PM Modi's Interview to Meenakshi Joshi of India TV

Published By : Admin | May 14, 2024 | 17:23 IST

During his visit to Varanasi, Uttar Pradesh, PM Modi in an interview with INDIA TV, spoke on his vision, dedication, and commitment to serving the people of India. Speaking with the Journalist, he became emotional while sharing his source of energy and said that 'Paramatma' has sent him to earth for some reason and he only lets him perform his duties. Earlier that day, PM Modi had also filed his nomination as a candidate from Varanasi for the ongoing Lok Sabha Elections.

मीनाक्षी जोशी- नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेSहम्।। काशी की इस पुण्य धरती से, मैं मीनाक्षी जोशी इंडिया टीवी के सभी दर्शकों का बहुत-बहुत स्वागत करती हूं। जब बात काशी की होती है तो बात धर्म की होती है। काशी अध्यात्म है। काशी संस्कार है, लेकिन जब से काशी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद के रूप में मिले, तब का काशी विकास की बात करती है। विरासत के साथ-साथ यह विकास चलता है। और आज मुझे बड़ी खुशी हो रही यह कहते हुए कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नॉमिनेशन के ठीक बाद इंडिया टीवी के लिए समय निकाल रहे हैं। बहुत-बहुत स्वागत है।

पीएम मोदी- आपके दर्शकों को भी मेरी तरफ से नमस्कार।

 

मीनाक्षी जोशी- नमस्कार। प्रधानमंत्री जी, आपने आज से ठीक 10 साल पहले, मैं आपको उस मेमोरी लेन में लेकर जा रही हूं, आपने महादेव से आशीर्वाद मांगा था, कहा था कि आपको व शक्ति दे कि आप काशी का और गंगा की जय-जयकार पूरे विश्व में करा सकें। आपका यह प्लान बनारस वाला कितना कामयाब हुआ?

पीएम मोदी- काशी, मेरे लिए एक शब्द नहीं है। काशी, अपने आप में शिव है। शिव का रूप है। मैं पहले जब आया था तब तो मैं एक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में, उम्मीदवार के रूप में, जनप्रतिनिधि रूप में आया। संजोग था शायद, परमात्मा ने तय किया होगा कि मुझे यहां भेजा। और मुझे एक बड़ी विशेषता दिखती है कि काशी अविनाशी है। सदियों से काशी में मानव जीवन रहा है। कभी भी काशी मानव जीवन हीन नहीं रहा, सदियों से। और यह भी को कोइंसिडेंस देखिए, मेरा जन्म जहां हुआ है, वड़नगर, अभी आर्कोलॉजी वाले वहां बहुत काम कर रहे हैं और उन्होंने भी खोज के निकाला है, मेरा गांव भी अविनाशी है। करीब 3000 साल हुए, वहां मानवजाति निरंतर रही है। और जो एक्सकेवेशन में उसको चीजें मिली है, 2800 साल तक वो गए हैं, लगातार मानव जीवन मिल रहा है उनको। तो मेरा वहां जन्म होना और यहां मेरा जीवन होना है, ये दोनों का कोई नाता होगा, ऐसा मुझे लगता है। और इस नाते ने मुझे काशी के साथ बहुत इमोशनली जोड़ दिया है। मैं जब आया था, तब मैंने कहा था कि किसी ने मुझे भेजा नहीं, मां गंगा ने बुलाया है। लेकिन 10 साल का मेरा यहां का जो नाता दिनों- दिन बढ़ता गया। लोगों से बढ़ा, काशी विश्वनाथ जी से बढ़ा, मां गंगा से बढ़ा, तब तो मेरा भाव यही कहता है कि ऐसा लगता है जैसे मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है ( भावुक होते हुए)। शिव जी के मुझ पर आशीर्वाद हैं। और यहां की जनता-जनार्दन के अपार आशीर्वाद हैं, अपार प्रेम है। जहां तक काशी के विकास का सवाल है, अच्छा होता देश आजाद होने के बाद, देश के ऐसे जो प्रेरणा स्थान है, देश के जो ऊर्जा स्थान है, देश में एक पुरातन और नूतन के प्रभाव के साथ जोड़ते हैं, उसको प्राथमिकता दी जाती। महात्मा गांधी यहां एक बार आए थे और महात्मा गांधी ने बहुत पीड़ा भी व्यक्त की थी, गुस्सा भी निकाला था। उन्होंने कहा था, ये काशी, इतना गंदा

 

मीनाक्षी जोशी- तंग गली

पीएम मोदी- तंग गली तो काशी की पहचान है। तंग गली बुरा नहीं है। तंग गली तो उसकी पहचान है। वो काशी का एक अच्छा सा रूप है। लेकिन जो गंदगी, जो अव्यवस्था, तो महात्मा गांधी ने बहुत गुस्सा व्यक्त किया था। तो मैं कभी बचपन में पढ़ा था। तो महात्मा गांधी को शायद मैं हर काम से एक प्रकार से श्रद्धांजलि भी दे रहा हूं। कर्माजंलि दे रहा हूं। कार्यांजलि दे रहा हूं। स्वच्छता, गांधी का विषय, मैं पूरा कर रहा हूं। एंपावरमेंट ऑफ नारी, महात्मा गांधी का विषय है। उसको पूरा करने के लिए प्रयास करता हूं। खादी, महात्मा गांधी का प्रिय, बीच में तबाह हो गई थी, मैं आज उसको बढ़ावा दे रहा हूं। तो मेरे मन में तब से था कि मैं काशी के लिए कुछ करूं। जनप्रतिनिधि के नाते तो जो करता हूं, करता हूं। लेकिन मैं जनप्रतिनिधि या पीएम, इससे भी बढ़कर जैसे काशी तमिल संगम करता हूं। ये कोई जनप्रतिनिधि हूं इसलिए करता हूं, ऐसा नहीं है। पीएम हूं, इसलिए करता हूं ऐसा नहीं है। मेरे देश को जोड़ने की काशी में जबरदस्त ताकत है और उस ताकत को मैं समझता हूं। दूसरा, देश में से इतने लोग यहां आते हैं। हमारे यहां मेला भी होता है ना, छोटा सा तब भी सरकार की जिम्मेवारी रहती है कि वहां कोई टॉयलेट की व्यवस्था करें, कुछ लोगों की सुविधा की, मेला हो तब भी जिम्मेवारी होती है। सरकार, जहां पर लाखों लोग 12 महीना आते हैं और व्यवस्था ना हो, तो मैंने फिर उन चीजों को ध्यान दिया कि मूलभूत सुविधाओं पर बल दूं, तो काशी में मूलभूत सुविधाओं पर काफी काम किया है।

 

मीनाक्षी जोशी- काशी बहुत सुंदर लगती है। काशी, आप कहते हैं यह मेरा घर है, यह मेरी काशी है और जब आप लोगों को जोड़ने की बात करते हैं तो बड़ी सुंदर तस्वीरें भी इस वक्त मैं वॉल पर देख रही हूं यह भी अपने आप में एक मेमोरी है, यादें हैं।

पीएम मोदी- आप जानते हैं जापान के प्रधानमंत्री और मेरे खास मित्र शिंजो आबे, मेरे साथ यहां गंगा आरती करने के लिए आए थे। गंगा दर्शन करने।

 

मीनाक्षी जोशी- बहुत अच्छी तस्वीर गंगा आरती की भी।

पीएम मोदी- मेरे साथ उन्होंने गंगा आरती की और उनकी कोशिश थी भारतीय वेश पहनने की। और तब उनकी इच्छा थी कि वह अपनी याद, यहां उसी में से यह कन्वेंशन सेंटर बना है। और उसका नाम भी शिवजी से जुड़ा हुआ है, रुद्राक्ष। और यह काशी का एक प्रकार से आधुनिक ऊर्जा केंद्र बन गया है।

 

मीनाक्षी जोशी- प्रधानमंत्री जी, आप इतनी रैली कर रहे हैं, इतनी पब्लिक मीटिंग कर रहे हैं, रोड शो कर रहे हैं। एक ऐसी तस्वीर मेरी आंखों के सामने आई, कुछ बच्चियां आपकी मां की तस्वीर लेकर आई थी, आप इतनी लाखों की भीड़ में अपने इमोशन को कैसे कंट्रोल कर पाए कैसे काबू कर पाए ?

पीएम मोदी- अब इसका तो कोई जवाब मेरे पास है नहीं। मैं कर्तव्य भाव से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूं। लेकिन फिर भी मैं रोक भी नहीं पाता हूं, कभी-कभी अपने आप को, वैसे यह मेरी निजी संपदा भी है मेरे इमोशंस लेकिन जब मैं देखता हूं छोटे-छोटे बच्चे कुछ ना कुछ अपना करके, तब मेरे मन में वो चित्र मेरी मां का है इसलिए नहीं, ये बच्चे मुझे, ऐसा मैं कह सकता हूं कि शायद ( भावुक होते हुए) उनके लिए मैं प्रधानमंत्री नहीं हूं। वो मुझे प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखते हैं। वो मुझे, एक मां के बेटे के रूप में देखते हैं और वो खुद को अपनी मां के साथ खुद को कनेक्ट करते हैं। और उस लिए मुझे लगता है वो मेरी तस्वीर अकेले वाली बहुत कम होते हैं, ज्यादातर तस्वीर जो लेकर आते हैं बच्चे बना बना करके व मेरी मां के साथ लाते हैं। तो ये जो है वह मुझे बहुत प्रेरित करता है। क्योंकि प्रधानमंत्री तो खैर अब दुनिया में थोड़ा रहता है।

 

मीनाक्षी जोशी- नहीं, लेकिन यह कोई आम बात नहीं है प्रधानमंत्री जी, एक और तस्वीर और मुझे बड़ी हैरानी होती है इतनी बड़ी भीड़ में आपको एक बूढ़ी अम्मा दिखाई देती है जिनके लिए आप चेयर की व्यवस्था कर देते हैं। आपको, वो साधु दिखाई दे जाते हैं जो आपके लिए हाथ उठाकर महादेव से आशीर्वाद मांगते हैं, माला दिखाते हैं, ये कोई आम बात नहीं।

पीएम मोदी- ऐसा है कि जब मैं भाषण करता हूं ना, परमात्मा ने शायद मुझे बहुत प्रकार की फैकल्टी एक साथ मेरी काम कर रही है। ईश्वर की कृपा है। तो मैं भाषण भी करता हूं, थॉट प्रोसेस भी चलता है और मैं कनेक्ट भी करता हूं और मैं देखता भी हूं। तो मान लीजिए, ऐसा नहीं कहीं किसी को तकलीफ है, इवन कहीं छोटा सा स्पार्क हुआ, आग लगी, मेरा तुरंत ध्यान जाता है।

 

मीनाक्षी जोशी- हां, हमने ये नोटिस किया है।

पीएम मोदी- एकदम तो, मैं निर्जीव रोबोट की तरह भाषण बोल करके चले जाना, वो मेरी दुनिया नहीं है। मैं लोगों से जीता हूं। मैं लोगों के मन के साथ जुड़ता हूं। मैं इस प्रवाह में बहता हूं, जो जन प्रवाह होता है उसमें बहता हूं और उसके कारण हो सकता है बहुत चीजें नहीं भी देख पाता हूं लेकिन ज्यादातर मेरी नजर चली जाती है। और दूसरा, शायद कोई बहुत बढ़िया वेश- भूषा करके आएगा तो मेरा ध्यान नहीं जाएगा, कोई गरीब है, कोई तकलीफ में है, कोई छोटा बालक है, तो मेरा शायद उस तरफ ज्यादा ध्यान, एकदम मेरी आंख चिपक जाती है और मैं जब तक उसका सल्यूशन न हो, मैं अपने एसपीजी को भी कहता हूं यार भाई रोको जरा उसको उसकी चिंता करो। तो शायद, मेरे अब कभी कभी मैंने देखा कि जो पुलिस के लोग वहां होते हैं तो मैं देखता हूं कोई बच्ची खड़ी है पुलिस डिपार्टमेंट की लेकिन वो अस्वस्थ है तो मैं कहता हूं देखो भाई वो बच्ची गिर जाएगी, गिरने से पहले मैं बताता हूं, कभी मैं कहता हूं मेरी जो डॉक्टरों की टीम है मैं कहता हूं, दौड़ो भाई ये कोई परेशान है कोई अफसर वो तीन- तीन चार -चार घंटे खड़े रहते है। तो यह मेरे, शायद मेरे स्वभाव का हिस्सा होगा।

 

मीनाक्षी जोशी- हां ये, यह तो कहा जा सकता है मोदी जी क्योंकि जो अंदर होता है वही चेहरे पर आता है वही भाव में आता है। एक तस्वीर ऐसी, एक छोटी सी बच्ची किसी को भी परिवार की कमी कहां महसूस होगी लेकिन फिर भी विपक्ष कहता है कि आप परिवार का दर्द कहां जानेंगे? आपका परिवार नहीं है।

पीएम मोदी- परिवार को जिए हैं। इसलिए परिवार के बाहर की दुनिया शायद ना देखी होगी ना समझे होंगे। उनके लिए बाकी सब लोग, उनकी जनता होगी या उनके सेवादार होंगे। मेरे लिए जनता, जनार्दन ईश्वर का रूप है। और मैं हमेशा कहता हूं, मेरा भारत मेरा परिवार यानी मैं एक प्रकार से, यह शब्दों में नहीं है जी, मैं इसको जीता हूं। बहुत से लोग हैं, जो मुझे कभी जिंदगी में मिले नहीं होंगे, कभी मिलने वाले भी नहीं होंगे लेकिन मैं देखता हूं, उसकी आंखों में आंसू है, वो प्यार बहा रहा है, अब मेरे पास इसका कोई तर्क नहीं है। कोई जवाब नहीं है।

 

मीनाक्षी जोशी- वो ऐसे आक्षेप क्यों लगाते हैं फिर। कई बार तो ऐसा लगता है कि वह आपसे नफरत करने लग गए हैं क्या ?

पीएम मोदी- ऐसा है, वो नफरत तो शायद मेरे जन्म से पहले से करते आए हैं। और जब तक सार्वजनिक जीवन में हूं, वो शायद शब्दों में नफरत व्यक्त करेंगे लेकिन नफरत वो पालते ही रहेंगे शायद और वह भी आने वाली कई पीढ़ियों तक नफरत पालते रहेंगे।

 

मीनाक्षी जोशी- आपने पिछले चुनाव के दौरान गिनती में बताया था कि अब तक तो 98 गालियां हो चुकी है और अब हम 2024 में है गालियों की संख्या तो 200 तक पहुंच चुकी होगी?

पीएम मोदी- बहुत गालियां होती हैं। लेकिन मैं इसमें अपना समय खराब क्यों करूं? मुझे किसी ने बताया कि इतनी हो चुकी, मैं कई सोशल मीडिया पर देखा था तो बोल दिया। मैं अपना मन काम में लगाया हुआ हूं। और जब मैं काम करता हूं तो मैं नहीं मानता हूं कि मेरा एक कोई शरीर है जिसको कोई नरेंद्र मोदी के रूप से लोग पहचानते हैं, वह काम कर रहा है। मुझे क्षमा करें देशवासी, मैं जो कहने जा रहा हूं, वो जो लेफ्ट लिबरल लोग हैं उनके लिए तो बहुत ही गुस्से वाली बात हो जाएगी। हो सकता है वो मेरा आने वाले दस दिन तक मेरी धज्जियां उड़ा देंगे लेकिन मैं अनुभव करता हूं कि एक शरीर या कोई एक नरेंद्र मोदी नाम का व्यक्ति ये सब नहीं कर सकता है जी। फिर मुझे लगता है कि फिर क्यों करता है? तो मैं जिस ईश्वर को आप देख नहीं पाते, हम देख नहीं पाते, मैं अब कन्विंस हो चुका हूं, अच्छा हो बुरा हो लेकिन मैं कन्विंस हो चुका हूं, मेरा व्यक्तिगत कनविक्शन है कि शायद परमात्मा ने मुझे किसी काम के लिए भेजा है। परमात्मा ने ही मुझे यह हजारों साल की गुलामी से मेरे देश जो निकला है। वो अब सच्चे अर्थ में समृद्धि की तरफ जाए जैसा कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। मेरा देश फिर से एक बार ऐसा बने, शायद ऐसे ही किसी काम के लिए परमात्मा ने मुझे भेजा है। ऐसा मैं मानता हूं। शरीर का जन्म तो कहीं होता है तो हुआ होगा। दूसरा, मैं देखता हूं 140 करोड़ देशवासी वो मेरे लिए ईश्वर का रूप है। वो मुझे रोज ऊर्जा देते हैं, मुझे प्रेरणा देते हैं, मुझे प्रोत्साहित करते हैं, मुझे उनके लिए कुछ काम करने के लिए लालायित करते हैं, दौड़ाते हैं और शायद यही एक कारण है कि बिना थके, बिना रुके, इतनी अनाप- शनाप बातें होने के बावजूद भी, लोकतंत्र में इतने भारी बहुमत से सरकार बने और कुछ परिवार ऐसा हो कि उस लोकतंत्र के इस निर्णय को भी स्वीकार करने को तैयार ना हो, वो मानने को तैयार नहीं हो कि देश में अब सरकार दस साल से कोई बदली हुई है।

 

मीनाक्षी जोशी- वो तो यह कह रहे हैं आप संविधान बदल देंगे।

पीएम मोदी- ये जो जिनकी सोच है, उनसे मैं ज्यादा अपेक्षा नहीं कर सकता जी।

 

मीनाक्षी जोशी- नहीं, वो ये तो एक नैरेटिव सेट करना चाह रहे हैं कि आपकी सरकार इस बार भी बन गई तो संविधान बदल देंगे आप?

पीएम मोदी- पहली बात है, जहां तक संविधान का सवाल है, इस देश में संविधान के साथ सबसे पहले खिलवाड़ किसने किया। पंडित नेहरू, उन्होंने सबसे पहला संविधान में जो अमेंडमेंट किया वह फ्रीडम ऑफ स्पीच को रिस्ट्रिक्शन किया। अन डेमोक्रेटिक मूव था। प्रधानमंत्री जी की बेटी जो प्रधानमंत्री बनी, इंदिरा जी, उन्होंने कोर्ट के एक निर्णय को उलट दिया। उन्होंने इमरजेंसी लगा दी। अखबारों को ताले लगा दिए। सबको जेल में बंद कर दिय। संविधान का कि चूरे-चूरे उड़ा दिए उन्होंने और पूरे विश्व में हमारी बेइज्जती हुई। फिर उनके बेटे श्रीमान राजीव गांधी .प्रधानमंत्री बने, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट शाह बानो का उसको उलट दिया। उन्होंने संविधान सुधार करके, कानून बदल करके, महिलाओं के अधिकार का विषय था, वोट बैंक की खातिर उसको नकार दिया। फिर उनके बेटे, शहजादे, सरकार और कैबिनेट उस संविधान की कोख से पैदा होती है। डॉक्टर मनमोहन सिंह जी संविधान के द्वारा बने हुए प्रधानमंत्री थे। डॉक्टर मनमोहन सिंह जी की कैबिनेट संविधान के द्वारा बनाई हुई कैबिनेट थी। उस कैबिनेट ने एक निर्णय किया, इन्होंने पत्रकार परिषद बुलाई। पत्रकारों के बीच बह कर के उस कैबिनेट के निर्णय के चूरे-चूरे करके फेंक दिया। ये चारों घटनाएं सबूत है कि वे संविधान के प्रति, पूरी तरह उसके दुश्मन है, संविधान को अपने मन मुताबिक उपयोग करते हैं। उनके लिए संविधान ना कोई भावना का विषय है ना कोई जिम्मेवारी का विषय है। ऐसे लोगों को संविधान की बात करना उनके मुंह में शोभा नहीं देती है। शब्द भी संविधान उनके मुंह से सुनता हूं, तो चैन मेरा खो जाता है, कि जिन्होंने यह बर्बाद कर दिया वो बता रहे हैं। हम हैं, बाबा साहब आंबेडकर का हम इतना गौरव गान करते हैं, संविधान सभा का इतना गौरव गान करते हैं। लेकिन ये बात स्वीकार करें 75 साल तक इस देश का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था और यह उनकी गुनाहित कृत्य था। अगर आपको देश की जनता ने चुना है तो आपका जिम्मा है कि आप संविधान का लेटर एंड स्पिरिट में उसको लागू करें, जम्मू कश्मीर में संविधान नहीं लगता था, वहां संविधान अलग था। मेरी सरकार ने आ करके धारा 370 हटा करके संविधान के सही रूप में हिंदुस्तान के हर कोने में लेटर एंड स्पिरिट के साथ उसको लागू किया। संविधान का अगर कोई पुजारी है तो मोदी है। संविधान का कोई रक्षक है तो मोदी है। दूसरा, भारत की संविधान सभा ने लंबी चर्चा करने के बाद तय किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा और आज यह संविधान बदल करके धर्म के आधार पर आरक्षण करने की दिशा में जा रहे हैं। वे संविधान की पीठ में छुरा भोंक रहे हैं। संविधान निर्माताओं के साथ धोखा कर रहे हैं। बाबा साहब आंबेडकर का अपमान कर रहे हैं और इसलिए मैं लड़ाई लड़ रहा हूँ कि मैं संविधान की जो मूल भावना थी, संविधान सभा की मूल भावना थी, उसके खिलाफ होने वाले किसी भी प्रयास के खिलाफ, जी जान से लडूंगा और मैं संविधान की रक्षा के लिए समर्पित हूं।

 

मीनाक्षी जोशी- प्रधानमंत्री जी, बस एक अंतिम प्रश्न क्योंकि मैं जानती हूं समय की कमी है, बहुत सारे व्यस्त आपके कार्यक्रम है। आपने क्योंकि अपने पिछले वक्तव्य में कहा शहजादे वो शहजादे हैं और वह आपको कहते हैं तानाशाह।

पीएम मोदी- शायद, उनकी डिक्शनरी में यही मुख्य शब्द है। और जब वह एक चुने हुए प्रधानमंत्री को इस प्रकार की भाषा बोलते हैं तब वो इस देश के नागरिकों का अपमान कर रहे हैं। वे इस देश के मतदाताओं का अपमान करते हैं। क्या भारत के मतदाता ऐसे हैं कि किसी तानाशाह को देश दे दे? भारत के मतदाता इतने समझदार है कि तानाशाही का एक कृत्य इस देश में 1975 में हुआ तो दो साल के भीतर, भीतर इस देश ने उस तानाशाही को उखाड़ करके फेंक दिया। भारत के लोगों के रगों में लोकतंत्र है। और इसलिए कोई कहें कि भारत की जनता ऐसी अबूध है कि वह डिक्टेटर को चुनती है तो यह भाषा मोदी को गाली नहीं है, यह देश के कोटि कोटि मतदाताओं को गाली है। और दूसरा, एक ऐसा व्यक्ति जो लगातार रिकॉर्ड मेजोरिटी से लंबे काल तक इस देश के महत्वपूर्ण राज्य का मुख्यमंत्री रह के आया। एक ऐसा व्यक्ति जो लगातार दस साल के देश की जनता उसको चुनाव में जिता रही है, इसका मतलब कि आप मोदी का अपमान नहीं कर रहे हैं, आप भारत के लोगों की समझदारी का अपमान कर रहे हैं। भारत के लोगों का लोकतंत्र के प्रति जो कमिटमेंट है उसका अपमान कर रहे हैं।

 

मीनाक्षी जोशी- अब इसका जवाब तो जनता दे देगी लेकिन प्रधानमंत्री जी अपने इतने व्यस्त शेड्यूल में से आपने इंडिया टी के लिए समय निकाला।

पीएम मोदी- मैं आपके दर्शकों को भी मेरा प्रणाम कहता हूं। और आपके दर्शकों से मेरा यही आग्रह होगा कि लोकतंत्र में चुनाव एक महापर्व होता है। और इस महापर्व में आपका हर एक का एक वोट लोकतंत्र का गहना बन जाता है। लोकतंत्र की शोभा बढ़ाता है। और देश की शान बढ़ाता है। मैं सभी मतदाताओं से आग्रह करूंगा आपको जो मर्जी पड़े, जहां मर्जी पड़े वोट दीजिए, वोट अवश्य दीजिए। मैं देश के फर्स्ट टाइम वोटर को कहूंगा कि आप देश के लिए वोट कीजिए, जिसमें आपको लगता है कि आपका भविष्य सुरक्षित हो और जब मैं विकसित भारत की बात करता हूं तो आज जो 20 -25 साल 27 साल का नौजवान है, मैं उसका भविष्य निश्चित करना चाहता हूं ताकि उसके संतानों को भी कभी अपनी जिंदगी जीने के लिए इतनी जद्दोजहद न करना पड़े। मैं आपके दर्शकों को नमस्कार करते हुए आपका भी बहुत-बहुत धन्यवाद।

मीनाक्षी जोशी- बहुत धन्यवाद प्रधानमंत्री जी।

  • Jitendra Kumar May 02, 2025

    ❤️🇮🇳🙏
  • Dheeraj Thakur March 07, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur March 07, 2025

    जय श्री राम
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • PawanJatasra January 25, 2025

    🙏🙏
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Rt Hon David Lammy, Foreign Secretary of the United Kingdom calls on Prime Minister Shri Narendra Modi
June 07, 2025
QuotePrime Minister expresses satisfaction at the successful conclusion of the India-UK Free Trade Agreement and Double Contribution Convention
QuotePM Modi underscores the need for a decisive international action against terrorism

Rt Hon David Lammy, Foreign Secretary of the United Kingdom called on Prime Minister Shri Narendra Modi today.

PM Modi expressed satisfaction at the successful conclusion of the India-UK Free Trade Agreement and Double Contribution Convention and appreciated the constructive engagement by both sides that led to this milestone.

PM Modi welcomed the growing momentum in bilateral ties and expressed satisfaction at the deepening of the India-UK Comprehensive Strategic Partnership. He welcomed the continued collaboration under the Technology Security Initiative and noted its potential to shape trusted and secure innovation ecosystems.

FS David Lammy conveyed UK’s strong interest in further enhancing cooperation across key sectors including trade and investment, defence and security, technology, innovation, and clean energy. He expressed confidence that the FTA will unlock new economic opportunities for both countries.

The two leaders exchanged views on regional and global issues. UK Foreign Secretary strongly condemned the Pahalgam terror attack and expressed support for India’s fight against cross border terrorism. PM Modi underscored the need for a decisive international action against terrorism and those who support it.

Prime Minister conveyed his warm greetings to the UK Prime Minister Sir Keir Starmer and reiterated the invitation for his visit to India at the earliest mutual convenience.