In Bengal, PM Modi praises Harichand Thakur, Bibhutibhushan Bandyopadhyay, Rabindranath Tagore
Politics of waiver of farmer loans an effort to throw dust in their eyes: PM Modi on Congress
PM Modi says the rural population has suffered under Mamata Didi Govt and she is driven to violence out of fear and desperation

मंच पर विराजमान अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के श्रीमान शान्तनु ठाकुर जी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश जी, श्रीमान मुकुल रॉय जी, श्रीमती सोमा ठाकुर जी, श्रीमान सुरेश पुजारी जी, श्रीमान पद्मनाभा ठाकुर, संसद में हमारी साथी श्रीमती रूपा गांगुली जी, श्रीमान प्रताप बनर्जी, श्रीमान किशोर बर्मन जी, श्रीमान तपन किरण मजूमदार जी, श्रीमती मौसमी विश्वास जी, श्रीमान प्रमाथनाथ मंडल जी, श्रीमान देवाशीष मित्रा जी, श्रीमती देवाश्री चौधरी, श्रीमान सावर धनानिया जी, श्रीमान संपत ठाकुर जी, श्रीमान अमितवा रॉय, डॉ. अर्चना मजूमदार, श्रीमान प्रदीप बनर्जी, श्रीमान अरबिंदो विश्वास, श्रीमान अरुण हलदर जी, और विशाल संख्या में पधारे हुए मतुआ महासंघ से जुड़े सभी भक्तजन। आप सब इतनी बड़ी संख्या में मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, चैतन्य महाप्रभु, महर्षि अरबिंदो, गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, काजी नजरूल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे मनुष्यों, कर्मयोगियों और क्रांतिवीरों की इस धरती को मैं शीश झुकाकर के नमन करता हूँ। साथियो, ठाकुर नगर तो एक सामाजिक आंदोलन का गवाह रहा है। ठाकुर हरीश चंद्र जी ने इस परंपरा को शुरू किया, वो समृद्ध बंगला परम्परा को विस्तार दे रहा है। देश के सामाजिक जीवन में समता और समानता की सोच और दबे-कुचले वर्ग को न्याय और आत्मविश्वास से जोड़ने का उनका प्रयास आज व्यापक रूप से चल रहा है और ठाकुर हरीश जी के वंशजों के बीच आकर मैं गौरव अनुभव कर रहा हूँ। ठाकुरनगर की इस धरती से मैं सभी महापुरुषों के चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ।

साथियो, बनगांव ने देश और दुनिया को विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय जैसा कलमकार दिया, जिनकी कालजयी रचना पाथेर पांचाली ने देश और दुनिया को एक बेहतरीन सिनेमा तो दिया ही है, हमारे गांवों की तब की स्थिति को भी भावी पीढ़ियों के लिए रचा है। हजार वर्ष की गुलामी के लंबे कालखंड में हमारे गांवों को कैसे गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी इस स्तर तक पहुंचा दिया, इसकी तस्वीर उन्होंने अपनी रचना में की। कैसे कमाई के अभाव में युवा पलायन के लिए मजबूर थे और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बीमारी मासूम जिंदगियों को शिकार बनाती थी।

साथियो, दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांवों की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना देना चाहिए था। यहाँ पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी खराब है। ‘जो बीत गया वो बीत गया’- नया भारत अब इस स्थिति में नहीं रह सकता और इसी के साथ, इसी सोच के साथ बीते साढ़े 4 वर्षों से इस स्थिति को बदलने का एक ईमानदार प्रयास केंद्र की सरकार कर रही है। गांव हो, किसान हो, कामगार के जीवन को आसान बनाने में जुटी हुई है, अपनी इसी प्राथमिकता को विस्तार देते हुए कल एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। देश के इतिहास में पहली बार किसानों और कामगारों के लिए बहुत बड़ी योजनाओं का ऐलान किया गया है। कल बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की गई है, उनसे देश के 12 करोड़ से ज्यादा छोटे किसान परिवारों को 30-40 करोड़ श्रमिकों को, मेरे मजदूर भाई-बहनों को और 3 करोड़ से ज्यादा मध्यम वर्ग के परिवारों को सीधा लाभ मिलना तय है।

आप शांति रखिए, मैदान छोटा पड़ गया है, आप जहां हैं, वहीं खड़े रहिये, मैं आपके प्यार के लिए आपके उत्साह और उमंग के लिए मैं हृदय से आपका बहुत आभारी हूँ ।

भारत माता की...जय।
भारत माता की...जय।

यह दृश्य देखने के बाद मुझे समझ आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आयी हैं। ये आपका प्यार है, जिसके डर के कारण लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वाले लोग, निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं। मैं बता रहा था, जैसा कि कल मैंने कहा कि यह बजट तो एक शुरुआत भर है। चुनाव के बाद जब पूर्ण बजट आएगा तब किसानों, कामगारों, युवाओं के भविष्य की तस्वीर और स्पष्ट हो जाएगी।

साथियो, अब ठाकुर नगर के, पश्चिम बंगाल के, देश भर के, जिन भी किसानों के पास 5 एकड़ तक भूमि है, उनको हर वर्ष केंद्र की सरकार 6 हजार रुपए की सहायता सीधे बैंक खाते में जमा करेगी। ना कोई सिंडिकेट टैक्स, अब कोई सिंडिकेट टैक्स को घुसने नहीं दिया जाएगा। ना कोई बिचौलिया, ना कोई अड़चन, सीधे बैंक खाते में पैसा जमा होगा। अब आपको समझ आने लगा होगा कि मोदी बैंक में खाते खुलवाने पर इतना जोर क्यों दे रहा था। यहां पश्चिम बंगाल में भी 3 करोड़ से अधिक जन धन खाते खुलवाए गए ।

साथियो, ये जो राशि किसानों को मिलने वाली है, ये साल में 3 किस्तों में 2-2 हजार रुपयों में आपके खाते में जमा होने वाली है। 2 हजार रुपये की पहली किस्त बहुत जल्द मिलना, आपके खाते में जमा होना शुरू हो जाएगी। छोटे किसान को अब अपनी छोटी-छोटी जरूरतों जैसे, बीज, खाद, दवा जैसी चीजों के लिए इससे बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है, जिससे किसान अपनी आय को और बढ़ाने में सक्षम हो पायेगा। साथियो, हमारे देश में कई बार किसानों के साथ कर्ज माफी की राजनीति करके, किसानों की आंख में धूल झोंकने के निर्लज्ज प्रयास हुए हैं। किसानों के भोलेपन का स्वार्थी दलों ने कई बार लाभ उठाया है। 10-12 वर्षों में चुनाव को देखते ही एक बार कर्जमाफी करके, ये स्वार्थी दल किसानों का कुछ भला नहीं कर रहे थे। चंद किसानों को इसका लाभ मिलता था और खासकर छोटे किसान आजादी से अब तक इंतजार करते रह जाते थे। जिन किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिलता भी था, वो भी कुछ वर्षों के बाद फिर कर्जदार ही बन जाते थे। आपने देखा होगा कि अभी कुछ राज्य में कर्जमाफी के नाम पर किसानों से वोट मांगे गए। परिणाम क्या हुआ, ऐसे किसानों की कर्ज माफी हो रही है, जिसने कभी कर्ज लिया ही नहीं। जिसने कर्ज लिया, उसकी ढाई लाख रुपए की माफी का वादा किया था और माफी हुई 13 रुपए की। ये कहानी मध्यप्रदेश की है। वहीं, राजस्थान में तो सरकार ने हाथ ही खड़े कर दिए, वहां तो अब ये बहाना बनाया जा रहा है कि हमें तो पता ही नहीं था कि किसानों का कर्ज माफ करने से इतना बड़ा बोझ बढ़ेगा। कर्नाटक में जो किसान कर्ज नहीं दे पा रहे हैं, उनके पीछे पुलिस लगा दी गई है। ये है कांग्रेस की किसान और कृषि नीति, जिसको यहां की सीएम का समर्थन मिल रहा है।

साथियो, हमें सरकारों की, उनकी नीयत, नीति और निष्ठा में स्पष्ट अंतर करना पड़ेगा। ये जो पीएम किसान सम्मान योजना बनाई गई है, इस पर 75 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।

मेरी आपसे विनती है कि अब मैदान में जगह नहीं है, अपने ही लोगों को परेशानी हो रही है, आप ऐसा मत कीजिए, आप ऐसा मत कीजिए, आपका प्यार मेरे सिर-आंखों पर- लेकिन ये आपका उत्साह, ये उमंग आज ये जगह कम पड़ गई, ये मैदान छोटा पड़ गया और इसके कारण आपको असुविधा हो रही है। आज मेरे लिए सौभाग्य है कि मुझे मतुआ महासंघ के इस विशेष समारोह में आने का अवसर मिला। आपने जो आशीर्वाद और प्यार दिया है, इसको मैं हमेशा-हमेशा ईश्वर के एक प्रसाद के रूप में लूंगा, लेकिन मैं एक छोटी बात बता करके, मुझे आगे के एक कार्यक्रम के लिए जाना है, और इसलिए मेरी बात को यहां पर, आपको मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं, हिन्दुस्तान आजाद होने के बाद उस समय देश के टुकड़े कर-कर के देश को आजाद किया गया और देश के टुकड़े किए, तब जो लोग जहां थे, उनको लगा कि चलो भाई जिंदगी वहां भी गुजारा कर लेंगे, लेकिन सांप्रदायिक दुर्भावना से वहां पर लोगों पर जुल्म हुए, अत्याचार हुए और परिणामस्वरूप, लोगों को वहां अपने-अपने उन देशों को छोड़कर आना पड़ा। किसी को अफगानिस्तान से आना पड़ा, किसी को पाकिस्तान से आना पड़ा, किसी को बांग्लादेश से आना पड़ा। कभी हिन्दुओं को आना पड़ा, कभी सिखों को आना पड़ा, कभी जैनों को आना पड़ा, कभी पारसियों को आना पड़ा। समाज के ऐसे लोगों के लिए हिन्दुस्तान के सिवाय कोई जगह नहीं है, ऐसे लोगों को हिन्दुस्तान में रहने का अधिकार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए, सम्मान पूर्वक रहने का अधिकार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए, ऐसे लोगों का कोई गुनाह है क्या? और इसलिए, मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, हम नागरिकता का कानून लाए हैं। मैं यहां की टीएमसी पार्टी को कहता हूं, आप नागरिकता के कानून का समर्थन कीजिए, पार्लियामेंट में पारित होने दीजिए। ये मेरे भाइयों-बहनों को उनका अधिकार मिलना चाहिए, देश के टुकड़े हुए, इनकी जिंदगी आपने तबाह की है।

आप मेरे साथ बोलें, भारत माता की...जय, भारत माता की...जय, भारत माता की...जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद !

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PM to distribute over 50 lakh property cards to property owners under SVAMITVA Scheme
December 26, 2024
Drone survey already completed in 92% of targeted villages
Around 2.2 crore property cards prepared

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute over 50 lakh property cards under SVAMITVA Scheme to property owners in over 46,000 villages in 200 districts across 10 States and 2 Union territories on 27th December at around 12:30 PM through video conferencing.

SVAMITVA scheme was launched by Prime Minister with a vision to enhance the economic progress of rural India by providing ‘Record of Rights’ to households possessing houses in inhabited areas in villages through the latest surveying drone technology.

The scheme also helps facilitate monetization of properties and enabling institutional credit through bank loans; reducing property-related disputes; facilitating better assessment of properties and property tax in rural areas and enabling comprehensive village-level planning.

Drone survey has been completed in over 3.1 lakh villages, which covers 92% of the targeted villages. So far, around 2.2 crore property cards have been prepared for nearly 1.5 lakh villages.

The scheme has reached full saturation in Tripura, Goa, Uttarakhand and Haryana. Drone survey has been completed in the states of Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, and Chhattisgarh and also in several Union Territories.