी भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा निर्णय लिया है। 8वां पे कमिशन बनाने की घोषणा कर दी है। अब दिल्ली में लाखों परिवार हैं ये पेंशन भी पाने वाले लोग हैं, सरकारी नौकरी में जिंदगी गुजारने वाले लोग हैं, रिटायर्ड लोग हैं। इन सबका भाग्य बदलने वाला काम ये 8वां पे कमिशन करने वाला है। ये भी जरूर बताइये लोगों को। अच्छा मेरा एक सुझाव है, कमलेश जी मैं आपके माध्यम से दिल्ली के जितने भी मंडल स्तर के, विधानसभा स्तर के या बूथ स्तर के कार्यकर्ता सुन रहे हैं मैं आपको चुनाव के दरमियान एक कार्यक्रम देना चाहता हूं। ये कार्यक्रम ऐसा है मेरे मन में कि नौजवानों की रजिस्ट्री करिए, जिनको वर्तमान चुनाव के संबंध में संवाद करना है। 5-7 मिनट का भाषण करना है, भाषण कला जानता है और एक विधानसभा में, हमारा जैसा एक शक्ति केंद्र होता है या 10 बार हम इवेंट बनाने का तय कर लें और यूथ पंचायत करें। 50 नौजवान खड़े हों, 200 हो, 500 हो जो भी हो और 5-7 नौजवान अलग-अलग विषयों पर बढ़िया तरीके से बोलें। जो बेस्ट बोलेगा उसका सम्मान किया जाए, सर्टिफिकेट दिया जाए। लेकिन मैं मानता हूं एक अच्छा यूथ पंचायत इस चुनाव में दिल्ली में करके सारी सच्चाई नौजवानों से चर्चा करके उजागर करनी चाहिए। कमलेश जी मुझे बहुत अच्छा लगा और आपकी बेटी को भी मेरा बहुत-बहुत आशीर्वाद है वो बहुत प्रगति कर रही है सुनकर अच्छा लग रहा है PHD कर रही है।

कमलेश कुमार यादव- बहुत-बहुत धन्यवाद मोदी जी। मुझे भी बहुत खुशी हुई आपसे मिलकर इतने सालों में आपसे मुलाकात, बात करने का मौका मिला।

पीएम मोदी- क्या करे भाई आप लोगों ने मुझे ऐसे काम में लगा दिया है  

कमलेश कुमार यादव- आपके लिए विदेशों में भी जो बच्चे पढ़ रहे हैं मोदी जी वो भी वापस आना चाहते हैं। आपकी गारंटी के हिसाब से वो बच्चे भी वापस आना चाहते हैं। बस सिर्फ आप जब तक इस चीज को लेकर आएंगे बच्चे जो विदेशों में गए हुए हैं वो भी यहां आकर काम करना चाहते हैं।

पीएम मोदी- आपकी बात सही है आजकल रिवर्स ट्रेंड चल रहा है। बहुत बड़ी मात्रा में लोग भारत का जो माहौल है उसका फायदा लेना चाहते हैं, अच्छी बात है।  आइए, अब कौन हैं जिनसे बात करेंगे हम

चैतन्य पांडेय, बूथ अध्यक्ष, राजिंदर नगर

चैतन्य पांडेय- नमस्कार प्रधानमंत्री जी। 

पीएम- नमस्ते जी। 

चैतन्य पांडेय- मैं चैतन्य कुमार पांडे, एक ऑटो चालक हूं और बूथ नंबर 132 गैस गोदाम, टोडा झुग्गी, राजिंदरनगर विधानसभा का बूथ अध्यक्ष। 

पीएम- चैतन्य जी आपसे मिलना तो मेरे लिए स्पेशल हो गया है। क्योंकि ये पत्रकार मित्र जब देशभर में जाते हैं चुनाव का आकलन करने के लिए। तो आकर के पूछते हैं तो वो कहते हैं कि हमने ऑटो रिक्शा वाले से बात की थी। टैक्सी ड्राइवर से बात की थी, होटल के अंदर जो सर्विस देता है उससे बात की थी। ये हमेशा कहते हैं। और उनको ऑटो रिक्शा वाले से जो जानकारियां मिलती हैं। वो सबसे परफेक्ट होती है, ये अखबार वाले हमेशा कहते आए हैं। तो मुझे भी खुशी है कि ऑटो चालक हो और मेरा बूथ का नेता हो, ऐसा चैतन्य आपने तो चैतन्य जगा दिया। अच्छा चैतन्य जी बताइए, आजकल आपदा के समर्थक और कार्यकर्ता भी मायूस हो गए हैं। ये मानकर के बैठे हैं कि ये तो कट्टर बेईमान निकले। बहुत बड़ी निराशा भीतर भी आपदा वालों के अंदर और समाज में तो है ही है। और भ्रष्टाचार में नए रिकॉर्ड बनाते गए और शरम नहीं है। सबसे बड़ी बात देखिए,  इतना बड़ा शीशमहल कोई शरम नहीं। इतना बड़ा शराब कांड, कोई शरम नहीं। इतने बड़े घोटाले, शरम नहीं। ये सार्वजनिक जीवन में कोई भी नौजवान, कोई भी नागरिक पसंद नहीं करता है। ये घोटालों को लेकर दिल्ली में गुस्सा भी बहुत भारी है। और आपके साथ ऑटो रिक्शा में लोग बैठते होंगे, बातें करते होंगे, और आप भाजपा के हैं तो सामने से बातें निकालते होंगे। तो आपके पास तो जानकारियों का खजाना होगा। तो चैतन्य जी जरा मुझे भी बताइए, ताकि दिल्ली के जितने भी साथी सुन रहे हैं, उनकी चेतना जग जाएगी। 

चैतन्य पांडेय- ऐसा है प्रधानमंत्री जी, अभी जो ऑटो चालक, टैक्सी चालक जो हमारे संकल्प पत्र आए हैं, उनसे काफी वो लोग खुश हैं। और 10 साल से जो ये आपदा की सरकार ने जो इनको झूठ बोल-बोल के इनका इस्तेमाल करके जो सरकार बनाई, इस बार ये लोग आपदा को हटाके और भाजपा को लाने के लिए एकदम दृढ़संकल्प हैं। और मैं चूंकि झुग्गी से आता हूं, तो झुग्गियों में ये जो अटल कैंटीन की व्यवस्था की, जो हमारा संकल्प पत्र आया है, उससे भी काफी लोग प्रभावित हैं। और मैं ये मुख्य रूप से कहना चाह रहा हूं, कि  जब ये शराब एक के साथ एक फ्री दिया जाता था तो सबसे प्रभावित ऑटो चालक और झुग्गी वाले ही होते थे। 

पीएम -आपकी पीड़ा सही है। 

चैतन्य पांडेय- प्रधानमंत्री जी हमारी झुग्गियों में ऑटो के अलाव ई-रिक्शा वाले भी काफी रहते हैं। और उन लोगों का मुझे बार-बार सुझाव दिया जाता है। जैसे ऑटो और टैक्सी के लिए बीजेपी ने संकल्प पत्र जारी किया तो क्या हम ई-रिक्शा वालों के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं। 

पीएम- मेरी तरफ से कह दीजिए, जो ऑटो वालों के लिए है, वो ई-रिक्शा वालों को भी मिलेगा। 

चैतन्य पांडेय – इससे हम लाखों घर प्रभावित होंगे और वो एकदम से। 

पीएम - आप मेरी तरफ से बता दीजिए, ये दिल्ली भाजपा के लोगों से मैं बात कर लूंगा। और मैं उनको समझाऊंगा कि ये छूट गए हैं, इनकी चिंता करो। और जरूर दिल्ली भाजपा के लोग मेरी बात जरूर मानेंगे। 

चैतन्य पांडेय- हम जिस झुग्गी से आते हैं, गैस गोदाम झुग्गी से। प्रधानमंत्री जी से पिछले 20 सालों से हम हमेशा यहां से जीतते आ रहे हैं। कभी यहां भाजपा की हार नहीं हुई है। 

पीएम- इसका कारण क्या है मालूम है। चैतन्य जैसे जमीन जुड़े हुए लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत। दिन-रात में देखिए, कैसी बारीकी लाई आपने मेरे सामने। यानि एक जमीन से जुड़ा कार्यकर्ता कितना बारीकी से भाजपा का नेतृत्व करता है। और ये खुशी देखिए, कि झुग्गी में काम करने वाला मेरा चैतन्य, मेरा साथी, जो ऑटो चलाता है। उसको खुद की चिंता तो है ही, लेकिन लेकिन ई-रिक्शा वालों की भी चिंता वो करता है। और वो देश के प्रधानमंत्री को इस बात को समझाने में सफल हो जाता है। और प्रधानमंत्री उसकी बात मान लेता है। ये है भाजपा की ताकत। 

चैतन्य पांडेय- ये जो आपने झुग्गी के बदले मकान बनाके दिया है, इससे भी हमारे झुग्गी वाले काफी खुश हैं और वो चाहते हैं कि ये झुग्गी की ये नारकीय जीवन केजरीवाल सरकार ने आपदा सरकार ने दी है इनको, उससे निकाल करके हमें पक्के मकान देंगे और ये मोदी जी की ही गारंटी है, और मोदी जी ही कर सकते हैं। क्योंकि आपदा सरकार ने तो सिर्फ झूठ बोलना और झूठ बोलना है। और शराब पिलाना है और भविष्य बर्बाद करना है। 

पीएम- चैतन्य जी, मैं तो सब दिल्ली के कार्यकर्ताओं से कहता हूं, आप जहां भी जाएं और लोग झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे हैं तो उनको मेरी तरफ से कह दीजिए कि मोदी ने तय किया है कि इस देश के हर परिवार के पास पक्की छत वाला घर होना चाहिए। और ये मोदी करके रहेगा, पिछले 10 साल से करता रहा है, आगे भी करता रहेगा। और मकान देकर रहेगा, ये आप बता दीजिए, मेरी तरफ से गारंटी दे दीजिए। जिसका भी छूट गया है, उनको मिलेगा।

चैतन्य पांडेय- उनको भरोसा भी है, मोदी जी की गारंटी पे। उनको पता है मोदी जी गारंटी मतलब आपदा जाएगी और भाजपा आएगी। 

पीएम- अच्छा भाई चैतन्य जी, आपने भ्रष्टाचार को लेकर, आप तो जानते ही हैं, कांग्रेस और आपदा दोनों का ट्रैक रिकॉर्ड आप तो ऑटो रिक्शा में बैठने वाले सब लोगों से बात करते होंगे। ऐसा इनका रिकॉर्ड है भ्रष्टाचार का, एक-दूसरे को हराने में लगे हुए हैं, कौन जीतता है। इसमें कौन आगे निकलता है। और आपदा के लिए अन्ना हजारे समय भ्रमित होकर जितने लोगों ने समर्थन किया सब आज दुखी हैं। 

साथियों, 

भाजपा ने राम मंदिर, आर्टिकल 370, यूनिफॉर्म सिविल कोड, ये अपनी विचारधारा के मूल में रखा। इन पर पूरी ईमानदारी से काम किया। और हमारे विचारधारा का एक ही केंद्रबिंदु है- नेशन फर्स्ट।  भारत सबसे ऊपर। लेकिन ये आपदा वाले तो अपनी विचारधारा से ही पलट गए। जनलोकपाल के नाम पर पार्टी बनी। आज न ये दिल्ली में है, न पंजाब में है। और न ही इसके लिए बोलते हैं वो, ताले लग गए। दिल्ली में तो ये बहाने बनाते हैं लेकिन पंजाब में तो उनकी सरकार है, वहां भी नहीं कर रहे। पहले क्या-क्या बातें करते थे और अब क्या हुआ है। यह भेद जो है ना, ये फर्क जो है, ये आपको फरेब को एक-एक नागरिक तक पहुंचाना है। ये आपदा वाले सीएजी की रिपोर्ट दिखा-दिखाकर घोषणा करते थे कि कांग्रेस का फलाना नेता भ्रष्टाचारी, फलाना नेता बेईमान है, कागज हाथ में लेके कहते थे, मेरे पास तो टेलीफोन नंबर है, स्विस बैंक का टेलीफोन नंबर है। क्या-क्या नाटक करते थे। आज सीएजी रिपोर्ट ऑफिशियल आया है। संविधान में कहा गया है कि रिपोर्ट सार्वजनिक करना, असेंबली में रखना। वो चार साल से छुपा रहे हैं, दबा रहे हैं। यानी सच से कितना डरते हैं। अपने पापों का हिसाब जब देश की जनता जानेगी तो क्या होगा, इस भय के कारण। सीएजी की रिपोर्ट को दबा करके बैठ गए। क्योंकि शराब घोटाले का कच्चा चिट्ठा, सीएजी ने खोल के रखा है। शीशमहल में से जो-जो चीजें चौंकाने वाली चीजें आई हाथ में, सीएजी ने बता दिया। देश चौंक गया है। और मैं मानता हूं कि मीडिया में भी काफी चर्चा हुई है। सारा इकट्ठा करके एक-एक घर में मोबाइल फोन में लोगों को दिखाना चाहिए। शराब घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इनके नेताओं को लेकर क्या-क्या कहा है और कैसी शर्तें लगाई उनको बेल देने पर। कितने बंधनों में बांध देना पड़ा। हर बूथ को बता देना चाहिए कि कोर्ट ने इन पर कितनी पाबंदियां लगाई हैं। आप दिल्ली की जनता को बताएं कि भाजपा सरकार बनते ही सबसे पहले सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा, ताकि लोगों को सत्य का सारा सबूत लोगों के हाथ लग जाए। 

साथियों 

मुझे बात कर के बहुत अच्छा लगा। मैं ज्यादा समय आपका लेना नहीं चाहता हूं क्योंकि चुनाव में आपको भी बहुत सारी जिम्मेवारी है। बहुत सारे घरों तक पहुंचना है, एक-एक मतदाता तक पहुंचना है। 

साथियों,

दिल्ली वाले दो चीजों को लेकर एकदम साफ हैं। मैं दिल्ली के नागरिकों की बात कर रहा हूं। और भाजपा का हर कार्यकर्ता इस बात को महसूस करता होगा, दिल्ली वाले कह रहे हैं कि 14-15 साल की सरकार देखी फिर बीते 11 साल से आपदा को भुगता। और ये 25 साल बहुत बड़ा समय होता है। और इसलिए सामान्य मानवी भी कह रहा आपदा को हटा कर रहेंगे भाजपा को लाकर रहेंगे। आप देखिए, हिंदुस्तान के कई शहर है, उनकी अपनी एक छवि बन रही है। हर एक शहर की पहचान बन रही है, लेकिन दिल्ली आज भी केंद्र सरकार से जानी जाती है। भारत का राजधानी के रूप जानी जाती है। हमें दिल्ली की एक ऐसी पहचान बनानी चाहिए कि दिल्ली को लोग उस बात से लिए याद करें। दिल्ली की वो पहचान होनी चाहिए। दिल्ली में वो सामर्थ्य है, लेकिन इन्होंने सामर्थ्य को बाहर नहीं आने दे रहे। और इसलिए दिल्ली के स्वाभिमान को जगाना है। दिल्ली के अंदर वो चेतना पैदा करनी है। अगर बेंगलरू की पहचान हो, अरे गुड़गांव की पहचान बन गई है, नोएडा की पहचान बन गई है। दिल्ली की नहीं बनी। सोनीपत की बन गई, पानीपत की बन गई। चंडीगढ़ की बन गई। दिल्ली राजधानी है बस यही एक टैग लगा हुआ है। दिल्ली का सामर्थ्य बहुत है। इन्होंने दिल्ली के सामर्थ्य को दबोच के रखा है और इसलिए दिल्ली के स्वाभिमान को मैं जानता हूं। दिल्ली के सामर्थ को मैं जानता हूं। दिल्ली के लोगों के एस्पिरेशन को मैं जानता हूं। हमें लोगों की आशा आकांक्षा की दिली बनाना है और दुनिया भर में दिल्ली की अपनी एक स्वतंत्र पहचान जिससे दिल्ली जाना जाए। 

साथियों, 

दिल्ली में ये आपदा वालों का तो एक ही काम है। हर चीज का आरोप किसी दूसरे पर मढ़ देना। झगड़े करते रहना। सिवाय झगड़े उन्होंने कोई काम नहीं किया। दिल्ली के लोगों का बहुत नुकसान हुआ है। और दिल्ली में अब आवश्यकता है डबल इंजन की सरकार। आस-पड़ोस के राज्यों से भी अच्छा तालमेल रखे, केंद्र के साथ भी मिलकर चले। शक्ति इतनी इकट्ठी करनी है ताकि दिल्ली को हम पिछले 25 साल की जो खोट है, 25 साल का जो गड्ढा है वो हमें पांच साल में भरना है और दिल्ली को आगे ले जाना है। 

साथियों, 

मैं पक्का मानता हूं कि दिल्ली के नागरिक इस बार भाजपा को यह दायित्व देने के लिए कृतसंकल्प है। यह अवसर देने के लिए तैयार हैं। बूथ कार्यकर्ता के नाते हमारा पहला काम यह होना चाहिए कि दिल्ली के हर वोटर तक हमारा मिलना होना चाहिए और एक बार नहीं दो बार नहीं तीन-तीन बार मिलना होना चाहिए। उनके वोटर कार्ड, वोटर लिस्ट में उनके नाम, उनका पोलिंग स्टेशन कहां है, पोलिंग बूथ कहां है, कितने बजे हैं, कब वोटिंग है, सारी बातों की जानकारी। उम्मीदवार है तो उम्मीदवार का मशीन के अंदर कितने नंबर पर नाम है। ईवीएम पर पहले नंबर पर है, तीसरे नंबर है, पांचवें नंबर पर, कहां पर है सारी बातें एक एक मतदाता को बतानी चाहिए। और मैं तो मानता हूं अभी से एक टीम बनाइए जो लास्ट डे के काम के लिए हो। जब 5 बजे प्रचार पूरा हो जाएगा। तीन तारीख शाम को 5 बजे प्रचार पूरा हो जाएगा। तो तीन शाम से लेकर के पांच रात और 8 तारीख को काउंटिंग। यह भी अलग काम होते हैं बहुत सी चीजें बारीकियों से। मतदाता सूची पहुंची है, नहीं पहुंची। पोलिंग बूथ एजेंट बना कि नहीं बना। एजेंट का सर्टिफिकेट मिल गया कि नहीं मिल गया। फोटो पहुंच गया, बहुत काम होते है। अभी से बूथ में पोलिंग के दिन करने के लिए टीम तैयार कर लीजिए। और उनको क्या-क्या काम करने हैं वो करते रहें। और अभी जो संगठन का काम कर रहे हैं मतदान का काम कर रहे हैं वो अभी से काम करना शुरू कर दें। वोटर कार्ड, उनको जाते हैं तो कौन-कौन से आईडी प्रूफ लेकर जाना पड़ता है, उनके पास क्या-क्या होना चाहिए। दिल्ली में मैक्सिमम वोटिंग हो, हर बूथ में, बूथ में वोटिंग का रिकॉर्ड बनाने है। पुराने रिकॉर्ड तोड़ने काम का काम बूथ में होना चाहिए। और ये अगर बूथ के कार्यकर्ता करेंगे तो मुझे पक्का विश्वास है कि 50 प्रतिशत से अधिक वोट से जीतने का जो हमारा बूथ का संकल्प है। अपने बूथ में अलग-अलग काम। एक और काम इस बार दिल्ली भाजपा के लोगों की एक इच्छा थी और मुझे भी लगा मुझे दिल्ली के नागरिकों के मैं 10 साल से दिल्ली में रह रहा हूं दिल्ली के हवा-पानी में ही मेरा गुजारा हो रहा है तो मेरा भी एक नागरिक के नाते भी कर्तव्य बनता है कि दिल्ली के मतदाताओं से बात करूं और इस बार मैंने एक चिट्ठी लिखी है। हर मतदाता के लिए, हर घर के लिए चिट्ठी लिखी है। मेरे बूथ के कार्यकर्ताओं से मेरा आग्रह है कि मेरा पत्र लेकर के हर घर में जाइए और हो सके तो उन सब परिवार के लोगों को बिठा कर के मेरा पत्र उनके सामने पढ़िए और फिर उनके हाथ में दीजिए। तो आप मेरे साथी हैं। मेरा काम इतना जरूर करेंगे कि मेरा पत्र घर-घर में जाकर के खुद पढ़ें और फिर उनको देकर के आएं। इतना आप जरूर करिए। देखिए बूथ में अलग-अलग प्रकार के लोग होते हैं कोई कपड़े सिलने वाला होगा। कोई दिहाड़ी मजदूरी करने वाला, कोई दुकानदार होगा, हर एक का अलग-अलग कंसर्न होता है। हमें उसका जो संबंध वही मैसेज देना चाहिए, उसको लगना चाहिए हां उसके लिए भी कुछ है। ये भाजपा का संकल्प पत्र एक ऐसा गुलदस्ता है उस गुलदस्ते में उसके लिए भी कोई ना कोई अवसर है। और घोषणा पत्र में से ऐसी बातें चुनें जो बूथ के जो महत्त्वपूर्ण लोग हैं उनका ध्यान केंद्रित करें। देखिए हमारे सीनियर सिटीजन हैं उन्हें तो जरूर मिलना चाहिए। उनके पास अनुभव होता है, वह चीजों को चलाने, उनकी बात अड़ोस-पड़ोस के लोग भी मानते हैं। 

साथियों, 

मुझे पूरा भरोसा है कि आप मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। एक-एक परिवार तक पहुंचने का संकल्प लेकर निकल पड़ेंगे। विकसित भारत बनाने में दिल्ली का बहुत बड़ा योगदान हो, ये मेरे लिए भी बहुत आवश्यक है, देश के लिए भी बहुत आवश्यक है। और इसलिए दिल्ली में ऐसी सरकार चाहिए, जो दिल्लीवासियों के सपने भी पूरे करें और देशवासियों को भी प्रेरणा दे, दिशा दे। देश के लोग दिल्ली से बहुत कुछ सीखना चाहते हैं। वैसा दिल्ली हमें बनाना है तो साथियों आज आप सबसे मुझे बात करके के अच्छा लगा। पोलिंग बूथ के कार्यकर्ताओं से बात करना मतलब कि जमीन में जो भाजपा की जड़े हैं उन जड़ों से एक नए प्रकार की प्राण शक्ति प्राप्त करना। तो मेरे लिए आज का संवाद व्यक्तिगत जीवन में भी प्राण शक्ति भरने वाला संवाद है। तो मैं सुंदर चौधरी जी का, रवि कुमार जी का, ममता जी का, कमलेश यादव का, चैतन्य पांडे जी का भी बहुत आभारी हूं कि आपने बहुत अच्छे ढंग से वहां की जानकारियां मुझे दीं। और दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने इतना बड़ा कार्यक्रम किया है जो जानकारी मुझे मिल रही है बहुत ही गर्व होता है आपकी मेहनत पर, आपकी प्लानिंग पर, आपकी मैनेजमेंट पर। बहुत-बहुत बधाई बहुत-बहुत शुभकामनाएं।