PM Modi attends roundtable meeting with business leaders at Masdar city
India is a land of many opportunities. Come, explore the rich potential & invest: PM Modi
India is one of the fastest growing economies. There are several opportunities of development in India: PM

(दुनिया में जो) इंस्टिट्यूशन्स हैं जो रेटिंग करते हैं, सब एक बात पर सहमत हैं कि आज दुनिया के बड़े देशों की fastest growing economy भारत है। अब मैं मानता हूं कि विकास की संभावनाएं बहुत हैं। दुनिया यह भी कहती है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है।

एक तरफ भारत में तेज़ गति से विकास हो रहा है, दूसरी तरफ दुनिया की नज़र एशिया की तरफ है। लेकिन क्या यू.ए.ई. के बिना एशिया अधूरा है कि नहीं है? और इसलिए हम एशिया का उज्ज्वल भविष्य देखना चाहते हैं, तो मैं स्पष्ट देख रहा हूं कि यू.ए.ई. उसकी मुख्य आर्थिक धारा के केंद्र बिंदु में होना चाहिए। भारत की संभावनाएं और यू.ए.ई. की शक्ति - ये दोनों के जुड़ने से, ये जो 21वीं सदी एशिया की सदी है, वो सपना पूरा हो सकता है। और उस अर्थ में मैं समझता हूं कि हमने आगे की हमारी सोच, योजना पर आगे बढ़ना है।



यहां कुछ कठिनाइयों के संबंध में मेरे सामने जानकारी आई है। कल भी मेरी विस्तार से कई महानुभावों से विस्तार से बात हुई उसमें भी कुछ-कुछ विषय निकले हैं। अब ये जो कठिनाइयां हैं, वो मुझे विरासत में मिली हैं। लेकिन मुझे विरासत में मिली हैं, इसलिए मैं भाग नहीं सकता हूं। क्योंकि मैं जो अच्छाइयां हैं वो तो ले लूं, और बुराइयां हैं उसको छोड़ दूं, ऐसा तो कोई दुनिया का नियम नहीं हो सकता है। लेकिन मैं आज आपको इतना विश्वास दिलाता हूं कि सरकार की अपनी अनिर्णायकता के कारण, lethargy के कारण indecisiveness के कारण, गलत perception के कारण जो चीजें रुकी हैं - उसको मैं सबसे पहले सुलझाने की दिशा में प्रयास करूंगा।

कुछ चीज़ें हैं को काफी complicated हैं, वो कोर्ट-कचहरी का मसला बन गया है उसमें कुछ मेरी भी मजबूरियां रहेंगी। उसका solution कैसे हो, और मैं पहले एक काम करूंगा, हमारे Commerce Minister को यहां भेजूंगा। और मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वो concerned लोगों से सीधा उनकी बात सुनें, उनकी समस्याओं को समझें, और उसका रास्ता खोजें। और उस दिशा में बहुत ही निकट मेरा सबसे पहला काम ये होगा और मैं समझता हूं उससे काफी चीज़ें सुलझना शुरू हो जाएगा।

आप देखते हैं, आज भारत में विकास की बहुत संभावना है। एक तो तीस साल के बाद पहली बार भारत में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी है। और लोकतंत्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार होने से एक निर्णायकता होती है, स्पष्ट vision के साथ implementation के लिए कदम उठाने की सुविधा रहती है, जो इस नई सरकार को प्राप्त हुई है। और उसी के कारण हमने बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।

पहली बार देश में रेलवे इन्फ्रास्ट्रकचर में 100% Foreign Direct Investment को हमने open up कर दिया है। Defence Manufacturing एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। Global Market भी है। Third World Countries एक बहुत बड़ा मार्केट है। अगर हम मिल कर के Defence Manufacturing के क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं, मैं समझता हूं “Sky is the Limit”। और इसके लिए हमने in general, 49% FDI open up कर दिया है। लेकिन hi-tech industry अगर है, defence में, तो उसमें हम 100% तक जा सकते हैं - ये अपने आप में बहुत बड़ा है।

हमने insurance क्षेत्र को 49% खोल दिया है। Real Estate - और मैं मानता हूं कि भारत में Infrastructure Development and Real Estate - उसकी बहुत संभावनाएं हैं। एक तो सरकार का अपना एक कार्यक्रम है: 2022, जबकि भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा, हम 50 million affordable houses बनाना चाहते हैं, low cost. 50 million houses बनाना मतलब भारत के अंदर अनेक छोटे-छोटे नए देश बनाना। बहुत सारे दुनिया के देश हैं कि जिनके यहां total 50 million houses नहीं हैं। इतना बड़ा काम मुझे सात साल में करना है। और जैसे फैज़ल ने कहा, नई technology. मैं जरूर आपके यहां आउंगा, मैं देखूंगा।

मैं चाहता हूं हमें technology भी चाहिए, हमें speed के लिए भी चाहिए and quality construction के लिए भी चाहिए। और low cost housing एक बहुत बड़ा मेरे दिमाग में काम है। भारत को आगे बढ़ाने के लिए मुझे infrastructure भी बढ़ाना है, infrastructure को upgrade भी करना है।

जहां पुराना infrastructure है उसको… अब जैसे रेलवे अगर पुरानी है तो मुझे speed बढ़ानी है। रेलवे स्टेशन, मेरे यहां more than 500 railway stations हैं, जिनको मैं एक प्रकार से बहुत बड़े business hubs में convert करना चाहता हूं। आज हिंदुस्तान में आप जानते हैं, heart of the city railway stations हैं लेकिन ऊपर सब खाली है। क्यों न मैं उस रेलवे स्टेशन के ऊपर 20 मंजिल, 50 मंजिल बड़ी-बड़ी इमारतें बनाऊं 200-200-400 rooms के hotels बनाऊं, बहुत बड़े malls बनाऊं? 500 रेलवे स्टेशन्स! कितना बड़ा development होगा! तो इन चीज़ों को लेकर के हम काम करना चाहते हैं।

Agriculture sector. Agriculture sector में cold storage network, warehousing network… आज भारत में 30% agro product रख रखाव की व्यवस्था के अभाव में waste जाता है। और मैं मानता हूं agro product का waste जाना एक प्रकार का crime है। अगर हम नहीं रख सकते, तो गरीब को देना चाहिए, उसका पेट भरना चाहिए। मैं ये 30% को बचाना चाहता हूं। जो मैं, मेरे देश की आवश्यकता तो पूरी हो जाती है, लेकिन जो अतिरिक्त होगा दुनिया के गरीब देशों के लिए काम आना चाहिए। मैं warehousing, cold storage - इसका बड़ा network खड़ा करना चाहता हूं।

आपकी बात सही है कि आज globalization के युग में Port Sector की बहुत संभावनाएं हैं। और देशों की तुलना में हम काफी पीछे हैं, लेकिन पिछले दिनों हमने काफी गति बढ़ाई है। Public Private Partnership model को हमने promote किया है। हमने इन दिनों काफी नए policy decisions लिए हैं Port Sector के development के लिए। और मैं मानता हूं कि उसका लाभ यू.ए.ई. तो सबसे ज्यादा ले सकता है क्योंकि आपका experience है और आप world की largest companies के साथ जुड़े हुए हैं। तो भारत के साथ मिल कर के port development के साथ-साथ मेरे दिमाग में Port-led Development है। और जब मैं Port-led Development कहता हूं तो Port Infrastructure, Port में Modern Technology, at the same time, Connectivity with Cold Storage, Warehousing, Port, Road, Rail, and hinterland access - इन सारी चीज़ों को जोड़ करके मैं Port-led Development के concept को आगे बढ़ाना चाहता हूं। और huge potential पड़ा हुआ है।

भारत ने tourism को tap नहीं किया है। आज दुनिया में tourism 3 trillion dollars का business है। भारत का contribution बहुत ही कम है। Hospitality Industry के लिए भारत में बहुत संभावनाएं हैं। दुनिया के लिए अजूबा है भारत क्या कर सकता है। मैं इसको आगे बढ़ाना चाहता हूं। और मैं समझता हूं कि आप लोगों ने जिस level पे काम को बढ़ाया है, आज आप दुनिया को यहां का रेगिस्तान देखने के लिए मजबूर कर सकते हैं। ये ताकत आपने दिखाई है। तो भारत के पास तो बहुत कुछ है। थोड़ा आपकी expertise हमारे साथ जुड़ जाए, तो सारी दुनिया को हम आकर्षित कर सकते हैं। तो tourism के लिए बहुत संभावनाएं हैं।

तो मैं कहता हूं कि कोई भी क्षेत्र उठा लीजिए आज, भारत संभावनाओं से भरा हुआ है। जैसे आपने कहा solar energy, wind energy, renewable energy. 188 GigaWatt – 100 Solar Energy, 75 Wind Energy, and 13 Renewable Energy from “Waste to Wealth”. मैं समझता हूं ये एक बहुत बड़ी opportunity है। हम Solar Energy Equipment manufacturing भी वहां चाहते हैं, हम Solar energy Instalment भी चाहते हैं, हम Power Generation की दिशा में जाना चाहते हैं, और Global Warming की जो चिंता है दुनिया की, we are one-sixth population of the world! अगर हम एक कदम चलते हैं, एक कदम सुधार करते हैं तो दुनिया की one-sixth समस्या का समाधान देते हैं। इतनी बड़ी ताकत है। हम global environment को कितना positively impact कर सकते हैं! मैं समझता हूँ कि आप सबके सहयोग से, इस बात को हम आगे बढ़ा सकते हैं इंस्टिट्यूशन्स हैं जो रेटिंग करते हैं, सब एक बात पर सहमत हैं कि आज दुनिया के बड़े देशों की fastest growing economy भारत है। अब मैं मानता हूं कि विकास की संभावनाएं बहुत हैं। दुनिया यह भी कहती है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है।

यहां जो हमारे मित्र बैठे हैं - अगर proper environment मिलता है तो कितने successful होते हैं - उनकी story एक-एक अपने आप में सफलता की बातें हैं। मैं चाहूंगा कि आप सब मिल कर के - चाहे इस तरफ हो, चाहे उस तरफ हो - मैं आपको यहां निमंत्रण देने आया हूं।

और मैं मानता हूं आज भारत में 1 trillion dollars की immediate investment की संभावनाएं हैं। अब मैं 1 trillion बोलता हूं तो ऐसे नहीं कि मुझे समझ नहीं है इसलिए मैं बोल रहा हूं। मुझे पक्की समझ है कि 1 billion और 1 trillion का क्या फर्क होता है उसके बाद भी मैं जिम्मेवारी से कहता हूं कि 1 trillion dollars की संभावनाएं immediate पड़ी हैं। और मैं चाहूंगा कि भारत के बहुत dynamic, progressive policies हैं, एक stable government है, decisive government है, और मैं आज आपके घर सामने से आया हूं।

मैं देख रहा हूं, मैं कल से जो महसूस कर रहा हूं, मुझे खुद को शर्मिंदगी महसूस हो रही है, कि हमने 34 years क्यों गंवा दिए हैं? मैं खुद महसूस कर रहा हूं। और इसलिए मैं आज मैं उन सभी 34 years की कमी को भी पूरी करके जाना चाहता हूं।

तो मैं आप सबका बहुत-बहुत आभारी हूं। और मैं आपको निमंत्रण देता हूं कि आप आईए भारत और हम सब मिल कर के 21वीं सदी एशिया की सदी कैसे बने, हम उस आर्थिक विकास की ऊंचाइयों को कैसे ले जाएं ताकि दुनिया के सामान्य-सामान्य व्यक्ति की भलाई में हम काम आएं। मेरा आप सबको निमंत्रण है और मैं His Excellency का आभारी हूं कि वो स्वयं आए, और आप सबसे मिलने का मुझे अवसर दिया।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।