PM Modi's interview to Hindusthan Samachar

Published By : Admin | June 3, 2015 | 11:29 IST

एनडीए सरकार के एक साल पूरे होने पर विपक्ष के आरोपों को झेलते, आम आदमी के अच्छे दिनों के सपनों को पूरा करने का विश्वास दिलाते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब, किसान , खेतीहर मजदूर, बेरोजगार युवा की बातें करते नजर आए। नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को लेकर अपने दौरे के बारे में खुलासा किया। हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी के एडिटोरियल डॉयरेक्टर श्रीराम जोशी को दिए अपने विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर विपक्ष को तीखे जवाब दिए ।

 

हिन्दुस्थान समाचार- एनडीए (राजग) सरकार आने के बाद देश के माहौल में एक सकारात्मक बदलाव आया है । इसका श्रेय आपको जाता है । इसे आप कैसे देखते हैं ?

प्रधानमंत्री - देश में 30 वर्षों के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है । सरकार बनने के पीछे देश के करोड़ों देशवासियों की मनोस्थिति थी और देश की तत्कालीन स्थिति थी । चारो तरफ निराशा का माहौल था । आए दिन भ्रष्टाचार की नई खबर उजागर होती थी । सरकार के अस्तित्व की कहीं अनुभूति नहीं होती थी। ऐसे घोर निराशा के माहौल में इस सरकार का जन्म हुआ है ।

आज हर कोई देशवासी गर्व के साथ कह सकता है कि हम बहुत ही कम समय में निराशा को न सिर्फ आशा में अपितु विश्वास में तब्दील करने में सफल हुए हैं । एक समय था सरकार नहीं थी ऐसी चर्चा थी, आज चर्चा है, सरकार सबसे पहले पहुंच जाती है । एक समय था रोज नए भ्रष्टाचार की घटनाएं.. आज एक वर्ष हो गया भ्रष्टाचार का कोई आरोप, हमारे राजनीतिक विरोधियों ने भी नहीं लगाया ।

विदेशी निवेशकों और विदेशी संस्थाओं का दृष्टिकोण भारत के प्रति संपूर्ण रूप से बदल गया है । विश्व बैंक हो या अंर्तराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन सभी ने एक सुर से भारत की अर्थव्यवस्था की सही दिशा पर मुहर लगाई है । अभी कुछ ही दिन पहले वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर रेटिंग दी है । जैसे-जैसे एक के बाद एक काम में सफलता मिलती जा रही है, एक के बाद एक अच्छे परिणाम मिलते जा रहे हैं । जनता का प्रेम और आर्शीवाद बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे हमारे काम करने की उमंग भी बढ़ती जा रही है ।

हिन्दुस्थान समाचार -आपकी सरकार के दूसरे कार्यकाल की क्या प्राथमिकताएं हैं?

प्रधानमंत्री - देश के आर्थिक विकास के आधार क्या है? जमीन में से क्या अतिरिक्त पैदावार हासिल कर सकते हैं यह एक आधार है । अपनी खनिज संपदा से हम क्या नया निर्माण कर सकते हैं, वह दूसरा है और तीसरा आधार है हमारी युवा जनशक्ति जिसकी बुद्धि, बल और परिश्रम देश के परिवर्तन में योगदान के लिए आवश्यक है । हमें खुद तय करना है । यदि इन तीन बातों को एक सूत्र में ठीक ढंग से पिरो लिया जाए तो देश तरक्की कर सकता है। भारत एक युवा देश है। रोजगार अधिकत्तम लोगों को कैसे मिले, ये हमारी प्राथमिकता है। हम उद्योग चाहते हैं, हम नए उद्योग भी चाहते हैं । जैसे कृषि आधारित क्षेत्र में वैल्यू एडिशन कैसे हो ताकि किसान को ज्यादा लाभ मिले। कृषि आधारित उद्योग का जाल कैसे बने। दूसरा क्षेत्र है हमारी जो खनिज सम्पदा है, उसमें मूल्यवृद्वि कैसे हो । हम कच्चा माल विदेश भेंजे, कि हम कच्चे माल के आधार पर उद्योग लगाएं और तैयार सामान दुनिया को भेंजे । और हमारी खनिज सम्पदा से मूल्यवृद्वि हो । हमारी कोशिश है कि अब देश से लौह अयस्क बाहर नहीं जाना चाहिए, स्टील क्यों नहीं तैयार होना चाहिए । हमारा सूती कपड़ा विश्व बाजार में जाकर रेडिमेड गारमेंट और फैशन बनता है । हम इसे देश में क्यों नहीं कर सकते जिससे देश के नौजवानों को रोजगार मिले ।

हम कब तक पिछड़े रहेंगे, हमारा गरीब कब तक बेघर रहेगा । गरीब को घर देना, ये राष्ट्र की जिम्मेवारी है, साथ-साथ घर देने का कार्यक्रम एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर का काम भी है । अगर देश में करोड़ों मकान बनते हैं तो करोड़ो नौजवानों को रोजगार भी मिलता है । रेलवे एक गरीब व्यक्ति का साधन है । अगर गरीबों को लिए कुछ करना है तो रेलवे की उपेक्षा नहीं चल सकती क्योंकि गरीब रेलवे में जाता है । हमारी रेल गंदी हो, रेल के समय का कोई ठिकाना न हो, ऐसा कब तक चलेगा ? हम रेलवे को आधुनिक बनाना चाहते हैं, हम रेलवे की गति बढ़ाना चाहते हैं और रेलवे के माध्यम से भी हम रोजगार बढ़ाना चाहते हैं और गरीब की सुविधा बढ़ाना चाहते हैं। यह कुछ उदाहरण हैं ।

 हिन्दुस्थान समाचार - भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष को कैसे मनाएंगे ? विपक्ष आपको किसान विरोधी साबित करने पर आमादा है।

प्रधानमंत्री - मेरा देश के नागरिकों से एक सवाल है कि इस झूठ को फैलाने वालों से यह सवाल पूछें क्या भारत सरकार के पास जमीन होती है ? सबको मालूम है कि जमीन राज्य सरकारों के पास होती है। अपना कार्यालय बनाने के लिए भी भारत सरकार को जमीन राज्य सरकारों से मांगनी पड़ती है । राजनीतिक स्वार्थ एवं स्वार्थी माहौल के कारण सत्य लोगों तक पहुंचने में अनेक रूकावटें आई हैं । जैसे भूमि अधिग्रहण बिल से व्यवसायिक घरानों के लिए जमीन ले ली जाएगी, ये झूठ फैलाने में हमारे विरोधी दिन-रात एक कर रहे हैं । हमने जो सुधार सूचित किए हैं उनसे एक इंच जमीन भी उद्योग को मिलने में सुविधा नहीं होगी । ये सरासर झूठ है लेकिन चलाया जा रहा है । लेकिन मुझे विश्वास है कि जैसे-जैसे निष्पक्ष लोग सत्य जानते जाएंगे, और जानने लगेंगे, वैसे-वैसे स्वार्थी राजनीतिक शक्तियां अलग-थलग पड़ जाएंगी । और किसान इस नए बिल से अधिक सुरक्षित महसूस करेगा, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। पहले के भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव करना, न भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा था, और न ही मेरी सरकार का। नई सरकार बनने के बाद के बाद करीब-करीब सभी राज्यों की सरकारों की तरफ से आग्रहपूर्वक मांग की गई कि भारत सरकार इस कानून में परिवर्तन करे । और आज राज्यों में सभी दलों की सरकारें हैं। हमारे भी ध्यान में आया है कि जल्दबाजी में बने हुए 2013 के कानून में, किसान विरोधी जितनी बातें हैं, विकास विरोधी जो प्रावधान हैं, अफसरशाही को बढावा देने के लिए जो व्यवस्थाएं है, उनको ठीक करके किसान को संरक्षित करना चाहिए ।

नए विधेयक के जरिए हम जो सुधार करना चाहते हैं अगर वो नहीं लाते, तो किसानों के लिए सिंचाई योजनाएं असंभव बन जातीं । गांवों में किसानों को पक्के रास्ते नहीं मिलते, गांव में गरीबों के लिए घर नहीं बन पाते । और इसलिए गांव के विकास के लिए, किसान की भलाई के लिए, कानून की जो कमियां थी वो दूर करनी जरूरी थीं । और जिसकी राज्यों ने मांग की थी । हमने किसान हित में एक पवित्र एवं प्रमाणिक प्रयास किया है । मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में झूठ बेनकाब होगा, और भ्रम से मुक्ति मिलेगी। जानबूझ के फैलाये गए भ्रम से देश को मुक्ति मिलेगी ।

 हिन्दुस्थान समाचार - राज्यसभा में राजग की कमजोर स्थिति सरकार के लिए परेशानी बनी हुई है। इससे निपटने का कोई खास तरीका?

प्रधानमंत्री - मैं समझता हूं कि किसी भी देशहित में विचार करने वाले नागरिक के मन में यह विचार आना बहुत स्वाभाविक है । लेकिन इसके लिए सरकार को कठघरे में रखने की जो परंपरा बनी है वो उचित नहीं है । हम सब भली-भांति जानते हैं कि राज्यसभा में हमारा बहुमत नहीं है । हम ये भी जानते है कि राज्यसभा में जो दल हैं उनके हरेक के अपने-अपने राजनीतिक विचार हैं । और इसलिए सरकार की कोशिश है कि इस परिस्थिति में भी सबको साथ ले करके चलना । रास्ते निकालना और देश हित को आगे बढ़ाना । मुझे खुशी हैं कि इतने कम समय में 40 से अधिक विधेयक हम पारित करवा चुके हैं । और मैं इसके लिए विपक्ष का भी धन्यवाद करता हूं । हम सबका प्रयास रहे कि लोकसभा ने जिन भावनाओं को प्रकट किया हो, राज्यसभा भी उन भावनाओं को आदर करते हुए देश हित के निर्णयों को आगे बढ़ाये।

हिन्दुस्थान समाचार - विदेश में आपकी बहुत चर्चा है। आपको सुनने के लिए लोग उमड़ रहे हैं। लेकिन क्या आपको नहीं लगता है कि आपके कुछ बयान (जैसे कि देश के लोग पहले भारतीय होने पर शर्मिंदा होते थे आदि) से लोगों को नाराजगी हो सकती है?

प्रधानमंत्री - मेरा यह कहना है कि जब तक हम अपना आत्मविश्वास नहीं बढ़ाएंगे तब तक विश्व में ऊंचा स्थान नहीं मिलेगा । और यह आत्मविश्वास तब बढ़ता है जब देश के अन्दर की व्यवस्था सुचारू रूप से चले । हम जानते हैं कि 21वीं सदी की शुरुआत में पूरे विश्व में भारत के प्रति बहुत आशाएं थीं । लेकिन गत एक दशक में पूरे विश्व में भारत के प्रति निराशा का माहौल बन गया । ऐसी स्थिति में मेरी सरकार की जिम्मेवारी बनी । मैं जानता था चुनौतियां बहुत बड़ी है । विश्व मेरे लिए भी नया था और मैं भी विश्व के लिए नया था । विश्व में भारत के प्रति नजरिया बदले, ये अनिवार्य था, और इसलिए मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया- खुद जाउंगा ! दुनिया को भारत के प्रति, इसकी शक्ति के संबंध में, भारत की संभावनाओं के संबंध में संवाद करुंगा, बराबरी से बात करुंगा। देश का दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने हम लोगों को अपनी बुराइयां बताने का एक फैशन सवार हो गया है । कोई भी मौका अपने देश की नकारात्मक छवि बनाने के लिए नही छोड़ा जाता। इस कारण भले ही हमारा ध्येय देश में सुधार लाने का रहा हो, पर हमारे अपने इस अजीब फैशन के कारण हमारे आत्मगौरव को गहरी चोट पहुंचती है । अभी भी कुछ लोग हैं जिनको दुनिया के सामने देश के बारे में नकारात्मक बाते करने में आनंद आता है, पर ऐसे लोगों के चेहरे छुपे नहीं है ।

आज मुझे इस बात का संतोष है कि विश्व में भारत की तरफ देखने का नजरिया बहुत ही सकारात्मक हुआ है। इस सफलता में हमारी सरकार की नीति, रणनीति और प्रयासों का तो योगदान है ही, लेकिन साथ-साथ सवा सौ करोड़ देशवासियों का बड़ा योगदान है । 30 वर्षों के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी है, उसके कारण भी निर्णायक सरकार की छवि होने के कारण विश्वास पैदा करने में सुविधा बढ़ी है। कोई भी भारतीय इस बात पर गर्व कर सकता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की तरफ से अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए प्रस्ताव रखा जाए और संयुक्त राष्ट्र संघ के इतिहास में पहली बार दुनिया के 177 देश उसको समर्थन करें और सिर्फ 100 दिन में ये प्रस्ताव पारित हो जाए । ये घटना अपने आप में हर भारतीय के लिए गर्व की बात है ।

हिन्दुस्थान समाचार -पाकिस्तान से संबंधों पर आपकी क्या राय है ? क्या भविष्य में आप वहां का दौरा भी करेंगे?

प्रधानमंत्री - पाकिस्तान से मात्र और मात्र एक ही उम्मीद है कि वह शांति एवं अहिंसा के मार्ग पर चले, बाकी कोई अड़चन नहीं है। हिंसा का मार्ग न ही उनके लिए , न हमारे लिए लाभदायक है । यह समस्या दौरे से नहीं दिल से सुलझेगी। अब भारत और पाकिस्तान दोनों ने तय करना होगा कि आपस में लड़ने से आवाम का भला होगा या मिलकर गरीबी से लड़ने से अवाम का भला होगा ?

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हिन्दुस्थान समाचार को दिया विशेष साक्षात्कार (भाग-दो)

 

एनडीए सरकार के एक साल पूरे होने पर हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी को दिए अपने विशेष साक्षात्कार में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता को राजनीति से मुक्त करने की बात की। किसानों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला नहीं रुकने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने समस्या को जड़ से खत्म करने के प्रयासों पर काम करने का आह्वान किया। वहीं स्वच्छ भारत और गंगा स्वच्छता अभियान को लेकर अपना संकल्प दोहराया।

हिन्दुस्थान समाचार- जिस प्रकार गुजरात और महाराष्ट्र में सहकारिता को काफी मजबूती मिली है उसी प्रकार देश के अन्य राज्यों में भी सहकारी संस्थायें मजबूत बनकर जनहित कार्यों में भागीदारी निभायें। इन दो राज्यों को छोड़ अन्य राज्यों में सहकारी संस्थायें काफी कमजोर हैं आप सहकारिता को मजबूत करने के लिये क्या कदम उठा रहे हैं।

प्रधानमंत्री -सहकारी क्षेत्र को शक्ति मिलनी चाहिए । परंतु यह विषय एक तो राज्य के अधिकार क्षेत्र में है और समाज के स्वभाव से अधिक जुड़ा हुआ है । जहां-जहां सहकारी क्षेत्र को राजनीतिक अखाड़े से मुक्त रखा गया, वहां सहकारी क्षेत्र को लाभ हुआ है । कानूनों का इस्तेमाल करके टोलियां बना करके सहकारी संस्था खड़ी करने से सहकारिता की भावना नहीं आती है । इसलिए सहकारी क्षेत्र की सफलता नियम कानूनों की चौखट से नही निकलती है । सहकारिता एक दायित्व है, जिसमें समर्पण की भावना सबसे पहले दिखनी चाहिए । तभी हाथ में हाथ मिलाकर आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है । कानून और राज्य के भरोसे सहकारिता की शुरुआत तो की जा सकती है, लेकिन सहकारिता की भावना को समाज व क्षेत्र के नेतृत्व से ही आगे बढ़ाना होगा। इस तरफ से जो भी जरूरत उनकी सामर्थ्य को साकार करने के लिए जरूरी है हम करते रहेंगे ।

हिन्दुस्थान समाचार - भारत में कृषि पर मंडराते खतरे को आप कैसे खत्म करेंगे? क्या सरकार की कोई खास योजना है?

प्रधानमंत्री - दुर्भाग्य है कि आजादी के 68 सालों के बाद भी भारत में सिर्फ 45 प्रतिशत कृषि जमीन सिंचित है। बाकी 55 प्रतिशत वर्षा पर निर्भर रहती है। इसलिए आपकी चिंता सही है । बदलते हुए युग में हमारी कृषि को वैज्ञानिक और आधुनिक बनाने पर बल देना चाहिए था। समय रहते ये होना चाहिए था, परिवारों में वृद्वि हो रही है, पीढ़ी-दर-पीढ़ी जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में परिवार में विभाजित होती जा रही है। कृषि की लागत लगातार बढ़ रही है। एक समय था जब देश का किसान भारत के विकास में 60 प्रतिशत योगदान करता था। आज उतने ही किसान सिर्फ 15 प्रतिशत योगदान दे पा रहे हैं। खेत मजदूरों को तो कभी कोई पूछता भी नहीं है, इसलिए भारत में कृषि को आधुनिक भी बनाने की जरूरत है। वैज्ञानिक बनाने की आवश्यकता है। प्रति एकड़ उत्पादकता कैसे बढ़े ? ताकि कम जमीन में भी किसान को आर्थिक रूप से लाभ मिले। हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड लागू करने का काम शुरु किया है, जिससे किसान के खेत में कम लागत से सही इनपुट जाए और उत्पादकता बढ़े। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जरिए सिंचाई की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का प्रयास है। यूरिया में नीम की कोटिंग करने पर बल दिया है जिससे की किसानों को मिलने वाली यूरिया बिचौलिये एवं व्यापारी वर्ग बेच न खाएं। किसानों के लिए मौसम की जानकारी से लेकर बाजार भाव की समयोचित सूचना एवं कृषि पैदाइश के संग्रह एवं लम्बे समय तक रख-रखाव के लिए व्यवस्थाओं को खड़ी करना एवं सुदृढ़ करने की दिशा में हमने काम किसान चैनल प्रारंभ करके हाथ में लिया है। इन सारे प्रयासों का सुखद परिणाम देश के अन्नदाताओं को जरुर मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार - ओलावृष्टि में खराब हुई फसलों से बर्बाद किसानों के लिए सरकार क्या करने जा रही है? किसानों की आत्महत्या आज भी जारी है।

प्रधानमंत्री - हमारे देश में हर वर्ष किसी न किसी भू-भाग पर प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों का नुकसान होता रहा है। इस बार ओले गिरने से और बिन मौसम बारिश के कारण नुकसान हुआ है। ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के समय भूतकाल में बातों से ज्यादा किसानों को कुछ नहीं मिलता था। मैं स्वयं गुजरात में मुख्यमंत्री था । ऐसी अनेक आपदाएं हमने झेली लेकिन कभी केंद्र सरकार से कोई विशेष लाभ हम किसानों के लिए नहीं ले पाए थे। जबकि इस बार इस आपदा के समय सरकार की सक्रियता, मंत्रियों की आपदाग्रस्त किसानों के साथ सीधी बातचीत, मंत्रियों का क्षेत्र में भ्रमण , सरकारी अधिकारियों की टोलियों को पहुंचाने का काम, सर्वेक्षण का काम तेज गति से हुआ है। जिन विषयों पर राज्यों के द्वारा वर्षों से मांग होती थी, उनके बारे में हमने नीति-विषयक निर्णय कर लिए हैं । भारत सरकार ने प्रभावित किसानों की मदद के लिए अभी तक के नियमों में बदलाव किया है। उन किसानों को भी राहत दी जा रही है जिनका नुकसान 33 प्रतिशत है। अभी तक यह मापदंड 50 प्रतिशत था। जिन राज्यों से भारत सरकार को ज्ञापन प्राप्त हुआ है। वहां भारत सरकार की टीम जा चुकी है और अग्रिम कार्यवाही हो रही है ।

हिन्दुस्थान समाचार - स्वच्छता अभियान और गंगा की सफाई में सारा देश आपके साथ जुड़ गया है। ये निरंतर जारी रहे इसके लिए जनता से कोई अपील?

प्रधानमंत्री - जब हम 2019 में राष्ट्रपति महात्मा गांधी जी की 150वीं जन्म जयंती मना रहे होंगे तब स्वच्छ भारत देकर हम भारतवासी अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि अपने प्रिय बापू को सच्चे मन से दे सकते हैं। जिन्होंने भी गांधी जी को देखा है, उनके बारे में पढ़ा है, वे सब जानते हैं कि स्वच्छता एक ऐसा विषय है जो बापू को अत्यंत प्रिय था और सफाई के विषय में वे कभी भी समझौता नहीं करते थे । हमें अपने व्यवहार में बापू के स्वच्छता के प्रति इस समर्पण को पूरे देश को दिखाना होगा और स्वच्छ भारत को अपने जीवन में उतारना होगा।

मैंने शुरु से ही यह बात कही है कि जनता के सहयोग के बिना स्वच्छता अभियान सफल नहीं होगा। हमें घर, मुहल्ले, गलियां साफ-सुथरा रखना होगा। हम जहां काम करते हैं, वह जगह साफ रखनी होगी। खासकर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल एवं स्कूल जैसे संस्थान साफ रहें इसके लिए हर नागरिक को चौकन्ना रहना पड़ेगा। मैंने शुरु से ही यह कहा है कि देश का हर नागरिक संकल्प करे कि हम गंदगी करेंगे नहीं और न ही होने देंगे। देशवासियों से मेरी अपील है कि उनका एक कदम भारत को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण होगा। उसी प्रकार गंगा की सफाई की भी बात है इसके प्रदूषण में हम नागरिकों का ही योगदान है। हम कोई ऐसा काम न करें जिससे पावन गंगा हमारे ही कर्मों के द्वारा दूषित हो ।

हिन्दुस्थान समाचार - आपकी दिनचर्या से सारा देश अवगत है। आप सुबह पांच बजे उठते हैं और देर रात एक बजे सोते हैं । काम के इस दबाव से कैसे मुक्त हो पाते हैं ?

प्रधानमंत्री- काम करने में सफलता मिले तो काम करने का दबाव महसूस नहीं होता। मैं इस बात का भी पक्षधर हूं कि थकावट काम पूर्ण करने से नहीं काम अधूरा रखने से आती है, उससे मानसिक तनाव बढ़ता है। इसीलिए मैंने एक आदत बनाई हैं कि सामने जो काम है उसे पूर्ण करके ही विश्राम करना। इसीलिए विश्राम का छोटा समय भी पर्याप्त होता है। कभी-कभी व्यक्ति अपने काम को स्वयं ऐसे हिस्सों में बांट लेता है कि यह मेरा अच्छा काम है। मैं लोगों से कह सकता हूं कि कोई काम छोटा –बड़ा नहीं होता । छोटे-बड़े की उलझन में पड़ना ठीक नहीं है, क्योंकि इस उलझन में न तो छोटे काम होते हैं और न ही हम बड़े काम कर पाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार – हमसे बात करने के लिए आपका धन्यवाद।

प्रधानमंत्री- धन्यवाद।

  • Jitendra Kumar April 23, 2025

    🙏🇮🇳
  • Amrita Singh September 22, 2024

    हर हर महादेव हर
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • rajiv Ghosh February 13, 2024

    abki baar 400 paar, Modi ji jindabad
  • Uma tyagi bjp January 31, 2024

    जय श्री राम
  • Arpita Narayan January 25, 2024

    🙏🙏🙏
  • Babla sengupta January 23, 2024

    Babla sengupta
  • Babla sengupta December 24, 2023

    Babla sengupta
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp October 12, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
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Prime Minister condoles passing of Dr. K. Kasturirangan
April 25, 2025

Prime Minister, Shri Narendra Modi, today, condoled passing of Dr. K. Kasturirangan, a towering figure in India’s scientific and educational journey. Shri Modi stated that Dr. K. Kasturirangan served ISRO with great diligence, steering India’s space programme to new heights. "India will always be grateful to Dr. Kasturirangan for his efforts during the drafting of the National Education Policy (NEP) and in ensuring that learning in India became more holistic and forward-looking. He was also an outstanding mentor to many young scientists and researchers", Shri Modi added.

The Prime Minister posted on X :

"I am deeply saddened by the passing of Dr. K. Kasturirangan, a towering figure in India’s scientific and educational journey. His visionary leadership and selfless contribution to the nation will always be remembered.

He served ISRO with great diligence, steering India’s space programme to new heights, for which we also received global recognition. His leadership also witnessed ambitious satellite launches and focussed on innovation."

"India will always be grateful to Dr. Kasturirangan for his efforts during the drafting of the National Education Policy (NEP) and in ensuring that learning in India became more holistic and forward-looking. He was also an outstanding mentor to many young scientists and researchers.

My thoughts are with his family, students, scientists and countless admirers. Om Shanti."