भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
तोहनी सबके प्रणाम करै हीयो। मंच पर विराजमान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता श्रीमान जीतन राम मांझी जी, यहीं के जनप्रिय सांसद एवं मेरे मित्र डॉ. अरुण कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमान शाहनवाज़ हुसैन जी, विधान पार्षद श्री कृष्ण कुमार जी, श्री अनिल शर्मा जी, श्री संजीव श्याम सिंह, श्री आशीष सूद जी, हम पार्टी के महासचिव श्री वीरेन्द्र कुमार सिंह, श्री राधा मोहन शर्मा, श्री नरेश कुमार, जिलाध्यक्ष श्रीमती पूनम शर्मा जी, भाई शिवराज सिंह, और इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार श्री प्रेम कुमार जी, चित्तरंजन कुमार जी, मसौढ़ी से हम पार्टी की उम्मीदवार नूतन पासवान जी, वजीरगंज से भाजपा के उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह जी, हमारे उम्मीदवार श्री अरविंद कुमार सिंह जी, कोसी से हम पार्टी के उम्मीदवार श्री राहुल कुमार, बेलागंज से हम पार्टी के उम्मीदवार श्यामली जी, जहानाबाद से रालोसपा के उम्मीदवार प्रवीण कुमार जी, रालोसपा के उम्मीदवार अशोक कुमार वर्मा जी; मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में आये हुए मेरे भाईयों और बहनों
ये मौसम ऐसा होता है जिस मौसम में बड़ी चिलचिलाती गर्मी होती है। चमड़ी को भी चीर डाले, ऐसी भयंकर गर्मी होती है। चुनाव की गर्मी भी होती है और ऐसे माहौल में भी इतनी बड़ी विशाल जनसभा होना... जहानाबाद के दोस्तों, मेरी शिकायत है और मेरी शिकायत मेरे मित्र अरुण से भी है। मैं लोकसभा के चुनाव में भी यहाँ आया था; लोकसभा के चुनाव में मैं ख़ुद चुनाव लड़ रहा था, अरुण चुनाव लड़ रहा था लेकिन आधे लोग भी नहीं आये थे और आज मैं देख रहा हूँ ऐसा जनसैलाब। हवा का रूख क्या है, उसका पूरा-पूरा पता चल जाता है। उस समय आधे लोग थे, फिर भी जीत गए और इस समय तो इतनी बड़ी भीड़ हमें समर्थन देने के लिए आई है।
भाईयों और बहनों, आज एक हिस्से में मतदान जारी है। मुझे जानकारी मिली कि मतदाता बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से और काफ़ी उमंग और उत्साह के साथ भारी संख्या में मतदान कर रहे हैं। आज जहाँ मतदान हो रहा है, मैं वहां के सभी मतदाताओं को ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ। वे आज अपने अधिकार का उपयोग करने जा रहे हैं। मैं चुनाव आयोग का भी अभिनंदन करता हूँ क्योंकि जब मैं दिल्ली से निकला तो मैंने टीवी पर एक पोलिंग बूथ देखा जहाँ पर जो मतदाता लाईन में खड़े रहते हैं, उनके लिए बैठने और पानी पीने का प्रबंध था। मैं सच में मानता हूँ कि हमारे देश में मतदान के दिन चुनाव आयोग ऐसी व्यवस्था करे, ये अपने आप में एक गौरवपूर्ण विषय है। भारत के लोकतंत्र की ताकत, इसकी निष्पक्षता की ताकत, और चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा, पूरे विश्व में ऐसी प्रतिष्ठा बनी है जिस पर हम गर्व कर सकें। मैं सभी का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ और बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
कल लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जन्म जयंती थी। हिन्दुस्तान में हर जगह उनकी जन्मतिथि मनाई गई। 113वीं जन्म जयंती थी। सभी जगह से दो बातें प्रमुख रूप से उभर कर आई। एक – जयप्रकाश जी लोकतंत्र के प्रति समर्पण और दूसरा भ्रष्टाचार के खिलाफ़ उनका संघर्ष। हर जगह एक ही आवाज़ थी कि 1975 में लोकतंत्र की हत्या की गई थी, जयप्रकाश बाबू को जेल में डाल दिया गया था और जयप्रकाश बाबू का एक ही गुनाह था कि वे देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए मैदान में आए थे और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ देश को तैयार कर रहे थे। पूरे हिन्दुस्तान ने जयप्रकाश जी की जयंती भ्रष्टाचार के खिलाफ़ संकल्प करके मनाया लेकिन जो उन्हीं के चेले कहे जाते हैं और उन्हीं की उंगली पकड़कर राजनीति में आए और दिन-रात जेपी-जेपी बोल करके राजनीति करते रहते थे, उन्होंने कल जयप्रकाश जी का जन्मदिन कैसे मनाया? मैंने तो रात को मुंबई से आने के बाद टीवी पर देखा, 4 लाख रूपया... जयप्रकाश जी के जन्मदिन पर उनकी विरासत का दावा करने वाले उनके जन्मदिन पर उनका ऐसा अपमान कभी नहीं हुआ होगा।
भाईयों-बहनों, जब तक भाजपा यहाँ सरकार का हिस्सा थी, तब तक कोई स्टिंग ऑपरेशन नहीं हुआ और न ही कोई भ्रष्टाचार की घटना घटी लेकिन जैसे ही ये महाशय ने नए जोड़ीदार ढूंढ लिये, जिनका इतिहास इन्हीं कामों में मशहूर है और जिन कामों पर न्यायालय ने भी ठप्पा मार दिया है, सारी बाजी बिगाड़ने लगी, लोग बिगड़ने लगे, उनके कारनामे बिगड़ने लगे। अगर यही चला तो बिहार में कुछ बचेगा क्या? ये रूपयों का खेल चलता रहेगा तो आप पैसे कहाँ से लाओगे? अगर आपको नौकरी चाहिए तो क्या आप 4 लाख रूपये ला पाओगे क्या? आपको कोई काम करवाना है तो 4 लाख रूपये ला सकते हो क्या? अगर 4 लाख रूपये की बोली लगती है, हिसाब-किताब इस तरह से होता है और सरकार में रहते हुए होता है... जयप्रकाश जी को अगर सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो इस पाप के साथ जिस राजनीतिक पार्टी का संबंध है, जिस गठबंधन का संबंध है, चुन-चुन कर ऐसे लोगों को साफ़ कर दो।
जब मैं आज जहानाबाद आया हूँ तो स्वाभाविक रूप से मुझे शहीद जगदेव बाबू की याद आती है। बिहार की राजनीति में वंचितों के लिए लड़ाई लड़ने वाले, जीवन खपाने वाले जगदेव बाबू; उनकी हत्या किस समय हुई, किसकी सरकार थी, सरकार में बैठे हुए किन-किन लोगों पर आरोप लगे थे? तब जगदेव बाबू खुद सरकार में मंत्री थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें मार दिया गया था। वे वंचितों, पीड़ितों, शोषितों की आवाज़ थे, उस आवाज़ को दबा दिया गया और अब तक बिहार को पता तक नहीं चलने दिया कि जगदेव बाबू को कैसे मार दिया गया।
मैं आज जहानाबाद की धरती पर बिहार के मुख्यमंत्री, लालू जी से सवाल पूछता हूँ कि आप ऐसी कांग्रेस पार्टी के साथ कैसे बैठ सकते हो जिसने वंचितों के लिए उठाने वाली आवाज़ को दबा दिया, जगदेव बाबू को मौत के घाट उतार दिया गया। ऐसे लोगों के साथ आप कैसे समझौता कर सकते हैं? सत्ता के लिए ये जो स्वार्थ का बंधन हुआ है, इनको पहचानने की आवश्यकता है। आपने देखा होगा इस चुनाव में दो बातें प्रमुख रूप से उभर करके आई हैं। एक बात जो हम सब लोग बोलते हैं कि बिहार के विकास के लिए हमें मौका दीजिए। हम बिहार के विकास के लिए वोट मांग रहे हैं। हमारा एक ही एजेंडा है – बिहार का विकास। उनके भाषण सुनिये, क्या बोलते हैं; पत्रकार प्रश्न पूछें या प्रेस कांफ्रेंस करें तो क्या बोलते हैं – हम मोदी का विनाश करके रहेंगे। भाईयों-बहनों, निर्णय आपको करना है कि इस चुनाव में बिहार के विकास के लिए वोट देना है कि नहीं देना है? बिहार को विकास चाहिए कि नहीं?
मोदी का विनाश – क्या ये चुनाव का मुद्दा हो सकता है क्या? चुनाव क्या ऐसे मुद्दों पर लड़ा जाता है क्या? आए दिन एक ही बात एक नेता तो यहाँ तक कहते हैं कि एक बार बिहार निपट जाएगा तो मोदी दिल्ली में भी ख़त्म हो जाएगा। लोकतंत्र किसी को ख़त्म करने के लिए नहीं होता है बल्कि लोकतंत्र जनता-जनार्दन की आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए होता है। राजनीतिक दलों को विकास का एक एजेंडा लेकर जाना होता है और तब जाकर सामान्य मानविकी की आशा-आकांक्षाएं पूरी होती हैं।
हमने बिहार को 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज दिया। 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज नए विकास के लिए और 40 हज़ार करोड़ का पैकेज, जिसकी कागज़ पर तो योजना बनी थी लेकिन दिया नहीं गया। मुझे बताईये कि अगर इतना रूपया बिहार के विकास में लगता है तो बिहार का भाग्य बदलेगा कि नहीं बदलेगा? बिहार के नौजवान को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा? चारों तरफ बिहार की जय-जयकार होगी कि नहीं होगी? मैं यही सपना लेकर आपके बीच आया हूँ। मैं चाहता हूँ बिहार हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी ताकत बन जाए; बिहार आर्थिक रूप से संपन्न बन जाए; यहाँ के नौजवान को रोजगार मिल जाए; बिहार विकास की नई ऊँचाईयाँ प्राप्त कर ले और इसलिए मैं आपका जन समर्थन मांगने के लिए आया हूँ।
बिहार में एक कठिनाई लंबे अर्से से चल रही है। मैं प्रार्थना करने आया हूँ पिछले 30 साल से बिहार में जिसकी सरकार होती है, दिल्ली में उससे हमेशा झगड़ा ही होता है या दिल्ली में जिसकी सरकार होती है, उसका बिहार से हमेशा झगड़ा होता है। बिहार और दिल्ली लड़ते रहें, दोनों में आशंका हो, ये स्थिति अच्छी है क्या? इसके कारण हमारे 30 साल बर्बाद हुए। पहली बार ऐसा मौका आया है जिसमें दिल्ली में जो सरकार है, लोगों ने उसकी मित्र सरकार बिहार में बनाने का फ़ैसला कर लिया है। पहले बिहार सरकार की ताकत दिल्ली से लड़ने में जाती थी। कुछ भी नहीं होता था तो दिल्ली को गाली देते थे और वे यहाँ बच जाते थे। अब बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जिसका जवाब बिहार सरकार को भी देना पड़े और दिल्ली सरकार को भी देना पड़े।
मैं आग्रह करता हूँ कि आप इस बार ऐसी सरकार बनाईए जिसके साथ मुझे कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का अवसर मिले। मुझे बिहार के लिए काम करना है लेकिन अगर यहाँ रुकावट करने वाली सरकार होगी तो मैं दिल्ली से लाख कोशिश करूंगा, ये राजनीति करते रहेंगे और बिहार बर्बाद होता रहेगा और देश कभी आगे नहीं बढ़ेगा। बिहार के लिए एक मित्र सरकार चाहिए। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार चाहिए ताकि दिल्ली और बिहार के बीच 30 साल से जो संघर्ष चल रहा है, वो समाप्त हो जाए और बिहार विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुँच जाए।
मैं आज कुछ आंकड़े देख रहा था और मैं हैरान हो गया कि क्या स्थिति है; बिहार सरकार कैसे काम कर रही है। भारत सरकार ने जो पैसे दिये, इन पैसों का क्या हाल है, आप देखिये। अगर ऐसी सरकार बिहार आई तो 1 लाख 65 हज़ार के पैकेज का क्या होगा। आज जो सरकार है, उसका हाल क्या है – शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार ने जो पैसे भेजे, उसमें से 1000 करोड़ रुपये का हिसाब बिहार सरकार ने नहीं दिया काम ऐसे चल सकता है? सरकार ऐसी चलाओगे क्या? सिर्फ़ शिक्षा में 1000 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिला। स्वास्थ्य के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये का हिसाब अभी तक बिहार सरकार ने नहीं दिया है। गरीब, पिछड़े वर्ग की छात्राओं के लिए जो पैसे भेजे गए, उसमें से अब तक 300 करोड़ रुपये का हिसाब दिल्ली सरकार को नहीं दिया गया। अब बताईये कि अगर दिल्ली से पैसे आएं और यहाँ की सरकार हिसाब देने के लिए भी तैयार न हो और इतने पैसों का कोई अता-पता ही न हो तो बताईये कि वो पैसा क्या आपके काम आएगा?
पिछले वर्ष बिहार के विकास के लिए, अलग-अलग योजनाओं के लिए 9100 करोड़ रुपये भेजे गए और आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें से 5000 करोड़ रुपये बैंक में ही पड़े हुए हैं। ऐसी सोई पड़ी सरकार होगी, दिन-रात राजनीति में डूबी पड़ी सरकार होगी तो क्या होगा इनको लेने की फुर्सत नहीं है क्योंकि कोई योजना नहीं है। ये ऐसी सरकार है कि बैंक में पैसे सड़ते रहें, ये राजनीति करते रहें, उनका यही कारोबार चल रहा है। इसलिए मैं अनुरोध करता हूँ कि ऐसी सरकार जो पैसे के बावजूद योजना नहीं बना पा रही है और न काम कर पा रही है, ऐसी सरकार को आप कितने भी पैसे दे दो, कुछ नहीं कर पाएगी। बिहार का भाग्य बदलने का मेरा सपना है और इसके लिए मुझे साथ देने वाली सरकार दीजिए ताकि मैं बिहार का कल्याण कर सकूँ और आपको हिसाब दे सकूँ।
हमने इतना बड़ा पैकेज दिया और सिर्फ़ बातें नहीं की। यहाँ अच्छे रास्ते होने चाहिए और इसके लिए 54,000 करोड़ रूपया बिहार को सड़कें बनाने के लिए दी गई। गांवों में पक्की सड़क हों, 13,800 करोड़ रूपये की लगत से बिहार में 22 हज़ार किमी लंबी ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने का हमने निर्णय किया है। जैसे शरीर में शिरा और धमनी होती है, वैसे ही बिहार की आर्थिक प्रगति के लिए एक तरफ राजमार्ग और एक तरफ ग्रामीण सड़क, इतना बड़ा अभियान हमें चलाना है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि भाजपा की सरकार बनाईए, एनडीए की सरकार बनाईए; जीतन राम मांझी के साथ जो अन्याय हुआ है, उस अन्याय का बदला लीजिये। 25 साल हो गए, इन्होंने बिहार को बर्बाद किया है, इन्हें सजा देने का काम कीजिये।
ये स्वार्थबंधन के लोग, 25 साल इन्होंने सरकार चलाई और एक दूसरे की कैसी गाली देते थे, किस भाषा में बोलते थे, आप सब जानते हो। आज मिल गए हैं क्योंकि उन्हें कुर्सी की चिंता है, बिहार की चिंता नहीं है। सरकार उसकी बननी चाहिए जिसको बिहार की चिंता हो। यहाँ के किसानों का क्या हाल किया है; आप देखिये, चावल की खेती में - हिन्दुस्तान में प्रति हेक्टेयर औसतन 2,400 किलो चावल पैदा होता है और बिहार में सिर्फ़ 1700 किलो प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। अब देखिये कि यहाँ हमारे किसान को कितना नुकसान होता है। अगर देश की औसत जितना चावल पैदा होता तो यहाँ 75 लाख टन चावल पैदा होता लेकिन अभी यहाँ 20 लाख टन चावल पैदा होता है अर्थात किसान को लगभग 4000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। हम और कुछ करें न करें लेकिन देश के अन्य राज्यों के किसानों की स्थिति में बिहार के किसानों को ला सकते हैं कि नहीं? अगर लाएंगे तो यहाँ के किसान की आय 4000 करोड़ रुपये ज्यादा बढ़ जाएगी। किसानों को न सरकार के पास जाना पड़ेगा, न दिल्ली सरकार से मांगना पड़ेगा और विकास अपने आप होगा लेकिन इनको करना नहीं है।
मैं हमेशा कहता हूँ कि बिहार का पानी और यहाँ की जवानी बिहार की इतनी बड़ी ताकत है जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आप देखिये कि पंजाब में पांच प्रमुख नदियाँ हैं और बिहार में इतनी सारी नदियाँ हैं कि आप गिनने जाओ तो भूल जाओगे। पंजाब में पांच नदियाँ होने के बावजूद भी पंजाब पूरे हिन्दुस्तान का पेट भरने में कामयाब हो गया तो बिहार में तो इतनी सारी नदियाँ हैं। पानी समुंदर में चला जाता है, यही पानी कभी-कभार गांवों को डुबा जाता है, खेतों को नष्ट कर देता है, इसी पानी का सही उपयोग हुआ होता तो बिहार का पानी यहाँ के किसान की ताकत बनता और बिहार की जवानी हिन्दुस्तान की ताकत बनकर उभरती।
मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि इस चुनाव में भारी संख्या में मतदान कीजिये। 16 को मतदान है। ज्यादा-से-ज्यादा मतदान कीजिये और मेरा नारा है – ‘पहले मतदान, फिर जलपान’। मतदान करना हमारा पवित्र दायित्व है। मतदान अवश्य करें और एक मजबूत सरकार बनाईए, दो-तिहाई बहुमत वाली सरकार बनाईए। आप देखिये, बिहार भी काफ़ी तेज़ी से आगे बढ़ेगा। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ। सब लोग एक साथ मिल कर बोलिये -
भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!
बहुत-बहुत धन्यवाद।